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लौकी खाने से पहले सोच लें! इन 5 लोगों को हो सकता है बड़ा नुकसान

क्या आप भी सोचते हैं कि लौकी दुनिया की सबसे सेहतमंद सब्जियों में से एक है? क्या आप भी हर बार इसे प्लेट में देखकर सोचते हैं कि यह सिर्फ फायदे ही देगी? तो ठहरिए! अक्सर हम जिस चीज को फायदेमंद मानते हैं, वही कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। आपकी रसोई की यह 'सुपरफूड' लौकी भी कुछ खास लोगों के लिए भारी पड़ सकती है। आइए जानते हैं ऐसे 5 लोग कौन हैं , जिन्हें लौकी खाने से पहले दो बार सोचना चाहिए। लो ब्लड प्रेशर के मरीज अगर आपका ब्लड प्रेशर अक्सर कम रहता है, तो लौकी से दूरी बनाए रखना ही समझदारी है। लौकी में ऐसे गुण होते हैं जो ब्लड प्रेशर को और कम कर सकते हैं। ज्यादा मात्रा में लौकी खाने से चक्कर आना, कमजोरी या बेहोशी जैसी समस्या हो सकती है। पाचन की समस्या वाले लोग जिन लोगों को अक्सर गैस, पेट फूलना या अपच की शिकायत रहती है, उन्हें लौकी सोच-समझकर खानी चाहिए। लौकी में फाइबर और पानी की अधिकता पाचन तंत्र को धीमा कर सकती है, जिससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है। खासकर रात के समय लौकी खाने से बचें। किडनी से जुड़ी समस्याएं किडनी के मरीजों के लिए लौकी नुकसानदेह हो सकती है। लौकी में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है, जिसे किडनी के लिए फिल्टर करना मुश्किल हो सकता है। शरीर में पोटैशियम का स्तर बढ़ने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो उनकी हालत को और बिगाड़ सकता है। गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खान-पान का विशेष ध्यान रखना होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लौकी में मौजूद कुछ टॉक्सिन गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को लौकी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। सबसे जरूरी बात अगर आप गलती से भी कड़वी लौकी खा लेते हैं, तो यह आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। कड़वी लौकी में 'कुकुरबिटासिन' नामक एक टॉक्सिक कंपाउंड होता है, जो उल्टी, दस्त, पेट में तेज दर्द और गंभीर मामलों में फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। यही वजह है कि लौकी की सब्जी या जूस बनाने से पहले हमेशा उसका एक छोटा टुकड़ा चखकर देख लेना चाहिए। अगली बार जब आप लौकी को अपनी डाइट में शामिल करें, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या में, अपनी डाइट में बड़ा बदलाव करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लेना ही सबसे सही होता है।  

ड्राय स्कैल्प के लिए अपनाएं ये 3 घरेलू उपाय

क्या आपको बार-बार सिर में खुजली होती है और बालों में सफेद पपड़ी नजर आती है? अगर हां, तो बता दें कि यह ड्राई स्कैल्प की निशानी है। ड्राई स्कैल्प की वजह से न सिर्फ खुजली होती है, बल्कि बाल भी कमजोर होकर टूटने लगते हैं। जी हां, अगर आप इस समस्या से परेशान हैं, तो इस आर्टिकल में बताए गए 3 घरेलू नुस्खे आपके काम आ सकते हैं। नारियल का तेल नारियल का तेल तो हर घर में मौजूद होता है। यह सिर्फ बालों को पोषण ही नहीं देता, बल्कि ड्राई स्कैल्प के लिए भी रामबाण है। रात में सोने से पहले आप हल्के गरम नारियल तेल से सिर की मालिश कर सकते हैं और सुबह बालों को धो सकते हैं। बता दें, इससे आपको कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा। एलोवेरा जेल एलोवेरा में मॉइस्चराइजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो रूखी और खुजली वाले स्कैल्प को शांत करते हैं। इसके लिए, फ्रेश एलोवेरा जेल को सीधे स्कैल्प पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर नॉर्मल पानी से बाल धो लें। बता दें, हफ्ते में दो बार ऐसा करने से जल्द ही आपका स्कैल्प हेल्दी हो जाएगा। दही का हेयर मास्क दही में लैक्टिक एसिड मौजूद होता है, जो स्कैल्प को साफ करने और नमी बनाए रखने में मदद करता है। एक कटोरी दही में थोड़ा-सा शहद मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे अपनी स्कैल्प पर अच्छी तरह लगाएं और 30 मिनट बाद धो लें। यह मास्क आपकी स्कैल्प को हाइड्रेट करने के साथ-साथ बालों को भी मुलायम बनाएगा। इन आसान उपायों को अपनाकर आप बिना किसी केमिकल के अपनी ड्राई स्कैल्प की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं और अपने बालों को हेल्दी बना सकते हैं।

वरात्रि विशेष: नौ दिनों में मां दुर्गा को चढ़ाएं ये नौ भोग, दूर होंगी सारी बाधाएं

इस बार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होने जा रही है, जिसका समापन 1 अक्टूबर के दिन होगा. शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि नवरात्र के इन पावन नौ दिनों में भक्तजन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करते हैं . नवरात्र में पूजा-पाठ के साथ-साथ भोग का भी खास महत्व होता है. मान्यता है कि मां दुर्गा को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर सुख, समृद्धि, शांति और शक्ति की वर्षा करती हैं. हर दिन मां के एक अलग स्वरूप की पूजा की जाती है और हर देवी का प्रिय भोग भी अलग होता है. इसीलिए नवरात्र के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के स्वरूप के अनुसार भोग अर्पित करने की परंपरा है. आइए जानते हैं उन नौ दिव्य भोग के बारे में. शारदीय नवरात्र के नौ दिन और नौ अलग-अलग भोग  पहला दिन – मां शैलपुत्री इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है. इस दिन गाय के घी का भोग लगाने से मां दुर्गा की विशेष कृपा भक्तों पर होती है, ऐसी मान्यता है कि इससे  रोग और कष्ट दूर होते हैं. दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी इस दिन मां दुर्गा को मिश्री का भोग लगाने की परंपरा है, इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है. तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा इस दिन मां दुर्गा मां चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. इस दिन माता को खीर का भोग लगाने से मानसिक शांति और दुखों से मुक्ति मिलती है. चौथा दिन – मां कूष्मांडा इस दिन मां दुर्गा को मालपुए का प्रसाद चढ़ाने से  जीवन के सभी दुखों का नाश होता है.  पांचवां दिन – मां स्कंदमाता शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन मां को केले का भोग लगाना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. छठा दिन – मां कात्यायनी इस दिन मां कात्यायनी को शहद का प्रसाद चढ़ाना चाहिए. इससे आकर्षण शक्ति बढ़ाती है और रिश्ते मधुर होते हैं. सातवां दिन – मां कालरात्रि इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बनी चीजें अर्पित करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. आठवां दिन – मां महागौरी आठवां दिन दुर्गा मां के महागौरी रूप की पूजा होती है, इस दिन देवी को नारियल का भोग चढ़ाना चाहिए. इससे संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती है. नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री नौवें दिन मां सिद्धिदात्री को तिल का प्रसाद चढ़ाना चाहिए. इससे अचानक आने वाली विपत्तियों से सुरक्षा मिलती है. 

जौनपुर सड़क हादसा: दर्शनार्थियों की बस और ट्रेलर में भिड़ंत, चार मृत, नौ लोग घायल

जौनपुर जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सीहीपुर में रविवार की रात भीषण सड़क हादसा हुआ। श्रद्धालुओं से भरी बस ट्रेलर से टकरा गई। हादसे में अब तक चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी श्रद्धालु छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। कैसे हुआ हादसा छत्तीसगढ़ से 50 श्रद्धालुओं से भरी बस अयोध्या गई थी। अयोध्या दर्शन करने के बाद सभी श्रद्धालु वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जा रहे थे। भोर में करीब तीन बजे बस लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सीहीपुर में पहुंची थी। जहां ट्रेलर को ओवरटेक करने के चक्कर में बस टकरा गई। टक्कर के बाद मची चीख- पुकार हादसा इतना भीषण था कि टक्कर के बाद मौके पर चीख-  पुकार मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस से सभी श्रद्धालुओं को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने चार श्रद्धालुओं को मृत घोषित कर दिया। जबकि अन्य श्रद्धालुओं का इलाज जारी है। क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी एसपी जौनपुर डॉक्टर कौस्तुभ के मुताबिक हादसे में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई है। सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। जबकि नौ लोग घायल हैं। जिनका इलाज किया जा रहा है। मामले की छानबीन की जा रही है।

जमीन के झगड़े में खूनखराबा: हिस्ट्रीशीटर भांजे ने प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारकर किया घायल

उदयपुर रविवार देर रात शहर के विजय सिंह पथिक नगर क्षेत्र में प्रॉपर्टी व्यवसायी और अंजुमन तालिमुल इस्लाम के केबिनेट सदस्य मोहम्मद अनीस पर फायरिंग की गई। वारदात रात करीब 11 बजे हुई, जब अनीस के ही भांजे और हिस्ट्रीशीटर फरदीन उर्फ गांजा ने पीछे से उनकी कमर पर गोली चला दी। गोली लगते ही अनीस जमीन पर गिर पड़े। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार इस हमले के पीछे जमीनी विवाद कारण बताया जा रहा है। आरोपी फरदीन हाल ही में अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से बाहर आया था। उस पर मारपीट, अवैध हथियार रखने और अन्य आपराधिक गतिविधियों के कई मामले पहले से दर्ज हैं। इलाके में उसकी पहचान एक शातिर अपराधी के रूप में है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामा-भांजे के बीच जमीन को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका है। रविवार रात फरदीन ने मौका पाकर गोली चलाई और वारदात के बाद मौके से फरार हो गया। अचानक हुई इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। सूचना मिलते ही सवीना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने बयान दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। फरदीन की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार मोहम्मद अनीस की हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन चिकित्सकों की टीम लगातार उन्हें निगरानी में रख रही है।

मॉनसून ने लिया जल्दी रुख्सत, कई राज्यों में सूखे जैसे हालात का खतरा

नई दिल्ली मॉनसून इस साल समय से पहले देशभर में छाया और अब इसके विदाई भी समय से पहले शुरू कर दी है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून 14 सितंबर, 2025 को पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से वापस चला गया है, जबकि इसकी सामान्य तिथि 17 सितंबर है. वहीं, अगले 2-3 दिनों के दौरान राजस्थान के कुछ और हिस्सों तथा पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में प्रवेश करता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. फिर ये 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है. आईएमडी का पूर्वानुमान था कि 15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. हालांकि ये वापसी 14 सितंबर से ही शुरू हो गई. बता दें कि इस साल मॉनसून ने सामान्य तिथि 8 जुलाई से नौ दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया था. 2020 के बाद से इस साल मॉनसून ने सबसे जल्दी पूरे देश को कवर कर लिया था, इससे पहले, 2020 में 26 जून तक ऐसा हुआ था. वहीं, इस बार केरल से मॉनसून का आगमन भी 24 मई को हुआ था, जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसका सबसे पहला आगमन था, जब यह 23 मई को मॉनसून पहुंचा था. देश में मॉनसून सीजन में अब तक 836.2 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 778.6 मिमी होती है, जो 7 प्रतिशत अधिक है. मई में आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया था कि भारत में जून-सितंबर मॉनसून सीजन के दौरान 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106 प्रतिशत प्राप्त होने की संभावना है. इस 50-वर्षीय औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को 'सामान्य' माना जाता है. कैसे तय होती है मॉनसून की वापसी? दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी कुछ मानदंडों पर तय होती है.     पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर एक प्रतिचक्रवाती परिसंचरण का विकास.     लगातार 5 दिनों के दौरान क्षेत्र में शून्य बारिश.     मध्य क्षोभमंडल तक के क्षेत्र में वायुमंडल की नमी की मात्रा में कमी. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी रेखा 30.5°N /73.5°E, श्री गंगानगर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर और 25.5°N /70°E से होकर गुजरती है. मॉनसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद अहम है, जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है. यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक जलाशयों को पुनः भरने में भी खास भूमिका निभाता है.

जनता दर्शन में सीएम का सख्त रुख, बच्चों को दुलारा, मरीजों को मिली तुरंत मदद

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को 'जनता दर्शन' किया। इस दौरान प्रदेश भर से आये हर पीड़ित के पास पहुंचे, शिकायतें सुनीं और समाधान का आश्वासन दिया। 'जनता दर्शन' में 50 से अधिक लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। रायबरेली से आये किडनी व हर्ट के मरीज को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के निर्देश दिए। किडनी, हृदय के मरीज को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के निर्देश 'जनता दर्शन' में रायबरेली के थाना खीरो के ग्राम बरवलिया के एक युवक भी पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उनके पिता किडनी-हृदय व यूरिन की बीमारी से पीड़ित हैं। प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने में अब आर्थिक दिक्कत आ रही है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इलाज के लिए अस्पताल से एस्टीमेट भी मंगवाने को कहा। हर जरूरतमंद को इलाज में निरंतर आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है सरकार 'जनता दर्शन' में इलाज के लिए आर्थिक सहायता के लिए कई फरियादियों ने प्रार्थना पत्र दिया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से कहा कि सरकार हर जरूरतमंद मरीज को इलाज के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। आप भी अस्पताल से एस्टिमेट बनवाकर भिजवाएं। आपके इलाज के खर्च की चिंता सरकार करेगी। सरकार विगत 8 वर्ष से हर जरूरतमंद को निरंतर आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है।    नन्हे-मुन्नों को भी दुलारा, दी चॉकलेट 'जनता दर्शन' में कई फरियादियों के साथ बच्चे भी आए, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुलार भी किया। नन्हे-मुन्नों के सिर पर हाथ फेर अपनत्व का अहसास कराया। सीएम योगी ने सभी बच्चों को चॉकलेट-टॉफी भी प्रदान की।

तिरंगे की शान बनीं देश की 4 बेटियां, वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मीनाक्षी और जैस्मीन का गोल्डन पंच

लिवरपूल  भारतीय मुक्केबाज जैसमीन लंबोरिया ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप को जीत इतिहास रच दिया है। जैसमीन ने पेरिस ओलंपिक की सिल्वर मेडल विजेता पोलैंड की जूलिया जेरेमेटा को हराकर फीदरवेट वर्ग में चैंपियन बन गई। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली जैसमीन ने 57 किलोवर्ग के फाइनल में शनिवार को देर रात 4-1 (30-27, 29-28, 30-27, 28-29, 29-28) से जीत दर्ज की। नुपूर शेरोन (80 प्लस किलो) और पूजा रानी (80 किलो) को गैर ओलंपिक भारवर्ग में क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक से संतोष करना पड़ा। इस जीत के साथ जैसमीन विश्व चैंपियन बनने वाली भारत की नौवीं मुक्केबाज बन गई। इससे पहले छह बार की चैंपियन एम सी मेरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), दो बार की विजेता निकहत जरीन (2022 और 2023), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006), नीतू गंघास (2023), लवलीना बोरगोहेन (2023) और स्वीटी बूरा (2023) यह खिताब जीत चुकी है। तीसरी बार विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रही 24 वर्षीय जैसमीन ने मुकाबले में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। शुरू में दोनों मुक्केबाज एक-दूसरे को परख रही थीं, लेकिन रेफरी के उकसावे पर जेरेमेटा ने पहला वार किया। ओलंपिक फाइनल में लिन यू-टिंग से हारने वाली पोलैंड की यह मुक्केबाज तेज और सटीक थी और रक्षात्मक रणनीति का इस्तेमाल करते हुए तेजी से अंदर-बाहर हो रही थी। उन्होंने पहला राउंड 3-2 से जीत लिया। दूसरे राउंड में भारतीय मुक्केबाज ने की जबरदस्त वापसी दूसरे राउंड में भारतीय खिलाड़ी ने जोरदार वापसी की। जैसमीन ने मुकाबले पर नियंत्रण बनाया तथा आक्रमण और रक्षण के बीच शानदार समन्वय स्थापित किया जिससे सभी जज उनके पक्ष में हो गए। जब अंतिम फैसला सुनाया गया, तो आमतौर पर शांत रहने वाली जैसमीन ने हल्की सी चीख मारी और फिर हाथ उठाकर अपनी निराश प्रतिद्वंद्वी को शालीनता से गले लगा लिया। पदक समारोह में, जब पूरे स्टेडियम में भारतीय राष्ट्रगान गूंज रहा था, तो उनकी आंखें चमक उठीं। नुपुर को सिल्वर से करना पड़ा संतोष एक अन्य फाइनल में नुपुर को पोलैंड की तकनीकी रूप से कुशल अगाता काज्मार्स्का से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें सिल्वर पदक मिला। नूपुर अपने लंबे कद के बावजूद मुकाबले में खुद को हावी नहीं कर पाईं। उन्होंने शानदार शुरुआत की और मुक्कों की झड़ी लगा दी, लेकिन काज्मार्स्का ने लगातार आक्रामकता से जवाब दिया और ऐसे वार किए कि भारतीय खिलाड़ी निढाल हो गई। जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, नूपुर मुक्के मारने में हिचकिचाने लगीं, जबकि पोलैंड की खिलाड़ी लगातार आक्रमण करती रही। निर्णायक क्षण अंतिम राउंड में आया जब अगाता ने एक जबरदस्त अपरकट लगाया जो मुकाबला 3-2 से उनके पक्ष में करने और उनके पहले विश्व खिताब को सुनिश्चित करने के लिए काफी था।

मसूड़ों से खून आने की समस्या को करें दूर, अपनाएं ये कारगर टिप्स

नई दिल्ली क्या आपने कभी ब्रश करते वक्त थूकने पर गुलाबी रंग देखा है या टूथब्रश पर हल्का खून लगा पाया है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। मसूड़ों से खून आना  एक आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना आपकी ओरल हेल्थ के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है। दरअसल, मसूड़ों से खून आने की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके पीछे कई कारण छिपे होते हैं। अक्सर हम इस समस्या की ही तरह इन कारणों को भी नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन इनके बारे में जानकर आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानें मसूड़ों से खून आने के कारण और बचाव के तरीके। मसूड़ों से खून आने के कारण क्या हैं? जिंजिवाइटिस- यह सबसे आम कारण है। जब दांतों की सही तरह से सफाई नहीं हो पाती, तो दांतों और मसूड़ों के बीच प्लाक जमा हो जाता है। इस प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया मसूड़ों में इन्फेक्शन और सूजन पैदा करते हैं, जिसे जिंजिवाइटिस कहते हैं। सूजन की वजह से मसूड़े नाजुक हो जाते हैं और ब्रश करने या फ्लॉस करने पर आसानी से खून बहने लगता है। हार्ड ब्रशिंग- बहुत से लोग सोचते हैं कि जोर से ब्रश करने से दांत अच्छी तरह साफ होते हैं, लेकिन यह गलत धारणा है। हार्ड ब्रिसल्स वाला टूथब्रश या जोर लगाकर ब्रश करने से मसूड़ों के टिश्यूज को नुकसान पहुंचता है और उनसे खून बहने लगता है। तंबाकू और सिगेरट- तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों और स्मोक करने वालों में मसूड़ों की बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। तंबाकू में मौजूद केमिकल्स मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें कमजोर बनाते हैं। हार्मोनल बदलाव- प्रेग्नेंसी, पीरियड्स या मेनोपॉज के दौरान हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होते हैं। इससे मसूड़े ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं और खून आसानी से आने लगता है। इसे ‘प्रेग्नेंसी जिंजिवाइटिस’ भी कहा जाता है। कुछ दवाएं- खून पतला करने वाली दवाएं, कुछ तरह की ब्लड प्रेशर की दवाएं और डिप्रेशन दवाएं मसूड़ों से खून आने का कारण बन सकती हैं। पोषण की कमी- विटामिन-सी और विटामिन-के की कमी से भी मसूड़े कमजोर होते हैं और उनमें खून आने लगता है। कुछ हेल्थ कंडीशन- डायबिटीज, ल्यूकेमिया या हीमोफिलिया जैसे हेल्थ कंडीशन के कारण भी मसूड़ों से खून आना एक लक्षण हो सकता है। बचाव के तरीके सही तरीके से ब्रश करें- नरम ब्रिसल्स वाला टूथब्रश इस्तेमाल करें। ब्रश कोमलता से गोल-गोल घुमाते हुए दांतों को साफ करें, जोर-जोर से घिसें नहीं। दिन में दो बार (सुबह और रात को सोने से पहले) कम से कम दो मिनट तक ब्रश करें। नियमित रूप से फ्लॉस करें- केवल ब्रश करने से दांतों के बीच का प्लाक साफ नहीं होता। रोजाना फ्लॉस करने से दांतों के बीच फंसे खाने के टुकड़े और प्लाक निकल जाता है, जिससे जिंजिवाइटिस का खतरा कम होता है। एंटी-बैक्टीरियल माउथवाश का इस्तेमाल- एक अच्छा एंटी-बैक्टीरियल माउथवाश प्लाक बनने से रोकने और मसूड़ों की सूजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। हेल्दी डाइट लें- विटामिन-सी और विटामिन-के से भरपूर फूड्स मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं- दिन भर में खूब पानी पीने से मुंह साफ रहता है और खाने के कण धुलते रहते हैं। स्मोकिंग और तंबाकू से परहेज- तंबाकू और स्मोकिंग छोड़ना आपकी ओरल हेल्थ में सुधार के लिए सबसे अच्छा कदम है। नियमित डेंटल चेक-अप- साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट से चेकअप करवाएं।  

दिशा पाटनी ने न्यूयॉर्क फैशन वीक में किया फैशन का जलवा, ब्लैक स्लिप ड्रेस में बिखेरी चमक

न्यूयॉर्क न्यूयॉर्क फैशन वीक में स्टार्स अपनी मौजूदगी के साथ  हमेशा ही ग्लैमर का तड़का लगाते हैं. हमेशा की तरह ही इस बार भी ऐसा ही हुआ, लेकिन सबकी नजरें सिर्फ और सिर्फ दिशा पाटनी पर टिक गईं. स्ट्रैपी ब्लैक ड्रेस में जैसे ही दिशा ने रेड कार्पेट पर कदम रखा वैसे ही सबकी निगाहें उनकी ओर घूम गईं. कैल्विन क्लेन के स्प्रिंग 2026 शो में बड़े-बड़े सितारे मौजूद थे इसके बाद भी, दिशा का स्टाइलिश और सिंपल लुक सबका ध्यान खींचने में कामयाब रहा. उनका लुक ग्लैमर और बोल्डनेस का परफेक्ट कॉम्बिनेशन था. चलिए डीटेल में जानते हैं दिशा ने क्या पहना हुआ था. स्टाइलिश ड्रेस में ग्लैमरस लगीं दिशा: इस खास इवेंट के लिए दिशा ने क्लासिक ब्लैक स्लिप ड्रेस पहनी. आमतौर पर स्पोर्टी या कैज़ुअल ड्रेस में दिखने वाली दिशा ने इस साटन फैब्रिक जैसी स्मूद ड्रेस पहनकर अपने स्टाइल को नया अंदाज दिया. ड्रेस में पतली-पतली स्पेगेटी स्ट्रैप्स थीं, जो उनके लुक को खास ना रहा था. ड्रेस की डीप नेकलाइन और इसका क्रॉस डिटेल लो बैक एक्ट्रेस के लुक को एलिगेंस और ग्लैमर का परफेक्ट कॉम्बिनेशन बना रहा था. फ्रंट से ये ड्रेस सिंपल और स्टाइलिश लग रही थी, लेकिन इसका बैक इसे स्टाइलिश टच दे रहा था. मिनिमल एक्सेसरीज लगीं क्लासिक: दिशा ने अपने लुक को सिंपल और स्टाइलिश रखा, जिससे सभी की नजरें उनकी ड्रेस पर टिक गई थीं. उन्होंने अपनी ड्रेट को स्ट्रैपी ब्लैक हील्स के साथ पेयर किया. जूलरी की बात करें तो उन्होंने सिर्फ छोटे-छोटे स्टड इयररिंग्स पहने. अपने लुक को एलिवेट करने के लिए दिशा ने अपने बाल स्ट्रेट और स्मूद रखे थे. एक्ट्रेस ने सॉफ्ट ब्रॉन्ज टोन, स्मोकी आईज और ग्लॉसी न्यूड लिप्स के साथ उन्होंने अपने लुक को पार्टी और इवेंट परफेक्ट बनाया. उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.