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PM मोदी से मिलने का जुनून: NRI ने अर्जेंटीना में तय की 400 किमी की लंबी दूरी

नई दिल्ली  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) पांच देशों की अपनी यात्रा के तीसरे चरण में अर्जेंटीना (PM Modi Argentina visit) पहुंचे। ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय ने उनका स्वागत किया। अर्जेंटीना में एक भारतीय व्यक्तिविजय कुमार गुप्ता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन (Indian man travels to greet PM Modi) करने के लिए 400 किलोमीटर की यात्रा कर के आया है (400 km journey to meet PM Modi) , साथ ही उसने यह भी कहा कि उसे उनसे हाथ मिलाने (PM Modi handshake Argentina) का मौका भी मिला। प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय यात्रा के लिए शनिवार को ब्यूनस आयर्स पहुंचे। वे अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली से बातचीत करेंगे। अर्जेंटीना में भारतीय समुदाय के सदस्य गुप्ता ने एएनआई से बात करते हुए अपनी लंबी यात्रा के बारे में दावा किया।   मोदी की अर्जेंटीना यात्रा पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट और होटल परिसर में "Modi-Modi", "जय हिंद" सहित देशभक्ति के नारे गूंजे और पारंपरिक नृत्य-गीतों का प्रदर्शन हुआ । 400 किमी की यात्रा, ‘हैलो’ और हाथ मिलाने की खुशी रोज़ारियो के रहने वाले प्रवासी भारतीय विजय कुमार गुप्ता ने ANI को बताया कि वह “हैलो” कहने और हाथ मिलाने की ख्वाहिश से 400 किमी की यात्रा करके यहां आए। उन्हें इस मौके पर पर्सनल इंटरैक्शन का सौभाग्य भी मिला । पीएम मोदी का संदेश – संस्कृति से दूरी मायने नहीं रखती मोदी ने ट्विटर (एक्स) पर लिखा, “Cultural connect में दूरी कोई बाधा नहीं होती!” उन्होंने कहा कि हजारों किलोमीटर दूर भी भारतीयों की संस्कृति से जुड़ाव दिखाई देता है द्विपक्षीय एजेंडा: समृद्ध व्यापार से रक्षा तक पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेवियर माइलि की बैठक में खनिज, ऊर्जा, कृषि, रक्षा, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में भारत-अर्जेंटीना संबंधों को मजबूती देने पर चर्चा होगी प्रवासी भारतीयों में उत्साह की झलक “मोदी जी से हाथ मिलाकर गर्व महसूस हुआ,”— विजय कुमार गुप्ता जैसे कई भारतीयों की भावनाएं अभिव्यक्त हुईं । PM मोदी का भावनात्मक संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पोस्ट में लिखा, “Distance is no barrier when it comes to cultural connect!” कौन-कौन से समझौते होंगे? खनिज, ऊर्जा, रक्षा और कृषि क्षेत्रों में कितने MoUs या समझौते होंगे, इसकी ब्रीफिंग कब जारी की जाएगी? प्रवासी भारतीयों को शामिल करने का क्या प्लान? क्या आने वाले कार्यक्रमों में भारतीय समुदाय के बच्चों, युवाओं या कलाकारों को शामिल किया जाएगा? लैटिन अमेरिका की ओर भारत की रणनीति यह दौरा दर्शाता है कि भारत लैटिन अमेरिका की ओर बढ़ते व्यापार और रणनीतिक हितों की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। संस्कृति से जुड़ाव की ताकत पीएम मोदी का संदेश साफ है—सांस्कृतिक जुड़ाव, चाहे दुनिया के किसी भी कोने में हो, उस दूरी को मिटा देता है।

डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में बड़ी चूक, विमान ने प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में कर दी घुसपैठ

वॉशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। न्यू जर्सी स्थित राष्ट्रपति के निजी गोल्फ कोर्स के ऊपर एक विमान के उड़ने से सीक्रेट सर्विस में हड़कंप मच गया। इसके बाद तुरंत उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) ने लड़ाकू विमान भेजकर विमान को खदेड़ा। NORAD ने इस घटना की जानकारी दी है। जिस दौरान यह घटना हुई, उस समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप स्वतंत्रता दिवस के बाद वीकेंड मनाने के लिए गोल्फ कोर्स में मौजूद थे। NORAD ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि 5 जुलाई को 2025 को बेंडमिस्टर, न्यू जर्सी के ऊपर एक विमान ने अस्थायी उड़ान प्रतिबंध का उल्लंघन किया, जिसे इंटरसेप्ट किया गया। इसमें विमानों के पायलटों से उड़ान से पहले संघीय विमानन प्रशासन से जारी किए अलर्ट को देखने को कहा गया है। उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड उत्तरी अमेरिका की रक्षा के लिए एयरोस्पेस चेतावनी, एयरोस्पेस नियंत्रण और समुद्री चेतावनी का संचालन करता है। शनिवार दोपहर हवाई क्षेत्र में घुसा विमान NORAD के बयान के अनुसार, नागरिक विमान ने शनिवार 5 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:40 बजे (भारतीय समयानुसार रविवार 12:10 सुबह) से ठीक पहले अस्थायी उड़ान प्रतिबंध क्षेत्र में उड़ गया। उसे लड़ाकू जेट द्वारा सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया। बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि यह प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र का दिन का चौथा उल्लंघन था, और बाद में एक और उल्लंघन हुआ। एफ-16 लड़ाकू विमान ने खदेड़ा हालांकि, NORAD ने यह जानकारी नहीं दी कि घुसपैठिए विमान को खदेड़ने के लिए किस फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन द न्यूयॉर्क पोस्ट सहित कई आउटलेट्स ने बताया कि यह एक F-16 लड़ाकू विमान था। फरवरी में भी, NORAD ने फ्लोरिडा में ट्रम्प के मार-ए-लागो रिसॉर्ट के ऊपर हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में तीन F-16 को उड़ाया था।

पूर्व मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सरकारी बंगले में तय समय से ज्यादा दिन रुकने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

नई दिल्ली पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का सरकारी बंगले में ज्यादा दिन तक रुकना अब विवाद का कारण बन गया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 5, कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला तुरंत खाली करवाया जाए। यह बंगला देश के मुख्य न्यायाधीश का आधिकारिक निवास है। चंद्रचूड़ नवंबर 2024 में रिटायर हुए थे, लेकिन अब तक वहीं रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ तय समय से ज्यादा दिन बंगले में रह रहे हैं। नियम के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद पूर्व मुख्य न्यायधीश को छह महीने तक टाइप-सात बंगले में रह सकते हैं। लेकिन चंद्रचूड़ टाइप-आठ बंगले में आठ महीने से रह रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। इस मुद्दे पर क्या बोले चंद्रचूड़ इस मुद्दे पर चंद्रचूड़ ने कहा कि यह देरी उनके पारिवारिक कारणों की वजह से हुई। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियों को विशेष देखभाल की जरूरत है और उनके लिए उपयुक्त घर ढूंढना आसान नहीं था। सरकार ने उन्हें किराए पर दूसरा घर दिया है, जिसकी मरम्मत चल रही है। मरम्मत पूरी होते ही वह शिफ्ट हो जाएंगे। इन दो मुख्य न्यायाधीश ने नहीं लिया बंगला दिलचस्प बात यह है कि चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद दो मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला लेने से इनकार कर दिया। दोनों ने अपने पुराने आवास में ही रहना पसंद किया। इसी वजह से चंद्रचूड़ को बंगले में अतिरिक्त समय मिलने में आसानी हुई। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने दी थी सीमित मोहलत सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चंद्रचूड़ को पहले ही अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति दी गई थी। बाद में मई 2025 तक मौखिक रूप से मोहलत भी मिली। लेकिन अब वह समय भी बीत चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब और इंतजार नहीं किया जा सकता क्योंकि कई जजों को आवास की जरूरत है। चंद्रचूड़ बोले- जिम्मेदारियों का एहसास है चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कुछ ही दिनों में बंगला छोड़ देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले कई पूर्व मुख्य न्यायाधीश को भी परिस्थितियों को देखते हुए अतिरिक्त समय दिया गया है। वह यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के साथ पहले ही साझा कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की साख पर सवाल यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा कम ही देखा गया है जब अदालत को अपने आधिकारिक निवास को खाली कराने के लिए केंद्र सरकार को लिखित रूप से कहना पड़े। आमतौर पर ऐसे मामलों में अंदरखाने समाधान निकाल लिया जाता है। लेकिन मौजूदा हालात में अदालत को सख्त कदम उठाना पड़ा, जिससे यह मामला और ज्यादा सुर्खियों में आ गया है।

हिमाचल प्रदेश में आज फिर भारी बारिश की चेतावनी, मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में रेड अलर्ट जारी

शिमला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक बार फिर बादल फटने से तबाही मची है। चौहारघाटी सिल्हबुधानी के कोरतंग में देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन जानमाल को नुकसान नहीं है। बीते सोमवार की रात मंडी में कई जगह बादल फटने से हुई तबाही के जख्मों के बीच हिमाचल में रविवार को फिर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। सात जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला और सोलन के लिए ऑरेंज अलर्ट है। जबकि कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 7-8 जुलाई को पूरे प्रदेश में ऑरेंज और 9 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को कांगड़ा समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। इसी बीच, नादौन और कांगड़ा में दो शव मिले हैं। नादौन में ब्यास नदी के किनारे बटाली क्षेत्र में मिले शव की पहचान मंडी के पंगलियुर (सैंज) निवासी 30 वर्षीय इंद्रदेव के रूप में हुई है। एक और शव की शिनाख्त होने के बाद मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है। बारिश के चलते चारों फ्लाइटें रद्द शनिवार सुबह बारिश के चलते दिल्ली और चंडीगढ़ से कोई भी फ्लाइट गगल एयरपोर्ट नहीं पहुंची। चारों फ्लाइटें रद्द रहीं। इसमें इंडिगो की एक दिल्ली और एक चंडीगढ़ से फ्लाइट। वहीं, स्पाइस जेट की दो फ्लाइटें दिल्ली से नहीं आई।  प्रदेश में अभी 239 सड़कें बंद उधर, बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में अभी 239 सड़कें, 258 ट्रांसफॉर्मर व 289 पेयजल स्कीमें ठप हैं। सर्वाधिक 176 सड़कें मंडी जिले में अवरुद्ध हैं। इनमें सराज में 85 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 72 लोगों की जान गई है। 566.87 करोड़ का नुकसान आंका जा चुका है। सरकार किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार: सुक्खू मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मौसम विभाग ने रविवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि मंडी जिले में आपदा प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है।  शनिवार को शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि प्रभावितों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के आवश्यक दिशा- निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं लगातार जिला प्रशासन से संपर्क में हैं। जहां सड़कें टूटी हैं, वहां खच्चरों पर खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।   कुछ सड़कें बहाल कर दी गई हैं, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रभावितों को हर महीने 5,000 रुपये मासिक किराया देने का फैसला लिया है।   उन्होंने सराज क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया है कि जिनके मकान सुरक्षित हैं, वे अतिरिक्त कमरों को प्रभावित परिवारों को किराये पर देने के लिए आगे आएं। मंडी जिले के आपदा प्रभावित परिवारों को अब तक 1,317 खाद्य सामग्री किट वितरित कर दी गई है।   थुनाग में दूरसंचार सेवाएं बहाल, कई इलाकों में बांटा गया राशन वहीं, आपदा प्रभावित मंडी के सराज, थुनाग समेत अन्य जगह शनिवार को भी सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस-प्रशासन का राहत व बचाव अभियान जारी रहा। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 250 जवान तैनात किए गए हैं।  प्रभावित क्षेत्रों में दो हेलिकाप्टरों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सराज क्षेत्र में अब राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है। सेना के जवान दलदल भरे रास्तों में मोर्चा संभाले हुए हैं। थुनाग में दूरसंचार सेवाएं बहाल हो गई हैं। कुछ जगहों में बिजली सुविधा भी मिलना शुरू हो गई। थुनाग के साथ जंजैहली में राशन भी पहुंचना शुरू हो गया है। गर्भवती को पैदल, पालकी और गाड़ी से पहुंचाया करसोग मंडी जंजैहली मार्ग को थुनाग होकर लंबाथाच तक बहाल कर लिया गया है। राशन किट रैनगलू तक पहुंचाई जा रही हैं। शनिवार को दो गर्भवती महिलाओं को जंजैहली से पैदल व गाड़ी से करसोग पहुंचाया गया है। करीब आठ से दस किमी पालकी में बिठाकर सफर तय किया। मंडी के सराज में बादल फटने से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। इस बारे में बात करते हुए दिनेश नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि बहुत नुकसान हुआ है। हमने बगीचे में एक हजार पौधे लगाए थे, जो भी नष्ट हो गए। इस साल कुछ पौधे 25 साल पुराने थे, और हमने अन्य छोटे पौधे भी लगाए थे, लेकिन वे खत्म हो गए। हमारा परिवार सुरक्षित और स्वस्थ है। सब कुछ ठीक है, और जानवर भी सुरक्षित हैं।

तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का 90 वा जन्मदिन, प्रधानमंत्री मोदी ने दीं शुभकामनाएं

शिमला तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा आज 90 साल के हो गए हैं। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। मोदी ने दलाई लामा को ‘प्यार, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन’ का प्रतीक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की। पीएम मोदी ने कहा कि 1.4 अरब भारतीयों की तरफ से वो दलाई लामा को शुभकामनाएं देते हैं। दलाई लामा का जन्मदिन भारत में भी बड़े धूमधाम से मनाया गया। रविवार सुबह हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास स्थित डोरजिडक मठ में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने उनके लिए विशेष प्रार्थना की। इससे एक दिन पहले धर्मशाला में एक बड़ा कार्यक्रम हुआ, जिसमें बीजेपी नेता विजय जॉली और जेडीयू नेता राजीव रंजन (ललन) सिंह सहित कई प्रमुख भारतीय नेताओं ने हिस्सा लिया। धर्मशाला में ही दलाई लामा का मुख्य निवास भी है। बचपन में ही पहचान ली गई थी दलाई लामा की महानता दलाई लामा का असली नाम तेनजिन ग्यात्सो है। उनका जन्म छह जुलाई 1935 को तिब्बत के ताक्सर गांव में हुआ था। महज दो साल की उम्र में ही उन्हें तिब्बत के 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म माना गया। इसके बाद 1939 में उन्हें ल्हासा लाया गया और 22 फरवरी 1940 को उन्हें तिब्बत के सर्वोच्च नेता के रूप में स्थापित किया गया। छह साल की उम्र में उन्होंने बौद्ध शिक्षा ग्रहण करनी शुरू कर दी थी। क्या होता है दलाई लामा? जानिए आसान भाषा में ‘दलाई लामा’ एक मंगोलियाई शब्द है, जिसका मतलब होता है- ‘ज्ञान का महासागर’। तिब्बती बौद्ध परंपरा के मुताबिक, दलाई लामा करुणा के बोधिसत्व (बुद्ध के समान जागरूक प्राणी) के अवतार होते हैं। मान्यता है कि ये लोग अपने स्वयं के मोक्ष को टाल देते हैं ताकि दूसरों की सेवा कर सकें। दलाई लामा तिब्बत के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक नेता होते हैं। चीन के हमले के बाद भारत आए थे दलाई लामा साल 1950 में जब चीन ने तिब्बत पर हमला किया, तब दलाई लामा को राजनीतिक जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। मार्च 1959 में जब तिब्बत में राष्ट्रीय विद्रोह को कुचल दिया गया, तब दलाई लामा को 80 हजार से ज्यादा तिब्बती शरणार्थियों के साथ भारत में शरण लेनी पड़ी। तब से लेकर अब तक दलाई लामा भारत में ही हैं और शांति, प्रेम और करुणा के संदेश को पूरी दुनिया में फैला रहे हैं। दशकों से शांति और सहनशीलता का संदेश दे रहे हैं दलाई लामा दलाई लामा को पूरी दुनिया में शांति, सहनशीलता और मानवता का प्रतीक माना जाता है। वो धर्म, जाति और राजनीति से ऊपर उठकर मानवता की बात करते हैं। भारत में रहते हुए भी उन्होंने कभी चीन विरोधी राजनीति नहीं की, बल्कि हमेशा संवाद और शांति का रास्ता अपनाने की अपील की है। उनका मानना है कि दुनिया में सबसे ज्यादा जरूरत प्यार, करुणा और धैर्य की है। यही वजह है कि उनका सम्मान हर धर्म और देश में होता है।

रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी

ब्राजील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील पहुंच चुके हैं। ब्राजील पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के निमंत्रण पर ब्राजील की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, उसके बाद राजकीय यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह ब्राजील की चौथी यात्रा है। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। ब्राजील की राजकीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री ब्रासीलिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति लूला के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित आपसी हितों के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। पीएम मोदी की ब्राजील की यात्रा को लेकर प्रवासी भारतीयों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की निदेशक ज्योति किरण ने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के चौथी बार ब्राजील आगमन को लेकर भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य कार्तिक ने कहा कि मैं हैदराबाद से हूं और पिछले 16 वर्षों से ब्राजील में रह रहा हूं। हम प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। रियो डी जेनेरियो में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय की सदस्य पूजा ने कहा कि मैं गुजरात से हूं और पिछले तीन वर्षों से ब्राजील में रह रही हूं। मैं उनसे यानी पीएम मोदी से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं। प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा पर शक्ति ग्रुप के चेयरमैन और एमडी श्रेयांस गोयल ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से हमें ब्रिक्स देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और जानकारी साझा करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ब्राजील इथेनॉल का एक प्रमुख खिलाड़ी है। साल 2005 में हमने पहली बार ब्राजील से भारत में इथेनॉल आयात किया था। लेकिन आज हम ऐसे मुकाम पर खड़े हैं, जहां अगले कुछ वर्षों में हम भारत से इथेनॉल निर्यात करेंगे।  

एनसीआर में बड़ी महापंचायत, किसानों और गुर्जरों ने 13 जुलाई को राष्ट्रीय बैठक बुलाने का किया ऐलान

नई दिल्ली  राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद जिला स्थित अरावली क्षेत्र में वन विभाग के बुलडोजर एक्‍शन के खिलाफ लामबंदी तेज हो गई है। शनिवार को महापंचायत में हजारों की संख्या में जुटे किसानों और गुर्जर नेताओं ने तोड़फोड़ के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई। इस महापंचायत में पूरे एनसीआर से किसान और गुर्जर नेताओं ने भाग लिया। यह पंचायत फरीदाबाद जिले के अनंगपुर गांव में आयोजित की गई। इसे भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि रविवार को भी पंचायत होगी। इसके साथ ही 13 जुलाई को किसानों की राष्ट्रीय पंचायत बुलाई गई है। जो बुलडोजर एक्‍शन के खिलाफ ग्रामीणों की आवाज बुलंद करेगी। वन विभाग के बुलडोजर एक्‍शन पर भड़का गुस्सा दरअसल, फरीदाबाद जिले के अरावली क्षेत्र स्थित अनंगपुर गांव में वन विभाग ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसका बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को आयोजित पंचायत में ग्रामीणों और किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि अरावली क्षेत्र में अनंगपुर गांव सदियों पुराना है। यहां कई लोग पीढ़ियों से निवास करते आए हैं। किसान और गुर्जर नेताओं ने कहा कि वन कानून बहुत बाद में बना। जबकि यह गांव सैकड़ों साल पुराना है। ऐसे में गांवों पर वन कानून जबरन लागू करना गलत है।   गांवों को उजाड़ रही भाजपा सरकार पंचायत में जुटे किसान और गुर्जर नेताओं ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला। किसानों और गुर्जरों ने कहा कि भाजपा सरकार पूरे देश में बुलडोजर चला रही है। इसके साथ ही अब वह पुराने गांवों को भी उजाड़ने में जुटी है। ग्रामीणों ने कहा कि सदियों पुराने अनंगपुर गांव को बचाने के लिए बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा, लेकिन वन विभाग को यहां तोड़फोड़ नहीं करने दी जाएगी। लोगों ने पंचायत में कहा कि आबादी वाले पुराने गांवों को नुकसान पहुंचाना जनता के साथ बड़ा अन्याय है। घर टूटने के डर से अनंगपुर में चल रहा धरना प्रदर्शन दरअसल, वन विभाग ने फरीदाबाद के गांव अनंगपुर को अरावली क्षेत्र में अवैध कब्जा बताया है। इसके साथ ही स्‍थानीय निवासियों को घर खाली करने को कहा गया है। इसी के बाद से ग्रामीण अनंगपुर में अपना घर बचाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को ग्रामीणों के धरने को कांग्रेसी नेता विजय प्रताप और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि अपना समर्थन देने पहुंचे थे। इस दौरान 13 जुलाई को गांव बचाने के लिए राष्ट्रीय पंचायत बुलाने ऐलान किया गया था। धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अनंगपुर को ग्रामीणों की संपत्ति बताते हुए वन विभाग की कार्रवाई को गलत बताया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई गौरतलब है कि फरीदाबाद अरावली क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि अरावली पर्वत माला क्षेत्र में जितने भी अवैध कब्जे हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाकर पर्यावरण को सुरक्षित किया जाए। इसके बाद पहले फेज में वन विभाग ने अब तक 420 अवैध ढांचों को ध्वस्त किया है। इस कार्रवाई की जद में अनंगपुर समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांव शामिल हैं। अनंगपुर गांव में आबादी ज्यादा होने के चलते ग्रामीण तोड़फोड़ के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

भारत का गिनी इंडेक्स अब 25.5, दुनिया का चौथा सबसे समान देश बना

नई दिल्ली पहले अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और अब वर्ल्ड बैंक ने भारत की ताकत का लोहा माना है। भारत सरकार ने एक खास मुकाम हासिल करते हुए चीन-अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। इस सफलता का प्रमुख आधार बनीं केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाएं। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गिनी इंडेक्स अब 25.5 है। इसके साथ ही भारत दुनिया का चौथा सबसे समान देश बन गया है। इस लिस्ट में स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस पहले तीन स्थान पर हैं। दरअसल गिनी इंडेक्स एक तरीका है, जिससे पता चलता है कि किसी देश में आय, संपत्ति या उपभोग लोगों के बीच कितनी बराबरी से बंटा हुआ है। इसका स्कोर 0 से 100 तक होता है। 0 का मतलब है कि सब कुछ बराबर है। 100 का मतलब है कि सब कुछ सिर्फ एक व्यक्ति के पास है। भारत का स्कोर चीन (35.7) और अमेरिका (41.8) से बहुत कम है। यह कई विकसित देशों से भी बेहतर है। गरीबी कम करने से मिली सफलता भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ समान समाज में से एक है। सरकार के अनुसार, गिनी इंडेक्स में भारत की अच्छी रैंकिंग कोई संयोग नहीं है। यह गरीबी कम करने में मिली सफलता का नतीजा है। World Bank की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दस सालों में 17.1 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 2011-12 में 16.2% थी। 2022-23 में यह घटकर 2.3% हो गई। यह आंकड़ा 2.15 डॉलर प्रति दिन से कम कमाने वाले लोगों का है। वर्ल्ड बैंक ने गरीबी की नई सीमा 3 डॉलर प्रति दिन तय की है। इसके अनुसार, 2022-23 में गरीबी दर 5.3% होगी। सरकारी योजनाओं ने कर दिया कमाल भारत की इस सफलता के पीछे सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाएं हैं। इन्हीं योजनाओं के दम पर भारत ने आय में समानता लाने की ओर मजबूती से कदम बढ़ाया है। इन योजनाओं में पीएम जन धन योजना, DBT, आयुष्मान भारत, स्टैंड-अप इंडिया, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और पीएम विश्वकर्मा योजना शामिल हैं। जन धन योजना और डीबीटी जैसी योजनाओं से देश के आम नागरिक बैंकिंग सिस्टम से जुड़े हैं। वहीं आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं ने गरीब लोगों को मुफ्त इलाज, पक्के घर जैसी आधारभूत सुविधाएं दी हैं। इसके अलावा स्टैंड अप इंडिया, पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाओं से लोग अपना खुद का बिजनेस शुरू करने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं। किसानों के लिए भी पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम कुसुम जैसी योजनाएं चलाकर उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर की जा रही है। ILO ने भी बांधे तारीफों के पुल अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने भी हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार पिछले 11 साल में भारत की सामाजिक सुरक्षा काफी बेहतर हुई है। रिपोर्ट के अनुसार 2019 में जहां सिर्फ 19 फीसदी कवरेज था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 64.3% हो गया है। भारत ने दुनिया में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। इस उपलब्धि को हासिल करने में भी केंद्र द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं ने अहम भूमिका निभाई है।  

21 दिन से ‘बीमार’ लड़ाकू विमान को ले जाने के लिए ब्रिटेन ने कर ली तैयारी, टूटकर वापस जाएगा F-35 फाइटर जेट

तिरुवनंतपुरम  ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एफ-35 फाइटर जेट जो पिछले 21 दिनों से तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर खड़ा है, अब वहां से हटाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, एक ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर आज  रविवार को तिरुवनंतपुरम पहुंचेगा. इसमें करीब 25 तकनीकी विशेषज्ञ आएंगे, जो इस लड़ाकू विमान की खराबी का आकलन करेंगे.  जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश तकनीशियन तय करेंगे कि इस एफ-35 जेट की मरम्मत भारत में की जा सकती है या फिर इसे वापस ब्रिटेन ले जाना होगा. भारत ने इसे पास की MRO (Maintenance, Repair and Overhaul) सुविधा में ठीक करने का प्रस्ताव भी दिया था. रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि यदि जरूरत पड़ी तो एफ-35 को आंशिक रूप से खोलकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए ब्रिटेन भेजा जा सकता है. ये विशेषज्ञों की टीम विशेष उपकरणों के साथ पहुंच रही है और तय करेगी कि क्या विमान की मरम्मत भारत में की जा सकती है या इसे आंशिक रूप से खोलकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए यूके भेजना पड़ेगा. प्लेन ने 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग की थी दरअसल, ब्रिटिश रॉयल नेवी का यह फाइटर जेट, जो HMS Prince of Wales कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जो कि 14 जून को एक तकनीकी खराबी के कारण तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करने को मजबूर हुआ था. इसके बाद से यह विमान एक सुरक्षित बेज में खड़ा है, जिसकी छह सदस्यीय सुरक्षा टीम निगरानी कर रही है. ब्रिटिश हाई कमीशन के अनुसार, भारत सरकार की ओर से विमान को एयरपोर्ट स्थित MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) फैसिलिटी में शिफ्ट करने की पेशकश स्वीकार कर ली गई है. ब्रिटिश इंजीनियरों के पहुंचने के बाद विमान को हेंगर में ले जाया जाएगा ताकि अन्य विमानों के शेड्यूल में कोई बाधा न आए. “मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद विमान को पुनः सक्रिय सेवा में शामिल किया जाएगा. ग्राउंड टीमें भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि सभी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन हो. हम भारतीय अधिकारियों और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.” ब्रिटिश लड़ाकू विमान के आपातकालीन स्थिति में उतरने के कुछ दिन बाद,  भारतीय वायुसेना ने कहा था कि वह विमान की ‘‘मरम्मत और वापसी'' के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है. बता दें कि यह कोई आम विमान नहीं है, बल्कि पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है. जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और खतरनाक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इटली, नॉर्वे, नीदरलैंड और इजरायल जैसे देश इसका इस्तेमाल करते हैं. इस प्लेन की कीमत 915 करोड़ रुपये गौरतलब है कि F-35B लाइटनिंग दुनिया का सबसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसकी कीमत करीब 110 मिलियन डॉलर (करीब 915 करोड़ रुपये) है. यह STOVL (Short Take-Off and Vertical Landing) क्षमता से लैस है और छोटे डेक या सीमित क्षेत्र वाले बेस से उड़ान भरने में सक्षम है. आपात लैंडिंग के कुछ दिन बाद ही भारतीय वायुसेना ने ब्रिटिश दल को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही थी, ताकि विमान को ठीक किया जा सके और उसकी वापसी सुनिश्चित की जा सके.

एक और बोइंग विमान में आई खराबी, फ्लाइट रद्द होने से यात्रियों ने किया हंगामा

कोलकाता एक के बाद एक विमानों के रद होने की सूचना से हवाई यात्रियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली एक फ्लाइट, जो बैंकाक जाने वाली थी, तकनीकी खराबी के चलते वापस पार्किंग स्टैंड पर लौट आई। अधिकारियों ने बताया कि 130 यात्रियों और सात क्रू मेंबर्स के साथ थाई लायन एयर की फ्लाइट शनिवार को तकनीकी खराबी की वजह से वापस लौटी और बाद में पार्किंग बे में उसे खड़ा किया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फ्लाइट को दिनभर के लिए रद कर दिया गया है। विमान में फ्लैप से संबंधित समस्या आई भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, विमान की शुक्रवार देर रात 1:35 बजे कोलकाता में लैंडिंग हुई और उसे कोलकाता से बैंकाक डॉन मुआंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए तड़के 2:35 बजे टेकऑफ करना था। बोइंग 737 नई पीढ़ी के विमान में फ्लैप से संबंधित समस्या आ गई और इसलिए विमान को वापस पार्किंग वे में लाया गया जिसके बाद उड़ान रद हो गई। एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि विमान में 'फ्लैप' उड़ान भरने और उतरने दोनों के दौरान बहुत अहम होते हैं। एयरपोर्ट सूत्रों ने बताया कि विमान के रद होने से यात्री नाखुश थे और कई यात्रियों ने तो एयरलाइन कर्मचारियों पर अपना गुस्सा निकाला। एयरलाइन के एक अधिकारी के मुताबिक, यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए उड़ान को दिनभर के लिए रद कर दिया गया।