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जून में महंगाई छह साल के सबसे निचले स्तर पर, खाने-पीने के सामान सस्ते होने से राहत

नई दिल्ली जून महीने के रिटेल महंगाई घटकर 2.10% पर आ गई है। ये 77 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले जनवरी 2019 में ये 2.05% रही थी। वहीं मई 2025 में ये 2.82% और अप्रैल 2025 में रिटेल महंगाई 3.16% पर थी। खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण रिटेल महंगाई घटी है। आज यानी 14 जुलाई को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं। रिटेल महंगाई फरवरी से RBI के लक्ष्य 4% से नीचे है। महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर देश की जनता के लिए एक अच्छी खबर आई. सरकार की ओर से जून महीने में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation In June) का आंकड़ा जारी किया गया, जो राहत भरा है. दरअसल, मई के 2.82 फीसदी की तुलना में जून में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) गिरकर 2.10 फीसदी पर आ गई और ये आंकड़ा महंगाई का छह साल का निचला स्तर है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी का असर महंगाई पर देखने को मिला है. दूध, मसाले, दाल और सब्जियों समेत अन्य चीजों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.  खाद्य महंगाई घटने का असर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को महंगाई दर के आंकड़े जारी करते हुए कहा गया है कि CPI में ये गिरावट खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) में आई बड़ी कमी के चलते देखने को मिली है. जून महीने में खासतौर पर सब्जियों, दालों और इससे संबंधित उत्पादों के साथ ही मांस और मछली, अनाज, चीनी और मिठाई, दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स के अलावा मसालों की कीमतें घटी हैं.  जून में खाने-पीने के सामानों की कीमत घटी     महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महीने-दर-महीने की महंगाई 0.99% से घटकर माइनस 1.06% हो गई है।     जून महीने में ग्रामीण महंगाई दर 2.59% से घटकर 1.72% हो गई है। वहीं शहरी महंगाई 3.12% से घटकर 2.56% पर आ गई है। 2019 के बाद सबसे कम महंगाई सरकार की ओर से Inflation के आंकड़े जारी करते हुए बयाता गया मई की तुलना में जून महीने में खुदरा महंगाई दर 72 बेसिस पॉइंट कम हुई है और यह जनवरी 2019 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम है और ये लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4 फीसदी के मध्यम अवधि टारगेट से नीचे बनी हुई है. ये लगातार पांचवां महीना है, जबकि Retail Inflation इस दायरे से नीचे है. वहीं देश में लगातार 8वें महीने खुदरा महंगाई दर सेंट्रल बैंक की अपर लिमिट 6% से नीचे रही है.इस बीच ग्रामीण महंगाई दर -0.92% और शहरी क्षेत्रों में महंगाई -1.22% है.  RBI ने जताया है ये अनुमान गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरुआत से अब तक लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती (Repo Rate Cut) किया है और जून महीने में हुई एमपीसी बैठक के बाद इसमें 50 फीसदी कटौती का ऐलान किया गया था, जिसके बाद ये 5.5 फीसदी रह गया है. RBI ने रेपो रेट कट का ऐलान करते हुए कहा था कि महंगाई में उल्लेखनीय कमी आई है और उम्मीद है कि यह जारी रहेगी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने FY26 के लिए अपने खुदरा महंगाई दर (CPI) पूर्वानुमान को अप्रैल के 4% से संशोधित करते हुए 3.70% फीसदी कर दिया था.  विश्लेषकों का मानना है कि जरूरी सामानों की बेहतर आपूर्ति और सरकार द्वारा खाद्य भंडार के बेहतर प्रबंधन ने कीमतों में बढ़ोतरी को कंट्रोल करने में मदद मिली है.  महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।  

हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गाइडलाइन जरूरी बताई

नई दिल्ली सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ FIR दर्ज कराने वाले वजाहत खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के लिए भी सोशल मीडिया पोस्ट पर गाइडलाइन की जरूरत बताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिक खुद संयम क्यों नहीं रख सकते? सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मोल समझना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो राज्य हस्तक्षेप करेगा. कोई नहीं चाहता कि राज्य हस्तक्षेप करे. उचित प्रतिबंध सही हैं, यह 100% पूर्ण अधिकार नहीं हो सकता, लेकिन नागरिक इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे बस एक बटन दबाते हैं और सब कुछ ऑनलाइन पोस्ट हो जाता है. ऐसे मामलों से क्यों अदालतें पटी पड़ी हैं? नागरिकों के लिए क्यों ना दिशा निर्देश हों? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तीन अन्य राज्यों में वजाहत खान को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ा दी. खान को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी  जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अमेरिका का दिया उदाहरण जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नागरिकों के लिए नियमन और दिशा-निर्देश बनाने की वकालत की और केंद्र तथा राज्य सरकारों से इस पर विचार करने को कहा. जस्टिस नागरत्ना ने अमेरिका का उदाहरण दिया, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ बोलने की विषय-वस्तु पर भी ध्यान दिया जाता है. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि राय रखना एक बात है, लेकिन उसे किसी खास तरीके से कहना एक दुरुपयोग है. कभी-कभी यह अभद्र भाषा के संदर्भ में अदालत में नहीं आएगा. नागरिकों के बीच भाईचारा होना चाहिए, तभी यह सारी नफ़रत कम होगी.  पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. आरोपी वजाहत खान ने अपने खिलाफ कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. वजाहत खान के खिलाफ असम , पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है. शर्मिष्ठा पनोली का क्या है मामला कोलकाता पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया था. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर पर आरोप है कि उसने सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी साधे हुए हैं. इसके बाद कोलकाता की एक अदालत ने पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली की गिफ्तारी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी. कई लोग उसकी गिरफ्तारी को जायज ठह रहे थे तो कई नाजायज. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर कई लोग शर्मिष्ठा के समर्थन में नजर आए तो कुछ उनके खिलाफ. कंटेंट क्रिएटर की गिरफ्तारी पर बंगाल सरकार और पुलिस दोनों की आलोचना भी हुई. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी पश्चिम बंगाल पुलिस से सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली के मामले में "न्यायसंगत" कार्रवाई करने की अपील की थी. इस मामले में जमकर सियासत भी हुई. बेंच ने कहा कि नफरती भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, लेकिन ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि किसी की भी बोलने की आजादी को कुचला न जाए. लोगों को भी अभिव्यक्ति की अधिकार का महत्व समझना चाहिए. यह अधिकार बेशकीमती है. बेंच ने कहा कि लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मूल्य समझना चाहिए. राज्य को हर बार बीच में आकर कार्रवाई करनी पड़े, ये स्थिति नहीं होनी चाहिए. हेट स्पीच जैसे कंटेंट पर कुछ नियंत्रण ज़रूरी है. आम नागरिकों को भी ऐसे कंटेंट को शेयर करने, प्रमोट या लाइक करने से बचना चाहिए.  वजहात खान को कोर्ट से मिली राहत  वजहात खान के वकील ने कोर्ट में पुराने ट्वीट्स के लिए माफी मांगी. वकील ने कहा कि मेरी शिकायत ही मेरे लिए मुश्किल बनते जा रही है. मैंने इसके लिए माफी मांग ली है. लेकिन मैं बस यही चाहता हूं कि कोर्ट देखे कि FIR वाकई उन्हीं ट्वीट्स से जुड़ी है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि हर बार नया FIR और जेल में डालने का क्या मतलब है? इससे कोई समाधान नहीं निलकलेगा. कोर्ट की बड़ी टिप्पणी न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि अब पोस्ट डिलीट करने का कोई मतलब नहीं है, एक बार जो इंटरनेट पर चीजें डल जाती हैं वो हमेशा के लिए रहती हैं. अभिव्यक्ति की आजादी बहुत ही अहम मौलिक अधिकार है. लेकिन इसका दुरुपयोग करने से बस अदालतों में भीड़ बढ़ती है.  पिछली सुनवाई में क्या हुआ? 24 जून को हुई पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एजी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार और असम, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था. यह नोटिस वजाहत खान की याचिका पर दिया गया था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की गई. वजाहत खान पर क्या आरोप हैं? वजाहत खान पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए जो कथित तौर पर धार्मिक घृणा और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं. उनके खिलाफ कई राज्यों में FIR दर्ज हुई हैं. 9 जून को वजाहत खान को गिरफ्तार किया गया था. एक FIR में वे पुलिस हिरासत में हैं और दूसरी FIR में न्यायिक हिरासत में.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया भूतपूर्व मुख्यमंत्री जोशी का पुण्य स्मरण

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय कैलाश जोशी जी की 96वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 'एक्स' पर कहा कि स्व. श्री कैलाश जोशी का व्यक्तित्व सादगी, कर्मठता और संकल्प की त्रिवेणी के समान है, जिससे सदैव लोककल्याण की प्रेरणा मिलती है। श्री जोशी ने देश-प्रदेश के अनेक युवाओं को मातृभूमि की सेवा साधना के संस्कार प्रदान किए। हम सभी इन्हें आत्मसात् करने के लिए संकल्पित हैं।  

NEET PG पारदर्शिता मामला: सुप्रीम कोर्ट 3 अगस्त को करेगा अगली सुनवाई

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नीट-पीजी परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता, खासकर उत्तर कुंजी जारी करने और मूल्यांकन प्रोटोकॉल के संबंध में चिंता जताने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 अगस्त की तारीख तय की है. न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इन मुद्दों पर याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई की. वकील तन्वी दुबे के माध्यम से दायर एक याचिका में मूल्यांकन प्रणाली की अपारदर्शी प्रकृति को चुनौती दी गई है और नीट-पीजी आयोजित करने के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) को कई निर्देश देने की मांग की गई है. ये हैं याचिका की मुख्य मांगें     परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र और आंसर की दी जाए.     सही और गलत उत्तरों को प्रश्न के साथ अच्छे से बताया जाए.     अगर छात्रों के अंक में गड़बड़ा है तो पुनर्मूल्यांकन और दोबारा जांच कराई जाए.     परीक्षार्थियों को विवादित प्रश्नों या उत्तरों को चुनौती देने का अवसर मिले.     वर्तमान और भविष्य की नीट पीजी परीक्षा के लिए एक पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली लागू की जाए. याचिका में अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी जारी करने और मूल्यांकन के अनुसार सही और गलत प्रश्नों का खुलासा करने की मांग की गई है. इसमें अंकों में विसंगतियों के मामलों में पुनर्मूल्यांकन या पुनर्जांच के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है. याचिका में अभ्यर्थियों को विवादित प्रश्नों या उत्तरों को चुनौती देने का अधिकार देने और वर्तमान एवं भविष्य की नीट-पीजी परीक्षाओं के लिए पारदर्शी मूल्यांकन तंत्र स्थापित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.

महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का एक्शन प्लान तैयार, खास इंतजाम किए गए

लखनऊ  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा में महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर इस बार विशेष तैयारियां की हैं। सीएम योगी के निर्देश पर कांवड़ मार्गों पर 10 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ताकि यात्रा में शामिल महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिल सके। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस बार कुल 66 हजार से अधिक पुलिसकर्मी यात्रा रूट पर तैनात किए गए हैं। इनमें 8 हजार से अधिक महिला सिपाही और 1,486 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक  इस बार यात्रा में लगभग 6 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिनमें 60 से 70 लाख महिलाएं हो सकती हैं। महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल की शुरुआत सीएम योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल अपनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रदेशभर में महिला श्रद्धालुओं के लिए विशेष हेल्प डेस्क, रात में महिला बल की तैनाती और QR (क्विक रिस्पॉन्स टीम) में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित की गई है। सावन कांवड़ यात्रा में महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार की विशेष तैयारी, 10 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी तैनात यात्रा रूट पर 150 से अधिक महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। जहां महिला कांस्टेबल न सिर्फ सहायता करेंगी, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर परामर्श भी उपलब्ध कराएंगी। साथ ही ‘शक्ति हेल्प बूथ’ के ज़रिए महिला श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन, विश्राम और मेडिकल सलाह की सुविधा दी जा रही है। मेरठ जोन में सबसे बड़ा महिला बल कांवड़ यात्रा के प्रमुख मार्ग मेरठ ज़ोन में सबसे अधिक महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत, हापुड़ और गाजियाबाद जिलों में कुल मिलाकर 3,200 महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं। इन जिलों में संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी के अलावा, हर कुछ किलोमीटर पर सहायता केंद्र भी बनाए गए हैं। सुरक्षा को और पुख़्ता करने के लिए ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी नेटवर्क की मदद से यात्रा मार्गों की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों की भी बारीकी से मॉनिटरिंग हो रही है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह या अव्यवस्था को समय रहते रोका जा सके। 11 जोन में 24×7 कंट्रोल रूम प्रदेश में कांवड़ यात्रा के लिए 11 ज़ोन में विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। जिनकी निगरानी महिला अधिकारियों द्वारा 24×7 की जा रही है। साथ ही, हेल्पलाइन नंबरों पर भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगी। जिससे महिला यात्रियों को किसी भी वक्त त्वरित सहायता मिल सके।

राजधानी में 7 राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक, तोमर बोले- समितियों की अनुशंसाओं का पालन गंभीरता से होना चाहिए

भोपाल  मप्र विधानसभा में सात राज्यों की समिति की पहली बैठक हुई। इस बैठक में मप्र के विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, यूपी के स्पीकर सतीश महाना, राजस्थान के स्पीकर वासुदेव देवनानी, हिमाचल प्रदेश के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया। पीएस बोले: जब विधानसभा नहीं चलती तब समितियां विधायिका का काम करती हैं मप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया- जब विधानसभा की बैठकें नहीं हो रही होती हैं तब विधानसभा की समितियां विधायिका का काम करती हैं। ये समितियां विधायी, वित्तीय और प्रशासनिक क्षेत्र में विधायिका के कार्यपालिका पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पीएस एपी सिंह ने कहा- समिति प्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के शताब्दी वर्ष सम्मेलन में एक संकल्प पारित कर विधायी एवं वित्तीय नियंत्रण की जिम्मेवारी में समितियों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए समिति प्रणाली तंत्र पर पुर्नविचार के लिए पीठीसीन अधिकारियों की समिति का गठन की अपेक्षा की गई थी। लोकसभा अध्यक्ष और हमारे प्रदेश के स्पीकर की अध्यक्षता में यह समिति बनाई गई है। इसकी पहली बैठक आज बुलाई गई है। लोकसभा में समितियों के पास जाता है बजट बैठक में नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में संसद और विधानसभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। संसद का सत्र हो या विधानसभाओं के सत्र हों उन सत्रों में जितनी सूक्ष्म निगरानी की जरूरत होती है वह करना संभव नहीं होता। इसलिए हमारे पूर्वजों ने समितियों के गठन की प्रणाली को शुरु किया। लोकसभा की समितियों में तो बजट पर भी विचार-विमर्श होता है। जब बजट सत्र होता है तो बीच में छुट्‌टी करके सारा बजट समितियों के पास जाता है समितियां ही उस पर अध्ययन कर सुझाव देती हैं। उसके बाद वह बजट परिमार्जित होकर लोकसभा में आता है और फिर पारित किया जाता है। ठीक इसी प्रकार से विधानसभाओं में भी समितियों की प्रणाली है। समितियां निरीक्षण और भ्रमण करतीं हैं नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- हमारे मप्र में चार वित्तीय समितियां हैं जिनका निर्वाचन होता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए दो समितियां हैं जिनका निर्वाचन होता है। बाकी 15-16 समितियां हैं जिनमें पक्ष-विपक्ष मिलकर अध्यक्ष की ओर से नाम निर्देशित किए जाते हैं। वो समितियां भ्रमण करतीं हैं अध्ययन, निरीक्षण करतीं हैं जरूरत पड़ने पर शासन को बुलाकर विमर्श करतीं हैं। जिसमें और काम करने की जरूरत है या विधानसभा के निर्देश या सदन में दिए गए आश्वासन, अपूर्ण उत्तर, या मंत्रालयों के जनोपयोगी विषयों पर काम करती हैं। आबादी और तकनीक के उपयोग के साथ काम भी बढ़ रहा है तोमर ने कहा- समय समय पर जैसे-जैसे देश की आबादी बढ़ रही है टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ रहा है उसी प्रकार संसद और विधानसभाओं में काम भी बढ़ रहा है। उस काम की समीक्षा हो सके, काम में दक्षता आ सके इसलिए समिति प्रणाली को और ज्यादा दक्ष और प्रभावी बनाने के लिए पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में हुई पीठासीन अधिकारियों की बैठक में छोटे ग्रुप बनाने की बात आई थी। ये छोटे ग्रुप बने हैं और वो समय-समय पर अपने यहां की बेस्ट प्रेक्टिस एक दूसरे से साझा करें। सदस्य क्या महसूस करते हैं काम करते वक्त आने वाली कठनाईयों पर चर्चा करें तो आने वाले समय में उनका निराकरण हो सकेगा। समितियों की अनुशंसाओं का पालन भी गंभीरता से होना चाहिए विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा-एक बात चलती है समितियों को और काम करने की स्वायत्तता मिलनी चाहिए। कामकाज सबके सामने आना चाहिए। समितियों की अनुशंसाओं का समय सीमा में पालन होना चाहिए। ऐसे कई प्रकार के विषय आते हैं तो समिति काम करती है तो अनुशंसा का पालन भी उतनी गंभीरता से होना चाहिए। इसमें कहीं न कोई कमी होती है तो हमारी कोशिश होनी चाहिए कि इन बैठकों के माध्यम से हम राज्य और केन्द्र सरकार के ध्यान में ये बातें लाएं। आज की प्रारंभिक बैठक के बाद ये बैठकें निरंतर होती रहेंगी।

इंडियन सड़कों पर दौड़ेगी Tesla Model Y – लॉन्च से पहले जानिए इसकी रेंज और फीचर्स

नई दिल्ली एलन मस्क के नेतृत्व वाली अमेरिकन कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने आधिकारिक तौर पर भारतीय बाजार में एंट्री का ऐलान कर दिया है। कल यानी 15 जुलाई 2025 कोटेस्ला की भारत में एंट्री होगी। इसके साथ ही 2003 में टेस्ला मोटर्स की नींव रखने के 22 साल बाद भारत में इसका ‘गृह प्रवेश’ हो रहा है। टेस्ला ने पहली बार भारत में अपनी एंट्री को लेकर सोशल मीडिया पर एक टीजर जारी किया है। यह टीजर बहुत सिंपल है। इसमें सिर्फ टेस्ला का लोगो और ‘इंडिया’ लिखा हुआ है, साथ ही कैप्शन दिया गया है – कमिंग सून यानी जल्द आ रहे हैं। समोसा-जलेबी और लड्डू पर भी मिलेगी सिगरेट जैसी वार्निंग, मोटापे के खिलाफ सरकार का नया प्लान, जानें क्या कहती है स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी  मस्क की कंपनी Tesla 15 जुलाई को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में देश का अपना पहला शोरूम खोल रही है। कंपनी अपने EVs को इंडियन मार्केट में लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। टेस्ला भारत में Model Y को पेश करेगी। ये दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है। इसे भारत में पूरी तरह से निर्मित यूनिट(CBU) के रूप में बेचा जाएगा। टेस्ला फिलहाल भारत की सड़कों पर अपनी दो पॉपुलर इलेक्ट्रिक कारों – Model Y (मॉडल वाई) और Model 3 (मॉडल 3) की टेस्टिंग कर रही है। एक खास बात यह है कि भारतीय मार्केट के लिए इनमें अमेरिका में इस्तेमाल होने वाला NACS चार्जिंग पोर्ट नहीं, बल्कि CCS2 चार्जिंग पोर्ट दिया जाएगा। टेस्ला ने 5 Model Y कारें मुंबई पोर्ट के जरिए भारत मंगाई हैं। ये सभी रियर-व्हील ड्राइव वर्जन हैं, जिन्हें शंघाई स्थित फैक्ट्री से इंपोर्ट किया गया है। ये गाड़ियां भारतीय सड़कों पर चल रही हैं और टेस्टिंग के दौरान कई बार देखी गई हैं। दूसरे देशों में फिलहाल Tesla Model Y दो वेरिएंट रियर-व्हील ड्राइव (RWD) और लॉन्ग-रेंज ऑल-व्हील ड्राइव (AWD) में उपलब्ध है। किसी भी EV के लिए उसकी रेंज सबसे महत्वपूर्ण होती है। Tesla की कारें अपनी लंबी रेंज के लिए जानी जाती है। चीन लाइट-ड्यूटी व्हीकल टेस्ट साइकिल (CLTC) के अनुसार, Model Y RWD को एक बार फुल चार्ज करने पर 593 किमी की रेंज का दावा किया गया है, जबकि Model Y लॉन्ग रेंज AWD 750 किमी तक चल सकती है। RWD वर्जन सिर्फ 5.9 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है, जबकि डुअल मोटर्स वाला लॉन्ग-रेंज AWD वर्जन यही रफ्तार 4.3 सेकंड में पकड़ कर सकता है। Model Y का ग्राउंड क्लीयरेंस 167 मिमी है। इसमें 19-20 इंच के व्हील्स मिलते है। Tesla Model Y के फीचर्स Model Y अपने स्लोपिंग और कूपे जैसी अट्रैक्टिव डिजाइन के लिए जानी जाती है। इसका कर्व फ्रंट LED स्ट्रिप के साथ आता है। कार में आगे और पीछे LED लाइट्स दी गई है। पीछे की तरफ कनेक्टेड LED टेललाइट्स है। कुल मिलाकर बाहरी डिजाइन को सिंपल लेकिन काफी आकर्षक बनाया गया है। इंटीरियर भी बाहरी हिस्से की तरह अट्रैक्टिव है। इसमें एक स्लीक डैशबोर्ड के साथ 15.4 इंच का सेंटर टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलता है। ज्यादातर फंक्शन्स को इस बड़े इंफोटेनमेंट यूनिट से कंट्रोल किया जा सकता है। केबिन के अंदर आपको बहुत ज्यादा फैंसी चीजें नहीं मिलेंगी। फ्रंट सेंटर आर्मरेस्ट के पीछे एक और टचस्क्रीन यूनिट (8 इंच) है, जिसे विशेष रूप से पीछे बैठे यात्रियों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी एक खास बात ये भी है कि पीछे वाली सीट पूरी तरह से फोल्डेबल है। Tesla Model Y की भारत में कितनी हो सकती है कीमत भारत में 40,000 अमेरिकी डॉलर तक की CBU कारों पर 70% का बेसिक कस्टम ड्यूटी लगता है। पिछले महीने ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट किया था कि Tesla के शंघाई कारखाने से पांच Model Y यूनिट मुंबई पहुंची है और प्रत्येक की कीमत सिर्फ 32,000 अमेरिकी डॉलर से कम बताई गई थी। इंडिया में इस पर ड्यूटी लगाने के बाद Tesla Model Y की कीमत करीब 50 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के आसपास हो सकती है।  

महाकाल की चांदी की पालकी यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, 1 लाख से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

उज्जैन  सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन में भगवान महाकाल नई पालकी में प्रजा का हाल जानने निकले। ये पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर निकाली जा रही है। सवारी शिप्रा नदी तक जाएगी। यहां महाकाल का पूजन किया जाएगा। इसके बाद रात करीब 7 बजे पालकी मंदिर वापस आएगी। सवारी में भजन मंडलियों नाचते-गाते आगे बढ़ रही हैं। इससे पहले तड़के 2:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए थे। कपाट रात 10 बजे शयन आरती तक खुले रहेंगे। दाेपहर 3 बजे तक 1 लाख 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इधर, खंडवा के ओंकारेश्वर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। ओंकार महाराज का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया। नैवेद्य में 56 भोग अर्पित किए गए। महाकाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन मनमहेश स्वरूप में होने के बाद सवारी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पर पुलिस द्वारा श्री महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।  सीएम मोहन यादव ने महाकाल के श्री चरणों में किया नमन सीएम मोहन यादव विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सावन के पहले सोमवार के पावन अवसर पर आज उज्जैन में अपने भक्तों का कुशलक्षेम जानने हेतु बाबा महाकाल भ्रमण पर धूमधाम से निकलने वाले हैं। उनके श्री चरणों में नमन एवं वंदन।  चांदी की नई पालकी में सवारी महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया गया है। नवंबर में छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी भेंट की थी।  कई नृत्यदलों की प्रस्तुति बाबा महाकाल की सवारी में सीधी के घसिया बाजा, हरदा के ढांडल नृत्य दल,सिवनी के गुन्नूरसाई नृत्यदल आगे-आगे चलेंगे। विभिन्न जनजातियों के समुहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी का भव्य रूप   मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर है।  बाबा महाकाल की सवारी के दौरान रामघाट पर वैदिक उद्घोष के लिए दत्ता अखाड़ा क्षेत्र में बटुकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। सभा मंडप में शुरू हुआ पूजन अर्चन  महाकालेश्वर मंदिर के सभागृह में बाबा महाकाल के मनमहेश स्वरूप का पूजन अर्चन शुरू हो चुका है। मंदिर के शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम गुरु के द्वारा यह पूजन अर्चन किया जा रहा है। इस दौरान मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक महेश परमार के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि भगवान का पूजन अर्चन कर रहे हैं।  12 स्थानों से होते हुए गुजरेगी महाकाल की सवारी बाबा महाकाल की सवारी महाकाल चौराहे से शुरू होगी। इसके बाद गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी, रामघाट, मोड़  की धर्मशाला, कार्तिक चौक से होते हुए सत्यनारायण मंदिर पहुंचेगी। बाद में सवारी छत्रीचौंक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए महाकाल मंदिर वापस आएगी। यहीं पर सवारी यात्रा का समापन होगा। बाबा महाकाल के छह स्वरूप  महाकाल सवारी 2025 में बाबा महाकाल के छह स्वरूप होंगे। आज पहली सवारी निकलेगी। इसके बाद  18 अगस्त को अंतिम राजसी सवारी श्री सप्तधान मुखारविंद स्वरूप में निकाली जाएगी, जिसमें बाबा का राजसी शृंगार किया जाएगा। सभी सवारियां श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाली जाएंगी।  सवारी में शामिल होंगे मंत्री  महाकाल की पहली सवारी में उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और पंचायत  एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल होंगे। वे महाकाल मंदिर के सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करेंगे। पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर में पहुंचे 11 लाख श्रद्धालु  श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। 7 से 13 जुलाई 2025 के बीच 11 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।  अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रायसेन के भोजपुर में 11 बजे तक करीब 40 हजार भक्त भोजेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर चुके थे। भोपाल के बड़वाले महादेव, गुफा मंदिर, छतरपुर के जटाशंकर धाम में भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है। खजुराहो में भक्त 18 फीट ऊंचे मतंगेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। नर्मदापुरम में सेठानी घाट से कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़िए नर्मदा जल लेकर पचमढ़ी जाएंगे, जहां जटाशंकर महादेव का अभिषेक करेंगे।

महंगी लेकिन असरदार: खेखसी के चमत्कारी फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप!

रायपुर बरसात का मौसम लगते ही राजधानी समेत पूरे प्रदेश में अब सबसे ताकतवर सब्जी खेखसी दिखाई देने लगी है. पौष्टिकता से भरपूर और मौसमी सब्जी होने की वजह से इसकी डिमांड बढ़ गई है. राजधानी के अलग-अलग बाजारों में खेखसी 400 रुपए प्रति किलो बिक रही है. बारिश के दिनों में यह उस जगह पर उगती है, जहां पर घने कटीले पेड़-पौधे होते हैं. यह साल में सिर्फ एक से दो महीने तक ही बाजार में दिखाई देती है. भरपूर प्रोटीन और जिंक  खेखसी पूरी तरह से ऑर्गेनिक सब्जी है. इसमें किसी भी प्रकार के कीटनाशक और रासायन का छिड़काव नहीं किया जाता. विशेषज्ञों की माने तो प्रारंभिक अनुसंधान से पता चला है कि खेखसी में प्रोटीन और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है. इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर और पोटेशियम भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ये बीमारियां होंगी दूर ऐसा माना जाता है कि खेखसी में मौजूद खनिज तत्व और औषधीय गुणों के कारण ब्लड प्रेशर, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर चौमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है. यह सर्पदंश के बाद होने वाले नुकसान से बचाव में भी सहायक माना गया है. खेखसी लकवा, पीलिया, बवासीर, बेहोशी, बुखार, पेट के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है. सिरदर्द, कान का दर्द, खांसी और खुजली जैसी समस्याओं की रोकथाम में भी इसके सेवन को उपयोगी माना गया है.

गेवरारोड-रायपुर ट्रेन सेवा बहाल, दो साल की परेशानी खत्म

रायपुर गेवरारोड-रायपुर-गेवरारोड पैसेंजर ट्रेन दो साल और 169 दिन के बाद एक बार फिर बहाल की जा रही है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन ने 13 डेमू और मेमू पैसेंजर ट्रेनों को बहाल करने की घोषणा की है, जिसमें गेवरारोड-रायपुर-गेवरारोड मेमू पैसेंजर भी शामिल है. यह ट्रेन 16 और 17 जुलाई से फिर से परिचालन शुरू करेगी, जिससे कोयलांचल क्षेत्र के यात्रियों समेत दिन में सफर करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी. रायपुर-गेवरारोड मेमू पैसेंजर (गाड़ी क्रमांक 68746) रायपुर रेलवे स्टेशन से दोपहर 1:50 बजे रवाना होगी और रात 7:30 बजे गेवरारोड पहुंचेगी. वहीं, अगले दिन गेवरारोड से सुबह 6:30 बजे प्रस्थान करने वाली गेवरारोड-रायपुर मेमू पैसेंजर (गाड़ी क्रमांक 68745) सुबह 11:25 बजे रायपुर पहुंचेगी. इस ट्रेन को 29 जनवरी 2023 को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद से यात्री इसे बहाल करने की मांग कर रहे थे. इस ट्रेन के शुरू होने से गेवरारोड से रायपुर तक सफर करने वाले यात्रियों के लिए पहली सुबह की गाड़ी उपलब्ध होगी. साथ ही, दिन के समय रायपुर और बिलासपुर से गेवरारोड आने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी. अभी तक रायपुर जंक्शन से कोरबा तक दिन में 10 घंटे की अवधि में कोई यात्री ट्रेन नहीं थी. सुबह 7:20 बजे लिंक एक्सप्रेस के बाद यात्रियों को शाम 6:00 बजे रायपुर-कोरबा हसदेव एक्सप्रेस का इंतजार करना पड़ता था, जो सफर को मुश्किल बनाता था. अब मेमू लोकल के शुरू होने से दोपहर में गाड़ी उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी. लंबे इंतजार के बाद मानी गई मांग गेवरारोड से रायपुर तक कोई सीधी यात्री ट्रेन न होने के कारण यात्रियों को कोरबा रेलवे स्टेशन तक 15-20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. केवल बिलासपुर तक चलने वाली एक गाड़ी ही उपलब्ध थी. कोयलांचल के लोगों ने लंबे समय से इस ट्रेन की बहाली की मांग की थी, जो अब पूरी हो गई है. यह कदम नियमित रूप से रायपुर और बिलासपुर से सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा.