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आरएसएस प्रमुख के बयान , पीएम पद के लिए सही च्वॉयस होंगे गडकरी : कांग्रेस विधायक

बेंगलुरु कांग्रेस के एक विधायक ने नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के रिटायरमेंट वाले बयान का हवाला दिया है। कांग्रेस विधायक ने आरएसएस प्रमुख के बयान का स्वागत करते हुए कहाकि अगर इसके हिसाब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद से रिटायर होते हैं तो गडकरी को पीएम बनना चाहिए। वह इस पद के लिए सही च्वॉयस होंगे। बता दें कि मोहन भागवत ने कहा था कि 75 साल की उम्र पूरी होने के बाद नेताओं को सत्ता से इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके बाद कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा था कि मोहन भागवत का इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। गौरतलब है कि पीएम मोदी इसी साल 75 साल के होने वाले हैं। गडकरी को देश के गरीबों की चिंता कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्णा कर्नाटक की सागर विधानसभा से विधायक हैं। बेलूर गोपालकृष्णा ने अपने बयान में कहा है कि अगर भागवत के 75 साल में रिटारयमेंट वाली बात के हिसाब से पीएम मोदी हटते हैं तो नितिन गडकरी को अगला पीएम बनाना चाहिए। उन्होंने कहाकि गडकरी प्रधानमंत्री पद के लिए सही च्वॉयस रहेंगे। बेलूर गोपालकृष्णा ने कहाकि गडकरी को देश के गरीब लोगों की ज्यादा चिंता है। येदियुरप्पा का दिया उदाहरण पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्णा ने कहाकि भाजपा ने 75 साल का होने के बाद बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। उनकी आंखों में आंसू भरे हुए थे। अब भाजपा को आरएएस चीफ की इच्छा का सम्मान करना चाहिए और यही फॉर्मूला प्रधानमंत्री पद भी लागू करना चाहिए। उन्होंने कहाकि देश गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है। अमीर और अमीर होता जा रहा है। बेलूर ने कहाकि देश का धन कुछ लोगों के हाथ में जा रहा है। इसको देखते हुए वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य हैं। भाजपा हाईकमान को इस बारे में सोचना चाहिए।  

पर्यावरण संरक्षण की पहल: भोपाल में मूर्ति विसर्जन के लिए तालाबों की जगह नए घाट तैयार

भोपाल  भोपाल में गणेश उत्सव नवरात्रि की मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद भोपाल नगर निगम ने शहर के तालाबों में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी है। अब शहर के चारों दिशाओं में चार विसर्जन घाट बनाए जा रहे हैं। राजधानी भोपाल में गणेश उत्सव नवरात्रि की मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद भोपाल नगर निगम ने शहर के तालाबों में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी है। अब शहर के चारों दिशाओं में चार विसर्जन घाट बनाए जा रहे हैं। भोपाल की महापौर मालती राय नए विसर्जन घाटों का निरीक्षण कर रही हैं। शुरुआती दौर में चार जगह का चयन किया गया है। जिसमें से नीलबड़, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, मालीखेड़ी और प्रेमपुरा घाट के पास मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की जाएगी।   एनजीटी ने लगाई है मूर्ति विसर्जन पर रोक  दरअसल भोपाल के तालाबों को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड ने प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगा दी है। अगस्त के अंत में गणेश चतुर्थी और सितंबर में नवरात्र शुरू हो जाएंगे। ऐसे में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अभी से जगह की तलाश शुरू हो गई है। नगर निगम अधिकारियों के साथ मालीखेड़ी पहुंची महापौर मालती राय ने पुराने घाट को व्यवस्थित करने को कहा है। मालीखेड़ी पूरी तरह फाइनल, काम शुरू महापौर मालती राय ने बताया कि अभी मालीखेड़ी तो पूरी तरह फायनल है। यहां काम भी शुरू कर दिया गया है। शहर के चारों दिशाओं में विसर्जन घाट बनाए जाएंगे। जल्द ही तीन नए घाट भी तैयार हो जाएंगे। इसके लिए संजीव नगर, नीलबढ़ और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कैम्पस में जगह देखी जा रही है। महापौर ने बताया कि संजीव नगर भी लगभग फायनल है। बीयू कैम्पस में विसर्जन घाट बनाने के लिए विश्वविद्यालय से चर्चा चल रही है। मंजूरी मिलते ही निगम घाट विकसित कर देगा। बैरागढ़ विसर्जन घाट पहले से विकसित बैरागढ़ विसर्जन घाट पहले से विकसित है। यह बड़ा तालाब से दूर है। वहीं मालीखेड़ी विसर्जन घाट में भी निगम पहले से विसर्जन की व्यवस्था करता आ रहा है। इसके अलावा प्रेमपुरा घाट पर एक नया घाट विकसित करने पर विचार चल रहा है। अभी तक यहां होता था मूर्तियों का विसर्जन पिछले साल तक नगर निगम ने शहर के प्रेमपुरा, खटलापुरा, हथाईखेड़ा डैम, आर्च ब्रिज, बैरागढ़ और मालीखेड़ी घाट पर ही प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था करता रहा है। भोपाल शहर की अलग-अलग क्षेत्र से हजारों छोटी बड़ी मूर्तियां इन घाटों पर विसर्जित की जाती थीं। इसे लेकर पुलिस प्रशासन और नगर निगम व्यवस्थाएं संभालने का काम करता था। अब देखना यह होगा कि सीमित कर घाटों में मूर्ति का विसर्जन किस तरह से किया जाएगा।  

प्रदेश की सबसे हाईटेक कैथ लैब हमीदिया में तैयार, जापान से आई मशीन से होगा इलाज आसान

भोपाल  भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में प्रदेश की सबसे अत्याधुनिक बाइ प्लेन कैथ लैब जापान से 7.7 करोड़ लागत से खरीदी जा रही है। अस्पताल में नई कैथलैब 1 सितंबर से शुरू हो जाएगी। इसके लिए डेडलाइन तय कर दी गई है। राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में प्रदेश की सबसे अत्याधुनिक बाइ प्लेन कैथ लैब जापान से 7.7 करोड़ लागत से खरीदी जा रही है। वहीं अस्पताल में नई कैथलैब 1 सितंबर से शुरू हो जाएगी। इसके लिए डेडलाइन तय कर दी गई है। लैब शुरू होने से हृदय रोग के मरीजों को राहत मिलेगी। अस्पताल के चिकित्सकों का दावा है कि जापान से आने वाली बाइ प्लेन कैथ लैब सबसे आधुनिक है। इस मॉडर्न कैथ लैब में किडनी पेशेंट भी बेफिक्र हो कर हार्ट की जांच करा सकेंगे। जाने क्या है मशीन की खासियत  1- इस मशीन से जांच करने के दौरान बेहद कम डाई की जरूरत पड़ती है। 2- मरीज की स्कैनिंग रिपोर्ट 3डी इमेज फॉर्म में आती है। जिससे ह्रदय व खून की नसों का बेहतर इमेज नजर आती है। 3- यह मशीन हार्ट में ब्लॉकेज से लेकर अन्य समस्या की सटीक जानकारी देती है। जिससे डॉक्टर का काम आसान बन जाता है। 4- जटिल सर्जरियां में भी मरीज में बेहतर रिजल्ट सामने आता है। 5- एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी के दौरान दी जाने डाई कम संख्या में दी जाएगी। तीसरी मंजिल में नई लैब तैयार गौरतलब है कि हमीदिया अस्पताल में यह आधुनिक कैथ लैब मशीन के लिए नए भवन ब्लॉक-1 की तीसरी मंजिल में नई लैब तैयार की गई है। जिसमें जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर इलेक्ट्रिकल काम पूरा हो चुका है। अब बाइ प्लेन कैथ लैब के आने का इंतजार है। जो 30 जुलाई को भारत और 10 अगस्त को हमीदिया अस्पताल पहुंचने की संभावना जताई गई है। मशीन को इंस्टॉल करने में एक हफ्ते का समय लगेगा, इसके बाद बचे हुए 13 दिन में अन्य जरूरी प्रक्रिया और ट्रायल चलेंगें।  

iPhone और Apple Watch से मिली प्रेग्नेंसी की जानकारी, Apple की नई AI टेक्नोलॉजी

नई दिल्ली टेक्नोलॉजी दिनों-दिन आगे बढ़ रही है। आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) काफी चलन में है। ऐसा तय माना जा रहा है कि भविष्य में एआई का खूब इस्तेमाल किया जाएगा। कई कंपनियों ने एआई का इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है। अभी तक AI का इस्तेमाल बीमारियों का पता लगाने, बीमारियों का इलाज करने या पढ़ाई-लिखाई में मदद करने के लिए किया जाता है। आने वाले वक्‍त में एआई का इस्तेमाल प्रेग्‍नेंसी का पता लगाने के लिए भी किया जाएगा। दुनिया की जानी मानी कंपनी Apple ने ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है। आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं। iPhone और Apple Watch से पता चलेगी प्रेग्नेंसी ऐपल के प्रोडक्ट्स जैसे iPhone, iPad, Apple Watch आदि को सबसे बेहतरीन प्रोडक्ट्स माना जाता है। इनमें कई ऐसे फीचर्स होते हैं जो इन्हें दूसरे डिवाइस से अलग बनाते हैं। एक नई रिसर्च के मुताबिक Apple ने एक कमाल का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल बनाया है जो अब iPhone और Apple Watch से मिली जानकारी (व्यवहारिक डेटा) का इस्तेमाल करके 92% सटीकता के साथ प्रेग्नेंसी का पता लगा सकता है। कैसे काम करती है यह नई टेक्नोलॉजी? इस रिसर्च का नाम "Beyond Sensor Data: Foundation Models of Behavioral Data from Wearables Improve Health Predictions" है। इस रिसर्च में बताया गया है कि यह नया AI मॉडल कुछ खास स्वास्थ्य संकेतों जैसे नींद की गुणवत्ता, दिल की धड़कन में बदलाव (हार्ट रेट वेरिएबिलिटी), चलने-फिरने की आदतें (मोबिलिटी) और अन्य महत्वपूर्ण बातों को पहचान सकता है। यह वियरेबल बिहेवियर मॉडल (WBM) प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य में होने वाले बदलावों को भी ट्रैक कर सकता है। इस नए फाउंडेशन मॉडल को बनाने के लिए 2.5 बिलियन घंटे से भी ज्यादा वियरेबल डेटा का इस्तेमाल किया गया, जिससे यह पिछले मॉडल्स से बेहतर या उनके बराबर काम कर सके। हालां‍क‍ि अभी यह पता नहीं है क‍ि यह टेक्‍नोलॉजी कबतक ड‍िवाइसेज में ले आएगी जाएगी। रिसर्च में क्या-क्या शामिल था? रिसर्चर्स ने 430 प्रेग्नेंट महिलाओं के डेटा का इस्तेमाल करके एक प्रेग्नेंसी डेटासेट बनाया, जिनकी डिलीवरी नॉर्मल या सिजेरियन हुई थी। WBM ने ऐप्पल हेल्थ ऐप, हेल्थकिट और हार्ट रेट सेंसर डेटा (PPG) से जानकारी इकट्ठा की। रिसर्च में बताया गया है कि डेटा से पता चला कि बच्चे के जन्म से पहले के नौ महीने और डिलीवरी के बाद का एक महीना "पॉजिटिव" हफ्ते थे, क्योंकि महिलाएं प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के बाद ठीक होने के दौरान शारीरिक बदलावों से गुजर रही थीं। बाकी समय को "नेगेटिव" हफ्ते के तौर पर चिन्हित किया गया। नतीजों को ज्यादा सटीक बनाने के लिए रिसर्चर्स ने 24,000 से ज्यादा उन महिलाओं का डेटा भी इकट्ठा किया जिनकी उम्र 50 साल से कम थी और जो प्रेग्नेंट नहीं थीं।

एलन मस्क अपने नए एआई मॉडल की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे, बताया सबसे बेहतर

एलन मस्क अपने नए एआई मॉडल की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं। बता दें कि हाल ही में xAI के बड़े लैंगवेज मॉडल का एंडवांस वर्जन Grok 4 लॉन्च किया है। एलन मस्क आएदिन इसके बारे में काफी कुछ जानकारी देते रहते हैं। मस्क ने Grok 4 को Phd लेवल का बताया है। मस्क का कहना है कि यह सभी विषयों के लगभग सभी स्नातक छात्रों से भी ज्यादा स्मार्ट है। अब मस्क ने इसे लेकर एक और बड़ा दावा किया है। उन्होंने बताया है कि ग्रोक 4 इंजीनियरिंग के जलिट सवालों को जवाब भी देता है। जी हां, मस्क की ओर से ग्रोक 4 को लेकर किए जा रहे लगातार दावे के चलते इसके प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। क्या सच में एआई इंजीनियरिंग के सावल हल कर सकता है। आइये, इस खबर के बारे में डिटेल में जानते हैं। इस काम में मदद करेगा ग्रोक  रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) अकाउंट से ट्वीट करके बताया है कि मुश्किल, वास्तविक दुनिया के इंजीनियरिंग सवालों को हल करके नई राह दिखा रहा है, जिनके जवाब इंटरनेट या किताबों में कहीं नहीं मिलते। उन्होंने यह भी बताया कि यह और भी बेहतर होगा। इसका मतलब है कि अब एलन मस्क का एआई मॉडल इंजीनियरिंग सवालों का भी आंसर दे पाएगा। अगर ऐसा हुआ तो यह इंजीनियरिंग छात्रों के लिए अच्छा हो सकता है। एलन मस्क पहले भी कर चुके कई दावे ऐसा पहली बार नहीं है, जब मस्क ने ग्रोक 4 को लेकर इतने बड़े दावे किए हैं। उन्होंने इसके लॉन्च के दौरान कहा था कि यह इस साल के अंत तक नई टेक्नोलॉजी की खोज कर सकता है। इतना ही नहीं, उनका दावा है कि यह दो साल के भीतर नई फिजिक्स की भी खोज कर सकता है। बता दें कि इसे प्रीमियम के तहत लाया गया है। ग्रोक 4 का यूज करने के लिए यूजर्स को प्रो सब्सक्रिप्शन खरीदना होगा। मस्क ने अपने इस एआई मॉडल के बारे में एक और खास बात एक्स पर शेयर की थी। उन्होंने कहा था कि आप अपनी पूरी सोर्स कोड फाइल को grok.com पर क्वेरी एंट्री बॉक्स में कट और पेस्ट कर सकते हैं और Grok 4 इसे आपके लिए ठीक कर देगा! xAI में हर कोई यही करता है। कर्सर से बेहतर काम करता है। आगे आने वाले समय में देखने को मिलेगा कि एलन मस्क द्नारा ग्रोक को लेकर किए जा रहे दावे, किस हद तक सही होते हैं।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 15 जुलाई से फिर चलाएगा लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें

डोंगरगढ़  दैनिक यात्रियों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है. कोरोना काल में सुरक्षा कारणों से बंद की गई लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने जा रहा है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 15 जुलाई से इन ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने का निर्णय लिया है, जिससे दुर्ग, राजनांदगांव, गोंदिया, कटंगी, रायपुर, डोंगरगढ़ और बालाघाट समेत छोटे-बड़े स्टेशनों पर यात्रा करने वालों को काफी सहूलियत मिलेगी. सांसद संतोष पांडेय ने इसे यात्रियों के लिए सुखद समाचार बताते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद इन लोकल ट्रेनों के बंद होने से यात्रियों को रोजाना आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. सांसद पांडेय ने कहा कि मैंने इस विषय को लेकर लगातार केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया और जून माह में हुई मंडल स्तरीय रेलवे बैठक में भी इन ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू करने की मांग प्रमुखता से रखी थी. आज यह मांग पूरी हुई है. इसके लिए यात्रियों को बधाई देता हूं. इसके साथ ही मैं केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे मंडल के अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूं. रेलवे प्रशासन ने बताया कि 15 जुलाई से गोंदिया-कटंगी, रायपुर-डोंगरगढ़, रायपुर-गेवरा रोड, तूमसर रोड-बालाघाट समेत 13 लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें फिर से पटरियों पर लौटेंगी. 17 जुलाई तक सभी रूटों पर संचालन पूरी तरह बहाल कर दिया जाएगा. इन ट्रेनों के संचालन से कम किराये में यात्रा का विकल्प फिर से खुलेगा और यात्रियों को निजी वाहनों या बसों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी. साथ ही विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों की आवाजाही भी सुगम हो सकेगी.

किसानों से धोखाधड़ी, नकली बीज की सप्लाई पर मचा हड़कंप, प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई

शिवपुरी  शिवपुरी जिले में किसानों को नकली सोयाबीन बीज दिए जाने की शिकायत पर प्रशासन ने जांच शुरू की है। बैराड़ में एक बीज दुकान सील कर बीज के नमूने प्रयोगशाला भेजे गए। खेतों का निरीक्षण कर खराब अंकुरण के कारणों की जांच की जा रही है। शिवपुरी जिले में इस समय खरीफ सीजन में सोयाबीन सहित अन्य फसलों की बोवनी का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसी बीच, कई किसानों को सोयाबीन और अन्य फसलों के नकली बीज दिए जाने की शिकायतें सामने आई हैं। किसानों ने इस संबंध में जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कृषि विभाग द्वारा एक जांच टीम गठित की र्ग है, जो इन शिकायतों पर कार्रवाई कर रही है। गठित टीम ने पोहरी विधानसभा क्षेत्र के बैराड़, गाजीगढ़ और टोड़ा गांव में किसानों के खेतों में जाकर संबंधित बीज की जांच की। साथ ही बीज को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। इस दौरान एक बीज विक्रेता की दुकान को भी सील किया गया है। दरअसल, जिले की बैराड़ तहसील के कुछ किसानों ने बीते दिनों सोयाबीन बीज के अंकुरण न होने की शिकायत जिला प्रशासन से की थी और बीज के नमूनों की जांच की मांग की थी। इसके बाद कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी के निर्देश पर एक जांच टीम गठित की गई। उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के नेतृत्व में गठित इस टीम ने मेसर्स राजौरिया कृषि सेवा केंद्र बैराड़ का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि विक्रेता बीज अनुज्ञप्तिधारी है तथा उसने अरिहंत एग्रो सीड्स, उज्जैन का प्रमाणित लगभग 150 क्विंटल सोयाबीन बीज किसानों को विक्रय किया था। बीज भौतिक रूप से सही पाया गया है। अंकुरण परीक्षण के लिए उसका नमूना प्रयोगशाला भेजा गया है। शिकायत के आधार पर खेतों में जांच उप संचालक, कृषि विभाग ने बताया कि शिकायत के आधार पर विक्रेता की दुकान सील की गई है। प्रयोगशाला परीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। शिकायत की विस्तृत जांच के लिए दल ने गाजीगढ़ एवं टोड़ा गांव के संबंधित किसानों के खेतों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि बुवाई के बाद हुई बारिश के कारण सोयाबीन बीज का अंकुरण प्रभावित हुआ है। कुछ स्थानों पर बीज की अधिक गहराई, जलभराव, और मिट्टी की ऊपरी सतह का कठोर होना जैसे कारण भी सामने आए हैं। जिन खेतों में मूंगफली एवं बाजरे की फसल बोई गई थी, उनकी स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर पाई गई।

16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान

रायपुर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब व एक्स-रे टेक्नीशियन, एएनएम, कार्यालयीन कर्मचारी और सफाईकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे, जिससे प्रदेश भर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. जिलेवार धरना के बाद करेंगे विधानसभा का घेराव     10 से 15 जुलाई तक कर्मचारी विरोधस्वरूप काली पट्टी पहनकर कार्य कर रहे हैं.     16 जुलाई को जिला मुख्यालयों में धरना और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा.     17 जुलाई को रायपुर में विधानसभा घेराव का आयोजन होगा. स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर, आम जनता को झेलनी पड़ेगी परेशानी हड़ताल के चलते प्रदेश में टीबी, कुष्ठ, मलेरिया नियंत्रण, टीकाकरण, नवजात शिशु देखभाल, पोषण पुनर्वास केंद्र, स्कूल-आंगनबाड़ी परीक्षण, व आयुष्मान केंद्रों की ओपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी. स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी प्रदेश के कुल स्वास्थ्य अमले का 35% हैं, जिससे स्पष्ट है कि इस हड़ताल का गंभीर असर ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा. 20 वर्षों से सेवा में, फिर भी आज तक नहीं मिले बुनियादी अधिकार छग एनएचएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि मिशन को चले 20 साल हो गए, फिर भी कर्मचारियों को बेहतर वेतन, अनुकंपा नियुक्ति, जॉब सुरक्षा, नई पेंशन स्कीम और दुर्घटना बीमा जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाईं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह सुविधाएं दी जाती हैं, पर छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हालत जस की तस बनी हुई है. तीन सरकारें आईं, पर कर्मचारियों की मांगें अनसुनी रहीं महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा कि 2017 में भाजपा शासनकाल में आंदोलन हुआ, फिर 2020 में कांग्रेस सरकार के समय भी वादों के बावजूद कोई हल नहीं निकला. अब “मोदी की गारंटी” वाले घोषणापत्र के बावजूद भाजपा सरकार ने भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. ‘कोरोना योद्धाओं’ की उपेक्षा पर पूर्व अध्यक्ष का तीखा सवाल संघ के संरक्षक हेमंत सिन्हा ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में जान जोखिम में डालकर सेवाएं दीं, आज उन्हें ही सरकार नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि सरकार इस वर्ग की उपेक्षा कर रही है? आंदोलन के लिए जनता से खेद, सरकार को ठहराया जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मिरी ने जनता से असुविधा के लिए खेद जताते हुए, इसके लिए राज्य शासन और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अब भी मांगें नहीं मानी गईं, तो एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.

भोपाल के तालाब में पर्यावरण अनुकूल क्रूज की वापसी, इलेक्ट्रॉनिक इंजन से होगा संचालन

भोपाल  भोपाल के बड़ा तालाब में दो साल बाद एक बार फिर से क्रूज चलाने की तैयारी चल रही है। एनजीटी के आदेश के बाद इसे बंद कर दिया गया था। अब क्रूज को डीजल की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंजन (ईवी) से चलने की तैयारी की जा रही है। राजधानी भोपाल झीलों का शहर है यहां लोग तालाबों के किनारे पहुंचकर तरह-तरह के लुफ्त उठाते हैं। पिछले 2 साल से बड़ा तालाब में बंद पडे़ क्रूज को एक बार फिर से रन करने की तैयारी की जा रही है। यह क्रूज 2011 से चलाया जा रहा है, इसका नाम लेक प्रिंसेस (क्रूज) है। इसके साथ जलपरी (मोटर बोट) भी बंद हैं। दरअसल एनजीटी ने प्रदूषण का हवाला देते हुए इन पर रोक लगा दी है। अब मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटी)  क्रूज को डीजल की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंजन (ईवी) से चलने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में क्रूज न सिर्फ सैलानियों के साथ नजर आएगा, बल्कि मोटर बोट से लोग झील की लहरों पर फर्राटा भरेंगे।  इलेक्ट्रॉनिक इंजन लगाने से यह होगा फायदा एमपीटी के अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक क्रूज जहाज डीजल इंजन वाले क्रूज की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं। और पर्यावरण पर कम प्रभाव डालते हैं। साथ ही इलेक्ट्रिक क्रूज जहाजों को चलाने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे परिचालन लागत कम हो जाती है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक क्रूज जहाजों को चलाने में कम शोर होता है, जिससे यात्रियों को शांत और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलता है। इलेक्ट्रिक क्रूज जहाजों में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। बड़ी संख्या में पहुंचते हैं लोग राजधानी भोपाल स्थित बड़ा तालाब में हर दिन सैकड़ो की संख्या में लोग पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश बोटिंग का लुत्फ भी उठाते हैं। क्रूज और मोटर बोट के जरिए बड़ी झील की लहरों को करीब से देखते हैं। इसके अलावा प्राइवेट नाव का संचालन भी यहां से होता है। क्रूज बंद होने से लोगों में मायूसी आ गई थी। हालांकि सरकार यहां पर जल्द ही शिकारे शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसी महीने 20 शिकारे बड़ा तालाब में शुरू हो जाएंगे।   अभी चल रही है तैयारी मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के एमडी डॉ. इलैया राजा टी ने बताया कि बड़ा तालाब में एनजीटी के आदेश के बाद क्रूज बंद कर दिए गए थे। अब हम पर्यावरण का ध्यान रखते हुए इलेक्ट्रिकल इंजन से क्रूज चलाने पर विचार कर रहे हैं। हम इसी महीने बड़े तालाब में शिकारे चलाना शुरु कर देंगे। 10 शिकारे पहुंच चुके हैं 10 और मांगे गए हैं।  

कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु 15 से 18 जुलाई तक रायपुर में होगी काउंसलिंग

अम्बिकापुर, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों की वर्गवार प्रतीक्षा सूची जारी कर दी गई है। यह सूची विभागीय वेबसाइट https://eklavya.cg.nic.in/पर अपलोड की गई है। आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, इन्द्रावती भवन, अटल नगर, नवा रायपुर द्वारा जारी सूचना के अनुसार, प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग दिनांक, समय एवं स्थल निर्धारित कर दिए गए हैं। काउंसलिंग का आयोजन प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय, गुढ़ियारी, जिला रायपुर (छ.ग.) में किया जाएगा। काउंसलिंग कार्यक्रम का वर्गवार विवरण इस प्रकार हैः- अनुसूचित जनजाति एवं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) – बालक दिनांकः 15 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुसूचित जनजाति एवं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) – बालिका दिनांकः 16 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुसूचित जाति/ बालक/बालिका दिनांकः 17 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अन्य पिछड़ा वर्ग – बालक/बालिका दिनांकः 18 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक सामान्य वर्ग एवं अल्पसंख्यक / बालक/बालिका दिनांकः 18 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक प्रत्येक विद्यार्थी को एक अभिभावक या पालक के साथ निर्धारित दिनांक को उपस्थित होना अनिवार्य है। उन्हें निम्न दस्तावेजों की मूल व छायाप्रति सहित साथ लाना अनिवार्य होगा प्रवेश पत्र,सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाण पत्र, वर्ष 2024-25 में कक्षा 8वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र, यदि परिवार नक्सल हिंसा से प्रभावित है, तो पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी प्रमाण पत्र, शाला स्थानांतरण प्रमाण पत्र या शाला छोड़ने का प्रमाण, मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी चिकित्सा जांच प्रमाण पत्र, सिकलसेल जांच प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो, च्वाइस फिलिंग फॉर्म (काउंसलिंग प्रपत्र) अनुपस्थिति की स्थिति में सीट आवंटन निर्धारित तिथि एवं समय पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में संबंधित विद्यार्थी की पात्रता के आधार पर रिक्त सीटों के अनुसार संस्था का पुनः आवंटन किया जाएगा। आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग ने संबंधित विद्यार्थियों व पालकों से समय पर उपस्थित होकर समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ काउंसलिंग में भाग लेने की अपील की है, ताकि प्रवेश प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न न हो।