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सलका जलाशय योजना को मिला संबल : कार्यों के लिए 2.50 करोड़ की स्वीकृति

रायपुर, छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले में खड़गंवा की सलका जलाशय योजना के कार्यों के लिए दो करोड़ 50 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना के कार्यों के पूर्ण होने पर योजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 297 हेक्टेयर में 145 हेक्टेयर की कमी की पूर्ति होगी तथा 10 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई हो सकेगी। योजना से क्षेत्र के किसानों को कुल 307 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

UN स्टाफ को हूती विद्रोहियों ने किया किडनैप, आखिर किस बात से भड़के?

सना यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र के दफ्तरों में ही बोल दिया। इन विद्रोहियों ने यूएन के 11 कर्मचारियों को बंधक बना लिया है। हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना और पोर्ट सिटी कहे जाने वाले हुदेदा में हमले किए। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के दफ्तरों में काम करने वाले करीब एक दर्जन लोगों को ही बंधक बना लिया। संयुक्त राष्ट्र के दफ्तरों पर ये हमले इजरायल की एयरस्ट्राइक के बाद किए गए है, जिसमें उसके पीएम समेत कई सीनियर कमांडर मारे गए हैं। यमन के सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि हूती विद्रोहियों ने कई दर्जन अन्यलोगों को भी बंधक बना लिया है। इन लोगों पर आरोप है कि वे इजरायल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि हूती विद्रोही जबरन ही संगठन की ओर से संचालित वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के दफ्तर में घुस आए। यूएन की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा अन्य दफ्तरों में भी तोड़फोड़ करने की कोशिश की। यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हांस ग्रंडबर्ग ने कहा कि यह बड़ा अत्याचार है। हम मांग करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों को तत्काल और बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके लोगों का काम तो बिना किसी पक्षपात के होता है। हम तटस्थता, निष्पक्षता, स्वायत्तता के तहत मानवता के लिए काम करते हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर में हमला करना और उसके लोगों को बंधक बना लेना ठीक नहीं है। यूएन ने कहा कि यह यमन की ओर से जताए गए उस संकल्प का भी उल्लंघन करता है, जिसके तहत कहा गया है कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठानों और उसके लोगों की सुरक्षा करेगा। बता दें कि पहले से ही हूती विद्रोहियों ने यूएन से जुड़े 23 लोगों को बंधक बना रखा था। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। दरअसल हूती विद्रोही लगातार कहते रहे हैं कि यमन में काम करने वाले यूएन के सहायता कर्मी जासूसी करते हैं और इजरायल एवं अमेरिका को खबरें देते हैं। बता दें कि गाजा में जंग छिड़ने के बाद से हूती विद्रोहियों ने अपना दायरा बढ़ा दिया है। हूती ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए कई कमर्शल ठिकानों को टारगेट किया है। उसका कहना है कि हम फिलिस्तीन के साथ हैं और इसके लिए इजरायल पर हमला करते रहेंगे।  

बस्तर में नक्सलियों का कहर: 18 महीने में 8 शिक्षकों की हत्या, IG ने दी सख्त चेतावनी

जगदलपुर बस्तर में अपनी दहशत कायम रखने के लिए माओवादी लगातार निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं। अति संवेदनशील क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ाने के लिए निःस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे युवा शिक्षादूतों की निर्मम हत्या कर माओवादियों ने अपनी पुरानी टैक्टिक्स को फिर से रिपीट किया है। अपनी मौजूदगी और संगठन के डर को कायम रखने के लिए पिछले डेढ़ साल में माओवादियों ने मुखबिरी का आरोप लगाकर 8 शिक्षादूतों की हत्या की है। बस्तर आईजी ने शिक्षादूतों की हत्या में शामिल माओवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। आईजी ने कहा है कि फोर्स हर एक माओवादी कैडर और उनके सहयोगियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने का काम करेगी। बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में माओवादियों ने शिक्षादूतों की हत्याओं को अंजाम दिया है। माओवादी संगठन के इस अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा है कि माओवादियों द्वारा अंजाम दी गई घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शिक्षादूतों को पुलिस मुखबिर बताना माओवादियों का कायराना प्रयास बस्तर आईजी ने कहा, निर्दोष नागरिकों और युवा शिक्षादूतों को पुलिस मुखबिर बताना महज माओवादियों का एक कायराना प्रयास है, जिसका उद्देश्य केवल स्थानीय जनता को डराना और अपने कैडरों का मनोबल बढ़ाना है, जो हाल के समय में लगातार झटकों के कारण पहले ही पूरी तरह गिर चुका है। आईजी ने शिक्षादूतों की हत्या में शामिल माओवादियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि फोर्स हर एक माओवादी कैडर और उनके सहयोगियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने का काम करेगी।

मोदी पर राहुल का हमला, कहा- हाइड्रोजन बम की बारी, जनता को क्या जवाब देंगे?

पटना  बिहार के सासाराम से शुरू हुई राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का आज (एक सितंबर) को पटना में संपन्न हुई। इस मौके पर इंडिया अलायंस के सहयोगी दलों ने बड़ा मार्च निकाला। इस बीच जनसभा को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीजेपी को चेताते हुए कहा कि अब एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम आ रहा है। वोट चोरी की आपकी सच्चाई पूरी देश को पता चलने वाली है। बिहार क्रांतिकारी प्रदेश है, और इसने पूरे देश को संदेश दिया है, कि हम वोट चोरी नहीं होने देंगे। हाइड्रोजन बम के बाद नरेंद्र मोदी अपना चेहरा देश के लोगों को नहीं दिखा पाएंगे। राहुल ने कहा कि महादेवपुरा में 'वोट चोरी' के रूप में एटम बम के बाद, हम जल्द ही हाइड्रोजन बम लाएंगे। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले अब लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। हाल ही में हमने देश के सामने 'वोट चोरी' का सबूत पेश किया। वोट चोरी का मतलब है लोगों के अधिकारों, लोकतंत्र और भविष्य की चोरी है। आपको बता दें हाल में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में अनियमितताओं के दावों का 'एटम बम' फोड़ते हुए बेंगलुरू सेंट्रल लोकसभा सीट की एक विधानसभा में एक लाख से अधिक फर्जी वोटरों के जरिए चुनावी धांधली का दावा किया था। नेता प्रतिपक्ष ने ने कहा कि हमारे लोगों ने कागज के वोटर लिस्ट से पता और फोटो मिलाकर काम किया और फिर देश के सामने सबूत रखा है। इसमें 17-17 घंटे लगे। बिहार के युवाओं से मैं कहना चाहता हूं कि वोट चोरी का मतलब अधिकार की चोरी, आरक्षण की चोरी, लोकतंत्र की चोरी, युवाओं के भविष्य की चोरी। यह सिर्फ वोट नहीं ले रहे बल्कि आपकी जमीन और राशन कार्ड सब कुछ ले जाकर अडाणी- अंबानी को दे देंगे। जिन शक्तियों ने महात्मा गांधी की हत्या की वहीं शक्तियां गांधी और आबंडेकर के संविधान की हत्या की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए हमने बिहार में यात्रा की है और आपका बेहतरीन साथ मिला है। बिहार के सारे के सारे युवा खड़े हो गए। इस दौरान राहुल ने 'वोट चोर' के नारे भी लगवाए।  

समयपालन पर कलेक्टर का जोर: देर से पहुंचने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को दिखाई सख्ती

गरियाबंद  दफ्तर में समय पर न पहुंचने वाले लेटलतीफ अफसरों को अब कलेक्टर ने सख्त संदेश दे दिया है. गरियाबंद कलेक्टर भगवान सिंह उईके ने सोमवार को कलेक्टोरेट का मुख्य दरवाजा समय पर बंद करवा दिया. उनका कहना है कि यह कदम देर से आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए उठाया गया है. कलेक्टर उईके स्वयं समय के पाबंद माने जाते हैं और रोजाना सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच दफ्तर पहुंचते हैं. इसके बावजूद कई विभागों के अधिकारी-कर्मचारी देर से दफ्तर पहुंच रहे थे. पहले भी कलेक्टर ने औचक निरीक्षण कर लेटलतीफ अफसरों को नोटिस थमाए थे, लेकिन रवैये में सुधार नहीं दिखा. सोमवार को जब एक बार फिर अधिकारी और कर्मचारी देर से पहुंचे, तो कलेक्टर ने ठीक 10:30 बजे कलेक्टोरेट का गेट बंद करा दिया. इस दौरान उन्होंने खुद खड़े होकर स्थिति का जायजा लिया. कलेक्टर उईके ने साफ कहा कि यह उनके मातहतों (अधिकारी कर्मचारी) के लिए अंतिम चेतावनी है. यदि आगे भी समय का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सिएटल साउंडर्स बने लीग्स कप चैंपियन, इंटर मियामी को हराया

सिएटल सिएटल साउंडर्स एफसी ने लीग्स कप के फाइनल में मियामी सीएफ को 3-0 से शिकस्त देकर खिताब अपने नाम कर लिया है। यह मुकाबला सोमवार (भारतीय समयानुसार) को लुमेन फील्ड में खेला गया। इंटर मियामी पर इस जीत के साथ साउंडर्स एमएलएस की इकलौती ऐसी टीम बन गई, जिसने उत्तरी अमेरिकी फुटबॉल की सभी बड़ी ट्रॉफियां जीत ली हैं। क्लब इससे पहले चार यूएस ओपन कप, दो एमएलएस कप, एक कॉनकाकाफ चैंपियंस कप और एक सपोर्टर्स शील्ड जीत चुका है। साउंडर्स ने 26वें मिनट में बढ़त हासिल कर ली। फॉरवर्ड ओसाजे डी रोजारियो ने विंगर पॉल रॉथरॉक के क्रॉस को शानदार हेडर से गोलपोस्ट में पहुंचाया। इसके बाद 84वें मिनट में डिफेंडर एलेक्स रोल्डन ने पेनाल्टी किक पर गोल दागकर बढ़त 2-0 कर दी। रॉथरॉक ने 89वें मिनट में गोलपोस्ट के सामने से एक खूबसूरत शॉट लगाकर मियामी पर सिएटल साउंडर्स की जीत पक्की कर दी। इंटर मियामी को दूसरे हाफ में बराबरी करने के कई सुनहरे मौके मिले। लुइस सुआरेज ने मौके बनाए, लेकिन लियोनेल मेसी (50वें मिनट) और तादेओ अलेंदे (60वें मिनट) इसका फायदा नहीं उठा सके। सिएटल ने अपनी ट्रॉफी कैबिनेट में उत्तरी अमेरिका की सभी बड़ी ट्रॉफियां शामिल कर ली हैं। इस जीत ने साउंडर्स को 2026 कॉनकाकाफ चैंपियंस कप के अंतिम 16 के राउंड में बाई दे दी है। इस गर्मी में फीफा क्लब विश्व कप में प्रतिस्पर्धा करने के बाद से उनका शानदार प्रदर्शन जारी है। लीग्स कप के पहले चरण में (चाहे एमएलएस हो या लीगा एमएक्स) अधिकतम अंक हासिल करने वाली इकलौती टीम बनने के बाद सिएटल ने चोटों और निलंबनों के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया और 16-2 के गोल अंतर के साथ अपनी ताकत दिखाई है। अब साउंडर्स को एक हफ्ते का ब्रेक मिलेगा। इस ब्रेक के बाद टीम 13 सितंबर को एलए गैलेक्सी के खिलाफ लुमेन फील्ड में होने वाले एमएलएस के नियमित सत्र में वापसी करेगी।  

वेस्ट दिल्ली लायंस ने जीता डीपीएल 2025, नितीश राणा बने जीत के हीरो

नई दिल्ली वेस्ट दिल्ली लायंस ने दिल्ली प्रीमियर लीग 2025 (डीपीएल) का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस टीम ने रविवार को अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में सेंट्रल दिल्ली किंग्स को 6 विकेट से शिकस्त दी। मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी सेंट्रल दिल्ली किंग्स ने सात विकेट खोकर 173 रन बनाए। टीम को 11 रन पर सिद्धार्थ जून के रूप में बड़ा झटका लगा। सिद्धार्थ महज 10 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद टीम ने 38 के स्कोर पर आर्यन राणा के रूप में अपना दूसरा सलामी बल्लेबाज भी खो दिया। आर्यन 12 गेंदों में 21 रन बनाकर आउट हुए। उनकी इस पारी में चार चौके शामिल थे। टीम लगातार अपने विकेट गंवाती गई और 78 के स्कोर तक छह बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। यहां से युगल सैनी ने प्रांशु विजयरन के साथ सातवें विकेट के लिए 78 रन जोड़ते हुए टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचा दिया। सैनी 48 गेंदों में तीन छक्कों और चार चौकों के साथ 65 रन बनाकर आउट हुए। अंतिम ओवर में प्रांशु ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक पूरा किया। प्रांशु 24 गेंदों में 50 रन बनाकर नाबाद रहे। उनकी इस पारी में चार छक्के और तीन चौके शामिल थे। विपक्षी टीम के लिए मनन भारद्वाज और शिवांक वशिष्ठ ने दो-दो विकेट अपने नाम किए। इसके जवाब में वेस्ट दिल्ली लायंस ने दो ओवर शेष रहते खिताबी मुकाबला अपने नाम कर लिया। इस टीम ने दूसरे ओवर की अंतिम दो गेंदों पर कृष यादव (13) और आयुष (0) का विकेट गंवा दिया था। कुछ देर बाद अंकित कुमार (20) भी पवेलियन लौट गए। टीम 48 के स्कोर तक अपने तीन विकेट गंवा चुकी थी। यहां से कप्तान नितीश राणा ने मोर्चा संभाला। राणा ने मयंक गुसाईं (15) के साथ चौथे विकेट के लिए 42 रन जोड़े। इसके बाद कप्तान ने ऋतिक शौकीन के साथ पांचवें विकेट के लिए 85 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई। नितीश राणा ने 49 गेंदों में सात छक्कों और चार चौकों की मदद से नाबाद 79 रन बनाए, जबकि ऋतिक 27 गेंदों में 42 रन बनाकर नाबाद रहे। विपक्षी खमे से सिमरजीत सिंह ने सर्वाधिक दो विकेट झटके, जबकि अरुण पुंडीर और तेजस बरोका ने एक-एक शिकार किया।  

राजनीतिक दल हों सक्रिय! बिहार एसआईआर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग के इस कथन पर संज्ञान लिया कि बिहार ड्राफ्ट रोल में मतदाता पंजीकरण के लिए दावे और आपत्तियों पर 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी विचार किया जाएगा। कोर्ट ने आयोग के कथन पर संज्ञान लेते हुए 1 सितंबर की समय सीमा बढ़ाने का कोई आदेश पारित नहीं किया। कोर्ट ने बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण को सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया कि वे मतदाताओं या राजनीतिक दलों को दावे, आपत्तियां, सुधार ऑनलाइन जमा करने में सहायता के लिए अर्ध-विधिक स्वयंसेवकों की नियुक्ति करें या उन्हें अधिसूचित करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके बाद प्रत्येक स्वयंसेवक को जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीएसएलए के अध्यक्ष) को एक गोपनीय रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। स्वयंसेवकों से प्राप्त जानकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के स्तर पर एकत्र की जा सकती है। 1 सितंबर के बाद भी दायर किए जा सकते हैं सुधार इससे पहले निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत तैयार मतदाता सूची के मसौदे में दावे, आपत्तियां और सुधार 1 सितंबर के बाद भी दायर किए जा सकते हैं, लेकिन मतदाता सूची के अंतिम रूप देने के बाद ही इन पर विचार किया जाएगा। जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निर्वाचन आयोग (ईसी) के इस कथन पर गौर किया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तक दावे और आपत्तियां दायर की जा सकती हैं। 'अर्ध-कानूनी स्वयंसेवकों को तैनात करे' शीर्ष अदालत ने बिहार एसआईआर को लेकर फैले भ्रम को काफी हद तक विश्वास का मामला बताते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह 1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने में व्यक्तिगत मतदाताओं और राजनीतिक दलों की सहायता के लिए अर्ध-कानूनी स्वयंसेवकों को तैनात करे। कोर्ट ने राजनीतिक दलों से भी खुद को 'सक्रिय' करने को कहा। 'पार्टी ने केवल 10 दावे दाखिल किए' निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा, 'समय सीमा में किसी भी तरह का विस्तार पूरी प्रक्रिया और अंतिम मतदाता सूची को अंतिम रूप देने में बाधा उत्पन्न करेगा।' चुनाव आयोग ने आगे कहा कि मसौदा मतदाता सूची में शामिल 2.74 करोड़ मतदाताओं में से 99.5 फीसदी ने पात्रता संबंधी दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं। राजद के दावों (जिसमें 36 दावे दाखिल करने की बात कही गई थी) का खंडन करते हुए आयोग ने कहा कि पार्टी ने केवल 10 दावे दाखिल किए हैं। 'मतदाताओं को सात दिनों के भीतर नोटिस जारी करेगा, जिनके दस्तावेज अधूरे' द्विवेदी ने आगे कहा कि राजद पार्टी की ओर से अपनी याचिका में उल्लिखित 36 दावों को भी विधिवत स्वीकार कर लिया गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि वह उन मतदाताओं को सात दिनों के भीतर नोटिस जारी करेगा, जिनके दस्तावेज अधूरे हैं। आयोग ने एसआईआर को निरंतर प्रक्रिया बताया। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों की ओर से दायर अधिकांश दावे और आपत्तियां मतदाता सूची से नामों को शामिल करने के लिए नहीं, बल्कि हटाने के लिए थीं। गोपनीय रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दूसरी ओर पीठ ने पैरालीगल स्वयंसेवकों को संबंधित जिला न्यायाधीशों के समक्ष गोपनीय रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और 8 सितंबर को उस पर विचार किया जाएगा। समयसीमा बढ़ाने की मांग राजद और एआईएमआईएम ने चुनावी राज्य बिहार में चुनाव पुनरीक्षण प्रक्रिया में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। मसौदा सूची में मतदाता नामों को शामिल करने या हटाने के लिए दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अंतिम तिथि आज थी।

वैदिक घड़ी का शुभारंभ: सूर्योदय से सूर्यास्त तक होगी समय की गणना, सीएम बोले- यही है असली भारतीय पद्धति

भोपाल   राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण और ऐप लॉन्च किया। इस घड़ी की खासियत है कि यह सूर्य की गति के साथ चलती है और सूर्योदय से नए दिन की शुरुआत करती है। इस मौके पर शौर्य स्मारक से युवाओं का बाइक व पैदल मार्च निकाला गया, जो मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचा। वहां “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी : भारत के समय की पुनर्स्थापना की पहल” विषय पर युवा संवाद हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने युवाओं से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह केवल घड़ी नहीं, बल्कि भारत की गौरवशाली परंपरा और वैज्ञानिक दृष्टि का आधुनिक स्वरूप है। वैदिक घड़ी हमारी संस्कृति को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगी।   कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी से जुड़े मोबाइल ऐप का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- 'अगर हम मंत्रियों को एक-एक घड़ी भेंट कर दी जाए तो हम भी अपने घरों में इसे स्थापित कर सकें।' वर्ष की गणना छह ऋतुओं के आधार पर की गई  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समय की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक होनी चाहिए, क्योंकि रात 12 बजे दिन बदलने का कोई औचित्य नहीं है। हमारे इतिहास में खगोल विज्ञान को सूर्य की छाया के आधार पर समझा और परिभाषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे व्रत-त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर पर नहीं, बल्कि भारतीय पंचांग पर आधारित हैं। वर्ष की गणना भी तिथियों और छह ऋतुओं के आधार पर की गई है।  सीएम ने कहा कि ये भारत का समय है…। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी अब मोबाइल ऐप के माध्यम से भी उपलब्ध है। इसे डाउनलोड कर आप अपने फोन पर हर उपयोगी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री निवास के बाहर भी वैदिक घड़ी स्थापित की गई है।  सूर्योदय से होना चाहिए दिन की गणना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे सभी त्योहार अंग्रेजी तिथियों के आधार पर नहीं आते। वर्ष की गणना भी तिथियों और छह ऋतुओं के आधार पर की गई है। इसलिए समय की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक होनी चाहिए। रात 12 बजे दिन बदलने का कोई औचित्य नहीं है। हमारी प्राचीन गणना पद्धति में 60 सेकेंड का मिनट नहीं, बल्कि 30 घंटे में 30 मुहूर्त माने जाते हैं। यह कोई बंधन नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की धरोहर और विचार का विषय है। उन्होंने कहा कि अतीत के इतिहास में खगोल विज्ञान को सूर्य की छाया से समझा जाता था। भारत का सेंटर पॉइंट उज्जैन माना गया है, लेकिन यह भी समय के साथ दोलायमान हुआ और 32 किमी दूर डोंगला तक पहुंचा। भगवान श्रीकृष्ण भी समय गणना का केंद्र खोजने डोंगला के पास नारायणा गांव आए थे, जहां उनके साथ बलराम और सुदामा भी मौजूद थे। सीएम ने आगे कहा कि 10 हजार साल पहले सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण कब हुआ था, इसकी गणना आज का कंप्यूटर भी नहीं कर पाएगा, लेकिन हमारी वैदिक काल गणना तुरंत सटीक जवाब देती है। सावन के महीने में छाता लेकर चलने की परंपरा भी इसी अनुभवजन्य गणना का परिणाम है। उन्होंने कहा कि ग्रह, नक्षत्र और तिथियों के आधार पर जीवन के सभी निर्णय तय किए जाते थे। हमने विधानसभा में भी यही परंपरा अपनाने का प्रयास किया है- रात में भी काम हो सकता है, लेकिन अमावस्या के दिन अवकाश होना चाहिए। पश्चिम का समय जब तक था, तब तक था। अब पूर्व का समय आया है। दुनिया में भारत की अच्छाइयों को लेकर जाने का यही समय सही समय है। 2014 में सरकार बनाने के 6 महीने में ही पीएम मोदी ने दुनिया मे योग को पुर्नस्थापित करने का काम किया। भारत का ज्ञान कौशल समूची मानवता के लिए है। ये घड़ी भारत की हलचल दुनिया को दिखा रही है। सबकी गति अलग- अलग है लेकिन हमारी ज्ञानगंगा की धारा और आगे तक जाए। हम सब इस घड़ी का उपयोग करते हुए इसकी चर्चा करेंगे। सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा- मोबाइल ऊपर करके क्यूआर कोड से घड़ी डाउनलोड करो। CM ने सबके मोबाइल की टॉर्च ऑन करवाई। भरतीय पंचांग ऋतुओं और प्रकृति से जुड़ा हुआ  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के लोकार्पण एवं युवाओं से संवाद कार्यक्रम में कहा कि  काल गणना और वैदिक पद्धति हमारी वैज्ञानिक और सांस्कृतिक धरोहर है। अंग्रेजी तिथियां बदलती रहती हैं, लेकिन भारतीय पंचांग ऋतुओं और प्रकृति से जुड़ा हुआ है। सावन-भाद्रपद की वर्षा, क्वार-कार्तिक की ऋतु चक्र- सभी तिथि आधारित गणना का प्रमाण हैं। चंद्रमा और समुद्र के ज्वार-भाटा से लेकर मनुष्य के शरीर पर अमावस्या–पूर्णिमा का प्रभाव वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। भारतीय गणना पद्धति में दिन सूर्योदय से सूर्योदय तक माना जाता है, न कि रात 12 बजे से। 30 मुहूर्त, 24 घंटे और समय की संरचना भारतीय काल गणना की अद्वितीय प्रणाली है। सीएम हाउस मेरा नहीं, प्रदेश की जनता का  सीएम ने कहा कि हमारे यहां विचार व्यक्त करने और सत्य के आधार पर सुधार करने की स्वतंत्रता रही है, यही हमारी संस्कृति की ताकत है। उज्जैन भारत का काल गणना का केंद्र है, जो खगोलीय दृष्टि से प्रमाणित है। पंचांग और वैदिक गणित की सटीकता को दुनिया भी स्वीकार कर रही है, कंप्यूटर जहां असफल हो जाए वहां हमारे ज्योतिषी सही उत्तर दे सकते हैं। मुहूर्त का अर्थ केवल शुभ-अशुभ नहीं, बल्कि जीवन प्रबंधन और प्रकृति के अनुकूल आचरण भी है। सीएम हाउस मेरा नहीं, प्रदेश की 9 करोड़ जनता का है। भारत के समय की नई परिभाषा लिखी जा रही इस दौरान भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि आज से भारत के समय की नई परिभाषा लिखी जा रही है। उन्होंने कहा- 'जब हम मां की कोख में आते हैं तो ईश्वर प्रारब्ध पहले ही लिख देता है। मुख्यमंत्री जी ने वैदिक घड़ी लगवाकर वास्तव में भारत के समय की पुनर्स्थापना का ऐतिहासिक कदम उठाया है।' हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म हिंदू संस्कृति में हुआ है। यह घड़ी हमें काल गणना की वैदिक परंपरा से जोड़ेगी और भारत को सोने की चिड़िया बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री निवास विरासत का साक्षी बन रहा मंत्री कृष्णा गौर ने कहा- … Read more

वोट अधिकार यात्रा पर रोक, पटना में विपक्षी नेताओं ने गांधी मैदान से किया भाषण

पटना  पटना में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा का अंतिम चरण शुरू हो गया है। यह पदयात्रा बिहार के 23 जिलों से गुजरते हुए सासाराम से 17 अगस्त को शुरू हुई थी। करीब 16 दिनों और 1300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करने के बाद यह यात्रा अब पटना के गांधी मैदान पर बड़ी रैली के साथ खत्म होगी। इस यात्रा का मकसद मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने यात्रा रोकी पटना पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर राहुल-तेजस्वी समेत इंडिया ब्लॉक के पदयात्रा को रोक दिया। भारी पुलिस बल के साथ पुलिस ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है। जब पदयात्रा को डाकबंगला चौराहे पर रोका गया तो विपक्षी नेता वहीं रुककर जनता को संबोधित करने लगे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले। इंडिया ब्लॉक के बड़े नेता हुए शामिल इस पदयात्रा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी. राजा और सीपीआई-एमएल के दीपंकर भट्टाचार्य जैसे कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। ये सभी नेता पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस और गठबंधन के कार्यकर्ताओं द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किए गए। इसके बाद सभी गांधी मैदान के लिए रवाना हुए जहां यात्रा का समापन समारोह शुरू हुआ। यात्रा का मकसद और अहमियत क्या है? यह यात्रा मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के खिलाफ जनसामान्य में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से निकाली गई है। इस पदयात्रा के दौरान भारत के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरते हुए लोगों को अपने वोट के अधिकार और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता के बारे में जागरूक किया गया। बिहार जैसे बड़े राज्य में यह कदम खास महत्व रखता है, जहां राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी माना जा रहा है।   पटना में विपक्षी नेताओं का जनसंपर्क डाकबंगला चौराहे पर यात्रा रोक दिए जाने के बाद राहुल और तेजस्वी ने वहीं से जनता को संबोधित किया। इस मौके पर विपक्षी नेताओं ने मतदाताओं को वोट अधिकार यात्रा के मकसद से अवगत कराया और चुनावी भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। गांधी मैदान में भी भारी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग जमा हुए, जिससे इस रैली का रंग और जोश दोनों बढ़ गए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, प्रशासन सतर्क पटना पुलिस ने यात्रा को रोकने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की। डाकबंगला चौराहे और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर संभव सावधानी बरती। इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में मतभेद भी देखे गए हैं। नाम तेजस्वी का, काम अखिलेश अपना कर गए… पटना में राहुल के सामने दावेदारी के ऐलान का यूपी कनेक्शन!  बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही ना हुई हो, लेकिन सियासी सरगर्मी पूरी तरह बढ़ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की जोड़ी ने बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' निकालकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने का दांव चला है तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी रणक्षेत्र में उतरकर तेजस्वी यादव के लिए सियासी बैटिंग कर दी है. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई इंडिया ब्लॉक की 'वोटर अधिकार यात्रा' अब 23 जिलों और 1300 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद पटना में समाप्त हो रही है. राहुल-तेजस्वी की यात्रा के आखिरी पड़ाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिरकत की. अपनी केवल डेढ़ दिन की बिहार यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने तेजस्वी यादव का नाम आगे करके पटना से यूपी की सियासत का एजेंडा तय करते हुए नज़र आए. बिहार में कांग्रेस का आरजेडी के साथ चुनाव लड़ना तय है, लेकिन वह तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाने के लिए तैयार नहीं है. 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान पत्रकारों ने कई बार राहुल गांधी से यह सवाल पूछा और हर बार उन्होंने खामोशी बनाए रखी. इतना ही नहीं, तेजस्वी ने राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार तक बता दिया, उसके बाद भी कांग्रेस टस से मस नहीं हुई. ऐसे में अखिलेश ने बिहार में सियासी दस्तक देने के साथ ही तेजस्वी यादव के चेहरे पर अपनी रजामंदी देकर एक बड़ा सियासी दांव चला.   तेजस्वी के नाम पर अखिलेश रजामंद तेजस्वी यादव ने कहा कि 400 पार का नारा लगाने वालों को उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने आधे पर रोक दिया. अखिलेश के अनुभव का लाभ हमें बिहार में भी मिलेगा, उनके आने से हमें बहुत मजबूती मिली है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को साथ मिलकर लड़ना है. बिहार की जनता जागरूक है. बीजेपी को चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देगी. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी तेजस्वी यादव की खूब तारीफ की और कहा कि महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. अखिलेश ने कहा कि तेजस्वी यादव से बेहतर बिहार में कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता. मैं हमेशा तेजस्वी यादव का साथ दूंगा और हर मदद करूंगा, क्योंकि उन्होंने बिहार के विकास के लिए काम किया है और नौकरी दी है. ऐसे में बिहार के लोग अपना भविष्य बनाने के लिए मतदान करें. अखिलेश ने यह बात राहुल गांधी और तेजस्वी की मौजूदगी में कही, क्योंकि कांग्रेस और राहुल गांधी ने बिहार में सीएम चेहरे के नाम पर चुप्पी साध रखी है. तेजस्वी के बहाने अखिलेश का दांव बिहार में जिस तरह से कांग्रेस और आरजेडी साथ हैं, उसी तरह से यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन है. अखिलेश यादव इस बात को जानते हैं कि बिहार में कांग्रेस ने सीएम चेहरे पर जिस तरह सियासी सस्पेंस बना रखा है, उसी तरह अगर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के 2027 के विधानसभा चुनाव में सियासी स्टैंड अपनाया, तो उससे सपा के लिए नई सियासी टेंशन पैदा हो जाएगी. यही वजह है कि अखिलेश यादव ने राहुल की मौजूदगी में तेजस्वी यादव के नाम पर अपनी मुहर लगाकर कांग्रेस पर सियासी दबाव बनाने के साथ-साथ अपने मन की बात भी कह दी है. बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी … Read more