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1500 KM लंबा रेल प्रोजेक्ट: जेद्दा से दम्माम तक मील का पत्थर बनेगा MBS का लैंड ब्रिज

दुबई  सऊदी अरब पैसे और तकनीक के बल पर एक अति महत्वाकांक्षी हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इसे मोहम्मद बिन सलमान के 'विजन 2030' का एक अहम हिस्सा कहा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट पर सऊदी अरब करीब 7 अरब डॉलर यानी 58,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। यह रेल प्रोजेक्ट अरब प्रायद्वीप में यात्रा और व्यापार को पूरी तरह से नया आकार देगा क्योंकि यह लाल सागर को अरब की खाड़ी से जोड़ने वाला है। क्या है 'लैंड ब्रिज' प्रोजेक्ट? यह 1500 किलोमीटर लंबा रेल प्रोजेक्ट है, जो लाल सागर के जेद्दा शहर को राजधानी रियाद होते हुए अरब की खाड़ी के पास के शहर दम्माम से जोड़ेगा। यह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) का ड्रीम प्रोजेक्ट है और उनके सऊदी विजन 2030 की आधारशिला है। यह अरब के रेगिस्तान में एक चमत्कार करने जैसा है। इसका उद्देश्य प्रमुख जनसंख्या केंद्रों को जोड़ना और देश को एक ग्लोबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और उसका हब बनाना है। 12 घंटे का सफर चार घंटे से भी कम समय में प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद हाई स्पीड रेल 12 घंटे का सफर चार घंटे से भी कम समय में पूरा कर लेगा। रेल की रफ्तार की वजह से ही इस प्रोजेक्ट को प्यार से 'लैंड ब्रिज' नाम दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा यात्री और माल परिवहन व्यवस्था को होगा। यह नेटवर्क प्रमुख औद्योगिक शहरों और बंदरगाहों को भी जोड़ेगा, जिससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को भी फायदा पहुंचेगा। इसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और 2030 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। Desert Dream लग्जरी ट्रेन चलाने का भी ऐलान इस प्रोजेक्ट को सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था बदलने वाली शाही योजना भी कहा जा रहा है, जिसमें धन और तकनीक का बेजोड़ इस्तेमाल किया गया है। रेगिस्तान में लग्जरी ट्रेन दौड़ाने की इस अद्भुत क्षमता को देख दुनिया हैरान है और सऊदी अरब की तारीफ कर रही है। इस परियोजना में सिर्फ रफ्तार पर ध्यान नहीं दिया गया है बल्कि ट्रेन की शान-ओ-शौकत पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इस रूट पर सऊदी सरकार ने Desert Dream लग्जरी ट्रेन चलाने का भी ऐलान किया है। रेल नेटवर्क बढ़कर हो जाएगा 8000KM विजन 2030 के तहत सऊदी अरब का लक्ष्य अपने मौजूदा रेलवे नेटवर्क को 5300 किलोमीटर से बढ़ाकर 8000 किलोमीटर करने का है। सऊदी रेलवे कंपनी ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली 15 ट्रेनों का ऑर्डर भी दिया है।

खराब हवा से देश में बढ़ी मौतें, सालाना 20 लाख लोग समय से पहले गंवा रहे जान: रिपोर्ट

नई दिल्ली दुनिया की हवा पर रिसर्च करने वाली संस्था State of Global Air Report की नई रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और चीन में 2023 में खराब हवा में सांस लेने के चलते 20 लाख लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान, नाइजीरिया जैसे देशों में भी दो लाख मौतें हुई हैं। इंडोनेशिया, म्यांमार, मिस्र का भी हाल खराब है और यहां एक साल के अंदर 1 लाख लोग खराब हवा के चलते ही मारे गए। रिपोर्ट का कहना है कि दुनिया में अकाल मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण अब एयर पलूशन बन गया है और पहले नंबर पर अब भी हाई ब्लड प्रेशर है। बोस्टन स्थित हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया की 36 फीसदी आबादी भीषण एयर पलूशन की शिकार है। डिमेंशिया जैसी बीमारी भी इस समस्या के चलते हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में एयर पलूशन जनित बीमारियों ने दुनिया भर में 79 लाख लोगों की जान ले ली। इस तरह दुनिया में होने वाली 8 मौतों में से हर एक की वजह एयर पलूशन रही है। इनमें से 49 लाख लोग तो ऐसे रहे हैं, जो हवा में पीएम 2.5 के बढ़ने के कारण बीमारियों के शिकार हुए। अहम तथ्य यह है कि इनमें से 28 लाख लोग तो ऐसे ही थे, जो आमतौर पर घर में ही रहते थे। खराब हवा से 90 फीसदी मौतें अकेले एशिया में सबसे खराब हाल भारत और चीन का है, जहां दुनिया की बड़ी आबादी बसती है। दोनें देशों में 2023 में 20-20 लाख लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट कहती है कि एयर पलूशन से होने वाली 90 फीसदी मौतें तो एशिया में ही हुई हैं। इनमें भी लोअर-मिडल इनकम वाले देशों की स्थिति ज्यादा खराब है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हार्ट की बीमारी, डिमेंशिया और डायबिटीज जैसी समस्याएं भी एयर पलूशन के चलते हो रही हैं। अनुमान है कि 2023 में स्वस्थ मानव जीवन के 11.6 मिलियन वर्ष 2023 में ही कम हो गए। एयर पलूशन के चलते लोगों के फेफड़े बीमार हो रहे हैं और वे गंभीर समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। 25 फीसदी हार्ट की बीमारियों का कारण है एयर पलूशन इसके अलावा 25 फीसदी हार्ट की बीमारियों का कारण एयर पलूशन है। डिमेंशिया के शिकार लोगों में भी 25 फीसदी की वजह एयर पलूशन बताई जाती है। खराब एयर क्वालिटी डायबिटीज की भी वजह बन रही है। अब सवाल है कि सबसे ज्यादा खराब हवा का सामना कौन कर रहा है। इन देशों में भारत, चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, ब्राजील और कुछ अफ्रीकी मुल्क शामिल हैं। सीधी बात यह है कि अधिक आबादी के चलते मकान, बाजार की जरूरतें बढ़ी हैं। जंगल खत्म हुए हैं तो प्रदूषण में इजाफा दिखा है।