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मुख्यमंत्री निवास में हरेली उत्सव: पारंपरिक लोक यंत्रों की गूंज और सुंदर नाचा की छटा

  रायपुर, मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार के अवसर पर पारंपरिक लोक यंत्रों की गूंज और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छटा के साथ सुंदर नाचा का आयोजन किया जा रहा है। पूरा परिसर उत्सवमय वातावरण से सराबोर है। ग्रामीण परिवेश की जीवंत छवि इस सुंदर माहौल में साकार हो गई है। कहीं सुंदर वस्त्रों में सजे राउत नाचा कर रहे कलाकारों की रंगत बिखरी है, तो कहीं आदिवासी कलाकार पारंपरिक लोक नृत्य की मोहक प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ का अद्भुत ग्रामीण लैंडस्केप अपनी संपूर्ण सांस्कृतिक सुंदरता के साथ यहां सजीव रूप में अवतरित हो गया है। विभिन्न प्रकार की लोक धुनों में छत्तीसगढ़ी संगीत का माधुर्य अपने चरम पर है। राउत नाचा, छत्तीसगढ़ की लोक-संस्कृति का एक प्रसिद्ध पारंपरिक लोकनृत्य है, जो विशेष रूप से दीपावली के अवसर पर गोधन पूजा के दौरान किया जाता है। यह नृत्य विशेषकर यादव समुदाय (ग्वाला/गोपालक वर्ग) द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण तथा गोधन की आराधना का प्रतीक माना जाता है। राउत नाचा की परंपरा छत्तीसगढ़ में सदियों पुरानी है। इसे गोवर्धन पूजा से जोड़ा जाता है, जब ग्वाल-बाल भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की स्मृति में यह नृत्य करते हैं। नर्तक रंग-बिरंगे परिधानों में सजते हैं, सिर पर पगड़ी धारण करते हैं और हाथों में लाठी थामे रहते हैं। उनके वस्त्रों को कौड़ियों, घुंघरुओं और अन्य सजावटी वस्तुओं से अलंकृत किया जाता है। राउत नाचा की प्रस्तुति के दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों — जैसे ढोल, मांदर और नगाड़ा — का प्रयोग होता है। इनकी थाप पर नर्तक सामूहिक रूप से तालबद्ध होकर नृत्य करते हैं। यह नृत्य केवल धार्मिक आस्था का ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, श्रम की महत्ता, पशुपालन के योगदान और सांस्कृतिक गौरव का संदेश भी देता है। नाचा के साथ गाए जाने वाले गीतों को ‘राउत गीत’ कहा जाता है, जिनमें धर्म, वीरता, प्रेम और भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन होता है।

भारत का पासपोर्ट हुआ और मजबूत, पाकिस्तान टॉप से लगभग बाहर

नई दिल्ली दुनिया भर के देशों के पासपोर्ट की नई रैंकिंग आ गई है। इसके मुताबिक भारत का पासपोर्ट दुनिया में 77वें नंबर पर है। वहीं पहले नंबर पर एशिया के ही सिंगापुर और दूसरे पर जापान एवं साउथ कोरिया को रखा गया है। दिलचस्प तथ्य यह है कि पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे खराब रैंकिंग वाला देश है। उसका पासपोर्ट 96वें नंबर पर रखा गया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने 1 से 99 तक की रैंकिंग में दुनिया के तमाम देशों को रखा है। पाकिस्तान के साथ सोमालिया और यमन को जगह मिली है। सबसे आखिरी यानी 99वें नंबर पर अफगानिस्तान है। इसी तरह 98 पर सीरिया और 97 पर इराक को जगह मिली है। तीसरे पायदान पर यूरोप के ही कई देश हैं, जिनमें डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन शामिल हैं। इन देशों में घूमने के लिए लोग बड़ी संख्या में जाना चाहते हैं। चौथे नंबर पर भी स्वीडन, नीदरलैंड और बेल्जियम समेत यूरोप के ही 7 देश शामिल हैं। भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश के पासपोर्ट को 94वें नंबर पर रखा गया है। उसके साथ ही रैंकिंग में फिलिस्तीन को भी जगह मिली है। इसके अलावा सूडान और उत्तर कोरिया को क्रमश: 92वां और 93वां नंबर मिला है। श्रीलंका और ईरान को 91वें नंबर पर रखा गया है। वहीं दुनिया के सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका को 10वां पायदान मिला है तो इजरायल 18वें नंबर पर है। चीन के पासपोर्ट को रैंकिंग में 60वें नंबर पर रखा गया है। रूस को इस सूची में 46वां स्थान मिला है। भारत की रैंकिंग में इस साल 8 स्थान का उछाल आया है। बीते साल भारतीय पासपोर्ट को 85वें नंबर पर रखा गया था और इस बार 77वें पर है। पासपोर्ट सरकार की ओर से जारी किया जाने वाला वह दस्तावेज है, जिसके माध्यम से लोग दूसरे देशों की यात्रा कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसे देशों की रैंकिंग कमजोर होती है, जो हिंसा प्रभावित हैं या फिर आतंकवाद से ग्रस्त हैं। जैसे अफगानिस्तान, सोमिलाया, पाकिस्तान, सीरिया, सूडान और इराक आदि।

कैदी की जान के बदले फिरौती: जेल से गैंग चलाकर लाखों वसूले, रवि विठ्ठल समेत 4 गिरफ्तार

दुर्ग केंद्रीय जेल दुर्ग में विचाराधीन बंदी को जान से मारने की धमकी देकर उनके परिवार से अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। आरोपी रवि विठ्ठल उसी जेल में हत्या की सजा काट रहा है। जिसने जेल में बंद कैदी को जान से मारने की धमकी देकर उससे परिजनों से लाखों रुपये वसूले हैं। मामला 10 महीने पुराना बताया जा रहा है। जिसमें पहले ही तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, रवि विठ्ठल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उस कोर्ट में पेश कर राजनांदगांव जेल वापस भेजा गया। पूरा मामला 4 अक्टूबर 2024 को तब सामने आया जब पीड़ित ने सुपेला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि उसका भाई पिछले दो वर्षों से दुर्ग जेल में बंद है। वहीं, उसी जेल में हत्या के आरोप में सजा काट रहा कैदी रवि विठ्ठल, अपने साथियों विशाल सोनी उर्फ उड़िया, परबदीप सिंह और गुरमीत कौर की मदद से पीड़ित को मोबाइल पर धमकियां दे रहा था। धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो जेल में बंद उसके भाई को जान से मार दिया जाएगा। आरोपियों ने जेल में बंद लोकेश पांडेय के परिजनों ने धमकी के चलते रवि विठ्ठल को कुल 7.95 लाख रुपए दिए, जिसमें से 5 लाख रुपए नकद और 2.95 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इसके अलावा 11 जुलाई 2023 को आरोपी की बेटी के जन्मदिन पर एक सोने की चेन और लॉकेट भी जबरन मंगवाए गए। 19 जुलाई 2023 को दुर्ग कोर्ट परिसर में भी धमकी देकर आरोपी को 5 लाख रुपए कैश दिए गए। जिसे आरोपी की मां गुरमीत कौर और भाई परबदीप ने लिया था। इस मामले में पुलिस पहले ही महेश्वरी बघेल, गुरमीत कौर और विशाल सोनी को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी रवि विठ्ठल को प्रोडक्शन वारंट के जरिए पेश कर पूछताछ की गई। जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर राजनांदगांव जेल वापस भेजा गया। दुर्ग पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताई कि इस मामले की जांच अभी जारी है। पुलिस ने अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जेल के भीतर से अपराध संचालित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक समीकरणों के बीच मप्र में नियुक्तियां तेज, ओबीसी आयोग में कुसमारिया-मौसम बिसेन को बड़ी भूमिका

भोपाल  हेमंत खंडेलवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के 21 दिन के भीतर ही मध्य प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर बड़ा निर्णय हुआ है। बुधवार को डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया को ओबीसी कल्याण आयोग का अध्यक्ष और मौसम बिसेन को सदस्य बनाने का आदेश जारी हुआ है। इसके साथ ही पार्टी ने राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत के संकेत दे दिए हैं। मौसम बिसेन पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन की बेटी हैं, जो वर्ष 2021 में आयोग के गठन के साथ अगस्त 2023 तक इसके अध्यक्ष रहे। अब उनकी जगह ओबीसी आयोग के अध्यक्ष कुसमारिया को कल्याण बोर्ड का भी अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही संतुलन की दृष्टि से मौसम को सदस्य बनाया गया है। बालाघाट से टिकट दिया था बता दें कि पार्टी ने मौसम बिसेन को विधानसभा चुनाव में भी बालाघाट से टिकट दिया था। बाद में इसे बदलकर गौरी शंकर बिसेन को लड़ाया था, जिसमें वह हार गए थे। मौसम की नियुक्ति के साथ उन नेताओं में भी निगम, मंडल और आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनने की आस जगी है, जो लंबे समय से प्रतीक्षा में हैं। इसमें विधानसभा चुनाव हार चुके तो कुछ कांग्रेस से आए नेता भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकसभा चुनाव के पहले 13 फरवरी 2024 को 46 निगम, मंडल और आयोगों में नियुक्तियां रद कर दी थीं। सभी नियुक्तियां शिवराज सरकार में हुई थीं। 25 पदों पर 2021 में नियुक्तियां हुई थीं। शैलेन्द्र बरुआ, जितेन्द्र लिटोरिया और आशुतोष तिवारी जैसे भाजपा के संगठन मंत्रियों को भी निगम मंडलों में जगह मिली थी। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 सामाजिक कल्याण बोर्ड भी बनाए थे। हालांकि, इनकी नियुक्तियां रद नहीं की गई थीं। नए प्रदेश अध्यक्ष की प्रतीक्षा में टलती रहीं नियुक्तियां माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियां प्रारंभ होंगी, पर अध्यक्ष का निर्वाचन दो जुलाई 2025 को पूरा हो पाया। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य नहीं होने से कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है अब चरणबद्ध तरीके सभी निगम मंडल और प्राधिकरणों में नियुक्तियां शीघ्र होंगी। सबसे पहले उन्हें लिया जा सकता है, जिनके लिए दावेदार कम हैं और नियुक्ति में अंदरूनी विरोध होने की संभावना नहीं है। सत्ता-संगठन के सामंजस्य से सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए नियुक्तियां की जाएंगी। प्रदेश में वर्ष 2028 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस कारण पार्टी का पूरा जोर संतुलन पर रहेगा, जिससे कोई नाराज नहीं होने पाए। अगले चरण में कैबिनेट विस्तार की संभावना राजनीतिक नियुक्तियों के बाद अगली कड़ी में सरकार मंत्रिमंडल में रिक्त तीन पदों को भरने के लिए कैबिनेट का विस्तार भी कर सकती है। कई महीने से विस्तार की अटकलें चल रही हैं।

निवेश प्रस्तावों की पड़ताल: 14 जिलों में जांच के दौरान 40% दिक्कतें सुलझाईं: CM योगी

लखनऊ  वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मैदान में उतार दी गई है। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद के निर्देश पर टीमों ने 14 जिलों का औचक निरीक्षण कर एमओयू में आने वाली दिक्कतों को समझा। इसके लिए जिलों में प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं को 24 मानकों की कसौटी पर कसा गया। इस कवायद की खास बात ये रही कि 40 फीसदी से ज्यादा दिक्कतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। नवंबर में भूमि पूजन समारोह का पांचवां संस्करण प्रस्तावित है। इसके लिए दस लाख करोड़ रुपये की तैयार परियोजनाओं का लक्ष्य रखा गया है। जनवरी-फरवरी में वैश्विक निवेशक सम्मेलन होना है। दोनों बड़े आयोजनों की जिम्मेदारी नोडल एजेंसी के रूप में इन्वेस्ट यूपी की है। इसे देखते हुए इन्वेस्ट यूपी तैयारी चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा है। इसी कड़ी में अधिकारियों की टीम बनाकर 14 जिलों का औचक निरीक्षण कराया गया। इन 24 बिंदुओं पर परखा जिलों का प्रदर्शन उद्यमी मित्रों और जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों ने एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए किस तरह से विश्लेषण किया। निवेशकों के साथ कितनी बैठकें कीं। निवेशकों के मुद्दों पर क्या किया। ऑफिस का वातावरण कैसा है। निवेशक ऑफिस में खुद को कितना सहज महसूस करता है। बैठने की व्यवस्थाएं क्या हैं। इन्वेस्ट यूपी की तैयारियों को कैसे पेश कर रहे हैं। कुल कितने लोगों ने निवेश को लेकर रुचि जाहिर की है। कितने एमओयू हुए हैं। कितने एमओयू भूमि पूजन समारोह-4.0 और कितने निवेश समारोह-5.0 के लिए हुए। कितने निवेशक पीछे लौट गए। कितनी इकाइयों का निर्माण और कितने में उत्पादन शुरू हो गया। औद्योगिक भूखंडों की स्थिति। ग्राम सभा की जमीनों की उपलब्धता, बीमार इकाइयों की संख्या और निवेश मित्र से जुड़े मुद्दे आदि। उद्योग बंधु की बैठकों का मांगा तीन महीने का रिकॉर्ड सीईओ विजय किरण आनंद ने उद्योग बंधु की बैठक में उठने वाले मुद्दों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी 75 जिलों से पिछले तीन महीने का उद्योग बंधु की बैठकों का रिकॉर्ड मांगा गया है। इसमें निवेशकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर की गई कार्यवाही का ब्योरा भी तलब किया गया है। उन्होंने उद्यमी एसोसिएशन के फीडबैक को गंभीरता से लेेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नए निवेश प्रस्तावों को ब्योरा अलग से तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे तुर्की पहुँची समर अबू जमर, वहां की दूसरी शादी से खुला राज

खान यूनिस  गाजा के लोग इजरायली हवाई हमलों और गहराते मानवीय संकट से जूझ रहे हैं। वहीं, हमास के वरिष्ठ नेता और मिलिट्री कमांडरों के परिवार चुपचाप युद्ध क्षेत्र को छोड़कर भाग रहे हैं। गाजा में इजरायली हमला शुरू होने के चंद हफ्तों के अंदर ही हमास की टॉप लीडरशिप ने अपने परिवार को सीमा पार तुर्की, मिस्र, ईरान और कतर पहुंचा दिया था। ऐसे में अब गाजा में हमास के नेताओं के खिलाफ आक्रोश भड़क रहा है। इस बीच खबर आई है कि जाली पासपोर्ट और ढेर सारा कैश लेकर भागी हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार की पत्नी समर अबू जमर ने तुर्की में दोबारा शादी कर ली है। सिनवार को 16 अक्तूबर 2024 को इजरायली सेना ने मार गिराया था। गाजा से तुर्की भाग गई थी समर अबू जमर कई स्थानीय सूत्रों के अनुसार, युद्ध के शुरुआती दिनों में जाली दस्तावेजों, सैन्य सहायता और विदेशी संपर्कों की मदद से हमास के शीर्ष अधिकारियों के परिवारों को गाजा पट्टी से तस्करी कर बाहर निकाला गया था। जनवरी में, इजरायली सेना ने एक फुटेज जारी किया जिसमें हमास के सैन्य कमांडर याह्या सिनवार की विधवा समर अबू जमर अपने बच्चों के साथ हमास की एक सुरंग में प्रवेश करती दिखाई दे रही थीं। शुरुआती अटकलों के अनुसार, वह अंडरग्राउंड हो गई थीं। लेकिन स्थानीय सूत्रों ने बाद में इजरायली समाचार आउटलेट Ynet को बताया कि अबू जमर पूरी तरह से गाजा छोड़कर तुर्की में रह रही थी। समर अबू जमर ने तुर्की में की दूसरी शादी एक सूत्र ने कहा, "वह अब यहां नहीं है—उसने एक फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके राफा सीमा पार की थी।" उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में "उच्च-स्तरीय समन्वय, रसद सहायता और बड़ी रकम शामिल थी जो आम गाज़ावासियों के पास नहीं होती।" सूत्र ने यह भी बताया कि सिनवार की इजरायली सेना द्वारा हत्या के कुछ महीने बाद अबू जमर ने तुर्की में दोबारा शादी कर ली। बताया जाता है कि इस शादी की व्यवस्था हमास के वरिष्ठ राजनीतिक ब्यूरो सदस्य फती हम्माद ने की थी, जिन्हें पहले हमास के लोगों और उनके परिवारों को भागने में मदद करने के प्रयासों से जोड़ा जाता रहा है। समर अबू जमर के महंगे बैग पर हुआ था विवाद पिछले साल अबू जमर को उस समय आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जब एक वीडियो में उसे एक सुरंग में छिपते हुए एक महंगा हर्मीस बिर्किन हैंडबैग ले जाते हुए दिखाया गया था। याह्या सिनवार के भाई मुहम्मद सिनवार की पत्नी नजवा सिनवार भी लापता है। हाल के महीनों में उनके ठिकाने का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड नहीं है। स्थानीय सूत्रों का मानना है कि वह भी अपने पति की मृत्यु से पहले अपने बच्चों के साथ गाजा छोड़कर संभवत तुर्की चली गई थी। इजरायली सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोनों महिलाएं अपने पतियों की हत्या से पहले राफा क्रॉसिंग के रास्ते गाजा से बाहर निकल गई थीं।  

सड़कों पर बेकाबू रफ्तार अब नहीं चलेगी: चालकों पर कार्रवाई तेज, चालान का सिलसिला जारी

जगदलपुर जगदलपुर में तय गति से तेज वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं है। ट्रैफिक पुलिस दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए तेज गति से वाहन चलाने वालों का चालान इंटरसेप्टर के माध्यम से कर रही है। तय मानक से तेज वाहन चलाने और इससे होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस कमर कस ली है। लगातार ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। शहर में 14 जुलाई से लगातार विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। हाल ही में जब यात्रियों की जान को जोखिम में डालकर सरपट दौड़ रही यात्री बस अपनी निर्धारित स्पीड से ज्यादा में दौड़ रही थी, तभी यातायात पुलिस के द्वारा ओवरस्पीड को अपने इंटरसेप्ट में कैद होने के कारण यातायात पुलिस के द्वारा कार्रवाई की गई। ओवर स्पिड 95/किमी. से कोंडागांव तरफ से जगदलपुर की ओर आ रही थी, जिसे कैमरा में रिकॉर्ड किया गया, जो निर्धारित अधिकतम गति सीमा 80/किमी. का उल्लंघन करना पाए जाने पर कार्रवाई की गई। यातायात पुलिस के द्वारा लगातार देखा जा रहा था कि यात्री बस चालकों की लापरवाही के कारण कई बड़ी घटनाएं हुईं, जिसे रोकने के लिए हाइवे पर लगातार यातायात पुलिस कार्रवाई कर रही है। पुलिस के इंटरसेप्टर वाहन के कैमरे में ओवर स्पीड रिकॉर्ड दर्ज किया गया। 14 जुलाई से लगातार विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 10 दिन में 516 वाहनों पर कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक बस्तर शलभ कुमार सिन्हा के निर्देश व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के मार्गदर्शन में सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटना के रोकथाम एवं बचाव के लिए बस्तर जिले में ओवर स्पीड से वाहन चलाने वाले चालकों पर यातायात पुलिस के द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उप पुलिस अधीक्षक यातायात संतोष जैन एवं यातायात प्रभारी मधुसूदन नाग लगातार ऐसे वाहन चालकों को सबक सिखाने में लगे हैं। 

दरवाजे पर खड़े बुजुर्ग को रौंदा कांवड़ियों के वाहन ने, श्रद्धालुओं में मचा हड़कंप

मुजफ्फरपुर मुजफ्फरपुर जिले सकरा थाना क्षेत्र में कांवड़ियों के अनियंत्रित वाहन ने एक बुजुर्ग की जान ले ली और खुद भी पलट गया। हादसे में वाहन सवार कई कांवड़िए घायल हो गए। मृतक की पहचान सहदेव राय 80 वर्ष के रूप हुई है। बताया जा रहा है कि देवघर बाबा बैद्यनाथ से जलाभिषेक कर लौट रही कांवड़ियों की एक गाड़ी अचानक बेकाबू हो गई और सड़क से थोड़ी दूर एक घर के पास में खड़े बुजुर्ग को रौंदते हुए पलट गई। हादसे में बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि वाहन में सवार छह कांवड़ियों को चोट आई है, जिसमें दो गंभीर बताया जा रहा है। इस घटना के बाद मौके पर बनी अफरातफरी की स्थिति मामले की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची सकरा थाना की पुलिस मामले की जांच और करवाई में जुटी हुई है। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर दिया। मामला जिले के सकरा थाना क्षेत्र के एनएच 28 मुसहरी के पास की है। इस घटना के बाद मौके पर स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों ने दुर्घटना में घायल कांवड़ियों को किसी तरह बाहर निकाला। घायल हुए कांवड़िए पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं। वहीं इस घटना के बाद नाराज होकर ग्रामीण ने सड़क मार्ग को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान में कांवड़ियों को लेकर आ रहे घायल चालक से भी नोक झोंक हुई। पूरे मामले में सकरा थाना प्रभारी राजू कुमार पाल ने बताया कि एक वाहन अनियंत्रित होकर के घर के पास में खड़े बुजुर्ग को रौंद दिया था। उनकी मौत मौके पर ही हो गई थी। घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। वाहन में कांवड़िए सवार थे। सभी घायल हुए और प्राथमिक उपचार के बाद इलाज के लिए सभी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा जा रहा है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जाने की कवायद की जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को लेकर दिए अहम निर्देश

रायपुर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में  आज नया रायपुर के सेक्टर 27 में स्थित स्वास्थ्य विभाग के उपक्रम सीजीएमएससीएल की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के और सचिव स्वास्थ्य सेवाएं अमित कटारिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में प्रबंध संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सीजीएमएससी की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा है कि राज्य की जनता को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। इस दौरान उन्होंने पारदर्शिता दिखाने के उद्देश्य से सीजीएमएससी की नई वेबसाइट को रिमोट का बटन दबाकर लॉन्च किया।  उन्होंने निर्देशित किया कि जहां भी कोई बाधा हो, उसे शीघ्र दूर किया जाए। मंत्री ने कहा कि ब्रांडेड और गुणवत्ता वाली दवाइयों की खरीदी की जाए तथा दवाइयों की आपूर्ति सुचारु और समयबद्ध हो। उन्होंने कहा कि सीजीएमएससी स्वास्थ्य विभाग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपक्रम है, जिसके माध्यम से प्रदेश के तीन करोड़ लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इसीलिए इसके उपकरण और दवाइयों की गुणवत्ता में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्माण कार्यों और खरीदी प्रक्रिया को तय समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीजीएमएससी स्वास्थ्य सेवाओं का अभिन्न हिस्सा है और इसके बिना विभाग का काम अधूरा है। उन्होंने कार्यों में प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से शामिल करने की बात कही जिससे कार्य की गुणवत्ता में और सुधार लाया जा सके। बैठक के बाद अध्यक्ष दीपक म्हस्के ने कहा कि आज की समीक्षा बैठक बहुत ही उपयोगी रही। यह तय किया गया है कि आगे और बेहतर तरीके से काम कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध रूप से कार्य करते हुए इसे आगे बढ़ाना है। साथ ही, पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से एक नई वेबसाइट तैयार की गई है, जिसमें विभाग की सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि यह उपक्रम लगातार बेहतर कार्य कर रहा है और आने वाले समय में इसके कार्यों की गुणवत्ता और बेहतर होगी। समीक्षा बैठक में सीजीएमएससी के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उद्यानिकी फसलों के लिए सशक्त विपणन व्यवस्था की दिशा में सरकार सक्रिय

उद्यानिकी फसलों के लिए बेहतर विपणन व्यवस्था के प्रयास तेज: मंत्री  कुशवाह  उद्यानिकी किसानों को मिलेगा बेहतर बाजार, मंत्री कुशवाह ने दिए निर्देश उद्यानिकी फसलों के लिए सशक्त विपणन व्यवस्था की दिशा में सरकार सक्रिय उद्यानिकी मंत्री की अध्यक्षता में सलाहकार बोर्ड की हुई बैठक भोपाल प्रदेश में उद्यानिकी फसलों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्यानिकी फसलों के विपणन के लिए बेहतर बनाए जाने के लिए प्रदेश में तेजी से प्रयास किए गये हैं। इसी कड़ी में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह की अध्यक्षता में उद्यानिकी फसल मार्केटिंग गठन सलाहकार बोर्ड की बैठक बुधवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक बर्णवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को उनकी फसल का उचित दाम दिलवाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा पृथक से उद्यानिकी फसल उपज मंडी बोर्ड बनाने पर कार्य प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के अधीन म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड का गठन किया गया है। इनमें कृषि और उद्यानिकी का फसलों का क्रय-विक्रय एक ही परिसर में किया जाता है। प्रदेश की 25 कृषि उपज मंडी समिति है जिसमें फल-सब्जियों के विक्रय के लिये 174 मंडियाँ अधिसूचित है। नवीन व्यवस्था लागू हो जाने पर फल-फूल सब्जी फसल के लिये पृथक नवीन परिसर बनाये जाएंगे। प्रस्तावित मंडियों में ग्रेडिंग, सोर्टिग, पैकिंग, पैकहाउस, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चैन, भंडारण आदि सुविधाएँ विकसित की जायेंगी। कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक बर्णवाल ने निर्देश दिये हैं कि उद्यानिकी फसलों के लिए पृथक मंडी गठन से पूर्व मंडी बोर्ड और उद्यानिकी विभाग देश के अन्य राज्यों की कृषि मंडी और उद्यानिकी फसल उपज मंडियों का सर्वे कर विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सलाहकार बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने ग्वालियर संभागीय मुख्यालय पर संचालित निजी फल मंडी का अध्ययन करने के निर्देश प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड कुमार पुरूषोत्तम को दिए। ग्वालियर में नवीन कृषि उपज मंडी तथा उद्यानिकी फसल मंडी आवश्यक : मंत्री कुशवाह उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि ग्वालियर में कृषि उपज मंडी और सब्जी मंडी दोनों नगरीय सीमा लक्ष्मीगंज में होने के कारण शहर का यातायात बाधित होता है। साथ ही मंडी प्रांगण भी समय की मांग के अनुसार अब छोटा होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड को नवीन कृषि उपज मंडी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में शिफ्ट किया जाना चाहिए। इसके लिए मंडी बोर्ड सर्वे कर रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करे। बैठक में सचिव कृषि निशांत बरबड़े, आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्रीमती प्रीति  मैथिल, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड कुमार पुरूषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।