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मुख्य सचिव पद से विदाई, अब बिजली आयोग की बागडोर संभालेंगे अमिताभ जैन

रायपुर प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन की विदाई की तैयारी शुरू हो गई है. सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें बिजली विनियामक आयोग का चेयरमैन बनाए जाने की खबरें आ रही हैं. यह पद दो दिन बाद खाली हो रहा है. इसके पहले अमिताभ जैन को मुख्य सूचना आयुक्त बनाए जाने की बात कही जा रही थी. तीन महीने का एक्सटेंशन समाप्त होने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उनकी विदाई से पहले ही उनके लिए बिजली विनियामक आयोग का चेयरमैन का सम्मानजनक खाली हो रहा है. ऐसे में उनके खाली रहने की आशंका नहीं है. इसके पहले उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त के लिए इंटरव्यू दिया था. ऐसे में माना जा रहा था कि वे मुख्य सूचना आयुक्त बनेंगे. लेकिन जानकार बताते हैं कि इस नियुक्ति में हाईकोर्ट का पेंच फंसा हुआ है. इस वजह से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस पर कोई पहल भी नहीं की जा रही. वैसे भी बिजली विनियामक आयोग के चेयरमैन का पद मुख्य सूचना आयुक्त के पद की तुलना में अधिक बेहतर और सम्मानजनक है. बिजली की रेगुलेटरी बॉडी होने की वजह से इस पद का ग्लेमर भी रहता है. 28 में से करीब डेढ़ दर्जन राज्यों में रिटायर नौकरशाह बिजली विनियामक आयोग के चेयरमैन हैं. त्रिपुरा जा रहे हैं हेमंत वर्मा 2021 में बिजली विनियामक आयोग के चेयरमैन बनाए गए हेमंत वर्मा एक साल पहले पद छोड़कर त्रिपुरा जा रहे हैं. जुलाई 2026 में उनका पांच साल होता. मगर हेमंत का त्रिपुरा बिजली विनियामक आयोग में सलेक्शन हो गया है. वे 19 सितंबर को यहां से रिलीव हो जाएंगे. इसके बाद यह पद खाली हो जाएगा. सरकार बदलने का असर नहीं बिजली विनियामक आयोग के अध्यक्ष पद एक संवैधानिक पद है, जिसे सरकार बदलने के बाद भी हटाया नहीं जा सकता. इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी चयन करती हैं. नियुक्ति के बाद चेयरमैन का कार्यकाल पांच साल या 65 बरस होता है.

पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी: नए नियम से बढ़ेगा लाभ, जानें पूरी डिटेल

नई दिल्ली  अगले महीने 1 अक्टूबर 2025 से गैर-सरकारी क्षेत्र के NPS सब्सक्राइबर्स को एक बड़ी सुविधा मिलेगी। अब वे किसी एक NPS स्कीम में अपने फंड का 100% हिस्सा इक्विटी (शेयरों) में निवेश कर सकेंगे। यह बदलाव हाल ही में पेश किए गए मल्टिपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) के तहत किया गया है। इसके तहत जो लोग सरकार की नौकरी में नहीं हैं, वे अब अपने स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) के माध्यम से अलग-अलग CRA (केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियां ​​जैसे CAMS, Protean और KFintech) में कई स्कीमें रख सकेंगे। बता दें कि पहले तक यह सुविधा सीमित थी। यानी प्रति टियर, प्रति CRA केवल एक ही स्कीम रखने की अनुमति थी। क्या है अधिसूचना अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि PFRDA ने पेंशन फंड्स (PFs) को यह अनुमति दी है कि वे अलग-अलग सब्सक्राइबर समूहों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई स्कीमें ला सकें। इनमें डिजिटल इकॉनमी वर्कर, स्वयं-रोजगार वाले प्रोफेशनल्स और कॉर्पोरेट कर्मचारी (जहां नियोक्ता भी योगदान करता है) शामिल होंगे। हर स्कीम में कम से कम दो वेरिएंट होना जरूरी होगा। 1. मॉडरेट रिस्क और 2. हाई रिस्क (जिसमें 100% तक इक्विटी में निवेश की अनुमति होगी)। पेंशन फंड चाहें तो लो-रिस्क विकल्प भी दे सकते हैं। एग्जिट और विदड्रॉल नियम- बाहर निकलने की शर्तें और एन्युटाइजेशन पहले की तरह ही PFRDA रेगुलेशन्स के तहत लागू रहेंगी। स्विचिंग नियम- MSF के तहत शुरू की गई स्कीम से कॉमन स्कीम में स्विच करना वेस्टिंग पीरियड के दौरान अनुमति होगी। लेकिन Section 20(2) स्कीमों के बीच स्विचिंग केवल तभी संभव होगी — जब कम से कम 15 साल का वेस्टिंग पीरियड पूरा हो जाए, या नॉर्मल एग्जिट के समय। जानिए 1 अक्टूबर से क्या बदलेगा? 1. मल्टिपल स्कीम की सुविधा- अब एक ही PAN पर अलग-अलग सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRAs) में एक से अधिक स्कीमें रखी और मैनेज की जा सकेंगी। पहले केवल एक टियर में एक ही स्कीम की अनुमति थी। 2. अनुकूलित विकल्प- पेंशन फंड अब अलग-अलग समूहों के लिए नई स्कीमें ला सकेंगे — जैसे कॉर्पोरेट कर्मचारी, गिग वर्कर या स्वयं-रोजगार वाले प्रोफेशनल। हर स्कीम में कम से कम दो वेरिएंट होंगे — मॉडरेट और हाई रिस्क। हाई रिस्क स्कीम में 100% तक इक्विटी में निवेश की अनुमति होगी। 3. अधिक विविधीकरण- निवेशक अब एक ही अकाउंट में कंजरवेटिव और आक्रामक रणनीतियों को बैलेंस कर पाएंगे। इससे बचत को जीवन के अलग-अलग लक्ष्यों के हिसाब से बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकेगा।  

पूरा जीवन राष्ट्रसेवा को समर्पित – पीएम मोदी पर राज्यमंत्री श्रीमती गौर का बयान

भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर विश्वपटल पर मां भारती का गौरव बढ़ाया है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर शुरू हुए 'सेवा पखवाड़ा' अंतर्गत गोविंदपुरा विधानसभा के ई सेक्टर बरखेड़ा स्थित श्री गणेश मंदिर परिसर में क्षेत्रवासियों के साथ वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ यह बात कही। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने नोबेल अस्पताल में आयोजित रक्तदान शिविर में सम्मिलित होकर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन भी किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा धार में पीएम मित्र पार्क के भूमिपूजन एवं स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ देखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में पीएम मित्र पार्क की सौगात से किसानों के जीवन में बड़े परिवर्तन आयेंगे। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा और टेक्सटाइल हब के रूप में मध्यप्रदेश अपनी पहचान को ज़्यादा सुदृढ़ करेगा। 

भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को हराकर सीरीज 1-1 से की बराबर

नई दिल्ली स्‍मृति मंधाना (117) और गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने बुधवार को ऑस्‍ट्रेलिया को 102 रन के विशाल अंतर से मात दी। मुल्‍लांपुर में खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्‍लेबाजी की और पूरी टीम 49.5 ओवर में 292 रन पर ऑलआउट हुई। जवाब में ऑस्‍ट्रेलियाई टीम 40.5 ओवर में 190 रन पर ढेर हुई। इस जीत के साथ ही भारत ने मौजूदा सीरीज में 1-1 की बराबरी की। दोनों टीमों के बीच सीरीज का तीसरा व अंतिम मैच शनिवार को खेला जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के कट्टर अलगाववादी नेता अब्दुल गनी बट नहीं रहे

श्रीनगर विभिन्न अलगाववादी नेताओं की हत्या के लिए अलगाववादी खेमे को ही जिम्मेदार ठहरा कश्मीर की अलगाववादी सियासत में भूचाल पैदा करने वाले ऑल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस के पूर्व चेयरमैन प्रो. अब्दुल गनी बट का शुक्रवार को निधन हो गया। वह एक लंबे अर्से से बीमार थे। वह 90 वर्ष के थे और उन्होंने अपनी अंतिम सांस उत्तरी कश्मीर के बटेंगू सोपोर स्थित अपने पैतृक निवास में ही ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से फारसी और लॉ की डिग्री प्राप्त करने वाले प्रो. अब्दुल गनी बट कश्मीर के पुराने और कट्टर अलगाववादी नेताओं में एक थे। उन्होंने कुछ समय तक सोपोर में वकालत भी की और वर्ष 1963 में वह जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग के अंतर्गत फारसी के प्रोफेसर नियुक्त हुए थे।   कश्मीर को लेकर की थी भारत पक्ष की अलोचना वह कॉलेज में भी छात्रों व अन्य लोगों के साथ कश्मीर को लेकर भारत के पक्ष की आलोचना करते थे। वह अक्सर अलगाववादी गतिविधियों में भाग लेते थे और इसी कारण उन्हें 1986 में सेवामुक्त किया गया था। वह अक्सर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जनमत संग्रह के वादे का जिक्र करते हुए कहते थे। भारत ने बंदूकों की गर्जना और लोकतंत्र के शोर के बीच कश्मीर में प्रवेश किया और फिर कब्जा कर बैठ गया।

कांकेर में नई मुहिम: पुलिस ने बैनरों पर जारी की मोस्ट वांटेड नक्सलियों की तस्वीरें

पखांजुर/कांकेर छत्तीसगढ़ में जहां एक तरफ नक्सल संगठन ने सरकार के साथ शांति वार्ता की पेशकश की है, तो वहीं दूसरी ओर सुरक्षा बलों का एंटी नक्सल ऑपरेशन लगातार जारी है। इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा से लगे नक्सल मोर्चे से बड़ी खबर सामने आई है। गढ़चिरौली के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो नक्सली ढेर हो गए और मौके से AK-47 समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा कांकेर पुलिस ने मोस्ट वांटेड नक्सलियों की तलाश तेज करते हुए उनकी तस्वीरों वाले बैनर गांव-गांव में लगाए हैं। कांकेर जिले में नक्सलियों को खात्मा करने के लिए पुलिस ने नई पहल शुरू की है। अब पुलिस मोस्ट वांटेड नक्सलियों के फोटो के साथ बैनर और पोस्टर अंदरूनी इलाकों में लगा रही है। इनमें बसंती आंचला, पुष्पा हेमला, रोनी उर्फ उमा, रामा कुंजाम, सरवन मड़काम और रामको मंडावी जैसे कुख्यात नक्सलियों के फोटो शामिल हैं। पोस्टर में पांच लाख से एक लाख तक इनामी नक्सलियों की जानकारी दी गई है। पुलिस ने नक्सलियों का पता बताने वालों को इनाम देने का ऐलान किया है और सूचना देने वालों का नाम-पता गोपनीय रखने की बात कही है। नक्सलियों की शांति वार्ता की पेशकश बता दें कि नक्सल संगठन की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पत्र में दावा किया गया है कि संगठन सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने हथियार छोड़कर भविष्य में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मिलकर काम करने की बात कही है। अभय ने केंद्र सरकार से एक महीने का समय और सीजफायर की मांग की है ताकि औपचारिक बातचीत शुरू की जा सके। इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि पत्र की सत्यता क्या है, इसकी जांच करानी पड़ेगी। नक्सलवाद के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा।

गुप्त मिशन या कुछ और? बांग्लादेश में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी से भारत में हलचल

ढाका मोहम्मद यूनुस के राज में अमेरिका बांग्लादेश में अपनी पैठ बढ़ा रहा है। हाल ही में अमेरिका सेना और वायुसेना के कई अधिकारी बांग्लादेश के रणनीतिक चटगांव इलाके में पहुंचे हैं। इससे भारत और म्यांमार के लिए टेंशन बढ़ गई है। 'द इकनॉमिक टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का सी-130J सुपर हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट विमान पिछले दिनों चटगांव के अमानत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा है। यह आमतौर पर जापान में अमेरिकी वायुसेना के योकोटा स्टेशन पर तैनात रहता है। इसमें से 120 अमेरिकी अधिकारी चटगांव के एक होटल में गुपचुप पहुंचे। यहां पर उनके लिए पहले से ही कमरे बुक थे, लेकिन खास बात यह थी कि रजिस्टर में उनके नामों की एंट्री नहीं हुई। मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश का प्रमुख बनने के बाद से ही अमेरिकी गतिविधियां बांग्लादेश में काफी बढ़ गई हैं। अमेरिका और चीन दोनों ही म्यांमार के विद्रोही ग्रुप्स को अपनी ओर कोशिश करने में लगे हुए हैं। अमेरिकी सेना कई बार चटगांव में रुकी है। इसमें बांग्लादेश और अमेरिका के बीच संयुक्त अभ्यास और टोही यात्राएं तक शामिल हैं। इस साल की शुरुआत में भी दोनों देशों ने चटगांव में ही ऑपरेशन पैसिफिक एंजेल-25 और टाइगर लाइटनिंग-2025 अभ्यास को अंजाम दिया था। अब एक बार फिर से अभ्यास हो रहा है। 'नॉर्थईस्ट न्यूज' के अनुसार, अमेरिकी सेना से लगभग 120 अधिकारी 10 सितंबर को चटगांव पहुंचे और यहां पर एक होटल में चेक-इन किया। यहां पर उनके लिए लगभग 85 कमरे पहले से ही बुक किए गए थे। इसके बाद अमेरिका के सैनिकों ने एयरपोर्ट से सटे बांग्लादेश वायुसेना के पटेंगा एयरबेस का भी दौरा किया। वहीं, मिस्त्र की वायुसेना का एक ट्रांसपोर्ट विमान भी 14 सितंबर को चटगांव के एयरपोर्ट पर लैंड किया। हालांकि, इस दौरान किसी भी अमेरिकी सैनिक का नाम होटल के रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया, जिससे संदेह पैदा होता है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया। दुनिया से कौन सी बात छिपाई जा रही है। बांग्लादेश क्यों पहुंची है अमेरिकी सेना? दरअसल, अमेरिकी सेना के साथ-साथ श्रीलंका की वायुसेना भी बांग्लादेश पहुंची है। यहां पर तीनों देशों की मिलिट्री एक्सरसाइज पैसिफिक एंजेल 25-3 की शुरुआत हुई है। इस अभ्यास के साथ, 15 सितंबर को आपदा प्रतिक्रिया, मानव सहायता और क्षेत्रीय साझेदारी के लिए चार दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण अभ्यास भी किया गया। यह एक अमेरिकी पहल है, जो पिछले एक दशक से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आयोजित की जाती रही है। भारत के लिए कैसे टेंशन देने वाली है बांग्लादेश में अमेरिकी मौजूदगी? भारत और अमेरिका के बीच हाल के दिनों में तनाव में इजाफा हुआ है। टैरिफ और रूस से तेल आयात के चलते दोनों देशों में संबंध खराब हुए हैं। हालांकि, अब ट्रंप को अपनी गलती का एहसास हुआ और फिर से भारत के करीब आने की कोशिश करने लगे। लेकिन पूरी तरह से अब भी हालात पहले जैसे नहीं हुए हैं। ऐसे में अमेरिकी सेना की मौजूदगी भले ही बांग्लादेश में हो, लेकिन यह भारत के लिए भी टेंशन देने वाली बात है। चटगांव का इलाका भारतीय सीमा के पास है और अन्य देशों पर नजर रखने के लिए अमेरिका इस क्षेत्र को अपने अड्डे के लिए इस्तेमाल कर सकता है।  

स्कूल शिक्षा विभाग के पुस्तकालयों से अधिक से अधिक नागरिकों को जोड़ें

पुस्तकालयों की गतिविधियों की हुई समीक्षा भोपाल  स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित पुस्तकालयों की गतिविधियों की भोपाल में हुई बैठक में समीक्षा की गयी। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने अधिक से अधिक नागरिकों को पुस्तकालयों से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि संचालित पुस्तकालयों के सुधार के लिये पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जायेगा। बैठक में पुस्तकालयों के उन्नयन एवं आधुनिकीकरण के लिये तैयार की गयी कार्य-योजना पर चर्चा की गयी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में केन्द्रीय पुस्तकालयों और 27 जिलों में जिला पुस्तकालय का संचालन किया जा रहा है। विभाग द्वारा भोपाल के जीटीबी कॉम्पलेक्स में स्वामी विवेकानंद लायब्रेरी का भी संचालन किया जा रहा है। पुस्तकालय में आकर्षण के लिये हों गतिविधियाँ समीक्षा बैठक में निर्देशित किया गया कि पुस्तकालयों में कहानी और निबंध-लेखन, चित्रकारी प्रतियोगिता के साथ विषय-विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किये जायें। पुस्तकालय में कॉम्पटीशन कॉर्नर में आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध करायी जायें। प्रबंधकों से कहा गया कि पुस्तकालय में साफ-सफाई एवं पुस्तकों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाये।  

छत्तीसगढ़: दुर्ग में दर्दनाक हादसा, कंटेनर की टक्कर से 8 गायों की मौत

दुर्ग बाफना टोल प्लाजा के पास तेज रफ्तार कंटेनर ने सड़क पर चल रही आठ गायों को कुचल दिया। हादसे में सभी गायों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना मंगलवार देर रात हुई। सूत्रों के मुताबिक कंटेनर राजनांदगांव से दुर्ग की ओर आ रहा था। चालक की लापरवाही के कारण गायें उसकी चपेट में आ गई। घटना की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल विभाग संयोजक सौरभ देवांगन, जिला सह गौरक्षा प्रमुख उमेश साहू, नगर संयोजक बलदाऊ साहू, सह संयोजक मिलाप निषाद, सह संयोजक नीतेश यादव, विद्यार्थी प्रमुख वंश राजपूत, सुरक्षा प्रमुख चमनराज कुंभकार सहित अन्य मौके पर पहुंचे।   विभाग संयोजक सौरभ देवांगन ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद कंटेनर चालक मौके से भाग निकला जिसे दौड़ाकर टोल टैंक के पास पकड़ा गया। बजरंगियों ने कंटेनर चालक को पुलिस के हवाले किया। बजरंग दल के सदस्यों ने इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग प्रशासन से की है। संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो बड़ा आंदोलन होगा। मौके पर कार्यकर्ताओं और प्रशासन की मौजूदगी में मृत गायों का अंतिम संस्कार किया गया। कोतवाली पुलिस द्वारा इस मामले में अपराध पंजीबद्ध किया जा रहा है। मवेशियों को रखने के लिए मांगा गोठान नगर निगम दुर्ग क्षेत्र में मवेशियों को रखने के लिए मात्र एक गोठान है। इसमें क्षमता से अधिक संख्या में मवेशियों को रखा गया है। निगम प्रशासन द्वारा घुमंतु मवेशियों को रखने के लिए जनपद पंचायत दुर्ग को पत्र लिखकर दुर्ग निगम क्षेत्र से लगे गोठानों को दिए जाने की मांग की गई है। इन गोठानों को गोधाम के रूप में संचालित किया जाएगा।

राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास साइबर भारत सेतु पर दो दिवसीय कार्यशाला

भोपाल प्रदेश में डिजिटल संचालन और सेवाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास "साइबर भारत सेतु'' ब्रिजिंग स्टेट्स,सिक्योरिंग भारत पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 18 एवं 19 सितम्बर को भोपाल में होटल पलाश में प्रात: 10 बजे से किया जा रहा है। कार्यशाला मध्यप्रदेश कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और इण्डियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के संयुक्त तत्वावधान में होगी। कार्यशाला का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए डिजिटल बुनियादी ढाँचे को सुरक्षित करने और साइबर खतरों से निपटने की दिशा में क्षमता निर्माण करना है। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे के मार्गदर्शन में कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी, जिला स्तर के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे। कार्यशाला में सीईआरटी-इन के वैज्ञानिक-ई श्री आशुतोष बहुगुणा, श्री शशांक गुप्ता और मोहित कटारिया भी उपस्थित रहेंगे।