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क्रिकेट महासंग्राम: साउथ अफ्रीका बनाम बांग्लादेश, वुमेंस वर्ल्ड कप 2025 की लड़ाई रोमांचक होगी!

नई दिल्ली साउथ अफ्रीका की टीम लगातार दो जीत से महिला वनडे विश्व कप में अपने अभियान को शानदार अंदाज में पटरी पर लाने के बाद सोमवार को बांग्लादेश से भिड़ेगी। इस दौरान साउथ अफ्रीका की टीम बांग्लादेश को रौंदकर जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश करेगी। अपने पहले मैच में इंग्लैंड से 10 विकेट की करारी हार झेलने के बाद दक्षिण अफ्रीका महिला टीम ने न्यूजीलैंड और मेजबान भारत पर दमदार जीत दर्ज कर शानदार वापसी की है। इन दो जीतों से टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। टीम अंक तालिका में चौथे (-0.888 के नेट रन रेट के साथ) स्थान पर है। कप्तान लॉरा वॉलवार्ट, मारियाने काप, ताजमिन ब्रिट्स, सुने लुस और अयाबोंगा खाका जैसी खिलाड़ियों से सजी दक्षिण अफ्रीका की टीम कागजों पर काफी मजबूत नजर आती है। इंग्लैंड के खिलाफ 69 रनों पर ऑल आउट होने के बाद, उनका शीर्ष क्रम शानदार फॉर्म में है। ब्रिट्स और लुस ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया, वहीं वॉलवार्ट ने भारत के खिलाफ अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। निचले क्रम में नादिन डी क्लार्क और खाका ने अहम योगदान के साथ भारत के खिलाफ मैच का पासा पलटते हुए दक्षिण अफ्रीका को यादगार जीत दिलाई थी। दक्षिण अफ्रीका इस मुकाबले में परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ होने के कारण उतरेगा, क्योंकि वह इस मैदान पर पहले ही दो मैच खेल चुका है। बांग्लादेश ने पाकिस्तान पर मनोबल बढ़ाने वाली सात विकेट से जीत के साथ टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत लेकिन इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार हार ने उनकी कमजोरियों को उजागर किया है। बीस साल की प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज मारुफा अख्तर की अगुवाई में गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन टीम को शीर्ष क्रम में लचर बल्लेबाजी से परेशानी का सामना करना पड़ा है। कप्तान और विकेटकीपर निगार सुल्ताना जोटी भी रन बनाने के लिए जूझती रही हैं और टूर्नामेंट में उनका औसत सिर्फ नौ रन का है।बांग्लादेश को मुकाबले में बने रहने के लिए ऐसे में शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। मैच दोपहर को तीन बजे से खेला जाएगा। टीमें इस प्रकार हैं दक्षिण अफ्रीका: लौरा वॉलवार्ट (कप्तान), तजमिन ब्रिट्स, एनेरी डर्कसन, मारिजन काप, एनेके बॉश, सिनालो जाफ्ता (विकेटकीपर), क्लो ट्रायोन, नादिन डी क्लार्क, अयाबोंगा खाका, मसाबाता क्लास, नॉनकुलुलेको म्लाबा, सुने लुस, तुमी सेखुखुने, नोंदुमिसो शांगासे, काराबो मेसो। बांग्लादेश: निगार सुल्ताना जोटी (कप्तान), नाहिदा अख्तर, फरजाना हक, रुब्या हैदर झेलिक, शर्मिन अख्तर सुप्ता, शोभना मोस्तरी, रितु मोनी, शोर्ना अख्तर, फाहिमा खातून, राबेया खान, मारुफा अख्तर, फरिहा इस्लाम त्रिस्ना, शंजीदा अख्तर माघला, निशिता अख्तर निशि, सुमैया अख्तर।  

13 अक्टूबर को आत्मनिर्भर भारत थीम पर तैयार होंगे प्रोजेक्ट

भोपाल भारत विल्डाथोन-2025 के लिए मध्यप्रदेश के 4 स्कूलों को चयन स्पॉटलाइट स्कूलों के रूप में किया गया है। जिन स्कूलों का चयन किया गया है, उनमें शासकीय कमला नेहरू – सांदीपनि कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टीटी नगर भोपाल, शासकीय सुभाष उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय शिवाजी नगर भोपाल, शासकीय सांदीपनि विद्यालय रतलाम, शासकीय सांदीपनि विद्यालय नौगांव जिला छतरपुर शामिल हैं।इस कार्यक्रम के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इन विद्यालयों के द्वारा 13 अक्टूबर 2025 को प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 12:00 तक स्वदेशी, लोकल फॉरर वोकल, आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध भारत की थीम पर प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे। इन विद्यालयों से केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान नई दिल्ली से वर्चुअली जुड़कर चर्चा करेंगे। यह स्पॉटलाइट विद्यालय प्रदेश के अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणा का केंद्र होंगे तथा 13 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाले कार्यक्रम के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के 15 हजार से अधिक विद्यालय इस आयोजन में सहभागिता कर रहे हैं। इन सभी विद्यालयों के द्वारा 13 से 31 अक्टूबर के मध्य चार थीमों पर प्रोजेक्ट/प्रोटोटाइप तैयार किए जाएंगे। तैयार किये गये प्रोजेक्ट को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। अपलोड किये गये प्रोजेक्ट का मूल्यांकन केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जायेगा। मूल्यांकन के बाद उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पुरस्कार के लिये चयनित विद्यालयों को एक करोड़ रूपए के पुरस्कार वितरित किये जाने का निर्णय लिया है। विकसित भारत बिल्डाथोन-2025 में देश के करीब 3 लाख स्कूल सहभागिता कर रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में 4 शिक्षकों की टीम भी तैयार की गई है। शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों की प्रतिभा को सामने लाना है।  

पर्यटन राज्य मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने कहा- पर्यटन का भविष्य साझेदारी में निहित है

राम वन पथ गमन से टाइगर कॉरिडोर तक, मध्यप्रदेश की क्षेत्रीय पहल से मध्य भारत बनेगा पर्यटन हब : एसीएस श्री शुक्ल म.प्र. ट्रेवल मार्ट के दूसरे दिन महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अधिकारियों के बीच इन्टर स्टेट टूरिज्म कोलेबरेशन विषय पर हुई चर्चा भोपाल पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने कहा है कि पर्यटन का भविष्य साझेदारी में निहित है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारिस्थितिक ताने-बाने से जुड़े हमारे राज्य मिलकर ऐसे संयुक्त पर्यटन परिपथ और अनुभव गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं, जो न केवल घरेलू बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मध्य भारत को एक नई पहचान देंगे। पर्यटन मंत्री श्री लोधी मध्यप्रदेश ट्रेवल मार्ट के दूसरे दिन फॉस्टरिंग इन्टर स्टेट टूरिज्म कोलेबरेशन विषय चर्चा कर रहे थे। मध्यप्रदेश न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी भारत का केंद्र है। हमें यह समझना होगा कि अकेले आगे बढ़ने की बजाय मिलकर चलना ज्यादा प्रभावी होता है। अपर मुख्य सचिव पर्यटन व संस्कृति एव प्रबंधन संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिवशेखर शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश अब एक विविधतापूर्ण, बहुआयामी और ऑफबीट पर्यटन गंतव्य के रूप में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। यहां विरासत, वन्यजीवन, रोमांच, संस्कृति, कला, हस्तशिल्प और पाक-परंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सीमा से लगे अन्य राज्य जैसे छत्तीसगढ़ से राम वन पथ गमन सर्किट, महाराष्ट्र के साथ ज्योर्तिलिंग सर्किट जैसे संयुक्त कार्यों पर काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त टाइगर कॉरिडोर, फिल्म पर्यटन और ईको टूरिज्म के साझा विकास की संभावना भी तलाशी जा सकती है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के उप संचालक श्री युवराज पड़ोले ने बताया कि मध्यप्रदेश में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित 498 स्मारक हैं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित 290 स्मारक, स्थायी यूनेस्को विश्व धरोहर 3 स्थल, यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल 15 स्थल हैं। यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त रचनात्मक शहर की श्रेणी में संगीत के लिए – ग्वालियर, साहित्य के लिए भोपाल का चुना गया है। मांडू, ओरछा, चंदेरी, बुरहानपुर और खजुराहो जैसे ऐतिहासिक शहरों की मध्यकालीन भव्यता दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती है। राजस्थान के साथ संयुक्त पर्यटन की संभावनाएं मध्यप्रदेश और राजस्थान को एक संयुक्त इनबाउंड पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। इसके अंतर्गत सीमा-पार पर्यटन ढांचे को मजबूत करने और सतत गंतव्य विकास को बढ़ावा देने की योजना है। हेरिटेज धरोहर परियोजना के अंतर्गत दोनों राज्यों की सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत को जोड़ते हुए उनका संयुक्त प्रचार-प्रसार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के साथ सहयोग के अवसर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने कहा कि दोनों राज्यों की जनजातीय संस्कृति, वन्यजीवन, धरोहर और हस्तशिल्प को उजागर करने के लिए को-ब्रांडेड अभियान शुरू किए जाएंगे। यह सहयोग न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित करेगा। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के एमडी श्री विवेक आचार्य ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य 7 राज्यों के साथ बार्डर साझा करता है। उन्होंने कहा कि इन्टरस्टेट बाडर्स में पर्यटकों को सबसे बड़ी समस्या टोल प्लाजा पर आती है। इसके समाधान के लिये राज्यों के मध्य एमओयू होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अलग-अलग राज्यों के टूरिज्म बोर्ड का व्हाटसऐप ग्रुप बनाया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच हो टूरिज्म कॉरिडोर पुनर्स्थापित महाराष्ट्र टूरिज्म डेवलपमेंट के जनरल मैनेजर श्री चंद्रशेखर जायसवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच टूरिज्म कॉरिडोर पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच एक्सचेंज ऑफ टूरिज्म स्टडी टू और बेस्ट प्रेक्टिसेस एक्सचेंज किये जाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र मिलकर वाइल्ड लाइफ सर्किट बनाने पर विचार जाना चाहिए। कस्टमाइज्ड टूरिज्म पर जोर तेलंगाना प्रोजेक्ट कन्सल्टेन्ट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी श्री श्रीनिवास बंदा ने कहा कि मध्यप्रदेश और तेलंगाना मिलकर मेडिकल टूरिज्म, वाइल्ड और रिलिजीयस टूरिज्म पर बेहतर काम कर सकते हैं। तेलंगाना सरकार में पीएमयू कसंलटेंट श्री फ्राज मलिक ने कहा कि वर्तमान में हमें कस्टमाइज्ड टूरिज्म पर विचार करना चाहिए, जिसके तहत मेडिकल, धार्मिक, वाइल्ड लाइफ आदि टूरिज्म शामिल हैं। इसके अतिरिक्त हम टूरिज्म कॉलेज खोलने पर भी विचार कर सकते हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश स्टेट काउंसिल फिक्की के अध्यक्ष श्री प्रतीक हीरा, मध्यप्रदेश टूरिज्म कमेटी फिक्की के चेयरमेन श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने भी अपने विचार रखे।  

उद्योगों को भूमि आबंटन पत्र और उद्यम क्रांति योजना के युवाओं को होगा ऋण वितरण

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार 13 अक्टूबर को होटल ताज फ्रंट में एमएसएमई सम्मेलन 2025 में शामिल होंगे। सम्मेलन एमएसएमई के विकास एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सम्मेलन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य काश्यप विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमएसएमई विकास नीति के अंतर्गत प्रदेश के 48 जिलों की 700 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को सिगंल क्लिक के माध्यम से ₹200 करोड़ से अधिक की अनुदान राशि अंतरित करेंगे। इसी तरह स्टार्टअप नीति 2025 के अंतर्गत प्रदेश के 80 से अधिक स्टार्टअप को ₹1 करोड़ से अधिक की सहायता राशि का वितरण भी किया जाएगा। सम्मेलन दोपहर डेढ़ बजे प्रारंभ होगा। इस दौरान स्टार्टअप और निर्यात प्रोत्साहन पर दो विषयगत सत्र होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बालाघाट और टीकमगढ़ के उद्यमियों और उद्योग संघों से वर्चुअली संवाद करेंगे। उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह भी उपस्थित रहेंगे। औद्योगिक भूखंड आशय पत्र और उद्यम क्रांति ऋण वितरण मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमएसएमई विभाग के आधिपत्य के औद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न उद्यमों को 200 से अधिक भूखण्डों के आवंटन का आशय पत्र वितरित करेंगे। मुख्यमंत्री ₹113.78 करोड़ की लागत के 03 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों का वर्चुअली शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा सेवा पखवाड़ा अंतर्गत अभियान चलाया जाकर मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत 350 से अधिक हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। कार्यक्रम में 100 से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरण भी किया जाएगा। सम्मेलन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग एवं ओएनडीसी के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे। 7.57 करोड़ रूपये की परियोजना लागत के तीन नवीन कार्यालय भवनों का शिलान्यास किया जाएगा। विभाग की एमएसएमई और स्टार्टअप गतिविधियों के अंतर्गत उद्यमियों व स्टार्टअप द्वारा अपने अनुभव भी साझा किये जाएंगे। शाम को विशेष रूप से स्वदेशी एवं स्वावलंबन पर विशेष परिचर्चा सत्र भी होगा।  

मानसून के बाद अब सर्दी ने मचाई दस्तक, जानें कब आएगी असली ठंड!

ग्वालियर मानसून ने इस बार अंचल में सात दिन पहले दस्तक दी थी। इसी तरह अब ठंड ने भी कुछ समय से पहले आ गई है। लोगों को गुलाबी सर्दी का एहसास सुबह शाम में होना शुरू हो गया है। साथ ही रात व दिन का तापमान भी कम हो रहा है। केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की माने तो इस बार दिसंबर व जनवरी माह में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है। इसकी वजह यह है कि यह ला नीना के असर की वजह से होगा। यानि इस बार कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहना होगा। यहां बता दें कि ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाली समुद्री सतह के तापमान में असामान्य ठंडक की स्थिति है, जिसके कारण भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में औसत से अधिक ठंडे पानी और तेज़ पूर्वी हवाएं होती हैं।   केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने तो पूरे देश को लेकर संभावना व्यक्त है, लेकिन अंचल सर्दी व गर्मी के लिहाज से संवेदनशील है। यहां पर सर्दी के दिनों के सर्दी भी अधिक पड़ती है और गर्मी के दिनों में गर्मी भी। चूंकि उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाएं शहर व जिले में जल्द पहुंचती हैं और अधिक ठंडा करती हैं। ऐसे में अंचल में और अधिक कड़ाके की ठंड पड़ने का अंदेशा है। कितना कम हो जाता है तापमान अंचल में सर्दियाें में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में यह तापमान 0.4 और 05 तक ही गिरा है। लेकिन दिसंबर 1961 को तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था। इसलिए ला नीना इफेक्ट की वजह से अंचल में ठंड में न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड तोड़ सकता है। स्थानीय मौसम वैज्ञानिक हुकुम सिंह के मुताबिक यदि आगामी दिनों में पश्चिमी विक्षोभ जैसे सिस्टम अधिक नहीं बने तो फिर ठंड अधिक पड़ सकती है। लगातार कम हो रहा है रात का तापमान, बढ़ रही है ठंड ग्वालियर अंचल के रात के तापमान में लगातार कमी हो रही है। हालांकि तापमान धीमी गति से गिर रहा है। लेकिन इससे ठंड बढ़ रही है। तापमान में गिरावट पिछले चार दिन से हो रही है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। हालांकि शुक्रवार की तुलना में 0.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि दिन में धूप निकलने की वजह से तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिन का तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह कल के मुकाबले 0.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विभाग की माने वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर सक्रिय है। इसका प्रभाव खत्म होते ही अंचल में और तेजी से तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। यहां बता दें कि शुक्रवार को करीब बीस साल में पहली बार अक्टूबर माह में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया था।

त्योहारों पर यात्रा मुश्किल! रेलवे ने कैंसिल की कई स्पेशल ट्रेनें

लखनऊ उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल में वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी जंक्शन पर इंजीनियरिंग कार्य के चलते 29 नवंबर से 4 जनवरी तक मेगा ब्लॉक लगाया जाएगा। इस अवधि में कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा। रेलवे ने छह स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने और आठ ट्रेनों का रूट परिवर्तन करने की घोषणा की है। ये स्पेशल ट्रेनें रहेंगी रद्द 05559 रक्सौल–उधना स्पेशल – 29 नवंबर से 3 जनवरी तक 05560 उधना–रक्सौल स्पेशल – 30 नवंबर से 4 जनवरी तक 09043 बांद्रा–बढ़नी स्पेशल – 30 नवंबर से 4 जनवरी तक 09044 बढ़नी–बांद्रा स्पेशल – 1 दिसंबर से 5 जनवरी तक 07075 हैदराबाद–गोरखपुर स्पेशल – 28 नवंबर से 2 जनवरी तक 07076 गोरखपुर–हैदराबाद स्पेशल – 30 नवंबर से 4 जनवरी तक कानपुर–इटावा होकर चलेंगी ये ट्रेनें 09466 दरभंगा–अहमदाबाद स्पेशल – 1 दिसंबर से 5 जनवरी तक 09064 अहमदाबाद–दरभंगा स्पेशल – 28 नवंबर से 2 जनवरी तक 11123 ग्वालियर–बरौनी एक्सप्रेस – 25 नवंबर से 8 जनवरी तक 11124 बरौनी–ग्वालियर एक्सप्रेस – 24 नवंबर से 7 जनवरी तक 04137 ग्वालियर–बरौनी स्पेशल – 26 नवंबर से 7 जनवरी तक 04138 बरौनी–ग्वालियर स्पेशल – 24 नवंबर से 5 जनवरी तक गोंविंदपुरी–भीमसेन–ओहान–सतना होकर चलेंगी ये ट्रेनें 06529 सर एम. विश्वेश्वरैय्या टर्मिनल बेंगलुरु–गोमतीनगर स्पेशल – 24 नवंबर से 5 जनवरी तक 06530 गोमतीनगर–सर एम विश्वेश्वरैय्या टर्मिनल बेंगलुरु स्पेशल – 28 नवंबर से 2 जनवरी तक।