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आज चमकेगा इन राशियों का भाग्य, सूर्य का आशीर्वाद लाएगा तरक्की और सम्मान

मेष राशि- आज का दिन मेष राशि वालों के लिए उम्मीदों से भरा रहेगा। सुबह से ही आपका मन नया ऊर्जा और प्रेरणा से भर उठेगा। कार्यालय या व्यावसायिक क्षेत्र में आपका काम बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ेगा। सहकर्मियों और वरिष्ठों से सहयोग मिलने की संभावना प्रबल है। सामाजिक दृष्टिकोण से आप आकर्षक और संवादात्मक बने रहेंगे, जिससे नए लोग आपके संपर्क में आएँगे। हालांकि, भावनात्मक उतार-चढ़ाव से आपको सावधान रहना होगा। कभी-कभी छोटी-छोटी बातों पर मन चिड़चिड़ा हो सकता है। दिन के मध्य में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की स्थिति आएगी। उस समय शांत दिमाग और सोच-समझ कर लेना बेहतर रहेगा। शाम तक आपकी ऊर्जा कम हो सकती है, इसलिए जरूरत पड़े तो थोड़ा आराम करना ठीक रहेगा। वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातक आज परिवार, संपत्ति और आर्थिक मामलों में संतुलन बनाए रखेंगे। पारिवारिक मोर्चे पर सुख-शांति देखने को मिल सकती है। माता-पिता या बुजुर्गों का आशीर्वाद एवं सहयोग मिलेगा। पुराने निवेश या बचत योजनाएँ आज लाभ देने का संकेत दिखा सकती हैं। कामकाज में अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं, जिन्हें आप संभाल लेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखना आज जरूरी है, क्योंकि किसी अनचाही टिप्पणी से विवाद हो सकता है। दिन के आखिरी हिस्से में परिवार के साथ समय बिताने से मन को शांति मिल सकती है। मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों की आज हालत काफी अच्छी रहेगी। आपकी चपलता और संवाद कौशल आज बड़ी भूमिका निभाएंगे। यदि आप कहीं नए प्रोजेक्ट या काम शुरू करने की सोच रहे हैं, तो आज उसका समय अनुकूल है। सार्वजनिक और सामाजिक क्षेत्रों में आपकी भागीदारी लाभदायक रहेगी। नौकरी या व्यवसाय दोनों ही क्षेत्र में चांस मिल सकते हैं। नए क्लाइंट, नए अवसर या बढ़ोतरी का अवसर सामने आ सकता है। मन में कभी-कभी ऊंच-नीच विचार आ सकते हैं, इसलिए खुद को केंद्रित बनाए रखना महत्वपूर्ण है। शाम में मित्रों या सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इस समय आप खुशमिजाज और मिलनसार रहेंगे। कर्क राशि- कर्क राशि वालों आज थोड़ा अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। आपकी भावनाएँ आज अधिक संवेदनशील होंगी। किसी करीबी संबंध में मन-मुटाव होने की संभावना हो सकती है, इसलिए शांत रहकर संवाद करना जरूरी रहेगा। आर्थिक मोर्चे पर अनियोजना या अनपेक्षित खर्च सामने आ सकते हैं — बजट को ध्यान में रखकर ही कदम उठाएं। कार्यक्षेत्र में चुनौतियाँ आ सकती हैं, लेकिन आपकी मेहनत और सतर्कता उन्हें पार कर सकती है। आधी सी दिनचर्या में बदलाव-परिवर्तन की संभावना है। हो सकता है जहां आप पहले सहज थे, वहां आज थोड़ा संघर्ष करना पड़े। शाम को किसी स्वाभाविक या प्राकृतिक स्थल पर समय बिताना आपके मन को शांति देगा। सिंह राशि- सिंह राशि के जातक आज उज्जवल और लाभदायक संकेतों से घिरे रहेंगे। आपका आत्मविश्वास दूसरों को प्रभावित करेगा। कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियाँ मिलेंगी और आप उन्हें सफलता पूर्वक निभाएँगे। सामाजिक मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ने की संभावना है। धन संबंधी मामले आज मजबूत दिखते हैं। किसी निवेश या सौदा में लाभ मिल सकता है। स्वास्थ्य के मामले में आप अच्छे महसूस करेंगे, लेकिन अधिक थकान से सावधान रहें। काम और आराम के बीच संतुलन बनाए रखना आज विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। शाम को कुछ रचनात्मक या कला-संबंधी गतिविधि आपको संतुष्टि दे सकती है। कन्या राशि- कन्या राशि वालों के लिए आज दिन संतुलन और संयम से भरा रहेगा। कार्यक्षेत्र में आप शांत और निरंतर गति से आगे बढ़ेंगे। कठिनाई आए तो धैर्य न खोएं। छोटे–छोटे कदम धीरे लेकिन निरंतर सफलता की ओर ले जाएंगे। आर्थिक मामलों में अचानक उछाल हो सकता है, पर सावधानी पूर्वक निवेश करना लाभ दायक रहेगा। घर-परिवार में हल्की-महत्वपूर्ण खटपट हो सकती है, जिसे संवाद और समझदारी से संभाला जा सकता है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा, पर अधिक थकान न लें। शाम के समय कुछ समय अपने प्रियजनों को दें।संवाद और आत्मीयता बनी रहेगी। तुला राशि- तुला राशि के जातक आज जीवन में बदलाव की बयार महसूस कर सकते हैं। पुराने दोस्त या परिचित आज अचानक संपर्क में आ सकते हैं, जिससे मन को खुशी होगी। कार्यक्षेत्र में बदलाव या चुनौती मिल सकती है। यदि आपका मन नई दिशा लेने का है, तो आज अच्छा समय है इसकी शुरुआत करने का। कई लोग आपसे राय मांगेंगे, आपकी बुद्धिमत्ता आज लोगों को प्रभावित करेगी। हालांकि, झूठे वादों से सावधान रहें। किसी भी प्रस्ताव पर पूरी तरह भरोसा करने से पहले जाँच अवश्य करें। धन-व्यय पर नियंत्रण बनाए रखना आवश्यक है। सामाजिक और पारिवारिक जीवन में ठीक-ठाक सामंजस्य रहेगा। वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातक आज अपने विचारों व क्षमताओं से दूसरों को प्रभावित करेंगे। कार्यक्षेत्र और सामाजिक जीवन दोनों में आपका दायरा बढ़ेगा। वरिष्ठों और सहयोगियों का समर्थन मिलेगा। यदि आप किसी साझेदारी या गठबंधन की सोच में थे, तो आज समय अनुकूल है, लेकिन साझेदार की छिपी बातों पर भी ध्यान दें। पारिवारिक माहौल मधुर रहेगा। कुछ पुरानी बातों का सुलझना संभव है। धन संबंधी फैसलों में सावधानी बरतें। जल्दबाजी न करें। मानसिक रूप से आप ऊर्जावान रहेंगे। चाहे संवाद हो, लिखाई हो या कोई कलात्मक काम हो, उसमें मन लगेगा। धनु राशि- धनु राशि वालों के लिए आज का दिन तुलनात्मक रूप से अनुकूल रहेगा। धन और संपत्ति संबंधी मामलों में सफलता मिल सकती है। यदि आप व्यापार या निवेश करने की सोच रहे थे, तो आज शुभ संकेत हैं, परन्तु कदम सोच-समझ कर उठाएं। वैवाहिक जीवन और घरेलू संबंधों में मधुरता बनी रहेगी। आप और आपका परिवार सुखद बातचीत और समय साझा कर सकेंगे। कार्य में बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन आपकी धैर्य और परिश्रम उन्हें पार कर लेगी। दिन के देर शाम भागीदारी बढ़ सकती है। हो सकता है आप किसी सामाजिक या सामुदायिक कार्यक्रम से जुड़े। मकर राशि- मकर राशि वालों को आज कार्यक्षेत्र में विशेष अवसरों का सामना कर सकते हैं। विदेशों से संपर्क संभव है या दूरी यात्रा की संभावना है। शिक्षा या अनुसंधान संबंधी कामों में आपकी रुचि बढ़ सकती है। यदि आपने पिछले समय में कठोर परिश्रम किया है, तो आज उसकी सफलता दिख सकती है। बच्चों से संबंधित चिंता हो सकती है। उनकी सेहत और अध्ययन पर ध्यान देना ज़रूरी है। आर्थिक स्थिति सुधारती दिख रही है, परंतु खर्चों पर नियंत्रण आवश्यक रहेगा। सामाजिक जीवन में आप सक्रिय रहेंगे, संवाद … Read more

स्वच्छता की जंग शुरू! हरियाणा के शहरों में मुकाबला, कौन मारेगा बाज़ी?

करनाल जिला सचिवालय सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत स्वच्छ शहर जोड़ी-समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। स्वच्छता के प्रति मार्गदर्शन के लिए करनाल नगर निगम की ओर से प्रदेश के 5 शहरों की नगर पालिकाओं के साथ एमओयू किया गया। केंद्रीय ऊर्जा, आवासन व शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल सोनीपत से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश की विभिन्न निकाय संस्थाओं से जुड़े और स्वच्छ शहर जोड़ी पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हम हरियाणा के शहरों के बीच भी स्वच्छता की प्रतियोगिता आयोजित करेंगे। हमने हरियाणा के शहरों की रैंकिंग भी तय की है। उसके लिए कुछ पैरामीटर भी तय किए हैं। नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है कि प्रदेश साफ – सुथरा हो, शहर स्वच्छ हों, हरे भरे हों, उसे साकार किया जा सके। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि स्वच्छता में बेहतर रैंकिंग पाने वाले शहरों ने आज पांच-पांच अन्य शहरों को गोद लिया है ताकि भविष्य में इन्हें भी स्वच्छ बनाया जा सके। पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में करनाल के साथ-साथ सोनीपत ने भी बेहतर रैंक प्राप्त किया था। आज सोनीपत ने होडल, नारनौल, पटौदी मंडी, फर्रूखनगर व कुंडली को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में शुरू किए गए स्वच्छता अभियान को सफल बनाएं। एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि धान की खरीद जारी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मंडियों में इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगें। मंडियों में धान की खरीद सही तरीके से हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने एक अधिकारी की नियुक्ति मंडी में धान खरीद की व्यवस्था की निगरानी के लिए की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के समय में तो फसल नुकसान की भरपाई नहीं होती थी। किसान सहायता के लिए ताकता रहता था, एक-दो रुपये का चेक भेजा जाता था। जबकि हमारी सरकार ने फसलों के हुए नुकसान का जल्द भुगतान सुनिश्चित किया है। इस बार भी क्षति-पूर्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को जल्दी ही जांच के बाद मुआवजा राशि दी जाएगी। इस मौके पर करनाल के विधायक जगमोहन आनंद, असंध के विधायक योगेंद्र राणा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक डॉ. पंकज, उपायुक्त उत्तम सिंह, मेयर रेणुबाला गुप्ता तथा विभिन्न नगर पालिकाओं के अधिकारी मौजूद रहे।

विकास बनाम आरोप: गिरिराज सिंह ने कांग्रेस और तेजस्वी यादव पर साधा निशाना

पटना  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पटना के ऊर्जा ऑडिटोरियम से देशभर में आईआईटी पटना, बीएसएनएल 4जी और विभिन्न विकास योजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने करीब 60 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी। गिरिराज सिंह ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “कर्मवीर अवतरित पुरुष” बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी भारत को विश्वगुरु बनाने के प्रयास में जुटे हैं। साथ ही विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “कांग्रेस और तेजस्वी यादव झूठ का सहारा ले रहे हैं, जबकि एनडीए सरकार बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।” केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा कि 23 में से 8 आईआईटी में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए खर्च कर विस्‍तार की योजना बनाई गई। इसमें पटना आईआईटी का नाम भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंजीनियर रहे हैं, इसलिए पटना में सड़क और भवनों की बेहतर संरचना उनके विजन का परिणाम है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार बिहटा को ग्रोथ जोन केंद्र बनाएगी, जहां सेमीकंडक्टर, टाइल्स परीक्षण और फूड प्रोसेसिंग जैसी प्रमुख इकाइयां स्थापित होंगी। वहीं, उत्तर प्रदेश में “आई लव मोहम्मद” विवाद को लेकर गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि “कांग्रेस देश में गृह युद्ध कराना चाहती है। नेपाल और बांग्लादेश में जब विवाद हुआ था तब आरजेडी ने भी यही विषय उठाया था। नेपाल और लेह की घटनाओं के लिए राहुल गांधी की भड़काऊ राजनीति जिम्मेदार है। कांग्रेस, तेजस्वी यादव, ओवैसी और महबूबा मुफ्ती जैसे लोग विकास की राह में रोड़े अटका रहे हैं और सत्ता की भूख में देश को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।”

ट्रंप के साथ मुस्कुराते जेलेंस्की: क्या यह संकेत है अमेरिका से मजबूत समर्थन का?

कीव  रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ की तस्वीर शेयर की। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएनजीए में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने सुरक्षा की गारंटी का मुद्दा उठाया था। जेलेंस्की ने शांति और सुरक्षा की बात करते हुए दावा किया कि शांति अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, बल्कि हथियार तय करते हैं। जेलेंस्की ने कहा, "आप भी उतनी ही सुरक्षा और शांति चाहते हैं जितनी आज हम (यूक्रेन) चाहते हैं। सुरक्षा की गारंटी हमारे (यूक्रेन) अलावा कोई नहीं दे सकता। केवल मजबूत गठबंधन, केवल मजबूत साझेदार और केवल हमारे अपने हथियार, 21वीं सदी अतीत से बहुत अलग नहीं है। अगर कोई राष्ट्र शांति चाहता है तो उसे अभी भी हथियारों पर काम करना होगा। अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, सहयोग नहीं, बल्कि हथियार तय करते हैं कि कौन बचेगा।" उन्होंने आगे कहा, "फिलिस्तीन, सोमालिया और सूडान में जो कुछ हुआ उसे रोकने में कोई भी एक अंतरराष्ट्रीय संस्था सामने नहीं आई, जिससे किसी भी आक्रमण को वास्तव में रोका जा सके।" गाजा का जिक्र कर अंतरराष्ट्रीय संगठन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, "सूडान, सोमालिया, फिलिस्तीन या दशकों से युद्ध झेल रहा कोई भी अन्य संयुक्त राष्ट्र या वैश्विक व्यवस्था से क्या उम्मीद कर सकता है, सिर्फ बयानों और बयानों के अलावा? इतने सारे बदलावों के बाद भी, सीरिया को अपनी अर्थव्यवस्था को चौपट कर रहे प्रतिबंधों में ढील देने के लिए दुनिया से अपील करनी पड़ रही है। उसे मांग करनी होगी और इंतजार करना होगा। सीरिया की मदद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को करनी चाहिए।" इसके बाद उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग का जिक्र किया। बोले, "मेरे देश के खिलाफ रूस का युद्ध जारी है, हर हफ्ते लोग मर रहे हैं, फिर भी युद्धविराम नहीं हो पा रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल जापोरिज्जिया बिजली संयंत्र पर रूसी हमले के परिणामस्वरूप होने वाले विकिरण के खतरे को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन तब से कुछ भी नहीं बदला है। उन्होंने कहा, "रूस ने गोलाबारी बंद नहीं की, यहां तक कि परमाणु संयंत्र के पास के इलाकों में भी नहीं। और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इतनी कमजोर हैं कि यह पागलपन जारी है।"

बरेली विवाद में बड़ा मोड़: 8 आरोपी जेल में, पुलिस ने दर्ज की 10 एफआईआर

बरेली  बरेली में शुक्रवार को हुए हंगामे के बाद पुलिस ने 10 एफआईआर दर्ज की हैं। मामले में 39 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। बरेली पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को भी गिरफ्तार किया, जिन्हें अब 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। डीआईजी के अनुसार, हंगामे को लेकर तौकीर रजा के संगठन के कुछ लोगों का नाम भी सामने आया है। उनके खिलाफ कुछ सबूत भी हैं। इन लोगों के नाम एफआईआर में भी दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार की घटना के संबंध में अब तक कुल 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। डीआईजी ने यह भी बताया कि घटनास्थल से हथियार, खाली खोखे, कुछ बोतलें और घटना में इस्तेमाल की गई अन्य सामग्री बरामद की गई है। कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जुमे की नमाज के बाद कुछ जगहों पर हिंसक प्रदर्शन किया गया। हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस मामले में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। एफआईआर को लेकर एसएसपी ने बताया कि घटनाओं को लेकर थाना कोतवाली में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि थाना बारादरी में दो और किला, प्रेम नगर और कैंट पुलिस थानों में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि कुल 8 अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। इसमें मौलाना तौकीर रजा भी शामिल हैं। कोर्ट के आदेश के बाद सभी 8 आरोपियों को जेल में भेजा गया है।

रेलवे ने यात्रियों के लिए किया बड़ा ऐलान, अब सफर में होंगे कई फायदे

पटियाला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान प्रोफेसर किरपाल सिंह बडूंगर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी ओर से विशेष ट्रेनों की मांग के लिए लिखे गए पत्र पर कार्यवाही करते हुए रेलवे विभाग ने नई ट्रेनों को मंजूरी दी है। इससे न केवल पंजाब बल्कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को भी विशेष सुविधा प्राप्त होगी। प्रो. बडूंगर ने बताया कि 10 दिसम्बर 2024 को उन्होंने पत्र लिखकर मांग की थी कि पंजाब और इसके साथ लगते प्रांतों में रेल संपर्क की भारी कमी है। इस कारण यात्रियों और व्यापारियों को सड़क मार्ग (बसों द्वारा) यात्रा करनी पड़ती है, जिसमें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि खास तौर पर बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी होती है इसलिए राजपुरा से चंडीगढ़, राजस्थान और बठिंडा को जोड़ने वाली विशेष ट्रेनों की जरूरत थी। उनका कहना था कि राजपुरा–चंडीगढ़, पटियाला–समाना–पातड़ां, टोहाना और जाखल होते हुए राजस्थान तक रेल लिंक बनने से लोगों को सुविधा के साथ व्यापार में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, इन ट्रेनों के चलने से धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों जैसे – गुरुद्वारा बुढ़ा जोहड़ (अनूपगढ़-सूरतगढ़), हनुमानगढ़, मंडी डबवाली, रामामंडी (गुरुद्वारा दमदमा साहिब), सिरसा, जाखल, गुरुद्वारा धामधन साहिब, खनौरी, समाना, पटियाला (गुरुद्वारा दूख निवारण साहिब, काली माता मंदिर), राजपुरा, फतेहगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब, नैना देवी और चंडीगढ़ आने-जाने में यात्रियों को बड़ी सुविधा होगी। प्रो. बडूंघर ने यह भी बताया कि 1977 से 1980 के बीच उन्हें रेलवे यूजर्स बोर्ड में सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर मिला था। उस समय उन्होंने केंद्र सरकार के पास रेल लिंक का प्रोजेक्ट तैयार करवाकर भेजा था। इस प्रोजेक्ट में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह जी द्वारा 1932 में करवाए गए सर्वे को भी शामिल किया गया था, लेकिन अंग्रेज सरकार ने उसे मंजूरी नहीं दी। साथ ही, उस समय केंद्र सरकार गिरने के कारण प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के पिछड़े इलाकों को रेल लिंक से जोड़ रही है और पंजाब भारत का एक अहम राज्य है, जिसे महत्वपूर्ण रेल संपर्क की बहुत जरूरत थी। इस मंजूरी से पंजाब और राजस्थान दोनों के यात्रियों को आवाजाही में बड़ी राहत मिलेगी।

भाजपा ने बढ़ाया दबाव, हितानंद शर्मा बिहार में सक्रिय, मोहन यादव की सरकार पर परिवारवाद का आरोप

भोपाल कुछ दिनों बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में मैदानी तैयारी को अंतिम रूप देने में सहयोग के लिए मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सहित कई अन्य नेता बिहार पहुंच गए हैं। इन्हें अलग-अलग अंचलों में संगठन के कामकाज की जिम्मेदारी मिली है। हितानंद के अलावा कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, सांसद अनिल फिरोजिया, विष्णु दत्त शर्मा, गजेंद्र पटेल और पूर्व सांसद केपी यादव को बिहार चुनाव में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार नहीं पहुंचे हैं प्रहलाद पटेल ये सभी नेता बिहार में संगठनात्मक मोर्चों पर तैनात रहेंगे। माता जी के स्वास्थ्य कारणों से प्रहलाद पटेल बिहार नहीं पहुंचे हैं लेकिन बाकी नेताओं ने वहां मोर्चा संभाल लिया है। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक रहे हितानंद को इससे पहले भी महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों में चुनाव के दौरान भाजपा ने अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी थीं। उधर, ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे नेताओं का कार्यक्रम भी संगठन जल्द तैयार कर रहा है। बिहार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हाल ही में हुई प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में मध्य प्रदेश के नेता भी शामिल हुए थे। मध्य प्रदेश के नेताओं में से विशेष रूप से ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के नेताओं पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। परिवारवाद का जवाब डॉ. मोहन यादव के चेहरे से देगी भाजपा भाजपा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनावों के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में यादव चेहरे के रूप में प्रस्तुत करेगी। आरजेडी के लालू यादव के परिवारवाद के विरुद्ध भाजपा डॉ. मोहन यादव को एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत करेगी। डॉ. मोहन यादव की अलग शैली उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के लिए चुनौती बनी तो अब बिहार में लालू यादव के परिवार की राह मुश्किल कर सकती है। ओबीसी वर्ग को साधने की चुनौती संभालेंगे शिवराज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों बिहार में अच्छी पहचान बना रहे हैं। मखाने की खेती को प्राथमिकता देते हुए इसके किसानों के लिए बेहतरीन प्रयास कर उन्होंने अपनी अच्छी छवि बना ली है। शिवराज सिंह चौहान की किसान और गरीबों के लिए संवेदनशील छवि का लाभ बिहार में भाजपा उठा सकती है। ओबीसी वर्ग में वोटों को ध्रुवीकरण न हो, इसकी जिम्मेदारी शिवराज सिंह संभालेंगे।

सदन में हंगामा: मान सरकार का बीजेपी विरोधी प्रदर्शन तेज

चंडीगढ़ पंजाब को बाढ़ राहत के नाम पर केंद्र सरकार से मिला वादा एक बार फिर खोखला साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए ₹1600 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन यह वादा अभी तक अधूरा है। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में एक ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला, जहाँ मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार को कड़ी चेतावनी दी। सरकार ने साफ किया कि पंजाब अब केवल वादों से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि उसे वास्तविक राहत चाहिए। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का पंजाब दौरा केवल "फोटो खिंचवाने" तक ही सीमित था। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री उस परिवार को सांत्वना तक नहीं दे पाए जिसने बाढ़ में अपने तीन सदस्यों को खो दिया।" चीमा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि संकट के समय कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब का साथ देने के बजाय भाजपा का ही समर्थन किया। जल संसाधन मंत्री ब्रिंदर कुमार गोयल ने भी विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, "पंजाब ने ₹20,000 करोड़ की राहत मांगी थी, लेकिन केंद्र ने केवल ₹1,600 करोड़ का 'झुनझुना' थमा दिया। यह पंजाब के किसानों और बाढ़ पीड़ितों के साथ एक क्रूर मजाक है।"उन्होंने बताया कि यह पैकेज प्रधानमंत्री ने 9 सितंबर को अपने दौरे के दौरान घोषित किया था, लेकिन अभी तक इसका कोई भी अंश जारी नहीं किया गया है। गोयल ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब में हुई तबाही के असली पैमाने को समझना चाहिए और तुरंत कम से कम ₹20,000 करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर करना चाहिए। साथ ही, यह भी मांग की गई कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ₹1,600 करोड़ को तुरंत पंजाब आपदा राहत कोष में जारी किया जाए। ₹1600 करोड़ 'अपमान' और 'नाकाफी', राज्य के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने इस वादे को "पंजाब का अपमान" बताया। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को नुकसान का विस्तृत ब्यौरा दिया था, जिसमें टूटी सड़कें, बर्बाद हुई फसलें (1.91 लाख हेक्टेयर), उजड़े घर और जमीनें शामिल थीं। इसके बावजूद, केंद्र ने केवल ₹1600 करोड़ का वादा किया, जो अभी तक सिर्फ कागजों में ही है। सरकार ने स्पष्ट किया कि पंजाब की बर्बादी इतनी बड़ी है कि ₹1600 करोड़ बहुत मामूली है। किसानों को मुआवजा देने, बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और लोगों के जीवन को पटरी पर लाने के लिए राज्य को कम से कम ₹60,000 करोड़ की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में विधानसभा से एक मजबूत संदेश गया है, "पंजाब अब खैरात नहीं मांगेगा, बल्कि अपने हक की लड़ाई लड़ेगा। यह केवल राहत का मामला नहीं, बल्कि पंजाब की इज्जत का सवाल है।"

यूपी सीएम योगी ने दी चेतावनी: दारुल इस्लाम में विश्वास रखने वालों को पहले भुगतना होगा नतीजा

श्रावस्ती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में बवाल करने वालों को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। श्रावस्ती में आयोजित एक जनसभा में शनिवार को सीएम योगी ने कहा कि हमने हर समुदाय, हर जाति के कल्याण के लिए काम किया। अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति सभी को सम्मान दिया। सबका साथ, सबका विकास हमारा मंत्र है। इसके बाद भी कुछ लोगों को विकास अच्छा नहीं लगता। वे तालिबानी व्यवस्था और दारुल इस्लाम में विश्वास करते हैं। मैं उन्हें कहता हूं, ऐसी व्यवस्था जन्नत में भी पूरी नहीं होगी, इसके लिए पहले जहन्नुम जाना पड़ेगा। सीएम योगी ने कहा कि आस्था के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और निर्दोष लोगों पर हमले करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी जो उनकी कई पीढ़ियों के लिए नजीर बन जाएगा। सीएम योगी नवरात्र के समय बरेली में बवाल और कई जिलों में आई लव मोहम्मद को लेकर निकाले जा रहे जुलूस को लेकर बेहद खफा नजर आए। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। यह सबका साथ और विकास जानता है, लेकिन उपद्रवियों और माफियाओं से सख्ती से निपटना भी जानता है। कुछ लोगों को शांति और कल्याण अच्छा नहीं लगता। हिंदू त्योहारों पर उन्हें गर्मी चढ़ती है, लेकिन हम डेंटिंग-पेंटिंग से उनकी गर्मी शांत करना जानते हैं। सीएम योगी ने कहा कि अराजकता स्वीकार्य नहीं है। अगर किसी ने सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया, निर्दोष नागरिकों पर हमला किया, बेटियों की सुरक्षा को खतरा पहुंचाया या व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में आगजनी की कोशिश की तो ऐसी कार्रवाई करेंगे कि उनकी कई पीढ़ियां याद रखेंगी। उन्होंने त्योहारों के दौरान माहौल खराब करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि त्योहार उत्साह और एकता का समय है। हिंदू परिवार अपनी पूंजी लगाकर समाज के साथ खुशी मनाता है। कोई भेदभाव नहीं करता। सभी को साथ लेकर चलता है। ऐसे मौकों पर सड़क पर प्रदर्शन और उपद्रव बर्दाश्त नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने उन लोगों को आड़े हाथों लिया जो उपद्रव के दौरान बच्चों और महिलाओं को आगे करते हैं। उन्होंने कहा कि जो कायरों और बुझदिलों की तरह बच्चों और महिलाओं को आगे करके उपद्रव करते हैं, उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। आस्था अंतःकरण का विषय है, प्रदर्शन का नहीं। आस्था के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी या पुलिस पर हमला करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने महापुरुषों के सम्मान पर जोर देते हुए कहा कि महापुरुष किसी भी परंपरा में हों, उनका सम्मान होना चाहिए। आस्था प्रदर्शन का विषय नहीं है। जो लोग आस्था के नाम पर हिंसा और अराजकता फैलाते हैं, उन्हें कठोर दंड भुगतना होगा।  

बीटीसी चुनाव परिणाम: असम में विपक्ष को बढ़ा मनोबल, भाजपा हारी सत्ता

नई दिल्ली बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को करारा झटका लगा है। परिषद में पिछले पांच वर्षों से विपक्ष में रही बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने इस बार 40 में से 28 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया। भाजपा को पांच और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को सात सीटें मिली हैं, जो पांच-छह महीने बाद होने वाले असम विधानसभा चुनाव में भाजपा-यूपीपीएल गठबंधन के लिए सबक है। बीटीसी चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाता है। बीपीएफ की जीत संकेत देती है कि विधानसभा का मुकाबला आसान नहीं होगा और भाजपा को सत्ता में वापसी के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। क्यों अहम है बीटीसी का चुनाव? असम की राजनीति में बीटीसी चुनाव का असर हमेशा विधानसभा पर दिखता रहा है, क्योंकि 126 में से 19 विधानसभा सीटें इसी क्षेत्र में आती हैं। यही वजह है कि यहां का जनादेश पूरे राज्य की दिशा तय करता है। इस बार बीपीएफ ने जिस तरह भाजपा और यूपीपीएल को पछाड़ते हुए प्रचंड जीत दर्ज की है, उसने विपक्ष को नई ऊर्जा और हौसला दिया है। ताजा नतीजों ने तोड़ा मिथक भाजपा ने पिछले एक दशक में असम की राजनीति में गहरी पैठ बनाई थी। लोकसभा और विधानसभा में लगातार अच्छे प्रदर्शन ने उसे भरोसा दिला दिया था कि विपक्ष उसके सामने टिक नहीं पाएगा। लेकिन बीटीसी का ताजा परिणाम इस मिथक को तोड़ता दिखता है। संदेश साफ है कि मतदाता स्थानीय मुद्दों और नेतृत्व को प्राथमिकता दे रहे हैं। कांग्रेस की जगी उम्मीदें पिछले चुनाव में भाजपा ने बीपीएफ के साथ गठबंधन कर परिषद का चुनाव लड़ा था। बीपीएफ को 17 और भाजपा को नौ सीटें मिली थीं। हालांकि, परिणाम आने के बाद भाजपा ने बीपीएफ से नाता तोड़कर 12 सदस्यों वाली यूपीपीएल के साथ गठबंधन कर लिया। इसके बाद बीपीएफ पांच वर्षों तक विपक्ष में रही। बदले हालात में विधानसभा चुनाव में बीपीएफ भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए शायद ही तैयार हो पाए। ऐसे में बीटीसी चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी कांग्रेस को बीपीएफ से नई उम्मीदें मिल सकती हैं। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 126 में से 29 सीटें जीती थीं। बीटीसी के नतीजों ने बीपीएफ के साथ-साथ पूरे विपक्ष को मजबूती दी है। कांग्रेस और एआईयूडीएफ जैसे दल इसे भाजपा के खिलाफ बढ़ते असंतोष के रूप में देख रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि विधानसभा चुनाव में सभी भाजपा विरोधी दल एकजुट होकर उतरते हैं, तो सत्तारूढ़ गठबंधन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। भाजपा के लिए चुनौती भाजपा के लिए यह हार केवल परिषद की सत्ता गंवाने तक सीमित नहीं है। रणनीतिक दृष्टि से अहम इस क्षेत्र में झटका विधानसभा चुनाव को भी प्रभावित कर सकता है। यहां की नाराजगी राज्य के अन्य हिस्सों तक असर डाल सकती है। भाजपा ने यूपीपीएल के साथ गठबंधन को स्थानीय समीकरण साधने का जरिया माना था, लेकिन नतीजों ने दिखा दिया कि यह फॉर्मूला काम नहीं आया। अब भाजपा को अपने संगठन और कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करना होगा। संदेश साफ है कि मतदाता स्थानीय मुद्दों और नेतृत्व को तवज्जो देते हैं।