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‘श्री रामपुरम’ नामकरण की मुहिम को मिला जनसमर्थन, दिल्ली में 60 हजार साइन जुटे

नई दिल्ली दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद कई इलाकों का नाम बदलने की मांग उठ चुकी है। नजफगढ़ से मुस्तफाबाद तक के विधायक अपने इलाके की 'इस्लामिक पहचान' हटाना चाहते हैं। इस बीच शकूरबस्ती के विधायक करनैल सिंह ने तो एक कदम आगे बढ़ाते हुए जनतमत संग्रह शुरू कर दिया है। वह इस इलाके का नाम बदलकर श्री रामपुरम करना चाहते हैं। करनैल सिंह ने इसे जनता की मांग बताते हुए जनमत संग्रह की शुरुआत की है। करनैल सिंह ने कहा, ‘यह जनता की मांग रही है। पहले इसका नाम बस्ती था। लेकिन अब यहां बड़ी इमारते हैं, अच्छी गलियां और बाजार हैं। लोगों ने इसके लिए मत दिया और चर्चा के बाद हमने इसका नाम श्री रामपुरम करने का फैसला किया है। हमें इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।’ श्री रामपुरम के प्रस्ताव पर 60 हजार लोग कर चुके साइन भाजपा विधायक ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि जनमत संग्रह के लिए एक फॉर्म बनाया गया है। इस पर लोगों के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक कुल 60 हजार लोग साइन कर चुके हैं और वह क्षेत्र की करीब 90 फीसदी जनता का हस्ताक्षर लेकर सरकार और संगठन से इस बदलाव की मांग करेंगे। भगवान राम से प्यार करते हैं लोग, इसलिए उनका नाम: करनैल सिंह करनैल सिंह ने कहा कि कुछ लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं जबकि ऐसा है नहीं। यह सिर्फ लोगों की भावना है। लोग भगवान राम से इतना प्यार करते हैं, हमारी विधानसभा भी प्रगति करे और उनके पदचिह्नों पर चले इसलिए हमने शकूरबस्ती का नाम श्री रामपुर करने का फैसला किया है।  

30KM सिर्फ 15 मिनट में! दिल्ली-गुरुग्राम के बीच बनेगी हाईस्पीड अंडरग्राउंड टनल

नई दिल्ली ट्रैफिक जाम दिल्ली की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। जाम ना केवल दिल्ली में बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आने वाले कई शहरों में यही समस्या है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी सरकरा दिल्ली से लेकर गुरुग्राम तक टनल सड़क बनाने की योजना पर काम कर रही है। जल्दी ही इसके काम की शुरुआत हो सकती है। कहां से कहां तक बनेगी टनल वाली सड़क नितिन गडकरी ने बताया कि यह सड़क दिल्ली से लेकर गुरुग्राम तक जाएगी। सरकार यह योजना इसलिए ला रही है क्योंकि दिल्ली से गुरुग्राम तक जाने और आने में बहुत समय बर्बाद होता है। गडकरी ने बताया कि यह टनल दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से लेकर गुरुग्राम तक बनाई जाएगी। इससे यात्रियों का काफी समय बचेगा। कितना समय खर्च होगा इस बहुप्रतीक्षित योजना को लेकर जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि दिल्ली से गुरुग्राम तक टनल रोड बन जाने के बाद यात्रा में खर्च होने वाला समय काफी बच जाएगा। गडकरी ने बताया कि अभी दिल्ली से गुरुग्राम तक जाने के लिए 1 घंटे का समय लगता है, लेकिन यह टनल बन जाने के बाद दोनों के बीच की दूरी 15 मिनट में तय कर सकेंगे। दिल्ली से गुरुग्राम के बीच टनल वाली सड़क बनाने की योजना पर बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हम एक ऐसी सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से शुरू होकर गुरुग्राम तक जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना को लेकर अध्ययन शुरू कर दिया गया है। गडकरी ने बताया कि परिवहन मंत्रालय के पास दिल्ली के लिए 30-40 हजार करोड़ रुपए का बजट है। उन्होंने कहा कि इस टनल को बनाने का उद्देश्य यात्रा में लगने वाले समय को कम करना और दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक कोम करना है। इसके अलावा दिल्ली से वायु प्रदूषण को कम करने का भी प्रयास किया जा रहा है।  

LG का चेतावनी भरा पत्र: तेलबंदी फैसले पर दिल्ली सरकार को दी नसीहत

नई दिल्ली दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध के मुद्दे ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर इस नीति पर पुनर्विचार की मांग की है। एलजी ने साफ कहा है कि दिल्ली इस तरह के कठोर प्रतिबंधों के लिए अभी तैयार नहीं है और यह मध्यम वर्ग के लिए भावनात्मक और आर्थिक रूप से भारी पड़ सकता है। क्या है पूरा विवाद? कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के हालिया निर्देशों के तहत दिल्ली में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को 'एंड ऑफ लाइफ' (EOL) मानकर रजिस्ट्रेशन रद्द करने और स्क्रैप करने का आदेश है। यह फैसला 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर आधारित है। हालांकि, एलजी ने इस नीति को 'अनुचित' बताते हुए इसके कार्यान्वयन पर सवाल उठाए हैं। एलजी ने अपने पत्र में लिखा, "एक डीजल वाहन दिल्ली में 10 साल पुराना होने पर 'एंड ऑफ लाइफ' माना जाता है, लेकिन वही वाहन चेन्नई या मुंबई में सड़क पर कानूनी रूप से दौड़ सकता है। यह मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के सिद्धांतों के खिलाफ है, जो पूरे देश में एकसमान नियम लागू करता है।" मध्यम वर्ग पर भावनात्मक और आर्थिक बोझ एलजी ने पत्र में मध्यम वर्ग की भावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग अपनी मेहनत की कमाई से वाहन खरीदते हैं, जो उनके लिए सिर्फ सवारी का साधन नहीं, बल्कि भावनात्मक लगाव का प्रतीक भी है। ऐसे वाहन, जो कम चले हों और उत्सर्जन मानकों का पालन करते हों, उन्हें केवल उम्र के आधार पर स्क्रैप करना अन्यायपूर्ण है। एलजी ने जोर दिया कि नीति में उन वाहनों को टारगेट करना चाहिए जो वास्तव में प्रदूषणकारी और खराब हालत में हों। 'दिल्ली एक ट्रांजिट कॉरिडोर का हिस्सा' LG ने यह भी बताया कि दिल्ली एक प्रमुख ट्रांजिट कॉरिडोर का हिस्सा है, जहां उत्तर, पूर्व और पश्चिमी राज्यों को जोड़ने वाले वाहन गुजरते हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों में वैध वाहनों को दिल्ली में गैर-कानूनी ठहराना अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल दिल्लीवासियों, बल्कि ट्रांजिट यात्रियों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है। सक्सेना ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को स्वीकार किया, लेकिन जोर दिया कि इसका समाधान संतुलित और वैज्ञानिक होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए, जिसमें हाल के बुनियादी ढांचे के सुधार, जैसे मेट्रो विस्तार, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), और इलेक्ट्रिक वाहन नीति को शामिल किया जाए। इसके अलावा, सड़कों की मरम्मत, हरियाली बढ़ाने, और एंटी-स्मॉग गन जैसे उपायों को भी रेखांकित करने की सलाह दी। एलजी ने की ये सिफारिशें     CAQM से पुनर्विचार: CAQM के निर्देशों को NCR में समान रूप से लागू करने की तैयारी होने तक स्थगित करने की मांग।     MORTH से संवाद: मोटर व्हीकल स्क्रैपिंग नियमों में बदलाव के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय से चर्चा।     सुप्रीम कोर्ट में याचिका: हाल के सुधारों और बदली परिस्थितियों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करना।     विस्तृत प्रदूषण रणनीति: तीन महीने में विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ परामर्श कर प्रदूषण नियंत्रण की व्यापक योजना तैयार करना। LG ने बताया कि उन्हें नागरिकों, पर्यावरण विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों से ढेरों शिकायतें मिली हैं, जो इस नीति की प्रभावशीलता और व्यावहारिकता पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने पुराने वाहनों को CNG या इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की वकालत की। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और सड़क धूल जैसे अन्य प्रदूषण स्रोतों पर ध्यान देने की जरूरत बताई।  

दिल्ली में राहत! विरोध के चलते हटाया गया पुरानी गाड़ियों पर बैन का फैसला

नई दिल्ली  आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनते ही भाजपा ने पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला ले लिया था। उन्होंने भाजपा पर ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि फरवरी में दिल्ली सरकार ने शपथ ली और चंद दिन बाद 1 जुलाई को पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने ऐलान किया कि 31 मार्च के बाद पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। हालांकि इसे लागू एक जुलाई से किया गया। आज भाजपा जिस सीएक्यूएम के आदेश का सहारा ले रही है, वह आदेश तो मंत्री के ऐलान के काफी दिनों बाद 27 अप्रैल को आया था। इससे स्पष्ट है कि भाजपा ने पहले ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ कर ली थी और उनको करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया, ताकि दिल्ली के 61 लाख लोग नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर हो जाएं। सौरभ भारद्वाज ने दिल्लीवालों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने अपनी एकजुटता के जरिए भाजपा सरकार के कई तुगलकी फरमानों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है। जब पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने पर रोक लगाने की बात कही जा रही थी, तब भाजपा सरकार के मंत्री उछल-उछल कर कह रहे थे कि किसी पुराने वाहन को छोड़ा नहीं जाएगा। पेट्रोल पंपों पर पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के लिए 400 टीमें लगाई जाएंगी और भाजपा पूरी तरह चुप थी। इस तुगलकी फरमान का सिर्फ दिल्ली की आम जनता और आम आदमी पार्टी विरोध कर रही थी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा बहानेबाजी कर रही है कि यह कोर्ट का आदेश था, इसलिए पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। लेकिन सच तो यह है कि पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने पहली बार 10 साल पहले 7 अप्रैल 2015 को आदेश जारी किया था। इसी तरह, 10 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को आदेश दिया। 2015 से 2025 तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, लेकिन ‘‘आप’’ की सरकार ने कभी भी पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल न देने को लेकर कोई फरमान नहीं जारी किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भाजपा की चोरी पकड़ी गई तो दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को चिट्ठी लिखी कि सरकार पुरानी गाड़ियों डीजल-पेट्रोल नही देने का प्रतिबंध नहीं लगा पाएगी। इसके बाद भाजपा सरकार अपने ही बुने जाल में फंस गई। मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को लिखे पत्र में कहा है कि 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम की तरफ से दिल्ली सरकार को निर्देश आया कि पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल डीजन देना बंद कर दिया जाए। लेकिन सीएक्यूएम से पत्र मिलने से एक माह पहले ही 1 मार्च 2025 को मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुद प्रेसवार्ता कर ऐलान किया था कि सरकार 31 मार्च से पुरानी गाड़ियों को डीजल-पेट्रोल देना बंद कर देगी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इससे साफ है कि भाजपा ने सरकार बनने के तुरंत बाद ही तय कर लिया था कि दिल्ली की सड़कों से 61 लाख पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाकर लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करना है। सीएक्यूएम केंद्र सरकार के अधीन काम करता है। भाजपा की दिल्ली सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम से मिलीभगत कर पुरानी गाड़ियों को डीजल-पेट्रोल नही देने को लेकर पत्र लिया गया और सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। सीधे तौर पर बीजेपी की केंद्र सरकार का सीएक्यूएम और दिल्ली सरकार की मिलीभगत से दिल्ली के लोगों पर यह तुगलकी फरमान थोपा गया। इनकी तरफ से कोशिश की गई कि नई लाखों गाड़ियों की बिक्री कराई जाए। 

मंत्री सिरसा के निशाने पर गाड़ी बैन नीति, दिल्ली सरकार कर सकती है बड़ा यू-टर्न

नई दिल्ली   राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई से लागू हुए 'एंड ऑफ लाइफ व्हीकल' (ELV) नियमों के तहत की जा रही वाहनों की जब्ती पर फिलहाल रोक लग सकती है. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजधानी में लागू किए जा रहे ELV नियम को लेकर CAQM (Commission for Air Quality Management) को औपचारिक पत्र लिखकर इसकी प्रमुख खामियों को उजागर किया है और फिर से समीक्षा करने की मांग की है. सरकार ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में इस नियम को लागू करना संभव नहीं है, क्योंकि इससे जनता को असुविधा हो रही थी और व्यवहारिक कठिनाइयां सामने आ रही थीं. दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक पूरे एनसीआर (NCR) क्षेत्र में यह नियम समान रूप से लागू नहीं होता, तब तक दिल्ली में इसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जाएगा.   बता दें कि पुराने वाहनों की जब्ती को लेकर दिल्ली सरकार घिरी हुई थी. विपक्षी दलों ने इसपर सवाल उठाते हुए रेखा सरकार को घेरा था. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए इस नियम को जरूरी बताया था. लेकिन अब इसकी खामियां गिनाकर वह खुद बैकफुट पर नजर आ रही है. नई व्यवस्था पर काम कर रही है दिल्ली सरकार दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हम ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ को लेकर एक नई प्रणाली (New System) विकसित कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि दिल्ली का वायु प्रदूषण भी न बढ़े और साथ ही दिल्ली के नागरिकों की गाड़ियां भी जब्त न हों. गाड़ियों को केवल उम्र के आधार पर नहीं, बल्कि उनके प्रदूषण स्तर के आधार पर चलने या बंद करने का निर्णय लिया जाएगा. बिना तैयारी नियम लागू करना जनता पर बोझ: प्रवेश वर्मा रेखा गुप्ता सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी आम जनता की परेशानी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने इस नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लोग पहले से ही ट्रैफिक और प्रदूषण को लेकर दबाव में हैं, ऐसे में बिना पर्याप्त तैयारी के यह नियम लागू करना जनता पर और बोझ डालने जैसा है. प्रवेश वर्मा ने कहा कि गाड़ियों को उनकी उम्र नहीं, बल्कि उनके पॉल्यूशन स्टेटस को देखकर उसके आधार पर रोका जाना चाहिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी गुरुग्राम और नोएडा जैसे एनसीआर क्षेत्रों में यह नियम लागू नहीं है, फिर दिल्ली पर ही अचानक इसे लागू क्यों कराया गया है. दिल्ली सरकार इस नियम को लेकर विचार कर रही है. दिल्ली सरकार और CAQM के बीच होने जा रही है बैठक प्रवेश वर्मा ने जानकारी दी कि इस मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार और Commission for Air Quality Management (CAQM) के बीच बैठक होने जा रही है, जहां इस नियम को लेकर पुनः विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम चाहेंगे कि इस पर व्यापक बातचीत हो. जब पूरे एनसीआर में नियम लागू होंगे, तभी दिल्ली में इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए.” उन्होंने ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) कैमरों को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि इस टेक्नोलॉजी को लागू करना आसान नहीं है. इसमें कई तकनीकी और व्यावहारिक समस्याएं हैं. हाईकोर्ट का दखल- दिल्ली सरकार और CAQM से मांगा जवाब  बुधवार को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और CAQM से जवाब मांगा है. दरअसल, Delhi Petrol Dealers Association ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें 'एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल' को ईंधन न देने के निर्देशों का पालन करवाने की कानूनी शक्ति नहीं है, फिर भी अगर कोई गाड़ी छूट जाए, तो उन्हें सजा दी जा रही है. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अदालत में कहा, 'पेट्रोल पंप डीलर कानून प्रवर्तन एजेंसी नहीं हैं, उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपना नियम के खिलाफ है.' कोर्ट ने सरकार और CAQM को सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि यदि पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जाती है, तो उसे अदालत के संज्ञान में लाया जाए. क्या है नियम? बता दें कि CAQM के निर्देश के अनुसार, दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को फ्यूल न देने का आदेश है. दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग और पुलिस इसके लिए संयुक्त रूप से निगरानी कर रही है. हालांकि, CNG गाड़ियों को इस आदेश से छूट दी गई है. साथ ही कहा गया है कि यदि कोई पेट्रोल पंप ऐसे वाहनों को ईंधन देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

AIIMS दिल्ली में लगी आग से हड़कंप, ट्रांसफार्मर विस्फोट के बाद दमकल की 8 गाड़ियां मौके पर

नई दिल्ली  दिल्ली एम्स से ट्रांसफर में भंयकर विस्फोट की खबर सामने आई है। इसके चलते आग लग गई है। आग पर काबू पाने के लिए मौके पर दमकल की आठ गाड़ियां मौजूद हैं। जानाकारी के मुताबिक ये आग एम्स के ट्रामा सेंटर में लगे ट्रांसफार्मर में लगी है। आग बुझाने की कोशिशें जारी हैं। जानकारी के मुताबिक बीसीपी एरिया में मौजूद बिजली के ट्रांसफार्मर में ये आग शाम करीब चार बजे लगी है। आग लगते ही स्थिति को काबू में पाने के लिए दमकल की गाड़ियां पहुंच गईं। इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर सामने नहीं आई है। बताया गया है कि स्थिति नियंत्रण में है। दमकल अधिकारी मनोज मेहलावत ने बताया कि शाम 3.55 पर ट्रांसफार्मर में आग लगने की खबर मिली थी। आग लगने की वजह बढ़ता तापमान सामने आया है। मौके पर पहुंचे तो एम्स की फायर यूनिट आग बुझाने में लगी हुई थी। हमारे साथ आठ यूनिट थीं, सबने मिलकर आग बुझा दी है। इस हादसे में किसी भी मरीज या अन्य शख्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

नीति पर सवाल: गाड़ियाँ बंद, पर पुराने जहाज़ उड़ रहे! दोहरे मापदंडों पर मचा हंगामा

नई दिल्ली दिल्ली में 10 साल डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को बैन किए जाने को लेकर घमासान मचा हुआ है। राजधानी में प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए रेखा गुप्ता सरकार ने ऐसे वाहनों के लिए पेट्रोल-डीजल बंद कर दिया है। इस फैसले का आम आदमी पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है तो सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी अलग-अलग राय जाहिर कर रहे हैं। पूर्व पायलट का सवाल भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि 40 साल पुराने हवाई जहाज अब भी उड़ाए जा रहे हैं और तीन दशक पुराने बस-ट्रेनों को भी चलाया जा रहा है तो निजी गाड़ियों को क्यों प्रतिबंधित किया जा रहा है। रिटायर्ड पायलट संजीव कपूर ने एक्स पर लिखा, 'हम अब भी ऐसे एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं जो 40 साल पुराने हैं और हमारी कई ट्रेनें, बसें, नावें और व्यावसायिक विमान तीन दशक पुराने हैं, जिनका हर दिन इस्तेमाल हो रहा है। केवल निजी वाहनों पर क्यों प्रतिबंध लगाया जा रहा है? चूंकि अब गैस स्टेशनों पर ईंधन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इससे एक समानांतर इको सिस्टम बनेगा, जो ना तो टिकाऊ है और न ही वांछित। ऐसा मेरा मानना ​​है।' गौरतलब है कि एक जुलाई से दिल्ली में 15 वर्ष से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों में ईंधन भरने पर रोक लगा दी गई है। आदेश के मुताबिक तय अवधि पार कर चुके चार पहिया वाहनों पर 10,000 रुपये और दो पहिया वाहनों पर 5,000 रुपये का जुर्माना शामिल है, साथ ही संभावित जब्ती और गाड़ी उठाकर ले जाने का शुल्क भी देना होगा। आप भी कर रही विरोध रेखा गुप्ता सरकार के इस फैसले का विपक्षी पार्टी 'आप'भी विरोध कर रही है। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को सरकार के हालिया आदेश को ‘मध्यम वर्ग पर एक और हमला’ करार दिया। सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा सरकार ने दिल्ली की सड़कों से 61 लाख वाहनों को हटाने का अत्याचारी आदेश जारी किया है। यह शासन नहीं, यह ‘फुलेरा की पंचायत’ है। जिन परिवारों ने अपने वाहनों का ध्यान रखा है, उन्हें अब दंडित किया जा रहा है। यहां तक ​​कि जो वाहन 10,000 किलोमीटर से भी कम चले हैं, उन्हें भी अयोग्य माना जा रहा है।'  

दिल्ली जल बोर्ड घोटाला! सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का शिकंजा कसने लगी ED

नई दिल्ली दिल्ली में आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन एक बार फिर फंसते दिख रहे हैं। उनपर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ओर से कुछ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को बढ़ाने में कथित भ्रष्टाचार का आरोप है। ईडी इस मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग वाले एंगल से आज सत्येंद्र जैन से पूछताछ भी की है। 60 वर्षीय सत्येंद्र जैन सुबह करीब 11:15 बजे संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और उनका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया जा रहा है। ED ने पिछले साल जुलाई में इस मामले में तलाशी ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग की यह जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की ओर से यूरोटेक एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई FIR से जुड़ी है। FIR में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में पप्पनकला, निलोठी, नजफगढ़, केशोपोर, कोरोनेशन पिलर,नरेला, रोहिणी और कोंडली में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के विस्तार और उन्नयन के नाम पर कथित घोटाले का आरोप है। ये चार टेंडर,जिनकी कीमत 1,943 करोड़ रुपये थी,अक्टूबर 2022 में विभिन्न संयुक्त उद्यम (JV) संस्थाओं को दिए गए थे। ED के अनुसार, ACB की FIR में आरोप लगाया गया है कि इन चार टेंडरों में केवल तीन JV कंपनियों ने भाग लिया था। टेंडर दस्तावेजों के सत्यापन से पता चलता है कि चार टेंडरों की प्रारंभिक लागत लगभग 1,546 करोड़ रुपये थी, जिसे बिना उचित प्रक्रिया/परियोजना रिपोर्ट के 1,943 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया था।  

लड़की की आंत में फंसी मॉइस्चराइजर की बोतल, डॉक्टर ने सिग्मॉइडोस्कोपी प्रक्रिया से बोतल निकाल कर बचाई आंत

नई दिल्ली  यौन जिज्ञासा के कारण 27 साल की युवती ने बोतल को निजी अंग में डाला था, जो प्राइवेट पार्ट में फंस गई। जिसके बाद निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना सर्जरी किए सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से युवती की आंत में फंसी मॉइस्चराइजर की बोतल निकाली। इससे पहले युवती पेट में दर्द और दो दिनों से शौच न होने की समस्या से परेशान रही। युवती ने बोतल अपनी प्राइवेट पार्ट में डाली जिसके बाद उसे निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। पूछताछ करने पर युवती ने बताया कि उसने यौन सुख की चाह में दो दिन पहले एक मॉइस्चराइजर की बोतल अपनी प्राइवेट पार्ट में डाली थी। वहीं इसके बाद डॉक्टरों ने बोतल निकालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। इसके बाद युवती के पेट का एक्स-रे किया गया, जिसमें बोतल प्राइवेट पार्ट के ऊपरी हिस्से में फंसी हुई दिखाई दी। युवती की गंभीर हालत और आंत फटने की आशंका को देखते हुए उसे तुरंत रात में सर्जरी के लिए ले जाया गया। जल्दी ठीक होने में मिली मदद बता दें कि सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया से पेट या आंत को नहीं काटना पड़ा, जिससे मरीज को कम दर्द और जल्दी ठीक होने में मदद मिली। हालांकि पूरी बोतल को सुरक्षित निकाल लिया गया। वहीं मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस मामले में डॉक्टर ने बताया कि ऐसे मामलों में समय बर्बाद किए बिना प्रक्रिया करना जरूरी होता है। इससे आंत फटने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी, सिग्मॉइडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी मिनिमल इनवेसिव तकनीकों से इनका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है जबकि अन्य डॉक्टर ने बताया कि अक्सर ऐसे मरीज अकेलापन महसूस करते हैं और इलाज के दौरान इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज यदि मनोरोग से ग्रसित हैं तो उनकी काउंसलिंग की जा सकती है।  सिग्मॉइडोस्कोपी की मदद से बोतल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया से पेट या आंत को नहीं काटना पड़ा। पूरी बोतल को सुरक्षित निकाल लिया गया और मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सर्जरी टीम में डॉ. तरुण मित्तल, डॉ. आशीष डे, डॉ. अनमोल आहूजा, डॉ. श्रेयष मंगलिक और एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रशांत अग्रवाल शामिल थे। डॉ. अनमोल आहूजा ने कहा कि ऐसे मामलों में समय बर्बाद किए बिना प्रक्रिया करना जरूरी होता है। इससे आंत फटने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी, सिग्मॉइडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी जैसी मिनिमल इनवेसिव तकनीकों से इनका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। डॉ. तरुण मित्तल ने बताया कि अक्सर ऐसे मरीज अकेलापन महसूस करते हैं, और उपचार के दौरान इस पहलू का भी ध्यान रखना चाहिए। ऐसे मरीज यदि मनोरोग से ग्रसित हैं तो उनकी काउंसलिंग की जा सकती है। 

दिल्ली-मुरादाबाद हाइवे पर ट्रैफिक अलर्ट! वीकेंड पर रहेगा जीरो मूवमेंट, भारी वाहनों पर रोक

गजरौला  सावन मास की कांवड़ यात्रा की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही सावन मास की कांवड़ यात्रा की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस क्रम में अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर व हापुड़ जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों रूट का जायजा भी लिया है। जिसमें शिव भक्तों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। इसको लेकर रूट डायवर्जन का खाका भी तैयार किया गया। चार चरणों में भारी वाहनों का रूट डायवर्जन रहेगा। शनिवार-रविवार को जीरो ट्रैफिक रहेगा। यूं तो 1 जुलाई से सावन मास का शुभारंभ हो जाएगा। इस माह में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बरेली, बदायूं, मुरादबाद, रामपुर आदि जिलाें से शिवभक्तों का आगमन गंगा नगरी ब्रजघाट में होता है। हर साल भारी मात्रा में कांवड़िये उमड़ते हैं। ऐसे में शिवभक्तों की सुरक्षा को लेकर जिले की पुलिस पहले से ही तैयारी कर रही है। 14 जुलाई को पहली सोमवार के लिए जल भरने के लिए कांवड़िये 11 जुलाई से ही निकल पड़ेंगे। उनके लिए रूट डायवर्जन का खाका तैयार किया गया। तय किया गया है कि पूरे चार चरणों में भारी वाहनों का रूट डायवर्ट रहेगा। शनिवार-रविवार को कांवड़ियों की भीड़ अनुसार हाइवे पर ट्रैफिक जीरो रहेगा और दिल्ली से मुरादाबाद जाने वाली हाइवे की साइड कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। बैठक में कांवडियों जाने के मार्गों पर विशेष सर्तकता एवं निगरानी के साथ प्रभावी ड्यूटी लगाए जाने की बात कही। मुख्य स्थानों व चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन कैमरों से निगरानी कराने के लिए भी निर्देश दिए गए। टीएसआइ अनुज तोमन ने बताया कि चार चरणों में रूट डायवर्जन रहेगा। पहला चरण 11 जुलाई से 14 तक, दूसरा चरण 18 से 23 जुलाई तक, तीसरा 25 से 28 जुलाई और चौथा चरण एक से चार अगस्त तक रहेगा। इसके अलावा प्रत्येक सोमवार के लिए शुक्रवार की शाम से ही जीरो ट्रैफिक रहेगा। बिना आइडी के किसी भी श्रद्धालु को गेस्ट हाउस, धर्मशाला में नहीं रुकने दिया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर समय समय पर चेकिंग की जाएगी। इस प्रकार रहेगा रूट डायवर्जन     मुरादाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को मुरादाबाद कांठ, बिजनौर के स्योहारा, धामपुर, बिजनौर बैराज मीरापुर, मवाना, मेरठ, मोदीनगर गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     मुरादाबाद से मेरठ- दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को टीएमयू की बगल से अगवानपुर बाईपास, छजलैट, नूरपुर बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना होते हुए मेरठ दिल्ली भेजा जाएगा।     बरेली से दिल्ली जाने वाले वाहनों को आबला से शाहबाद, बिलारी, चंदौसी, बबराला से नरोरा होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     रामपुर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को शाहबाद से डायवर्ट कर बिलारी, चंदौसी, बबराला, नरोरा, जनपद बुलंदशहर होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     अमरोहा से दिल्ली जाने वाले वाहनों को शिवाला कला, नूरपुर, बिजनौर, मेरठ, मवाना गाजियाबाद होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा।     दिल्ली और जिला गाजियाबाद की तरफ से आकर मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन मसूरी, धौलाना, गुलावठी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होकर मुरादाबाद जाएंगे।     दिल्ली व गाजियाबाद की ओर से आकर मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन छिजारसी, धौलाना, गुलावठी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजौई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते से होकर मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली एनसीआर से आकर उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले सभी भारी वाहन छिजारसी टोल प्लाजा से निजामपुर फ्लाईओवर से, सोना पेट्रोल पंप फ्लाईओवर से ततारपुर चौराहा होते हुए टियाला अंडर पास से किठौर होते हुए परीक्षितगढ़, मवाना, बहसुमा, रामराज बिजनौर होते हुए अपने गंतव्य की ओर जाएंगे।     हापुड़ से मुरादाबाद की ओर जाने वाले भारी वाहन सोना पेट्रोल पंप के सामने से गुलावटी होते हुए जिला बुलंदशहर के नरोरा, बबराला, भजोई, डिबाई, चंदौसी के रास्ते होते हुए मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     मेरठ वाया मवाना रोड मीरापुर बैराज, बिजनौर कोतवाली, देहात, नगीना, धामपुर, कांठ, छजलैट होते हुए मुरादाबाद की ओर जाएंगे।     गजरौला चौपला से वाया मंडी धनौरा, चांदपुर, हलदौर, बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना, परीक्षित गढ़, किठौर, टियाला अंडरपास, ततारपुर चौराहा, सोना फ्लाईओवर, निजामपुर फ्लाईओवर, छिजारसी टोल प्लाजा से होते हुए दिल्ली गाजियाबाद की ओर जाएंगे।