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भारत 2050 तक बन जाएगा दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश? रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली साल 2010 से 2020 के बीच मुस्लिम समुदाय दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धार्मिक समूह बनकर उभरा है, जबकि ईसाई धर्म की वैश्विक जनसंख्या में हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि गिरावट के बावजूद ईसाई धर्म अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समूह हैं। प्यू रिसर्च सेंटर की एक ताजा रिपोर्ट '2010 से 2020 तक वैश्विक धार्मिक परिदृश्य कैसे बदला' में ये आंकड़े सामने आए हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि अगले 25 सालों में भारत ऐसा देशा होगा जहां दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान होंगे। मुस्लिम आबादी में रिकॉर्ड वृद्धि रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम आबादी में 34.7 करोड़ की वृद्धि हुई, जो अन्य सभी धर्मों की संयुक्त वृद्धि से अधिक है। वैश्विक स्तर पर मुस्लिमों की हिस्सेदारी 2010 में 23.9% से बढ़कर 2020 में 25.6% हो गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से जनसांख्यिकीय कारकों जैसे उच्च जन्म दर और युवा आबादी के कारण हुई। प्यू के वरिष्ठ जनसांख्यिकी विशेषज्ञ कॉनराड हैकेट ने बताया, "मुस्लिमों में बच्चों का जन्म मृत्यु दर से अधिक है, और उनकी औसत आयु (24 वर्ष) गैर-मुस्लिमों (33 वर्ष) की तुलना में कम है।" इसके अलावा, धर्म परिवर्तन का इस वृद्धि में बहुत कम योगदान है। मुस्लिम आबादी का सबसे अधिक विकास एशिया-प्रशांत क्षेत्र में देखा गया, जहां विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी निवास करती है। इस क्षेत्र में 2010 से 2020 के बीच मुस्लिम आबादी में 16.2% की वृद्धि हुई। मध्य पूर्व-उत्तर अफ्रीका क्षेत्र में मुस्लिम 94.2% आबादी का हिस्सा हैं, जबकि उप-सहारा अफ्रीका में यह 33% है। हिंदुओं की क्या है स्थित? रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदू आबादी 2010 से 2020 के बीच 12% बढ़ी, जो वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के लगभग बराबर है। 2020 में हिंदुओं की संख्या 1.2 अरब थी, जो वैश्विक आबादी का 14.9% है। भारत में हिंदू आबादी 2010 में 80% से थोड़ा घटकर 2020 में 79% रह गई, जबकि मुस्लिम आबादी 14.3% से बढ़कर 15.2% हो गई। भारत में मुस्लिम आबादी में 3.56 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदू धर्म में धर्म-परिवर्तन की दर अत्यंत कम है, और इनका प्रजनन दर वैश्विक औसत के बराबर है- इसी कारण इनकी हिस्सेदारी स्थिर बनी हुई है। प्यू की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू और यहूदी आबादी ने वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखा। भारत, नेपाल और मॉरीशस में हिंदू सबसे बड़ा धार्मिक समूह हैं। हालांकि, भारत में हिंदुओं की हिस्सेदारी में मामूली कमी आई है, लेकिन यह अभी भी देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा है। तेजी से बढ़ रही है जनसंख्या  भारत में मुसलमानों की जनसंख्या हिंदुओं की तुलना में तेजी से बढ़ने की संभावना है, जिसका मुख्य कारण उनकी कम औसत आयु और उच्च प्रजनन दर है. 2010 में, भारतीय मुसलमानों की औसत आयु 22 वर्ष थी, जबकि हिंदुओं की 26 वर्ष और ईसाइयों की 28 वर्ष थी. इसी तरह प्रति मुस्लिम महिला औसतन 3.2 बच्चे होते हैं, जबकि हिंदू महिलाओं में यह आंकड़ा 2.5 और ईसाई महिलाओं में 2.3 है. इन्हीं कारकों के कारण भारत में मुस्लिम आबादी 2010 में 14.4% से बढ़कर 2050 तक 18.4% तक पहुंचने का अनुमान है. हालांकि, 2050 तक हिंदुओं की संख्या भारतीय जनसंख्या का तीन-चौथाई (76.7%) से अधिक बनी रहेगी. दिलचस्प बात यह है कि 2050 में भारत में हिंदुओं की संख्या दुनिया के पांच सबसे बड़े मुस्लिम देशों (भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और बांग्लादेश) की कुल मुस्लिम आबादी से भी अधिक होगी. जानें कितनी होगी ईसाइयों की संख्या भारत में कई छोटे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं. 2010 में, देश की कुल जनसंख्या का लगभग 2.5% ईसाई थे. 2050 तक भारत में ईसाइयों की जनसंख्या घटकर 2.2% रहने की संभावना है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में धार्मिक विविधता बनी रहेगी, और सभी समुदायों की उपस्थिति देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत बनाए रखेगी. ईसाई धर्म में कमी, 'नास्तिक' बढ़े विश्व में ईसाइयों की संख्या 2.18 अरब से बढ़कर 2.3 अरब हो गई, लेकिन उनकी वैश्विक हिस्सेदारी 30.6% से घटकर 28.8% रह गई। यह कमी मुख्य रूप से धार्मिक परित्याग के कारण हुई, खासकर यूरोप, उत्तरी अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्षेत्रों में। हैकेट के अनुसार, "प्रत्येक व्यक्ति जो वयस्क होने पर ईसाई बनता है, उसके मुकाबले तीन लोग, जो ईसाई धर्म में पले-बढ़े, इसे छोड़ देते हैं।" इसके विपरीत, धार्मिक रूप से असंबद्ध या 'नास्तिक' लोगों की संख्या 27 करोड़ बढ़कर 1.9 अरब हो गई, जो वैश्विक आबादी का 24.2% है। यह समूह मुस्लिमों के बाद दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला समूह है। विशेष रूप से, एशिया-प्रशांत क्षेत्र, खासकर चीन, में 78.3% 'नास्तिक' आबादी रहती है। बौद्ध धर्म की गिरावट रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्रमुख धार्मिक समूहों में बौद्धों की संख्या ही ऐसी थी जिसमें गिरावट दर्ज की गई। इसका कारण चीन में जनसंख्या की वृद्धावस्था और जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट को माना गया है, जहां बौद्धों की संख्या सर्वाधिक है। ईसाई क्यों हुए कम? ईसाइयों की वैश्विक जनसंख्या हिस्सेदारी में गिरावट का मुख्य कारण "धर्म-परित्याग" बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में ईसाई धर्म को छोड़ रहे हैं, खासकर यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में। यह गिरावट इतनी व्यापक है कि यह ईसाइयों की उच्च प्रजनन दर के लाभ को भी पछाड़ देती है। धर्म-परिवर्तन के मामले में हिंदू और मुस्लिम सबसे स्थिर Pew की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि धर्म-परिवर्तन की दृष्टि से हिंदू और मुस्लिम समुदाय सबसे स्थिर हैं। औसतन 100 में से केवल एक वयस्क ही ऐसा होता है जो मुस्लिम या हिंदू धर्म छोड़ता है या इनमें शामिल होता है। भविष्य की संभावनाएं प्यू रिसर्च के अनुसार, यदि वर्तमान जनसांख्यिकीय रुझान जारी रहे, तो 2050 तक मुस्लिम आबादी (2.8 अरब) और ईसाई आबादी (2.9 अरब) लगभग बराबर हो सकती है। भारत 2050 तक विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बन सकता है, जो इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा। हिंदू आबादी के 1.4 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो वैश्विक आबादी का लगभग 14.9% होगा। क्यों बढ़ रही है मुस्लिम आबादी? मुस्लिम समुदाय में तेजी से जनसंख्या वृद्धि का कारण उनकी औसतन युवा आबादी और उच्च प्रजनन दर है। 2010 में … Read more

तिरुपति में 1000 गैर-हिंदू कर्मचारी कार्यरत, उठी तुरंत हटाने की मांग

तिरुपति केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में गैर-हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि करीब 1,000 गैर-हिंदू भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखे बिना या सनातन धर्म का पालन किए बिना टीटीडी में काम कर रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने सवाल किया, 'अगर गैर-हिंदू कर्मचारियों की भर्ती पहले हुई थी, तो अब तक इसमें बदलाव क्यों नहीं किया गया?' भाजपा नेता ने आग्रह किया कि इसमें कई छिपी हुई गड़बड़ियां हो सकती हैं। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।  'टीटीडी को तुष्टिकरण की राजनीति का मंच नहीं बनना चाहिए' अपने जन्मदिन के मौके पर तिरुमला मंदिर में पूजा करने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'टीटीडी में 1000 से अधिक गैर-हिंदू कर्मचारी क्यों हैं? क्या कभी मस्जिदों या चर्चों में हिंदुओं को नौकरी मिलती है? यह नफरत की बात नहीं है, यह धर्म की बात है। टीटीडी को तुष्टिकरण की राजनीति का मंच नहीं बनना चाहिए।' केंद्रीय मंत्री ने कहा- टीटीडी का स्पष्ट हो मिशन उन्होंने कहा कि टीटीडी का मिशन स्पष्ट होना चाहिए- मंदिरों का विकास करना, परंपराओं की रक्षा करना और मंदिरों से जुड़ी सभी जिम्मेदारियां केवल हिंदुओं को ही सौंपनी चाहिए। बंदी संजय कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान  सवाल उठाया, 'जो गैर-हिंदू भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में आते हैं, उन्हें यह बताना होता है कि वे भगवान में आस्था रखते हैं। फिर ऐसे में यह कैसे हो रहा है कि करीब 1,000 गैर-हिंदू कर्मचारी, जो भगवान में विश्वास नहीं रखते, टीटीडी में नौकरी कर रहे हैं?' उन्होंने हाल ही में हुए एक मामले का जिक्र किया जिसमें एक व्यक्ति को निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि यह पाया गया कि वह टीटीडी का कर्मचारी होने के बावजूद नियमित रूप से चर्च जा रहा था। 'टीटीडी किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है' केंद्रीय मंत्री बी. संजय ने कहा कि टीटीडी किसी व्यक्ति की संपत्ति नहीं है, यह केवल हिंदुओं की धार्मिक संस्था है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि सभी को 'सनातन धर्म' की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने टीटीडी अध्यक्ष से यह भी आग्रह किया कि वह तेलंगाना के कोण्डागट्टू, करीमनगर, वेमुलावाड़ा और इल्लंताकुंटा के मंदिरों के विकास पर ध्यान दें। चर्च में प्रार्थना करने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई गौरतलब है कि टीटीडी ने 3 जुलाई को अपने सहायक कार्यकारी अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को निलंबित कर दिया, क्योंकि वे तिरुपति जिले के पुत्तूर में हर रविवार चर्च की प्रार्थना में भाग ले रहे थे। टीटीडी के अनुसार, 'एक हिंदू धार्मिक संस्था के कर्मचारी के रूप में उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया है।' पहले भी 18 कर्मचारियों पर हुई थी कार्रवाई इससे पहले फरवरी 2025 में टीटीडी ने कुल 18 कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी, जो गैर-हिंदू धार्मिक परंपराओं में भाग ले रहे थे। यह कार्रवाई टीटीडी के नए अध्यक्ष बी. आर. नायडू के उस एलान के बाद हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि टीटीडी और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू ही कार्य कर सकते हैं।  जांच की कर रहे मांग राज्य मंत्री ने इस बात की जांच की मांग की कि बोर्ड में कितने गैर-हिंदू कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू श्रद्धालुओं में गंभीर चिंता के बावजूद अभी तक कोई जांच क्यों नहीं शुरू की गई है। अपने जन्मदिन के अवसर पर बंदी संजय कुमार ने परिवार के सदस्यों के साथ भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन किए। शांति, समृद्धि और सनातन धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने प्रार्थना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीर्घायु होने की कामना भी की। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने कुमार को जन्मदिन की बधाई दी। शाह ने भी व्यक्तिगत रूप से फ़ोन करके उन्हें शुभकामनाएं दीं। कुमार ने सभी भक्तों और नागरिकों से सनातन धर्म की रक्षा और टीटीडी जैसी पवित्र संस्थाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया।

वैश्विक निवेश को साधने निकले सीएम मोहन यादव, 19 जुलाई तक विदेश में रहेंगे सक्रिय

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 13 जुलाई से 19 जुलाई तक दुबई और स्पेन के दौरे पर रहेंगे हुए रवाना । यह यात्रा मध्यप्रदेश में निवेश बढ़ाने और विदेशी कंपनियों को प्रदेश में उद्योग, टेक्सटाइल, पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए आमंत्रित करने के उद्देश्य से की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 13 से 19 जुलाई को दुबई और स्पेन की यात्रा पर है । यह दौरा मध्यप्रदेश की वैश्विक निवेश रणनीति में महत्वपूर्ण कदम होगा। दुबई में मुख्यमंत्री डॉ. यादव निवेश को लेकर इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ प्रमुख बैठक प्रस्तावित है, जहां मध्य प्रदेश की औद्योगिक तैयारियों और निवेश नीति को लेकर प्रस्तुतियां दी जाएंगी।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव दुबई में कार्यरत लुलु इंटरनेशनल ग्रुप, लैंडमार्क ग्रुप और नखील ग्रुप जैसे अंतर्राष्ट्रीय रिटेल और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे, जिनमें प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउस, रिटेल चेन और निवेश संबंधी अन्य सहयोग पर विचार किया जाएगा।  16 से 19 जुलाई तक स्पेन दौरे पर  मुख्यमंत्री डॉ. यादव दुबई के बाद 16 से 19 जुलाई तक स्पेन के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव बार्सिलोना में स्पेन की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनियों और ग्रीन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण संवाद करेंगे। बार्सिलोना में होने वाली बैठकों में टेक्सटाइल, गारमेंट और डिजाइन सेक्टर की अग्रणी कंपनियों से भी चर्चा की जाएगी, जिससे मध्य प्रदेश में पीएम मित्र पार्क, टेक्सटाइल ओडीओपी और वर्धमान सहित टेक्सटाइल क्लस्टर को और गति दी जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की स्पेन यात्रा का एक बड़ा फोकस पर्यटन और हेरिटेज हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर भी रहेगा। निवेश पर रणनीतिक संवाद होगा  इन निवेश यात्राओं की खास बात है कि निवेश पर रणनीतिक संवादों की प्रमुखता रहेगी। मुख्यमंत्री का उद्देश्य निवेश के जरिए न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है, बल्कि युवाओं को वैश्विक अवसरों से जोड़ना भी है। बता दें इससे पहले सीएम यूके से लेकर जापान गए थे। मुख्यमंत्री ने कहना है कि इन यात्राओं के जरिए सामने आ रहे निवेश प्रस्ताव, संवाद और उद्योग समूहों का उत्साह इस बात का संकेत है कि मध्य प्रदेश अब उस मोड़ पर खड़ा है जहां अवसर केवल दस्तक नहीं दे रहे है, बल्कि आगे बढ़कर साझेदारी कर रहे हैं।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 13 जुलाई को भोपाल से दुबई के लिए रवाना हुए जहां वे 15 जुलाई तक रहेंगे। इसके बाद 16 से 19 जुलाई तक वे स्पेन की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान उनकी दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों, व्यापार संगठनों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें होंगी। उन्होंने कहा कि ये यात्रा मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास और वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मध्य प्रदेश में उद्योग और रोजगार बढ़ाने के साथ निवेशकों को आमंत्रित करने के प्रयास लगातार जारी है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इसे खुद लीड कर रहे हैं, वे अलग अलग शहरों में जाकर मध्य प्रदेश की विशेषताएं, यहाँ उपलब्ध संसाधनों की जानकारी देकर निवेशकों को आमंत्रित कर रहे हैं साथ ही विदेशी निवेशकों को भी आमंत्रित कर रहे हैं जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं, मुख्यमंत्री डॉ यादव एक बार फिर निवेशकों को मध्य प्रदेश में आमंत्रित करने के लिए विदेश यात्रा पर जाने वाले हैं। राज्य शासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 13 से 19 जुलाई को दुबई और स्पेन की यात्रा पर रवाना । यह दौरा मध्य प्रदेश की वैश्विक निवेश रणनीति में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दुबई में मुख्यमंत्री निवेश को लेकर इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल कॉउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ प्रमुख बैठक प्रस्तावित है, जहां मध्य प्रदेश की औद्योगिक तैयारियों और निवेश नीति को लेकर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। दुबई प्रवास पर इन बड़े ग्रुपों से करेंगे चर्चा  निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव दुबई में कार्यरत लुलु इंटरनेशनल ग्रुप, लैंडमार्क ग्रुप और नखील ग्रुप जैसे अंतर्राष्ट्रीय रिटेल और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे, जिनमें प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउस, रिटेल चेन और निवेश संबंधी अन्य सहयोग पर विचार किया जाएगा। 16 से 19 जुलाई तक स्पेन के प्रवास पर, बार्सिलोना में करेंगे संवाद  दुबई के बाद सीएम डॉ मोहन यादव 16 से 19 जुलाई तक स्पेन के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे बार्सिलोना में स्पेन की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनियों और ग्रीन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण संवाद करेंगे। बार्सिलोना में होने वाली बैठकों में टेक्सटाइल, गारमेंट और डिजाइन सेक्टर की अग्रणी कंपनियों से भी चर्चा की जाएगी, जिससे मध्य प्रदेश में पीएम मित्र पार्क, टेक्सटाइल ओडीओपी और वर्धमान सहित टेक्सटाइल क्लस्टर को और गति दी जा सके। MP की औद्योगिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता का रोडमैप बनेगी यात्रा  सरकार के अनुसार इन निवेश यात्राओं की खास बात है कि निवेश पर रणनीतिक संवादों की प्रमुखता रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का उद्देश्य निवेश के ज़रिए न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है, बल्कि युवाओं को वैश्विक अवसरों से जोड़ना भी है। यह निवेश यात्राएं मध्य प्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता का रोडमैप बनती जा रही हैं। पिछले वर्ष की थी यूके, जर्मनी, जापान की यात्रा  उल्लेखनीय है कि यूके, जर्मनी , जापान और अब दुबई से लेकर स्पेन तक मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह सतत प्रयास मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेश केंद्र बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी संकल्प का प्रमाण है। इन यात्राओं के ज़रिए सामने आ रहे निवेश प्रस्ताव, संवाद और उद्योग समूहों का उत्साह इस बात का संकेत है कि मध्यप्रदेश अब उस मोड़ पर खड़ा है जहां अवसर केवल दस्तक नहीं दे रहे है, बल्कि आगे बढ़कर साझेदारी कर रहे हैं। निवेश और रोजगार पर रहेगा जोर मुख्यमंत्री दुबई में इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल के लोगों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे मध्यप्रदेश की उद्योग नीति और निवेश के मौके पर जानकारी देंगे। दुबई मिडिल ईस्ट का बड़ा व्यापारिक शहर है और वहां से प्रदेश में रिन्यूएबल एनर्जी, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और टूरिज़्म जैसे क्षेत्रों में निवेश लाने की कोशिश होगी। वहीं स्पेन में मुख्यमंत्री ऑटोमोबाइल, शिप मेकिंग और फैशन इंडस्ट्री जैसे क्षेत्रों में संभावित सहयोग पर चर्चा करेंगे। स्पेन की डिजाइन, मशीनरी और … Read more

13 जुलाई 2025 रविवार, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

मेष राशि- कार्यों के प्रति जोश व उत्साह रहेगा। कारोबार में परिश्रम अधिक रहेगा। लाभ के अवसर भी मिलेंगे। संपत्ति का विस्तार हो सकता है। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में वृद्धि होगी। खर्चों में वृद्धि होगी। वृषभ राशि- वाणी में मधुरता रहेगी। परंतु मन परेशान हो सकता है। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के अवसर मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा। मिथुन राशि- मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास भी भरपूर रहेगा। फिर भी धैर्यशीलता बनाए रखें। कारोबार में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा। लाभ के अवसर मिलेंगे। वाहन सुख में कमी। कर्क राशि- आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। मन प्रसन्न रहेगा। किसी नए कारोबार की शुरुआत के योग बन रहे हैं। पिता से धन की प्राप्ति हो सकती है। लाभ में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सिंह राशि- मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। अपनी भावनाओं को वश में रखें। कारोबार की वृद्धि में मित्र का सहयोग मिल सकता है। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। वाहन के रख-रखाव पर खर्च बढ़ सकता है। कन्या राशि- मन में शांति व प्रसन्नता रहेगी। आत्मविश्वास भी भरपूर रहेगा। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। शैक्षिक व बौद्धिक कार्यों में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। आय में वृद्धि होगी। तुला राशि- मन परेशान हो सकता है। संतान की सेहत का ध्यान रखें। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। खर्चों की अधिकता रहेगी। पिता से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। वृश्चिक राशि- मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास भी बहुत रहेगा। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। परिवार में सुख-शांति रहेगी। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में वृद्धि होगी। लाभ में भी वृद्धि होगी। धनु राशि- मन अशांत रहेगा। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जा सकते हैं। मित्रों का सहयोग मिलेगा। खर्चों की अधिकता रहेगी। अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आय में वृद्धि होगी। मकर राशि- आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। नौकरी के लिए साक्षात्कारादि कार्यों में सफलता मिलेगी। शासन सत्ता का सहयोग मिलेगा। कुंभ राशि- मन अशांत रहेगा। संयत रहें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। माता-पिता का सान्निध्य मिलेगा। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। वाणी के प्रभाव में वृद्धि होगी। मीन राशि- आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। शैक्षिक व बौद्धिक कार्यों में सफलता मिलेगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। नौकरी में अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। भागदौड़ अधिक रहेगी।

धर्मांतरण को लेकर केशव मौर्य का हमला, कहा– चुनावी हिंदुओं की चुप्पी है खतरनाक

लखनऊ  उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तीखे शब्दों में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कथित धर्मनिरपेक्ष ताकतों पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा को मुस्लिम धर्मांतरण के नापाक हथकंडों से लगातार छलनी करने का षड्यंत्र किया जा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जिन्हें खुद को 'हिंदू' कहलाने का शौक सिर्फ चुनावी मौसम में चढ़ता है- उनकी जुबान पर आज भी तुष्टिकरण की राष्ट्रविरोधी परत चढ़ी हुई है. उनका यह बयान छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन प्रकरण के संदर्भ में था, जिसे हाल ही में अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. केशव प्रसाद मौर्य ने इस मामले में चुप्पी साधने के लिए विपक्ष की आलोचना की. उन्होने कहा कि कांग्रेस और सपा का असली चेहरा अब जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुका है. इन दलों की तुष्टिकरण की राजनीति, छलावरण से लिपटी धर्मनिरपेक्षता, और मजहबी वोटबैंक के लिए राष्ट्रहित से समझौता करने की नीति अब जनता को स्वीकार नहीं है. उन्होंने विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा कि जो पार्टी ‘सांप्रदायिक सौहार्द्र बिल’ जैसे विधेयक लाने का दुस्साहस अपने शासनकाल में कर सकती है, उसका उद्देश्य हिंदू समाज को कानूनी रूप से अपमानित करना और कट्टरपंथी मानसिकता को प्रश्रय देना है.    भाजपा सरकार में तुष्टिकरण की कोई जगह नहीं: मौर्य यूपी के उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा, 'यह बिल सौहार्द्र का नहीं, धार्मिक पक्षपात का विधायी दस्तावेज था- जिसमें बहुसंख्यकों के अधिकारों को दबाकर, कट्टरपंथियों को ढाल देने की तैयारी की गई थी.' केशव मौर्य ने स्पष्ट कहा कि मोदी सरकार के रहते हुए धर्मांतरण के काले मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र पर कार्य करती है- लेकिन इसमें 'तुष्टिकरण’ की कोई जगह नहीं है. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो लोग भारत के सामाजिक ताने-बाने को तोड़कर वोटों की खेती करना चाहते हैं, वे जान लें कि जनता अब पूरी तरह जाग चुकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी और उसके दरबारी कुनबे की इस साझा तुष्टिकरण मंडली को लोकतंत्र और राष्ट्र की जनता समय-समय पर लगातार करारा जवाब दे रही है और धर्मांतरण, तुष्टिकरण तथा राष्ट्रविरोधी सोच को अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. केशव प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 75 वर्ष का होने के बाद सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए. उन्होंने नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा था, 'जब आपको कोई 75 साल का होने पर बधाई देता है, तो इसका मतलब है कि आपको रुक जाना चाहिए. दूसरों को काम करने का मौका देना चाहिए.' इस पर बोलते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'सरसंघचालक जी के किसी बयान पर टिप्पणी करने का ना तो मुझे नैतिक अधिकार है और ना ही मैं उन पर कोई टिप्पणी कर सकता हूं.' विपक्षी दलों ने भागवत के इस बयान को पीएम मोदी के लिए संदेश बताया. अखिलेश का PDA है परिवार डेवलपमेंट एजेंसी: मौर्य उन्होंने सपा प्रमुख पर करारा हमला करते हुए कहा कि अखिलेश यादव अपने फर्जी पीडीए यानी परिवार डेवलपमेंट एजेंसी के चेयरमैन हैं और उनके परिवार के अलग-अलग लोग ही इसमें डायरेक्टर हैं. उन्होंने सपा को गुंडों, माफिया और अपराधियों का संरक्षक बताया और कहा कि उसका कोई राजनी​तिक भविष्य नहीं है. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक भारत विकसित, आर्थिक महाशक्ति समेत सभी क्षेत्रों में अपना परचम नहीं लहरा देगा, तब तक भाजपा का कमल जनता खिलाती रहेगी और हमारी कोशिश रहेगी कि 2027 में समाजवादी पार्टी 47 का अकड़ा भी ना छू पाए. अब सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए 2047 तक देश और प्रदेश में सत्ता के दरवाजे बंद हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को मुझसे डर लगा करता है. वह फर्जी पीडीए की बात करते हैं, लेकिन उनको पिछड़े वर्ग का नेता ही बर्दाश्त नहीं है. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इतिहास के पन्नों को खोलने पर पता चलता है कि उनकी भाषा निम्न स्तर की है, उनके कारनामों को हम उजागर करते रहेंगे और उनके पीडीए की हवा निकल चुकी है. उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह विरासत की सियासत करते हैं और ऐसी बातें बोल देते हैं जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्हें नहीं बोलनी चाहिए. झूठ के आधार पर कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनावों में 99 सीटों तक पहुंच गई, लेकिन अब मुझे स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि 2047 तक वह अर्धशतक लगाने के लिए तरसेगी.

ट्रंप तक पहुंचा एपस्टीन फाइल विवाद, काश पटेल के इस्तीफे की चर्चा तेज, रिपोर्ट में गंभीर आरोप

नई दिल्ली अमेरिका में कुख्यात जेफरी एपस्टीन के मामले की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। इस बीच कहा जा रहा है कि इस मामले की आंच ट्रंप प्रशासन तक पहुंचनी शुरू हो गई है। हाल में एक खबर आई थी कि एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर डैन बोंगिनो इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। इन सब के बीच एक एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एफबीआई निदेशक काश पटेल अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि का पटेल ऐसा कथित तौर पर उप निदेशक डैन बोंगिनो के साथ एकजुटता दिखाते हुए कर सकते हैं। एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर डैन बोंगिनो का अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी के साथ मतभेद चल रहा है। जानिए क्या है पूरा मामला? न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, असहमति न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा जेफरी एपस्टीन की मौत की जांच और उनकी कथित ग्राहक सूची के बारे में विवादास्पद चर्चा में निहित है। दरअसल, कथित तौर इसी हफ्ते की शुरुआत में बोंगिनो और बॉन्डी के बीच में किसी बात को लेकर मतभेद देखने को मिला। इसके बाद दोनों के बीच का तनाव काफी आगे बढ़ गया। बता दें कि यह टकराव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा एपस्टीन मामले से निपटने के तरीके को लेकर था। ये प्रकरण एक रिव्यू से जुड़ा हुआ है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि ये रिव्यू अस्तित्व में ही नहीं है। ठीक इसी विवाद के बाद बोंगिनो के बारे में कहा जाने लगा कि वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 'अधिकारियों के बीच बिगड़ गए हैं संबंध' वहीं, एक सूत्र ने द न्यू यॉर्क पोस्ट से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि अगर पाम रुकी रहीं तो डैन वापस आएंगे। सूत्र ने आगे बताया कि दोनों अधिकारियों के बीच संबंध इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें सुधारा नहीं जा सकता। हालांकि दोनों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि एपस्टीन फ़ाइल में कोई भी विस्फोटक खुलासा नहीं हुआ है, न तो उसकी मौत के बारे में और न ही उसके नेटवर्क के बारे में, लेकिन आंतरिक मतभेद अभी सुलझने से कोसों दूर है। काश पटेल भी जा सकते दे सकते हैं इस्तीफा: सूत्र इसके साथ ही न्याय विभाग के एक अधिकारी ने द न्यू यॉर्क पोस्ट से बात करते हुए बताया कि पटेल, जो बोंगिनो के करीबी माने जाते हैं, उनके साथ ही बाहर भी जा सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि काश और डैन हमेशा से एक-दूसरे के साथ रहे हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि उस स्थिति में क्या होगा, लेकिन, आप जानते हैं, दोनों ने पारदर्शिता के लिए लड़ाई लड़ी है, और ऐसी दुनिया में जहाँ इसे दबाया जा रहा है, उन्हें इसके लिए खड़ा होते देखना कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी।

EU और मैक्सिको को ट्रंप की सख्त चेतावनी, टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर भेजा पत्र

वाशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन और मैक्सिको को भी टैरिफ लेटर जारी कर दिया है। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर डोनाल्ड ट्रंप ने पोस्ट शेयर करके यह जानकारी दी है। अमेरिका ने मैक्सिको और यूरोपीय यूनियन (EU) पर 30 फीसदी का टैरिफ लगाया है। यह टैरिफ रेट 1 अगस्त से लागू होगी। अपने टैरिफ लेटर में डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको को अमेरिका में ड्रग्स तस्करी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वहीं ट्रंप ने कहा है कि ईयू की वजह से व्यापार में असंतुलन का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने छह व्यापारिक साझेदारों का टैरिफ लेटर जारी किया था। इसमें लीबिया, अल्जीरिया, इराक, मोल्दोवा, फ्लीपीन्स और ब्रुनोई शामिल थे। डोनाल्ड ट्रंप 20 से ज्यादा देशों के लिए टैरिफ का ऐलान कर चुके हैं। इनमें म्यांमार, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और जापान भी शामिल है। गौर करने वाली बात है कि टैरिफ से डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगियों को भी नहीं बख्शा है। वहीं भारत को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। फिलहाल अमेरिका ने भारत को टैरिफ लेटर नहीं भेजा है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होने की उम्मीद है। डोनाल्ड ट्रंप ने अल्जीरिया, इराक और लाबिया पर 30 फीसदी और ब्रुनेई, मोल्दोवा पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया है। वहीं फिलीपीन्स पर 20 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप कजाकिस्तान, कंबोडिया, बोस्निया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, मलेशिया, कोरिया, इंडोनेशिया और ब्राजील के लिए भी टैरिफ का ऐलान कर चुके हैं। अमेरिका ने कहा है कि 10 फीसदी की बेसिक ड्यूटी पहले की ही तरह बरकरार रहेगी। किस देश पर कितना टैरिफ अमेरिका ने ब्राजील पर सबसे ज्यादा 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। दूसरे नंबर पर म्यांमार और लाओस पर 40-40 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। कंबोडिया और थाईलैंड पर 36 फीसदी, बांग्लादेश और सर्बिया पर 35 फीसदी, इंडोनेशिया पर 32, बोस्निया और हर्जेगोविना पर 30 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका पर 30 फ्रतिशत, जापान, कजाखस्तान, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और ट्यूनीशइया पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया गया है।  

यात्रियों के लिए खुशखबरी! मुजफ्फरपुर-प्रयागराज ट्रेन में बढ़े AC-3 कोच, कई अपडेट जारी

मुजफ्फरपुर 12538/37 प्रयागराज-मुजफ्फरपुर-प्रयागराज एक्सप्रेस में एसी-थ्री के तीन नए कोच जुटेंगे। इसके साथ ही इस ट्रेन का नंबर भी बदल जाएगा। एक सितंबर से नए नंबर से यह ट्रेन चलाई जाएगी। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि उक्त ट्रेन में एसी-थ्री के एक तथा एसी-थ्री-ई के दो अतिरिक्त कोच जोड़ा जाएगा। एक सितंबर से नए नंबर से यह ट्रेन चलेगी। मुजफ्फरपुर-प्रयागराज के बीच चलने वाली इस ट्रेन में तीन नए कोच लगाए जाएंगे। इस ट्रेन में कोचों की कुल संख्या 18 से बढ़कर 21 हो जाएगी। एक सितंबर से गाड़ी संख्या 12538/12537 प्रयागराज-मुजफ्फरपुर -प्रयागराज एक्सप्रेस का परिचालन परिवर्तित नंबर 14112/14111 से किया जाएगा। 20 कोच के साथ चलेगी पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस पटना -हावड़ा के बीच चलने वाली 22348/22347 पटना-हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में चार कोच अतिरिक्त जोड़कर 20 कर दिया गया है। इसके पहले 16 कोच के साथ चलायी जा रही थी। यात्रियों की मांग के मद्देनजर उनकी सुविधा हेतु के लिए 20 कोचों के साथ इसका परिचालन शुरू हो गया है। महिला डिब्बे में 1176 पुरुष यात्री धराए पूर्व मध्य रेल (पूमरे) की ओर से बिना पर्याप्त कारण अवैध रूप से चेन पुलिंग करके ट्रेनों को जहां-तहां रोकने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही। पूर्व मध्य रेल में आरपीएफ द्वारा आपरेशन समय पालन के तहत ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही। ताकि विलंब ना हो। 15 जून से 30 जून तक रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने चेन पुलिंग करने के आरोप में 612 लोगों को हिरासत में लिया है। उन लोगों के विरुद्ध रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत कार्रवाई की गई। 327 लोग दानापुर मंडल में पकड़े गए जबकि समस्तीपुर मंडल में 136, सोनपुर मंडल में 64, पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 40 तथा धनबाद मंडल में 45 लोगों को हिरासत में लिया गया। आपरेशन महिला सुरक्षा के मद्देनजर पिछले महीने के 15 दिनों में रेल अधिनियम की धारा 162 के तहत 1176 पुरुष यात्रियों को हिरासत में लिया गया। इनमें सर्वाधिक 420 लोग दानापुर मंडल में जबकि धनबाद मंडल में 342, सोनपुर मंडल में 275, समस्तीपुर मंडल में 78 तथा पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 61 पुरुष यात्रियों पकड़ा गया। इस बात की जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने शुक्रवार को दी।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गाजियाबाद अलर्ट, 5 कंट्रोल रूम और हजारों ‘कांवड़ मित्र’ तैयार

गाजियाबाद सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जिले में 85 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा और सुविधा के लिए चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने कांवड़ मार्ग को 124 बीट में विभाजित किया है, प्रत्येक बीट की लंबाई 700-800 मीटर है। हर बीट में एक सब-इंस्पेक्टर की अगुवाई में चार पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो दिन-रात ड्यूटी पर रहकर समस्याओं का तुरंत समाधान करेंगे। इसके अलावा, 10,000 कांवड़ मित्र नियुक्त किए गए हैं, जो पुलिस के साथ मिलकर कांवड़ियों की मदद करेंगे। ये कांवड़ मित्र कांवड़ियों की सुविधा और यात्रा को निर्बाध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कांवड़ मार्ग की निगरानी के लिए गाजियाबाद में पांच मुख्य कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जिनमें मेरठ तिराहा और तीनों जोनल कंट्रोल रूम शामिल हैं। इनके अधीन अस्थायी उप-कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जैसे राज चौपला, निवाड़ी रोड और एनएच-9 चौराहा। इन कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के माध्यम से पूरे मार्ग पर नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। मंदिर पर 550 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि भक्त आसानी से दर्शन कर सकें। पिछले साल मंदिर के प्रवेश द्वार पर भीड़ के दबाव को देखते हुए इस बार एक बफर जोन बनाया गया है, जिससे भीड़ प्रबंधन में आसानी होगी। मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय कर सीसीटीवी की व्यवस्था भी की गई है। कांवड़ियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। अगर किसी कांवड़िए की कांवड़ खंडित हो जाती है, तो उन्हें तुरंत गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए हरिद्वार से 1,400 लीटर गंगाजल मंगवाया गया है। यह गंगाजल विभिन्न थानों में वितरित किया गया है, ताकि कांवड़िए बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर सकें। गाजियाबाद के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने कहा, "हमारा उद्देश्य कांवड़ यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और सुगम बनाना है। सभी व्यवस्थाएं इस तरह की गई हैं कि कांवड़ियों को कोई असुविधा न हो और वे अपना जलाभिषेक शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कर सकें।"

विकसित मध्यप्रदेश 2047 की दिशा में वित्तीय अनुशासन की मजबूत नींव

भोपाल  मध्यप्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के पुनरीक्षित बजट अनुमान और वर्ष 2026-27 के बजट निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके लिये वित्त विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इस बार भी राज्य सरकार द्वारा शून्य आधार बजटिंग (Zero Base Budgeting) की प्रक्रिया को जारी रखते हुए वित्तीय अनुशासन और परिणाम आधारित बजट निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही सरकार ने पहली बार वर्ष 2027-28 एवं वर्ष 2028-29 के लिए “त्रिवर्षीय रोलिंग बजट” तैयार करने का निर्णय लिया गया है, जो प्रदेश की दीर्घकालिक विकास रणनीति ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’ पर केन्द्रित है। बजट स्वीकृति के पहले हर योजना का होगा मूल्यांकन वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अब प्रत्येक योजना के लिए यह स्पष्ट करना आवश्यक होगा कि उस पर खर्च क्यों किया जा रहा है, उसका लाभ किसे होगा और उसका सामाजिक व आर्थिक असर क्या होगा। इस प्रक्रिया में गैर-प्रभावी योजनाओं को समाप्त करने और समान प्रकृति की योजनाओं को एकीकृत करने पर भी विचार किया जाएगा। बजट निर्माण की प्रमुख तिथियां     28–31 जुलाई 2025: विभागीय प्रशिक्षण और प्रारंभिक चर्चा।     10 सितम्बर 2025: IFMIS में आंकड़े भरने की अंतिम तिथि।     15–30 सितम्बर 2025 : प्रथम चरण चर्चा।     31 अक्टूबर: नवीन योजनाओं के प्रस्ताव की अंतिम तिथि।     1 अक्टूबर – 15 नवम्बर: द्वितीय चरण चर्चा।     दिसम्बर–जनवरी: मंत्री स्तरीय बैठकें।     31 मार्च 2026: समायोजन प्रस्तावों की अंतिम तिथि। वेतन, भत्ते और स्थायी व्यय की भी अलग होगी गणना     विभागों को अपने स्थायी खर्चों जैसे वेतन, पेंशन, भत्तों की गणना करते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।     प्रत्येक वित्तीय वर्ष के वेतन में 3% वार्षिक वृद्धि जोड़ी जाएगी।     महंगाई भत्ते की गणना क्रमशः 74%, 84% और 94% के हिसाब से होगी।     संविदा कर्मचारियों के वेतन में 4% वार्षिक वृद्धि का भी प्रावधान रहेगा। अजा-अजजा उपयोजना के लिए न्यूनतम बजट सुनिश्चित करना होगा अनिवार्य वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 16% और अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 23% बजट सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य रहेगा। इसके लिए सेगमेंट कोडिंग व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे योजनाओं में पारदर्शिता आएगी। ऑफ-बजट व्यय और केंद्रीय योजनाओं पर भी निगरानी जिन विभागों को भारत सरकार से सीधे फंड प्राप्त होता है, उन्हें वह राशि भी बजट प्रस्ताव में दर्शानी होगी। इसके अलावा, ऑफ-बजट ऋण, प्रोत्साहन योजनाओं का वित्तीय असर, और नवीन योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया गया है। सभी प्रस्ताव तय समय पर IFMIS में हों दर्ज सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बजट की तैयारी के लिए जो आई.एफ.एम.आई.एस. (IFMIS) प्रणाली अपनाई गई है, उसमें तय समय के बाद प्रविष्टि की अनुमति नहीं दी जाएगी। विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी प्रस्ताव निर्धारित समयसीमा में दर्ज करें और विभागीय बैठक के पूर्व पूरी जानकारी तैयार रखें। जनहित में होगा व्यय शून्य आधार बजटिंग प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हर योजना के पीछे ठोस उद्देश्य हो, उसका समाज पर प्रभाव दिखे और प्रत्येक व्यय राज्य की विकास प्राथमिकताओं से मेल खाता हो। राज्य सरकार का यह प्रयास केवल राजकोषीय अनुशासन की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रभावी शासन और नागरिक सेवा सुधार के लिए भी सराहनीय कदम साबित होगा।