samacharsecretary.com

सौभाग्य देते हैं भगवान श्री गणेश के यह मनोकामना मंत्र

भगवान गणेश सबसे सरल और सुखदायक देवता हैं। उन्हें आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। प्रस्तुत है गणेश जी के मनोकामना पूर्ति मंत्र- मनोवांछित फल प्राप्त करने हेतु भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के सामने अथवा किसी मंदिर में अथवा किसी पुण्य क्षेत्र अथवा भगवान श्री गणेश के चित्र या प्रतिमा के सम्मुख बैठकर अनुष्ठान कर सकते हैं। अनुष्ठानकर्ता पवित्र स्थान में शुद्ध आसन पर बैठकर विभिन्न उपचारों से श्री गणेश का पूजन करें। श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनोवांछित फल प्रदान करने वाले स्तोत्र का कम से कम 21 बार पाठ करें। यदि अधिक बार कर सकें तो श्रेष्ठ। प्रातः एवं सायंकाल दोनों समय करें, फल शीघ्र प्राप्त होता है। कामना पूर्ण हो जाने तक पाठ नियमित करते रहना चाहिए। कुछ एक अवसरों पर मनोवांछित फल की प्राप्ति या तो देरी से हो पाती है अथवा यदाकदा फल प्राप्त ही नहीं होते हैं। फल प्राप्ति के अभाव में विद्वान, ज्योतिषी अथवा संत की शरण लेकर मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए, न कि अविश्वास व कुशंका करके आराध्य के प्रति अश्रद्धा व्यक्त करना चाहिए। विघ्नों के नाश व मंगल विधान के लिए मंत्र… गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः। द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः।। विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः। द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।। विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्। (पद्म पु. पृ. 61।31-33) गणपति, विघ्नराज, लम्बतुण्ड, गजानन, द्वैमातुर, हेरम्ब, एकदन्त, गणाधिप, विनायक, चारुकर्ण, पशुपाल और भवात्मज-ये बारह गणेशजी के नाम हैं। जो प्रातःकाल उठकर इनका पाठ करता है, संपूर्ण विश्व उनके वश में हो जाता है तथा उसे कभी विघ्न का सामना नहीं करना पड़ता। मोक्ष प्राप्ति के लिए मंत्र… परमं धामं, परमं ब्रह्म, परेशं परमेश्वरं विघ्ननिघ्नं करं शांतं पुष्टं कांतमनंतकम सुरा सुरेंद्रे सिद्धेन्द्रे स्तुतं स्तोमि परात्परम सुर पद्म दिनेशं च गणेशं मंगलाय नमः इदं स्तोत्रं महापुण्यं विघ्नशोक हरं परम यह पठेत् प्रातरुत्थाय सर्व विघ्नात् प्रमुच्यते। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणेश मंत्र ऊं नमो विघ्नराजाय, सर्वसौख्य प्रदायिने दुष्टारिष्ट विनाशाय पराय परमात्मने लंबोदरं महावीर्यं, नागयज्ञोपज्ञोभितम अर्धचंद्र धरं देहं विघ्नव्यूह विनाशनम् ऊं ह्रां, ह्रीं ह्रुं, ह्रें ह्रौं हेरंबाय नमो नमः सर्व सिद्धिं प्रदोसि त्वं सिद्धि बुद्धि प्रदो भवं चिंतितार्थं प्रदस्तवं हीं, सततं मोदक प्रियं सिंदूरारुण वस्त्रैश्च पूजितो वरदायकः इदं गणपति स्तोत्रं य पठेद् भक्तिमान नरः तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीं निर्मुंजति। संतान प्राप्ति हेतु मंत्र ऊं नमोस्तु गणनाथाय, सिद्धिबुद्धि युताय च सर्व प्रदाय देहाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च गुरुदराय गरबे गोपुत्रे गुह्यासिताय ते गोप्याय गोपिता शेष, भुवनाय चिदात्मने विश्व मूलाय भव्याय, विश्व सृष्टि कराय ते नमो नमस्ते सत्याय, सत्यपूर्णाय शुंडिने एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः प्रपन्न जन पालाय, प्रणतार्ति विनाशिने शरणंभव देवेश संततिं सुदृढ़ां कुरु भविष्यंति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायकः ते सर्वे तव पूजार्थं निरताः स्युर्वरोमतः पुत्र प्रदं इदंस्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम।  

दुर्लभ खगोलीय घटना: 100 साल बाद पितृपक्ष में दिखेगा सूर्य-चंद्र ग्रहण का संगम

वाराणसी पितरों के श्राद्ध और तर्पण का पक्ष सात सितंबर से शुरू हो रहा है। ज्योतिष और खगोलविदों के अनुसार लगभग 100 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब पितृपक्ष के दौरान चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण दोनों एक पक्ष में पड़ेंगे। ग्रहण की यह घटना पितरों की शांति, तर्पण और कर्मकांड को बेहद खास बनाएगी। साढ़े तीन घंटे के चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले लग जाएगा। जबकि सूर्यग्रहण भारत में दृश्य नहीं होने से सूतक नहीं लगेगा। बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय ने बताया कि काशी के पंचांगों के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत सात सितंबर से हो रही है। प्रतिपदा का श्राद्ध आठ सितंबर को होगा। इस बार नवमी तिथि की हानि हो रही है। पंचमी और षष्ठी तिथि का श्राद्ध 12 सितंबर को होगा। चंद्रग्रहण सात सितंबर को रात 9:57 बजे शुरू होगा और मोक्ष 1:27 बजे होगा। इसके नौ घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी। ग्रहण के दौरान श्राद्धकर्म वर्जित नहीं होते हैं, हालांकि चंद्रग्रहण के सूतक के पूर्व ही तर्पण और श्राद्ध के कार्य हो जाएंगे। वहीं, 21 सितंबर को पितृ विसर्जन पर सूर्यग्रहण पड़ रहा है। सूर्यग्रहण रात 11 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3:24 बजे पर खत्म होगा। हालांकि इस सूर्यग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। इसलिए इसका ज्योतिषीय महत्व है। ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में ग्रहण का लगना शुभ-अशुभ फल को और प्रभावशाली बनाता है। यह घटना पितरों की शांति और तर्पण कर्मकांड को विशेष महत्व देने वाली होगी।

आज का भाग्यफल: 23 अगस्त 2025 को इन राशियों की बढ़ेगी चमक, मिलेगा सौभाग्य और सफलता

मेष राशि– आज आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। अपनों का साथ मिलेगा। कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़ी परेशानियां चिंता का कारण बन सकती है। सिंगल जातकों की लाइफ में प्यार की एंट्री हो सकती है। विवाहित जातक पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताएंगे। वृषभ राशि- आज आपको प्यार का साथ मिलेगा। कुछ जातकों को आज जमीन से जुड़े किसी मामले पर पैसा खर्च करना पड़ सकता है। दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। प्रेम संबंधों में जबरदस्ती करने से बचें। आज आप कार्यस्थल पर खास महसूस करेंगे। व्यापारिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। मिथुन राशि- आज बड़े-बुजुर्गों को अपनी सेहत पर नजर रखने की जरूरत है। आज आपको निवेश करने से बचना चाहिए। परिवार के सदस्यों का साथ मिलेगा। लव लाइफ अच्छी रहेगी। अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। आज आपके वैवाहिक जीवन का सबसे अच्छा दिन बन सकता है। कर्क राशि– आज आपको अपनी सेहत पर नजर रखने की जरूरत है। वर्कप्लेस पर ऑफिस की पॉलिटिक्स पर नजर रखें।। सभी कमिटमेंट और वित्तीय लेनदेन को सावधानी से संभालने की आवश्यकता है। आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य चिंता का कारण बन सकता है। आपको अचानक किसी अनचाही यात्रा पर जाना पड़ सकता है, जिससे परिवार के साथ समय बिताने का आपका प्लान खराब हो सकता है। सिंह राशि– आपका जीवनसाथी आज आपको खुश करने की भरपूर कोशिश करेगा।आपका व्यवहार लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा। वर्कप्लेस पर आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। आर्थिक रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। यात्रा लाभकारी रहने वाली है। कारोबार में वृद्धि के संकेत हैं। कन्या राशि- आज आपको अपनी सेहत पर नजर रखनी चाहिए। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए दिन अच्छा रहने वाला है। माता-पिता की सेहत के प्रति सचेत रहें। नौकरी में विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा। तुला राशि- आज आपका दिन आनंददायक रहने वाला है। शादीशुदा लोगों को अपने बच्चे का खास ख्याल रखने की जरूरत है। सेहत पर नजर रखें। व्यक्तिगत परेशानियां सुलझाने के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है। पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। व्यापारिक स्थिति पहले से अच्छी होगी। वृश्चिक राशि– आज आपका पराक्रम रंग लाएगा और आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। नौकरी के लिए परीक्षा, इंटरव्यू आदि कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। शासन- सत्ता का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। धनु राशि- आज आपको पार्टनर का नजरिया समझकर व्यक्तिगत समस्याएं सुलझानी चाहिए। दिन शुरू से अंत तक काम को लेकर एनर्जेटिक महसूस करेंगे। दिन खुशियों से भरा रहेगा। आज सोच-समझकर पैसा खर्च करें, क्योंकि आपको धन हानि होने की संभावना है। कोई भी नया प्रोजेक्ट लेने से पहले दो बार सोचें। मकर राशि- आज आपका दिन तनाव से भरा हो सकता है। किसी दोस्त की सलाह आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। रुपए-पैसे को उधार देने से बचना चाहिए। परिवार के सदस्यों का साथ मिलेगा। जीवनसाथी की सेहत पर नजर रखना आपके लिए जरूरी है। व्यापार में उन्नति मिल सकती है। संतान का पूरा साथ मिलेगा। कुंभ राशि- आज आपका आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, लेकिन धैर्य से काम लेना आपके लिए अच्छा रहेगा। व्यर्थ के क्रोध से बचें। बातचीत में संतुलित रहें। परिवार की सेहत का ध्यान रखें। खर्चों की अधिकता रहेगी। परिवार के साथ यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा। मीन राशि- आज किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। परिवार में अपनों का साथ मिलेगा। आज आपको अपना पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि घर का कोई बुजुर्ग आपकी आर्थिक मदद कर सकता है। किसी खास व्यक्ति से मुलाकात होने की संभावना है।

नीम करोली बाबा के अनुसार अमीर बनने के 5 अचूक मंत्र

नीम करौली बाबा एक बहुत ही सरल लेकिन चमत्कारी संत थे। उनके पास जो भी गया, उसे जीवन का सही रास्ता मिला, सुकून मिला और उसके जीवन में बदलाव भी आया। बाबा ने सिखाया कि असली समृद्धि कैसे आती है। उनका मानना था कि अगर इंसान अपने मन, सोच और कर्म को सही दिशा में ले जाए, तो पैसा और सुख अपने आप जीवन में आने लगते हैं। बाबा ने हमेशा सच्चे जीवन और अच्छे कर्मों पर जोर दिया। उन्होंने कुछ ऐसे आसान नियम बताए, जो अगर हर इंसान अपनाए, तो ना सिर्फ वह अमीर बन सकता है, बल्कि मन से भी संतुष्ट रह सकता है। चलिए जानते हैं नीम करौली बाबा के अनुसार जीवन में अमीर बनने के लिए क्या करना चाहिए। सेवा भावना को अपनाएं नीम करौली बाबा का सबसे पहला और महत्वपूर्ण संदेश था- निःस्वार्थ सेवाभाव। उनका कहना था कि जब आप बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करते हैं, तो ईश्वर आपको इसके बदले में कई गुना ज्यादा लौटा कर वापस देता है। इसलिए नीम करोली बाबा का कहना मानकर जरूरतमंदो की हमेशा सहायता करनी चाहिए फिर वो चाहे आर्थिक रूप से हो या इमोशनली। जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं, उनके जीवन में पॉजिटिव एनर्जी आती है, जिससे धन की देवी लक्ष्मी उनकी तरफ आकर्षित होती है। हमेशा सच्चाई और ईमानदारी से रहें नीम करौली बाबा हमेशा सत्य और ईमानदारी की राह पर चलने की प्रेरणा देते थे। उनका मानना था कि अगर इंसान सच्चे दिल से अपने कर्म करे और छल-कपट से दूर रहे, तो भगवान खुद उस व्यक्ति को जीवन के सही रास्ते पर ले जाते हैं। जो लोग सच्चाई और ईमानदारी से रहते हैं, उन्हें व्यापार और नौकरी हर जगह पर तरक्की मिलती है, साथ ही सामाजिक तौर पर भी उनकी इज्जत बढ़ती है। ध्यान और भक्ति से जुड़ें नीम करौली बाबा खुद भक्ति और साधना से जुड़े हुए थे। ऐसे में वे दूसरों को भी भक्ति की राह पर चलने की सलाह देते थे। उनका कहना था कि अगर कोई व्यक्ति रोज थोड़ी देर के लिए ध्यान करता है और भगवान का नाम जपता है, तो उसके अंदर की सारी नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है और मन शांत होता है। ऐसे शांत मन के साथ जब कोई व्यक्ति कुछ भी काम करता है तो उसे अपने काम में सफलता जरूर मिलती है। जीवन में उदारता अपनाएं नीम करोली बाबा का कहना था कि धन को कभी भी बांधकर नहीं रखना चाहिए, बल्कि अगर आपके पास धन है तो उससे जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए और दान करना चाहिए। जब आप किसी भूखे को भोजन देते हैं या अनाथ बच्चों की पढ़ाई में सहायता करते हैं, तो इससे आपके जीवन में समृद्धि आती है। कर्म पर भरोसा करें, फल की चिंता ना करें नीम करौली बाबा ने जीवन से जुड़ी एक बहुत ही महत्वपूर्ण सीख दी है कि इंसान को अपना कर्म करना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। जब कोई व्यक्ति पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कर्मों में लगा रहता है, तो उसे जीवन में सफलता जरूर मिलती है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में कभी सुख और समृद्धि की कमी नहीं होती।  

मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू देता है भविष्य के संकेत, समझें इशारे

मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू माना गया है। यह प्रतीक है कि धन-सम्पदा और वैभव तभी स्थिर रहते हैं जब व्यक्ति में विवेक हो। विशेषकर सफेद उल्लू लक्ष्मी जी के शुद्ध और सात्त्विक स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। यह सफाई, पवित्रता और शुभता का द्योतक है। पौराणिक दृष्टि से देखें तो लक्ष्मी जी उल्लू पर विराजमान होकर बताती हैं कि “संसार में धन का उपयोग अंधेरे (अज्ञान) में न हो, बल्कि ज्ञान के साथ हो।” सफेद उल्लू यदि घर की छत, आंगन या आंगन के वृक्ष पर बैठता है तो इसे लक्ष्मी जी का आगमन माना जाता है लेकिन यदि यह बार-बार बैठे और घर की दिशा दक्षिण या पश्चिम हो तो इसे खर्च बढ़ने या परिवार के निर्णयों में भ्रम की स्थिति से भी जोड़ा जाता है। मंदिर की छत या शिखर पर सफेद उल्लू बैठना अत्यंत शुभ है। यह मान्यता है कि वहां दिव्य ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और उस स्थान पर लक्ष्मी कृपा स्थायी होती है। तांत्रिक दृष्टिकोण से इसे स्थिर लक्ष्मी का संकेत भी कहा गया है। धार्मिक विद्वान इसे मां लक्ष्मी की उपस्थिति और आशीर्वाद का प्रतीक मानते हैं। तांत्रिक परंपरा के अनुसार सफेद उल्लू को गुप्त साधनाओं और लक्ष्मी साधना में विशेष महत्व दिया गया है। माना जाता है कि यह साधना को सिद्ध करने वाला पक्षी है। सफेद उल्लू का घर या मंदिर पर बैठना अधिकतर सकारात्मक है, खासकर यदि यह क्षणिक रूप से आए तो। यदि यह बार-बार किसी एक ही घर पर ठहरता रहे तो उसे सावधानी का संकेत मानकर घर की ऊर्जा (साफ-सफाई, दीपक, पूजा) को शुद्ध रखना चाहिए। लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू जो रात्रि में जागता और दिन में सोता है बहुत ही रहस्यमय है जिसे आज तक कोई भी व्यक्ति समझ नहीं पाया है। भारत में प्रत्येक परिवार में उल्लू शुभ व अशुभ दायरे में विद्यमान है। कहते हैं कि उल्लू को संकट से पूर्व में ही अनुभव हो जाता है। इसलिए इसे अपशकुन का प्रतीक माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानों  ने उल्लू के निम्र संकेतों को शुभ व लाभदायक माना है। कहते हैं कि रोगी व्यक्ति को प्राकृतिक रूप से उल्लू छू ले तो वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है। सुबह-सवेरे उल्लू की वाणी सुनना लाभदायक व मंगलकारी है। यदि उल्लू गर्भवती औरत को छूता है तो पुत्री होने का संकेत है। पूर्व दिशा में और वृक्ष पर बैठे उल्लू को देखने और उसकी आवाज सुनने वाले व्यक्ति को धन लाभ होता है। दक्षिण दिशा में उल्लू की आवाज सुनने पर उस व्यक्ति के शत्रुओं का नाश होता है। उल्लू का प्राकृतिक स्पर्श पाने वाले व्यक्ति का जीवन सुख ऐश्वर्य से व्यतीत होता है। यदि यात्रा करते समय उल्लू पीछे उड़ रहा हो या आवाज कर रहा हो तो यात्रा शुभ होती है। यदि उल्लू  उत्तर दिशा की ओर आवाज करे तो सुनने वाले को भयंकर बीमारी होने की संभावना होती है। रात को यदि उल्लू पास बैठकर आवाज करे तो यह मंगल कार्य का सूचक होता है। उल्लू यदि किसी विशेष स्थान पर आकर रोज-रोज रोए तो यह भयंकर दुखदायी घटना का सूचक है। इसके अलावा यदि उल्लू घर के आंगन में मरा मिले तो पारिवारिक कलह का सूचक है। पश्चिम दिशा की ओर बैठे उल्लू की आवाज सुनने वाले व्यक्ति को भयंकर धन हानि होती है। इस प्रकार उल्लू हमेशा हमें शुभ और अशुभ संकेत देता है।

अंतिम कथा: राधा रानी की मृत्यु का पौराणिक विवरण और महत्व

हिंदू धर्म में राधा अष्टमी बहुत ही खास मानी जाती है क्योंकि राधा अष्टमी के दिन राधा रानी की जन्मोत्सव मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है और इस बार राधा अष्टमी 31 अगस्त को मनाई जाएगी. यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 15 दिन बाद मनाई जाती है, जो कि वैष्णव समाज और भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है. इस दिन मंदिरों में विशेष प्रार्थना और कीर्तन वगैरह किए जाते हैं, जो कि राधा रानी को समर्पित होते हैं.  वहीं, हर कोई भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की प्रेम भक्ति से जुड़ी कथाओं से भली भांति परिचित है. लेकिन, कोई ये नहीं जानता है कि राधा रानी की मृत्यु कैसे हुई थी तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कथा के बारे में.  कैसे हुई थी राधा रानी की मृत्यु? पुराणों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था, जबकि राधा जी का जन्म शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हुआ. दोनों का जन्म एक ही तिथि पर हुआ, लेकिन पक्ष अलग थे. कृष्ण जी का जन्म कृष्ण पक्ष में हुआ, जबकि राधा जी का जन्म शुक्ल पक्ष में. इसी वजह से जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधा अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है.  राधा रानी के पिता का नाम वृषभानु था और माता का नाम कीर्ति था. राधा जी का जन्म बरसाने में हुआ था और उनका पालन-पोषण वहीं हुआ. वह वृंदावन में खेलने के लिए भी आती थीं और उनका भगवान कृष्ण के साथ जो प्रेम था, वह अत्यंत दिव्य और अलौकिक था. कहते हैं कि जब कृष्ण जी अपनी बांसुरी बजाते थे, तो उसकी ध्वनि सुनकर सारी गोपियां, खासकर राधा जी, पूरी तरह मोहित हो जाती थीं. भगवान कृष्ण और राधा रानी के विवाह का उल्लेख अधिकांश पुराणों में नहीं मिलता, लेकिन ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णन है कि भांडीरवन में ब्रह्मा जी ने उनका विवाह कराया था. आज भी भांडीरवन में वह स्थान मौजूद है जहां यह विवाह संपन्न हुआ था.   ऐसे हुई थी राधा रानी की मृत्यु भगवान कृष्ण के मथुरा और फिर द्वारका जाने के बाद राधा जी से मिलना मुश्किल हो गया था. बाद में एक बार वे कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण के दौरान मिले थे. अंत में राधा रानी अपने जीवन के प्रमुख कर्तव्यों से मुक्त होकर द्वारका आईं, जहां कृष्ण जी ने उन्हें महल में एक सम्मानित पद दिया. परंतु महल की शाही जिंदगी में वह दिव्य प्रेम महसूस नहीं कर पाईं, इसलिए वह जंगल के पास एक गांव में रहने चली गईं थी. धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. अपने अंतिम समय में वे कृष्ण जी को बुलाती हैं. कृष्ण जी उन्हें बांसुरी की मधुर धुन सुनाते हैं, जैसे वृंदावन की याद दिलाते हुए. बांसुरी की धुन सुनते-सुनते राधा रानी अपने शरीर का त्याग कर देती हैं और उनकी आत्मा भगवान कृष्ण के अंदर विलीन हो जाती है. यही कथा पुराणों में सबसे अधिक प्रमाणित मानी जाती है. यही वह दिव्य प्रेम कहानी है जो हमें राधा-कृष्ण के पवित्र रिश्ते की गहराई महसूस कराती है.

आज का राशिफल: 22 अगस्त को किस्मत चमकाएगी इन राशियों के लिए

मेष राशि– आज का दिन आपके लिए अच्छा रहने वाला है। मानसिक शांति मिल सकती है। काम का तनाव आपको परेशान कर सकता है। परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। आपके जीवनसाथी की सेहत तनाव और चिंता का कारण बन सकती है। आर्थिक रूप से आप अच्छे रहेंगे। वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों को आज आर्थिक लाभ मिलेगा। कार्यस्थल पर आपको स्किल और प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। रोमांटिक लाइफ अच्छी रहेगी। व्यवसायिक सफलता मिल सकती है। किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। मिथुन राशि- आज का दिन आपके लिए मौज-मस्ती भरा रहने वाला है। किसी अटके हुए मामलों को आप पूर्ण कर सकते हैं। करियर में आप नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। जीवनसाथी का भरपूर साथ मिलेगा। व्यवसाय में विस्तार के योग हैं। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। कर्क राशि- आज आपको अपने किसी करीबी व्यक्ति का सहयोग मिल सकता है। किसी मित्र की आर्थिक मदद करनी पड़ सकती है। अपनों का साथ मिलेगा। आर्थिक रूप से स्थिति सामान्य रहने वाली है। व्यापारिक विस्तार के योग हैं। आर्थिक रूप से सतर्कता बरतें। सिंह राशि- आज आपको अपनी बातचीत में बैलेंस बनाकर चलने की जरूरत है। परिवार में अपनों में वृद्धि होगी। कुटुंबों में वृद्धि होगी। धन की बचत करके चलें, वरना भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसाय में उन्नति के संकेत हैं। कन्या राशि- आज आपका मन परेशान रहेगा। आत्मविश्वास में कमी रहेगी। नौकरी में बदलाव के साथ तरक्की के अवसर मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी, लेकिन स्थान परिवर्तन भी हो सकता है। भौतिक सुख-संपदा बढ़ेगी। कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। तुला राशि- आज आपके जीवन में खुशियों का आगमन होगा। माता-पिता का सहयोग मिलेगा। आर्थिक परेशानियां खत्म हो सकती हैं। कार्यस्थल पर आपकी मुलाकात किसी अद्भुत व्यक्ति से हो सकती है। दिन की शुरुआत थोड़ी थकाऊ हो सकती है, लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेगा आपको अच्छे परिणाम मिलने लगेंगे। वृश्चिक राशि– आज मन में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। बौद्धिक कार्यों से आय में वृद्धि होगी। व्यापारिक स्थिति पहले से अच्छी हो जाएगी। धनु राशि- आज किसी करीबी व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। आपका अपने जीवनसाथी के साथ तनावपूर्ण संबंध रहेगा और गंभीर कलह हो सकती है। आज आपको कार्यस्थल पर कड़ी मेहनत का परिणाम मिलेगा। आपको पदोन्नति मिलने की संभावना है। आर्थिक लाभ के बारे में न सोचें क्योंकि अंत में आप ही लाभार्थी होंगे। मकर राशि– जीवनसाथी के साथ आपको अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। जब आप किसी कंपनी में हों तो आप क्या कहते हैं, इस पर नजर रखें- आपकी आवेगपूर्ण टिप्पणियों के लिए आपकी कड़ी आलोचना हो सकती है। मेहनत का पूरा फल मिल सकता है। व्यापार में तरक्की मिल सकती है। कुंभ राशि– आज आपको किसी टास्क के लिए तुरंत एक्शन लेने की जरूरत पड़ सकती है। निवेश का अच्छा रिटर्न मिल सकता है। आज आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। व्यवसाय में तरक्की मिल सकती है। मीन राशि- आज आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, लेकिन मन में उतार-चढ़ाव भी रहेंगे। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। किसी खास व्यक्ति से सरप्राइज गिफ्ट मिल सकता है।

कब है भाद्रपद अमावस्या? पूजा, स्नान और दान का महत्व व सही मुहूर्त

हिंदू धर्म में अमावस्या को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन पितरों की पूजा की जाती है. भाद्रपद माह की अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या या पिठोरी अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य किया जाता है. इस बार भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त को है क्योंकि यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है इसलिए इसको शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.  भाद्रपद अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त पंचांग के अनुसार, भाद्रपद अमावस्या की तिथि 22 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 23 अगस्त, शनिवार के दिन सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त को ही मनाई जाएगी.  स्नान-दान मुहूर्त- इस दिन स्नान दान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगा.  भाद्रपद अमावस्या 2025 पूजन विधि  इस दिन किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें. गायत्री मंत्र का पाठ करें. इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें. पितरों का तर्पण करें और उनके मोक्ष की कामना करें. पूजा-पाठ के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र का दान करें. इस दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है. भाद्रपद अमावस्या के दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल की पूजा करती हैं. भाद्रपद अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करके कमजोर चंद्रमा को बलवान किया जा सकता है.  भाद्रपद अमावस्या के उपाय  1. भाद्रपद अमावस्या पर खीर बनाकर शिवजी को अर्पित करें. कुछ अंश पितरों के नाम से भी निकालें. शिवजी को अर्पित की हुई खीर निर्धनों में बांटें. पितरों की खीर किसी पशु को खिला दें. सफेद चंदन की लकड़ी नीले धागे में बांधकर पहन लें.  2. पारिवारिक समस्या के लिए स्नान करके नारंगी वस्त्र धारण करें. भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा करें. उनके समक्ष "ऊं गौरीशंकराय नमः" का जप करें. सात्विक भोजन बनाकर दान करें.

कब है गणपति उत्सव? गणेश चतुर्थी की तिथियां और पूजा विधि

सनातन परंपरा में भगवान गणेश जी एक ऐसे देवता हैं, जिनकी सबसे पहले पूजा होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार विघ्न-विनाशक भगवान श्री गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर मध्यान्ह के समय हुआ था. यही कारण है कि गणपति के भक्त इस पावन तिथि का इंतजार पूरे साल करते हैं और इस दिन बड़ी धूम-धाम से उनकी अपने घर-आंगन आदि में स्थापना करते हैं. इस साल कब बिठाए जाएंगे गणपति? कब और कैसे करें गणेश पूजा? कब होगी उनकी विदाई? आइए इसे विस्तार से जानते हैं. गणेश पूजा से जुड़ी परंपरा सनातन परंपरा में गणेशोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी के दिन होती है और वह अनंत चतुर्दशी के दिन जाकर पूर्ण होता है. ऐसे में गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए उनके भक्त हर साल गणेश चतुर्थी के दिन उन्हें अपने घर पर लाते हैं और उनकी विधि-विधान से पूजा करने के बाद एक दिन बाद या फिर दसवें दिन अनंत चतुर्दशी पर किसी नदी, पवित्र सरोवर या फिर समुद्र में ले जाकर विधि-विधान से विसर्जन करते हैं. गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी को घर में बिठाने के लिए दोपहर का समय चुनें क्योंकि हिंदू मान्यता के अनुसार उनका जन्म इसी समय हुआ था. पंचांग के अनुसार इस साल भगवान श्री गणेश जी की मध्यान्ह पूजा का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त 2027, बुधवार के दिन रहेगा। इस दिन गणेश भक्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट के बीच श्री गणेश जी की पूजा कर सकेंगे। इस प्रकार गणपति के भक्तों को उनकी पूजा करने के लिए लगभग ढाई घंटे मिलेंगे. कैसे करें गणपति की पूजा हिंदू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भक्त को प्रात:काल स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले गणेश चतुर्थी व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद घर के ईशान कोण में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणपति की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए. इसके बाद गणेश जी पर गंगाजल छिड़कर उनका स्नान कराएं और फिर उसके बाद सिंदूर का तिलक लगाकर पूरे विधि-विधान से पूजा करें. गणेश चतुर्थी की पूजा में गणपति को उनकी प्रिय चीजें जैसे दूर्वा, नैवेद्य, मोतीचूर का लड्डू, मोदक, नारियल, गन्ना, आदि अर्पित करने के बाद उनकी चालीसा या फिर गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए. पूजा के अंत में घंटा, घड़ियाल, शंख, मजीरा आदि के साथ उनकी आरती करना चाहिए. गणेश चतुर्थी के दिन सायंकाल भी विधि-विधान से गणपति की पूजा का यह क्रम दोहराएं और किसी ब्राह्मण या पुजारी को भोजन-प्रसाद कराने के बाद स्वयं भी ग्रहण करें. कब होगा गणपति विसर्जन? हिंदू मान्यता के अनुसार 10 दिनों तक भगवान श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने के बाद जब उनकी विदाई का समय आता है तो वह​ दिन उनकी कृपा पाने का सबसे उत्तम दिन होता है. यही कारण है कि इस दिन गणेश भक्त गाजे-बाजे के साथ उनको शुभ मुहूर्त में विदा करते हैं. पंचांग के अनुसार इस साल गणपति विसर्जन 06 सितंबर 2025 को हागा.

राशिफल 21 अगस्त 2025: गुरुवार का दिन इन 5 राशियों पर बरसाएगा खुशियों की बारिश

मेष राशि- आज आप मानसिक तनाव से मुक्त रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। बेवजह खर्च करना आपके भविष्य पर कितना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। कार्यस्थल पर आपको तरक्की मिल सकती है। वृषभ राशि- आज आपको ऑफिस में उन्नति मिल सकती है। किसी खास व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। अपना आर्थिक पक्ष मजबूत करने के लिए कोई महत्वपूर्ण सलाह दे सकता है। आपका आकर्षण और व्यक्तित्व आपको कुछ नए दोस्त बनाने में मदद करेगा। जीवनसाथी के साथ रिश्ते खराब होने की आशंका है। मिथुन राशि- धन से जुड़े मामलों को लेकर जीवनसाथी के साथ आपकी बहस होने की संभावना है। आपको बेकार के खर्चों से बचे की जरूरत है। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि हेगी। अचानक रोमांटिक मुलाकात होने की संभावना है। आपका जीवनसाथी आज काफी रोमांटिक नजर आ रहा है। कर्क राशि- आज आपके विनम्र स्वभाव की तारीफ कर सकता है। आपका जीवनसाथी आपके लिए कुछ खास कर सकता है। कार्यस्थल पर किसी कलीग का सहयोग मिलेगा। आर्थिक रूप से आप अच्छे रहेंगे। संतान पक्ष का साथ मिलेगा। दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। सिंह राशि- आज आपका मन परेशान रह सकता है। आज फिट रहने के लिए दिन की शुरुआत एक्सरसाइज से करें। वित्तीय प्लानिंग बनाकर चलें, वरना आर्थिक बजट बिगड़ सकता है। यात्रा से बचें। आज कोई व्यक्ति आपके जीवनसाथी में बहुत ज्यादा रुचि ले सकता है, लेकिन दिन के अंत में आपको एहसास होगा कि कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। कन्या राशि- आज आपका आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, लेकिन धन की स्थिति को लेकर मन में उतार-चढ़ाव भी रहेंगे। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। जीवनसाथी से कोई सरप्राइज गिफ्ट मिल सकता है। तुला राशि- आज आपकी सेहत अच्छी रहेगी। कार्यस्थल पर किसी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिल सकती है। व्यापारिक स्थिति में सुधार होगा। अप्रत्याशित लाभ के संकेत हैं। कोई फैसला बहुत जल्दबाजी में न लें। आपका लवर आपसे कुछ खास करने की उम्मीद कर सकता है। वृश्चिक राशि– मन में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। बौद्धिक कार्यों से आय में वृद्धि होगी। नौकरी में बदलाव के साथ तरक्की के अवसर मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी, परंतु स्थान परिवर्तन भी हो सकता है। धनु राशि- आपके सेंसटिव व्यवहार के कारण किसी मित्र को परेशानी हो सकती है। आज आपको परिवार का सहयोग मिलेगा। आर्थिक रूप से आप अच्छे रहेंगे। व्यापार में विस्तार के योग हैं। रोमांस के लिए दिन अच्छा नहीं रहने वाला है। मकर राशि– आज अपने आप को छोटी बातों से परेशान नहीं होने दें। किसी करीबी व्यक्ति से अनबन से संकेत हैं। आज आपका किसी करीबी से झगड़ा हो सकता है और मामला कोर्ट-कचहरी तक पहुंच सकता है। खर्च की अधिकता रहने वाली है। परिवार के साथ यात्रा पर जा सकते हैं। कुंभ राशि- आज आपको अपने व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिल सकता है, लेकिन दिन के अंत तक चीजें सामान्य हो जाएंगी। आर्थिक व व्यापारिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। कार्यस्थल पर आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिताएंगे। मीन राशि– क्रोध के अतिरेक से बचें। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी, परंतु खर्चों की अधिकता रहेगी। परिवार का साथ मिलेगा। परिवार की सेहत ध्यान रखें। पिता का साथ मिलेगा। बौद्धिक कार्यों में मान-सम्मान मिलेगा।