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मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन प्रेस क्लब में भगवान गणेश की आरती में हुए शामिल

 उज्जैन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरूवार को उज्जैन प्रेस क्लब में भगवान गणेश जी की पूजा आरती में शामिल हुए। मुख्यमंत्री का प्रेस क्लब अध्यक्ष विशाल सिंह हाड़ा सहित पत्रकारों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रेस क्लब के पत्रकारों से चर्चा कर उन्हें गणेश उत्सव की शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रेस क्लब की प्रथम मंजिल पर स्थित व्यायाम केंद्र में पहुंचकर नवीन व्यायाम की मशीनों का अवलोकन किया और कुछ देर वहाँ व्यायाम भी किया। इस अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, संजय अग्रवाल, जगदीश पांचाल आदि उपस्थित थे।  

वैवाहिक दूरी बनी तलाक की वजह, कोर्ट ने पत्नी के व्यवहार को माना अमानवीय

बिलासपुर हाईकोर्ट ने शादी से जुड़े एक मामले में पति की तलाक की अर्जी को स्वीकार करते हुए पत्नी को 15 लाख रुपए स्थायी गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि बिना पर्याप्त कारण वैवाहिक जीवन से दूरी बनाना पति के प्रति क्रूरता की श्रेणी में आता है. मामला कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र का है, जहां रहने वाले दंपती 2011 से अलग रह रहे थे. कोर्ट ने पति की अपील स्वीकार करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया और पति को तलाक की डिक्री प्रदान की. मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई. कोर्ट ने कहा कि पत्नी वर्षों से अलग रह रही है, और उसने पति व ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना समेत कई मुकदमे दर्ज कराए थे. कोर्ट ने पत्नी और बेटी के भविष्य को देखते हुए पति को आदेश दिया कि वह 15 लाख रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता अदा करे. दरअसल, एसईसीएल में माइनिंग सरदार के पद पर कार्यरत युवक की शादी 11 फरवरी 2010 को हुई थी. कुछ समय बाद उनके घर बेटी ने जन्म लिया. इसके बाद दंपती के बीच विवाद बढ़ने लगे. पति का आरोप था कि पत्नी ने वैवाहिक दायित्व निभाने से इनकार कर दिया और परिवार से अलग रहने का दबाव बनाया. वहीं पत्नी ने आरोप लगाया कि लड़की होने पर ससुरालवालों का व्यवहार बदल गया और उन्होंने पांच लाख रुपये की मांग करते हुए उत्पीड़न शुरू कर दिया. पत्नी ने पति और ससुरालवालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना (498ए), घरेलू हिंसा और भरण-पोषण के मामले दर्ज कराए. उसने यह भी कहा कि पति और परिवार वालों ने मारपीट की और जान से मारने का प्रयास किया. वहीं पति ने पत्नी पर झूठे मामले दर्ज करने और कोर्ट परिसर में हमला करने तक के आरोप लगाए. सेशन कोर्ट ने 2019 में पति और उनके परिवार को सभी आपराधिक आरोपों से बरी कर दिया. इसके बावजूद पत्नी अलग ही रही. पति ने 2015 में तलाक की अर्जी लगाई थी, लेकिन 2017 में कटघोरा फैमिली कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि पत्नी की ओर से की गई कथित क्रूरता को पति साबित नहीं कर सका. इसके बाद पति ने हाईकोर्ट में अपील दायर की. हाई कोर्ट में जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच में दोनों पक्षों ने दलील पेश की. कोर्ट ने कहा कि दंपति 2011 से अलग रह रहे हैं. पत्नी ने कई आपराधिक शिकायतें कीं, जिनसे पति को मानसिक यातना झेलनी पड़ी. अलग रहने का कोई वाजिब कारण पत्नी साबित नहीं कर सकी. कोर्ट ने माना कि अब दोनों के बीच पुनर्मिलन की संभावना पूरी तरह खत्म हो चुकी है. इसके साथ ही कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह छह माह के भीतर पत्नी को 15 लाख रुपए स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में अदा करे. इस फैसले के साथ ही 14 साल से लंबित यह विवादित रिश्ता कानूनी रूप से समाप्त हो गया.

डोनाल्ड ट्रंप ने किया बड़ा संकेत, किस और नोबेल पर खुलासा

वॉशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि जल्दी ही यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग थम सकती है। उन्होंने सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं सब कुछ देख रहा हूं। अब इस इन पर नजर थी। इसके बारे में राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की से बात चल रही है। उन्होंने कहा कि कुछ होने वाला है, लेकिन वे लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन फिर भी कुछ होगा और हम ऐसा करने जा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस ने यू्क्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। इन हमलों में 15 लोग मारे गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने फोन पर दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता था कि रूस आसानी से मान जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब लगता है कि कुछ होने ही वाला है। यही नहीं डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में विक्ट्री परेड में व्लादिमीर पुतिन के हिस्सा लेने पर भी टिप्पणी की। ट्रंप ने कहा कि मुझे पता था कि ऐसा होगा और पुतिन एवं जिनपिंग के साथ किम जोंग उन भी रहेंगे। ट्रंप ने तिकड़ी पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे पता है कि वे लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। उन्हें लगा होगा कि मैं देख रहा हूं और यह सच है। अमेरिकी नेता ने कहा कि मेरे इन सभी लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं। अगले एक से दो सप्ताह में आपको पता चल जाएगा कि ये कितने अच्छे हैं। अपनी ही तारीफ करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं धैर्य रखना जानता हूं। मैं सामने वाले को चांस देता हूं कि वह आए और टेबल पर बात की जाए। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से क्रेडिट लिया और कहा कि मैंने दुनिया में 6 से 7 युद्ध रुकवा दिए हैं। मैं नोबेल प्राइज के लिए डिजर्व करता हूं। इन जंगों के बारे में बताता हुए वाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि शायद डोनाल्ड ट्रंप इजरायल-ईरान, रवांडा-कांगो, अर्मेनिया-अजरबैजान, थाइलैंड-कंबोडिया, भारत-पाकिस्तान, मिस्र-इथियोपिया और सर्बिया-कोसोवो के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने युद्ध रुकवाने के क्रेडिट लेते हुए कहा कि ये सारे देश आपस में लड़ रहे थे। इन लोगों के लिए जंग ही एक रास्ता बन गया था और शांति की बात भी भूल चुके थे। लेकिन मैंने जब दखल दिया और कहा कि अब बहुत हो चुका है। आप लोगों ने बहुत सी जानें ले ली हैं तो फिर जंग थमी और इन देशों को युद्ध से हटाने में सफल रहा। इस बार उन्होंने दिलचस्प तरीके से यह जरूर कहा कि मैं नोबेल पुरस्कार नहीं मांग रहा। इस साल के नोबेल सम्मान विजेताओं के नाम अगले महीने घोषित होने वाले हैं। ट्रंप ने कहा कि मैं तो सिर्फ युद्धों को रुकवाना चाहता हूं। मुझे दुनिया का अटेंशन पाने की कोई चाहत नहीं है।  

अब ड्रोन पहुंचाएंगे मदद: बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने की नई व्यवस्था

पंजाब  पंजाब में बाढ़ के हालात से जूझ रहे लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए भगवंत मान सरकार ने अब ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचानी शुरू कर दी है. जिन गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है, वहां ड्रोन के ज़रिए सूखा राशन, दवाइयां, पीने का पानी, बच्चों के लिए दूध और ज़रूरी सामान छतों तक पहुंचाया जा रहा है. अमृतसर, गुरदासपुर, अजनाला, फाजिल्का और पठानकोट जैसे इलाकों में ड्रोन राहत सेवा लगातार सक्रिय है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है. हर ज़रूरतमंद तक समय पर मदद पहुंचाने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है. यह तकनीक आधारित राहत अभियान न सिर्फ तेज़ है, बल्कि उन सैकड़ों लोगों के लिए उम्मीद बन गया है जो कई दिनों से फंसे हुए थे. अधिकतर प्रभावित इलाकों में राहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार बाढ़ राहत कार्यों को बखूबी अंजाम दे रही है. यही वजह है कि राज्य के अधिकतर प्रभावित इलाकों में राहत कार्य समय पर और योजनाबद्ध तरीके से हो रहे हैं. सबसे बड़ी और असरदार पहल रही है ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने की. अमृतसर, अजनाला, फाजिल्का, गुरदासपुर और पठानकोट जैसे डूबे हुए इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर ड्रोन के ज़रिए मदद पहुंचाने का काम किया है. इन ड्रोन के ज़रिए उन गांवों में भी सामान पहुंचाया गया, जहां नावें भी नहीं जा सकती थीं. लोगों तक छतों के रास्ते राशन, पीने का पानी, ज़रूरी दवाइयां, बच्चों का दूध, बुजुर्गों की दवाएं, महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड और टॉर्च जैसे सामान पहुंचाए गए. ड्रोन टीमें पूरी तरह नि:शुल्क सेवा कई ड्रोन 10 से 15 किलोमीटर तक उड़कर उन जगहों पर गए, जहां लोग दो-तीन दिन से फंसे हुए थे. ये ड्रोन टीमें पूरी तरह नि:शुल्क सेवा दे रही हैं, जो सरकार की कार्यकुशलता और समाज के सहयोग की मिसाल है. इन राहत कार्यों में पुलिसकर्मी, अफसर, मेडिकल टीमें, एनडीआरएफ, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग दिन-रात जुटे हैं. फाजिल्का में पुलिसकर्मी खुद कंधे पर बोरे लादकर राशन पहुंचा रहे हैं. गुरदासपुर और पठानकोट में अधिकारी पानी में उतरकर मेडिकल कैंप चला रहे हैं. अजनाला में प्रशासन ट्रैक्टर और नावों से राहत सामग्री बंटवा रहा है. हालात पर खुद सीएम मान की नजर मुख्यमंत्री खुद स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं, मंत्री प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन हर गांव तक राहत पहुंचाने में जुटा है. यह सिर्फ राहत की कहानी नहीं है, बल्कि भरोसे और नए सोच वाले पंजाब की कहानी है. जहां सरकार और जनता एक-दूसरे के साथ खड़े हैं. जहां ज़रूरत पड़ने पर टेक्नोलॉजी भी लोगों की सेवा में लगाई जा रही है.  

अमेरिका में 250 सालों के इतिहास में पहली बार आबादी में गिरावट आने वाली है, ट्रंप पॉलिसी से लगेगा एक और झटका

वॉशिंगटन  अमेरिका में 250 सालों के इतिहास में पहली बार आबादी में गिरावट आने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रवासियों के आने में कमी आई है। यही नहीं देश में प्रवासियों की संख्या 5,25,000 कम होनी है। एक तरफ यह गिरावट आएगी तो वहीं अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों का आंकड़ा 5 लाख 19 हजार रहने का अनुमान है। इस तरह अमेरिका की आबादी में कुल 6000 लोगों की कमी इस साल दर्ज की जाएगी। अमेरिकन इंटरप्राइजेज इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सिविल वॉर के दौरान 7 लाख लोग मारे गए थे। तब भी आबादी में गिरावट नहीं आई थी। कोरोना काल में भी अमेरिका की आबादी निगेटिव में नहीं गई थी। इसलिए यह ऐतिहासिक होगा कि अमेरिका की आबादी में इस साल गिरावट दर्ज होगी। आबादी में इस कमी की वजह अमेरिका की घटती जन्मदर भी है। बीते करीब 30 सालों से अमेरिका की औसत जन्मदर 1.6 ही बनी हुई है, जबकि रिप्लेसमेंट लेवल के लिए भी 2.1 जरूरी मानी गई है। इस तरह अमेरिका में परिवार लगातार छोटे हो रहे हैं और बच्चे पैदा करने में लोगों की रुचि कम हो रही है। इंस्टिट्यूट फॉर फैमिली स्टडीज के अनुसार अमेरिका में हर सप्ताह सेक्स करने वाले महिला और पुरुषों की संख्या 37 फीसदी ही है, जबकि 1990 में यह औसत 55 पर्सेंट था। बता दें कि अमेरिका में पहले ही प्रवासियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। आने वालों का आंकड़ा कम हुआ है तो वहीं निकलने वाले बढ़ गए हैं। इस साल के शुरुआत 6 महीनों में ही 14 लाख प्रवासियों ने अमेरिका छोड़ दिया है। अमेरिका के गृह विभाग का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से 16 लाख माइग्रेंट अमेरिका छोड़ चुके हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियां प्रवासियों को अमेरिका आने से हतोत्साहित करने वाली हैं। यही नहीं अवैध रूप से अमेरिका में आने के नाम पर प्रशासन ने 3,59,000 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें से 3 लाख 32 हजार लोगों को डिपोर्ट किया गया है। यह आंकड़ा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के शुरुआती 200 दिनों का है। हालांकि दिलचस्प तथ्य यह है कि प्रवासियों की संख्या कम होने के बाद भी देश में 15 फीसदी आबादी ऐसे लोगों की है, जो किसी और मुल्क में पैदा हुए हैं और अब अमेरिका में हैं। जानकारों का मानना है कि आबादी में कमी और खासतौर पर प्रवासियों की घटती संख्या के चलते वर्कफोर्स का संकट भी पैदा हो सकता है।  

MP की जज साहिबा पर बड़ा केस: जंगल में पैसे लेकर सुरक्षित रहने की धमकी

रीवा मध्य प्रदेश में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जज साहिबा से ही 'प्रॉटेक्शन मनी' मांग ली गई है। जिंदा रहने के लिए उन्हें 500 करोड़ रुपये देने को कहा गया है। रीवा जिले के त्योंथर न्यायालय में पदस्थ एक न्यायाधीश को धमकी भरा खत मिला है। डाक से मिले इस खत को भेजने वाले ने खुद को हनुमान नाम के एक डकैत का साथी बताया है। मामले की शिकायत सोहागी थाने में दर्ज कराई गई है जिसके बाद अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामला रीवा जिले के सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत त्योंथर न्यायालय का है। यहां पदस्थ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश मोहिनी भदौरिया को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से एक धमकी भरा पत्र मिला है। यह पत्र प्रयागराज जिले के बारा थाना अंतर्गत लोहगारा निवासी संदीप सिंह ने लिखा है। पत्र में न्यायाधीश को जान से मारने की धमकी दी है और उसके एवज में 500 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी है। पत्र लिखने वाले ने खुद को दस्यु सरगना हनुमान के गिरोह का साथी बताया है। उसने पांच अरब की फिरौती लेकर 1 सितंबर को शाम 7:45 बजे यूपी-एमपी के बॉर्डर पर स्थित बड़गड़ जंगल में बुलाया गया था। यह भी लिखा गया था कि रकम लेकर उन्हें खुद आना है। मामले की शिकायत सोहागी थाने में दर्ज करवाई गई है, जहां पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 308 (4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया है। न्यायाधीश को इस तरह से पत्र लिखने वाले आरोपी की तलाश में पुलिस टीम यूपी पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी यूपी का रहने वाला है। उसने ऐसा पत्र न्यायाधीश को किन कारणों से लिखा, उसका खुलासा आरोपी के पकड़े जाने के बाद ही हो पाएगा। एसपी विवेक सिंह ने कहा कि एक पत्र रजिस्ट्री के जरिए मिला है। इसमें धमकी देकर फिरौती की मांग की गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया था। कुछ संदिग्धों की पहचान की गई है, जो यूपी के हैं। जल्द ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। लेटर में 500 करोड़ की मांग की गई है, कारण कुछ खास नहीं बताए गए हैं।

तुलकु पाल्डेन वांग्याल की दुखद मृत्यु, चीनी हिरासत में बिताई अंतिम घड़ियां

नई दिल्ली चोएग्याल मठों के प्रमुख लामा तुलकु पाल्डेन वांग्याल की कथित तौर पर कई वर्षों के कारावास और गंभीर दुर्व्यवहार के बाद 53 वर्ष की आयु में जेल में मृत्यु हो गई। बताया गया कि उन्हें पहले गोंजो काउंटी जेल में रखा गया, फिर चामडो और बाद में ल्हासा स्थानांतरित किया गया, जहां उन्हें अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें निरंतर यातनाएं सहनी पड़ीं और उनकी रिहाई की अपीलों को अनसुना कर दिया गया। 2025 में उन्हें गांसु प्रांत ले जाया गया, जहां यातनाएं जारी रही। 19 जुलाई को हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) ने उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे बीजिंग द्वारा तिब्बती धार्मिक हस्तियों के व्यवस्थित दमन और बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित करने का स्पष्ट उदाहरण बताया। सीटीए के अनुसार, सम्मानित धार्मिक नेता तुलकु पाल्डेन वांग्याल ने अपना जीवन तिब्बती लोगों की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने तिब्बती संस्कृति के संरक्षण की वकालत की, समुदाय में एकता पर जोर दिया और तिब्बती पहचान के प्रति निष्ठा को प्रोत्साहित किया। लेकिन इन गतिविधियों ने चीनी अधिकारियों को संदेहास्पद बना दिया, जिसके कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और करीब आठ वर्षों तक जेल में रखा गया। सीटीए ने जोर देकर कहा कि उनकी मृत्यु तिब्बत में व्याप्त संकट को उजागर करती है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कठोर प्रतिबंध हैं। तिब्बती निर्वासित सरकार ने कहा कि तुलकु पाल्डेन वांग्याल के साथ चीन का व्यवहार सांस्कृतिक संरक्षण और आध्यात्मिक नेतृत्व की आवाज को दबाने की जानबूझकर नीति को दर्शाता है। सीटीए ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनके साथ हुए अन्याय को मान्यता देने और तिब्बत में जारी उल्लंघनों के लिए चीन को जवाबदेह ठहराने की अपील की। सीटीए ने कहा कि तिब्बतियों के लिए, तुलकु पाल्डेन वांग्याल का निधन न केवल एक सम्मानित लामा की क्षति है, बल्कि उत्पीड़न के खिलाफ निरंतर संघर्ष की दुखद याद भी है।  

हाथियों का उत्पात: रांची के कुल्लू में मकान ध्वस्त, परिवार तबाही का शिकार

रांची झारखंड के रांची जिले के चान्हो प्रखंड के ग्राम कुल्लू में आज तड़के हाथियों के एक झुंड ने जगदीश गंझु के घर को ध्वस्त कर दिया। वहीं घर के अंदर रखे चावल, बर्तन और घर में रखी चीजों को भी बर्बाद कर दिया। हाथियों के हमले से जगदीश गंझु को काफी नुकसान हुआ है। जगदीश गंझु एक गरीब परिवार से हैं और उनके परिवार के लिए यह एक बड़ा झटका है। हाथियों के इस हमले से ग्रामीणों में डर का माहौल व्याप्त हो गया और लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं। उन्हें चिंता है कि आगे भी हाथियों का हमला हो सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि हाथियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और प्रशासन को इस मामले में तुरंत कारर्वाई करनी चाहिए और पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान करनी चाहिए। साथ ही हाथियों को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।  

शिवसेना के MP ने उठाई मुंबई प्रदर्शन रोक की मांग, राउत ने शिंदे को लिया आड़े हाथ

मुंबई महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अगुवाई वाली शिवसेना के सांसद मिलिंद देवड़ा ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर दक्षिण मुंबई में विरोध-प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है और कहा है कि इस इलाके में, जहां वित्तीय/व्यावसायिक केंद्र और सरकारी कार्यालय स्थित हैं, वहां विरोध-प्रदर्शनों से कामकाज बाधित होता है। मिलिंद देवड़ा की यह मांग और चिट्ठी ऐसे वक्त में आई है, जब कुछ दिनों पहले ही ओबीसी आरक्षण की मांग पर मनोज जरांगे की अगुवाई में मराठा आंदलनकारियों के प्रदर्शन की वजह से मुंबई की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी चिट्ठी साझा करते हुए देवड़ा ने लिखा है, "हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, जिसने मुंबई को लगभग ठप कर दिया है, मैंने मुख्यमंत्री@Dev_Fadnavis जी को पत्र लिखा है।" उन्होंने आगे लिखा है, “हालांकि, प्रत्येक भारतीय को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) यह सुनिश्चित करे कि महाराष्ट्र का राजनीतिक और आर्थिक केंद्र ठप न हो।” संजय राउत शिंदे पर भड़के दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया है कि उन्हें जानकारी है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई में मराठा आंदोलन और उनके विरोध-प्रदर्शनों की व्यवस्था करने में शामिल थे। राउत ने मिलिंद देवड़ा की चिट्ठी साझा करते हुए एक्स पर मराठी में लिखा, “अमित शाह द्वारा प्रायोजित शिंदे गुट का असली चेहरा यही है; न्याय की मांग के लिए एकजुट हो रहे मराठी लोगों पर इनके पेट का दर्द उजागर हो गया है। शिंदे गुट के सांसद मिलिंद देवड़ा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मुंबई में मराठी लोगों के आंदोलन की अनुमति न देने की मांग की है। बालासाहेब की तस्वीर का इस्तेमाल बंद करो!” पांच दिनों तक मुंबई में जनजीवन रहा बाधित बता दें कि मराठा नेता मनोज जरांगे-पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय के लिए शिक्षा एवं नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को हुए विरोध प्रदर्शन से शहर के कई हिस्सों में दैनिक जनजीवन बाधित हो गया था। बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम ने विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर अपना परिचालन कुछ दिनों तक रोक दिया था। हालांकि, अब शहर में स्थिति सामान्य सी हो गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से भी बस सेवाएं पुनः शुरू कर दी गई हैं।  

देश के टॉप एजुकेशन संस्थान: IIT मद्रास, AIIMS और हिंदू कॉलेजों ने मारी बाज़ी

नई दिल्ली  शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को देश के टॉप कॉलेजों की लिस्ट NIRF 2025 रैंकिंग जारी कर दी है। आईआईटी मद्रास ओवरऑल और इंजीनियरिंग कैटेगरी में टॉप स्थान प्राप्त कर देश का टॉप इंस्टीट्यूट बनकर उभरा है। ओवरऑल कैटेगरी में टॉप 10 में आईआईटी इंस्टीट्यूट का दबदबा रहा है। टॉप 10 इंस्टीट्यूट की लिस्ट में 6 नाम आईआईटी इंस्टीट्यूट के शामिल हैं। दूसरा स्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलुरु को प्राप्त हुआ है। NIRF की रैंकिंग कुल 17 कैटेगरी में जारी की गई है, जिसमें ओवरऑल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, रिसर्च संस्थान, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल, डेंटल, लॉ, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, एग्रीकल्चर एंड अलायड सेक्टर, इनोवेशन ओपन यूनिवर्सिटी, स्किल यूनिवर्सिटी, स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी और सस्टेनेबिलिटी (एसडीजी) शामिल हैं। टॉप 10 इंस्टीट्यूट: ओवरऑल कैटेगरी 1. आईआईटी,मद्रास 2. IISc, बैंगलुरू 3. आईआईटी, बॉम्बे 4. आईआईटी, दिल्ली 5. आईआईटी, कानपुर 6. आईआईटी, खड़गपुर 7. आईआईटी, रुड़की 8. एम्स, दिल्ली 9. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली 10. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी यूनिवर्सिटी कैटेगरी इस साल 2025 NIRF रैंकिंग की यूनिवर्सिटी कैटेगरी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) ने छठीं बार लिस्ट में टॉप किया है। दूसरे स्थान पर चौथी बार जेएनयू रहा है। तीसरी रैंक पाने में मणिपाल अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन सफल रही है। चौथा और पांचवां स्थान जामिया मिलिया इस्लामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी को मिला है। इस वर्ष टॉप 10 यूनिवर्सिटी की कैटेगरी में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) ने भी स्थान बनाया है। टॉप 10 यूनिवर्सिटी आईआईएससी, बेंगलुरु जे.एन.यू., नई दिल्ली मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी, मणिपाल जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली बी.एच.यू., वाराणसी बिट्स, पिलानी अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ इंजीनियरिंग कैटेगरी इंजीनियरिंग कैटेगरी में पिछले वर्ष की तरह अपना टॉप स्थान बरकरार रखते हुए आईआईटी मद्रास देश का टॉप इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट बना है। दूसरा स्थान आईआईटी दिल्ली ने हासिल किया है। वहीं,तीसरा स्थान आईआईटी बॉम्बे को प्राप्त हुआ है। पिछले वर्ष आईआईटी गुवाहटी की रैंक 7 थी जो इस वर्ष नीचे खिसक कर रैंक 8 पर पहुंच गई है। टॉप 10 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट आईआईटी मद्रास आईआईटी दिल्ली आईआईटी बॉम्बे आईआईटी कानपुर आईआईटी खड़गपुर आईआईटी रुड़की आईआईटी हैदराबाद आईआईटी गुवाहाटी एनआईटी तिरुचिरापल्ली आईआईटी बीएचयू बेस्ट कॉलेज भारत के बेस्ट कॉलेज की कैटेगरी में NIRF रैंकिंग 2025 में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपना टॉप स्थान बरकरार रखा है। पिछले साल की तरह इस बार भी कॉलेज कैटेगरी में हिंदू कॉलेज ने टॉप किया है। दूसरा स्थान मिरांडा हाउस कॉलेज को मिला है। तीसरा स्थान हंसराज कॉलेज, दिल्ली को प्राप्त हुआ है। चौथे और पांचवे स्थान पर किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली और सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली रहे हैं। टॉप 5 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों का दबदबा रहा है। एनआईआरएफ रैंकिंग 2025: देश के बेस्ट कॉलेज 1. हिंदू कॉलेज, दिल्ली 2. मिरांडा हाउस, दिल्ली 3. हंस राज कॉलेज, दिल्ली 4. किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली 5 सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली 6 राम कृष्ण मिशन विवेकानन्द सेंटेनरी कॉलेज, कोलकाता 7. आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, दिल्ली 8. सेंट सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता लोयोला कॉलेज, चेन्नई 9. पीएसजीआर कृष्णम्मल महिला कॉलेज, कोयंबटूर 10. पीएसजी कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, कोयंबटूर ये हैं टॉप-5 मेडिकल कॉलेज मेडीकल कैटेगरी में एम्स, दिल्ली ने फिर से एक बार टॉप स्थान हासिल किया है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS), नई दिल्ली पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, लखनऊ