samacharsecretary.com

बिहार सरकार ने पीडीएस डीलरों के कमीशन में किया जबरदस्‍त बढ़ोतरी

50 हजार पीडीएस डीलरों को बिहार सरकार की बड़ी सौगात! 52 फीसद कमीशन बढ़ाया   बिहार के 50 हजार PDS डीलरों की बल्‍ले बल्‍ले! नीतीश सरकार ने किया कमीशन में 52 फीसद का इजाफा पटना, बिहार सरकार ने पीडीएस दुकानदारों की एक पुरानी मांग को मान लिया है। लंबे समय से बिहार के पीडीएस डीलर कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। जिसे सरकार ने मान लिया है। सरकार का यह निर्णय न सिर्फ डीलरों के लिए राहत की खबर है बल्कि लाभुक उपभोक्ताओं तक भी बेहतर सेवा सुनिश्चित करने वाला कदम साबित होगा। 258.40 रुपये मिलेगा कमीशन राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए डीलर कमीशन की राशि में 52 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है। अब राज्य के सभी पीडीएस डीलरों को प्रति क्विंटल खाद्यान्न पर 258.40 रुपये कमीशन मिलेगा। पहले यह राशि 211.40 रुपये प्रति क्विंटल थी। यह नई व्यवस्था सितंबर 2025 से प्रभावी होगी। क्या था पहले और अब कितना मिलेगा अब तक डीलरों को केन्द्रांश और राज्यांश मिलाकर 90 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाता था। बाद में इसे बढ़ाकर 211.40 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इसमें और 47 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जिसके बाद दर 258.40 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। 50 हजार डीलरों को फायदा बिहार सरकार की ओर से जनवितरण प्रणाली (PDS) को लगातार सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। इस फैसले से राज्यभर में काम कर रहे करीब 50 हजार पीडीएस डीलरों को सीधा लाभ होगा। सरकार का मानना है कि इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली और बेहतर होगी और उपभोक्ताओं तक समय पर अनाज पहुंच सकेगा। मंत्री लेशी सिंह ने जताया आभार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट की ओर से लिए गए इस फैसले का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा, ये फैसला न केवल पीडीएस ऑपरेटरों के हित में है, बल्कि पीडीएस प्रणाली को और मजबूती देने वाला भी है। पीडीएस डीलर कमीशन की बढ़ोतरी की मांग लंबे समय से कर रहे थे।

अब बिहार की खेतों में भी लहलहाएंगे अंजीर, किसान उठा रहे दोगुना लाभ

* प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए तक का अनुदान पा सकते हैं किसान * वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए है कर सकते हैं किसान आवेदन * योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन  * बिहार में अंजीर की खेती को बढ़ावा दे रही है राज्य सरकार   पटना बागवानी फसलें किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने में मददगार साबित होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने 2025-2026 और 2026-2027 के लिए अंजीर फल विकास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अंजीर की खेती करने वाले किसानों को भारी अनुदान दिया जा रहा है। सरकार इस अनुदान से जहां एक ओर राज्य में अंजीर की खेती को बढ़ावा दे रही है वहीं दूसरी ओर किसानों की आय को बढ़ाने की भी कोशिश कर रही है।       अंजीर फल विकास योजना के तहत इसकी खेती पर वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए प्रति हेक्टेयर 1.25 लाख रुपये की लागत तय की गई है। इसकी खेती करने वाले किसानों को सरकार उनकी लागत का 40 प्रतिशत अर्थात 50 हजार रुपए का अनुदान देगी। 2025-26 में यह कुल अनुदान का  60 प्रतिशत यानि कि 30 हजार रुपए और 2026-27 में 40% अर्थात 20 हजार रुपए किसानों को मिलेगा। ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन  अंजीर फल विकास योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। किसान अनुदान से संबंधित विशेष जानकारी के लिए जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। इन 32 जिलों के किसान उठा सकते हैं लाभ अंजीर फल विकास योजना के तहत बिहार के 32 जिलों में चलाई जा रही हैं। जिसमें अरवल, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, अररिया, औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण, जमुई, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, गया, रोहतास, पूर्णिया, समस्तीपुर, वैशाली और पश्चिम चम्पारण शामिल है।        कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक यह योजना न सिर्फ बिहार के किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने में मददगार साबित होगी बल्कि इससे बिहार में अंजीर फल के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आर्थिक लाभ के लिए खाद्यान्न फसलों पर किसानों की निर्भरता कम होगी।

राजस्व महाअभियान: अब सीएससी ऑपरेटरों के हाथों में होगा डिजिटल कामकाज

कल से सीएससी के ऑपरेटर संभालेंगे राजस्व महा–अभियान शिविरों का डिजिटल कामकाज राजस्व महाअभियान: अब सीएससी ऑपरेटरों के हाथों में होगा डिजिटल कामकाज राजस्व महाअभियान में नई पहल: सीएससी ऑपरेटर करेंगे डिजिटल कार्यप्रवाह ऑनलाइन पंजीकरण से लेकर आवेदन संधारण तक की जिम्मेदारी, गुरुवार से तैनात रहेंगे शिविरों में पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महा–अभियान के तहत आयोजित होने वाले शिविरों में प्राप्त होने वाले आवेदनों का डिजिटल प्रबंधन कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के ऑपरेटर करेंगे। ये व्यवस्था गुरुवार से लागू हो जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद विभाग के स्तर पर संविदा कर्मियों की हड़ताल से निपटने के लिए पुख्ता व्यवस्था बनाकर अभियान को सफल बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी अंचलाधिकारी को पत्र जारी कर आदेश दिया है कि प्रत्येक शिविर में चार कम्प्यूटर ऑपरेटर तैनात किए जाएंगे। ये ऑपरेटर शिविर में मिले सभी आवेदनों को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत करेंगे और फिर संबंधित राजस्व कर्मचारी को उपलब्ध कराएंगे। एक अंचल में अधिकतम 28 ऑपरेटरों की व्यवस्था की जा सकेगी। इसके निगरानी की व्यवस्था भी तय की गई है। अंचल स्तर पर एक सुपरवाइजर और जिला स्तर पर दो डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सीएससी की ओर से लगाए जाएंगे, जो शिविरों में तैनात ऑपरेटरों की उपस्थिति और कामकाज पर नजर रखेंगे। सचिव श्री सिंह ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत सीएससी के जिला प्रबंधक/समन्वयक से समन्वय स्थापित करें, ताकि शिविरों में पंजीकरण और प्रपत्र संधारण की प्रक्रिया निर्बाध रूप से पूरी हो सके। सभी अंचलाधिकारी को जिला प्रबंधक/समन्वयक तथा अंचल समन्वयक का नाम एवं नंबर उपलब्ध करा दिया गया है। सीएससी के कर्मी कल यानी गुरुवार से शिविरों में तैनात रहेंगे।

लघु जल संसाधन विभाग की कुल 2,507 योजनाओं में 2,297 उतर चुकी हैं धरातल पर

जल-जीवन-हरियाली अभियान से बिहार के 2,41,782 हेक्टेयर खेतों तक पहुंचा सिंचाई का पानी लघु जल संसाधन विभाग की कुल 2,507 योजनाओं में 2,297 उतर चुकी हैं धरातल पर  राज्य में 2,70,697 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित करने का है लक्ष्य   साथ ही, कुल 993 लाख घनमीटर जल संचयन क्षमता का किया गया है  पुनर्स्थापन  पटना लघु जल संसाधन विभाग द्वारा "जल-जीवन-हरियाली अभियान" के तहत राज्यभर में 2,41,782 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता विकसित करने के साथ ही कुल 993 लाख घनमीटर जल संचयन क्षमता का पुनर्स्थापन कर लिया गया है। लघु जल संसाधन विभाग ने परंपरागत जल स्त्रोतों के पुनरूद्धार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अबतक कुल 2,507 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें अबतक 2,297 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। इन सभी 2507 योजनाओं को पूर्ण कर राज्य में 2,70,697 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापन करने का लक्ष्य तय किया गया है।  यहां उल्लेखनीय है कि विगत वर्षों में व्यापक जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप वर्षापात में कमी एवं भूगर्भ जल के अत्यधिक दोहन के फलस्वरूप भूगर्भ जलस्तर में उत्तरोत्तर कमी आने के कारण बिहार के विभिन्न जिलों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन की इस विषम स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2019 में "जल-जीवन-हरियाली अभियान" की शुरूआत की है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत क्रियान्वित योजनाओं में गुणवत्ता युक्त कार्य सम्पन्न कराते हुए जहां एक ओर राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित किये गये हैं, वहीं दूसरी ओर जलस्त्रोतों में जल संचयन एवं सिंचाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जल स्त्रोतों में जल संग्रह के फलस्वरूप भूगर्भ जलस्तर में व्यापक सुधार हुआ है। आहर-पईनों एवं तालाबों व पोखरों के मेढ़ पर वृक्षारोपण किये जाने से हरित क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है।

खरीफ की फसल हो गई बर्बाद? चिंता न करें किसान, बस कर दें ये काम

खरीफ की फसल हो गई खराब! राज्य फसल सहायता योजना का उठाएं लाभ  खरीफ की फसल हो गई बर्बाद? चिंता न करें किसान, बस कर दें ये काम  खरीफ 2025: खरीफ की फसल हो गई खराब? जल्‍द कीजिए आवेदन   खरीफ किसानों को दी बड़ी राहत! 10000 रुपये तक सीधे देगी सरकार  नगर पंचायत से गांव तक, खरीफ किसानों को मिला सरकार का सुरक्षा कवच पटना  बिहार के किसानों को मौसम की मार से घबराने की जरूरत नहीं है। खरीफ की फसल बोने वाले किसानों की इस समस्‍या का बिहार सरकार ने समाधान कर दिया है। किसानों के लिए सुरक्षा कवच तैयार कर दिया है। बिहार सरकार ने खरीफ 2025 के लिए किसानों को बड़ी राहत दी है।  सीधे मिलेगी आर्थिक मदद, सरकार ने मांगे आवेदन जिन किसानों की फसल मौसम की मार से खराब हो गई है। उनके लिए सरकार फसल सहायता योजना लेकर आई है। सहकारिता विभाग की ओर से बिहार ‘राज्य फसल सहायता योजना’ के तहत इसके लिए ऑनलाइन आवेदन  मांगे गए हैं। किसान 31 अक्टूबर, 2025 तक निशुल्क आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान होने पर सीधे मदद देगी। ये किया गया है प्रावधान जिन किसानों की खरीफ फसल 20 फीसद तक खराब हो गई है, सरकार ने ऐसे किसानों को 7500 रुपये प्रति हेक्‍टेयर क्षतिपूर्ति के रूप में देगी। 20 फीसद से अधिक के नुकसान पर सरकार ने 10000 रुपये प्रति हेक्‍टेयर देने का ऐलान किया है। यह सहायता अधिकतम 2 हेक्टेयर तक ही दी जाएगी। नगर पंचायत और नगर परिषद क्षेत्रों के किसान भी इस योजना के लिए पात्र होंगे। साथ ही, रैयत, गैर-रैयत और आंशिक रूप से रैयत-गैर रैयत किसान भी आवेदन कर सकेंगे। मंत्री ने क्या कहा? सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि यह योजना पूरी तरह निशुल्क है। इसमें किसानों से किसी प्रकार का कोई शुल्‍क या प्रीमियम नहीं लिया जाता। उनका कहा, प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसल को क्षति होने पर सरकार सीधे उनके खाते में वित्तीय सहारा देती है। योजना को और पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में लगातार काम चल रहा है। आवेदन कैसे करें? कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान सीधे आवेदन कर सकते हैं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े रैयत किसान केवल रैयत या आंशिक रैयत-गैर रैयत श्रेणी में आवेदन कर पाएंगे। आवेदन करते समय किसानों को फसल व बुआई क्षेत्र की जानकारी देनी होगी। सीधे बैंक खाते में जाएगी राशि बताते चलें कि कटाई के बाद प्रयोग आधारित उपज दर के आधार पर योग्य पंचायतों का चयन किया जाएगा। इसके बाद चुने गए किसानों को आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। सत्यापन के बाद राशि सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेज दी जाएगी। झूठी या गलत जानकारी देने वाले किसानों के आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे। इस योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी सहकारिता विभाग की वेबसाइट से भी ली जा सकती है।

स्टालिन की मौजूदगी से सियासी पारा चढ़ा, भाजपा ने तेज किया हमला

नई दिल्ली नई दिल्ली बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान अभी भले ही ना हुआ हो लेकिन सियासी पारा चरम पर है। एनडीए और महागठबंधन के नेता एक दूसरे पर जमकर सियासी तीर छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस और राजद पर करारा हमला बोला है। महागठबंधन की मतदाता अधिकार यात्रा में शामिल होने के लिए बिहार पहुंचे एमके स्टालिन को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल बिहार के 'गौरव और स्वाभिमान' का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन बार-बार ऐसे नेताओं को बिहार बुला रहा है जिन्होंने पहले बिहारी समाज का मजाक उड़ाया था। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार के लोगों को गाली देने वालों को राज्य में प्रचार करने के लिए बुला रहे हैं। वे बिहार के गौरव और स्वाभिमान का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने बिहारियों का मजाक उड़ाने वाले नेताओं को राज्य में 'मतदाता अधिकार यात्रा' अभियान में भाग लेने के लिए बार-बार आमंत्रित किया है। इस दौरान उन्होंने बिहारियों को लेकर कांग्रेस नेताओं के पूर्व में दिए गए बयानों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी, प्रियंका वाड्रा के बाद अब उन्हें स्टालिन मिल गए हैं। रेवंत रेड्डी, जिन्होंने पहले बिहारी डीएनए का मजाक उड़ाया था। वहीं, प्रियंका वाड्रा, जिन्होंने चरणजीत चन्नी द्वारा बिहारियों को गाली दिए जाने पर बेशर्मी से ताली बजाई थी। आगे उन्होंने कहा कि डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर भी निशाना साधा। जिनकी पार्टी ने बिहारियों पर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। स्टालिन की पार्टी के नेता ने कहा था कि बिहार के लोग सिर्फ शौचालय साफ करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है। यह आरजेडी-कांग्रेस की मानसिकता है। मेहनतकश बिहारी गाली खाने के लिए निशाना बनते हैं, जबकि अवैध बांग्लादेशियों को वोट बैंक माना जाता है। विपक्ष ने भी किया पलटवार इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए पर तीखा हमला बोला है। उन्होने कहा कि एनडीए का मतलब है कि नहीं देंगे अधिकार। जनता जानती है कि वोट चोरी हो रही है, लेकिन इस बार जनता अपने वोट की रक्षा करेगी। बीजेपी-एनडीए को करारी हार मिलेगी। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार जनता के असली मुद्दों- महंगाई, बेरोजगारी, पलायन और आर्थिक संकट को सुलझाने में विफल रही है और अब वोट चोरी की साजिश रच रही है।

मांगें पूरी करने पर अड़े जूनियर डॉक्टर, दूसरे दिन भी बंद रहा अस्पताल

पटना बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में आज भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। जूनियर डॉक्टर स्टायपेंड बढ़ोतरी की मांग लेकर आज भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि हमलोगों का हर तीन साल में इंटर्नशिप स्टायपेंड का पुनरीक्षण होना चाहिए, लेकिन लंबे समय से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमको महज 18 से 20 हजार रुपये मासिक स्टायपेंड मिल रहा है। इतने कम स्टायपेंड में हमारा गुजारा नहीं हो रहा है। पिछले कई माह से स्टायपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन इसे बढ़ाया नहीं गया है। पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि उनका प्रतिमाह स्टाइपेंड बढ़ाया जाय। उनके अनुसार वेलोग प्रति दिन 12 से 18 घंटे तक काम करते हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें मात्र 20,000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाता है। इस महंगाई में यह राशि काफी काफी कम है, इसलिए उनकी मांग है कि इसे बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रतिमाह किया जाए। जूनियर डॉक्टरों ने सरकार से मांग पूरी करने की अपील की है। बढ़ी मरीजों और परिजनों की परेशानी जूनियर डॉक्टरों के अचानक हड़ताल से दूसरे दिन भी ओपीडी सेवा पर काफी असर पड़ा। इलाज कराने आये मरीज और उनके परिजनों ने काफी नाराजगी दिखी। उनका कहना है कि प्रदर्शन कोई करे और खामियाजा हमलोगों को भुगतना पड़े, यह गलत है। हमलोगों काफी दूर से आए हैं लेकिन ओपीडी में डॉक्टर्स ही नहीं हैं।  

बुधवार से तेज बारिश की संभावना, कई जिलों में गिर सकता है वज्रपात

पटना बिहार में मानसून एक्टिव है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने आज यानी बुधवार को राज्य के 24 जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है। बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद में आज बारिश नहीं होने के आसार हैं। बाकी सभी जिलों में एक या दो स्थानों पर बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 28 अगस्त से एक सितंबर तक राज्य के सभी जिलों में कई स्थानों पर बारिश और वज्रपात के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 28 अगस्त से एक सितंबर तक बिहार के सभी जिलों में बारिश के आसार हैं। उत्तर पश्चिम बिहार, उत्तर मध्य बिहार, उत्तर पूर्व बिहार, दक्षिण पश्चिम बिहार, दक्षिण मध्य बिहार, दक्षिण पूर्व बिहार में एक या दो स्थानों पर बारिश के आसार है। 31 अगस्त और एक सितंबर को पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद में अनेक स्थानों पर बारिश के आसार हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में कुछ स्थानों पर बारिश के आसार जताए गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मानसून की द्रोणिका अब गंगानगर, सिरसा, आगरा, बांदा, सीधी, संबलपुर से होकर ओडिश तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में निम्न दाब क्षेत्र के केंद्र तक और फिर दक्षिण पूर्व की ओर से बंगाल की खाड़ी के पूर्व मध्य तक पहुंचाती है। समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है और ऊपर स्थित दो चक्रवाती परिसंचरणों से होकर गुजरती रहती है। पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों पर एक द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। इसकी धुरी औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है।  यह देशांतर 70 डिग्री से अक्षांश 28 डिग्री उत्तर तक बना हुआ है। इस कारण अगले पांच दिनों तक राज्य से अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होने की संभावना है।  

पितृपक्ष मेला गया : श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधाएं, प्रशासन ने शुरू की तैयारी

गयाजी गयाजी में पितृपक्ष मेले के आयोजन को लेकर सरकारी तैयारी शुरू हो गई हैं। पितरों को मोक्ष दिलाने का महापर्व पितृपक्ष मेला- 2025 दस दिनों के बाद शुरू होगा। एक पखवाड़े तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध मेला का उद्घाटन 6 सितंबर को होगा। गयाजी के विष्णु नगरी में मेला के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों से पिंडदानियों का आना शुरू हो जाएगा। 6 सितंबर गया जी में गोदावरी तालाब या पटना जिले के पुनपुन नदी से पिंडदान शुरू होगा। विष्णु नगरी में मुख्य रूप से 7 सितंबर को फल्गु नदी में स्नान और तर्पण के साथ त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध शुरू होगा। जो 22 सितंबर को गायत्री घाट पर मातामाह श्राद्ध के साथ समाप्त होगा। साथ ही पिंडदान से लेकर तीर्थ यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा की जानें वाली सुविधाओं के बारे में भी आपको बता रहे हैं। इन तारीखों में पिंडदान 06 सितंबर            पुनपुन या गोदावरी श्राद्ध। 07 सितंबर            फल्गु श्राद्ध। 08 सितंबर            ब्रह्मकुंड, प्रेतशिला, रामकुंड, रामशिला, कागबलि श्राद्ध। 09 सितंबर            उत्तर मानस, उदिची, कनखल, दक्षिण मानस, जिह्वालोल। 10 सितंबर            बोधगया के मातंगवापी, धर्मारण्य और सरस्वती।   11 सितंबर            ब्रह्मसत, कागवलि, आम्रसचेन। 12 से 14 सितंबर        विष्णुपद, सोलह वेदी। 15 सितंबर            सीताकुंड और रामगया। 16 सितंबर            गयासिर और गया कूप। 17 सितंबर            मुंडपृष्ठा, आदि गया, धौतपद। 18 सितंबर            भीमगया, गो प्रचार, गदालोल। 19 सितंबर            फल्गु में दूध तर्पण व पितरों की दीपावली। 20 सितंबर            वैतरणी श्राद्ध, गौदान। 21 सितंबर            अक्षयवट, शैय्या दान, सुफल। 22 सितंबर            गायत्री घाट, मातामाह श्राद्ध व आचार्य विदाई। कुंभ की तर्ज पर होगी मेले की सफाई पितृपक्ष मेले को यादगार पल बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ निगम प्रशासन ने भी कमान संभाल लिया है। कुंभ की तर्ज पर विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में साफ सफाई की व्यवस्था होगी। इस दौरान सफाई  के लिए तीन एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है। निजी आवास और धर्मशाला में ठहरने से पहले होगी जांच गयाजी के डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि पितृपक्ष मेला के दौरान श्रद्धालुओं को घरों में ठहरने के लिए 134 और निजी धर्मशाला की तरफ से 525 आवेदन मिले हैं। उन्होंने बताया कि लाइसेंस देने से पहले इसका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। सभी मानकों की जांच के बाद ही लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। मेले में निगम करेगी 12 करोड़ रुपये खर्च राजकीय पितृपक्ष मेला की तैयारी पर गया जी नगर निगम 12 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसमें पेयजल, रोड, नाली, ढक्कन, रंग रोगन, साफ सफाई समेत विभिन्न बुनियादी जरूरत पर खर्च करेगी। खुला कंट्रोल रूम मिलेगी सुविधाएं पितृपक्ष मेला के दौरान देश-विदेश से आने वाले पिंडदानियों की सुविधाओं को लेकर डीएम शशांक शुभंकर द्वारा विष्णुपद मंदिर के समीप स्थित संवाद सदन कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। पितृपक्ष मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों को महत्वपूर्ण जानकारी तथा सुविधाओं से संबंधित भी जानकारी उपलब्ध कराया जाएगा। नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रखा जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए फोन नंबर 92666 28168, 0631-2222500 और 0631-2222253/59 जारी किया गया है। टेंट सिटी में तीर्थ यात्रियों को निःशुल्क ठहरने की सुविधा पितृपक्ष मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है। जो गया जी के गांधी मैदान में 25 सौ क्षमता वाली टेंट सिटी बनाया जा रहा है। जहां तीर्थ यात्रियों को ठहरने के लिए निशुल्क दिया जाएगा। वहीं उक्त टेंट सिटी में शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नानगृह और बिजली की व्यवस्था होगी। साथी तीर्थ यात्रियों के मनोरंजन के लिए जगह-जगह एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। अधिकारियों ने संभाली मेले की कमान पितृपक्ष मेला 2025 को यादगार पल बनाने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. सफीना एएन, आईजी छात्रनील सिंह, डीएम शशांक शुभंकर और नगर आयुक्त कुमार अनुराग समेत अन्य आलाधिकारियों ने मेला की कमान संभाल लिया है। प्रतिदिन जिला के अधिकारी मेल क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

छात्र आत्महत्या प्रकरण: सच्चाई उजागर करने समिति करेगी जांच

पूर्वी सिंहभूम झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने जमशेदपुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष के छात्र की मौत के मामले की जांच के लिए बीते मंगलवार को एक समिति गठित की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि समिति की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी (कानून-व्यवस्था) भागीरथ प्रसाद करेंगे तथा उप प्रभागीय दंडाधिकारी (धालभूम) चंद्रजीत सिंह और उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) (मुख्यालय-1) भोला प्रसाद इसके सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि मणिपाल मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के कमरे में 21 अगस्त को कथित तौर पर जहर खाने से 21 वर्षीय दिव्यांशु पांडे की मौत हो गई थी। मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने शनिवार को परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और बिहार के समस्तीपुर निवासी पांडे की मौत के मामले में प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने एंबुलेंस की व्यवस्था करने में देरी की तथा एक वरिष्ठ अधिकारी पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने समिति को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कॉलेज ने घटना के बाद कहा कि उसने परिवहन प्रभारी कर्मचारी को निलंबित कर दिया है और आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है।