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रायपुर : परिवहन मंत्री केदार कश्यप बोले — ड्राइविंग टेस्ट होंगे आधुनिक तकनीक आधारित, लाइसेंस प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन विभाग द्वारा वाहन चालकों की योग्यता और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट और लाइसेंसिंग प्रक्रिया का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार राज्य के 8 जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जगदलपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ और कोरबा में ई-ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ई-ट्रैक) की स्थापना की जा रही है। अब लाइसेंस प्रक्रिया अधिक पारदर्शी एवं निष्पक्ष इन आधुनिक ई-ट्रैकों के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी तरीके से लिए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि ड्राइविंग परीक्षण में मानव हस्तक्षेप कम हो, निष्पक्षता बनी रहे और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। ई-ट्रैक प्रणाली में वाहन नियंत्रण, लेन अनुशासन, सिग्नलिंग, गति नियंत्रण और सड़क सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसमें लगे डिजिटल सेंसर और कैमरे अभ्यर्थियों की ड्राइविंग क्षमता का सटीक मूल्यांकन करेंगे। इससे लाइसेंस प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी तथा पात्र आवेदकों को समय पर सही परिणाम प्राप्त होंगे। परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाएगी बल्कि छत्तीसगढ़ को स्मार्ट परिवहन व्यवस्था की दिशा में आगे ले जाएगी। सुरक्षित और आधुनिक परिवहन व्यवस्था राज्य के लोगों के जीवन में सहजता और भरोसा लाएगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य में सुरक्षित, स्मार्ट और विश्वसनीय परिवहन व्यवस्था के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।  परिवहन सचिव श्री एस प्रकाश ने कहा कि ई-ट्रैक की मदद से योग्य चालकों को प्रमाणित किया जाएगा, जिससे जिम्मेदार ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इन जिलों में ई-ट्रैक शुरू होने के बाद आवेदक ऑनलाइन आवेदन और अपॉइंटमेंट बुकिंग के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे। सफल परीक्षण के बाद उन्हें डिजिटल फीडबैक और लाइसेंस जारी किया जाएगा।

सिंचाई क्षमता में ढाई गुना वृद्धि कोरिया जिले में, 25 वर्षों में खेती का चेहरा बदला

रायपुर : सिंचाई रकबे में उल्लेखनीय बढ़ोतरी, 40 हजार से अधिक किसान ले रहे लाभ सिंचाई क्षमता में ढाई गुना वृद्धि कोरिया जिले में, 25 वर्षों में खेती का चेहरा बदला रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष में कोरिया जिले ने सिंचाई के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। पिछले 25 वर्षों में जिले की कुल सिंचित रकबा में ढाई गुना से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में जिले का सिंचित रकबा 18 हजार 13 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 21 हजार 102 हेक्टेयर तक पहुँच गया है। सिंचाई क्षमता में ढाई गुना वृद्धि कोरिया जिले में, 25 वर्षों में खेती का चेहरा बदला सिंचाई प्रतिशत अब बढ़कर 34.55 प्रतिशत हो गई      यह वृद्धि जिले की कृषि व्यवस्था और जल संसाधन प्रबंधन में आए सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाती है। यदि सिंचाई प्रतिशत की बात करें तो यह वर्ष 2000 में 13.72 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 34.55 प्रतिशत हो गई है।  रबी सिंचाई रकबा बढ़कर 5 हजार 469 हेक्टेयर        कोरिया जिले में रबी फसलों के सिंचाई रकबे में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जहाँ मात्र 3 हजार 595 हेक्टेयर में रबी फसलों को सिंचाई सुविधा प्राप्त थी, वहीं अब यह क्षेत्र बढ़कर 5 हजार 469 हेक्टेयर तक पहुँच गया है। 2 मध्यम और 58 लघु परियोजनाएँ       जल संसाधन संभाग, बैकुंठपुर के अनुसार, वर्ष 2000 में जिले में 1 मध्यम और 63 लघु सिंचाई परियोजनाएँ संचालित थीं। वर्तमान में 2025 में यह संख्या 2 मध्यम और 58 लघु परियोजनाओं तक है। इस बीच अविभाजित कोरिया जिले की 43 लघु परियोजनाएँ नवगठित मनेंद्रगढ़ -चिरमिरी-भरतपुर जिले को हस्तांतरित की गई हैं। अब 40 हजार 210 किसान लाभान्वित      वर्ष 2000 में 28 हजार 619  किसान सिंचाई परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे थे, जबकि अब लाभान्वित किसानों की यह संख्या बढ़कर 40 हजार 210 तक पहुँच गई है। जिले में वर्तमान में कुल 60 सिंचाई परियोजनाएँ संचालित हैं, जिनमें से 2 प्रमुख हैं।      यह उपलब्धि न केवल कोरिया जिले की कृषि उत्पादकता में वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और किसानों की जीवनशैली में आए सकारात्मक बदलाव का भी द्योतक है ।

रायपुर : मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने भटगांव छठ घाट का निरीक्षण कर तैयारियों का लिया जायजा

रायपुर : छठ पर्व की तैयारी का लिया जायजा – मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने किया भटगांव छठ घाट का निरीक्षण रायपुर छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज भटगांव के दुर्गा मंदिर के समीप स्थित छठ घाट का निरीक्षण कर पर्व की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के सभी आवश्यक प्रबंध समय पर पूरे किए जाएं ताकि छठ महापर्व शांति, सौहार्द और श्रद्धा के साथ संपन्न हो सके। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने घाट की साफ-सफाई, जल स्तर, सुरक्षा व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और आवागमन की सुगमता का विस्तार से निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि घाट पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था, साउंड सिस्टम और शुद्ध पेयजल  की सुविधा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में महिला सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि छठ पर्व भारतीय संस्कृति का अत्यंत पवित्र पर्व है, जो सूर्य उपासना और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। इस पर्व में महिलाएं निर्जला उपवास रखकर परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना करती हैं। अतः इस आयोजन में स्वच्छता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिए निर्देश — कार्बाइड गन से घायल बच्चों और नागरिकों का उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो

कार्बाइड गन से घायल बच्चों और नागरिकों का उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता में हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव कार्बाइड गन पर जीरो टालरेंस से प्रदेशव्यापी सख्त कार्रवाई के निर्देश भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्बाइड गन से हुई दुर्घटनाओं को अत्यंत गंभीर से लेते हुए निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के किसी भी घायल बच्चे और नागरिक के उपचार में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि घायलों के उपचार, ऑपरेशन और नेत्र चिकित्सा सहित सभी चिकित्सीय सेवाएँ सर्वोच्च प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएं। उपचार के लिये मरीजों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से आवश्यक सहयोग दिया जाये। गंभीर मरीजों को उन्नत उपचार के लिए आवश्यकता पड़ने पर एयर एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी घायलों की स्थिति की सतत मॉनिटरिंग की जाए और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीमों को तत्काल तैनात किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कार्बाइड गन घातक विस्फोटक उपकरण है, जो नागरिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा उत्पन्न करता है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में इस यंत्र के अवैध निर्माण, विक्रय और उपयोग पर तत्काल रोक लगाई जाए। जीरो टालरेंस के साथ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि भोपाल एवं अन्य जिलों में कार्बाइड गन के कारण घायलों—विशेषकर बच्चों—को हुई आँख, चेहरे और हाथ की गंभीर चोटें अत्यंत चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव कठोर कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य सचिव  अनुराग जैन ने शुक्रवार को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की वृहद समीक्षा की। मुख्य सचिव  जैन ने निर्देश दिए कि कार्बाइड गन प्रतिबंधित श्रेणी का उपकरण है और इसके विरुद्ध कार्रवाई शस्त्र अधिनियम 1959, विस्फोटक अधिनियम 1884 तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के तहत की जाये। उन्होंने कहा कि यह उपकरण एसीटिलीन गैस के विस्फोट से तेज आवाज और दाब लहर उत्पन्न करता है, जिससे गंभीर शारीरिक चोटें, जलन और स्थायी नेत्र क्षति तक हो सकती है। मुख्य सचिव  जैन ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में बीएनएसएस की धारा 163 के अंतर्गत आदेश पारित कर कार्बाइड गन के निर्माण, विक्रय, स्वामित्व और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। किसी भी व्यक्ति द्वारा निर्माण या विक्रय करते पाए जाने पर उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कार्बाइड गन या उसके घटकों की बिक्री को रोकने हेतु साइबर शाखा से निगरानी और दंडात्मक कार्रवाई की जाए। नागरिकों, विशेषकर अभिभावकों और शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाकर बताया जाए कि यह "खिलौना" नहीं बल्कि एक "विस्फोटक यंत्र" है। मुख्य सचिव  जैन ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में मैदानी अधिकारी संदिग्ध दुकानों, विक्रेताओं और ऑनलाइन प्लेटफार्मों की जांच कर अवैध लिस्टिंग हटवाने, जब्ती, प्रमाण-संग्रह और फोटोग्राफिक रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करें। जब्त वस्तुओं की फोरेंसिक जांच, चेन ऑफ कस्टडी और पीईएसओ के समन्वय से विधिक निपटान किया जाए। पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण, नागरिक जागरूकता अभियान, स्कूलों और पंचायतों में चेतना सत्र तथा हेल्पलाइन व्यवस्था की जाये जिससे नागरिक इस खतरनाक प्रवृत्ति के प्रति सतर्क रहें और पुलिस को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दे सकें। बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन  संजय कुमार शुक्ल, अपर मुख्य सचिव  अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  संदीप यादव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सहित प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। पुलिस मुख्यालय द्वारा इस विषय में विस्तृत परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें कार्बाइड गन के वैज्ञानिक स्वरूप, कानूनी स्थिति, दंडात्मक प्रावधानों तथा कार्रवाई की चरणबद्ध प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। इसके अनुसार, कार्बाइड गन विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 4(घ), 5, 6(क)(i) और शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 2(ख)(iii), 2(ग), 9(ख) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। बिना लाइसेंस निर्माण, विक्रय या स्वामित्व की स्थिति में तीन से सात वर्ष तक के कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। बताया गया कि प्रदेश में कार्बाइड गान के अवैध व्यवसायिओं पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। अब तक भोपाल में 6, विदिशा में 8 और ग्वालियर में 1 एफआईआर दर्ज की गई हैं। अधिकांश मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज प्रदेश में दीपावली के अवसर पर पटाखों एवं अवैध कार्बाइड गन से घायल व्यक्तियों की स्थिति पर स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार अधिकांश मरीज उपचार प्राप्त कर स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, चिकित्सालय में उपचाररत केवल 2 मरीज ऐसे हैं, जिनकी आंखों में गंभीर चोट है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों को गंभीर मामलों की सतत निगरानी करने तथा आवश्यकता पड़ने पर उच्च चिकित्सा संस्थानों में रेफर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।  

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्थल निरीक्षण कर तैयारियों का लिया जायजा

रायपुर : जनजातीय स्वतंत्रता विद्रोहों पर बने भव्य स्मारक सह-संग्रहालय जल्द लोगों के लिए होगा समर्पित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्थल निरीक्षण कर तैयारियों का लिया जायजा राज्योत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे देश के पहले डिजीटल संग्रहालय का लोकार्पण आदिवासियों के 14 विद्रोहों और जंगल सत्याग्रह एवं झंडा सत्याग्रह के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन रायपुर नवा रायपुर अटल नगर के आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विद्रोहों पर बन रहे स्मारक सह-संग्रहालय जल्द ही लोगों के लिए समर्पित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के मौके पर देश के पहले डिजीटल संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  निर्माणाधीन संग्रहालय स्थल का निरीक्षण कर लोकार्पण की तैयारियों का जायजा लिया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गौरतलब है कि राज्य सरकार इस वर्ष छत्तीसगढ़ निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती के रूप में मना रहा हैं। नवा रायपुर में बन रहे शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह-संग्रहालय के निर्माण कार्यों का निरीक्षण के दौरान मुख्य मंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आगंतुकों एवं पर्यटकों के हिसाब से संग्रहालय में आडियो-विडीयो विजुवल की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आगंतुक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के संबंध में भंलिभांति परिचित हो सके। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की परिकल्पना का परिणाम है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ में जनजातीय वर्गों के ऐतिहासिक गौरव गाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक स्मारक सह-संग्रहालय धरातल पर दिखाई देगा। यह निर्माणाधीन संग्रहालय सदियों के लिए आने वाली नई पीढ़ियों को पुरखों का याद दिलाता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय न सिर्फ आदिवासी वर्गों के लिए बल्कि सभी वर्गों सहित देश-विदेश के लोगों के लिए भी प्रेरणाप्रद बनेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस जीवंत संग्रहालय के माध्यम से लोगों में बड़ी से बड़ी ताकतों के अन्याय, अत्याचार के खिलाफ विद्रोह करने का साहस पैदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि सोच का परिणाम है कि आज प्रदेश का पहला संग्रहालय है जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्य गाथा एवं बलिदान को समर्पित है। मुख्यमंत्री साय ने आगामी राज्योत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रस्तावित उद्घाटन के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां व निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने संग्रहालय में डिजीटलीकरण कार्य, पार्किंग व्यवस्था, सॉवेनियर शॉप, गार्डनिंग, वॉटर सप्लाई की स्थिति की जानकारी ली। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को संग्रहालय में निर्माणाधीन 14 गैलरियों सहित झंडा सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह, जनजातीय संस्कृतियों पर बने गैलरियों आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान उनके साथ वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकासशील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे, आदिम जाति विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव एवं जनसंपर्क विभाग के आयुक्त डॉ रवि मित्तल, कलेक्टर गौरव सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह, टीआरटीआई संचालक मती हिना अनिमेष नेताम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। वीएफएक्स टेक्नोलॉजी और प्रोजेक्शन वर्क से तैयार हो रहा है संग्रहालय गौरतलब है कि यह स्मारक सह- संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बारिकी के साथ अध्ययन व रिसर्च के बाद वीएफएक्स टेक्नोलॉजी और प्रोजेक्शन वर्क के साथ तैयार किया रहा है। संग्रहालय देखने वाले आगंतुकों को आदिवासी विद्रोह का वर्णन स्टैच्यू के पास ही लगे डिजिटल बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। आगंतुक संग्रहालय में आदिवासी विद्रोह को जीवंत महसूस कर सकेगा। वहीं आगंतुक प्रत्येक गैलरी में बनाई गई जीवंत प्रस्तुति के सामने स्कैनर से मोबाईल द्वारा स्कैन कर संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। 16 गैलेरियों में तैयार हो रहा है संग्रहालय उल्लेखनीय है कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे – हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रेाह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन 14 गैलेरियों में किया जा रहा है। वहीं जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर एक-एक गैलेरियों का भी निर्माण किया जा रहा है।

रायपुर : मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने रजवार समाज के मेधावी विद्यार्थियों को किया सम्मानित

रायपुर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े आज सूरजपुर जिले के ग्राम करंजी में रजवार समाज द्वारा आयोजित सामाजिक उत्कृष्ट विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने समाज के उज्जवल भविष्य की नींव रखने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि शिक्षा ही जीवन में प्रगति और सशक्तिकरण का सबसे बड़ा माध्यम है। समाज की उन्नति तभी संभव है जब उसके बच्चे शिक्षित और संस्कारी बनें। उन्होंने कहा कि रजवार समाज द्वारा विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए किया जा रहा यह आयोजन न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण प्रयास भी है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।  कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, समाज के पदाधिकारियों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि समाज और शासन के संयुक्त प्रयासों से ही राज्य के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे शिक्षा के साथ संस्कारों और सामाजिक मूल्यों को भी जीवन में अपनाएं। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, रजवार समाज के वरिष्ठजन, महिला समूह, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण को मिली 78 करोड़ 15 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की एक और जनहित घोषणा को मिली मंज़ूरी रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की एक और महत्वपूर्ण घोषणा को राज्य सरकार ने मूर्त रूप दे दिया है। राज्य बजट में शामिल 9 नवीन नर्सिंग महाविद्यालयों के भवन निर्माण कार्य के लिए 78 करोड़ 15 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने इस स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री  ओ.पी. चौधरी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा को नई दिशा देगा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन तैयार करने में मदद करेगा। प्रत्येक संस्था के भवन निर्माण के लिए 8 करोड़ 68 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। जिन जिलों में ये नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, उनमें दंतेवाड़ा, बैकुंठपुर, बीजापुर, बलरामपुर, जशपुर, रायगढ़, धमतरी, जांजगीर-चांपा और नवा रायपुर (अटल नगर) शामिल हैं। "हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के हर युवा को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा मिले और हर जिले में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कुशल मानव संसाधन भी तैयार हो। 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदेश के स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगी। यह पहल न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त बनाएगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर भी बढ़ाएगी।" –मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय "मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य शिक्षा को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक निर्णय लिया है। 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण की स्वीकृति से प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा के साथ ही रोजगार और आत्मनिर्भरता के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। यह पहल छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सेवाओं और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने में मदद करेगी।" – स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल "मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है। 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए 78 करोड़ 15 लाख रुपए की स्वीकृति इस बात का प्रतीक है कि सरकार प्रदेश के युवाओं के लिए अवसर सृजन और सेवा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।" – वित्त मंत्री  ओ पी चौधरी

रायपुर : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पुनर्वास केंद्र की व्यवस्थाओं और सुविधाओं की समीक्षा की

रायपुर : उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने पुनर्वास केंद्र में सुविधाओं की ली समीक्षा बैठक आत्मसमर्पित नक्सलियों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु दिए आवश्यक दिशा निर्देश रायपुर छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री  विजय शर्मा ने आज अपने बीजापुर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की विस्तारपूर्वक समीक्षा की।  शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुनर्वास केंद्र में रह रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों की बुनियादी आवश्यकताओं का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि उनके दैनिक जरूरतों जैसे नाश्ता, भोजन, वस्त्र, खेलकूद की सामग्री, योगाभ्यास और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही उनके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन-प्रशासन के वरिष्ठ जनों से नियमित संवाद की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुनर्वास केंद्र में रह रहे लोगों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। उनकी रुचि एवं योग्यता के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, जिससे वे मुख्यधारा में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए परिजनों से मिलने की तिथि तय करने एवं यदि उनके परिवारजन किसी जेल में बंद हैं, तो उनसे मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।  शर्मा ने कहा कि सभी पुनर्वासित व्यक्तियों को कम से कम एक बार रायपुर भ्रमण (एक्सपोज़र विज़िट) पर ले जाया जाए, ताकि वे समाज और विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही उन्होंने पुनर्वास केंद्र के प्रत्येक सदस्य को निःशुल्क मोबाइल फोन उपलब्ध कराकर परिवार नियमित संपर्क बनाए रखने में सहयोग करने को कहा। बैठक में दंतेवाड़ा विधायक  चैतराम अटामी, एडीजी नक्सल ऑपरेशन  विवेकानंद सिन्हा, बस्तर संभाग आयुक्त  डोमन सिंह, आईजी बस्तर  सुंदरराज पी., डीआईजी  कमलोचन कश्यप, कलेक्टर  संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, डीएफओ  रंगानाथन रामाकृष्णन वाय सहित अन्य जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने की जिला अस्पताल और जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा

भोपाल  उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि सतना जिला अस्पताल में बनने वाले 150 बिस्तर वाले नवीन हास्पिटल के भवन का निर्माण अक्टूबर 2026 में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केन्द्र तक स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार कर मातृ-मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर कम करने के लगातार प्रयास करें।  शुक्ल शुक्रवार को सतना में जिला अस्पताल सहित मैहर और सतना जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं की उपचार और स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री मती प्रतिमा बागरी, सांसद सतना गणेश सिंह, महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी, डीन मेडीकल कॉलेज डॉ. एसपी गर्ग, सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला और पीआईयू के अधिकारी उपस्थित थे। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने जिला चिकित्सालय सतना के परिसर में 32 करोड 54 लाख 97 हजार रूपये की लागत से बनने वाले 150 बिस्तर वाले अस्पताल के एकीकृत भवन के निर्माण कार्य की समीक्षा की। पीआईयू के अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल परिसर में 32 करोड 54 लाख 97 हजार रूपये की लागत से 100 बिस्तरीय वार्ड, 50 बिस्तरीय क्रिटिकल केयर हास्पीटल ब्लाक (सीसीएचबी) एवं एन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (आईपीएचएल) के एकीकृत भवन का निर्माण किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और पैरामेडीकल स्टाफ प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में बहुत बेहतर है। कलेक्टर और सीएमएचओ एयर एम्बुलेंस की सुविधा की मानीटरिंग करें। उप मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाडा के दौरान आयोजित स्वास्थ्य शिविरों और जिले की सामुदायिक स्वास्थ्य संस्थाओं, प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थाओं, उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य सेवाओं तथा गतिविधियों की विकासखण्डवार समीक्षा की।  

महिला सशक्तिकरण की मिसाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश बना राष्ट्रीय मॉडल

नारी शक्ति से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प साकार कर रहा है मध्यप्रदेश गांव से लेकर ग्लोबल मंच तक उभर रहीं महिलाएं भोपाल  जब किसी राज्य का नेतृत्व केवल योजनाएं नहीं बनाता, बल्कि स्वयं जनभावनाओं के साथ जुड़कर उन्हें सशक्त करता है, तब एक नई क्रांति जन्म लेती है। मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण की यही क्रांति मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आकार ले रही है। एक ओर जहां राज्य की महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और डिजिटल रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश पूरे देश के लिए “महिला सशक्तिकरण मॉडल” के रूप में उभर कर सामने आया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्पष्ट मानना है कि जब तक नारी सक्षम नहीं होगी, समाज समृद्ध नहीं हो सकता। यही सोच आज प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और जमीनी बदलावों में साफ नजर आती है। उन्होंने ग्रामीण स्व-सहायता समूहों से लेकर शहरी महिला उद्यमिता, सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा तक, बहुआयामी हस्तक्षेपों के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाने की मजबूत आधारशिला रखी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नेतृत्व क्षमता, दूरदर्शी सोच और समाज के हर वर्ग को जोड़ने की रणनीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो परिवर्तन संभव है। आज मध्यप्रदेश की महिलाएं घरेलू भूमिकाओं से निकलकर उद्यम, प्रशासन, शिक्षा, और नवाचार के हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। ‘लाड़ली बहना’ से आत्मनिर्भरता की ओर कदम मध्यप्रदेश में ‘लाड़ली बहना योजना’ सबसे प्रभावशाली पहल बन चुकी है। इस योजना के तहत अब तक 1.26 करोड़ महिलाओं को प्रतिमाह 1551.86 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहनों को भाई दूज से 1500 रुपये की राशि देने का निर्णय लिया है। अब तक 43 हज़ार 376 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के साथ-साथ डिजिटल लेन-देन में दक्ष बन रही हैं। ‘लखपति दीदी’ से बदली गांव की तस्वीर मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा शुरू की गई ‘लखपति दीदी योजना’ के अंतर्गत प्रदेश की 1 लाख से अधिक महिलाएं प्रति वर्ष ₹1 लाख से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं। लक्ष्य है कि 5 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 62 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। ये महिलाएं अब लघु उद्योग, कृषि, हस्तशिल्प और सेवा क्षेत्र में नए अवसर सृजित कर रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता में महिला केंद्रित योजनाएं राज्य की लोकप्रिय ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’ के तहत 2024-25 में 2.73 लाख बालिकाओं का पंजीकरण किया गया और 223 करोड़ रुपये की छात्रवृत्तियाँ वितरित की गईं। अब तक इस योजना से 50 लाख से अधिक बेटियाँ लाभान्वित हो चुकी हैं।  स्वच्छता क्षेत्र में, किशोरियों के लिए 19 लाख से अधिक सैनिटेशन किट्स वितरित की गईं और 57 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जिसे यूनिसेफ ने भी सराहा है। महिला सुरक्षा बनी प्राथमिकता राज्य में महिला हेल्पलाइन 181, 112 आपात सेवा, महिला पुलिस थाने, साइबर हेल्पलाइन, और महिला आरक्षी भर्ती जैसे कदमों ने महिला सुरक्षा की दिशा में ठोस बदलाव लाए हैं। अब तक 1.5 लाख से अधिक महिलाओं को समय पर सहायता प्रदान की जा चुकी है। राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिनिधित्व में बढ़त राज्य सरकार ने सरकारी सेवाओं में 35% और स्थानीय निकायों में 50% आरक्षण देकर महिलाओं को निर्णयात्मक भूमिकाओं में आगे बढ़ाया है। वर्ष 2025-26 के जेंडर बजट में 19,021 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है और महिला कल्याण पर कुल 1.21 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन: परंपरा से भविष्य की दिशा लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आरंभ देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन महिलाओं को स्टार्टअप, निवेश, और कौशल विकास से जोड़ रहा है। अब तक 8.10 करोड़ रुपये के निवेश पत्र वितरित किए जा चुके हैं। उद्यमिता को मिली उड़ान एमएसएमई क्षेत्र में 850 से अधिक इकाइयों को 275 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिससे महिला उद्यमिता को मजबूत आधार मिला है। रेडीमेड गारमेंट उद्योग में कार्यरत महिलाओं को प्रतिमाह ₹5000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मध्यप्रदेश अब केवल भूगोलिक दृष्टि से देश के हृदय में नहीं है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की धड़कन भी यहीं से तेज़ हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में यह राज्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में “नारी शक्ति” को केंद्र में रखते हुए नई इबारत लिख रहा है — जो आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय नहीं, वैश्विक मॉडल बन सकता है।