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बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा: हिंदू परिवारों को निशाना, 4 बेटियां लापता

गोपालगंज
बांग्लादेश के गोपालगंज जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मंगलवार रात कर्फ्यू लागू होने के बाद बांग्लादेश आर्मी ने जमात-ए-इस्लामी के आतंकियों के साथ मिलकर हिंदू घरों पर हमला कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में कम से कम 12 हिंदू समुदाय के लोगों की हत्या कर दी गई जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया और हमलावरों ने कई हिंदू परिवारों के घरों को आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर  चार हिंदू लड़कियों को भी जबरन अपने साथ ले गए जिनका अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। हमले का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे लेकर कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

इस हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और बड़ी संख्या में हिंदू परिवार सुरक्षित जगहों की तलाश में पलायन कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक बांग्लादेश सरकार की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गोपालगंज वही इलाका है जो प्रधानमंत्री शेख हसीना का गृह जिला माना जाता है। हालिया दिनों में वहां नेशनल सिटिजन पार्टी और अवामी लीग के बीच टकराव के बाद पहले ही हिंसा भड़क चुकी थी, जिसके चलते प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था।इस ताजा हमले से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय मानवाधिकार संगठनों ने सरकार से जल्द से जल्द लापता लड़कियों को ढूंढने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

बता दें कि गोपालगंज जिले में बुधवार को शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और नेशनल सिटिजन पार्टी  के कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार झड़पें हुईं, जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत  हो चुकी है और दर्जनों लोग घायल हैं। सबसे अहम बात यह है कि यह इलाका शेख हसीना का गृह जनपद माना जाता है  यहीं उनके पिता शेख मुजीब-उर-रहमान का जन्म हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल सिटिजन पार्टी की रैली को रोकने के लिए अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने रास्तों में पेड़ काटकर डाल दिए और हथियारों के साथ घेराबंदी की। कई सरकारी वाहनों में आग भी लगा दी गई। आरोप है कि इसके बाद रैली स्थल पर भी हमला किया गया। झड़पों के दौरान सुरक्षाबलों की ओर से भी गोलीबारी हुई।  

 

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