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अमृतसर DC साक्षी साहनी को नई पोस्ट, पंजाब सरकार ने किया प्रशासनिक बदलाव का ऐलान

चंडीगढ़/लुधियाना  पंजाब में एक बार फिर तबादलों का दोर शुरू हो गया है, जिसके तहत दिवाली से अगले ही दिन 3 डीसी बदल दिए गए हैं। हालांकि काफी दिनों से आला अधिकारियों के ट्रांसफ़र की अटकलें लगाई जा रही थी  लेकिन पहले बाढ़ के दोरान बचाव कार्यों और फिर किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफ़र लिस्ट जारी करने मे देरी होने की बात कही गई । अब दिवाली से अगले ही दिन माझा बेल्ट के 3 डीसी बदल दिए गए, जिनमें अमृतसर की डीसी साक्षी साहनी का नाम भी शामिल है। जिनके द्वारा बाढ़ के दोरान ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर किए गए बचाव कार्यों के लिए लोगों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से भी सार्वजनिक तोर पर तारीफ की गई थी। अब साक्षी साहनी को ग्रेटर मोहाली डिवेलपमेंट अथारिटी की मुख्य प्रशासक लगाया गया है और उनकी जगह अमृतसर के डीसी के रूप में दलविन्द्र जीत सिंह को लगाया गया है।    दलविन्द्र जीत सिंह इससे पहले डीसी गुरदासपुर थे और अब पठानकोट के डीसी आदित्य उप्पल को गुरदासपुर का डीसी लगाया गया है,  जिनकी जगह पर आईएएस अधिकारी पल्लवी पठानकोट की नई डीसी होंगी, जिन्हें नगर निगम कमिश्नर का चार्ज भी दिया गया है। 

बिना रोक-टोक खनन, सरकारी खजाने की सेंध माफियाओं ने लगाई

गढ़शंकर गढ़शंकर के बीत क्षेत्र के गांव कोकोवाल मजारी के जंगल की खड्डों में अवैध माइनिंग जारी है। बरसात से पहले खनन माफिया ने हजारों टिप्पर पत्थरों का अवैध खनन किया था। अब बरसात के बाद यह माफिया एक बार फिर से सक्रिय हो गया है और वह जंगलात विभाग की कड़ी धाराओं वाले इलाके में सरेआम अवैध माइनिंग कर रहे हैं। अब जबकि बरसात खत्म हो चुका है, बीत इलाके के कोकोवाल मजारी गांव के जंगल में माइनिंग माफिया पिछले 3 दिनों से अवैध खनन में व्यस्त हैं। जे.सी.बी. की मदद से वे जंगल में बीस से तीस फीट गहरी खुदाई कर रहे हैं और उसे टिप्परों में भर कर स्टोन क्रशर तक ले जा रहे हैं। एक तरफ पंजाब सरकार ने माइनिंग पर सख्त पाबंदी लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद यहां प्रशासन से मिलीभगत कर खुलेआम अवैध माइनिंग की जा रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। गढ़शंकर का कोकोवाल मजारी जंगल श्री आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र के भंगला गांव और हिमाचल प्रदेश के बाथरी गांव की सीमा से सटा है, नतीजतन, खनन माफिया इन सीमाओं का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन करते हैं, जबकि दोनों तरफ के संबंधित विभाग यह दावा करके अपनी कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश करते हैं कि खनन एक-दूसरे की सीमा के भीतर हुआ है कह कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते हैं। जमीन बचाओ, गांव बचाओ कमेटी के सदस्य कामरेड कुलभूषण कुमार, कामरेड रविंदर नीटा, रामजी दास चौहान, कामरेड दविंदर और कुलदीप कुमार दीपा ने अवैध खनन के बारे में आरोप लगाया कि यह सब प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है और उन्होंने मांग की कि क्षेत्र की निशानदेही की जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, अन्यथा वे संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। गौरतलब है कि वन विभाग के सख्त प्रावधानों के बावजूद जंगल में अवैध माइनिंग हो रहा है यह लोगों के लिए हैरानी की बात है। क्योंकि अगर कोई व्यक्ति जंगलों में से माइनिंग करते पकड़ा जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, लेकिन माइनिंग माफिया पर विभाग की मेहरबानी से लोगों में गुस्सा है। इस संबंध में जब डी.एफ.ओ. हरभजन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिस इलाके में खनन हो रहा है वह श्री आनंदपुर साहिब जिले में आता है। फिर भी हम इसकी जांच करेंगे। अगर यह गढ़शंकर इलाके में हो रहा है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

AAP की महिला नेता पर पूर्व कांग्रेस सरपंच ने की गोलीबारी, सुरक्षा में बढ़ाया गया चौकसी

तरनतारन दीवाली की रात गांव धगाणा में उस समय सनसनी फैल गई जब पूर्व कांग्रेसी सरपंच सुखविंदर सिंह (पुत्र साहिब सिंह) ने अपने पड़ोस में रहने वाली आम आदमी पार्टी की मौजूदा पंचायत सदस्य मनदीप कौर (पत्नी जतिंदर सिंह) पर गोलियां चला दीं। गंभीर रूप से घायल मनदीप कौर को सरकारी अस्पताल पट्टी में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डी.एस.पी. भट्टी लवकेश सैनी ने बताया कि दीवाली की रात सुखविंदर सिंह अपने ट्रैक्टर पर तेज़ आवाज़ में डीजे की तरह गाने चला रहा था, जिसका विरोध जतिंदर सिंह और उसके परिवार ने किया। इसी दौरान गुस्से में आकर सुखविंदर सिंह ने 12 बोर की राइफल से फायरिंग की, जिसमें गोली जतिंदर सिंह की पत्नी मनदीप कौर को जा लगी। खून से लथपथ हालत में मनदीप कौर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। डीएसपी ने बताया कि इस मामले में सुखविंदर सिंह और उसके भाई लखविंदर सिंह (पुत्र साहिब सिंह) के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

भ्रष्टाचार पर फिर बरसे सीएम मान, बोले— अब नहीं चलेगा किसी का ‘राजनीतिक रसूख’

चंडीगढ़ भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि पुलिस उप महानिरीक्षक (रोपड़ रेंज) हरचरण सिंह भुल्लर को निलंबित कर दिया गया है। भुल्लर को हाल में रिश्वतखोरी के एक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। भुल्लर को एक अन्य व्यक्ति के साथ आठ लाख रुपये की रिश्वतखोरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था। भुल्लर की गिरफ्तारी के बाद अपनी पहली टिप्पणी में मान ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन राज्य सरकार के मूल में है, जो पिछले चार वर्षों में उसके कार्यों के माध्यम से लगातार प्रदर्शित हुआ है। मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है जिसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मान ने कहा कि इसी नीति के तहत, भ्रष्टाचार के आरोप में हाल में एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। मान ने कहा कि पुलिस उपमहानिरीक्षक को 16 अक्टूबर से निलंबित माना जाएगा। उन्होंने दोहराया कि समाज के खिलाफ इस गंभीर अपराध में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी अधिकारी या नेता को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट गतिविधियों में किसी भी तरह की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा ऐसे कृत्यों में लिप्त लोगों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

अकील डेथ मिस्ट्री में नया मोड़: पूर्व DGP के बेटे ने वीडियो में खुद दी सफाई

 पंचकूला पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी व पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, मृतक की पत्नी और बहन के खिलाफ एमडीसी थाना पंचकूला में हत्या और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई 16 अक्तूबर की रात मोहम्मद मुस्तफा अकील अख्तर की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले में मलेरकोटला निवासी शमसुद्दीन चौधरी की शिकायत पर की गई है। शिकायतकर्ता शमसुद्दीन चौधरी ने पुलिस कमिश्नर पंचकूला को शिकायत दी थी। आरोप लगाया गया कि अकील की मौत सामान्य नहीं थी बल्कि इसके पीछे साजिश हो सकती है। शिकायत में कहा गया है कि अकील ने मौत से पहले 27 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने अपने परिवार के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए थे और उनसे जान का खतरा बताया था।   शिकायत में सोशल मीडिया वीडियो, कॉल रिकॉर्ड, डिजिटल साक्ष्य और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जांच की मांग की गई थी। डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने बताया कि बीती 16 अक्तूबर को सेक्टर-4 एमडीसी निवासी अकील अख्तर घर में मृत पाए गए थे। उस समय परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी।    पहले वीडियो में  निजी विवादों और जान को खतरे की बात कही थी प्रारंभिक जांच में कुछ संदिग्ध नहीं मिला। बाद में सोशल मीडिया पर मृतक के वीडियो पोस्ट वायरल हुए, जिनमें उन्होंने निजी विवादों और जान को खतरे की बात कही थी। मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम एसआईटी गठित की गई।   डीसीपी बोलीं- जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी, दोषी नहीं बच सकेगा डीसीपी ने बताया कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और सबूत आधारित जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। इसकी निगरानी एसीपी रैंक के अधिकारी करेंगे। यह टीम मामले के हर पहलू की बारीकी से जांच करेगी जिसमें मृतक के डिजिटल उपकरण, सोशल मीडिया रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शामिल हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से की जाएगी।   अकील का एक और वीडियो…परिवार को दी क्लीन चिट पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर का एक और नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो ने उसके मौत से जुड़े मामले को नया मोड़ दे दिया है। करीब तीन मिनट के इस वीडियो में अकील अख्तर ने परिवार के सदस्यों को पूरी तरह क्लीन चिट देते हुए कहा है कि उसने पहले जो भी आरोप लगाए थे, वो उसकी खराब मानसिक और शारीरिक स्थिति के कारण लगाए गए थे।   वीडियो में अकील कहता है कि पिता मोहम्मद मुस्तफा, मां, पत्नी और बहन ने उसकी बीमारी के दौरान पूरी देखभाल की। मेरे परिवार वालों ने मेरा बहुत ध्यान रखा, मैंने पहले जो भी बातें कही थीं, वो मेरी तबीयत खराब होने के कारण कही गई थी और उनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था।’ अकील अख्तर बहन का जिक्र करते हुए कहता है कि वह उसका बहुत ख्याल रखती थी।   बेटे की हत्या में पूर्व डीजीपी और परिजनों पर हुए केस से पैतृक गांव के लोग भौचक्के सहारनपुर केचिलकाना इलाके के गांव हरड़ाखेड़ी निवासी पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध मौत के मामले में नया खुलासा होने से उनके पैतृक गांव में लोग भौचक्के हैं। तरह-तरह की चर्चाएं ग्रामीण कर रहे हैं। पूर्व डीजीपी, उनकी पत्नी, पुत्रवधू तथा बेटी के खिलाफ पंजाब के मलेरकोटला में हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई है।   बता दें कि पूर्व डीजीपी मुस्तफा के बेटे अकील की 16 अक्तूबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मलेरकोटला में मौत हो गई थी। इसके अगले दिन अकील के शव को पैतृक गांव हरडाखेड़ी में लाकर सुपुर्द ए खाक कर दिया गया था। इसमें बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक लोग शामिल हुए थे। अकील हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे तथा उनका एक बेटा और एक बेटी हैं। अकील की मौत से पहले उनके और परिवार के बीच लगातार तनाव चल रहा था। थाना मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में अकील के पिता पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, माता पूर्व कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना, बहन तथा पत्नी के खिलाफ हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र रचने की रिपोर्ट दर्ज की गई है।  पूर्व डीजीपी के बेटे अकील अख्तर इस महीने की शुरुआत में पंचकूला के सेक्टर 4 स्थित अपने आवास पर बेहोशी की हालत में पाए गए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उस समय, पुलिस को किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला और उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया। इसके तुरंत बाद अकील का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि, इस मामले ने तब नाटकीय मोड़ आया, जब अकील की मौत से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए। इसके बाद, मलेरकोटला के रहने वाले शमशुद्दीन चौधरी ने शिकायत दर्ज कराई। फिर पंचकूला पुलिस ने मुस्तफा, उसकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। डीसीपी ने क्या बताया? पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा, “हमें एक शिकायत मिली थी और उसके आधार पर, हमने अब हत्या और साजिश की धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की है। मृतक के पिता, माता, बहन और पत्नी सहित परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता ने गड़बड़ी के आरोपों के आधार पर संदेह व्यक्त किया है। मृतक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह कह रहा है कि अगर वह मृत पाया गया था, तो एक डायरी में बयान दर्ज है और क्या उसे जहर दिया गया था। हमने इन सभी बातों को अपनी जांच में शामिल किया है ताकि इस मामले में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच हो सके। हमने तुरंत एक एसीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है।”   गांव के रसूखदार परिवार के साथ घटे इस तरह के घटनाक्रम को लेकर गांव की चौपालों और नुक्कड़ों पर लोग तरह तरह की बात कर रहे हैं। हालांकि मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण कोई भी खुलकर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं।   पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना चार वर्ष पहले पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी थी। रजिया सुल्तान ब्लॉक सरसावा की प्रमुख भी … Read more

समय पर शादी न करने वालों के लिए खतरे की घंटी! स्वास्थ्य पर पड़ सकता है भारी असर

पंजाब छाती के पास किसी गांठ होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह अनदेखा करने पर छाती का कैंसर बन सकता है। देर से शादी करना भी इसके प्रमुख कारणों में सामने आया है। उक्त जानकारी  कैंसर विशेषज्ञ प्रो. जे.एस. ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि अक्सर शुरुआत में दर्द नहीं होता, जिस कारण इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह आगे जाकर खतरनाक रूप ले सकता है। महिलाओं में छाती के कैंसर की दर अधिक है। उन्होंने इसके पीछे आधुनिक बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान को बड़ा कारण बताया है। पंजाब में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में इस बीमारी के मरीजों में लगभग 11% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जिंदगी गंवा चुकी हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं को समय पर स्क्रीनिंग और नियमित जांच कराने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, किसी भी तरह की असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जीवनशैली में सुधार लाएं। आंकड़े इस प्रकार हैं: 2019 – 6,037 2020 – 6,192 2021 – 6,347 2022 – 6,507 2023 – 6,667 40 साल के बाद जरूर करवाएं मैमोग्राफी 25 से 39 साल की उम्र में छाती की नियमित जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से लड़ सकते हैं। इसके अलावा सिगरेट और शराब छोड़ना, अच्छा खान-पान और व्यायाम के माध्यम से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। खान-पान में अधिक फल, सब्जियां, फाइबर से भरपूर भोजन और कम वसा वाला भोजन शामिल करना चाहिए। नियमित व्यायाम करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें। मोटापा कम करें, क्योंकि अधिक वजन होने से छाती के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि परिवार में पहले किसी को छाती का कैंसर हुआ हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। 

एक दर्जन बैंक खाते फ्रीज! DIG भुल्लर की समस्याएँ बढ़ीं

रूपनगर/चंडीगढ़ पंजाब के रूपनगर रेंज के डी.आई.जी. हरचरण सिंह भुल्लर, जिन्हें स्क्रैप डीलर से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, के खिलाफ सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने उनके करीब एक दर्जन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है ताकि उन खातों से कोई भी लेन-देन न किया जा सके। शनिवार को सीबीआई की टीमें डीआईजी भुल्लर की जायदादों का रिकॉर्ड जुटाने के लिए पंजाब और अन्य राज्यों में गईं। जांच में सीबीआई को डीआईजी भुल्लर की कई बेनामी संपत्तियों का भी पता चला है, जिनका पूरा रिकॉर्ड एजेंसी ने अपने कब्जे में ले लिया है। सीबीआई ने बैंकों को पत्र लिखकर उनके लॉकर भी सील करवा दिए, ताकि उनके अंदर रखी वस्तुओं को बाहर न निकाला जा सके। जल्द ही सीबीआई, भुल्लर के गनमैन और स्टाफ को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजेगी। जांच में खुलासा हुआ है कि भुल्लर ने करोड़ों रुपये नकद घर के क्रॉकरी कैबिनेट, स्टोर और बेड के अंदर सूटकेसों में रखे हुए थे। इसके अलावा सोने के गहनों के लिए विशेष स्थान बनाया गया था। सीबीआई को 7.5 करोड़ रुपये पांच अलग-अलग जगहों से, और ऐसे बैग मिले जिनमें ऊपर कपड़े और नीचे 500-500 रुपये के नोटों के बंडल रखे गए थे। सीबीआई जांच में यह भी सामने आया कि डीआईजी भुल्लर को हर महीने लाखों रुपये “मंथली” के रूप में मिलते थे। वह एसएसपी को नजरअंदाज कर अपने निजी बिचौलियों के जरिए यह रकम लेते थे। जेल में बेचैनी में कटी रात डीआईजी भुल्लर ने बुड़ैल जेल में रातभर बैरक में जागकर बिताई। सूत्रों के अनुसार, वह पूरी रात बेचैन होकर टहलते रहे। उनके साथ बैरक में मौजूद आईपीएस अधिकारी ज़हूर ज़ैदी (गुड़िया हत्याकांड में सजा प्राप्त) और आईपीएस मालविंदर सिंह सिद्धू (जमाई की हत्या केस में सजा प्राप्त) ने कई बार उन्हें आराम करने के लिए कहा, लेकिन भुल्लर पूरी रात करवटें बदलते रहे। बैरक में उनके लिए जमीन पर गद्दा और तकिया भी दिया गया था। इस बैरक में केवल 50 वर्ष से अधिक आयु वाले और अच्छे आचरण वाले कैदियों को रखा जाता है। भुल्लर के साथ रिश्वत मामले में पकड़े गए नाभा निवासी बिचौलिया “कृष्णू” को अलग बैरक में रखा गया है। सीबीआई को मिली 50 बेनामी और अचल संपत्तियों के दस्तावेज़ जांच में सीबीआई के सामने डीआईजी भुल्लर की कुल संपत्ति 120 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। उनके और उनके परिवार के नाम पर 50 अचल और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ मिले हैं। सीबीआई ने उनके घरों और अन्य ठिकानों से 7.5 करोड़ रुपये नकद, 2.5 किलो सोना और गहने, 26 लग्जरी घड़ियां, 4 हथियार और 100 कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा समराला स्थित फार्महाउस से 5.7 लाख रुपये नकद, 9 पेटियां (108 बोतलें) इंपोर्टेड शराब और 17 कारतूस भी जब्त किए गए सीबीआई को उनके पास कई निजी बैंकों के लॉकरों की चाबियां भी मिली हैं। डीआईजी भुल्लर के पास पंजाब, चंडीगढ़ और लुधियाना में कई फ्लैट, फार्महाउस और जमीनें हैं। उनकी प्रमुख संपत्तियों में शामिल हैं: जालंधर के कोट कलां गांव में 6 कनाल का फार्महाउस, चंडीगढ़ सेक्टर 39-बी और सेक्टर 40-बी में फ्लैट, लुधियाना के अयाली खुर्द में 3 कनाल (18 मरला) जमीन, कपूरथला के खजूराला में 5 कनाल (10 मरला) जमीन, और मोहाली, पटियाला तथा बरनाला के निजी बिल्डर प्रोजेक्ट्स में प्रॉपर्टी शेयर। 

पूर्व मेयर संजीव शर्मा बिट्टू की वापसी: पटियाला में कांग्रेस को मिली नई ताकत

पटियाला  पटियाला के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने आज एक बार फिर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। जानकारी के अनुसार, संजीव शर्मा पहले कांग्रेस में थे, लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। उन्होंने पटियाला ग्रामीण सीट से कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बनाई गई पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) पार्टी से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। इसके बाद उन्हें पटियाला जिले का भाजपा जिला प्रधान भी नियुक्त किया गया था। हालांकि अब उन्होंने फिर से कांग्रेस पार्टी में वापसी कर ली है। उनकी घर वापसी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखने को मिल रही है।

सरकारी कर्मचारी खुश होंगे! पंजाब सरकार से 21 अक्टूबर की छुट्टी की उम्मीद बढ़ी

बरेटा  अध्यापक दल पंजाब के सूबा सीनियर मीत प्रधान राजदीप सिंह बरेटा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि इस बार दीवाली के अवकाश को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए। उन्होंने कहा कि दीवाली हिंदू और सिख दोनों समुदायों का पवित्र त्योहार है, लेकिन इस बार यह साफ नहीं है कि दीवाली 20 अक्टूबर को है या 21 अक्टूबर को। पंजाब सरकार ने अभी तक 20 अक्टूबर को दीवाली की छुट्टी घोषित की है। वहीं, हर साल दीवाली के अगले दिन विश्वकर्मा दिवस की छुट्टी होती है, जो इस बार 22 अक्टूबर को पड़ रही है। राजदीप सिंह बरेटा ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, खासकर जो दूर-दराज के इलाकों में नौकरी करते हैं, वे इस उलझन में हैं कि 21 अक्टूबर को छुट्टी होगी या नहीं। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द 21 अक्टूबर को भी अवकाश घोषित किया जाए, ताकि कर्मचारियों में फैली भ्रम की स्थिति को दूर किया जा सके और उन्हें राहत मिल सके।  

सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ाया अलर्ट, पंजाब में पाकिस्तान से संभावित खतरे की जांच जारी

अमृतसर दीपावली जैसे बड़े त्यौहार की खुशियों में खलल डालने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजैंसिया प्रयास कर सकती हैं, जिसमें हाल ही में देहाती पुलिस की तरफ से विस्फोटक सामग्री जब्त किए जाने के बाद एक प्रयास विफल भी किया जा चुका है। इसके चलते बी.एस.एफ. और पंजाब पुलिस सहित सभी सुरक्षा एजैंसियां अलर्ट मोड पर हैं। देश की फर्स्ट लाइन ऑफ़ डिफैंस बी.एस.एफ. की तरफ से जहां संवेदनशील पोस्टों पर पैनी नजर रखी जा रही है और चौक्सी बढ़ाई गई है तो वहीं पुलिस की तरफ से शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती को और ज्यादा मजबूत किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना सामने न आ सके। जानकारी के अनुसार आप्रेशन सिंदूर में बुरी तरह से शिकस्त खाने के बाद पूरे विश्व में पाकिस्तान की बेइज्जती हुई है, जिससे पाकिस्तान इस समय बौखलाया हुआ है और अपनी बौखलाहट को ठंडा करने के लिए कोई न कोई निंदनीय कदम जरूर उठाएगा। ड्रोन के जरिए भेजे जा रहे विस्फोटक और खतरनाक हथियार अपने मंसूबों को अमलीजामा पहनाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार ड्रोन की मूवमेंट करवाई जा रही है। छोटे से लेकर बड़े ड्रोन, जो 15 से 20 किलो वजन उठाने में सक्षम है, वह भी लगातार मूवमैंट कर रहे हैं और ग्रेनेड आर.डी.एक्स. व अन्य सामान सहित एक-47 राइफलें अत्यधिक पिस्टलों को लगातार भेजा जा रहा है, ताकि पंजाब सहित पूरे देश की शांति व्यवस्था को भंग किया जा सके। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बी.एस.एफ. की तरफ से अभी तक 205 ड्रोन पकड़े जा चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी ज्यादा है। आर.डी.एक्स. आई.डी. और विस्फोट करने वाला सामान भी लगातार ड्रोन से भी फैंका जा रहा है। आतंकवादियों और गैंगस्टरों का गठबंधन खतरनाक पिछले कुछ वर्षों से देखने में आया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों और गैंगस्टरों के बीच एक बड़ा गठजोड़ हुआ है, जिससे हालात और ज्यादा खतरनाक हो चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के रास्ते आतंकवादियों के जरिए भी कई बार बड़ी-बड़ी हैरोइन की खेपे भेजी जा चुकी है। इतना ही नहीं गैंगस्टर और उनके गुर्गे के पाकिस्तानी एजैंसियों को भी खुफिया जानकारियां प्रदान कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा एजैंसियां भी चिंता में है और इस गठबंधन को तोड़ने के लिए लगातार सख्त प्रयास किया जा रहे हैं। पुलिस की तरफ से गैंगस्टरों के लगातार एनकाउंटर किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद गैंगस्टरों के पास अत्याधुनिक हथियार पहुंच रहे हैं। जेलों के अंदर से चल रहा नेटवर्क नहीं टूट रहा बड़े-बड़े हैरोइन तस्कर और गैंगस्टर जेलों के अंदर बैठकर ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं और जो हैरोइन या किसी अन्य केस में जेल के अंदर जाते हैं, वह जेल के अंदर जाकर इन गैंगस्टरों से मिलकर खुद को और ज्यादा मजबूत बनाकर बाहर निकलते हैं और बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं। सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से दावा किया जाता रहा है, जेल के अंदर जैमर लगाए जा चुके हैं, लेकिन जिस प्रकार से गैंगस्टरों की वीडियो कॉल करने व अन्य घटनाएं सामने आ रही है, उसको देखकर यह साबित होता है कि सुरक्षा में बड़ी चूक हो रही है, जिसको सही करने की जरूरत है। सिर्फ अमृतसर जिले की ही बात करें तो आए दिन जेल के अंदर से मोबाइल फोन व अन्य आपत्तिजनक सामान मिलने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां, लेकिन फिर भी नहीं टूट रहा नैटवर्क यह भी एक सत्य है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान पुलिस और अन्य सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से नशे की बिक्री करने वालों व इनको छत्रछाया प्रदान करने वालों की सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां की गई है। इतना ही नहीं बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों को भी जो गलत कार्यों में संलिप्त है, उनको जेलों के अंदर भेजा जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद न तो बॉर्डर पर ड्रोन की मूवमेंट रुक रही है और न ही हैरोइन व हथियारों की सप्लाई रुकने का नाम ले रही है जो एक बहुत बड़ा रहस्य बना हुआ है।