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कांकेर में दशहरा एवं विसर्जन तैयारी पर चर्चा, शांति समिति की बैठक आयोजित

उतर बस्तर कांकेर : प्रतिमा विसर्जन एवं दशहरा उत्सव के आयोजन को लेकर शांति समिति की बैठक हुई कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की गई अपील उतर बस्तर कांकेर नवरात्रि पर्व उपरांत मॉ दुर्गा का प्रतिमा विसर्जन तथा दशहरा पर्व के सफल आयोजन को लेकर आज जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक हुई, जिसमें कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष श्री अरूण कौशिक तथा अपर कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार कुर्रे उपस्थित थे। जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आज दोपहर आहूत बैठक में मूर्ति विसर्जन के स्थल चयन एवं रूट चार्ट की जानकारी दी गई। अपर कलेक्टर ने सभी आयोजन समिति के पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा। साथ ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग उच्चतम न्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार किए जाने के बारे जानकारी दी। बैठक में एडिशनल एसपी श्री दिनेश कुमार सिन्हा ने बताया कि शहर में इस दौरान पुलिस के उच्चाधिकारियों की तैनाती चिन्हांकित चौक-चौराहों पर की जाएगी तथा छोटे-बड़े वाहनों के आवागमन हेतु रूट चार्ट एवं वाहन पार्किंग का निर्धारण प्रशासन एवं पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसके अलावा मूर्ति विसर्जन के दौरान विद्युत विभाग, परिवहन, लोक निर्माण सहित अन्य विभागों के परस्पर सहयोग से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ नागरिकों ने भी अपने सुझाव देते हुए नगर की ऐतिहासिक गरिमा के अनुरूप मूर्ति विसर्जन और दशहरा उत्सव आयोजित करने के संबंध में चर्चा की। शहर के विभिन्न मार्गों में बारिश के दौरान बन चुके गड्ढों की फिलिंग कराने कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया। एसडीएम कांकेर श्री अरूण वर्मा ने डीजे एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करने के लिए दुर्गोत्सव समितियों को निर्धारित प्रारूप में अनुमति लेने की बात कही तथा नियमों का पालन करने पर जोर दिया। बताया गया कि रावण पुतला दहन कांकेर शहर के शासकीय नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के मैदान और मेलाभाठा में किया जाएगा। पुतला दहन निर्धारित समयानुसार सम्पन्न कराने की समझाइश आयोजकों को दी गई। इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर सकारात्मक चर्चा की गई। बैठक में विभिन्न आयोजन समिति के पदाधिकारी, पार्षदगण तथा वरिष्ठ नागरिकगण मौजूद थे।

‘फ्रंट फुट पर खेलते हैं हमारे PM’– सूर्यकुमार यादव की मोदी को लेकर दिल खोलकर तारीफ

नई दिल्ली  एशिया कप विजेता भारतीय कप्तान सूर्य कुमार यादव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि अच्छा लगता है जब देश का नेता खुद फ्रंट फुट पर खेलता है। पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि मैदान कोई भी जीत भारत की ही होती है। यादव ने कहा, 'अच्छा लगता है जब देश के लीडर खुद बैटिंग करते हैं फ्रंट फुट पर। ऐसा लग रहा था कि उन्होंने स्ट्राइक ली और रन बनाए। बहुत अच्छा लगा देखकर। जब सर ही आगे खड़े हैं सभी के तो खिलाड़ी तो खुलकर ही खेलेंगे।' उन्होंने कहा, 'सबसे जरूरी चीज यही है कि पूरा देश जश्न मना रहा है। जब हम भारत वापस जाएंगे, तो अच्छा लगेगा और आगे अच्छा प्रदर्शन करने का प्रोत्साहन मिलेगा।' प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जीत के बाद ट्वीट किया , 'आपरेशन सिंदूर खेल के मैदान में। नतीजा समान है …भारत की जीत। हमारे क्रिकेटरों को बधाई।' दुबई में हुए रविवार को फाइनल मैच में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से रौंद दिया था। कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना के ‘आपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमें पहली बार किसी टूर्नामेंट में आमने सामने थीं। टूर्नामेंट की शुरुआत से ही दोनों टीमों के बीच तनाव देखा जा रहा था। खास बात है कि तीन बार हुए मैच में पाकिस्तान एक बार भी नहीं जीत सकी। वहीं, कप्तान यादव समेत पूरी टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हाथ मिलने से भी इनकार कर दिया था।  

भोरमदेव शक्कर कारखाना अब गैर-अंशधारी किसानों को भी देगा सदस्यता

 रायपुर मुख्यमंत्री सुशासन तिहार, जनदर्शन, भारतीय किसान संघ और अन्य संगठनों द्वारा लंबे समय से गैर-अंशधारी किसानों को सदस्य बनाने की मांग की जा रही थी। इसलिए पिछले पेराई सत्र में जिन किसानों ने गन्ना दिया है, उन्हें सदस्यता प्रदान की जाएगी। साथ ही, आने वाले पेराई सीजन में सर्वे के अनुसार जो भी गन्ना किसान कारखाने की आवश्यकता अनुसार गन्ना आपूर्ति करेंगे, उन्हें भी अगले वर्ष सदस्यता दी जाएगी।          कवर्धा जिले के गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक सौगात मिली है। भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना अब गैर-अंशधारी किसानों को भी सदस्यता देने जा रहा है। भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा ने आगामी पेराई सीज़न 2025-26 में गन्ना आपूर्ति करने वाले गैर-अंशधारी किसानों को भी आने वाले साल में सदस्यता देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार गन्ना देने वाले गैर-अंशधारी किसानों को भी सदस्यता प्रदान की जाएगी। इससे सभी गन्ना किसानों को बराबरी का दर्जा मिलेगा और कारखाने की गन्ना आपूर्ति स्थिर व सुनिश्चित होगी।          यह कदम किसानों के हित में है और इससे क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा मिलेगी। भोरमदेव शक्कर कारखाना 03 अप्रैल 2001 को पंजीकृत हुआ था और वर्तमान में इसकी क्षमता 3500 मैट्रिक टन प्रतिदिन है। स्थापना के समय न्यूनतम 2000 रुपए शेयर राशि और 100 रुपए प्रवेश शुल्क तय किया गया था। वर्तमान में इसमें 23,476 अंशधारी सदस्य हैं, जिनमें से हर साल लगभग 12,500 -13,000 किसान ही गन्ना आपूर्ति करते हैं। कारखाने के पेराई लक्ष्य को पूरा करने के लिए साढ़े चार लाख मीट्रिक टन गन्ने की आवश्यकता होती है, लेकिन पिछले वर्ष पर्याप्त गन्ना आपूर्ति नहीं होने से कारखाना समय से पहले बंद करना पड़ा।           प्रबंध संचालक मंडल ने किसानों की इस मांग को मानते हुए निर्णय लिया है कि अब भविष्य में गन्ना आपूर्ति करने वाले गैर-अंशधारी किसानों को भी कारखाने की सदस्यता दी जाएगी। कारखाना प्रबंधन का कहना है कि इस निर्णय से न केवल गन्ना आपूर्ति स्थिर होगी बल्कि किसानों का भरोसा भी मजबूत होगा। किसानों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे गन्ना उत्पादकों के लिए नया अध्याय बताया है।

सपनों को सच करने की मिसाल: हरियाणा की बेटी ने घर पर तैयारी कर इतिहास रचा

हरियाणा  हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव खेड़ी बुरा से जुड़ी एक गर्व की खबर सामने आई है। गांव की बेटी प्रिया लाखवान ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यायाधीश बनी है। जानकारी के मुताबिक, प्रिया ने प्रदेश स्तर पर 5वां स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ ही प्रिया ने न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव और जिले का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर बीजेपी के जिला अध्यक्ष सुनील इंजीनियर ने प्रिया को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता हर बेटी और युवा के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “प्रिया लाखवान ने अपनी लगन, परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर यह सिद्ध कर दिया है कि यदि संकल्प दृढ़ हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।” घर पर रहकर की तैयारी खास बात यह है कि प्रिया ने इस कठिन परीक्षा की तैयारी किसी महंगे कोचिंग संस्थान से नहीं, बल्कि अपने घर पर रहकर ही की। उन्होंने अनुशासन और निरंतर मेहनत से सफलता की मिसाल कायम की है। आज जब अधिकतर छात्र महंगे कोचिंग सेंटरों में हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं, ऐसे में प्रिया की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि आत्मविश्वास और समर्पण से बिना कोचिंग के भी बड़ी सफलताएं हासिल की जा सकती हैं।   साधारण परिवार से असाधारण उपलब्धि प्रिया के पिता, राजेश सैन, बिजली विभाग में लाइनमैन के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। राजेश ने कहा, “आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अवसर मिलने पर वे किसी भी ऊंचाई को छू सकती हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि प्रिया का भविष्य और भी उज्ज्वल हो और वह न्यायपालिका में अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करे।” प्रिया लाखवान की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए गौरव का विषय है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक कहानी भी है।  

CM मान का दौरा: 3 अक्टूबर को इस जिले के लिए होंगी कई घोषणाएँ, तैयारियाँ तेज़

झबाल  तरनतारन विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनावों की घोषणा से पहले पंजाब सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान 3 अक्टूबर को विधानसभा क्षेत्र के कस्बा झबाल में एक बड़ी विकास रैली कर पंजाब मंडी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग से जुड़े करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे। इस संबंध में आज डिप्टी कमिश्नर राहुल और एस.एस.पी. तरनतारन ने पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू के साथ कस्बा झबाल में होने वाले कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। कुल मिलाकर, सरकार ने तरनतारन विधानसभा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनकी औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। इस दौरान तहसीलदार गुरप्रीत सिंह, नायब तहसीलदार जसविंदर सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

सीएम विष्णुदेव साय की घोषणा को मिली मंजूरी, रायपुर में बनेगा 1 करोड़ 65 लाख का विश्राम गृह

सीएम विष्णुदेव साय की घोषणा को मिली मंजूरी, रायपुर में बनेगा 1 करोड़ 65 लाख का विश्राम गृह रायपुर को मिला नया तोहफ़ा, मुख्यमंत्री साय ने स्वीकृत किया 1.65 करोड़ की लागत वाला विश्राम गृह रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलेवासियों को एक और बड़ी सौगात दी है। उनकी घोषणा अनुरूप जिले के बागबहार में विश्राम गृह भवन के निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। 1 करोड़ 65 लाख रुपए की राशि इस कार्य हेतु मंजूरी मिली है, जिसका निविदा प्रक्रिया पूर्ण होते ही निर्माण कार्य जल्द शुरू की जाएगी।  गौरतलब है कि जिले के फरसाबहार में भी विश्राम गृह निर्माण के लिए 1 करोड़ 72 लाख रुपए मंजूरी मिल चुकी है। बागबहार क्षेत्र में लंबे समय से विश्राम गृह की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, अब इस भवन के निर्माण से न केवल आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी,बल्कि विभिन्न सरकारी-अर्धसरकारी कार्यक्रमों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं बाहर से आने वाले मेहमानों के ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी। लगातार सड़कों, पुल-पुलियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और जनसुविधाओं से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। इसी कड़ी में बागबहार को यह सौगात मिली है, जो आने वाले समय में क्षेत्र के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बागबहार में विश्राम गृह बनने से क्षेत्र का गौरव बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को लंबे समय से चली आ रही सुविधा की कमी पूरी होगी। मुख्यमंत्री की घोषणा पर हो रहा है तत्काल अमल यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय द्वारा की गई घोषणाओं पर तत्काल अमल हो रहा है। यही कारण है कि जिले में एक के बाद एक विकास कार्यों को मंजूरी मिल रही है और आमजन सीधे तौर पर इसका लाभ मिल रहा है।

3 नई अमृत भारत ट्रेनों समेत 7 ट्रेनों का बिहार में स्वागत, जानें रूट और टाइमिंग

पटना  बिहार को तीन नई अमृत भारत ट्रेनों (तेलंगाना, राजस्थान और दिल्ली से कनेक्टिविटी) और चार नई पैसेंजर ट्रेनों की सौगात मिली है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन तीनों ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है.रेल मंत्रालय की इस पहल को बिहार के यात्रियों के लिए नई उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है. यह न केवल लोगों की यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि प्रदेश के कई हिस्सों को देश के बड़े शहरों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस दौरान पटना जंक्शन पर आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन सहित कई सांसद ने पटना जंक्शन से खुलने वाली चार पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि पटना और भागलपुर में रिंग नेटवर्क का निर्माण को लेकर जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी। वही नवादा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा की नवादा मेन लाइन से जोड़ने के लिए नवादा और पावापुरी के बीच रेल लाइन निर्माण की रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। जल्द ही इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा की जाएगी।यह दीपावली और छठ से पहले बिहार वासियों के लिए बड़ी सौगात है। यह सभी ट्रेनें बिहार को मिलीं मुजफ्फरपुर से चर्लपल्ली (हैदराबाद), दरभंगा से मदार (राजस्थान) और छपरा से आनंद विहार (दिल्ली) के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस का परिचालन होगा। वहीं पटना से बक्सर, नवादा से पटना, झाझा से दानापुर और पटना से इस्लामपुर के बीच नई पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा है। इन सभी ट्रेन का शुभारंभ हुआ है। लेकिन, नियमित परिचालन अक्टूबर से शुरू होगा। अभी इन रूटों पर दौड़ रही हैं ट्रेनें बता दें कि बिहार से चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का नेटवर्क लंबा है. दरभंगा, सहरसा, सीतामढ़ी, गया, राजेंद्र नगर, मोतिहारी और जोगबनी जैसे बड़े स्टेशनों से यह ट्रेन चल रही है. इनमें कुछ ट्रेनें दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों तक जाती हैं,  जबकि कुछ दक्षिण भारत और पंजाब जैसे राज्यों तक पहुंचती हैं. दरभंगा से आनंद विहार और गोमतीनगर, सहरसा से लोकमान्य तिलक टर्मिनस और अमृतसर, राजेंद्र नगर से नई दिल्ली, गया से दिल्ली और मोतिहारी से आनंद विहार तक ट्रेनें अभी चल रही हैं. जबकि मालदा, जोगबनी और सीतामढ़ी से भी लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन जारी है. क्या है खासियत अमृत भारत एक्सप्रेस को खासतौर पर मध्यम और सामान्य वर्ग के यात्रियों के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन इसमें मिलने वाली सुविधाएं प्रीमियम ट्रेन की तरह है. यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कोचों में कई आधुनिक बदलाव किए गए हैं. सीटें पहले से ज्यादा आरामदायक हैं, स्नैक्स टेबल फोल्डेबल है और मोबाइल रखने के लिए होल्डर भी लगे हैं. कोचों में रेडियम फ्लोर स्ट्रिप्स लगी हैं, ताकि रात में भी रास्ता साफ दिखे. पैसेंजर ट्रेन रविवार को छोड़ एक अक्टूबर से नियमित चलेगी 53203 झाझा-दानापुर पैसेंजर झाझा से 4.0 बजे खुलने के बाद जमुई, लखीसराय, बड़हिया, बाढ़, बख्तियारपुर होते हुए 9.0 बजे दानापुर पहुंचेगी। वापसी में 53204 दानापुर-झाझा पैसेंजर दानापुर से 17.25 में खुलने के बाद पटना, बख्तियारपुर, बाढ़, मोकामा, लखीसराय, जमुई होते हुए 22.30 में झाझा पहुंचेगी। 53202 बक्सर-पटना पैसेंजर 6.30 में बक्सर से खुलने के बाद 9.10 में पटना जंक्शन पहुंचेगी। वापसी में 53201 पटना-बक्सर पैसेंजर पटना जंक्शन से 17.45 में खुलकर 8.35 में बक्सर पहुंचेगी। 75272 नवादा-पटना डीएमयू नवादा से 5:15 से खुलेगी और 9.30 बजे पटना जंक्शन पहुंचेगी। वापसी में 75271 पटना-नवादा डीएमयू पटना से 16.15 में खुलेगी और 21.0 बजे नवादा पहुंचेगी। 75274 पटना-इस्लामपुर डीएमयू पटना जंक्शन से 9:45 में खुलेगी जो 12 बजे इस्लामपुर पहुंचेगी। वापसी में 75273 इस्लामपुर-पटना डीएमयू इस्लामपुर से 12.30 बजे खुलेगी। यह 15.55 बजे पटना पहुंचेगी। लोगों को नवादा और इस्लामपुर जाने में सुविधा और सहूलियत होगी। अमृत भारत का 14 अक्टूबर से नियमित परिचालन होगा 15293 मुजफ्फरपुर-चर्लपल्ली साप्ताहिक अमृत भारत मुजफ्फरपुर से मंगलवार को 10.40 में खुलेगी। अगले दिन 23.50 बजे चर्लपल्ली पहुंचेगी। इसका नियमित परिचालन 14 अक्टूबर से होगा। वापसी में 15294 चर्लपल्ली-मुजफ्फरपुर साप्ताहिक अमृत भारत गुरुवार को 4.05 बजे चर्लपल्ली से रवाना होगी। अगले दिन 17.00 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी। इसका नियमित परिचालन 16 अक्टूबर से होगा। छपरा-आनंद विहार अमृत भारत सप्ताह में दो दिन 15133 व 15134 छपरा-आनंद विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस सप्ताह में 2 दिन चलेगी। हालांकि रेलवे द्वारा नियमित परिचालन को लेकर अबतक तिथि और समय सारणी की घोषणा नहीं की गई है। इसके साथ ही 19623 और 19624 मदार-दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस का भी समय सारणी अब तक जारी नहीं हुई है।

समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान में सुझाव देने की अवधि बढ़ी

विकसित यूपी @2047 30 अक्टूबर तक जनता दे सकेगी अपने सुझाव, अब तक मिले 14 लाख फीडबैक समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान में सुझाव देने की अवधि बढ़ी  ग्रामीण क्षेत्रों से 11 लाख और शहरी क्षेत्रों से मिले 3 लाख सुझाव – युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा, 6 लाख से अधिक राय दर्ज – शिक्षा क्षेत्र पर सर्वाधिक 4.5 लाख से ज्यादा सुझाव, कृषि पर 3 लाख से अधिक सुझाव आए – स्वास्थ्य, समाज कल्याण और विकास पर 1-1 लाख से ज्यादा राय – आईटी और इंडस्ट्री पर 40-40 हजार सुझाव, सुरक्षा से संबंधित 30 हजार से अधिक सुझाव – सीएम के निर्देश पर ग्राम प्रधानों से संवाद कर बढ़ाई जाएगी भागीदारी – जनता की राय से तैयार होगा 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' का विज़न दस्तावेज़ लखनऊ  योगी सरकार ने 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047' अभियान की अवधि बढ़ा दी है। अब यह अभियान 30 अक्टूबर 2025 तक अनवरत रूप से जारी रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़कर प्रदेश के विकास की दिशा में अपनी राय और सुझाव दे सकें। अबतक करीब 14 लाख सुझाव हुए प्राप्त अभियान के तहत अब तक करीब 14 लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से लगभग 11 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 3 लाख सुझाव शहरी क्षेत्रों से आए हैं। यह आंकड़ा प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है। सुझाव देने वालों में युवा सबसे ज्यादा सुझाव देने वालों में सबसे ज्यादा हिस्सा युवाओं का रहा है। 6 लाख से अधिक सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, करीब 7 लाख सुझाव 31-60 वर्ष के आयु वर्ग से और लगभग 1 लाख सुझाव वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक आयु) से आए हैं। विभागवार आंकड़ों पर नजर डालें तो- * शिक्षा क्षेत्र में सर्वाधिक 4.5 लाख से अधिक सुझाव * कृषि क्षेत्र में 3 लाख से ज्यादा सुझाव * स्वास्थ्य, समाज कल्याण और ग्रामीण-नगरीय विकास में प्रत्येक 1 लाख से अधिक सुझाव * आईटी एवं टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री में लगभग 40-40 हजार सुझाव * सुरक्षा संबंधित विषयों पर 30 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। सीएम ने किया ग्राम प्रधानों से संवाद अभियान में आमजन की भागीदारी और बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राम प्रधानों के साथ संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणों को इस अभियान से जुड़ने और अपने सुझाव पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया। सरकार का कहना है कि यह निर्णय उसकी जनप्रतिबद्धता और सहभागी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लोगों की राय और सुझावों के आधार पर 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' का विज़न दस्तावेज़ तैयार किया जाएगा।    

सूर्या का दमदार 6-0 इशारा, पाकिस्तानियों को मिला करारा संदेश, कप्तान बोले- रूम में लौटते हैं तो…

नई दिल्ली  सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने एशिया कप 2025 अपने नाम कर लिया। भारत ने दुबई में खेले गए फाइनल में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ पांच विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की। भारत ने टूर्नामेंट के 17वें संस्करण में फाइनल समेत पाकिस्तान की तीन बार पिटाई की। एक तरफ जहां भारतीय टीम के शानदार खेल की चर्चा रही तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी खिलाड़ियों अपनी हरकतों के कारण सुर्खियों में हरे। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने 6-0 का भड़काऊ इशारा किया था। रऊफ का इशारा पाकिस्तान के उस दावे की ओर था कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने भारत के छह जेट गिराए थे। कप्तान सूर्यकुमार ने फाइनल जीतने के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों की हरकतों पर प्रतिक्रिया दी है और उन्हें आईना दिखाया है। दरअसल, सूर्या से एनडीटीवी पर इंटरव्यू के दौरान पूछा गया, ''पाकिस्तानी खिलाड़ी 6-0 चिल्ला रहे, भड़काऊ इशारे कर रहे। फाइनल में भी दो भारतीय खिलाड़ियों के आउट होने पर हरकत की। जब इस तरह उकसाने की कोशिश की जाती है, भले ही आपके प्लेयर्स के सामने हो या पीछे तो आप बतौर कप्तान अपने खिलाड़ियों को कैसे कंट्रोल करते हैं?'' भारतीय कप्तान ने जवाब में कहा, “मुझे लगता है कि दोनों टीमों में अंतर होना चाहिए। हमने कभी कोई इशारा नहीं किया, कोई हैंड मूवमेंट नहीं किया। हम खेल को गरिमा के साथ खेलना चाहते थे। हमको शानदार क्रिकेट खेलकर एक अच्छा स्टेटमेंट देना था। रिजल्ट किसी भी टीम के पक्ष में जा सकता है। लेकिन जब आप रूम में लौटते हैं तो आपको अपने एफर्ट और अपने खेल से खुश होना चाहिए। बाहर से लोगों को लगता है कि बहुत कुछ हो रहा है लेकिन मैंने खिलाड़ियों से कहा कि भले ही बड़े अवसर मगर इमोशन को थोड़ा साइड में रखो और गेम पर फोकस रखो। अंत में जो होगा देखा।” सूर्या ने एशिया कप में टीम के सामने ढाल बनकर खड़े रहने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "यह बहुत बड़ा बोर्ड है, इतने सारे खिलाड़ी हैं, इतना बड़ा देश है। बीसीसीआई हमारे आगे खड़ा रहा, हमें भरपूर समर्थन दिया। इसलिए, खिलाड़ियों का यह कर्तव्य है कि वे अच्छा क्रिकेट खेलें और ट्रॉफी जीतें।" बता दें कि बीसीसीआई ने एशिया कप विजेता भारतीय टीम और सहयोगी स्टाफ को टूर्नामेंट में अपराजेय प्रदर्शन पर 21 करोड़ रुपये पुरस्कार देने का ऐलान किया है। बीसीसीआई सचिव देवाजीत सैकिया ने कहा, ''यह एक असाधारण जीत थी और इसलिए जश्न के तौर पर बीसीसीआई ने एशिया कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए 21 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की है।''

नई योजना: एक्सप्रेसवे पर झूलते बंदर और नीचे दौड़ते वाहन, देखिए कैसे होगा मज़ेदार संतुलन

नई दिल्ली दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बने एशिया के सबसे लंबे वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर पर जहां ऊपर वाहन फर्राटा भरेंगे, वहीं नीचे वन्यजीव आराम से विचरण कर सकेंगे। इसके साथ अब सड़क हादसों से बचाव के लिए एक और अनोखी पहल होने जा रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की ओर से यहां उत्तर प्रदेश का पहला मंकी लैडर तैयार किया जाएगा। यह लैडर खासतौर पर बंदरों के लिए बनाया जा रहा है, ताकि वह सड़क पार करते समय सीधे वाहनों की चपेट में न आएं और कॉरिडोर पर किसी बड़े हादसे को टाला जा सके। एनएचएआई के परियोजना निदेशक पंकज कुमार मौर्य के अनुसार, यह मंकी लैडर पेड़ों से जुड़ा होगा। इससे बंदर आसानी से एक ओर से दूसरी ओर जा सकेंगे और उन्हें सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह सड़क पर अचानक आने वाले वन्य जीवों से होने वाले हादसों की संभावना कम हो जाएगी। यह व्यवस्था वन्य जीवों और सड़क सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखकर की जा रही है। इस प्रयोग का उद्देश्य न केवल सड़क हादसों को रोकना है, बल्कि जैव विविधता की रक्षा करना भी है। एक्सप्रेसवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं और यदि वन्य जीवों के लिए सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिलती है, तो यह मानवीय और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगा। बंदरों का यह सुरक्षित मार्ग पूरे उत्तर भारत के लिए मिसाल बन सकता है। ये उत्तर प्रदेश का पहला मंकी लैडर होगा। जो इस एक्सप्रेसवे पर तैयार किया जाएगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बना है, जिसके ऊपर वाहन फर्राटे भर सकेंगे। वहीं वन्यजीव आराम से घूम सकेंगे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा हिस्सा सहारनपुर की शिवालिक पहाड़ियों और राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। इस इलाके में बंदरों की संख्या बहुत ज्यादा है और अक्सर वे सड़क पर आ जाते हैं। इससे वाहन चालक भले ही धीमी गति से चलें, लेकिन अचानक सामने आने वाले बंदर सड़क हादसों का कारण बन जाते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर पर मंकी लैडर बनाने का निर्णय लिया है। मंकी लैडर का निर्माण यूपी में पहली बार किया जा रहा है। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस पहल से सड़क पर होने वाले हादसे कम होंगे और वन्य जीवों की सुरक्षा बढ़ेगी। इसके अलावा यह परियोजना पर्यावरणीय शिक्षा का भी उदाहरण बनेगी, जिससे लोग जानवरों और उनके आवास के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे। सहारनपुर के इलाके में वाहन चालक कई बार बंदरों से टकराने से बचते हैं, लेकिन अचानक आने से कई बार हादसे हो चुके हैं। मंकी लैडर से बंदर ऊपर से सुरक्षित सड़क पार करेंगे और वाहन चालकों को भी सुरक्षित यात्रा का मौका मिलेगा। इससे एक्सप्रेसवे पर यातायात में व्यवधान और दुर्घटनाओं की संभावना दोनों कम होंगी।