samacharsecretary.com

राजनीतिक सियासत: लालू ने तेजस्वी की ताकत बढ़ाने के लिए किया सक्रिय प्रयास, कांग्रेस देरी में

पटना राजद की चुनावी रणनीति का निर्धारण और तेजस्वी यादव को संवाद की सीख देकर एक समय निश्चिंत हो चुके लालू प्रसाद की सक्रियता दोबारा बढ़ गई है। स्वास्थ्य इसकी अनुमति नहीं देता, फिर भी वे दौड़-धूप कर रहे। एकमात्र उद्देश्य तेजस्वी को सत्तासीन करना है। लालू मान चुके हैं कि उनके हस्तक्षेप के बिना न सीटों पर समझौता संभव है और ना ही मुख्यमंत्री के चेहरे का निर्धारण। कांग्रेस आज आनाकानी कर रही, तो कल को कन्नी भी काट सकती है। चिंता महागठबंधन में पीछे धकियाने जाने की भी है। सामाजिक समीकरण का विस्तार किए बिना राजद को सत्ता मिलने से रही, जबकि परंपरागत जनाधार (मुसलमान-यादव) पर ही हिस्सेदार खड़े हो गए हैं, इसलिए लालू ने अपनी रणनीति का रुख दोतरफा कर दिया है। आक्रामक बयानों से वे कोर वोटरों को साधने का उपक्रम कर रहे, तो फील्ड में सक्रियता से विरोधियों के साथ महागठबंधन के घटक दलों को हर दांव-पेच से निपटने की चुनौती दे रहे। एनडीए, विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पर उनके बोल बेहद तीखे होते जा रहे। नीतीश सरकार के 20 वर्षों के शासन को वे "दो पीढ़ियों को बर्बाद करने वाला" करार चुके हैं। एक्स पर लिख चुके हैं, "ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में! यह गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा!" क्षेत्रीय अस्मिता को उभारने वाला यह बयान वस्तुत: जनाधार के विस्तार की आकांक्षा है। लालू सपरिवार गयाजी पहुंच थे। अपने हाथों कोई षट्कर्म नहीं किया, क्योंकि गयाजी में वे पहले ही पिंडदान कर चुके हैं, फिर भी विष्णुपद मंदिर पहुंचे। उनकी यह पहल सीतामढ़ी में जानकी मंदिर पहुंचे राहुल गांधी से उत्प्रेरित मानी जा रही, जो धुव्रीकरण की आशंका को निर्मूल करने के उद्देश्य से रही। मुसलमानों के हिमायती राजद के लिए ध्रुवीकरण की स्थिति कभी लाभप्रद नहीं रहती, इसलिए लालू ने तेजस्वी को इससे बचते हुए ''खैनी में चूना रगड़ देने'' वाले बयान को बारंबार दोहराने की सीख दी। यह बयान वस्तुत: अगड़ों पर आक्षेप और कोर वोटरों को साधने का उपक्रम रहा। बहरहाल, लालू की रणनीति युवा-महिला वोटरों को लुभाने और एनडीए के वोट-बैंक में सेंधमारी के साथ तेजस्वी की छवि को एक प्रगतिशील नेता के रूप में स्थापित करने की है। माई-बहिन मान योजना और शत प्रतिशत डोमिसाइल के वादे के साथ महागठबंधन में नए सहयोगियों (झामुमो और रालोजपा) को जोड़ने से इसका आभास होता है। सारे निर्णय लालू के रहे। हालांकि, परिवार के भीतर मतभेद, महागठबंधन में अंतर्द्वंद्व और कानूनी चुनौतियां उनकी इच्छाओं पर तुषारापात कर रहीं। इसके बावजूद वे तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा बता रहे, क्योंकि इसके लिए अभी कोई दूसरा दमदार आवाज नहीं। पांच फरवरी को नालंदा में लालू ने तेजस्वी को ही महागठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा बताया था। उसके बाद मोतिहारी में कहा कि "तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता।" इस उद्घाेष के बावजूद कांग्रेस पेच फंसाए है। ऐसे में लालू इत्मीनान से नहीं बैठ सकते। मोतिहारी में वे पूर्व विधायक यमुना यादव के निधन पर शोक जताने गए। पुराने नेताओं के स्वजनों का दु:ख साझा करने के लिए ऐसे ही वैशाली और आरा भी जा चुके हैं। इस स्तर पर लालू की सक्रियता पिछले वर्षों में नहीं रही। हालांकि, उनकी अति-सक्रियता राजद की संभावना के प्रतिकूल भी पड़ जाती है। तब जंगलराज की पुनर्वापसी की आशंका जताते विरोधी कुछ अधिक आक्रामक हो जाते हैं।  

दोबारा ऐसा ना हो: कतर संकट पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, नेतन्याहू को किया फोन

तेल अवीव  बीते दो सालों से गाजा में हमास और इजरायल के बीच जारी जंग पहले ही कई देशों तक पहुंच चुकी है। लेबनान, ईरान जैसे देशों से इजरायल सीधे जंग में उतर चुका है, लेकिन मंगलवार को उसने हैरान कर दिया। इजरायली सेना ने कतर की राजधानी दोहा पर ही हमले कर दिए और हमास के आतंकियों को टारगेट करने का दावा किया। यह वही कतर है, जहां पर हमास के साथ मध्यस्थता की मीटिंगें होती रही हैं। ऐसे में शांति वार्ता का मंच बने देश के अंदर ही घुसकर हमले करने से पूरे मिडल ईस्ट के ही हालात बिगड़ने की आशंका है। रविवार और सोमवार को कतर ने इस्लामिक और अरब देशों की समिट बुला ली है। इस समिट में इजरायल के हमले से पैदा हालातों पर चर्चा होगी। इस बीच खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इजरायल की इस हरकत पर खफा हैं। Axios ने सूत्रों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने फोन करके बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि ऐसी हरकत दोबारा नहीं होनी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि यह एकदम स्वीकार नहीं किया जा सकता। मैं कह रहा हूं कि आप ऐसी हरकत फिर नहीं करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर की राजधानी में हमले से डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार भी भौंचक्के रह गए। इसी को लेकर जब बात हुई तो ट्रंप ने नेतन्याहू और उनके सलाहकारों के काम पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर आप ऐसा कैसे कर सकते हैं। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई है। डोनाल्ड ट्रंप के ऐतराज और मुस्लिम देशों के भड़कने के बाद भी बेंजामिन नेतन्याहू अपने रुख पर अडिग हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि कतर समेत आतंकियों को पालने वाले देशों पर हम हमले करते रहेंगे। उन्होंने कतर की सीधा और खुला चैलेंज देते हुए कहा है कि या तो वह आतंकियों को निकाल बाहर करे या फिर हमलों के लिए तैयार रहे। इस बीच लेबनान में एक बार फिर से इजरायल की सेना ने हमले किए हैं। सेना का कहना है कि हमने हिजबुल्ला के ठिकानों को तबाह किया है। ये हमले लेबनान की बेका घाटी में हुए हैं, जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। सीरिया ने खुद किए हिजबुल्ला के ठिकानों पर अटैक, इजरायल को सफलता इजरायली सेना ने कहा कि हमने बेका घाटी में हिजबुल्ला के ऐसे ठिकानों पर हमले किए हैं, जहां उसने हथियारों का जखीरा रखा है। यहां पहले भी इजरायल हमले करता रहा है। इस बीच इजरायल को एक सफलता यह मिली है कि सीरिया ने खुद ही अपने देश में स्थित हिजबुल्ला के ठिकानों को टारगेट किया है। दरअसल सीरिया के मौजूदा राष्ट्रपति अहमद अल शारा को हिजबुल्ला के खिलाफ माना जाता है। वहीं पहले के राष्ट्रपति बशर अल असद को हिजबुल्ला समर्थक माना जाता था।  

यात्रियों के लिए बड़ी खबर: त्रिभुवन हवाई अड्डा फिर से संचालन में, नेपाल में हालात सामान्य

वीरगंज (नेपाल) नेपाल में आंदोलन के कारण बंद पड़ा काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा गुरुवार की सुबह से पुनः संचालन में आ गया है। लगभग 24 घंटे के बाद उड़ानों की शुरुआत होने से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। जानकारी के अनुसार, सामान्य परिस्थितियों में त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रतिदिन लगभग 300 उड़ानों का संचालन होता है, जिसमें 200 घरेलू और 100 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शामिल हैं। प्रतिदिन 14-16 हजार यात्री घरेलू और 12-14 हजार यात्री अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते हैं। हवाई अड्डा बंद होने के कारण हजारों यात्री विभिन्न गंतव्यों पर फंसे रहे। हवाई अड्डे के महाप्रबंधक हंसराज पांडे ने बताया कि संचालन शुरू होने के साथ ही पहले चरण में नेपाल एयरलाइंस कार्पोरेशन और हिमालय एयरलाइंस की चार उड़ानें रवाना हुईं। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य सेवाएं भी बहाल की जा रही हैं। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की परेशानी और शिकायतों को देखते हुए सुरक्षा समिति के साथ बैठक के बाद परिचालन की अनुमति दी गई। सीएएएन ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी हवाई अड्डों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही एयरलाइंस और ट्रैवल एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि टिकट जांच और सुरक्षा प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही यात्रियों को यात्रा की अनुमति दी जाए। इस बीच, घरेलू एयरलाइंस बुद्धा, यति और श्री एयरलाइंस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए यात्रियों से हवाई अड्डे पर पहुंचने का आग्रह किया है। गुरुवार सुबह से उड़ानों का संचालन सामान्य रूप से शुरू हो गया है।

एआई की जांच में सामने आई यूपी मतदाता सूची की त्रुटियां, डुप्लीकेट वोटर्स का सत्यापन तेज

ज्ञानपुर  चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) के विरोध चल ही रहा है कि यूपी में भी मतदाता सूची में तमाम गड़बड़ियां सामने आने लगी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचस्थानीय मतदाता सूची की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से जांच कराई तो प्रदेश के हर जिले में डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम सामने आए। भदोही जिले में 10.93 लाख मतदाताओं में से 2.34 लाख मतदाता ऐसे मिले हैं जिनका मतदाता सूची में एक ही नाम दो स्थानों पर है। इन मतदाताओं का 29 सितंबर तक सत्यापन होना है। इसके लिए 701 बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) गांव-गांव वहां की मतदाता सूची से मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं।   निर्वाचन आयोग ने इस कार्यक्रम को संशोधन, विलोपन और परिवर्धन का नाम दिया है। डुप्लीकेट मतदाता का नाम एक स्थान से कटेगा वहीं नाम में कोई गलती है तो वह संशोधन होगा। जबकि मृतक, शादी शुदा लड़कियों का नाम विलोपन यानि काटा जाएगा। जबकि एक जनवरी 2025 को 18 साल आयु पूर्ण करने वालों का नाम सूची में जोड़ा जाएगा। 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव को निष्पक्ष के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य शुरू कर दिया है। आयोग ने एआइ की जांच में भदोही जिले के दो लाख 34 हजार 333 ऐसे मतदाताओं को पकड़ा है जिनके नाम दो स्थानों पर है। वर्तमान में जिले की 546 ग्राम पंचायतों में 10.93 लाख मतदाता हैं।   सत्यापन के दौरान एआइ की सूची ठीक निकली तो यह नाम कट जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग की सूची के मुताबिक औराई में सबसे अधिक 58452 और अभोली में सबसे कम 18781 डुप्लीकेट मतदाता हैं। जिले की 546 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान का अगले वर्ष चुनाव होना है। इसमें जिला पंचायत के 26 जिला पंचायत सदस्य, छह ब्लाकों के 835 क्षेत्र पंचायत सदस्य और नौ हजार ग्राम पंचायत सदस्य हैं। बोले अध‍िकारी राज्य निर्वाचन आयोग से जिलों को भेजी गई सूची में दो लाख 34 हजार 333 डुप्लीकेट मतदाता मिले हैं। इनका बीएलओ के माध्यम से सत्यापन कराया कराया जा रहा है। सूची गलत मिली तो दो जगह से एक नाम हटाया जाएगा। – डीएस शुक्ल, उप निर्वाचन अधिकारी, पंचस्थानीय।   

फ्लोरिडा में ट्रंप अटैक केस: आरोपी ने लिया फैसला, खुद लड़ेगा मुकदमा

नई दिल्ली राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे टर्म के लिए प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के आरोपी के खिलाफ अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सुनवाई गुरुवार से शुरू हो गई। ट्रंप पर ये हमला दक्षिण फ्लोरिडा में गोल्फ खेलने के दौरान हुआ था। आरोपित रेयान रूथ ने अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज एलीन कैनन के सामने खुद ही अपनी बात रखने का फैसला किया, जिसके बाद अदालत ने नियुक्त किए वकीलों को हटाने की अनुमति दे दी। हालांकि, वे अदालत कक्ष में मौजूद रहेंगे और अगर रूथ को किसी तरह की मदद की जरूरत होगी तो वे सहायता देंगे। रूथ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया खारिज रूथ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है, जिसमें हथियार कानून का उल्लंघन करके राष्ट्रपति पद के बड़े उम्मीदवार और एक संघीय अधिकारी पर हत्या के इरादे से हमला करने की बात कही गई है। सरकारी वकीलों ने क्या लगाया आरोप? सरकारी वकीलों ने आरोप लगाया कि 59 साल के रूथ ने 15 सितंबर 2024 को घात लगाकर ट्रंप की हत्या करने की कोशिश की थी। ट्रंप अपने वेस्ट पाम बीच कंट्री क्लब में गोल्फ खेल रहे थे। उन दिनों वह राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के तौर पर अपना प्रचार भी कर रहे थे। उस हमले से नौ हफ्ते पहले भी ट्रंप पर पेन्सिलवानिया राज्य में कातिलाना हमला हुआ था। उस दौरान बंदूकधारी ने ट्रंप पर आठ राउंड फायर किए थे, जिसमें एक गोली ट्रंप के कानों को छूकर निकल गई थी।

प्रधानमंत्री का दौरा टला, आपदाग्रस्त जिलों पर निगाह बनाए रखी उच्च स्तरीय बैठक

देहरादून प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मौसम अनुकूल न होने के कारण प्रधानमंत्री मोदी का आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र के हवाई सर्वेक्षण का कार्यक्रम टल गया। प्रधानमंत्री अभी जोलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित गेस्ट हाउस में उच्च स्तरीय बैठक ले रहे हैं। इसके बाद वह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए आपदा प्रभावितों और राहत व बचाव में लगी टीमों के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री का जनपद चमोली के प्रभावित क्षेत्र का हवाई दौरा फिलहाल मौसम खराब होने से स्थगित हो गया है। यह जानकारी पुलिस चौकी प्रभारी मानवेन्द्र गुसाईं द्वारा दी गई है। वहीं एयरपोर्ट जा रहे महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला समेत कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रायपुर स्थित महाराणा प्रताप कॉलेज चौक पर रोक लिया।

भ्रष्टाचार पर CBI का वार, EPFO अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया

नई दिल्ली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जगदीश तांबे के रूप में हुई, जो पश्चिमी दिल्ली में ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त के पद पर थे। सीबीआई ने जानकारी दी कि क्षेत्रीय आयुक्त जगदीश तांबे को शिकायतकर्ता से 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सीबीआई ने 9 सितंबर को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने एक व्यक्ति के खिलाफ आरडीए कार्यवाही को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए 3 लाख रुपए की अवैध रिश्वत की मांगी थी। बातचीत के बाद आरोपी अधिकारी ने शिकायतकर्ता से डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेने पर सहमति व्यक्त की। इसी बीच, व्यक्ति ने सीबीआई को मामले की जानकारी दी। सीबीआई ने बुधवार को जाल बिछाया और आरोपी क्षेत्रीय आयुक्त को शिकायतकर्ता से 1.5 लाख रुपए की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।फिलहाल, सीबीआई इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। इस प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि जिन नागरिकों को भ्रष्टाचार के मामले देखने को मिलते हैं या जिनसे अधिकारी रिश्वत मांगते हैं, वे सीबीआई दफ्तर पहुंचकर या मोबाइल नंबर (9650394847) पर सूचना दे सकते हैं। इससे पहले, सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को शिकायतकर्ता से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। सीबीआई ने 25 अगस्त को दिल्ली के अशोक विहार थाने में तैनात हेड कांस्टेबल और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि सब-इंस्पेक्टर (एसआई) और आरोपी हेड कांस्टेबल ने शिकायतकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने के लिए उससे 3 लाख रुपए की मांग की थी। बातचीत के बाद आरोपी हेड कांस्टेबल ने शिकायत को बंद करने के लिए शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपए की रिश्वत लेने पर सहमति जताई। आरोपी हेड कांस्टेबल ने शिकायतकर्ता को 25 अगस्त को ही 1 लाख रुपए का आंशिक भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी हेड कांस्टेबल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

पीयूष गोयल का बड़ा बयान: भारत और अमेरिका की ट्रेड डील की बातचीत सफल, नवंबर में पहला फाइनल चरण

नई दिल्ली केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील का पहला चरण नवंबर तक फाइनल हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच चर्चा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों पक्ष अब तक की प्रगति से संतुष्ट हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान गोयल ने कहा कि फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मंत्रियों को इस समझौते पर काम करने और इस साल नवंबर तक पहले चरण को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया था। गोयल ने आगे कहा कि इस ट्रेड डील का पहला चरण नवंबर 2025 तक पूरा हो जाना चाहिए, और मार्च से ही इस विषय पर बहुत अच्छे माहौल में बहुत गंभीरता से चर्चा चल रही है और प्रगति हो रही है। साथ ही कहा कि इस प्रगति से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं। गोयल का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब सोशल मीडिया पर डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ट्रेड डील को लेकर सकारात्मक संवाद हुआ है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा कि वह दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से खुश हैं और उन्हें विश्वास है कि दोनों देश एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। ट्रंप ने आगे कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि वह आने वाले हफ्तों में अपने "बहुत अच्छे दोस्त" प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हैं। एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका को अपना घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रेड डील भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने में मदद करेगी और आश्वासन दिया कि दोनों टीमें चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। बाद में ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के पोस्ट को फिर से शेयर किया, जो दिखाता है कि ट्रेड डील को लेकर दोनों देशों में सकारात्मक रुख बना हुआ है।

व्यापार बाधाओं को खत्म करने के लिए मणिपुर सरकार ने यूनाइटेड नगा काउंसिल से की अपील

इंफाल  मणिपुर सरकार ने राज्य में नगा समुदाय की शीर्ष संस्था यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) से नगा बहुल क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन 'व्यापार प्रतिबंध' हटाने का अनुरोध किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यूएनसी और अन्य नगा संगठनों ने भारत-म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त करने का विरोध करते हुए 8 सितंबर की मध्यरात्रि से सभी नगा आबादी वाले क्षेत्रों में व्यापार प्रतिबंध लागू कर दिया। इंफाल में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इंफाल-जिरीबाम राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-37) और इंफाल-दीमापुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-2) पर विभिन्न स्थानों पर सैकड़ों माल से लदे और खाली ट्रक, साथ ही परिवहन ईंधन ले जाने वाले टैंकर फंसे हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने यूएनसी अध्यक्ष एनजी लोरहो को लिखे एक पत्र में अनुरोध किया कि जनहित में अपना आंदोलन वापस ले लें और गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नगा संगठनों के साथ अपनी बातचीत जारी रखी। मुख्य सचिव ने यूएनसी अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा: "गृह मंत्रालय, नगा बहुल क्षेत्रों में भारत और म्यांमार के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर यूएनसी के साथ बातचीत कर रहा है। राज्य सरकार को इस विषय पर आपके ज्ञापन और अभ्यावेदन भी प्राप्त हुए हैं।" पत्र में आगे कहा गया है, "यह सूचित किया जाता है कि केंद्र सरकार ने यूएनसी और अन्य हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर ध्यान दिया है। तदनुसार, केंद्र सरकार बाड़ लगाने का काम शुरू करने से पहले यूएनसी और अन्य हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के लिए बातचीत कर रही है और करती रहेगी। यूएनसी के साथ अगली त्रिपक्षीय बैठक पारस्परिक रूप से तय की गई तिथि और स्थान पर होगी।" इस बीच, गृह मंत्रालय के अधिकारियों और मणिपुर के तीन नगा समूहों के नेताओं ने 26 अगस्त को दिल्ली में पुरानी एफएमआर को बहाल करने और भारत-म्यांमार सीमा पर चल रही बाड़ लगाने की कार्रवाई को रोकने की मांग पर एक बैठक की थी। ये बैठक बेनतीजा रही। गृह मंत्रालय की आधिकारिक टीम का नेतृत्व डॉ. के.पी. मिश्रा कर रहे हैं, जो पूर्वोत्तर मामलों पर गृह मंत्रालय के सलाहकार हैं, जबकि 11 सदस्यीय नागा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूएनसी अध्यक्ष एनजी लोरहो ने किया और इसमें यूएनसी, ऑल नागा स्टूडेंट्स एसोसिएशन, मणिपुर (एएनएसएएम) और नागा महिला संघ (एनडब्ल्यूयू) के प्रतिनिधि शामिल थे। यूएनसी ने पहले केंद्र सरकार को एक अल्टीमेटम दिया था और 16 अगस्त को मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ बैठक की थी, जिसमें पुराने एफएमआर को बहाल करने और मणिपुर से लगी भारत-म्यांमार सीमा के 398 किलोमीटर पर बाड़ लगाने पर रोक लगाने पर चर्चा की गई थी। यूएनसी और अन्य नागा संगठन पिछले साल से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं और "एफएमआर को एकतरफा रूप से रद्द करने और भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने" का विरोध कर रहे हैं। व्यापार प्रतिबंध और मालवाहक वाहनों के रोके जाने के कारण, सोमवार से इस पूर्वोत्तर राज्य में राज्य के बाहर से आवश्यक वस्तुओं और खाद्यान्नों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। आर्थिक नाकेबंदी ने राज्य के कई हिस्सों में आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर दिया है, जिससे इंफाल घाटी और दक्षिणी कुकी-बहुल पहाड़ी जिलों पर असर पड़ा है। व्यापार प्रतिबंध का सेनापति, उखरुल और तामेंगलोंग जिलों पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जहां आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक विभिन्न चौकियों पर फंसे हुए हैं। नगा संगठनों के अनुसार, सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को निरस्त करने के सरकार के फैसले से मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और म्यांमार में रहने वाली नगा जनजातियां भौतिक रूप से विभाजित हो जाएंगी, जिससे उनकी सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक और पैतृक संबंधों को खतरा होगा। पिछले साल गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि एफएमआर, जो पहले भारत-म्यांमार सीमा पर रहने वाले लोगों को बिना पासपोर्ट और वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक यात्रा करने की अनुमति देता था, को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके बजाय, गृह मंत्रालय ने सीमा पार आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए सीमा के दोनों ओर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले भारत और म्यांमार दोनों के सीमावर्ती निवासियों को पास जारी करने की एक नई योजना अपनाने का फैसला किया था। नागालैंड और मिजोरम की सरकारें और दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के कई राजनीतिक दल और नागरिक समाज सीमा पर बाड़ लगाने और पुराने एफएमआर को खत्म करने का कड़ा विरोध कर रहे हैं। चार पूर्वोत्तर राज्य—अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम – म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी बिना बाड़ वाली सीमा साझा करते हैं। गृह मंत्रालय ने पहले 31,000 करोड़ रुपये की लागत से हथियारों, गोला-बारूद, नशीले पदार्थों और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए जानी जाने वाली पूरी सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया था।

दत्तक पुत्र की भांति वृद्धजनों को अडाप्ट करने पर फोकस किया जाए : मंत्री कुशवाह

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए सुझाव भोपाल  सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह गुरूवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित सामाजिक कल्याण एवं सुरक्षा क्षेत्र पर मंत्री समूह की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। बैठक केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मंत्री श्री कुशवाह ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस, ईज ऑफ लिविंग को बेहतर बनाने तथा नागरिकों और उद्यमों पर अनुपालन बोझ कम करने के लिए दत्तक पुत्र की भांति वृद्धजनों को अडॉप्ट करने, पैरेंटल केयर लीव लिए जाने तथा सशुल्क वृद्धाश्रमों को पीपीपी मोड पर विकसित करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से समाज कल्याण के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो सकेगा। मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि वृद्धजनों को समाज की मुख्य धारा में बनाए रखने की जरूरत है, जो वृद्धजन शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, उनको क्षमता के अनुसार रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी वृद्धाश्रमों, नशा मुक्ति केंद्र, डीआरसी भिक्षु गृह आदि के संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर बनाया जाना चाहिए। सभी जरूरतमंदों के लिए एक हेल्पलाइन विकसित किए जाने, ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों को 50 वर्ष की आयु के बाद वृद्धजनों का दर्जा दिए जाने तथा केन्द्र में ओबीसी एवं एससी विभाग पृथक पृथक बनाए जाने का सुझाव भी दिया। केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कि विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को आगे बढ़ाने के लिये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय समाज के वंचित वर्गों के विकास के लिए एक रोड मैप पर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में सभी प्रदेशों के सामाजिक न्याय विभागों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के अनुरूप संस्थाओं को सुदृढ़ बनाना, केंद्र, राज्य, नगर निगम सुधारों की पहचान करना और मौजूदा कानून में आवश्यक संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है। इसी कड़ी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुझाव आमंत्रित किए गये है।