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सड़क पर कहर: थार की टक्कर से 4 की मौत, 3 गंभीर घायल, देखें वीडियो

जयपुर  राजस्थान की राजधानी जयपुर के चोमू इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर बुधवार तड़के एक भीषण सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह भयानक हादसा तब हुआ जब एक तेज रफ्तार थार एसयूवी ने नियंत्रण खोकर तीन मोटरसाइकिलों को टक्कर मार दी। खाटूश्याम दर्शन कर लौट रहा था परिवार पुलिस के अनुसार, दुर्घटना के शिकार सभी पीड़ित सीकर जिले में स्थित खाटूश्याम मंदिर में दर्शन करने के बाद अपने घर लौट रहे थे। दुर्घटना का कारण: तेज गति से चल रही थार वाहन ने नियंत्रण खो दिया और आगे चल रही तीन बाइकों को टक्कर मार दी। टक्कर की तीव्रता: टक्कर इतनी भीषण थी कि मोटरसाइकिलें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर थार के नीचे कुचल गईं। एक व्यक्ति की मौके पर मौत, 3 ने अस्पताल जाते हुए दम तोड़ा दुर्घटना के बाद स्थानीय निवासी तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मृतक संख्या: चार (एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई।) घायल: तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज एसएमएस अस्पताल में चल रहा है। दुर्घटना का शिकार: सभी सातों पीड़ित एक ही परिवार के सदस्य थे और जयपुर के करधनी थाना क्षेत्र के नांगल जैसा बोहरा के रहने वाले थे। हादसे में घायल छह लोगों को पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां एक महिला सहित तीन घायलों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मृतकों और घायलों की पहचान मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है: वीरेंद्र श्रीवास्तव (55, मूल निवासी वाराणसी, जयपुर के वैद्यजी का चौराहा निवासी) सुनील श्रीवास्तव (50, मूल निवासी वाराणसी) लकी श्रीवास्तव (30, जयपुर के ब्रजवाड़ी कॉलोनी निवासी) श्वेता श्रीवास्तव (26, जयपुर के ब्रजवाड़ी कॉलोनी निवासी)

दीवाली के धमाकों के बावजूद साफ आसमान! AQI 40 वाला शहर दिखा प्रदूषण में मिसाल, दिल्ली परेशान

रायपुर दिवाली के बाद देश की राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों की हवा तेजी से प्रदूषित हुए, इन शहरों के लोगों को तो सांस लेने तक में दिक्कत रही है। लेकिन वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुछ ऐसा हुआ, जिसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल दिवाली में जमकर पटाखे फोड़ने के बावजूद रायपुर का आसमान बिल्कुल साफ दिख रहा है, हवा में भी कोई प्रदूषण नहीं है, लोगों को सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ के प्रमुख औद्योगिक और ऊर्जा केंद्रों में इस समय वायु गुणवत्ता बेहद संतोषजनक स्थिति में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार शाम 4 बजे राज्य के चार बड़े शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर कम दर्ज किया गया। दिल्ली की हवा बेहद गंदी राजधानी रायपुर का AQI 40 दर्ज किया गया, जो ‘अच्छी श्रेणी’ में आता है। वहीं इस्पात नगरी भिलाई का AQI 47 रहा — यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि भारी उद्योगों की मौजूदगी के बावजूद यहां की हवा काफी स्वच्छ है। राज्य की ‘ऊर्जाधानी’ कही जाने वाली कोरबा में, जहां कोयला खनन, बिजली और एल्यूमीनियम उत्पादन होता है, वहां भी AQI केवल 67 दर्ज हुआ — यानी हवा ‘संतोषजनक श्रेणी’ में है। दुर्ग में भी वायु गुणवत्ता का स्तर AQI 50 के आसपास बना रहा। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़े छत्तीसगढ़ के लिए उत्साहजनक संकेत हैं। स्वच्छ हवा बनाए रखने के लिए उद्योगों में पर्यावरणीय नियमों का पालन और हरित पहल की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। 

गौसेवा के संकल्प संग मनाई गोवर्धन पूजा, मुख्यमंत्री ने मांगी जनता की खुशहाली की दुआ

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास रायपुर में स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा के अवसर पर गौमाता की पूजा-अर्चना की और गौ माता को खिचड़ी खिलाकर गोसेवा की परंपरा निभाई। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा प्रकृति, गौवंश और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने का पावन पर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दी। पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद वितरण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने गौशाला में सेवा कर रहे गौसेवकों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। उन्होंने गौसेवा के लिए उनकी सराहना करते हुए सभी से गौवंश की रक्षा एवं संरक्षण के कार्यों में आगे आने का आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने  गौशाला की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गौसेवकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गौशाला में गौवंश की देखरेख की सभी व्यवस्था मौजूद है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा हमारे जीवन में प्रकृति, अन्न और पशुधन के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। गाय भारतीय संस्कृति की आधारशिला है, जो न केवल हमारे ग्रामीण जीवन से जुड़ी है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और आस्था दोनों का केंद्र भी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में गोसेवा और प्रकृति पूजन की भावना गहराई से रची-बसी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय, अन्न और धरती का सम्मान करना उस मातृशक्ति को प्रणाम करना है, जिससे हमारा जीवन जुड़ा है। जब हम इन्हें नमन करते हैं, तब हम अपनी संस्कृति की जड़ों, अपनी आत्मा की गहराइयों और समृद्धि के स्रोतों को स्पर्श करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय गौमाता के रूप में पूजनीय है, और इसी भावना के साथ राज्य सरकार गोसेवा को ग्रामीण विकास की धुरी बनाने के लिए कार्य कर रही है।

अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों के लिए ‘श्रेष्ठ योजना’ हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए देश के श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश अवसर रायपुर अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को देश के सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार की “श्रेष्ठ योजना” (Scheme for Residential Education for Students in High Schools in Targeted Areas – SHRESHTA) के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025, शाम 5 बजे निर्धारित की गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कक्षा 9 और 11 में प्रवेश के लिए 3000 नए विद्यार्थियों का चयन किया जाता है, जो कक्षा 12वीं तक की शिक्षा पूरी करते हैं। स्कूलों का आबंटन योग्यता और विद्यार्थियों की प्राथमिकता के आधार पर आनलाइन काउंसिलिंग के माध्यम से किया जाता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022-23 से संचालित यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित निजी आवासीय विद्यालयों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं एवं 11वीं में प्रवेश का अवसर प्रदान करती है। इसके लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा “राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (श्रेष्ठ)” (NETS) का आयोजन किया जाता है। आगामी परीक्षा दिसंबर 2025 में संभावित है। श्रेष्ठ योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष सर्वोत्तम निजी आवासीय विद्यालयों का चयन का मापदंड ऐसे विद्यालय हैं जो न्यूनतम पाँच वर्षों से सतत रूप से संचालित हों, पिछले तीन वर्षों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाओं में कम से कम 75 प्रतिशत या उससे अधिक उत्तीर्णता दर प्राप्त कर चुके हों, तथा जिनके पास कक्षा 9वीं और 11वीं में अतिरिक्त रूप से कम से कम 10 अनुसूचित जाति विद्यार्थियों को समायोजित करने हेतु आवश्यक एवं उपयुक्त बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों। इस योजना के अंतर्गत चुने गए विद्यार्थियों को शिक्षण एवं छात्रावास शुल्क का पूरा व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। विद्यार्थियों को किसी प्रकार का शुल्क या अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता। साथ ही, शैक्षणिक समायोजन में सहायता हेतु ‘ब्रिज कोर्स’ के लिए वार्षिक शुल्क का 10% तक का प्रावधान है। योजना अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन NTA की वेबसाइट पर किया जा सकता है। आवेदन सुधार हेतु विंडो 1 से 2 नवंबर 2025 तक खुली रहेगी। विस्तृत दिशा-निर्देश एवं सार्वजनिक सूचना https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/s388a839f2f6f1427879fc33ee4acf4f66/uploads/2025/10/202510101384621454.pdf पर उपलब्ध हैं। राज्य शासन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिलों में स्कूलों, वेबसाइटों और सोशल मीडिया के माध्यम से इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें, ताकि पात्र विद्यार्थी समय पर आवेदन कर सकें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के इस अवसर का लाभ उठा सकें।

छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘सूर्यकिरण एरोबैटिक शो’, वायुसेना के जांबाज भरेंगे आसमान में रंगीन उड़ानें

रायपुर छत्तीसगढ़ की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी नवा रायपुर का आसमान 5 नवम्बर को एक ऐतिहासिक दृश्य का साक्षी बनेगा। भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Suryakiran Aerobatic Team – SKAT) अपने रोमांचकारी करतबों से छत्तीसगढ़ और देशवासियों को गर्व, उत्साह और देशभक्ति की भावना से भर देगी। यह शो रजत जयंती समारोह का सबसे विशेष आकर्षण होगा। छत्तीसगढ़ के आकाश में गूंजेगा भारतीय शौर्य राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित यह एरोबैटिक शो छत्तीसगढ़ की प्रगति, उपलब्धियों और आत्मविश्वास का प्रतीक बनेगा। नवा रायपुर के आसमान में जब सूर्यकिरण टीम उड़ान भरेगी, तब ‘बॉम्ब बर्स्ट’, ‘हार्ट-इन-द-स्काई’ और ‘एरोहेड’ जैसी प्रसिद्ध फॉर्मेशन्स पूरे दर्शक समुदाय को रोमांच और गर्व से भर देंगी। सूर्यकिरण टीम का यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह दिखाएगा कि अनुशासन, तकनीक और टीमवर्क से कैसे असंभव को संभव बनाया जा सकता है।  राज्य शासन और भारतीय वायुसेना के संयुक्त प्रयास से आयोजन की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।  जनसहभागिता से सजेगा रजत जयंती का आकाश रायपुर और आसपास के जिलों से हजारों नागरिक, विद्यार्थी और परिवार इस एरोबैटिक शो को देखने नवा रायपुर पहुँचेंगे। यह छत्तीसगढ़ की जनसहभागिता और राष्ट्रीय गर्व का जीवंत उदाहरण बनेगा। ‘सूर्यकिरण एरोबैटिक शो’ केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के शौर्य, सटीकता और समर्पण का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर गर्व की उड़ान 5 नवम्बर को नवा रायपुर का आसमान गर्व, रोमांच और देशभक्ति के रंगों से भर उठेगा। सूर्यकिरण टीम का यह ऐतिहासिक शो छत्तीसगढ़ की रजत जयंती को यादगार बना देगा और हर दर्शक के मन में भारत के वीर वायुसैनिकों के प्रति सम्मान और गर्व की भावना जगाएगा। उल्लेखनीय है कि 1996 में गठित सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम भारतीय वायुसेना की सटीकता, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। अपने गठन के बाद से इस टीम ने भारत की हवाई क्षमता और अनुशासन का भव्य प्रदर्शन देश-विदेश के अनेक मंचों पर किया है। सूर्यकिरण टीम एशिया की एकमात्र नौ विमान की एरोबैटिक डिस्प्ले टीम है, जो भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता, अनुशासन और समन्वय की मिसाल मानी जाती है। इनके विमानों की उड़ानें इतनी सटीक होती हैं कि कभी-कभी पंखों के बीच की दूरी पाँच मीटर से भी कम रह जाती है — यही वह कौशल है जो भारत को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान देता है। स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भर भारत की उड़ान टीम ने अपनी यात्रा की शुरुआत HJT-16 Kiran Mk-II से की थी। वर्ष 2015 में इसने स्वदेशी तकनीक पर आधारित HAL Hawk Mk-132 Advanced Jet Trainer के साथ नई उड़ान भरी। सूर्यकिरण टीम केवल हवाई करतबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा के लिए प्रेरित करती है। देश और दुनिया में 700 से अधिक प्रदर्शन अब तक सूर्यकिरण टीम ने भारत और विदेशों में 700 से अधिक प्रदर्शन किए हैं। श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ब्रिटेन और थाईलैंड जैसे देशों में इस टीम ने भारत का गौरव बढ़ाया है। टीम ने सिंगापुर एयर शो, दुबई एयर शो और रॉयल थाई एयर फोर्स की 88वीं वर्षगांठ पर भी शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रदर्शनों ने भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा सहयोग की भावना को दुनिया के सामने रखा है।  खेल और संस्कृति से जुड़ा गौरवपूर्ण अध्याय 2023 में सूर्यकिरण टीम ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में क्रिकेट विश्वकप के दौरान अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था। इस अवसर ने खेल और सैन्य गौरव को एक साथ जोड़ने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।  “यह छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरव का अवसर है कि भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम हमारे रजत जयंती समारोह का हिस्सा बनेगी। छत्तीसगढ़ की रजत जयंती के इस ऐतिहासिक अवसर पर यह शो राज्य के विकास, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गौरव की उड़ान का प्रतीक बनेगा। यह प्रदर्शन न केवल हमारे युवाओं में देशभक्ति और गर्व की भावना को प्रबल करेगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा भी देगा। मैं प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ कि वे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें और हमारे वीर वायुसैनिकों के कौशल को सलाम करें।"- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की गोवर्धन पूजा, बोले—‘प्रदेश में हर ओर शांति और समृद्धि फैले’

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय, बगिया (जशपुर) में सपरिवार गोवर्धन पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की माता श्रीमती जसमनी देवी साय, धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय एवं परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण की उस प्रेरणादायी लीला की स्मृति है, जिसमें उन्होंने गोकुलवासियों को प्रलयकारी वर्षा और संकट से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर सभी को शरण दी थी। यह पर्व हमें बताता है कि जब समाज एकजुट होकर विश्वास और सहयोग के साथ कार्य करता है, तब कोई भी संकट अजेय नहीं रहता। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि कृतज्ञता, सह-अस्तित्व और प्रकृति-पूजन का प्रतीक है। इस दिन गोवंश की पूजा की जाती है, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा — गौ-संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण — को जीवंत रखती है।

बिलासपुर में भव्य छठघाट की तैयारी, 50 हजार श्रद्धालुओं की उम्मीद, 25 ट्रक मलबा हटाया गया

 बिलासपुर   छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में दिवाली के बाद अब आस्था के महापर्व छठ पूजा की धूम मचने वाली है. देश के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट के तौर पर मशहूर तोरवा छठ घाट पर तैयारियां ज़ोरों पर हैं. यह घाट करीब 7.5 एकड़ में फैला हुआ है. आयोजन समिति ने बताया है कि इस घाट पर 1 किलोमीटर के एरिया में पूजा और अर्घ्य देने के लिए प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जहां एक ही समय में 50,000 से ज़्यादा भक्त सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश जहां से छठ पूजा की शुरुआत हुई वहां भी इतना बड़ा और स्थाई घाट नहीं है. दिवाली के बाद छठ पूजा की तैयारी, 50 हजार श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दुर्गा माता की प्रतिमा विसर्जन के बाद अब छठ पूजा की धूम मचने वाली है। आयोजन समिति ने इस महापर्व की तैयारी शुरू कर दी है। यहां देश के सबसे बड़े छठ घाट में एक साथ 50,000 से अधिक लोग सूर्य देव को अर्घ्य देंगे। इस बार यह पर्व 25 नवंबर से 28 नवंबर तक मनाया जाएगा। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का महापर्व अब छत्तीसगढ़ में भी छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का पर्व है, लेकिन पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ में भी इसका उत्साह बढ़ा है। शहर में बसे पूर्वांचल के लोगों के साथ ही स्थानीय लोग भी इस पर्व को मनाने लगे हैं। बिलासपुर का घाट 7 एकड़ में फैला है, जो कि देश में सबसे बड़ा घाट माना जाता है। यहाँ एक किलोमीटर के क्षेत्र में पूजा और अर्घ्य के लिए बेदी बनाई जा रही है। घाट की सफाई में जुटी समिति, मलबा हटाने का काम जारी दुर्गा विसर्जन के दौरान घाट पर इकट्ठे हुए मलबे को हटाने का काम तेजी से जारी है। अब तक 25 ट्रक मलबा निकाल लिया गया है। घाट से निकलने वाले मलबे में लकड़ी के टुकड़े, बांस की बल्लियां, मिट्टी के टूटे हुए बर्तन, रंग-बिरंगे कागज और प्लास्टिक की थैलियां शामिल हैं। इससे न केवल घाट की सफाई प्रभावित हुई है, बल्कि नदी का जल भी प्रदूषित हो रहा है। महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ होगी। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा समेत अन्य पदाधिकारी अरपा नदी के तट पर बने छठ घाट की सफाई और रंग-रोगन के काम में जुटे हुए हैं। समिति ने महापर्व के सफल आयोजन के लिए सभी को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। छठ घाट का महत्व और श्रद्धालुओं की भागीदारी पर्व मनाने के लिए घाटों, नदियों या तालाबों का विशेष महत्व होता है। यहां डूबते और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए श्रद्धालु छठी मैया की पूजा-अर्चना करते हैं। बिलासपुर के छठ घाट का आकार इसे विशेष बनाता है, जो कि बिहार के कई घाटों से भी बड़ा है। साफ-सफाई का काम और घाट का दृश्य घाट में सफाई का काम तेजी से चल रहा है। सफाई मशीनों के साथ कर्मचारी भी इस काम में जुटे हुए हैं। आयोजन समिति ने नगर निगम के साथ मिलकर घाट से मलबा निकालने का कार्य किया है, ताकि पर्व के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। छठ पूजा कार्यालय की स्थापना दुर्गा पूजा के बाद अब बिलासपुर में छठ महापर्व की तैयारी जोरों पर है। यहां तोरवा स्थित छठ घाट में छठ पूजा कार्यालय की स्थापना की गई है, जहां समिति के पदाधिकारी और सदस्य घाट पर व्यवस्था बनाने के लिए जुटे हुए हैं। इस कार्यालय के माध्यम से सभी व्यवस्थाओं का संचालन किया जाएगा। पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ छठ महापर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की पूरी संभावना है। पिछले साल की तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है कि इस पर्व के दौरान अरपा नदी के तट पर भीड़ काफी बढ़ जाती है। लोग उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूरा करते हैं। समापन छठ पूजा की तैयारी तेज हो चुकी है और सभी व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं। बिलासपुर का छठ घाट इस बार और भी सुंदर और व्यवस्थित नजर आएगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्राप्त होगा। सभी भक्तों को इस महापर्व की शुभकामनाएं। नहाय खाय के साथ 25 अक्टूबर से पर्व की शुरुआत शहर में छठ पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा समेत पदाधिकारी अरपा नदी के तट पर बने छठघाट की साफ-सफाई और रंग-रोगन के काम में जुट गए हैं। समिति के पदाधिकारियों ने महापर्व के सफल आयोजन के लिए तैयारियों का निरीक्षण कर सभी को जिम्मेदारियां सौंपी है। 7 एकड़ में बना छठघाट, 50 हजार श्रद्धालु होंगे शामिल पर्व मनाने घाटों, नदी या तालाब के घाटों का विशेष महत्व है। यहां डूबते और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है। छठ पूजा के लिए बिहार में सैकड़ों घाट हैं। बिलासपुर जैसा स्थायी और बड़ा घाट तो पर्व के उद्गम स्थल बिहार में भी नहीं है। छठ मुख्य रूप से बिहार प्रांत का पर्व है। बिलासपुर के तोरवा स्थित छठ घाट साढ़े 7 एकड़ में फैला हुआ है। यहां एक किलोमीटर एरिया में पूजा और अर्घ्य के लिए बेदी बनाई जाती है। जिसमें 50 हजार से अधिक श्रद्धालु एक साथ सूर्य देव को अर्घ्य दे सकते हैं। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद 25 ट्रक निकला मलबा शहर सहित आसपास के क्षेत्रों की दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन के लिए छठघाट में व्यवस्था की गई थी। नदी को गंदा होने से बचाने के लिए यहां कोई अलग से इंतजाम नहीं किया गया था। लोगों ने मनमाने तरीके से नदी में घाट के पास ही प्रतिमा विसर्जन कर दिया, जिससे वहां गंदगी का अंबार लग गया है। जगह-जगह फैली गंदगी से नदी का जल भी प्रदूषित हो रहा है। प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद स्थिति और बदहाल हो गई है। कहीं लकड़ी के टुकड़े, बांस की बल्लियां, मिट्टी के टूटे हुए बर्तन, पानी में भीगे रंग-बिरंगी कागज, प्लास्टिक की थैलियां, मां की प्रतिमाओं पर चढ़ाई गई लाल और हरे रंग की चुनरी पड़ी हुई हैं। आयोजन समिति ने नगर निगम की मदद से घाट से 25 ट्रक मलबा निकलवाया है। अरपा नदी के … Read more

रायपुर स्टेशन पर यात्रियों के लिए नई सुविधाएं: बड़ा होल्डिंग एरिया, सस्ता खाना और हेल्थ पैकेज

रायपुर  दीपावली के बाद, बड़ी संख्या में यात्री अपने घरों और कार्य स्थलों की ओर लौटने के लिए तैयार हैं। साथ ही, छठ पूजा के अवसर पर भी यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है। इस स्थिति में, रायपुर रेलवे स्टेशन पर भीड़ को संभालने के लिए आवश्यक तैयारी की गई है। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) दयानंद ने 21 अक्टूबर को स्टेशन पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया और बताया कि स्टेशन पर यात्री प्रबंधन के लिए विशेष होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए, स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं, ताकि सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सके। इसके साथ ही, स्टेशन पर खाद्य पदार्थों की कीमतें भी कम रखने की कोशिश की गई है, जिससे सभी यात्रियों को उचित दर पर भोजन मिल सके। स्टाफ की संख्या बढ़ाकर 90 से अधिक ऑफिस स्टाफ को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। 21 अक्टूबर को खुद मंडल रेल प्रबंधक (DRM) दयानंद रायपुर स्टेशन भी पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया है। उन्होंने बताया क्राउड मैनेजमेंट के स्टेशन पर स्पेशल होल्डिंग एरिया बनाया गया। सबको कंफर्म टिकट मिले लिए इसके लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। इसके अलावा स्टेशन पर कम दाम में खाने-पीने की चीज उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है। 90 से अधिक ऑफिस स्टाफ की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई गई है। लोगों के लिए न्यूनतम दरों पर जनता खाना ₹15 में, इकोनॉमी मील ₹20 में, और रेल नीर ₹14 में उपलब्ध है। रायपुर में 6000 स्क्वायर मीटर का होल्डिंग एरिया रेलवे स्टेशनों पर अक्टूबर में अब तक एवरेज फुट-फॉल 60 हजार के करीब रहा है। दुर्ग में इसका आधा है। छठ पर ये संख्या बढ़ेगी। ऐसे में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। रायपुर स्टेशन पर लगभग 6000 स्क्वायर मीटर (30 x 200 फीट) का विशाल होल्डिंग एरिया बनाया गया है। 1000 से अधिक लोग रुक सकेंगे, 15 रूपए में खाना इस होल्डिंग एरिया में 1000 से अधिक यात्रियों के बैठने की क्षमता है। 600 चेयर की व्यवस्था की गई है। यहां यात्रियों की सुविधा के लिए सीसीटीवी कैमरा, एयर कूलर और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था है। खान-पान के लिए न्यूनतम दरों पर जनता खाना ₹15 में, इकोनॉमी मील ₹20 में, और रेल नीर ₹14 में उपलब्ध है। दुर्ग और दूसरे स्टेशनों पर भी बनाए गए होल्डिंग एरिया ​इसी तरह, दुर्ग स्टेशन पर 1000 स्क्वायर मीटर एरिया का होल्डिंग एरिया (लगभग 1000 यात्री क्षमता और 200 चेयर), भाटापारा रेलवे स्टेशन पर 400 स्क्वायर मीटर एरिया का होल्डिंग एरिया (50 चेयर), और भिलाई पावर हाउस स्टेशन पर 250 स्क्वायर मीटर एरिया का होल्डिंग एरिया (100 चेयर) की व्यवस्था की गई है। इन सभी होल्डिंग एरिया में पानी की सुविधा, टिकट लेने की सुविधा, व्हील चेयर, स्ट्रेचर और सीसीटीवी कैमरा उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि प्लेटफार्म पर किसी भी तरह की भगदड़ न हो।

बलिदान को मिला सम्मान: शहीद एएसपी की पत्नी की डीएसपी पद पर नियुक्ति

रायपुर  छत्तीसगढ़ सरकार ने बलिदानी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरिपूंजे की पत्नी स्नेहा गिरिपूंजे को अनुकंपा के आधार पर उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के पद पर नियुक्त किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल द्वारा पहले ही लिया जा चुका था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरिपूंजे नौ जून को सुकमा जिले में माओवादियों द्वारा किये गये आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट की चपेट में आने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री साय ने उनकी मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया था। हाल ही में स्नेहा का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे किसी अन्य विभाग का विकल्प चुन सकती थी, लेकिन उन्होंने पुलिस को सेवा को ही चुना। यह वह विभाग है, जिसे वह सबसे अच्छी तरह समझती हैं। उनका कहना है कि उनके पति ने उन्हें कभी कमजोर नहीं समझा। वह सभी चुनौतियों को स्वीकार कर सकती हैं। उनका कहना है कि वर्दी हमेशा साहेब यानी उनके बलिदानी पति को उनके करीब रखेगी।

चैतन्य बघेल ने जेल में मनाई दिवाली, बेटे से न मिल पाने पर भावुक हुए भूपेश बघेल

रायपुर  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दीपावली के अवसर पर अपने बेटे चैतन्य बघेल से मिलने की अनुमति न मिलने पर भावुक हो गए। चैतन्य बघेल शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं और उन्हें जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी मिलने की इजाजत नहीं मिली। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक द्वेष और अमानवीय कृत्य बताते हुए भाजपा सरकार को घेरा है। शराब घोटाले में जेल में बंद बेटा दीपावली के शुभ अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बेटे चैतन्य बघेल से मुलाकात की अनुमति न मिलने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। चैतन्य बघेल शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद हैं और इस दीपावली पर वे अपने पिता से मिल नहीं सके। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने एक भावुक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर की। मोदी और शाह की कृपा से… उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, 'दो दशक पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बाबूजी को जेल भेजा था। लेकिन दीपावली के दिन उनसे मिलने की छूट मिल गई थी। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कृपा से बेटा जेल में है। आज दीपावली है पर मुझे उससे मिलने की अनुमति नहीं है। बहरहाल, सबको दीपावली की शुभकामनाएं।' बीजेपी पर तीखा हमला इस ट्वीट के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने इसे एक पिता की वेदना करार दिया और आरोप लगाया कि चैतन्य बघेल को फर्जी मामलों में फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते दीपावली जैसे पवित्र दिन पर भी उन्हें अपने बेटे से मिलने नहीं दिया गया, जिसे उन्होंने अमानवीय कृत्य बताया। ऐसी भावना अस्वीकार कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'आज हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार के दिन भूपेश बघेल को अपने परिवार से मिलने से रोका गया। छत्तीसगढ़ की जनता इस तरह की भावना को स्वीकार नहीं करती है। भारतीय जनता पार्टी ने बदले की इंतहा को पार कर दिया है।' पिता की वेदना बता कर हमला कांग्रेस ने इस पूरे मामले को 'एक पिता की वेदना' बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चैतन्य बघेल को 'फर्जी मुकदमों' के तहत गिरफ्तार किया गया है और दीपावली के दिन मिलने से रोकना जनता की भावनाओं के विपरीत है। क्या है पूरा मामला यह उल्लेखनीय है कि चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था। ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 2,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में उनका नाम शामिल है और वे इसमें लगभग 1,000 करोड़ रुपये के अवैध प्रबंधन में संलिप्त थे। उनके खिलाफ दाखिल की गई जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने हाल ही में खारिज कर दिया था। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है और इसे भाजपा सरकार की बदले की कार्रवाई के रूप में पेश कर रही है। वहीं, भाजपा की ओर से इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।