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चुनावी साख पर सवाल: मध्य प्रदेश में फर्जीवाड़े का नया खुलासा

नागौद लोकतंत्र के मंदिर को शर्मसार करने वाला मामला मापला जिला के नागौद विकासखंड से सामने आया है। वार्ड क्रमांक 6, गढ़ी टोला में पूर्व पार्षद और विधायक प्रतिनिधि ओमप्रकाश पांडे उर्फ फूलन महाराज के मकान क्रमांक 122 में कुल 89 मतदाताओं के नाम दर्ज पाए गए हैं। इनमें अलग-अलग जातियों और परिवारों के लोग शामिल हैं। इस मामले ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। कुछ ऐसे रची साजिश स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह मामला महज लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश प्रतीत होता है। ओमप्रकाश पांडे ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर बीएलओ से मिलीभगत कर यह फर्जीवाड़ा कराया। रजिस्टर में मकान संख्या का क्रम भी अव्यवस्थित रखा गया, ताकि यह खेल आसानी से पकड़ में न आए।   एक ही मकान में दर्ज 89 मतदाता विशेषज्ञों का कहना है कि एक ही मकान में इतनी बड़ी संख्या में मतदाता दर्ज करने से किसी भी उम्मीदवार को कृत्रिम बढ़त दिलाई जा सकती है। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की उदासीनता और संभावित मिलीभगत पर भी गंभीर सवाल खड़ा करती है। सूची में दर्ज नामों में शंकर प्रसाद, चुरेमा कुमार, प्रिया पत्नी सुरेगा कुमार, संदीप पिला, विमला पति मयूरा प्रसाद, आजाद बुनकर, अमर चौरसिया, ज्योति कुमार, दीपक शर्मा, रश्मि, रोशनी और अन्य शामिल हैं।   चुनावी साख पर सवाल लोगों का सवाल है कि क्या इतने विविध लोग व एक साथ इतने कमरों वाले मकान में रह सकते हैं? राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो जनता के मन में यह धारणा मजबूत होगी कि लोकतंत्र अब केवल सत्ता का खेल बन गया है। क्षेत्रीय लोग और सामाजिक संगठन प्रशासन और निर्वाचन आयोग से मांग कर रहे हैं कि इस मामले की तत्काल जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।  

रूस को मिलान-कॉर्टिना खेलों में मिलेगा तटस्थ स्थिति में हिस्सा लेने का मौका: IOC

मिलान रूस के खिलाड़ियों को अगले वर्ष होने वाले मिलान-कॉर्टिना शीतकालीन खेलों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने कहा कि उसने कभी भी इजरायल पर प्रतिबंध लगाने पर चर्चा नहीं की। आईओसी ने शुक्रवार को मिलान में कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद पुष्टि की कि वह पिछले वर्ष पेरिस ओलंपिक खेलों में अपनाई गई प्रणाली का पालन करेगा, जिसके तहत रूस के खिलाड़ियों को व्यक्तिगत तटस्थ खिलाड़ी के रूप में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाएगी। आईओसी अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री ने कहा, ‘‘हमने मिलान-कॉर्टिना खेलों में व्यक्तिगत तटस्थ खिलाड़ियों को लेकर बात की। कार्यकारी बोर्ड बिल्कुल वही दृष्टिकोण अपनाएगा जो पेरिस ओलंपिक खेलों में अपनाया गया था। इसमें कुछ भी बदलाव नहीं हुआ है।’’ रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद आईओसी ने 2023 में रूसी ओलंपिक समिति को निलंबित कर दिया था। इसके बाद से ही रूस के खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में व्यक्तिगत तटस्थ खिलाड़ी के रूप में भाग ले रहे हैं। इजरायल के गाजा में हमले के बाद उस पर भी इस तरह का प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। इस बारे में पूछे जाने पर कोवेंट्री ने कहा, ‘‘इस कार्यकारी बोर्ड और किसी अन्य कार्यकारी बोर्ड में हमने एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों) का प्रतिनिधित्व नहीं करने पर चर्चा नहीं की है।’’ आईओसी ने पहले कहा था कि इजरायल ने रूस की तरह ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन नहीं किया है, जिसने पूर्वी यूक्रेन के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था।  

देर या नीयत? मंदसौर में दो लाख रुपये सिंचाई पर खर्च, ट्रैक्टर विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें

मंदसौर गरोठ वन परिक्षेत्र में अफसरों-कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार का नया उदाहरण पेश किया है। हनुमंतिया बीट में पौधे लगाने के बाद उनकी सिंचाई पर दो लाख चार हजार 48 रुपये खर्च किए गए। लगाए गए बिलों के मुताबिक, इनमें 1 लाख 53 हजार 600 रुपये का भुगतान टैंकर के लिए किया गया, वहीं सिंचाई की मजदूरी का भुगतान 50,448 रुपये रहा। खास बात यह है कि बिल में जो नंबर ट्रैक्टर के बताए गए, वह परिवहन विभाग में बाइक, मोपेड व स्कूटर के नाम पर पंजीकृत हैं, जबकि एक नंबर का तो परिवहन विभाग की वेबसाइट पर भी कोई रिकार्ड नहीं मिल रहा। बता दें मंदसौर वन मंडल के अंतर्गत गरोठ वन परिक्षेत्र की हनुमंतिया बीट में 95.382 हेक्टेयर वन भूमि है। आरोप है कि यहां पदस्थ रहे वनरक्षक, परिक्षेत्र सहायक और वन परिक्षेत्र अधिकारी की मिलीभगत के चलते अभी तक वन क्षेत्र विकसित नहीं हो पाया है, जबकि कागजों में बिल भी लग रहे हैं। शिकायतकर्ता बालू सिंह निवासी किलगारी ने सूचना के अधिकार के तहत 15 फरवरी 2019 से 22 अप्रैल 2019 के बीच लगाए गए बिलों की पड़ताल की, तो धांधली सामने आई। 8 अप्रैल 2023 को शिकायत के दो साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत का निराकरण नहीं किया गया।

सपनों की नौकरी का मौका: MP पुलिस भर्ती सात साल बाद, जल्द देखें कैसे करें आवेदन

भोपाल पुलिस में उप निरीक्षक या सब इंस्पेक्टर (एसआई) और सूबेदार के पद पर चयन की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) इन पदों के लिए अगले सप्ताह विज्ञापन जारी करने जा रहा है। सात वर्ष बाद इन पदों पर भर्ती होने जा रही है। इसके पहले वर्ष 2018 में इन पदों पर भर्ती हुई थी। सात साल तक भर्ती नहीं होने पर एसआई बनने का सपना देख रहे कई युवा अधिकतम उम्र सीमा पार कर चुके हैं। परीक्षा में पहली बार बड़ा बदलाव किया गया है कि शारीरिक दक्षता परीक्षा के अंकों को जोड़कर प्रावीण्य सूची तैयार की जाएगी।   इसके भर्ती नियम इसी वर्ष जनवरी में शासन ने जारी कर दिए थे। सरकार ने भर्ती नियम तैयार करने में लगभग एक वर्ष लगा दिए, नहीं तो इन पदों पर वर्ष 2024 में ही भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती थी। नियमों में शासन ने प्रारंभिक और लिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम भी जारी किया है। चुनौतियों से जुड़े विषयों को दी गई प्राथमिकता पुलिस के सामने नई चुनौतियों से जुड़े विषयों को प्राथमिकता दी गई है। उदाहरण के तौर पर प्रारंभिक और लिखित परीक्षा में साइबर अपराध, संचार तकनीक के साथ आने वाली चुनौतियां, इंटरनेट मीडिया, रोबोटिक्स, एआई, जीआइएस, जीपीएस आदि के बारे में भी प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अतिरिक्त लोकतंत्र और पुलिस, गरीबी और भूख, संगठित अपराध और आतंकवाद से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। ऐसी होगी परीक्षा योजना सबसे पहले 100 अंकों की प्रारंभिक परीक्षा होगी जो क्वालिफाइंग होगी। इसमें कुल पदों के 10 प्रतिशत अभ्यर्थियों को चयनित किया जाएगा। इसके बाद 600 अंकों की लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। प्रावीण्य सूची में आने वालों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा जो 100 अंकों की होगी। आखिर में 50 अंकों का साक्षात्कार होगा। इस तरह कुल 750 अंकों के प्राप्तांक के आधार पर प्रावीण्य सूची तैयार की जाएगी।

वन्यजीव संरक्षण में नई पहल: मध्य प्रदेश से 10 टाइगर की ट्रांसलोकेशन शुरू

भोपाल  मध्य प्रदेश के 10 टाइगर उड़ीसा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भेजे जाएंगे। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर मध्य प्रदेश के टाइगर की अनुवांशिकता और कुनबा बढ़ाने यह निर्णय लिया गया। मध्य प्रदेश ने उड़ीसा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ टाइगर भेजने की तैयारी तेज कर दी है। इन राज्यों के अधिकारियों को टाइगरों की सुरक्षा और प्रबंधन का प्रशिक्षण देने के लिए पत्र लिखा है। बांधवगढ़, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व से करीब 10 टाइगरों का चयन कर छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा भेजा जाएगा। इनमें नर-मादा टाइगरों की जोड़ी भी शामिल होगी, ताकि इन राज्यों में टाइगरों की संख्या बढ़ने के साथ ही जीन पूल भी सशक्त हो सके। बांधवगढ़, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व में टाइगर की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में संख्या बढ़ने से क्षेत्र कम पढ़ रहा है, जिससे टाइगरों का टेरेटरी को लेकर संघर्ष भी बढ़ रहा हैं।  एनटीसीए के निर्देश पर हो रहा है ट्रांसलोकेशन नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) से मंजूरी मिलने के बाद यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। खास बात यह है कि ट्रांसलोकेशन पर आने वाला पूरा खर्च संबंधित राज्य ही वहन करेंगे। यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश एक साथ इतने बड़े स्तर पर टाइगरों को बाहर भेजेगा। वर्तमान में प्रदेश में 785 टाइगर हैं, जो देश में सबसे अधिक है और यही कारण है कि यहां से अन्य राज्यों को टाइगर उपलब्ध कराना संभव हो पाया है।  चयनित टाइगरों को अत्याधुनिक वाहनों में सुरक्षित तरीके से स्थानांतरित किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया में अधिकृत पशु चिकित्सक मौजूद रहेंगे और हर चरण पर निगरानी रखी जाएगी, ताकि बाघों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। एमपी में होगी अधिकारियों की ट्रेनिंग ट्रांसलोकेशन को सफल बनाने के लिए मध्यप्रदेश अक्टूबर 2025 में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। इसमें छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा के वन अधिकारी मध्य प्रदेश आकर टाइगरों की देखभाल, ट्रैकिंग और संरक्षण से जुड़ी बारीकियां सीखेंगे। यह ट्रेनिंग सेशन भविष्य में भी इन राज्यों को अपने बाघों के बेहतर प्रबंधन में मददगार साबित होगा।

नवरात्रि परंपरा की अनकही कथा, पहला व्रत किससे शुरू किया?

नवरात्रि शक्ति साधना का महापर्व कहा जाता है. नौ दिनों तक मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है. लेकिन सवाल उठता है नवरात्रि व्रत की शुरुआत कब और कैसे हुई? शास्त्र और परंपरा इस सवाल का जवाब दो रूपों में देते हैं. चैत्र नवरात्र का उद्गम प्राचीन काल से जुड़ा है, जबकि शारदीय नवरात्रि की परंपरा समय के साथ स्थापित होकर सबसे लोकप्रिय बन गई. शारदीय नवरात्रि की परंपरा किसने शुरू की? नवरात्रि भारत के सबसे बड़े उत्सवों में से एक है, जिसे शक्ति साधना का पर्व कहा जाता है. नौ दिनों तक मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है लेकिन अक्सर लोग पूछते हैं आखिर सर्वप्रथम नवरात्रि का व्रत किसने रखा था. शास्त्रों और परंपराओं में इसका उत्तर दो भागों में मिलता है एक ओर मार्कंडेय पुराण बताता है कि नवरात्रि व्रत की शुरुआत राजा सूरथ और समाधि वैश्य ने की थी, जबकि दूसरी ओर रामायण में उल्लेख है कि शारदीय नवरात्रि की परंपरा भगवान श्रीराम ने स्थापित की. आइए दोनों पहलुओं को विस्तार से समझते हैं. राजा सूरथ और समाधि वैश्य की कथा: नवरात्रि व्रत का उद्गम मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य यानी दुर्गा सप्तशती में विस्तार से वर्णन मिलता है कि सबसे पहले नवरात्रि का व्रत राजा सूरथ और समाधि वैश्य ने रखा. कथा के अनुसार, राजा सूरथ अपने शत्रुओं से हारकर राज्य से वंचित हो गए. दुखी होकर वे वन में चले गए, जहां उनकी मुलाकात समाधि नामक व्यापारी से हुई. समाधि को भी उसके परिवार ने त्याग दिया था. दोनों ही गहरी पीड़ा में थे और उत्तर खोजते-खोजते मेडा ऋषि के आश्रम पहुंचे. राजा और व्यापारी ने मुनि से अपने दुखों का समाधान पूछा. तब मुनि ने उन्हें बताया कि संसार की सारी शक्तियां आदिशक्ति दुर्गा के अधीन हैं और यदि वे नवरात्र के नौ दिनों तक मां की उपासना करें, तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. राजा सूरथ और समाधि ने पूरे नियम से नौ दिनों तक उपवास और पूजा की. मां दुर्गा प्रसन्न हुईं और राजा को अगले जन्म में साम्राज्य तथा व्यापारी को मोक्ष का वरदान दिया. यही कारण है कि कहा जाता है नवरात्रि व्रत का प्रथम पालन राजा सूरथ और समाधि वैश्य ने किया था. भगवान श्रीराम और शारदीय नवरात्र: आकाल बोधन की परंपरा दूसरी ओर रामायण और लोककथाओं में उल्लेख है कि जब श्रीराम रावण से युद्ध की तैयारी कर रहे थे, तब उन्होंने विजय की कामना से मां दुर्गा की पूजा का संकल्प लिया. समस्या यह थी कि उस समय शरद ऋतु चल रही थी, जबकि नवरात्रि का पर्व पारंपरिक रूप से चैत्र मास में आता था. तब श्रीराम ने शास्त्रों से हटकर शरद ऋतु में ही मां दुर्गा की पूजा आरंभ की. इसे ही आकाल बोधन कहा गया यानी समय से अलग काल में देवी का आवाहन. मां दुर्गा ने श्रीराम को विजय का आशीर्वाद दिया और उसके बाद ही रावण-वध संभव हुआ. इस घटना के बाद से ही शारदीय नवरात्रि की परंपरा शुरू हुई, जो समय के साथ सबसे अधिक लोकप्रिय बन गई. चैत्र और शारदीय नवरात्र: दोनों का महत्व चैत्र नवरात्रि: इसका मूल उद्गम राजा सूरथ और समाधि वैश्य की साधना से जुड़ा है. इसे वसंत ऋतु की शुरुआत और नए साल के आरंभ (हिंदू पंचांग के अनुसार) के रूप में भी मनाया जाता है. वसंत ऋतु की शुरुआत में आता है, इसे आत्मशुद्धि और साधना का पर्व माना जाता है. शारदीय नवरात्रि: भगवान श्रीराम की पूजा और विजय की कथा से जुड़ा. यह आश्विन मास में आता है और आज भारतभर में सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाता है. शरद ऋतु में आने वाला यह नवरात्रि शक्ति, विजय और देवी की कृपा का प्रतीक बन गया. दोनों ही पर्व का आधार एक ही है आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना, लेकिन इनके स्वरूप और महत्ता समय के साथ अलग-अलग रूप में स्थापित हुए.इस तरह नवरात्रि का उद्गम चैत्र मास में हुआ, लेकिन समय के साथ शारदीय नवरात्रि सबसे बड़ी और लोकप्रिय परंपरा बन गया. यही कारण है कि आज लोग इसे शक्ति साधना, विजय और आस्था के महापर्व के रूप में मनाते हैं. इस तरह शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि व्रत की प्राचीन परंपरा राजा सूरथ और समाधि वैश्य से जुड़ी है, लेकिन शारदीय नवरात्रि की परंपरा भगवान श्रीराम ने शुरू की, जब उन्होंने रावण से युद्ध से पहले मां दुर्गा की पूजा की. यही वजह है कि आज शारदीय नवरात्रि को विजय, शक्ति और आस्था का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है.

MacBook Air M2 महज ₹63,990 में! जानिए फ्लिपकार्ट और अमेज़न की सेल में कौन-कौन से लैपटॉप्स पर है बंपर डिस्काउंट

नई दिल्ली ऑफिस का काम करना हो या फिर ऑनलाइन पढ़ाई करनी होगी, सभी कामों के लिए लैपटॉप की जरूरत होती है। अगर आपका लैपटॉप पुराना हो गया है और आप नया खरीदने पर विचार कर रहे हैं तो एक अच्छा मौका आने वाला है। 23 सितंबर से फ्लिपकार्ट और अमेजन दोनों वेबसाइट पर सेल शुरू होने वाली है। अमेजन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल और फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डेज सेल 2025 के कई ऑफर्स लाइव कर दिए गए हैं। Asus, Acer, Apple, Lenovo, Hp, Dell जैसी कई कंपनियों के लैपटॉप पर भारी छूट मिलेगी। सेल से पहले ही ऑफर्स सामने आ गए हैं। Apple के लैपटॉप को 50 हजार से भी कम में खरीदने का मौका मिल रहा है। आइये, ऑफर्स की डिटेल जानते हैं। Apple के इस लैपटॉप पर भारी छूट आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Flipkart Big Billion Days Sale में ऐपल का लैपटॉप Macbook Air M2 को 63,990 रुपये में खरीदने का मौका मिलेगा। इस लैपटॉप की कीमत 67,990 रुपये है। इस लैपटॉप में 13.6 इंच का डिस्प्ले दिया गया है। यह तीन कलर ऑप्शन में आता है। फ्लिपकार्ट सेल में इन लैपटॉप्स पर भी छूट ऐपल के लैपटॉप के अलावा HP 14 Core Ultra AI लैपटॉप को सेल में 60 हजार रुपये से कम में खरीद पाएंगे। वहीं, Asus Expertbook P1 लैपटॉप 50 हजार से कम में मिलेगा। इतना ही नहीं, Asus Vivobook S14 Flip लैपटॉप को 50 हजार रुपये से कम में खरीदने का मौका मिलेगा। Acer Aspire 14 सेल में 40 हजार रुपये से कम में खरीदा जा सकेगा। ध्यान रखें कि ये कीमतें बैंक कार्ड के ऑफर्स के बाद होंगी। Amazon Sale में सस्ते मिलेंगे ये लैपटॉप अमेजन सेल में भी लैपटॉप सस्ते में मिल रहे हैं। Asus Vivobook 13th Gen i5 सेल में 60 हजार रुपये में कम में मिलेगा। वहीं, Lenovo Slim 3 13th Gen i7-H को सेल में 60 हजार रुपये से कम में खरीदने का मौका है। Asus Vivobook 13th Gen i3 सेल में 30 हजार रुपये से कम में मिलेगा। एक दिन पहले मिलेंगे ऑफर्स आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्लिपकार्ट के प्लस और ब्लैक मेंबर्स और अमेजन के प्राइम मेंबर्स के लिए सेल एक दिन पहले यानी 22 सितंबर से शुरू हो जाएगी। बता दें कि दोनों सेल में चुनिंदा बैंक के कार्ड पर डिस्काउंट दिया जा रहा है। इस सेल में आप कम खर्च करके अच्छे प्रोडक्ट खरीद सकते हैं।

पहली नवंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में की जाएगी खरीद

धान (कॉमन)-2369 और (ग्रेड ए) का 2389 रुपये प्रति कुंतल एमएसपी तय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी 2026 तक चलेगी खरीद लखनऊ खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत पहली अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान खरीद शुरू होगी, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के संभागों में धान खरीद पहली नवंबर से होगी। इसके लिए पहली सितंबर से पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 28 फरवरी 2026 तक धान खरीद होगी। सरकार ने इस वर्ष धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि भी की है। धान (कॉमन)-2369 और (ग्रेड ए) का 2389 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है।  fcs.up.gov.in या UP KISAN MITRA  पर कराना होगा पंजीकरण धान बिक्री के लिए किसानों का पंजीकृत होना अनिवार्य है। किसानों को खाद्य व रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP KISAN MITRA  पर पंजीकरण कराना होगा। धान की खरीद पंजीकृत किसानों से ही होगी। खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक किसी भी सहायता या जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 18001800150 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। साथ ही अपने जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी व ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से भी संपर्क साध सकते हैं।  पश्चिम उत्तर प्रदेश व लखनऊ के इन जनपदों में पहली अक्टूबर से होगी खरीद पश्चिम उत्तर प्रदेश के संभागों में पहली अक्टूबर से धान खरीद शुरू होगी, जो 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। यह खरीद पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली,आगरा, अलीगढ़, झांसी संभाग में होगी। वहीं लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर जनपद में भी धान खरीद इसी अवधि में होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश व लखनऊ संभाग के इन जनपदों में पहली नवंबर से शुरू होगी खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के संभागों में पहली नवम्बर से धान खरीद शुरू होगी। यह खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर व प्रयागराज संभाग में होगी। इसके साथ ही लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव में भी पहली नवंबर से खरीद होगी, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी।   करीब 10 हजार किसानों ने करा लिया पंजीकरण  धान खरीद के लिए पंजीकरण प्रारंभ हो गया है। 20 सितंबर (दोपहर एक बजे) तक करीब 10 हजार किसानों ने धान विक्रय के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया है। विभाग के मुताबिक धान की बिक्री के लिए ओटीपी आधारित सिंगल पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। किसान मोबाइल पर एसएमएस से मिले ओटीपी को भरकर पंजीकरण करा सकते हैं। वहीं किसानों को भुगतान सीधे आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा। बिचौलियों को रोकने व पारदर्शिता बरतते हुए क्रय केंद्रों पर धान की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से पहले की भांति किसानों के बायोमीट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी। 

बेहद तनाव में भी तुरंत पाएँ सुकून – अपनाएँ ये 5 असरदार उपाय

रोजाना के बिजी शेड्यूल की वजह से ज्यादा तर लोग खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते। भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोग तनावग्रस्त हैं। तनाव की वजह से मन अशांत रहता है और बड़े फैसले लेना मुश्किल होता है। टेंशन के बीच मन को शांत रखना सरल काम नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। छोटे-छोटे तरीकों को अपनाकर आप टेंशन में भी मन को शांत रख सकते हैं। जानें, मन शांत करने के 5 तरीके- गहरी सांस लेना अपनी नाक से गहरी सांस लें और फिर कुछ सेकंड के लिए रोककर रखें बाद में अपने मुंह से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। ऐसा करते समय अपनी सांस की अनुभूति पर ध्यान केंद्रित करें। माइंडफुलनेस प्रेक्टिस आएगी काम अपने आस-पास के माहौल और शरीर की संवेदनाओं पर ध्यान दें। आप 5-4-3-2-1 तकनीक को आजमा सकते हैं। इसके लिए 5 ऐसी चीजें पहचानें जिन्हें आप देख सकते हैं, 4 ऐसी चीजें जिन्हें आप छू सकते हैं, 3 ऐसी चीजें जिन्हें आप सुन सकते हैं, 2 ऐसी चीजें जिन्हें आप सूंघ सकते हैं और 1 ऐसी चीज जिसे आप चख सकते हैं। टहलने से मिलेगी मदद टेंशन के बीच मन को शांत रखने का सबसे अच्छा तरीका है कुछ मिनटों के लिए बाहर निकलें और वॉक करें। इस दौरान अपने आस-पास के वातावरण पर ध्यान केंद्रित करें। शांत करने वाले म्यूजिक को सुनें बहुत ज्यादा टेंशन के बीच ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर आप गलत फैसले लेने से बचना चाहते हैं तो मन शांत करने के लिए शांत करने वाले म्यूजिक को सुनें। म्यूजिक हृदय गति और ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। च्युइंग गम आएगी काम बहुत से लोग इसे खाना पसंद नहीं करते हैं लेकिन स्ट्रेस के बीच मन शांत करने में ये आपकी मदद कर सकती है। जब भी आपको तनाव महसूस हो तो च्युइंग गम चबाना शुरू कर दें। दरअसल च्युइंग गम चबाने से तनाव से जुड़े हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में मदद मिलती है , जिससे यह तनाव को जल्दी से मैनेज करने में मदद करता है।

बेलन के जादू से आएगी समृद्धि, जानें कौन से उपाय हैं प्रभावी

बेलन सुनने में तो एक आम से चीज लगती है लेकिन इसके फायदे इसके नाम से भी बड़े हैं। आपको शायद सुनने में अजीब लगे लेकिन वास्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार बेलन हमारे जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। हिन्दू धर्म में ऐसी बहुत से चीजे बताई हुई हैं जो शायद ही हर व्यक्ति को पता हो। बेलन को मां अन्नपूर्णा से जोड़ा जाता है और इनके आशीर्वाद से ही हमारे जीवन की डोर जुड़ी है।  मां अन्नपूर्णा ही हमारे जीवन में सुख-समृद्धि लाने का काम करती हैं। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए जानते हैं कि बेलन से जुड़े उपायों से हम कैसे अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। बेलन का स्थान: बेलन को हमेशा रसोई में उत्तर-पूर्व दिशा या पूर्व दिशा में रखें। यह स्थान शुभ माना जाता है और यहां रखे गए बेलन से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। बेलन की स्थिति: बेलन को हमेशा अपनी ओर से सही और साफ-सुथरे स्थान पर रखें। बेलन पर कभी भी दरार या टूट-फूट न होने दें। यदि बेलन में कोई दरार हो जाए तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए क्योंकि टूटा हुआ बेलन घर में संकट लेकर आता है। बेलन की सफाई: बेलन को हमेशा साफ रखें। गंदा या खराब बेलन नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। घर में हमेशा साफ-सुथरी चीजें ही रखें। बेलन का रंग: वास्तु के अनुसार, बेलन का रंग भी महत्वपूर्ण है। सफेद, हल्का गुलाबी या प्राकृतिक लकड़ी के रंग के बेलन शुभ माने जाते हैं। अत्यधिक चमकीले या रंग-बिरंगे बेलन से बचें। रसोई में बेलन का प्रयोग: बेलन का प्रयोग नियमित रूप से करें। खाना बनाते समय इसका सही उपयोग करना घर में खुशहाली लाता है। बेलन को अनावश्यक रूप से घर के बाहर या गंदे स्थानों में न रखें। बेलन को कभी जमीन पर न रखें: बेलन को जमीन पर या फर्श पर न रखें। इसे हमेशा टेबल या किसी साफ स्थान पर रखें ताकि यह अपशिष्ट से दूर रहे। नए बेलन की पूजा करें: नया बेलन खरीदते समय उसकी पूजा करें। इसे हल्दी और कुमकुम से सजाएं और भगवान के चरणों में रखें। इससे घर में समृद्धि आती है। बेलन को दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें: दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेलन रखना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिशा घर के प्रमुख कार्यकर्ता या मुखिया से जुड़ी होती है और यहां बेलन रखने से धन की हानि हो सकती है। धन-धान्य से जुड़ी परेशानी से मुक्ति पाने के लिए खासतौर पर शुक्रवार के दिन नया चकला-बेलन खरीदें और किसी जरूरतमंद को दान दें। ऐसा करने से आपके जीवन में बेहतरीन बदलाव देखने को मिलेगा।