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डीजीपी नियुक्ति के बाद प्रशासनिक हलचल तेज, पुलिस विभाग में बड़े फेरबदल की तैयारी

जयपुर राजस्थान में डीजीपी पद पर आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा की नियुक्ति के बाद अब पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार जल्द ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की नई पदस्थापनाएं और तबादलों की सूची को अंतिम रूप दे सकती है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और नव नियुक्त डीजीपी राजीव कुमार शर्मा के बीच संभावित बैठक के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। फिलहाल राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक सहित कई शीर्ष पद खाली हैं। एसीबी प्रमुख का पद लंबे समय से रिक्त है। इसके अलावा आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अन्य पदों का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, जबकि 12 नवआरक्षित आईपीएस अधिकारी हैदराबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और पांच अधिकारी अवकाश पर हैं। ऐसे में विभाग में कार्यभार संतुलन एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सरकार तैयार कर रही तबादला सूची राज्य सरकार रिक्त पदों को भरने और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि सूची में अधिकारियों की विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर नई जिम्मेदारियों का निर्धारण किया जाएगा। इस फेरबदल के जरिए प्रशासनिक स्थायित्व और दक्षता को मजबूती देने की योजना बनाई गई है। नए डीजीपी से नई उम्मीदें डीजीपी राजीव कुमार शर्मा के नेतृत्व में पुलिस महकमे में बदलाव को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। उनके कार्यशैली को लेकर पुलिस विभाग सहित राजनीतिक गलियारों में भी उत्सुकता है। माना जा रहा है कि यह फेरबदल विभाग को नई दिशा देगा और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मददगार साबित होगा। विभाग के भीतर पारदर्शी और योग्यता आधारित तबादले की मांग भी उठ रही है। ऐसे में सरकार से तेज़ और सटीक निर्णय की अपेक्षा की जा रही है। संभावित तबादला सूची पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं, जो राजस्थान पुलिस के भविष्य की दिशा और दशा तय कर सकती है।  

राजस्थान में बारिश का कहर जारी, सवाई माधोपुर में बाढ़ जैसे हालात

जयपुर राजस्थान में मानसून का दौर लगातार जारी है। सोमवार को भी प्रदेश के 29 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बीते 24 घंटे में सवाई माधोपुर, टोंक, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर समेत कई जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सबसे ज्यादा बारिश सवाई माधोपुर में प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में दर्ज की गई, जहां 214 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा सवाई माधोपुर शहर में 124 मिमी, बौंली में 130 मिमी, मित्रपुरा में 50 मिमी, खंडार और मलारना डूंगर क्षेत्र में 44 मिमी बारिश दर्ज की गई। चौथ का बरवाड़ा में जलभराव के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। यहां तक कि कलेक्ट्रेट ऑफिस में भी पानी भर गया। राजधानी जयपुर सहित अन्य जिलों में भी तेज बारिश जयपुर, सीकर, टोंक, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझुनूं सहित अन्य जिलों में 1 से 2 इंच तक वर्षा हुई। बीसलपुर बांध, जो जयपुर को पानी सप्लाई करता है, उसका जलस्तर बढ़कर 313.74 मीटर हो गया है और त्रिवेणी नदी से लगातार पानी की आवक हो रही है। राज्य में अब तक सामान्य से 137 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। 1 जून से 4 जुलाई तक प्रदेश में औसतन 70.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार अब तक 167.1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। मौसम विभाग की चेतावनी मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भी कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने और जलभराव वाले इलाकों से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।

सीजीपीएससी और व्यावसायिक परीक्षा मंडल की सभी भर्ती परीक्षाओं में आवेदकों को करवाना होगा आधार कार्ड से ई-केवाईसी

रायपुर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) और व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) की तरफ से होने वाली भर्ती परीक्षाओं के लिए अब आधार कार्ड के जरिए ई-केवाईसी करवान अनिवार्य होगा। राज्य शासन की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें कि परीक्षाओं में होने वाले फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है। प्रदेश में सीजीपीएससी और व्यापमं ही सबसे ज्यादा भर्ती परीक्षाएं करवाते हैं। भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने के समय ही अभ्यर्थी को आधार कार्ड के माध्यम से ई-केवाईसी करवान होगा। परीक्षा केंद्र में आधार कार्ड से मिलान होने के बाद ही अभ्यर्थी को परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। परीक्षाओं में कई बार अभ्यर्थी की जगह दूसरा व्यक्ति बैठकर परीक्षा देता है। ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह व्यवस्था बनाई जा रही है। इंजीनियरिंग और मेडिकल के लिए होने वाली जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में यह व्यवस्था लागू है। इसमें फर्जीवाड़ा होने की संभावनाएं बिल्कुल नहीं रहती है। आवेदन करने के समय ई-केवाईसी करने से अभ्यर्थी का पूरा डेटा पीएससी और व्यापमं के पास पहुंच जाएगा। परीक्षा केंद्रों में थंब लगवाकर पूरी जानकारी का होगा मिलान परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थी से थंब लगवाया जाएगा। थंब लगाते ही अभ्यर्थी का पूरा डेटा दिख जाएगा। इसमें अभ्यर्थी की फोटो भी दिखेगी, साथ ही पूरा डिटेल रहेगा। जिससे अभ्यर्थी की पहचान की जा सकेगी। डेटा मिलान के बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने दिया जाएगा। बता दें कि, राज्य की प्रमुख प्रशासनिक सेवाओं में भर्ती के लिए सीजीपीएससी की ओर से हर साल परीक्षा आयोजिक करवाई जाती है। जो कि 3 चरणों में आयोजित होती है। प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू। तीनों चरणों की परीक्षा पास करने के बाद अभ्यार्थी राज्य सेवा में एसडीएम और डीएसपी सहित अन्य पद पर नियुक्त होता है।

राजस्थान में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में राहत, टेंडर के बाद वित्तीय स्वीकृति के लिए नहीं भेजना होगा प्रस्ताव

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन को भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सुशासन देने के लिए कृत संकल्पित है। विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक त्वरित रूप से पहुंचे, इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही हैं। इसी नीति के तहत मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास कार्यों में तेजी लाने तथा प्रक्रिया में लगने वाले समय को न्यूनतम करने के लिए राज्य में अब नई व्यवस्था लागू की गई है। टेंडर के बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए कार्यकारी विभाग द्वारा वित्त विभाग को फाइल भेजने की व्यवस्था अब समाप्त कर दी गई है। गत सरकार के समय शुरू हुई इस प्रक्रिया के कारण विकास कार्यों के शुरू होने में अनावश्यक विलंब हो रहा था। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राज्य में यह नई व्यवस्था लागू की गई है। विकास कार्यों की घोषणा कर धरातल पर निर्माण कार्य शुरू करने में जानबूझ कर देरी करने की नीयत से गत सरकार के समय व्यवस्था की गई कि कार्यकारी विभाग जब कार्य की स्वीकृति के प्रस्ताव के साथ वित्त विभाग को भिजवाता था, तब वित्त विभाग इस स्वीकृति के बजाय कार्य की केवल सैद्धांतिक स्वीकृति देता था। इसके बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए संबंधित कार्यकारी विभाग को प्रस्ताव पुनः वित्त विभाग को भेजना पड़ता था। इस दोहरी प्रक्रिया में 15 से 30 दिन का अतिरिक्त समय लग रहा था। इससे एक ओर विकास कार्य की लागत बढ़ रही थी, वहीं दूसरी ओर आमजन को इनका समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इस व्यवस्था में सुधार के निर्देशानुसार प्रक्रिया में संशोधन कर इसे प्रभावी बना दिया गया है। अब कार्यकारी विभाग से प्राप्त प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत होते ही निविदा उपरान्त कार्यादेश जारी करने के लिए कार्यकारी विभाग को ही सक्षम बना दिया गया है। कार्यकारी विभाग निविदा के उपरांत कार्यादेश राशि के आधार पर प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृत राशि को स्वयं ही पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। अतः प्रक्रिया के दूसरे चरण में पत्रावली वित्त विभाग को प्रेषित करने की आवश्यकता नही रहेगी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से विकास कार्यों में तेजी आएगी और निर्धारित समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ विकास कार्य करवाने का राज्य सरकार का संकल्प धरातल पर साकार हो सकेगा।

यात्रियों के लिए जरूरी सूचना: कांवड़ यात्रा में पश्चिम यूपी के रूट में बदलाव, 10 जुलाई से डायवर्जन लागू

सहारनपुर यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड़ में आ गया है। इसके तहत पश्चिम यूपी में सुरक्षा की व्यू रचना तैयार कर ली है। सहारनपुर में जिलाधिकारी और एसएसपी ने पैदल मार्च किया। दोनों अधिकारियों ने खामियां मिलने पर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसके साथ ही दस जुलाई से रूट डायवर्जन प्लान भी लागू हो जाएगा। शनिवार को जिलाधिकारी मनीष बंसल और एसएसपी आशीष तिवारी ने घंटाघर से नेहरू मार्केट, श्रीराम चौक, चौकी सराय, शहीदगंज बाजार, दाल मंडी पुल, अरबी मदरसा सहित अनेक इलाकों में पुलिस-फोर्स के साथ पैदल मार्च किया। दोनों अधिकारियों ने मुहर्रम के तहत चल रहे जुलूस के मार्ग भी देखे। इसके साथ ही घंटाघर पर अंबाला रोड और देहरादून रोड (कांवड़ मार्ग) की व्यवस्था देखी। जिलाधिकारी और एसएसपी ने अधीनस्थों को खामियों को दूर करने के निर्देश दिए। वहीं, कांवड़ मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। एसएसपी आशीष तिवारी ने डायल 112 पर तैनात पुलिसकर्मियों की बैठक ली। एसएसपी आशीष तिवारी ने कहा कि सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से पुलिस मौके पर पहुंचे। अंतिम चरण में डायवर्जन थाना गागलहेड़ी क्षेत्र के काली नदी से सरसावा बाईपास कांवड़ मार्ग है। यहां पर डाक कांवड़ सबसे अधिक गुजरती हैं, इसलिए सभी वाहनों को प्रतिबंध किया जाएगा। आटो, ई-रिक्शा, बाइक को भी बंद किया जाएगा। इनके जाने के लिए घंटाघर चौक, आंबेड़कर चौक, दर्पण तिराहे वाले रास्ते खुल रहेंगे। कांवड़ यात्रा मार्ग पर क्रास करने वाले बिंदु आंबेडकर चौक, घंटाघर और दर्पण तिराहा बस स्टैंड की व्यवस्था – 11 जुलाई से 24 जुलाई तक देहरादून रोडवेज बस स्टैंड से हरिद्वार, देहरादून, मेरठ, दिल्ली जाने वाली बसें कांशीराम अस्थायी बस स्टैंड से संचालित होंगी, जिन्हें दिल्ली रोड से चुनहेटी कट से बाईपास होते हुए चलाया जाएगा। – 11 जुलाई से 24 जुलाई तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, गंगोह, नकुड़ जाने वाली रोडवेज बसें मानकमऊ बस स्टैंड से कुम्हारहेड़ा कट से बाईपास होते हुए संचालित होंगी। कांवड़ यात्र के दौरान यह रहेगी यातायात व्यवस्था – सहारनपुर से गाजियाबाद, दिल्ली जाने वाले वाहन अंबाला-देहरादून बाईपास से संचालित होकर सरसावा चौकी, शाहजहांपुर, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत होकर जाएंगे। इसी मार्ग से वापसी होगी। – सहारनपुर से दिल्ली, गाजियाबाद जाने वाली हल्के वाहन गागलहेड़ी, नागल, देवबंद, रोहाना कलां होकर चलेंगे। – सहारनपुर से मुजफ्फरनगर की तरफ जाने वाले हल्के वाहनों को सहारनपुर बाईपास से कोलकी कट, नागल, रोहाना कलां से होकर निकाला जाएगा। – सहारनपुर से यमुनानगर, अंबाला जाने वाले भारी वाहनों को बाईपास से सरसावा चौकी, शाहजहांपुर, यमुनानगर से निकाला जाएगा। इसी मार्ग से वापस होंगे। – सहारनपुर से हरिद्वार जाने वाले भारी वाहन 11 से 17 जुलाई तक सहारनपुर बाईपास से गागलहेड़ी, छुटमलपुर, भगवानपुर, रुड़की होकर जाएंगे। इसके बाद भारी वाहन 18 से 24 जुलाई तक सहारनपुर बाईपास से गागलहेड़ी, छुटमलपुर, चौकी मोहंड, आशारोड़ी चौकी, देहरादून, हरिद्वार निकलेंगे। इसी मार्ग से वापस होंगे। – सहारनपुर से देहरादून जाने वाले भारी वाहन देहरादून बाईपास (देहरादून-अंबाला हाईवे) से गागलहेड़ी, छुटमलपुर, मोहंड चौकी, आशारोड़ी चौकी होकर जाएंगे। – सहारनपुर से शामली की ओर जाने वाले भारी वाहन रामपुर मनिहारान, नानौता, जलालाबाद होकर जाएंगे। हल्के वाहन भी इसी मार्ग से चलेंगे। – यमुनानगर की ओर से आने वाले वाहन शाहजहांपुर से चिलकाना मोड, दुमझेड़ा, बेहट, कलसिया, मुजफ्फराबाद, छुटमलपुर होते हुए भगवानपुर उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करेंगे। इसी मार्ग से वापसी होंगे।  

महानदी उफान पर, हीराकुद बांध के खुले 12 गेट

संबलपुर लगातार बारिश और छत्तीसगढ़ से बढ़ते जल प्रवाह के कारण, हीराकुद बांध के अधिकारियों ने रविवार को जलाशय के बढ़ते जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए इस मौसम का पहला बाढ़ का पानी छोड़ना शुरू किया. सुबह स्लुइस गेट नंबर 7 को खोलकर पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसके बाद अतिरिक्त पानी निकालने के लिए कुल 12 गेट खोल दिए गए. बांध के नियंत्रण कक्ष के अनुसार, सुबह 9 बजे जल स्तर 609.54 फीट दर्ज किया गया. उस समय जलाशय में 1,30,028 क्यूसेक पानी आ रहा था, जबकि 38,164 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. इस कुल डिस्चार्ज में से 34,313 क्यूसेक पानी से बिजली उत्पादन हेतु पावर चैनल के माध्यम से डायवर्ट किया गया, 3,223 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए तथा 234 क्यूसेक पानी औद्योगिक इकाइयों को आपूर्ति के लिए दिया गया. अधिकारियों के अनुसार, सिंचाई हेतु पानी बरगढ़ मुख्य नहर (2,755 क्यूसेक), सासन मुख्य नहर (400 क्यूसेक) और संबलपुर डिस्ट्रीब्यूटरी (68 क्यूसेक) में भेजा गया. जलाशय में बढ़ते जल प्रवाह का एक आंशिक कारण छत्तीसगढ़ स्थित कलमा बैराज के सभी 46 गेटों का हालिया रूप से खोला जाना भी है, जिससे महानदी नदी प्रणाली में जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो पिछले वर्ष हीराकुद बांध से पहली बार बाढ़ का पानी 28 जुलाई को छोड़ा गया था, जब जलाशय का जल स्तर 617.29 फीट तक पहुंच गया था.

OBC को 27% आरक्षण पर सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान, जल्द लेगी सरकार ऐतिहासिक फैसला

भोपाल मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार OBC के लिए 27% आरक्षण लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले यह घोषणा बिना सर्वे और तैयारी के की गई थी, इसलिए इसमें देरी हुई। अब अधिकारियों को कहा गया है कि वे तथ्यों और डेटा के आधार पर विधानसभा के लिए एक बिल बनाएं। मुख्यमंत्री यादव ने यह बात समन्वय भवन में मीडिया से बात करते हुए कही। EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण उन्होंने यह भी कहा कि सरकार EWS के लिए 10% आरक्षण लागू कर रही है। साथ ही, कोर्ट के कारण जिन छात्रों को नियुक्ति नहीं मिल पाई, उन्हें अब नियुक्ति मिलेगी। सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन के मामले भी सुलझा लिए हैं। PM मोदी की पहल के बाद जाति-आधारित जनगणना भी शुरू हो गई है। मूंग की MSP को लेकर शिवराज सिंह को भी लिखा है पत्र मुख्यमंत्री यादव ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मूंग का कम से कम 40% उत्पादन MSP पर खरीदने का लक्ष्य रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग का MSP 8,682 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इस साल मूंग की खेती का रकबा भी बढ़ा है। राज्य का सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा चंबल ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बारे में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि यह जल्द ही राज्य का सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा। उन्होंने किसानों से अपनी जमीन न बेचने की अपील की, क्योंकि यहां तेजी से औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर आने वाले हैं। उन्होंने ग्वालियर में 265.56 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जौरासी गांव में 8 करोड़ रुपये की लागत से डॉ. अंबेडकर धाम बनाया जा रहा है।

मंदिरों के बाहर लगे ड्रेस कोड वाले पोस्टर, मिनी स्कर्ट और क्रॉप टॉप पहनने पर आपत्ति

जबलपुर जिले में एक पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पोस्टर मंदिरों के बाहर लगाया गया जिस पर लिखा है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही कपड़े पहन कर अंदर प्रवेश करें। बताया जा रहा है कि यह पोस्टर हिन्दूवादी संगठन ने शहर के कई मंदिरों के बाहर लगाया है। पोस्टर में कहा गया है कि मिनी स्कर्ट,जींस-टॉप तथा वेस्टर्न कपडे पहनकर आने पर बाहर से दर्शन करें। दरअसल, जबलपुर शहर में महाकाल संघ अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल ने मंदिरों के बाहर पोस्टर लगाया है और उसमें लिखा है, "निवेदन है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही वस्त्र पहनकर प्रवेश करें। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमुंडा, मिनी स्कर्ट, नाईट-शूट, कटी फटी जींस और क्राप टॉप आदि वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने पर मंदिर के बाहर से ही दर्शन करें। बालिकाएं और महिलाएं मंदिर परिसर में सिर ढक कर प्रवेश करें। पोस्टर पर आगे लिखा है कि इसे अन्यथा न लें और भारतीय संस्कृति आपको ही बचानी है। पोस्टर में निवेदक के रूप में महाकाल संघ अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल लिखा हुआ है। शहर भर के 40 मंदिरों में लगेंगे पोस्टर इस पोस्टर को लेकर अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के जिला मीडिया प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया कि ऐसे पोस्टर शहर के लगभग 30 से 40 मंदिरों में लगाए गए हैं। इन पोस्टरों को शहर के अन्य मंदिर में भी लगाया जायेगा। महिलाएं ही धर्म के कार्य में सबसे आगे आती हैं। भारतीय संस्कृति को बचाना उनके हाथों में है। मेरा उनसे निवेदन है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप कपड़े पहनकर मंदिर परिसर में प्रवेश करें। पोस्टर को लेकर वकील ने क्या कहा? वहीं दूसरी ओर पोस्टर के संबंध में अधिवक्ता अंजना कुरलिया का कहना है कि महिला को कैसे कपड़े पहनना है, यह उनका विवेकाधिकार है। महिलाओं के लिए कई प्रकार के कपड़े हैं। प्राचीन भारतीय संस्कृति में बिना सिलाई वाले कपड़े नहीं थे। सिलाई वाले कपड़े ईरान से आये हैं, जिसे पहना जा रहा है। जींस-टीशर्ट सहित वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने वाली महिला व युवती मंदिर आकर ऐसे पोस्टर देखेगी तो उन्हें आघात होगा।

उज्जैन में आस्था का सैलाब: दो वर्षों में 12 करोड़ श्रद्धालु और 1 अरब से अधिक का चढ़ावा

उज्जैन महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है। बीते दो साल में 12.32 करोड़ श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। इससे महाकाल मंदिर में मिलने वाला दान बीते दो वर्ष में एक अरब रुपये को पार कर गया। महाकाल मंदिर में किसी समय 15-20 करोड़ रुपये सालाना दान आता था।   दान राशि में अचानक वृद्धि महाकाल लोक बनने के बाद दान राशि में अचानक वृद्धि हो गई। वर्ष 2023-24 में दान 59.91 करोड़ रुपये रहा। वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 51.22 करोड़ रुपये रहा। यानि दोनों वर्ष का मिलाकर यह आंकड़ा एक अरब को पार कर गया। यह राशि सिर्फ भेंट पेटियों में डाले गए दान की है। गत वर्ष का आंकड़ा 7.32 करोड़ रहा मंदिर में अन्य कमाई भी मिला दो तो आंकड़ा कहीं अधिक है। इसके साथ ही उज्जैन में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या भी बीते दो वर्ष में मिलाकर 12.32 करोड़ रही। गत वर्ष का आंकड़ा 7.32 करोड़ रहा। आने वाले श्रावण मास में श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि का अनुमान है।

उज्जैन में विराजमान अष्ट भैरव को पूर्णिमा पर लगेगा छप्पन भोग, होगी दिव्य महाआरती

उज्जैन आषाढ़ी पूर्णिमा पर 10 जुलाई को भगवान कालभैरव को छप्पन पकवानों का भोग लगाया जाएगा। शहर के अन्य भैरव मंदिरों में भी सुबह अभिषेक पूजन, दिन में हवन अनुष्ठान तथा शाम को महाआरती के आयोजन होंगे। कुल परंपरा अनुसार घरों में भी कुलभैरव का पूजन किया जाएगा। आषाढ़ मास की पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा महाभैरव की पूजा का भी दिन है। मालवा की लोकपरंपरा अनुसार इस दिन घरों में कुल भैरव का पूजन किया जाता है।   भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों का लगेगा तांता धर्मधानी उज्जैन में अष्ट महाभैरव की मान्यता है। इसलिए यह आदि अनादिकाल से भैरव साधना का केंद्र भी रही है। आज भी कालभैरव, विक्रांत भैरव आदि यहां तंत्र के अधिष्ठात्र देवता के रूप में पूजे जाते हैं। भैरव पूर्णिमा पर अष्ट महा भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगेगा। कालभैरव मंदिर के पं.ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया आषाढ़ी पूर्णिमा पर सुबह कालभैरव का भैरव सहस्त्रनामावली से महा अभिषेक होगा।   इसके बाद विशेष शृंगार किया जाएगा। सुबह शाम मदिरा का विशेष भोग लगेगा। शाम को महाआरती होगी। भक्तों को दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार सिंहपुरी स्थित आताल पाताल भैरव, भागसीपुरा स्थित आनंद भैरव, छप्पन भैरव, कालिदास उद्यान स्थित दंडपाणि भैरव, चक्रतीर्थ स्थित बम बटुक भैरव मंदिर में भी अभिषेक, पूजन, शृंगार, महाप्रसादी व महाआरती होगी। सांदीपनि महोत्सव के रूप में मनाएं गुरुपूर्णिमा पंचांगकर्ता, ज्योतिर्विद पं.आनंद शंकर व्यास ने मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव को पत्र लिखकर गुरुपूर्णिमा को सांदीपनि महोत्सव के रूप में मनाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए पं.व्यास ने लिखा है कि पांच हजार साल पहले आपके गृह नगर उज्जैन में मुनि सांदीपनि के आश्रम में प्रथम गुरुकुल की स्थापना हुई थी। भगवान बलराम, श्रीकृष्ण मुनि सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने आए और उसी दिन से गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत हुई। गुरुपूर्णिमा इसी परंपरा का उत्सव रूप है। इसलिए मध्य प्रदेश के स्कूल, कॉलेज में यह उत्सव सांदीपनि महोत्सव के नाम से मनाया जाना चाहिए।