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बाढ़ से पहले तैयारी ज़रूरी: जल संसाधन मंत्री सिलावट ने दिए एहतियाती उपायों के निर्देश

भोपाल 
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि विभागीय अधिकारी प्रदेश में बांधों एवं जलाशयों में जल भराव की स्थिति की निरंतर निगरानी करें और बाढ़ नियंत्रण के सभी एहतियाती उपाय करें. संबंधित विभागों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर आपदा प्रबंधन और नियंत्रण के सभी प्रयास करें. प्रदेश में कहीं से भी अतिवृष्टि अथवा बाढ़ की स्थिति की सूचना मिलने पर तत्परता के साथ कार्रवाई करें।

जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने गुरुवार को मुख्य अभियंता, बोधी कार्यालय स्थित राज्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक में प्रदेश में वर्षा एवं जल संरचनाओं में जल भराव की स्थिति की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए. इस अवसर पर मुख्य अभियंता, बोधी श्री आर. डी. अहिरवार, अधीक्षण यंत्री, संचालक बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में बताया गया कि रिजर्वॉयर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में चिन्हित प्रदेश के 286 प्रमुख बांधों में से आज की स्थिति में 6 जलाशयों में 90% से अधिक, 07 में 75% से 90% तक, 22 जलाशयों में 50% से 75% तक, 43 जलाशयों में 25% से 50% तक, 52 जलाशयों में 10% से 25% तक तथा 156 जलाशयों में 10% से कम जल भराव है। विगत वर्ष में आज दिनांक की स्थिति में प्रदेश के प्रमुख बांधो में लगभग 25.76 प्रतिशत औसत जलभराव था, जबकि इस वर्षाकाल में अच्छे मानसून के आगमन से प्रदेश के प्रमुख बांधो में जलभराव की स्थिति लगभग 35.34 प्रतिशत से अधिक है। इस प्रकार विगत वर्ष की तुलना में जल भराव की स्थिति 10.25 प्रतिशत अधिक है।

मानसून 2025 में मध्यप्रदेश में आज दिनांक तक 230.8 मि.मी. वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है, जो प्रदेश की औसत वर्षा से 48 प्रतिशत अधिक है। राज्य के पूर्वी हिस्से में औसत से 30 प्रतिशत अधिक एवं पश्चिमी हिस्से में औसत से 65 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में अच्छे मानसून के आगमन से राज्य के प्रमुख बांधो में जल भराव की स्थिति संतोषप्रद है। विगत वर्ष आज की स्थिति में मध्यप्रदेश में वास्तविक वर्षा 142 मि.मी. दर्ज हुई थी, जो औसत वर्षा से 9 प्रतिशत कम थी। पूर्वी मध्यप्रदेश में 18 प्रतिशत कम और पश्चिमी मध्यप्रदेश में औसत वर्षा दर्ज की गई थी। 

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