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नदी नहाने गए किशोर बने हादसे के शिकार, मयूराक्षी से एक शव बरामद, तीन की तलाश जारी

दुमका झारखंड के दुमका जिले में मयूराक्षी नदी में 4 किशोर डूब गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना दुमका जिले के जामा थाना क्षेत्र के बापूपुर तट के निकट पर हुई। जामा थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया, “16 से 17 वर्ष की आयु वाले चार दोस्त दोपहर को मयूराक्षी नदी में नहाने गए थे। जब वे वापस नहीं लौटे, तो उनके परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की और पुलिस को सूचना दी।” उन्होंने कहा, “बृहस्पतिवार अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे बापूपुर तट के पास नदी किनारे उनके कपड़े और मोबाइल फोन मिले। स्थानीय गोताखोरों ने एक शव बरामद कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।” अधिकारी ने बताया कि बरामद शव की पहचान दुमका जिले के बांधपाड़ा निवासी कृष्णा सिंह (17) के रूप में हुई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अन्य किशोरों की तलाश के लिए जिला प्रशासन की मदद से देवघर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम बुलाई गई है।  

वाहनों के लिए बड़ी राहत, बिना टैक्स निकली गाड़ियां

पंजाब  भारती किसान यूनियन एकता डकोदा ने गुड़े टोल प्लाजा पर 2 घंटे धरना देकर टोल फ्री किया क्योंकि बीते दिन भारी बारिश के कारण मुल्लांपुर सर्विस रोड़ पर पानी की निकासी न होने के कारण राहगीरों को 2-2 फीट पानी में से गुजरना पड़ रहा था और लोग बहुत परेशान थे। राज्य प्रधान मनजीत सिंह धनेर ने बताया कि पानी और कीचड़ से भरी सड़क पर गहरे खड्डों में गिरते संभलते लोग बहुत मुश्किल से सड़क पार कर रहे हैं। वाहन फंस रहे थे, स्कूली बच्चे गिर रहे थे। उनकी तरफ से लुधियाना मुल्लांपुर ब्लाक कमेटियां के ध्यान में मामला लाने और पड़ताल करने पर पाया गया। अमनदीप सिंह राज्य उपाध्यक्ष की अगुवाई में इक्टठा हुए किसानों ने सुबह 10 बजे से 12 बजे तक गुड़े टोल प्लाजा फ्री कर रोष को व्यक्त किया। इस समय विशेष तौर पर पहुंचे राज्य प्रधान मनजीत सिंह और जिला प्रधान जगतार सिंह देहड़का ने मांग की कि गलोबल मैडीकल सैंटर लुधियाना से लेकर तलवंडी भाई तक फिरोजपुर रोड़ पर 84 किलोमीटर लंबी टोल सड़क का 2 स्थानों से लाखों रूपए टोल उगराही सुभाष चंदरा कंपनी की तरफ से कि जा रही है पर सड़क की मुरम्मत की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। टोल प्लाजा मैनेजर ने एस.एच.ओ. हमराज सिंह, नगर कौंसल मुल्लांपुर के प्रधान जसविंदर सिंह हैप्पी और कौंसलर अमन मुल्लांपुर को सफाई, मुरम्मत करवाने और टोल प्लाजा के उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग का भरोसा देकर सभी मामलों का समाधान करवाने का विश्वास दिलाया। किसान नेता ने चेतावनी दी कि मामलों का जल्द समाधान न होने की सूरत में लंबा समय टोल फ्री कर प्रशासन पर टोल मालिकों का सियापा किया जाएगा। इस समय रजिन्द्र सिंह भनोहड़, प्रधान रणवीर सिंह रूडका, प्रधारन गुरप्रीत सिंह ललतों, प्रधान अजीत सिंह धांधरा, प्रधान हाकम सिंह भटटीयां, सुखदीप सिंह, जगराज सिंह, सतनाम सिंह आदि नेता उपस्थित थे।

पति-पत्नी के झगड़े में हुआ बवाल, पत्नी की पिटाई के बाद पति ने घर से निकाला

मुरादाबाद  यूपी के मुरादाबाद में लव मैरिज के 15 दिन बाद ही दहेज के लिए पति ने विवाहिता को मारपीट कर तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। मुगलपुरा थाना क्षेत्र के इस मामले में पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने पति समेत सात ससुरालियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार मुगलपुरा थाना क्षेत्र के वारसीनगर गली नंबर-1 निवासी अलीशा खान पुत्री नईम खान ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि मोहल्ले के ही रहने वाले मोहम्मद जुनैद के साथ उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। बताया जा रहा है कि बीते 9 जुलाई 2025 को उसका मोहम्मद जुनैद के साथ निकाह हो गया। पीड़िता अलीशा खान के अनुसार निकाह के 15 दिन बीतने के बाद ही 24 जुलाई को पति मोहम्मद जुनैद ने गाली गलौज करते हुए उसकी लातघूंसों से पिटाई करनी शुरू कर दी। अलीशा ने आरोप लगाया कि निकाह के बाद से पति मोहम्मद जुनैद, सास राना, ननद उजमा, ममेरी ननद रेहाना, रिश्तेदार नौशी, ममिया ससुर गौहर और गुड्डू ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। आरोपी किसी न किसी बहाने उसे ताना मारता था। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि पति ने मारपीट करने के बाद तीन तलाक देकर यह कहते हुए घर से निकाल दिया कि अब तुझसे मेरा कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में सीओ कोतवाली सुनीता दहिया ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर मुगलपुरा थाने में आरोपी पति समेत सात ससुरालियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले में जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी पति और ससुरालियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  

प्रधानमंत्री का इस्तीफा या हटना? अदालत ने सुनाया अहम फैसला

थाईलैंड  थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को आज अदालत ने एक बड़ा झटका दिया है। संवैधानिक अदालत ने उन्हें नैतिक दुर्व्यवहार के आरोप में स्थायी रूप से प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया है। शिनावात्रा को पिछले महीने ही इस मामले की जांच के लिए निलंबित किया गया था।   क्या था पूरा मामला? शिनावात्रा पर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा विवाद में नैतिक दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था। इस मामले की जांच के लिए पिछले महीने अदालत ने उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। उस दौरान डिप्टी पीएम फुमथम वेचायाचाई को अंतरिम रूप से प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।   बता दें कि आज यानि शुक्रवार 29 अगस्त को अदालत ने इस मामले पर अंतिम फैसला सुनाते हुए शिनावात्रा को पद से हटाने का आदेश दिया है जिससे थाईलैंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है।  

विकसित भारत के लिये लोक निर्माण से लोक कल्याण की पहल

अधोसंरचनाओं के निर्माण में आई तेजी, बढ़ी पारदर्श‍िता भोपाल  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना के अनुरूप मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश 'लोक निर्माण से लोक कल्याण' की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आधारभूत अधोसंरचनाओं को मजबूत करने में लोक निर्माण विभाग ने अपनी भूमिका को और ज्यादा सुदृढ़ बनाया है। नई तकनीक, पारदर्शिता और जनसेवा की भावना के साथ लोक निर्माण की गतिविधियों में अब तेजी आई है। लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि 'लोक निर्माण से लोक कल्याण' प्रत्येक नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ आधारभूत सुविधाएँ पहुँचाने का ठोस संकल्प है। बीते अठारह माह में विभाग द्वारा उठाये गये अनेक नवाचारी प्रयासों से विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई और गुणवत्ता में वृद्ध‍ि हुई। जनता के प्रति जवाबदेही भी बढ़ी है। "लोकपथ” ऐप : जवाबदेही का माध्यम वर्ष 2024 में प्रारंभ हुआ “लोकपथ” मोबाइल ऐप विभाग की महत्वपूर्ण पहल है। इस ऐप के माध्यम से नागरिक क्षतिग्रस्त सड़कों की तस्वीर अपलोड कर सीधे शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसका समाधान सात दिनों में सुनिश्चित होता है। बीते एक वर्ष में 7,800 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 95 प्रतिशत का समय-सीमा के भीतर निपटारा किया गया। इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। 'कौन बनेगा करोड़पति' में इस पर प्रश्न भी पूछा गया। गुजरात सहित अन्य राज्यों के अभियंताओं ने भी इस मॉडल को अपनाने में रुचि दिखाई है। डिजिटल प्रबंधन और पारदर्शिता विभाग ने एकीकृत परियोजना प्रबंधन प्रणाली (आई.पी.एम.एस.) लागू की है, जिससे बजटिंग, स्वीकृति, निविदा और प्रगति की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। 'रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम' (आर.ए.एम.एस.) के तहत 10 हजार किलोमीटर सड़कों का जी.आई.एस. आधारित सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है, जिसे अगले चरण में 60 हजार किलोमीटर नेटवर्क तक विस्तारित किया जाएगा। साथ ही, प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर 55 हजार किलोमीटर सड़कों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। इससे परियोजनाओं की प्लानिंग और एलाइनमेंट और अधिक वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से सुदृढ़ हो रहे हैं। निरीक्षण की नई व्यवस्था गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 14 विभागीय प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है तथा मोबाइल लैब की व्यवस्था की जा रही है। सड़क निर्माण में प्रयुक्त डामर अब केवल सरकारी रिफाइनरियों से लिया जा रहा है और जी.पी.एस. आधारित ई-लॉकिंग टैंकरों से इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। औचक निरीक्षण की नई व्यवस्था के तहत हर माह की 5 और 20 तारीख को मुख्य अभियंताओं की टीम जिलों का निरीक्षण करती है। अब तक 417 परियोजनाओं का निरीक्षण किया गया है, जिसमें 30 ठेकेदारों और 18 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई तथा 16 अभियंताओं को उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया। पर्यावरण हितैषी कदम पेड़ों की कटाई की बजाय ट्री शिफ्टिंग को बढ़ावा दिया गया है। सड़कों के किनारे भूजल पुनर्भरण बोर और सड़क निर्माण से निकली मिट्टी से बने “लोक कल्याण सरोवर” जैसी पहलें भी की जा रही हैं। इस वर्ष 500 सरोवर बनाने का लक्ष्य है। “हरित मध्यप्रदेश अभियान” अंतर्गत 2 लाख पौधों का रोपण कर उनकी जियो-मैपिंग की गई। नवीन तकनीक और भविष्य की दिशा सड़कों की मजबूती और टिकाऊपन के लिए फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफ.डी.आर.), व्हाइट टॉपिंग, माइक्रो सरफेसिंग, जैट पैचर, ग्लास ग्रिड और जियोग्रिड जैसी तकनीकों को अपनाया गया है। भविष्य में यू.एच.पी.एफ.आर.सी., जी.एफ.आर.पी. और वेस्ट प्लास्टिक आधारित सड़क निर्माण तकनीकों को भी लागू करने की योजना है। विभाग रोड नेटवर्क मास्टर प्लान और रोड सेक्टर नीति पर कार्य कर रहा है, जिनमें औद्योगिक क्षेत्रों की कनेक्टिविटी एवं पर्यटन और कृषि सड़कों को प्राथमिकता दी जा रही है। सतत् प्रशिक्षण और शोध अभियंताओं के लिए इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। सी.आर.आर.आई. नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षणों में अब तक 150 अभियंता प्रशिक्षित हो चुके हैं। अगले छह माह में 1,000 अभियंताओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।  

नीतीश कुमार की कड़ी प्रतिक्रिया- कांग्रेस-RJD नेताओं की अभद्र टिप्पणी शर्मनाक

पटना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दरभंगा में हुई एक राजनीतिक सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स' पर एक बयान साझा करते हुए लिखा है कि, ‘दरभंगा में ‘‘मतदाता अधिकार यात्रा'' के दौरान कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी स्व माता के विरुद्ध जिस प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है, वह अत्यंत अशोभनीय है और मैं इसकी निंदा करता हूं।‘ दरभंगा में आयोजित ‘‘मतदाता अधिकार यात्रा'' के दौरान विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों-कांग्रेस और राजद के कुछ नेताओं द्वारा दिये गये भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माता को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। इस पर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) खेमे में आक्रोश देखा गया है।  

संयुक्त अंतरिक्ष मिशन से स्टार्टअप्स के लिए बढ़ेंगे सहयोग के अवसर, पीएम मोदी का बयान

टोक्यो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जैक्सा) के संयुक्त अंतरिक्ष मिशन दोनों देशों के उद्योगों और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को नई गति देंगे। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टोक्यो में कही।  जापान के अखबार द योमिउरी शिम्बुन को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि ये संयुक्त मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के छायायुक्त क्षेत्रों की गहन समझ विकसित करने में भी मदद करेंगे। उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारी सरकार-से-सरकार साझेदारी इसरो और जैक्सा के बीच सहयोग की ऐसी संस्कृति बना रही है, जिससे दोनों देशों के उद्योग और स्टार्टअप्स भी जुड़ रहे हैं। इससे एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार हो रहा है, जहां प्रयोगशालाओं से लॉन्चपैड तक और शोध से वास्तविक जीवन अनुप्रयोगों तक नवाचार का प्रवाह दोनों ओर से हो रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि भारत और जापान चंद्रयान श्रृंखला के अगले मिशन यानी लूपेक्स (लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन) के लिए हाथ मिला रहे हैं। यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थायी छाया वाले क्षेत्रों की हमारी समझ को और गहरा करेगा।” चंद्रयान-5 चंद्रयान श्रृंखला का पांचवां मिशन है, जिसे लूपेक्स भी कहा जाता है। इसरो और जैक्सा का यह संयुक्त मिशन वर्ष 2027-28 में जापान के एच3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में जैक्सा का रोवर और इसरो का लैंडर शामिल होगा, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में जल-बर्फ की खोज और विश्लेषण करेगा। पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि दोनों देशों की वैज्ञानिक टीमें मिलकर अंतरिक्ष विज्ञान की नई सीमाओं को छुएंगी। उन्होंने कहा, “हमारी साझेदारी न केवल अंतरिक्ष में क्षितिज का विस्तार करेगी, बल्कि धरती पर जीवन को भी बेहतर बनाएगी।” भारत की अंतरिक्ष यात्रा को प्रधानमंत्री ने “हमारे वैज्ञानिकों के संकल्प, मेहनत और नवाचार की कहानी” बताया और कहा कि अंतरिक्ष भारत के लिए अगला आयाम है। उन्होंने कहा, “चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता से लेकर हमारी अंतरग्रहीय मिशनों में प्रगति तक, भारत ने लगातार साबित किया है कि अंतरिक्ष अंतिम सीमा नहीं, बल्कि अगली सीमा है।” पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे अंतरिक्ष विज्ञान का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में कृषि से लेकर आपदा प्रबंधन, संचार और अन्य क्षेत्रों में दिखता है। प्रधानमंत्री मोदी 29-30 अगस्त तक जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के आमंत्रण पर हो रही है। यह उनका जापान का आठवां दौरा है। इससे पहले वे मई 2023 में जापान आए थे।

शिक्षक पुरस्कार समारोह में श्रेष्ठ कार्य करने पर सम्मानित होंगे शिक्षक

स्कूल शिक्षा विभाग ने की घोषणा शिक्षक दिवस पर होंगे सम्मानित भोपाल प्रदेश में 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर भोपाल में होने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक समारोह में 14 शिक्षकों को उनके द्वारा श्रेष्ठ कार्य करने पर सम्मानित किया जायेगा। पुरस्कृत शिक्षकों को 25 हजार रुपये की सम्मान निधि, शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जायेगा। सम्मानित शिक्षकों में प्राथमिक, माध्यमिक श्रेणी के 8 और उच्चतर माध्यमिक श्रेणी के 6 शिक्षक शामिल हैं। गत वर्ष 2024 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को भी सम्मानित किया जायेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी बधाई स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चयनित शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा है कि आज जिन शिक्षकों का चयन उनके श्रेष्ठ कार्यों की वजह से हुआ है, वे अन्य शिक्षकों के लिये प्रेरणा का काम करेंगे। जिन प्राथमिक शिक्षकों को सम्मानित किया जायेगा, उनमें शासकीय प्राथमिक शाला बिसोनिया, गुना के श्री जितेन्द्र शर्मा, शासकीय उ.मा.वि. क्रमांक-2, शाजापुर के श्री दिलीप जायसवाल, ई.पी.ई.एस., भाटीवाड़ा, सिवनी के श्री दिलीप कटरे, शासकीय प्राथमिक विद्यालय, बसिया, दमोह के श्री श्रीकांत कुर्मी, शासकीय उ.मा.वि., रुस्तमपुर, खण्डवा की माध्यमिक शिक्षक श्रीमती श्रद्धा गुप्ता, शासकीय माध्यमिक विद्यालय, सतौआ, दमोह के श्री मोहन सिंह गौंड, शासकीय माध्यमिक शाला, चंदेसरा, उज्जैन के श्री अपूर्व शर्मा और शासकीय माध्यमिक शाला, उबालाद, अलीराजपुर के उच्च श्रेणी शिक्षक श्री धनराज वाणी शामिल हैं। ये चयनित शिक्षक कक्षा-1 से 8 की कक्षाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। कक्षा-9 से 12 में चयनित शिक्षक राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिये कक्षा-9 से 12 में पढ़ाने वाले चयनित शिक्षकों में माध्यमिक शिक्षक शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि., बाग, जिला धार की श्रीमती राधा शर्मा, शासकीय उ.मा.वि., मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के डॉ. नरेन्द्र कुमार उरमलिया, शासकीय उ.मा. संभागीय ज्ञानोदय विद्यालय, तिलीवार्ड, सागर के श्री महेन्द्र कुमार लोधी, शासकीय उ.मा.वि., जावरा, रतलाम की उच्च माध्यमिक शिक्षक श्रीमती विनीता ओझा और माध्यमिक शिक्षक शासकीय हाई स्कूल, पांदा, जिला राजगढ़ डॉ. सरिता शर्मा को सम्मानित किया जायेगा। वर्ष 2024 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक वर्ष 2024 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को राज्य स्तरीय समारोह में शॉल-श्रीफल, स्मृति चिन्ह और 5 हजार रुपये सम्मान निधि भेंट कर सम्मानित किया जायेगा। इनमें शासकीय माध्यमिक शाला लिधौरा, ब्लॉक बटियागढ़, दमोह के श्री माधव प्रसाद पटेल और शासकीय हाई स्कूल, मंदसौर की शिक्षक श्रीमती सुनीता गोधा शामिल हैं। 

प्रदेश के विश्वविद्यालयों से देश भर में गुंजायमान होगा भाषाई एकात्मता का संदेश

भोपाल   उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि भारतीय ज्ञान परम्परा में पुस्तकालय सदैव ही समृद्ध रहे हैं। नालंदा विश्वविद्यालय में विश्व का सबसे विशाल पुस्तकालय था और तब भारत विश्व गुरु की संज्ञा से सुशोभित था। विश्व भर के लोग हमारे यहां शिक्षा ग्रहण करने आते थे। भारत का ज्ञान सार्वभौमिक था। हमारी संस्कृति में ज्ञान का दस्तावेजीकरण नहीं था। हमारे पूर्वजों ने शोध एवं अध्ययन कर ज्ञान को परंपरा के रूप में समाजव्यापी बनाया। अतीत के विभिन्न कालखंडों में योजनाबद् तरीके से हमारे ज्ञान को दूषित करने का कुत्सित प्रयास किया गया। भारतीय समाज में विद्यमान परंपरागत ज्ञान को पुनः शोध एवं अनुसंधान के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सापेक्ष युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में दस्तावेजीकरण से समृद्ध करने की आवश्यकता है। पुस्तकालय मानवता, नवाचार और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण के मूल आधार हैं। भारतीय दृष्टिकोण से समृद्ध साहित्य से समस्त पुस्तकालयों को समृद्ध करने की आवश्यकता है। यह बात मंत्री श्री परमार ने शुक्रवार को भोपाल स्थित राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) में संस्थान के केंद्रीय पुस्तकालय ज्ञान मंदिर के तत्वावधान में "विकसित भारत के पुस्तकालयों की पुनर्कल्पना" विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन "ज्ञानोत्सव-2025" में कही। मंत्री श्री परमार ने कहा कि भारत में हर क्षेत्र हर विषय में व्यापक ज्ञान था और भारत हर क्षेत्र में विश्वमंच पर अग्रणी एवं समृद्ध था। भारत की धरोहर इस परंपरागत ज्ञान को भारत के सापेक्ष भारतीय दृष्टि से संजोने एवं सहेजने की आवश्यकता है। पुस्तकालयों को भारतीय दृष्टि से समृद्ध साहित्य से समृद्ध बनाना होगा, समृद्ध पुस्तकालयों से विकसित एवं समृद्ध राष्ट्र का बौद्धिक सृजन होगा। मंत्री श्री परमार ने कहा कि भारत की गृहणियों की रसोई में कोई तराजू नहीं होता है, गृहणियों को भोजन निर्माण के लिए किसी संस्थान में अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं होती है। भारतीय गृहणियों में रसोई प्रबंधन का उत्कृष्ट कौशल, नैसर्गिक एवं पारम्परिक रूप से विद्यमान है। भारत की रसोई विश्वमंच पर प्रबंधन का उत्कृष्ट आदर्श एवं श्रेष्ठ उदाहरण है। भारतीय समाज में ऐसे असंख्य संदर्भ, परम्परा के रूप में प्रचलन में हैं, उनमें वर्तमान परिदृश्य अनुरूप शोध एवं अनुसंधान के साथ समृद्ध करने की आवश्यकता है। मंत्री श्री परमार ने भारतीय ज्ञान परम्परा के आलोक में अभियांत्रिकी, तकनीकी, चिकित्सा सहित हर क्षेत्र, हर विषय में सदियों से विद्यमान वैज्ञानिक दृष्टिकोण आधारित भारतीय परम्परागत ज्ञान के अनेकों उदाहरण प्रस्तुत किए। मंत्री श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने भारतीय ज्ञान परम्परा पर पुनर्चिंतन का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है। श्री परमार ने भारतीय पुरातन न्याय प्रणाली के संदर्भ में कहा कि हमारा समाज उन कालखंडों में स्वयं अनुशासित रहने वाला समाज था। उस समय किसी के घर में ताले नहीं लगाए जाते थे, समाज स्वयं नैतिक मूल्यों की अवधारणा को आत्मसात करता था। मंत्री श्री परमार ने न्यायिक प्रणाली के परिप्रेक्ष्य में भारतीय ज्ञान परम्परा की आवश्यकता एवं महत्ता पर भी बल दिया। मंत्री श्री परमार ने कहा कि देश के हृदय प्रदेश की संज्ञा से सुशोभित हिंदी भाषी मध्यप्रदेश ने भारत की अनेकता में एकता की संस्कृति को चरितार्थ करते हुए एक नई पहल की है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में देश की सभी प्रमुख भाषा जैसे कन्नड़, तमिल, तेलगु, बांग्ला, असमिया आदि भारतीय भाषाएं सिखाई जाएंगी। इससे प्रदेश के विश्वविद्यालयों से पूरे देश में भाषाई सौहार्दता का संदेश जाएगा। मंत्री श्री परमार ने कहा कि भाषाएं जोड़ने का काम करती हैं, तोड़ने का नहीं, यह व्यापक संदेश प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों से देश भर में गुंजायमान होगा। हमारा यह नवाचार देश भर में "भाषाई एकात्मता" का संदेश देगा। मंत्री श्री परमार ने कहा कि कृतज्ञता का भाव भारतीय संस्कृति एवं विरासत है। हमारे पूर्वज सूर्य सहित समस्त प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखते थे। पूर्वजों के ज्ञान के आधार पर स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष-2047 तक भारत सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर अन्य देशों की पूर्ति करने में समर्थ देश बनेगा। साथ ही वर्ष-2047 तक खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर अन्य देशों का भरण-पोषण करने में भी सामर्थ्यवान देश बनेगा। हम सभी की सहभागिता से अपने पूर्वजों के ज्ञान के आधार पर पुनः विश्वमंच पर सिरमौर राष्ट्र का पुनर्निर्माण होगा। मंत्री श्री परमार ने संस्थान के कुलगुरु एवं पुस्तकालयाध्यक्ष के साझे प्रयासों से संपादित "लाइब्रेरीज इन विकसित भारत : ब्रिजिंग ट्रेडिशन, टेक्नोलॉजी एंड ट्रांसफॉर्मेशन" पुस्तक का विमोचन भी किया। मंत्री श्री परमार ने संस्थान के कुलगुरु एवं विधि विभाग के प्राध्यापक द्वारा रचित पुस्तक "प्रोटेक्शन ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स इन साइबर स्पेस" का भी अनावरण किया। संस्थान की समाचार पत्रिका के नवीन संस्करण का भी विमोचन किया, यह संस्करण "ऑपरेशन सिंदूर" में भारतीय सेना के शौर्य पर आधारित है।  

संस्कार युक्त शिक्षा से ही प्राप्त की जा सकती हैं उंचाईयाँ : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

एमसीयू रीवा परिसर में अभ्युदय समापन सत्र भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि संस्कार युक्त शिक्षा से ही उंचाईयाँ प्राप्त की जा सकती हैं। सर्वोच्च पद पर पहुंचकर भी आमजनों के कल्याण व देश के विकास के लिये प्रयत्नशील रहें। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में नवागत विद्यार्थियों के प्रबोधन कार्यक्रम अभ्युदय के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यहां के विद्यार्थियों ने देश-विदेश में पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट स्थान बनाया है। रीवा परिसर के विद्यार्थी भी लगन व मेहनत से शिक्षित होकर अपने संस्थान का नाम रोशन करें। यह संस्थान उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में इसकी और प्रतिष्ठा होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम के साथ ही आदर्श पुस्तकों का अध्ययन करें और देश को विश्वगुरू बनाने में सहभागी बनें। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने में जागरूकता व शिक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विन्ध्य में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, वर्तमान में देश की सेना के दो सर्वोच्च पदों पर विन्ध्य के ही लाल विराजमान हैं। उप मुख्यमंत्री ने परिसर में स्थापित विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय का उद्घाटन भी किया। उन्होंने परिसर में वृक्षारोपण किया। संवाद-सत्र में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल एवं कुलगुरू तथा वरिष्ठ पत्रकारों ने विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया। कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने बताया कि पत्रकारिता के साथ कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को आने वाले समय में आईटी क्षेत्र में ख्यातिलब्ध विद्वानों का मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने नवागत विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं तथा अपेक्षा की कि वे अपने परिजनों की आशाओं पर खरे उतरेंगे और देश-विदेश में स्वयं व संस्थान का नाम रौशन करेंगे। वरिष्ठ पत्रकार श्री कृष्ण मोहन मिश्रा, श्री प्रकाश हिंदुस्तानी, श्री संजय पाण्डेय, श्री आशुतोष तिवारी, श्री जयराम शुक्ला ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन केंद्र प्रभारी डॉ. सत्येंद्र डेहरिया द्वारा किया गया।