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आज का राशिफल (14 सितंबर): खास राशि वालों के लिए खुशखबरी, सफलता और संपत्ति के संकेत

मेष राशि- मेष राशि वालों के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। आप अपने करियर को लेकर नए से जोश और उत्साह का अनुभव करेंगे। हर कार्य में सफलता मिलेगी। निवेश करने के लिए समय शुभ है। आज के दिन आपको विभिन्न स्तोत्रों से धन लाभ भी हो सकता है। वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों को आज अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। रिलेशिनशिप में गलतफहमियां पैदा न होने दें। अपनी बातचीत में स्पष्ट और प्रत्यक्ष होने की कोशिश करें। प्रेमी की बातों को ध्यान से सुनें। पैसे कमाने के नए तरीकों खोजें। मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों के करियर में कुछ अनिश्चित बदलाव हो सकते हैं। जो आपके लिए कुछ रोमांचक और नए अवसर लेकर आ सकता है। इस समय आपको कुछ कठिन निर्णय लेने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। अपने खर्चों पर थोड़ा नियंत्रण रखें। कर्क राशि- कर्क राशि वालों के लिए आज का दिन अच्छा कहा जा सकता है। जीवन में चली आ रही परेशानियां दूर होंगी। आपको अपने काम के लिए पहचान मिल सकती है, जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ा को बढ़ाने में मदद करेगा और आपको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। सिंह राशि- सिंह राशि वालों के लिए आज का दिन चुनौतियों से भरा रह सकता है। आपके ऊपर अधिक जिम्मेदारियां आ सकती हैं या आप एक नए करियर की शुरुआत कर सकते हैं। इस समय खुद पर ध्यान केंद्रित करना और रहना बेहद महत्वपूर्ण है। जरूरत से अधिक जिम्मेदारियों का बोझ खुद पर न लें। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं। कन्या राशि- कन्या राशि वालों के दिन अच्छा रहेगा। करियर में तरक्की के कई मौके मिलेंगे। दूसरों के साथ मिलकर काम करने से आप अधिक सफलता हासिल कर सकते हैं। अन्य लोगों के विचारों को स्वीकार करना सीखें और आवश्यकता पड़ने पर समझौता करने के लिए तैयार रहें। हालांकि, अपनी राय साझा करने में संकोच न करें। निवेश के लिए नए अवसर तलाश करने की कोशिश करें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। तुला राशि- तुला राशि वाले आज अधिक मेहनत करेंगे। मेहनत का फल जरूर मिलेगा। आप अपने करियर को लेकर अधिक महत्वाकांक्षी महसूस कर सकते हैं। अपने लक्ष्यों का निर्धारण कर अपने प्रोफेशनल लाइफ को विकसित बनाने के लिए नए अवसरों का पीछा करें। आर्थिक रूप से दिन अच्छा रहेगा। वृश्चिक राशि- आपके लिए यह दिन बड़े बदलावों वाला हो सकता है। रिस्क ले सकते हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साहसिक कदम उठाएं। काम पूरा करने की ओर ध्यान दें। आज निवेश के नए अवसर तलाशें और अपने वित्त में सुधार करने की कोशिश करें। जीवनसाथी का आज पूरा साथ मिलेगा। धनु राशि- आज का दिन धनु राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। प्रोफेशनल लाइफ में सफलता मिलेगी। करियर को आगे बढ़ाने के नए अवसर मिलेंगे। वित्तीय रूप से, यह किसी भी ऋण का भुगतान करने या अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने के लिए एक अच्छा समय हो सकता है। मकर राशि- मकर राशि वालों के लिए दिन सामान्य रहेगा। करियर के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। कार्यस्थल पर आपको अतिरिक्त जिम्मेदारियां उठानी पड़ सकती हैं। कड़ी मेहनत का फल मिलेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। इस समय निवेश न करें। कुंभ राशि- कुंभ राशि वालों को थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता होगी। कम्युनिकेशन स्किल्स का फायदा उठाएं। अपने विचारों को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से व्यक्त करें। प्रेमी के साथ समय व्यतीत करें। व्यापार में भी सावधानी से फैसले लें। अपने प्रोफेशनल सर्किल का भी विस्तार करें। मीन राशि- आपके जीवन में बड़े बदलाव हो सकते हैं। यह दिन आपके लिए काफी रोमांचक हो सकता है। यह दिन नर्वस करने वाला भी हो सकता है। अपने खर्चों पर नजर रखें। आज स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। दापंत्य जीवन भी खुशियों से भरा रहेगा।

माँ और अफ़सर: 20 दिन की बेटी के साथ आत्मविश्वास से DSP बनी वर्षा की कहानी

सतना मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीएससी 2024) की चयन सूची ने इस बार सतना और मैहर के होनहारों की चमक बढ़ा दी है। लेकिन इनमें सबसे प्रेरणादायक कहानी है मैहर जिले की वर्षा पटेल की, जिन्होंने गोद में 20 दिन की मासूम बेटी लेकर साक्षात्कार दिया और सीधे डीएसपी पद पर चयनित होकर महिला वर्ग में प्रदेश में पहली रैंक हासिल की। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन गई है। 20 दिन की बेटी को गोद में लेकर साक्षात्कार रामनगर क्षेत्र के बाबूपुर गांव की रहने वाली वर्षा पटेल की परीक्षा यात्रा आसान नहीं रही। यह उनका तीसरा प्रयास था। जब इंटरव्यू का कॉल आया, उस वक्त उनकी बेटी श्रीजा सिर्फ 20 दिन की थी। लेकिन मातृत्व की जिम्मेदारी और प्रशासनिक सेवा का सपना, दोनों को साथ लेकर वर्षा इंटरव्यू में पहुंचीं। बेटी को गोद में लेकर उन्होंने हर सवाल का आत्मविश्वास से जवाब दिया। बाहर निकलते ही उन्हें महसूस हुआ कि अब सफलता तय है और नतीजों ने भी यही साबित कर दिया।   पति ने छोड़ी नौकरी, दिया हौसला वर्षा ने अपनी पढ़ाई दमोह से की और बीएससी बायो से उच्च शिक्षा हासिल की। तैयारी के दौरान उन्होंने मात्र छह माह इंदौर से कोचिंग ली, बाकी मेहनत खुद पर भरोसा कर की। इस पूरे संघर्ष में उनके पति संजय कुमार सबसे बड़ा सहारा बने। इंजीनियर होने के बावजूद उन्होंने पत्नी के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और मैहर में रहकर व्यवसाय शुरू किया। वर्षा मानती हैं कि उनकी सफलता में पति का त्याग और सहयोग सबसे अहम है।   आशीष पाण्डेय ने भी बढ़ाया सतना का मान इसी सूची में सतना जिले के रैगांव क्षेत्र के इटौरा गांव के आशीष पाण्डेय का चयन ट्रेज़री ऑफिसर पद पर हुआ है। उनके पिता उमेश पाण्डेय गुजरात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। आशीष ने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है। साधारण परिवार से निकलकर यह मुकाम पाने वाले आशीष युवाओं के लिए मिसाल हैं।

‘कुशल प्रशासक’ वाला बयान बना बवाल, ABVP ने सुखाड़िया विवि में किया प्रदर्शन

नई दिल्ली उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा के हालिया बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। शुक्रवार को बप्पा रावल सभागार में आयोजित सेमिनार में मिश्रा ने कहा, “हम इतिहास में महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान और अकबर जैसे शासकों को सुनते हैं। हम कई अच्छे राजाओं को याद रखते हैं, और कुछ औरंगजेब जैसे भी थे, जो एक कुशल प्रशासक था।” एबीवीपी का विरोध इस टिप्पणी पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कड़ा विरोध जताया। एबीवीपी उदयपुर महानगर मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति को ऐतिहासिक तथ्यों पर टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने इस बयान को विद्यार्थियों और इतिहास प्रेमियों के लिए अनुचित बताया। “विकसित भारत 2047” विषय पर सेमिनार प्रो. मिश्रा यह बयान “भारतीय ज्ञान प्रणाली: विकसित भारत 2047 के लिए रोडमैप” विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में दे रही थीं। कार्यक्रम गुरु नानक कन्या स्नातक महाविद्यालय और एसोसिएशन ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसमें उन्होंने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत पर भी जोर दिया और कहा कि भारतीय परंपराएं जीवन जीने का सही मार्ग दिखाती हैं। विवाद का केंद्र बनी एक टिप्पणी हालांकि उनका भाषण मुख्य रूप से सकारात्मक बिंदुओं पर केंद्रित था, लेकिन औरंगजेब को ‘कुशल प्रशासक’ कहने वाली टिप्पणी चर्चा का केंद्र बन गई। शहर के शैक्षणिक और राजनीतिक हलकों में इसे लेकर बहस शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान शैक्षणिक मंचों पर संवेदनशील होते हैं और अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है।  

2 सेकेंड से भी कम समय में एक्टिव होगा ‘कवच’, अब प्लेन क्रैश का डर खत्म?

नई दिल्ली कुछ महीने पहले अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी। इस घटना से सबक लेते हुए इंजीनियर्स ने एक ऐसा कॉन्सेप्ट तैयार किया है, जिससे कोई विमान कभी भी क्रैश नहीं होगा और हवाई यात्रियों की जान बचाने में भी कारगर साबित हो सकता है। इस कॉन्सेप्ट को 'प्रोजेक्ट रीबर्थ' नाम दिया गया है और इसे दुबई के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के दो इंजीनियरों एशेल वसीम और धरसन श्रीनिवासन ने तैयार किया है। पारंपरिक सुक्षा उपायों से अलग है ये सिस्टम यह पारंपरिक सुरक्षा उपायों से अलग है और इसे जेम्स डायसन अवॉर्ड के लिए फाइनल लिस्ट में चुना गया है। इस अंतरराष्ट्रीय डिजायन पुरस्कार की घोषणा 5 नवंबर को की जाएगी। क्रैश सर्वाइवल सिस्टम आकस्मिक दुर्घटना से यात्रियों की जान बचाएगा। क्या है इस सिस्टम की खासियत? इस सिस्टम की खासियत है कि ये ऊंचाई, गति, दिशा और आग लगने की स्थिति और पायलट की प्रतिक्रिया जैसे जरूरी कारकों पर लगातार पैनी नजर रखता है। इसके अलावा, अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को पता चलता है कि 3 हजार फीट से कम ऊंचाई पर किसी घटना का जरा भी अंदेशा होता है और उसे टाला नहीं जा सकता है तो ऐसी स्थिति में यह सिस्टम अपने आप एक्टिव हो जाता है। दो सेकेंड से भी कम समय में विमान के अगले हिस्से, बीच के हिस्से और सबसे पीछे वाले हिस्से, तीनों जगह से बड़े-बड़े 'कवच' (विशाल एयरबैग) बाहर निकलेंगे। ये एयरबैग लेयर्ड क्लोथ से बने होते हैं, जो विमान के मुख्य हिस्से को सुरक्षित रखते हैं।

2050 करोड़ का बड़ा प्रोजेक्ट: एमपी के किसानों को मिलेगा मालामाल होने का मौका

भोपाल मध्यप्रदेश के किसानों की किस्मत संवरनेवाली है। खासतौर पर प्रदेश के 18 जिलों के किसान जल्द ही मालामाल हो सकते हैं। ये जिले कपास उत्पादन में अग्रणी हैं। यहां के कपास किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए धार में पीएम मित्रा पार्क की स्थापना की जा रही है। 2050 करोड़ का यह प्रोजेक्ट कपास उत्पादक किसानों के लिए समृद्धि के द्वार खोल देगा। ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में मध्यप्रदेश देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध‍ि पा चुका है। यही वजह है कि इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है। वस्त्र उद्योग में निवेश के लिए मध्यप्रदेश सबसे उपयुक्त राज्य साबित हो रहा है। ऐसे में किसानों का कपास न केवल हाथों हाथ बिकेगा बल्कि इसकी कीमत भी अच्छी मिलेगी। राज्य सरकार का दावा है कि कपास आधारित उद्योगों के विस्तार से किसानों को उनकी फसल का दोगुना मूल्य मिलेगा। पीएम मित्रा पार्क प्रोजेक्ट गांव-गांव तक आर्थिक गतिविधियों को गति देगा और स्थानीय बाजारों से लेकर निर्यात तक नई संभावनाएं पैदा करेगा। प्रदेश के मालवा अंचल के डेढ दर्जन जिलों में सबसे ज्यादा कपास होता है। इनमें प्रमुख रूप से इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा और बुरहानपुर शामिल हैं। पिछले 3 वर्षों में यहां खासा कपास हुआ है। वर्ष 2022-23 में 8.78 लाख मीट्रिक टन, 2023-24 में 6.30 लाख मीट्र‍िक टन और 2024-25 में 5.60 लाख मीट्र‍िक टन कपास उत्पादन हुआ।‍ सीएम डॉ. मोहन यादव बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को धार के पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास करेंगे। इससे मध्यप्रदेश देश की काटन कैपिटल बन जाएगा। कपास उत्पादक किसानों का अंतर्राष्ट्रीय बाजार से सीधा संपर्क हो जाएगा। किसान वैश्व‍िक बाजार से जुड़ जाएंगे। इस तरह धार का पीएम मित्रा पार्क कपास उत्पादक किसानों के लिए समृद्धि के द्वार खोलेगा। धार का पार्क 2158 एकड़ जमीन पर करीब ₹ 2050 करोड़ की लागत से विकसित किया जा रहा है। फर्स्ट फेज के अधोसंरचना विकास के लिए 773 करोड़ रुपए की लागत के टेंडर 30 जून 2025 को जारी किए गए। यह पार्क विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां 20 MLD का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 10 MVA का सौर ऊर्जा संयंत्र, पानी और बिजली की पुख्ता आपूर्ति, आधुनिक सड़कें और 81 प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स जैसी व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं। 18 जिलों की धरती कपास की फसल से लहलहाती बता दें कि मध्यप्रदेश लंबे समय से कपास उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। प्रदेश के करीब 18 जिलों की धरती कपास की फसल से लहलहाती है। करीब 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी बोवनी की जाती है। हर साल करीब 24 लाख टन कपास पैदा होता है। 27 हजार 109 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव इतना ही नहीं, देश में जितना ऑर्गेनिक कॉटन पैदा होता है, उसका करीब 40 प्रतिशत अकेले मध्यप्रदेश से आता है। यही वजह है कि वस्त्र उद्योग के लिए मध्यप्रदेश सबसे उपयुक्त गंतव्य साबित हुआ है। इस प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों का भरोसा भी साफ दिखाई देता है। अब तक कुल 27 हजार 109 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। पार्क “फार्म से फाइबर, फैक्ट्री से फैशन और विदेश” की संपूर्ण वैल्यू चेन को साकार करेगा। यहां किसानों से प्राप्त कच्चे कपास का उद्योगों में धागा बनेगा, वहीं से वस्त्र-परिधान तैयार होंगे और यही उत्पाद विदेशों तक जाएंगे। इस तरह पूरी वैल्यू चेन एक ही स्थान पर पूरी होगी। पीएम मित्रा पार्क से करीब 3 लाख रोजगार सृजित होंगे। इसमें एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे। वस्त्र क्षेत्र के बड़े संगठन और उद्योग समूह यहां आकर निवेश की रुचि दिखा चुके हैं। इससे न केवल प्रदेश को औद्योगिक लाभ मिलेगा, बल्कि निर्यात को भी नई दिशा मिलेगी। धार से तैयार वस्त्र और परिधान अब सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचेंगे और मध्यप्रदेश वैश्विक टेक्सटाइल हब के रूप में अपनी अलग पहचान बनाएगा।

10,000 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री सहित अवैध पटाखा फैक्टरी सीज, खेतों में छुपा था कारखाना

फरीदाबाद तिगांव क्षेत्र में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्टरी पर मुख्यमंत्री उड़न दस्ते ने छापेमारी की। इस दौरान टीम ने करीब 10 हजार किलो से अधिक पटाखे और विस्फोटक सामग्री बरामद की। मौके से भारी मात्रा में पोटाश, एल्युमिनियम पाउडर, कोयला पाउडर और पैकिंग सामग्री भी मिली। टीम के साथ पहुंची पुलिस ने फैक्टरी मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार, उड़न दस्ते को सूचना मिली थी कि तिगांव के गांव अलीपुर में खेतों के बीच अवैध पटाखा फैक्टरी चलाई जा रही है। फैक्टरी में विस्फोटक सामग्री का बड़े पैमाने पर भंडारण किया गया है। सूचना मिलते ही टीम ने अग्निशमन, प्रदूषण, बिजली विभाग और स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी की।   छापेमारी में पता चला कि इस अवैध फैक्टरी का संचालन रोहित कुमार निवासी रोहिणी, दिल्ली कर रहा था। फैक्ट्री से 170 पेटी और 243 कैरेट तिल्ली पटाखे बरामद हुए, जिनका कुल वजन 10119 किलो था। इसके अलावा 40 किलो पोटाश, 5 किलो एल्युमिनियम पाउडर और 400 किलो कोयला पाउडर भी बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपी रोहित कुमार के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, बिजली विभाग ने मौके पर बिजली चोरी का मामला पाया और अलग से कार्रवाई की। प्रदूषण विभाग ने भी बिना अनुमति के फैक्ट्री चलाने पर कार्यवाही शुरू कर दी है।    

दादा-दादी की संपत्ति पर पोते-पोतियों का अधिकार नहीं, जब तक माता-पिता जीवित हैं – दिल्ली HC

नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पोता या पोती अपने माता-पिता के जीवित रहते संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा नहीं कर सकते हैं। यह आदेश अदालत ने एक सिविल याचिका को खारिज करते हुए दिया, जिसमें याचिकाकर्ता कृतिका जैन ने अपने पिता राकेश जैन और चाची नीना जैन के खिलाफ दिल्ली की एक संपत्ति में एक चौथाई हिस्सेदारी का दावा किया था। न्यायमूर्ति पुरुषैन्द्र कुमार कौरव ने मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया कि कृतिका के दावे में कोई कानूनी आधार नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि कृतिका की दादी-पोती का दर्जा प्रथम श्रेणी की उत्तराधिकारी के रूप में नहीं आता, जब तक उसके माता-पिता जीवित हैं। कोर्ट ने कहा कि कृतिका के दिवंगत दादा पवन कुमार जैना की ओर से जो संपत्ति खरीदी गई थी, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा आठ के तहत केवल उनकी विधवा और संतान में ही विभाजित होती है। अदालत ने कहा कि वर्ष 1956 के बाद से प्रथम श्रेणी उत्तराधिकारी की संपत्ति उनका व्यक्तिगत स्वामित्व बन गई है, जो संयुक्त परिवार की संपत्ति नहीं मानी जाएगी। अदालत ने यह भी साफ किया कि यह निर्णय समाज में व्याप्त भ्रांति को दूर करता है, जहां यह माना जाता था कि पोते-पोतियां अपने दादा-दादी की संपत्ति पर माता-पिता के रहते ही हकदार बन जाते हैं।

महाराष्ट्र सरकार के सूचना और जनसम्पर्क अधिकारियों का अध्ययन दल म.प्र. आया

अधिकारियों ने मध्यप्रदेश जनसम्पर्क की कार्यप्रणाली को सराहा भोपाल  मध्यप्रदेश राज्य सरकार की विभिन्न जनहितकारी योजनाओं को राज्य के नागरिकों तक पहुँचाने के लिए मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग आधुनिक तकनीक का उपयुक्त उपयोग कर रहा है। यहाँ पारंपरिक माध्यमों के साथ नवीनतम डिजिटल और सोशल मीडिया का भी प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार के सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अध्ययन दल ने जनसंपर्क विभाग और म.प्र. माध्यम संस्थान का दौरा किया और विभाग एवं माध्यम संस्थान के कार्यों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। अध्ययन दल में सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय के उपसंचालक (प्रशासन) श्री गोविंद अहंकारी, वरिष्ठ सहायक संचालक (सूचना) श्री नंदकुमार वाघमारे, सहायक संचालक (सूचना) श्री गजानन पाटील, सहायक संचालक (सूचना) श्री सचिन ढवण, सहायक संचालक (सूचना) श्री धोंडिराम अर्जुन शामिल थे। उप संचालक श्री अहंकारी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी में हो रही प्रगति से मीडिया में लगातार नए परिवर्तन हो रहे हैं। इन परिवर्तनों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश का जनसंपर्क विभाग उसी प्रकार से अद्यतन है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से ऐसी नई तकनीकों को अपनाने का निरंतर प्रयास किया जाएगा। इस प्रक्रिया में यह जानना जरूरी है कि अन्य राज्यों में सूचना और प्रचार के लिए किस प्रकार आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है और क्या उससे हम कुछ नया सीख सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के नए युग में हो रहे परिवर्तनों का सामना करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय द्वारा अन्य राज्यों के जनसंपर्क विभाग के कार्यप्रणाली की जानकारी लेने हेतु अध्ययन दौरे आयोजित किए गए हैं। इसी क्रम में उप संचालक श्री गोविंद अहंकारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग का दौरा किया।  

लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि बताया, पीएम मोदी का नेपाल को सशक्त संदेश

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कर्की को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कदम महिलाओं के सशक्तिकरण का चमकदार उदाहरण है। पीएम मोदी ने इंफाल में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के रिश्ते साझा इतिहास, आस्था और संस्कृति पर टिके हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल के लोगों के साथ इस परिवर्तन के समय मजबूती से खड़ा है। पीएम मोदी ने कहा, "मैं 140 करोड़ भारतीय की ओर से कर्की को बधाई देता हूं। मुझे भरोसा है कि वह नेपाल में शांति, स्थिरता और विकास का रास्ता खोलेंगी।"   सुशीला कर्की ने संभाली कमान शुक्रवार रात सुशीला कर्की ने नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश भी रह चुकी हैं। उनकी नियुक्ति ने नेपाल की राजनीति में चल रही अनिश्चितता को खत्म किया। केपी शर्मा ओली की सरकार को सोशल मीडिया बैन के खिलाफ बड़े आंदोलन के कारण इस्तीफा देना पड़ा था। राष्ट्रपति पौडेल, सेना के शीर्ष अधिकारियों और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवाओं की बैठक के बाद कर्की को अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई। पीएम मोदी ने नेपाल की जनता की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में लोग राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद इमारतों को साफ और रंग रोगन कर रहे हैं। पीएम मोदी ने क्या कहा? उन्होंने कहा, "मैं नेपाल की जनता को बधाई देता हूं जिन्होंने कठिन हालात में भी लोकतंत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा।" पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि भारत और नेपाल साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं और नई दिल्ली नेपाल की लोकतांत्रिक यात्रा व स्थिरता में हर कदम पर उसके साथ खड़ी है।  

लोकसेवकों के लिए सर्वाधिक डिजिटल प्रशिक्षण कोर्स तैयार करने वाला पहला राज्य बना मध्यप्रदेश

डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म iGOT पोर्टल पर दो सौ से अधिक हिंदी के प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल  मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत लोक सेवकों की कार्यदक्षता बढ़ाने उन्हें डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म iGOT पोर्टल पर पंजीकृत कर लिया गया है। अभी तक 3 लाख 34 हजार लोक सेवकों को आवश्यक विषयों में प्रशिक्षण भी आवंटित किया गया जा चुका है। मध्यप्रदेश सर्वाधिक डिजिटल प्रशिक्षण iGOT पोर्टल पर निर्मित करने वाला पहला राज्य बन गया है और सबसे अधिक लोकसेवकों को iGOT पोर्टल पर पंजीकृत करने वाला तीसरा राज्य है। सभी राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमियों में म.प्र. की आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी अपने प्रयासों में अग्रणी अकादमी है। आईगाट – iGOT पोर्टल पर 1800 से अधिक अंग्रेजी तथा आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल द्वारा तैयार 200 से अधिक हिंदी के प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर केन्द्र सरकार द्वारा लोकसेवकों की कार्यक्षमता बढ़ाने और उनको नागरिक केन्द्र‍ित होकर कर्मयोगी के रूप में दक्षतापूर्वक अपनी भूमिका निभाने मिशन कर्मयोगी वर्ष 2020 में लागू किया गया था। यह आनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त करने का ऐसा प्लेटफार्म है जिसके माध्यम से सरकारी अधिकारी-कर्मचारी कहीं भी – कभी भी – किसी भी स्थान से अपनी सुविधानुसार स्व-प्रशिक्ष‍ित हो सकते हैं। वे अपनी दक्षता और ज्ञान बढ़ाने अपने विभाग से संबंधित विषयों पर उपलब्ध पाठयक्रमों में प्रशिक्ष‍ित हो सकते हैं। इसके अलावा अपनी रूचि अनुसान अन्य विभागों के लिए बने पाठयक्रमों में भी प्रशिक्ष‍ित हो सकते हैं। 15 से 19 सितम्बर तक कर्मयोगी iGOT पर सीखें सप्ताह का आयोजन यह प्रशिक्षण सभी विभागों में कार्यरत विभिन्न कैडर्स के लोक सेवकों के लिए प्रासंगिक है। इनमें NPS, सिविल सेवा आचरण नियम, यात्रा भत्ता नियम, भंडार क्रय नियम, RTI, E-office, जैसे अन्य कई विषयों पर पाठ्यक्रम बनाए गए हैं, जिन पर लोक सेवक प्रशिक्षित हो सकते हैं। साथ ही सभी विभागों की कार्यप्रणाली से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यों पर विभिन्न डिजिटल पाठ्यक्रम निर्मित किए गए हैं, जिनसे अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यस्थल पर ही प्रशिक्षण प्राप्त कर दक्ष हो सकें। अकादमी के महानिदेशक, श्री सचिन सिन्हा के नेतृत्व में आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी द्वारा 15 से 19 सितम्बर तक सभी विभागों में कर्मयोगी iGOT पर सीखें सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 15 सितम्बर को इसका शुभारंभ किया जाना प्रस्तावित है। क्षमता निर्माण नीति लागू करने में मध्यप्रदेश आगे क्षमता निर्माण आयोग से मिले इनपुट को शामिल कर बनी क्षमता निर्माण नीति लागू करने में मध्यप्रदेश अग्रणी है। सभी विभागों में क्षमता निर्माण इकाइयाँ स्थापित हो गई हैं और प्रशिक्षण की आवश्यकता का विश्लेषण करने के बाद कैडर-वार क्षमता निर्माण कार्य योजनाएँ तैयार की जा रही हैं। विभागों में क्षमता निर्माण प्रबंधकों की सेवाएँ लेने का भी प्रावधान है। उन्हें क्षमता निर्माण इकाइयों द्वारा सहयोग दिया जायेगा। क्षमता निर्माण प्रबंधकों द्वारा वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाएं तैयार की जाएंगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत मानव संसाधन की दक्षता दर्शाने वाला एक डैशबोर्ड तैयार किया गया है, जिससे माध्यम से मुख्यमंत्री कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता की स्थिति जान सकेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति हर 6 महीने में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के संबंध में विभागों के प्रदर्शन पर निगरानी रखेगी, जबकि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति क्षमता निर्माण परिषद हर वर्ष इसकी समीक्षा करेगी। मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाना और उनकी क्षमता में निरंतर सुधार करना है। कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश क्षमता निर्माण नीति के अनुसार पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। क्षमता निर्माण नीति 2023 प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विभाग में वेतन बजट का एक प्रतिशत अनिवार्य रूप से कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर खर्च किया जायेगा। यदि अधिक आवश्यकता हुई तो वित्त विभाग की अनुमति से इसे 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इससे प्रत्येक कर्मचारी को आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त होगा। कर्मचारी से कर्मयोगी की ओर बदलाव की यह पहल है। इससे नियम आधारित मॉडल से भूमिका आधारित माडल बनाने की यात्रा शुरू हो गई है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। प्रशिक्षण की निरंतर आवश्यकता के मूल्यांकन के साथ वार्षिक क्षमता निर्माण प्लान बनाना आवश्यक हैं। कर्मचारियों के लिए भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं की रूपरेखा बनाना अब अनिवार्य है। सेल्फ लर्निंग पोर्टल आईगाट के अधिकाधिक उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नई क्षमता निर्माण योजना में कर्मचारियों की भूमिका को अधिक सार्थक और उपयोगी बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश ने अपनी क्षमता निर्माण नीति को डिजाइन करने और लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें क्षमता निर्माण आयोग के इनपुट शामिल हैं।