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उतार-चढ़ाव भरे भारत-US संबंधों के बीच जयशंकर से मिले अमेरिकी राजदूत, बढ़ेगी साझेदारी?

नई दिल्ली 
भारत-अमेरिका में उतार-चढ़ाव वाले चल रहे संबंधों के बीच अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से शनिवार को नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में मुलाकात की। इस दौरान, दोनों ने भारत-अमेरिका संबंधों और इसके बढ़ते वैश्विक महत्व पर बातचीत की। 'एक्स' पर एक पोस्ट में, जयशंकर ने कहा, "आज नई दिल्ली में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मिलकर प्रसन्नता हुई। भारत-अमेरिका संबंधों और इसके वैश्विक महत्व पर चर्चा हुई। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।"

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। उनके बीच भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और इसकी साझा प्राथमिकताओं पर उपयोगी चर्चा हुई। विदेश सचिव ने मनोनीत राजदूत गोर को उनके कार्यभार के लिए शुभकामनाएं।''

इससे पहले, जयशंकर ने 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र के साइडलाइन में गोर से मुलाकात की थी, जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की थी। मुलाकात के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने एक्स पर साझा किया, "दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत और भारत में राजदूत नामित सर्जियो गोर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। वे अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।"

इससे पहले, सीनेट में अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, गोर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती पर प्रकाश डाला और इसे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में एक अनूठी ताकत बताया था। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में थोड़ी गिरावट आई है। ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है, जिसकी वजह से व्यापार पर असर पड़ा है। ट्रंप भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने की वजह से खफा हैं, जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे कदम उठाता रहेगा, जोकि राष्ट्र हित में होंगे।

 

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