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बरसात का मिज़ाज: राजधानी में बादल-धूप की लुका-छिपी, कई जिलों में बारिश से राहत

जयपुर राजस्थान में मानसून मेहरबान है। राजधानी जयपुर में शनिवार को सावन की रिमझिम फुहारें चलीं। बादलों ने आसमान में ऐसा नजारा बनाया कि मानों कैनवास पर पहाड़ों की सुंदर तस्वीर हो। दुर्गापुरा से महारानी फार्म की तरफ जाने वाली सड़क पर बादलों ने ऐसा आभास दिया कि जैसे बड़े-बड़े पहाड़ यहां अचानक आ खड़े हुए हों। जबकि असल में यहां कोई पहाड़ नहीं हैं लेकिन बादलों के समूह ने खुद ऐसा नजारा आसमान में बना डाला। देखने में यह नजारा आंखों को बेहद सुकून देने वाला था। जयपुर में शनिवार को मौसम उतार-चढ़ाव वाला रहा। यहां दिन में हल्के बादल रहे और कई जगह बूंदाबांदी हुई। दोपहर में कुछ देर के लिए धूप निकली। अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। झालावाड़, धौलपुर, करौली और अलवर में तेज बारिश हुई। झालावाड़ में 4 इंच से ज्यादा पानी बरसा। पिछले 24 घंटे के दौरान राजस्थान सबसे ज्यादा बरसात झालावाड़ के मनोहर थाना में 108 एमएम दर्ज हुई। वहीं धौलपुर के सैंपऊ में 50, भरतपुर के नगर में 38, बांसवाड़ा के सलोपत में 35 एमएम बारिश हुई। अलवर के थानागाजी में 50, गंगानगर के केसरीसिंहपुर में 31 और उदयपुर में 36 एमएम बरसात हुई। इन जिलों के अलावा सिरोही, चित्तौड़गढ़, करौली, प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

राज्यपाल पटेल से मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने की सौजन्य भेंट

भोपाल राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल से मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राजभवन में सौजन्य भेंट की। राज्यपाल श्री पटेल का श्री तोमर ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया।  बैठक के दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।  

एक्सप्रेसवे बना मौत का रास्ता: दर्दनाक हादसे में चार मृत, छह से अधिक घायल

कोटा जिले के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर हुए भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, वहीं आधा दर्जन लोग घायल हो गए। यह हादसा जिले के बूढ़ादीत थाना इलाके में चम्बल नदी पर हुआ। हादसे में मरने वाले लोग करौली के रहने वाले थे। जो कि मध्यप्रदेश के इंदौर से एक कार्यक्रम में भाग लेकर वापस करौली लौट रहे थे। हादसे में गाड़ी बुरी तरह से चकनाचूर हो गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां पर उनका उपचार जारी है। बूढ़ादीत थाना अधिकारी रघुनाथ सिंह ने बताया कि करौली का एक परिवार अपने रिश्तेदारों के साथ गोद भराई के कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के इंदौर गया था। कार्यक्रम समाप्ति के बाद सभी लोग इंदौर से वापस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के रास्ते करौली लौट रहे थे। तभी बूढ़ादीत के पास चंबल नदी पर अज्ञात वाहन ने टेंपो ट्रैक्स को टक्कर मार दी, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। इस जोरदार टक्कर के बाद टेंपो ट्रैक्स वाहन पीछे से एक अन्य वाहन से टकरा गया। पुलिस ने बताया कि हादसे में सुरेश सोनी, गीता सोनी और अनिल की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बृजेश को अस्पताल ले जाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। हादसे के दौरान गाड़ी में 15 से अधिक लोग सवार थे। घायलों को पहले बूंदी जिले के दहीखेड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें कोटा एमबीएस अस्पताल रैफर कर दिया गया। जहां सभी का उपचार जारी है। हादसे के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया है। पुलिस अज्ञात वाहन की पहचान करने के प्रयास कर रही है।

लॉर्ड्स में नीतीश ने जैक क्रॉउली का किया शिकार, इंग्लैंड की पारी लड़खड़ाई

लॉर्ड्स भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। मैच के चौथे दिन मोहम्मद सिराज ने बेन डकेट को आउट करके इंग्लैंड को पहला झटका दिया। सिराज ने ओली पोप को भी अपना शिकार बनाया। बेन 12 और ओली 4 रन बनाकर आउट हुए। नीतीश रेड्डी ने जैक क्रॉउली को पवेलियन भेजा। क्रॉउली ने 22 रन बनाया। इंग्लैंड ने पहली पारी में जो रूट के शतक की बदौलत 387 रन बनाए। इसके जवाब में भारत लोकेश राहुल के शानदार शतक की मदद से इंग्लैंड के स्कोर को बराबर करने में सफल रहा। हालांकि भारतीय टीम ने अंतिम सेशन में 71 रन के अंदर पांच विकेट गंवाए, जिससे उसे बढ़त नहीं मिली। मोहम्मद सिराज ने ओली पोप को भी किया आउट मोहम्मद सिराज ने रविवार को लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन ओली पोप को पवेलियन का रास्ता दिखाया। पोप 4 रन ही बना सके। बुमराह ने जैक क्रॉउली को किया परेशान जसप्रीत बुमराह ने जैक क्रॉउली को चौथे दिन के शुरुआती ओवर से ही परेशान किया हुआ है। लगातार गेंदों पर क्रॉउली रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 

मनेंद्रगढ़ को मिली शैक्षणिक सौगात, चैनपुर में बनेगा नवोदय विद्यालय

एमसीबी मनेंद्रगढ़ अब स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो रहा है। क्षेत्रवासियों के लिए एक और बड़ी सौगात के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय की  स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। चैनपुर में इस विद्यालय के लिए 11.8 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन किया गया है।   स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि संभव हो सकी है। उनके नेतृत्व में मनेंद्रगढ़ को पहले ही मेडिकल कॉलेज जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा मिल चुकी है, और अब शिक्षा के क्षेत्र में भी नई क्रांति की शुरुआत हो रही है।    जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना से अब जिले के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने ही जिले में मिल सकेगी। उन्हें उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे अभिभावकों की चिंता भी कम होगी और विद्यार्थियों का समग्र विकास संभव होगा।    यह कदम मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के शैक्षणिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले वर्षों में यहां की नई पीढ़ी को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।

विदिशा में लापरवाही पर भड़के शिवराज, चेताया- केंद्र से दल बुलाया तो सबकी खैर नहीं

विदिशा जिले में आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री और सांसद शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों पर जमकर बरसे। मनरेगा कार्यों में मशीनों के उपयोग और योजना में अनियमितताओं को लेकर उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि केंद्र से जांच दल आया, तो सभी नप जाएंगे। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि जिले में मनरेगा के तहत मशीनों से काम कराया जा रहा है। विधायक उमाकांत शर्मा और जिला पंचायत के कृषि समिति अध्यक्ष धनराज दांगी ने कहा कि मजदूरी दर इतनी कम है कि मजदूर काम ही नहीं करना चाहते। इस पर चौहान ने स्पष्ट किया कि मनरेगा कानून के अनुसार 60 प्रतिशत राशि मजदूरी पर खर्च होनी चाहिए।   मनरेगा में सबसे ज्यादा गड़बड़‍ियां उन्होंने कहा, मनरेगा में सबसे अधिक गड़बड़ियां होती हैं। अगर मैंने केंद्रीय टीम भेजी, तो कोई नहीं बचेगा। चौहान ने 121 अमृत सरोवरों का भौतिक सत्यापन कराने और आवास योजना में धीमी प्रगति पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। दो साल से जिले में हो, कुछ नहीं जानते कृषि विभाग की समीक्षा में भी अधिकारियों की तैयारियों की पोल खुल गई। जब शिवराज ने बीज वितरण और लक्ष्य की जानकारी मांगी, तो उप संचालक कृषि केएस खपेड़िया जवाब नहीं दे सके। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दो साल से जिले में हो और कुछ नहीं जानते। जिले में 287 किसानों की सोयाबीन बोवनी खराब होने की जानकारी पर चौहान ने तत्काल राहत और मुआवजा प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। दुकानों के साथ कंपनियों पर भी कार्रवाई हो उन्होंने अमानक खाद और कीटनाशक मामले में सिर्फ दुकानदारों पर कार्रवाई को नाकाफी बताया और उत्पादक कंपनियों पर भी कार्रवाई करने को कहा। इसके अलावा विधायक मुकेश टंडन और गीता रघुवंशी ने ठेकेदारों के डंपरों द्वारा ग्रामीण सड़कों को नुकसान पहुंचाने की शिकायत की। इस पर एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के आदेश दिए गए।

खिलौना या डरावना सपना? लोगों को सहमा देने वाला ये टॉय एक साल में ही हुआ बैन

नई दिल्ली  खिलौने बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन होते हैं जो उन्हें सीखने और उनके विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। ये बच्चों को कल्पनाशील और रचनात्मक बनने में मदद करते हैं और खेल-खेल में गिनती, अक्षर, शेप और कलर जैसी चीजें भी सिखाते हैं। कुछ खिलौने सामाजिक विकास में भी सहायक होते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसे किसी खिलौने का नाम सुना है जो इतना खतरनाक साबित हुआ हो कि उसे बैन (प्रतिबंधित) करना पड़ गया हो? जी हां दुनिया में एक ऐसा खिलौना बनाया गया था जो सच में इतना खतरनाक था कि बाद में उसे प्रतिबंधित करना पड़ा। गिल्बर्ट यू-238 परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला: एक रेडियोएक्टिव 'लर्निंग सेट' वह खतरनाक खिलौना था 'गिल्बर्ट यू-238 परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला'। यह 1950 के दशक की शुरुआत में बेचा गया था। यह एक रेडियोएक्टिव खिलौना और साथ ही एक लर्निंग सेट भी था। $49.50 में मिलने वाले इस खिलौने में यूरेनियम अयस्क के चार सैंपल (ऑट्यूनाइट, टॉर्बरनाइट, यूरेनिनाइट, कॉर्नोटाइट) शामिल थे। इसके साथ इसमें एक गाइगर काउंटर (जो रेडिएशन नापने के काम आता है) और अलग-अलग कुछ अन्य औज़ार भी थे। इस सेट के साथ लोकप्रिय ब्लोंडी कॉमिक स्ट्रिप से डैगवुड पर आधारित एक कॉमिक बुक भी आई थी जिसका शीर्षक था 'लर्न हाउ डैगवुड स्प्लिट्स द एटम'। इसे मैनहट्टन प्रोजेक्ट के निदेशक जनरल लेस्ली ग्रोव्स के साथ मिलकर लिखा गया था। कैंसर और गंभीर बीमारियों का खतरा: क्यों किया गया बैन? साल 2006 में परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला को अब तक के 10 सबसे खतरनाक खिलौनों में से एक बताया गया था। इस खिलौने के लॉन्च के एक साल के भीतर ही इसे मार्केट से बैन करना पड़ा था क्योंकि इससे लोगों की जान पर बन आई थी। यह आज के आधुनिक टॉयगन जैसा कोई खिलौना नहीं था बल्कि बच्चों को रेडियोएक्टिव सामग्री जैसे कि यूरेनियम 238, पोलोनियम 210, लेड 210 और रेडियम 226 के साथ प्रयोग करने का मौका देता था। इससे बच्चों के लिए कैंसर और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे खतरे पैदा होने लगे थे। इस गेम के अंदर कई उपकरण और एक मैनुअल भी था जिसके ज़रिए बच्चों को बताया जाता था कि कैसे वे अपनी परमाणु चीजों के बारे में सीख सकते हैं। रेडियोएक्टिव रेडिएशन बहुत खतरनाक होता है लेकिन इस गेम में ग्लव्स या गाइडलाइन्स जैसी कोई सुरक्षा चीज़ें नहीं थीं। उस वक्त यह सोचा गया था कि बच्चे इससे चीजें सीखेंगे और विज्ञान की दुनिया में आगे बढ़ेंगे लेकिन इस भयंकर खतरे को देखते हुए इसे बाद में बैन करना पड़ा था।  

डॉक्टरों की आंखें खुली की खुली रह गईं, जब पेट में मिले 36 साल पुराने जुड़वा भ्रूण

नई दिल्ली  चिकित्सा विज्ञान में कभी-कभी ऐसे चौंकाने वाले मामले सामने आते हैं जो डॉक्टरों को भी सोचने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसा ही एक दुर्लभ और हैरान करने वाला मामला नागपुर के संजू भगत नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जो 36 साल तक अपने पेट में एक अधूरे जुड़वा भ्रूण के साथ जीवित रहा। यह मेडिकल स्थिति 'फीटस इन फीटू' (Fetus in Fetu) कहलाती है। बचपन से पेट दिखता था फूला हुआ संजू भगत का पेट बचपन से ही सामान्य बच्चों की तुलना में कुछ ज्यादा फूला हुआ था। परिवार वालों ने इसे साधारण मोटापा समझ कर नजरअंदाज कर दिया। लेकिन जैसे-जैसे संजू की उम्र बढ़ती गई, उनका पेट असामान्य रूप से बढ़ता गया। स्थिति इतनी अजीब हो गई कि लोग उन्हें मजाक में 'प्रेग्नेंट आदमी' कहकर बुलाने लगे।   1999 में बिगड़ी तबीयत, पहुंचना पड़ा अस्पताल करीब 1999 के आसपास, संजू की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उनका बढ़ता हुआ पेट डायाफ्राम पर दबाव डालने लगा, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। जब स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हुई, तो उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।   ऑपरेशन में निकला इंसानी भ्रूण, डॉक्टर रह गए दंग अस्पताल में डॉक्टरों को शुरू में लगा कि संजू के पेट में कोई बड़ा ट्यूमर है। डॉक्टर अजय मेहता और उनकी टीम ने ऑपरेशन का फैसला किया। लेकिन जैसे ही उन्होंने सर्जरी शुरू की, नजारा देखकर सब हैरान रह गए। पेट में ट्यूमर नहीं, बल्कि एक अधूरा मानव भ्रूण मौजूद था। डॉक्टरों को ऑपरेशन के दौरान हड्डियां, बाल, जबड़ा और अन्य अंग दिखाई दिए। यह सब देखकर मेडिकल टीम भी हैरान रह गई। क्या होता है फीटस इन फीटू? 'Fetus in Fetu' एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति है, जिसमें गर्भ के दौरान एक जुड़वा भ्रूण पूरी तरह विकसित हो जाता है, जबकि दूसरा भ्रूण अधूरा रह जाता है और पहले भ्रूण के शरीर के अंदर ही विकसित होता रहता है। यह अधूरा भ्रूण अक्सर पेट या शरीर के किसी हिस्से में पाया जाता है और विकसित भ्रूण के शरीर से ही रक्त आपूर्ति प्राप्त करता है। हालांकि, इसका अपना मस्तिष्क, दिल या अन्य महत्वपूर्ण अंग पूरी तरह विकसित नहीं होते। सफल ऑपरेशन के बाद मिली राहत संजू भगत का यह मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। सर्जरी के बाद उनका पेट सामान्य हुआ और उन्हें राहत मिली। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक बेहद दुर्लभ और चिकित्सा विज्ञान के लिए अध्ययन योग्य केस था।

गांव में हाथी का कहर, हमले और तबाही के बाद जंगल की ओर हुई वापसी

धमतरी वनांचल क्षेत्र से भटककर मैदानी क्षेत्र पहुंचा एक हाथी अब केरेगांव क्षेत्र के जंगल में पहुंच गया है। 24 घंटे के भीतर हाथी 50 किलोमीटर चले और हाईवे पार करते हुए अब जंगल में चला गया है। हाथी के जाने के बाद मैदानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग इस हाथी पर नजर रखे हुए है। एक ही दिन में हाथी कई किसानों के धान फसल को रौंदकर जमकर नुकसान पहुंचाया है। हाथी के वनांचल क्षेत्र पहुंचने के बाद ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी राहत महसूस किया है। भखारा क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथी कभी पहुंच जाएगा, ऐसा लोगों ने कभी नहीं सोचा था, लेकिन हाथी वनांचल क्षेत्र से भटककर 11 जुलाई को मैदानी क्षेत्र के ग्राम रीवांगहन, भेंडरा, डोमा, खम्हरिया में पहुंच गया। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। यह हाथी किसानों के खेत होते हुए पहुंचा था।   पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था मैदानी क्षेत्र में हाथी के प्रवेश करने से वन विभाग के अमला भी रातभर नहीं सो पाया, क्योंकि हाथी किसी को मारकर नुकसान न पहुंचा दें। हालांकि हाथी ने मैदानी क्षेत्र में एक युवक पर हमला जरूर किया था, जो घायल हो गया था, ऐसे में वन विभाग की टीम इस हाथी का पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था। रातभर यह हाथी कई किलोमीटर चले और हाईवे पार करके वनांचल क्षेत्र पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार हाथी भखारा रोड पार करके डोमा, खम्हरिया, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर होते हुए केरेगांव परिक्षेत्र के जोगीडीह के जंगल में पहुंचा।   विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे हाथी पिछले 24 घंटों के भीतर 50 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर केरेगांव रेंज में पहुंच चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर हाथी के पीछे वन विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे, ताकि किसी तरह जनहानि न हो। हाथी मानिटरिंग टीम के कर्मचारियों को सिंगल हाथी कक्ष क्रमांक 143 में पद चिन्ह मिला, तब जाकर कर्मचारियों ने राहत ली। डिप्टी रेंजर आरके तिवारी ने बताया कि हाथी केरेगांव क्षेत्र के जंगल पहुंच चुका है। किसानों के धान फसल को पहुंचाया नुकसान हाथी एक ही दिन में ग्राम भेंडरा, रीवांगहन, डोमा, खम्हरिया, डाही, छाती, डांडेसरा, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर समेत कुछ अन्य गांव खेत वाले मार्ग से पहुंचे। इस दौरान हाथी कई किसानों के खेतों से होते हुए निकले, तो खेतों में लगे खरीफ सीजन के धान फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचाया है। धान फसल के रौंदने से कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है।

पुलिस की सख्त कार्रवाई से हरदा में करणी सेना का आंदोलन समाप्त, आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल

हरदा मध्य प्रदेश के हरदा में धोखाधड़ी के आरोपी को पुलिस द्वारा संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए शनिवार को करणी सेना ने प्रदर्शन किया। इस दौरान इसके बाद पुलिस ने करणी सेना जिला अध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता खंडवा बायपास पर बैठ गए और जाम लगा दिया। पुलिस ने रात में इन्हें हटाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पानी की बौछारें डाली और फिर आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान पुलिस ने राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर सहित दर्जनों कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद करणी सेना का यहां हो रहा प्रदर्शन खत्म हो गया।   पुलिस ने रिमांड ही नहीं मांगी करणी सेना का आरोप है कि धोखाधड़ी के आरोपी को जब कोर्ट में पेश किया गया तो पुलिस ने उसकी रिमांड भी नहीं मांगी। इस दौरान सिटी कोतवाली पर शनिवार को हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी कर दिया था। जिला अध्यक्ष सहित 4 लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।