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भारत-पाक पर ट्रंप के बयान के बहाने राहुल का हमला, कहा- सवालों से क्यों भाग रहे हैं पीएम?

नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम कराने के दावे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 25वीं बार यह बयान दिया। पीएम मोदी इस पर मौन हैं। इससे लगता है दाल में कुछ काला है। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सवाल किया कि ट्रंप युद्ध विराम कराने वाले कौन होते हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर एक बार भी जवाब नहीं दिया है। प्रधानमंत्री कैसे बयान दे सकते हैं? वह क्या कहेंगे, ट्रंप ने संघर्ष विराम करवाया, वह ऐसा नहीं कह सकते। लेकिन यह सच्चाई है। ट्रंप ने संघर्ष विराम करवाया, पूरी दुनिया जानती है। यह वास्तविकता है। संसद भवन परिसर में  राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ संघर्ष विराम का मामला नहीं है। कई बड़ी समस्याएं हैं जिन पर हम चर्चा करना चाहते हैं। रक्षा, रक्षा उद्योग, ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी समस्याएं हैं। स्थिति अच्छी नहीं है और पूरी दुनिया जानती है। जो लोग खुद को देशभक्त कहते हैं, वे भाग गए हैं। प्रधानमंत्री एक बयान भी नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप 25 बार कह चुके हैं कि मैंने संघर्ष विराम करवाया। संघर्ष विराम करवाने वाले ट्रंप कौन होते हैं? यह उनका काम नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री ने एक बार भी जवाब नहीं दिया। यह सच्चाई है, वह इसे छिपा नहीं सकते। सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के विदेश से लौटने पर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने की बात स्वीकार कर ली है। राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है और दूसरी तरफ कहा जाता है कि जीत हासिल हो गई है। या तो जीत हासिल हो गई है या ऑपरेशन सिंदूर जारी है। ट्रंप कह रहे हैं कि मैंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया, वह यह 25 बार कह चुके हैं। इसलिए कुछ न कुछ तो दाल में काला है। भारत की विदेश नीति को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने हमारी विदेश नीति को नष्ट कर दिया है। किसी ने हमारा समर्थन नहीं किया। कांग्रेस ने सरकार को घेरा इससे पहले ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि एक ओर मोदी सरकार संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर बहस की निश्चित तारीखें देने से इनकार कर रही है और प्रधानमंत्री के जवाब देने को लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दे रही है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर अपने दावों के साथ सिल्वर जुबली तक पहुंच चुके हैं। पिछले 73 दिनों में राष्ट्रपति ट्रंप इस विषय पर 25 बार ढिंढोरा पीट चुके हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री अब तक पूरी तरह मौन हैं। उन्हें केवल विदेश यात्राओं और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अस्थिर करने के लिए ही समय मिल रहा है।

ओटीटी पर दस्तक दे रही ‘कनप्पा’: प्रभास और अक्षय कुमार की फिल्म कब और कहां देखें?

मुंबई पौराणिक कथाओं पर बेस्ड विष्णु मंचू,अक्षय कुमार,प्रभास,मोहनलाल,काजल अग्रवाल,मोहन बाबू जैसे सितारों से सजी फिल्म 'कन्नप्पा' थिएटरों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। इस फिल्म के ओटीटी पर आने को लेकर चर्चा तेज हो चुकी है। बता दें कि '123' तेलुगु वेबसाइट के मुताबिक, फिल्म का प्रीमियर 25 जुलाई, 2025 को अमेज़न प्राइम वीडियो पर होने की संभावना है। यहां ये भी बता दें कि ओटीटी रिलीज को लेकर फिलहाल ऑफिशियल कन्फर्मेशन का अभी इंतजार है। सिनेमाघरों में रिलीज़ होने के एक महीने के भीतर स्ट्रीमिंग अगर बताई गई तारीख पर वाकई फिल्म ओटटी पर एंट्री मारती है तो 'कन्नप्पा' सिनेमाघरों में रिलीज़ होने के एक महीने के भीतर स्ट्रीमिंग होगी। ऐसे में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्मों की रिलीज की जो चलन दिखती आ रही है, उसके सामने ये सबसे नई फिल्म होगी। दर्शकों से ज्यादा रिएक्शन न मिलने और निगेटिव रिएक्शन मिलने के कारण, इस फिल्म के लिए सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या औसत दर्जे से भी कम रही। ये बालक 'कन्नप्पा' भगवान के अस्तित्व को नकार देता ओटीटी पर आने को तैयार 'कन्नप्पा' सिनेमाघरों में दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाई। मुकेश कुमार सिंह द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी है थिन्नाडु (विष्णु मंचू) की जो एक आदिवासी योद्धा है और वो कच्ची उम्र में अपने दोस्त की बलि होते देखता है और इसके साथ ही वो देवताओं से विश्वास खो बैठता है। होता है ये कि वो देवियों को पत्थर मानने लगता है और ये बालक भगवान के अस्तित्व को नकार देता है। वहीं कैलाश पर पार्वती (काजल अग्रवाल) शिव (अक्षय कुमार) से पूछती हैं कि क्या यह नास्तिक कभी आस्तिक बन पाएगा? पार्वती के इस सवाल पर शिव मुस्कुराते हैं क्योंकि उन्हें पता है, वह समय आएगा। कहानी इस के इर्द-गिर्द घूमती है। पीरियड ड्रामा फिल्म 'कन्नप्पा' में देवी पार्वती के रूप में काजल वहीं काजल अग्रवाल इस पीरियड ड्रामा फिल्म 'कन्नप्पा' में देवी पार्वती के रूप में नजर आई हैं। उनके साथ अक्षय कुमार ने भगवान शिव की भूमिका निभाई है। मुकेश कुमार सिंह के निर्देशन में बनी 'कन्नप्पा' में विष्णु मांचू लीड रोल में हैं, साथ ही मोहन बाबू, आर. सरथकुमार, अर्पित रांका, कौशल मंडा, राहुल माधव, देवराज, मुकेश ऋषि, ब्रह्मानंदम, रघु बाबू, प्रीति मुखुंधन और मधु अहम रोल में हैं। फिल्म 27 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी मोहन बाबू द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक आदिवासी योद्धा थिन्नाडु की यात्रा को दर्शाती है जिसमें बताया है कि कैसे एक कट्टर नास्तिक एक सच्चा भक्त बन जाता है। ये फिल्म 27 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।

मैं नए कलाकारों को मौका देने में विश्वास रखता हूं : अनुराग कश्यप

मुंबई,  फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने अनुपर्णा रॉय की पहली फीचर फिल्म ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ को प्रेजेंट करने का ऐलान किया है। अनुराग ने कहा कि वह हमेशा नए कलाकारों को समर्थन देते हैं, खासकर उन लोगों को जो समाज के तय नियमों को चुनौती देते हैं। फिल्म ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ का 82वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर होगा, जो 27 अगस्त से 9 सितंबर तक चलेगा। अनुराग ने कहा, “मैं हमेशा नई कलाकारों का साथ देता हूं, जो कुछ अलग कहना चाहते हैं और अपने विचारों से समाज के नियमों को तोड़ते हैं।” यह फिल्म वेनिस के होराइजन्स सेक्शन में भारत की एकमात्र चुनी गई फिल्म है, जहां पहले चैतन्य तम्हाने की ‘कोर्ट’ और करण तेजपाल की ‘स्टोलन’ जैसी फिल्में शामिल हो चुकी हैं। ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ में नाज शेख और सुमी बाघेल मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म थूया नाम की एक प्रवासी और महत्वाकांक्षी अभिनेत्री की कहानी है, जो मुंबई में अपनी सुंदरता और चतुराई से रास्ता बनाती है। वह अपने एक परिचित के आलीशान फ्लैट को स्वेथा नाम की एक कॉरपोरेट कर्मचारी को किराए पर देती है। दोनों महिलाओं का धीरे-धीरे एक-दूसरे के साथ गहरा रिश्ता बना जाता है। अनुराग और निर्माता रंजन सिंह पहले ‘लिटिल थॉमस’ और ‘टाइगर पॉन्ड’ जैसे प्रोजेक्ट्स में साथ काम कर चुके हैं। अनुराग की अपनी नई फिल्म ‘बंदर’ (मंकी इन ए केज) टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर के लिए तैयार है, जिसमें बॉबी देओल और सान्या मल्होत्रा मुख्य भूमिका में हैं। निर्देशक अनुपर्णा रॉय ने कहा कि वह उन कहानियों को पर्दे पर लाना चाहती हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। वह वर्ग, जाति और जेंडर के आधार पर हाशिए पर पड़े लोगों की कहानियां बताना चाहती हैं। यह फिल्म उनके बचपन की दोस्त झूमा नाथ की यादों से प्रेरित है, जिनकी बाल विवाह एक सामाजिक व्यवस्था और सरकारी योजना की विफलता के कारण हुआ था। रंजन सिंह ने अनुपर्णा को एक अनूठी आवाज बताते हुए कहा कि यह फिल्म दुनियाभर के दर्शकों को पसंद आएगी।  

ऑफिस में स्ट्रेस फ्री रहना चाहते है तो अपनाएं ये टिप्स

बेवक्त की बेचैनी, गुस्सा, उदासी, चिड़चिड़ाहट महसूस हो, काम सही तरीके से करने में परेशानी हो रही हो, नींद और थकान के कारण किसी भी काम में मन न लग रहा हो, तो ये किसी बीमारी के अलावा जॉब या काम का स्ट्रेस भी हो सकता है। स्ट्रेस फिजिकली और मेंटली, हमारी लाइफ पर असर डालने लगता है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो तो डॉक्टर से संपर्क करें और इस संबंध में सलाह-मशविरा करें। इसके साथ ही कुछ खास टिप्स को अपनाकर भी स्ट्रेस आसानी से दूर किया जा सकता है। पूरी नींद लें स्ट्रेस सबसे पहले नींद चुरा लेता है। इसका हेल्थ पर बहुत ही खराब असर पड़ता है। इसीलिए प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बैलेंस बनाए रखने के लिए पूरी नींद लेना बहुत ही जरूरी है। टाइम को इस तरह से मैनेज करें कि 7-8 घंटे की नींद ले सकें। इससे दिमाग शांत रहेगा, नए और क्रिएटिव आइडियाज आ सकते हैं। जल्दी उठने की आदत डालें सुबह जल्दी उठने से भी ऑफिस जाने के लिए होने वाली भागदौड़ से बचा जा सकता है। साथ ही, टाइम पर भी पहुंचेंगे। दिन की शुरुआत अच्छी होगी तो पूरा दिन फ्रेश और अच्छा रहता है। जल्दी उठकर मेडिटेशन के साथ एक्सरसाइज करना हेल्थ के लिए अच्छा रहेगा। नोट बनाएं काम को ऑर्गनाइज तरीके से करने पर ही स्ट्रेस से दूर रहा जा सकता है। अगले दिन करने वाले सभी कामों की लिस्ट बना लें। जरूरी कामों को पहले निपटाने की कोशिश करें। इससे काम बिना किसी गलती के आसानी से और जल्दी किया जा सकता है। काम को टालें नहीं किसी भी काम को अगले दिन के लिए टालें नहीं। आज का काम आज ही खत्म करें, वरना वर्क लोड बढ़ते जाता है और कई जरूरी काम नहीं हो पाते। क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी दें आप कितना ज्यादा काम कर रहे हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है तो इस बात से कि आप उस काम को कितने अच्छे तरीके से कर पा रहे हैं। इसीलिए ज्यादा से ज्यादा काम करने के बजाय जितना भी काम करें, उसमें ही अपना बेस्ट देने की कोशिश करें। ब्रेक लेते रहें लगातार सीट पर बैठे रहने से आंखों, पेट और पीठ से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इससे मोटापा बढ़ने के साथ ही बैक पेन भी होने लगता है। आंखों की विजिबिलटी कम होती जाती है। इसलिए बीच-बीच में सीट से उठते रहें और लंच के बाद जरूर टहलें। इमोशनल इंटेलिजेंस ऑफिस के मामलों और घर के मामलों को बिल्कुल अलग रखें, तभी किसी भी काम को स्मार्टली किया जा सकता है। ऑफिस में अगर आप किसी ऐसी पोजिशन पर हैं, जहां डिसीजन खुद ही लेने हैं तो दिमाग को स्ट्रेस फ्री रखना बहुत ही जरूरी है। डिसीजन लेने से पहले उसके अच्छे-बुरे के बारे में सोच लें, ताकि कोई गलती होने की संभावना न रहें। टीम वर्क करना सीखें। इससे काम भी जल्दी होता है, साथ ही स्ट्रेस भी कम होता है।  

ड़ॉ. सारस्वत पंडित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त

रायपुर, राज्यपाल एवं कुलाधिपति रमेन डेका ने प्रोफेसर डॉ. विरेन्द्र कुमार सारस्वत को पंडित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय बिलासपुर का कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल द्वारा डॉ. सारस्वत की नियुक्ति पंडित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 (संशोधन अधिनियम, 2006, 2010 एवं 2019) की धारा 9(1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। उनका कार्यकाल, परिलब्धियां तथा सेवा शर्ते विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होंगी। वर्तमान में डॉ. सारस्वत, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

बुलेट ट्रेन कब होगी तैयार? रेल मंत्री ने दिया टाइमलाइन का अपडेट

नई दिल्ली रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि वापी और साबरमती के बीच बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के गुजरात वाले हिस्से का काम दिसंबर, 2027 तक पूरा करने की योजना है और महाराष्ट्र से साबरमती सेक्शन तक पूरी परियोजना दिसंबर, 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। वैष्णव ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना (508 किलोमीटर) जापान से तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना गुजरात, महाराष्ट्र और दादरा एवं नगर हवेली से होकर गुजरेगी और इसके मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती में 12 स्टेशनों पर ठहराव की योजना है। गुजरात वाला हिस्सा दिसंबर, 2027 तक होगा पूरा वैष्णव ने बताया, ‘‘वापी और साबरमती के बीच कॉरिडोर का गुजरात वाला हिस्सा दिसंबर, 2027 तक पूरा होने की योजना है। पूरी परियोजना (महाराष्ट्र से साबरमती खंड) दिसंबर, 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है।’’ प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत लगभग 1.08 लाख करोड़ रुपये मंत्री ने कहा कि परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 1,08,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी 81 प्रतिशत यानी 88,000 करोड़ रुपये का वित्तपोषण कर रही है और शेष 19 प्रतिशत यानी 20,000 करोड़ रुपये रेल मंत्रालय (50 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (25 प्रतिशत) तथा गुजरात (25 प्रतिशत) सरकारों के अंशदान के माध्यम से वित्त पोषित किए जाएंगे।

चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत, देशभक्ति की पराकाष्ठा है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

चंद्रशेखर आजाद ने शहादत दे दी, पर अंग्रेजों के हाथ न आये, यह देश प्रेम की है पराकाष्ठा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव शहादत का वह क्षण जब आज़ाद ने चुनी मृत्यु, पर न झुके अंग्रेजों के आगे: सीएम डॉ. यादव चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत, देशभक्ति की पराकाष्ठा है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव चंद्रशेखर आजाद नगर में हुआ स्मरण आजाद कार्यक्रम मुख्यमंत्री डॉ. यादव वी.सी. के जरिए हुए कार्यक्रम में शामिल भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमें गर्व है कि अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जैसे महानायक मध्यप्रदेश की धरती पर जन्मे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी समूची चेतना, जीवन और अस्तित्व भारतमाता के चरणों में समर्पित करने वाले अमर बलिदानी चंद्रशेखर आज़ाद के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित कर हम गौरवान्वित हैं। मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए समर्पित चंद्रशेखर आजाद का जीवन ऊर्जा, संकल्प और सेवा का अमिट अध्याय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद ने जब यह देखा कि अब गिरफ्तारी से बच पाना मुश्किल है तो अपने हाथों से ही खुद के प्राणोत्सर्ग कर शहादत दे दी, पर अंग्रेजों के हाथ नहीं आये, यह देश प्रेम की परकाष्ठा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर अलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आज़ाद नगर (भाभरा) में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम "स्मरण-आजाद" को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। वीसी में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला सहित अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद एक साधारण परिवार में जन्मे असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। आज़ाद एक ऐसी आंधी थे, जिसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाकर रख दी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद एक नाम नहीं, भारत की क्रांति का वह तेजस्वी स्वर था, जिसकी गूंज आज भी देशभक्ति की शपथ लेने वालों के हृदय में सुनाई देती है। बाल्यकाल से ही उनमें एक अलग तेज और एक अलग सोच थी। जब काशी में उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया और गिरफ्तार हुए, तब न्यायाधीश के पूछने पर जो जवाब उन्होंने दिया, वह आज भी हर देशभक्त के हृदय में बसा है। जब उनसे, उनका नाम पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया- 'आजाद'। पिता का नाम पूछा, तो उन्होंने जवाब दिया-स्वाधीनता। तीसरी बार जब उनके घर का पता पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया था- जेल। वे केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं, एक विचारधारा और आत्मबल के प्रतीक थे, जिन्होंने यह संकल्प लिया था कि-'मैं आज़ाद था, आज़ाद हूं और आज़ाद ही रहूंगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद ने केवल एक क्रांतिकारी की ही नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वाधीनता आंदोलन के सेनापति की भूमिका निभाई। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सेनापति बने और शहीद भगत सिंह जैसे नौजवानों को भी उन्होंने दिशा दी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाला लाजपत राय की शहादत का बदला लेने के लिए जब सांडर्स को लाहौर में मार गिराया गया, तब इस योजना के केंद्र में चंद्रशेखर आज़ाद ही थे और जब देश की क्रांति को धन की आवश्यकता पड़ी, तब काकोरी कांड (1925) में ब्रिटिश खजाने को लूटकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया था कि अगर लक्ष्य पवित्र हो, तो क्रांति भी तपस्या बन जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि दुश्मनों से घिरे होने पर उन्होंने अंतिम गोली स्वयं पर चला दी, परंतु दुश्मन की पकड़ में नहीं आए। इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क (अब आज़ाद पार्क) में 27 फरवरी 1931 को पुलिस से घिरे होने पर अंतिम गोली खुद को मारकर प्राणोत्सर्ग कर दिया और अपने नाम के अनुरूप अंतिम सांस तक वे "आज़ाद" ही रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत आज भी हमें यह याद दिलाती है कि स्वतंत्रता किसी एक दिन की घटना नहीं, बल्कि लाखों बलिदानों का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर देश के युवाओं को उनके साहस, त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। आजाद केवल एक क्रांतिकारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना के प्रखर प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि आज की नई पीढ़ी को चाहिए कि वह आज़ाद जी के जीवन व चरित्र से सीखें कि कैसे कोई अकेला व्यक्ति इतिहास की धारा बदल सकता है। राष्ट्र के लिए जीना और राष्ट्र के लिए मरना क्या होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज हम जिस आज़ाद हवा में सांस ले रहे हैं, वह चंद्रशेखर आजाद जैसे रणबांकुरों के बलिदान की ही देन है। हम सबका यह परम कर्तव्य है कि हम एकजुट होकर उनके सपनों का भारत गढ़ें। उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म मध्यप्रदेश के वर्तमान अलीराजपुर जिले के एक छोटे से गांव भाभरा (अब चंद्रशेखर आज़ाद नगर के रूप में प्रचलित) में 23 जुलाई 1906 को हुआ था। चंद्रशेखर आजाद नगर में हुए मुख्य कार्यक्रम स्थल पर अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पूर्व विधायक एवं वर्तमान में म.प्र. लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष माधो सिंह डाबर, भाभरा नगर परिषद की अध्यक्षा श्रीमती निर्मला डाबर, नगर परिषद के अध्यक्ष नारायण अरोड़ा, भाभरा जनपद पंचायत के अध्यक्ष जगदीश गणावा और जनपद पंचायत उपाध्यक्ष परमार सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।  

स्वास्थ्य विभाग में निकली 750+ वैकेंसी, 12वीं व डिप्लोमा पास अभ्यर्थी तुरंत करें आवेदन

भोपाल   मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) ने राज्य के विभिन्न विभागों में पैरामेडिकल पदों पर भर्ती के लिए पैरामेडिकल संयुक्त भर्ती परीक्षा 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस भर्ती के माध्यम से योग्य और इच्छुक उम्मीदवारों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ने का मौका मिलेगा। आवेदन प्रक्रिया 28 जुलाई 2025 से शुरू होगी और उम्मीदवार 11 अगस्त 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट esb.mp.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। कुल 752 पदों पर होगा चयन इस भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन 27 सितंबर 2025 को दो पालियों में किया जाएगा। पहली पाली सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक होगी। इस भर्ती अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य विभागों में कुल 752 रिक्त पदों को भरना है। शैक्षिक योग्यता और निवास की शर्तें इस भर्ती में शामिल विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। कुछ पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास मांगी गई है। वहीं अन्य पदों के लिए उम्मीदवार के पास फार्मेसी, ओटी टेक्नोलॉजी, फिजियोथेरेपी, ऑप्टोमेट्री या अन्य संबंधित पैरामेडिकल विषयों में डिप्लोमा या डिग्री होना अनिवार्य है। इसके अलावा, यदि कोई उम्मीदवार स्थानीय आरक्षण (मध्य प्रदेश राज्य के लिए आरक्षित कोटा) का लाभ लेना चाहता है, तो उसके पास मध्य प्रदेश का स्थायी निवास प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। आयु सीमा और छूट अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसकी गणना 1 जनवरी 2025 के आधार पर की जाएगी। हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अन्य आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी। इतना लगेगा आवेदन शुल्क इस भर्ती प्रक्रिया में अनारक्षित (General) श्रेणी के आवेदकों को 500 रुपये का आवेदन शुल्क देना होगा। वहीं, मध्य प्रदेश राज्य के आरक्षित वर्गों जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और पीडब्ल्यूडी के उम्मीदवारों के लिए यह शुल्क घटाकर 250 रुपये निर्धारित किया गया है। ऐसे करें आवेदन     आधिकारिक वेबसाइट mponline.gov.in पर जाएं।     “Recruitment” या “Apply Online” लिंक पर क्लिक करें।     यदि आप पहली बार आवेदन कर रहे हैं, तो सबसे पहले अपनी जानकारी भरकर रजिस्ट्रेशन करें – जैसे नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि।     रजिस्ट्रेशन के बाद लॉगिन करें और आवेदन फॉर्म में अपनी शैक्षणिक योग्यता, व्यक्तिगत जानकारी, अनुभव (यदि हो), आदि भरें     पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर, डिग्री/डिप्लोमा की कॉपी और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।     अपनी श्रेणी के अनुसार ऑनलाइन माध्यम (डेबिट कार्ड/नेट बैंकिंग/UPI) से आवेदन शुल्क जमा करें।     फॉर्म को अंतिम रूप से सबमिट करें और भविष्य के लिए उसका प्रिंटआउट जरूर लें।  

मॉडल्स जैसी खूबसूरती पानी है तो करें ऐसा

जब भी आप किसी मॉडल को देखती हैं तो मन में एक ही सवाल उठता है कि इनमें और हमारी पर्सनैलिटी में कोई ज्यादा फर्क नहीं, फिर भी ये हमसे अलग क्यों दिखती हैं। ये भी वही मेकअप प्रोडक्ट इस्तेमाल करती हैं, जो हम करती हैं या फिर जिन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का यह विज्ञापन करती हैं, हम उन्हें खरीद कर इस्तेमाल करती हैं फिर भी जब देखो ये मॉडल्स हमेशा अलग-सी ही नजर आती हैं। बात केवल यह नहीं कि वे कौन-सा ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करती हैं, परंतु यह जानना बहुत जरूरी है कि वे अपने मेकअप के लिए कौन सी ट्रिक इस्तेमाल करती हैं। मॉडलिंग ग्लैमर का फील्ड है, जहां हर समय खूबसूरत एवं प्रैजैंटिंग दिखना बेहद जरूरी होता है, सो हर मॉडल अपने हिसाब से ही मेकअप करती है और इसके लिए वह पूरी तरह से डैडीकेटेड रहती है। उनके मेकअप टिप्स को सीखने एवं फॉलो करने के बाद आप भी उनके जैसी दिख सकती हैं। डार्क एवं लाइट मेकअप कांबीनेशन मॉडल्स के चेहरे या उनकी तस्वीरों को ध्यान से देखेंगी तो पता चलेगा कि कोई भी मॉडल जब अपने लिप्स पर डार्क मेकअप करती है, तो वह चेहरे पर हल्का मेकअप रखती है। जब चेहरे पर मेकअप डार्क होता है, तो वे होंठों पर नैचुरल कलर की लिपस्टिक को इस्तेमाल करती हैं। यही नहीं वे अपने चेहरे के दाग-धब्बों को हटाने के लिए थोड़ा सा कंसीलर इस्तेमाल करती हैं, जिस से उनका चेहरा उभर कर सामने आता है। कंसीलर के दो शेड मॉडल्स हमेशा कंसीलर के दो शेड्स इस्तेमाल करती हैं। इस से मेकअप की लुक अच्छी आती है। लाइट कंसीलर को आंखों के पास लगाएं तथा डार्क कंसीलर को चेहरे के बाकी हिस्सों पर अप्लाई करें। इससे आपके चेहरे पर काफी नैचुरल लुक आएगी, जो आपकी खूबसूरती को अलग पहचान देगी। ड्रामैटिक और सिडक्टिव लिप्स आपने हमेशा देखा होगा कि मॉडल्स के लिप्स बहुत आकर्षक दिखते हैं। यदि आप भी ऐसे ही लिप्स चाहती हैं, तो सबसे पहले लिप्स पर कंसीलर लगाएं, उसके बाद ही लिपस्टिक अप्लाई करें। आप चाहें तो रैड पैंसिल लाइनर से आऊटिंग दे सकती हैं। रैड कलर की लिपस्टिक ज्यादा हॉट दिखती है। भरे हुए लिप्स होंठों की वास्तविक शेप से हट कर लाइनिंग करना और उसके बाद होंठों पर ग्लॉसी लिपस्टिक लगा कर उन्हें निखारना ही भरे हुए लिप्स वाला मेकअप कहलाता है। इस प्रकार लिप्स बड़े और हॉट दिखने लगते हैं। स्मोकी आइका आंखों का मेकअप करने से पहले बेस तैयार कर लें। इसके लिए लाइट कलर का फाऊंडेशन लें और इसे लगाएं। फिर हल्के ग्रे कलर के पैंसिल लाइनर से ऊपर से नीचे की ओर अप्लाई करें। बाद में इसे हल्के हाथों से स्मज कर लें। इससे स्मोकी लुक आती है। यह सब करने के बाद ही मस्कारा लगाएं। बालों के लिए रूखे बालों पर थोड़ी सी मात्रा में फेस क्रीम लगाने से उनमें चमक आ जाती है, जिससे बाल अच्छी तरह सैट हो जाते हैं।  

अरुण साव बोले – रायपुर को नम्बर-1 बनाने स्वच्छता के कार्यों में बढ़ानी होगी जनसहभागिता

स्वच्छता दीदियों और सफाई कर्मियों को सम्मानित करने आयोजित होगा राज्य स्तरीय कार्यक्रम रायपुर नगर निगम द्वारा 25 स्वच्छता निरीक्षकों, 144 स्वच्छता दीदियों और 52 सफाई मित्रों का सम्मान   रायपुर, रायपुर को देश का सबसे साफ-सुथरा शहर बनाने के लिए स्वच्छता के कार्यों में जनसहभागिता बढ़ानी होगी। शहर के एक-एक व्यक्ति, एक-एक परिवार को इस मिशन से जोड़ना होगा, तभी हम रायपुर को देश का स्वच्छतम शहर बना सकेंगे। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के सम्मान समारोह में ये बातें कहीं। भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में रायपुर को मिलियन प्लस (दस लाख से अधिक) आबादी वाले शहरों में देश का चौथा सबसे स्वच्छ शहर, गारबेज-फ्री सिटी में सेवन स्टार रैंकिंग और वाटर प्लस सर्टिफिकेशन की उपलब्धियों में स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के सक्रिय योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया। रायपुर नगर निगम द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सभी जोनों के स्वच्छता अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही 25 स्वच्छता निरीक्षकों, 144 स्वच्छता दीदियों और 52 सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में रायपुर सहित प्रदेश के सात शहरों को स्वच्छता के लिए उत्कृष्ट कार्यों हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल राज्य के 169 शहरों में से 115 शहरों ने अपनी रैंकिंग सुधारी है। छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि में स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का अमूल्य योगदान है, जिसके लिए वे अभिनंदन के पात्र हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा इनके सम्मान के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। श्री साव ने कहा कि शहरों को स्वच्छ, सुंदर और सुविधापूर्ण बनाने राज्य शासन नगरीय निकायों को हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है। शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को जनसहभागिता बढ़ाने गंभीरता से काम करना होगा। रायपुर नगर निगम की महापौर  मीनल चौबे ने समारोह में कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में रायपुर को जो उपलब्धियां हासिल हुई हैं, उसकी नींव की पत्थर हमारी स्वच्छता दीदियां और सफाई मित्र ही हैं। स्वच्छता सेवा और समर्पण का काम है जिसे ये पूर्ण मनोयोग से कर रही हैं। आने वाले समय में रायपुर को देश का सबसे साफ-सुथरा शहर बनाने के लिए हम सभी गंभीरता और सक्रियता से काम करेंगे। सभापति सूर्यकांत राठौर ने सफाई कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग शहर को साफ और सुंदर बनाने के लिए धूप, बरसात और ठंड में भी अपने कार्यों को अंजाम देते हैं। आप लोगों की मेहनत से हमें नई दिल्ली में सम्मानित होने का मौका मिला है। कोरोना महामारी के कठिन समय में भी आप लोगों ने सराहनीय काम किया है। रायपुर नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्ष गायत्री चन्द्राकर और आयुक्त विश्वदीप ने भी समारोह को संबोधित किया। निगम के अपर आयुक्त श्री यू.एस. अग्रवाल, श्री विनोद पाण्डेय और स्वास्थ्य अधिकारी सुश्री प्रीति सिंह सहित सभी जोनों के अध्यक्ष, एमआईसी सदस्य, पार्षदगण, अधिकारी-कर्मचारी और सफाई कर्मी बड़ी संख्या में सम्मान समारोह में मौजूद थे।