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कलेक्टर के मार्गदर्शन में क्रेडाई और प्रथम फाउंडेशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

धमतरी जिले के कौशल प्राप्त युवाओं को बेहतर प्लेसमेंट से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए आज कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में द कॉन्फीडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया क्रेडाई और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से राज्य समन्वयक स्किलिंग प्रोग्राम डॉ. विद्यासागर तथा क्रेडाई की ओर से राज्य सचिव श्री अभिषेक ने कलेक्टर श्री मिश्रा की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस एमओयू के माध्यम से जिले के ऐसे युवा, जो इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, वेल्डिंग, मेसन जैसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें अब क्रेडाई के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित निर्माण स्थलों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे न केवल उन्हें अच्छी आमदनी मिलेगी, बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा।          कलेक्टर श्री मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें रोजगार से जोड़ना ज़रूरी है, और इस एमओयू के माध्यम से जिले में इस दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है। कार्यक्रम में जिला कौशल विकास प्राधिकरण के सहायक संचालक डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता, प्रथम से श्री दिनेश बोरसे एवं श्री मोतीलाल, क्रेडाई से राज्य चेयरपर्सन श्री मृणाल गोलछा सहित दोनों संस्थाओं के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

प्रगति की समीक्षा को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई समय-सीमा बैठक

धमतरी कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक आयोजित हुई। बैठक में उन्होंने जिले के विभिन्न विकास और प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर श्री मिश्रा ने आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी बच्चों के प्रमाण पत्र समय सीमा में तैयार कराना सुनिश्चित करें। इस संबंध में अब तक बनाए गए प्रमाण पत्रों की जानकारी भी ली गई। डूबान क्षेत्र में खाद-बीज की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता कलेक्टर ने डूबान प्रभावित क्षेत्रों में खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण की स्थिति की जानकारी लेते हुए कहा कि विशेष रूप से पट्टाधारी किसानों को किसी भी स्थिति में खाद-बीज की कमी न हो। यदि कहीं पर भी कमी या शिकायत की जानकारी मिले, तो तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाए। भंडारण और वितरण की व्यवस्था सुदृढ़ रखने के निर्देश भी उन्होंने दिए। ई-ऑफिस प्रणाली को अपनाने पर विशेष जोर बैठक में कलेक्टर ने बताया कि जिले में ई-ऑफिस प्रणाली का विधिवत शुभारंभ हो चुका है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि एक सप्ताह के भीतर सभी शासकीय पत्राचार एवं फाइलें केवल ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से ही भेजी जाएं। किसी भी प्रकार की तकनीकी परेशानी की स्थिति में एनआईसी या तकनीकी टीम से मार्गदर्शन लेने को कहा। ई-ऑफिस में नोटशीट लेखन, दस्तावेज संलग्न करना, फाइल भेजना आदि प्रक्रियाओं को पूरी तरह समझने का आग्रह किया। अधिकारियों को आदिवासी छात्रावासों के निरीक्षण के निर्देश कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि जिन अधिकारियों ने अब तक आदिवासी छात्रावासों का फील्ड विजिट नहीं किया है, वे शीघ्रता से निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बरसात में क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों पर शीघ्र कार्रवाई पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई पुल-पुलियों की मरम्मत एवं नवनिर्माण के प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजें, ताकि लोगों को परेशानी न हो। कलेक्टर ने कमजोर पुल-पुलियों के पास सूचना पटल भी लगाने के निर्देश दिए। पंचायत अवार्ड हेतु ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन कलेक्टर ने पंचायत अवार्ड हेतु स्वास्थ्य, कृषि, पंचायत, समाज कल्याण, राजस्व, पशु चिकित्सा आदि विभागों के तय मापदंडों के आधार पर 4-5 ग्राम पंचायतों के चयन का निर्देश दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि निर्धारित मानकों के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का चिन्हांकन नहीं किया गया, जो अस्वीकार्य है। आयुष्मान एवं वयोवृद्ध कार्ड शत-प्रतिशत बनाएं   बैठक में उन्होंने जिले में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड एवं वयोवृद्ध कार्ड निर्माण को भी प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रोमा श्रीवास्तव (वीसी माध्यम से), सभी एसडीएम एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री मिश्रा ने बैठक में कहा कि आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस जिले में पूरे हर्षोल्लास और गरिमामय ढंग से मनाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारियां भी सौंपी हैं। कलेक्टर ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के लिए सौंपी गई जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारियों की जानकारी दी।

राशन वितरण के कार्यां में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

महासमुंद : समय सीमा बैठक में कलेक्टर ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश, विकास कार्यों में गति लाने पर जोर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर तत्काल अमल करें, सभी विभाग ई-ऑफिस का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें राशन वितरण के कार्यां में लापरवाही बर्दाश्त नहीं महासमुंद कलेक्टर श्री विनय कुमार ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक लेकर जिले के विभिन्न विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में शासन की प्राथमिकताओं, जन घोषणाओं, योजनाओं और आगामी आयोजनों को लेकर निर्देश दिए गए तथा जन शिकायत, जनदर्शन, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, जवाब दावा आदि की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू एवं श्री रविराज ठाकुर, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान की गई घोषणाओं पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि घोषणाओं पर अमल करते हुए कार्य प्रारम्भ करें।  जनपद सीईओ और निर्माण एजेंसियां इस कार्य को गंभीरता से लें और जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने गढ़फुलझर में पर्यटन के क्षेत्र में की गई घोषणाओं पर त्वरित अमल करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर ने समग्र शिक्षा अंतर्गत अपूर्ण एवं अप्रारम्भ कार्यों को प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। अनुकम्पा के रिक्त पदों की जानकारी सभी प्रभारी अधिकारियों को दिए गए है ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने शासन की महत्वपूर्ण ई-ऑफिस कार्यक्रम को सभी कार्यालयों में लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही प्रेषित किए जाए। इस संबंध में बैठक के दौरान अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया। कलेक्टर ने खाद वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी निजी दुकान में खाद का अवैध भंडारण पाए जाने पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। कृषि उप संचालक ने बताया कि जिले में वर्तमान में 18234 मीट्रिक टन खाद शेष है। उन्होंने बताया कि 469 मीट्रिक टन डीएपी खाद की खेप भी पहुंची है। जिसे जल्द ही समितियों तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में किसानों से संबंधित योजनाओं की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया कि किसानों का पंजीयन अनिवार्य किया जाए। बिना पंजीयन के कृषक उन्नति योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इसके लिए राजस्व, कृषि और सहकारी विभाग मिलकर व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि कोई भी पात्र किसान वंचित न रह जाए। धान संग्रहण एवं उठाव केंद्रों की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि बारिश को ध्यान में रखते हुए केंद्रों की मरम्मत गिट्टी व मुरम से की जाए ताकि धान को नुकसान न हो।  मोर गांव मोर पानी’ अभियान के तहत अब तक जनभागीदारी से जल संचयन हेतु 144 इंजेक्शन वेल और 4777 सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा चुका है। इस कार्य की सराहना करते हुए कलेक्टर ने निर्माण कार्यों की सतत निगरानी के निर्देश दिए। सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया जनभागीदारी से बन रहे जल संचयन के कार्यां में शिक्षा विभाग द्वारा 987, महिला बाल विकास द्वारा 531, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 29 एवं जिला पंचायत द्वारा 3241 गड्ढों का निर्माण जनभागीदारी से किया गया है। कलेक्टर ने कहा सभी एसडीएम फील्ड में जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करें और गुणवत्ता की निगरानी करें। कलेक्टर ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु नालियों और पानी की टंकियों की सफाई के निर्देश दिए गए। सभी नगरीय निकायों को सघन स्वच्छता अभियान चलाने को कहा गया। कलेक्टर ने राशन वितरण और आयुष्मान कार्ड निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, जनहित के कार्यों में पारदर्शिता सर्वोपरि है। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बैठक में राजस्व प्रकरणों, सुशासन तिहार, पीएम जनमन योजना आदि की भी समीक्षा की गई। पीएमजनमन अंतर्गत सभी विकास के संकेतांकों को 15 अगस्त के पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शहर और गांवों के मुख्य मार्गों से आवारा पशुओं को तत्काल हटाया जाए। इससे यातायात व्यवस्था सुधरेगी और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी। सभी नगरीय निकायों और पंचायतों को संयुक्त कार्यवाही करने को कहा गया। सभी विभागों को अपने कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और समय सीमा में कार्य पूर्ण करने को कहा गया। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र और प्रभावी निराकरण सुनिश्चित किया जाए। 

मैत्री विद्या निकेतन में अलंकरण और शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न

रिसाली मैत्री विद्या निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रिसाली में सत्र 2025-26 का अलंकरण एवं शपथ ग्रहण समारोह हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस गरिमामय कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्था की अध्यक्ष श्रीमती राजम सुधाकरन तथा विशिष्ट अतिथि संस्था के प्रबंधक श्री एस. सजीव रहे। समारोह का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत में प्रतीक स्वरूप नन्हा वनस्पति भेंट कर किया गया। साक्षात्कार द्वारा चयनित विद्यार्थी पदाधिकारियों को मुख्य मंच पर अलंकृत कर उनके कर्तव्यों का शपथ ग्रहण कराया गया। विद्यालय हेड बॉय ऋषभ प्रधान (कक्षा 12) एवं हेड गर्ल अंकिता कुर्रे (कक्षा 12) को मुख्य अतिथियों द्वारा बैज एवं शैश प्रदान किए गए। वाइस हेड बॉय अनिर्बान मुखर्जी (कक्षा 11) तथा वाइस हेड गर्ल श्रेया कोठारी (कक्षा 12) को भी उनके दायित्व सौंपे गए। विद्यालय की प्रबंधक एवं प्राचार्या डॉ. सजीता थंबी ने सभी पदाधिकारियों को विद्यालय की गरिमा एवं उत्तरदायित्व बनाए रखने की शपथ दिलाई। उप प्राचार्या डॉ. बीना सजीव ने हाउस कैप्टंस को हाउस की जिम्मेदारी निभाने तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। वहीं प्रधान अध्यापिका श्रीमती निशी साजन ने डिसिप्लिन कैप्टंस को विद्यालय अनुशासन को बनाए रखने के लिए शपथ ग्रहण कराया। अपने स्वागत संबोधन में डॉ. सजीता थंबी ने कहा कि विद्यालय की गतिविधियों, अनुशासन एवं विकास की जिम्मेदारी अब नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के कंधों पर है। उन्होंने हाउस कैप्टंस एवं डिसिप्लिन कैप्टंस की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर सभी गणमान्य अतिथियों ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। हेड बॉय और हेड गर्ल ने विद्यालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने विचार साझा किए और दी गई जिम्मेदारियों को निष्ठा एवं समर्पण के साथ निभाने का संकल्प लिया। समारोह का संचालन श्रीलता धावला ने किया। कार्यक्रम में संस्था के गणमान्य अधिकारीगण एवं विद्यालय परिवार के सदस्यगण उपस्थित रहे।

रायपुर : स्वच्छता से स्वावलंबन की मिसाल : राजकुमार की कहानी बनी ग्रामीण विकास का प्रेरणास्रोत

रायपुर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत दुर्ग जिले की ग्राम पंचायत अण्डा ने एक ऐसी पहल की है, जो स्वच्छता को आजीविका से जोड़कर ग्रामीण विकास की दिशा में एक नया आदर्श प्रस्तुत करती है। यह पहल न केवल एक शौचालय परिसर के निर्माण तक सीमित रही, बल्कि इसके माध्यम से एक ज़रूरतमंद ग्रामीण को सम्मानजनक और स्थायी आजीविका भी प्रदान की गई। यह कहानी है श्री राजकुमार टंडन की, जो पहले एक ठेले में पान की दुकान चलाते थे। सीमित आमदनी और अस्थिरता से जूझते हुए वे जीवनयापन कर रहे थे। लेकिन ग्राम पंचायत अण्डा की दूरदर्शी सोच और स्वच्छ भारत मिशन के सहयोग से उनकी ज़िंदगी ने एक नया मोड़ लिया। ग्राम पंचायत ने बस स्टैंड और मुख्य सड़क से लगे शौचालय परिसर के भीतर एक कक्ष को दुकान के रूप में विकसित कराया। वर्ष 2024 में 5 लाख रूपए की लागत से यह संपूर्ण परिसर निर्मित हुआ, जिसमें सार्वजनिक सुविधा के साथ एक आजीविका केंद्र की व्यवस्था भी की गई। यह दुकान राजकुमार को निःशुल्क आवंटित की गई। आज राजकुमार इस पक्की दुकान में पान, ठंडा पेय और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बेचते हैं। पहले जहाँ उनकी आय सीमित थी, अब वे प्रत्येक माह लगभग 12  हज़ार की आय अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने स्वयं एक फ्रिज भी खरीदा है, जो कभी उनके लिए कल्पना से परे था। इसके साथ ही वे परिसर की स्वच्छता और रखरखाव की ज़िम्मेदारी भी निभा रहे हैं। उनका समर्पण आज उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बना चुका है, बल्कि वे गाँव के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए हैं। राजकुमार ने इस बदलाव के लिए जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत अण्डा का आभार व्यक्त किया है। ग्राम पंचायत अण्डा की यह पहल एक समग्र ग्रामीण विकास मॉडल के रूप में उभर रही है। जहाँ शौचालय केवल स्वच्छता का प्रतीक नहीं, बल्कि स्वाभिमान और स्वावलंबन का केंद्र बन गया है। यह मॉडल सिद्ध करता है कि यदि सोच दूरदर्शी हो, तो स्वच्छता भी रोज़गार और सम्मान का माध्यम बन सकती है।यह उदाहरण अन्य ग्राम पंचायतों के लिए एक पथप्रदर्शक की भूमिका निभा सकता है।

राजनांदगांव के नागरिक प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट

प्रयास विद्यालय, नालंदा परिसर सहित विभिन्न विकास कार्यों के लिए जताया आभार रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से  छत्तीसगढ़ विधानसभा के समिति कक्ष में राजनांदगांव जिले के नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ निरंतर जनहित में कार्य कर रही है।  प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए सभी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध रूप से ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को सुगम, सरल और सुलभ सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायत दिवस’ के अवसर पर प्रदेश की चयनित ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्रों की शुरुआत की गई है। इन केंद्रों के माध्यम से अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह पहल ग्रामीणों को डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में प्रदेश की अन्य पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। राजनांदगांव से आए नागरिक प्रतिनिधिमंडल ने जिले में प्रयास विद्यालय, नालंदा परिसर, एवं अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगांव जिले में बीते डेढ़ वर्षों के भीतर पेयजल विस्तार, सड़क निर्माण, और अन्य अधोसंरचनात्मक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के विभिन्न निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनका प्रत्यक्ष लाभ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को मिल रहा है। यह जनकल्याण और विकास की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार संतुलित, समावेशी और सतत विकास के सिद्धांतों पर कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ को सतत विकास की  ओर अग्रसर करने के लिए कटिबद्ध है। इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी, श्री कोमल राजपूत, त्रिस्तरीय पंचायत पदाधिकारीगण और राजनांदगांव जिले के गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।

स्वास्थ्य से खिलवाड़! छत्तीसगढ़ में सप्लाई की गई दवाएं पाई गईं अमानक, उपयोग पर रोक

रायपुर प्रदेश में मरीजों की सेहत से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन (सीजीएमएससी) की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। इस बार अस्थमा, एलर्जी, गठिया और आंतों में सूजन के इलाज में दी जाने वाली प्रेडनिसोलोन टैबलेट (दवा कोड D-427) के एक बैच की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। संभावित खामी सामने आने के बाद दवा निगम ने इसके उपयोग और वितरण पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि जब तक अगला आदेश न मिले, तब तक इस टैबलेट का इस्तेमाल और वितरण न किया जाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रेडनिसोलोन टैबलेट बैच नंबर T-240368 (निर्माण तिथि: 01 जुलाई 2024, समाप्ति तिथि: 30 जून 2026, निर्माता: सनलाइफ साइंसेस) की गुणवत्ता संदिग्ध मानी जा रही है। इस टैबलेट का उपयोग सूजन, एलर्जी, अस्थमा, त्वचा रोग, जोड़ों के दर्द और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है। क्या है खतरा? स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, संदेह है कि यह दवा अमानक गुणवत्ता की हो सकती है। जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन प्राथमिक रूप से यह माना जा रहा है कि दवा में कोई तकनीकी या निर्माण संबंधी खामी हो सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले भी सीजीएमएससी द्वारा खरीदी गई दवाओं और सामग्री में गंभीर खामियां पाई जा चुकी हैं। बीते सप्ताह ही सर्जिकल ब्लेड की गुणवत्ता खराब होने का मामला सामने आया था। अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश रायपुर और बलौदाबाजार जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि उनके पास यह दवा मौजूद है, तो उसे अलग सुरक्षित स्थान पर रख दें और किसी मरीज को इसका वितरण न करें। आदेशों के उल्लंघन पर जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। बार-बार दोहराई जा रही लापरवाही यह पहला मामला नहीं है जब सीजीएमएससी द्वारा खरीदी गई दवाएं अमानक पाई गई हों। पिछले एक वर्ष में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेडनिसोलोन जैसी स्टेरॉइड दवा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है। यदि यह खराब गुणवत्ता की हो, तो इसके दुष्परिणाम जानलेवा हो सकते हैं। बिना परीक्षण के इस तरह की दवाओं को अस्पतालों तक भेजना सीधे मरीजों की जान से खिलवाड़ करने जैसा है।  प्रदेश में मरीजों की सेहत से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन (सीजीएमएससी) की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। इस बार अस्थमा, एलर्जी, गठिया और आंतों में सूजन के इलाज में दी जाने वाली प्रेडनिसोलोन टैबलेट (दवा कोड D-427) के एक बैच की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं।

महासमुंद : एक दिवसीय बैंकर्स प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न

महासमुंद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना के अंतर्गत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री एस. आलोक के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिवसीय बैंकर्स प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 112 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें विभिन्न बैंकों के अधिकारी, ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर, एरिया कोऑर्डिनेटर, एफएल एंड सीआरपी, बीमा सखी, पीआरपी एवं अन्य फील्ड स्टाफ शामिल रहे। कार्यशाला का उद्देश्य बैंकर्स और फील्ड स्टाफ को वित्तीय प्रक्रियाओं की जानकारी देना था, ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में और अधिक प्रभावी, समन्वित एवं परिणाम मुखी भूमिका निभा सकें। कार्यशाला में बिहान योजना की अवधारणा और उद्देश्यों की समझ, स्वयं सहायता समूह के क्रेडिट लिंकेज की प्रक्रिया, उद्यम वित्त के अवसर, बीसी सखी मॉडल की संरचना एवं संचालन प्रक्रिया, सरकारी बीमा योजनाओं की जानकारी नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स की समस्या और समाधान के उपाय, कम्युनिटी बेस्ड रिकवरी मैकेनिज्म कमेटी की भूमिका जैसे प्रमुख विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही फाइनेंशियल लिटरेसी कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। उन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, स्व सहायता समूह के सदस्यों को बैंकिंग से जोड़ने और दस्तावेज़ीकरण में सहयोग हेतु सशक्त किया गया। कार्यक्रम में एनआरपी श्री सतपती, डीडीएम नाबार्ड, आरसेटी डायरेक्टर, एनआरएलएम एपीओ, डीपीएम, डीसी श्री दिलीप साहू एवं अन्य एनआरएलएम सहयोगी स्टाफ उपस्थित रहे।

देशभर में नक्सलियों के बुरे दिन, नक्सलियों का कबूलनामा कुल 357 साथी मारे गए

रायपुर  नक्सली संगठनों ने अपने कबूलनामे में माना है कि सुरक्षाबलों के हाथों पिछले एक साल में उनके 357 माओवादी मारे जा चुके हैं. कबूलनामे के मुताबिक सुरक्षाबलों के गोलियों के शिकार हुए नक्सलियों में महिला नक्सली भी शामिल हैं, जिनकी संख्या 136 बताई गई है. नक्सलियों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त मुहिम से नक्सल संगठनों की हालत खराब है. लगातार नक्सली निशाने पर आ रहे नकस्ली या तो सरेंडर करने को मजबूर हैं या गिरफ्तार हो रहे हैं वरना सुरक्षाबलों के गोलियों के शिकार होकर मारे जा रहे हैं. जहां, 281 नक्सली मारे गए  रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए नक्सलियों में 4 सीसी मेम्बर 15 राज्य कमेटी के नक्सली शामिल बताए जाते हैं. कबूलनामे के मुताबिक एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सल संगठन को सबसे बड़ा नुकसान दण्डकारण्य में हुआ है, जहां, 281 नक्सली मारे गए हैं. जबकि, कुछ महीने पहले भी नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता ने लेटर जारी किया था। जिसमें डेढ़ साल में 400 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने का जिक्र था। इधर, पुलिस के मुताबिक, पिछले डेढ़ साल में सिर्फ बस्तर में ही करीब 420 से ज्यादा नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ है। वहीं इस बीच बीजापुर में नक्सलियों ने 2 शिक्षा दूतों की हत्या कर दी है। 15 जुलाई की सुबह पीलूर गांव में के जंगल में लाश बरामद हुई है। एक की पहचान विनोद मडे के तौर पर हुई है। वो शिक्षा दूत था। इन पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया है। फिलहाल घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले, बीजापुर में नक्सलियों ने 15 दिनों में मुखबिरी के शक में 6 लोगों की हत्या की थी। जिसमें 4 ग्रामीण और 2 छात्र शामिल हैं। 136 महिला नक्सली भी शामिल दरअसल, नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के नाम से जारी इस बुकलेट में लिखा है कि सालभर में नक्सलियों के पोलित ब्यूरो मेंबर और नक्सल संगठन के महासचिव बसवा राजू समेत सेंट्रल कमेटी के 4 सदस्य, स्टेट कमेटी के 16 सदस्य मारे गए हैं। इन 357 में 136 महिला नक्सली भी मारी गई हैं। सबसे ज्यादा दंडकारण्य में 281 नक्सली ढेर हुए हैं। इन राज्यों में इतने नक्सली मारे गए नक्सलियों के इन आंकड़ों के मुताबिक, 14 बिहार-झारखंड, 23 तेलंगाना, 281 दंडकारण्य, 9 आंध्र-ओडिशा विशेष क्षेत्र/आंध्र प्रदेश, 8 महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी), 20 ओडिशा, 1 पश्चिमी घाट और 1 पंजाब से हैं। उनके 4 साथी खराब स्वास्थ्य और अनुचित उपचार के कारण, 1 दुर्घटना में, 80 फर्जी मुठभेड़ों में और 269 घेराबंदी हमलों में मारे गए। इन कैडर्स के नक्सली ढेर मारे गए नक्सलियों में बसवा राजू समेत राज्य समिति स्तर के 16, जिला समिति के 23, एसी/पीपीसी के 83, पार्टी के 138 सदस्य, PLGA के 17 सदस्य, जन संगठनों के 6 सदस्य और 34 लोग शामिल हैं। 36 लोगों का विवरण उपलब्ध नहीं है। नक्सलियों का कहना है कि अधिकांश कगार युद्ध में मारे गए हैं। घेराबंदी के दौरान कुछ साथी पकड़े गए। जिनकी हत्या की गई। सिर्फ बस्तर में ही मारे गए 420 से ज्यादा नक्सली बस्तर में 1 जनवरी 2024 से जून 2025 तक हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में 420 से ज्यादा नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया है। पुलिस के मुताबिक इनमें 2024 में 217 नक्सली और पिछले 6 महीने में 200 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। वहीं नक्सलियों के अलग-अलग लेटर में जारी आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि नक्सल संगठन भी मारे गए नक्सलियों के स्पष्ट आंकड़े जारी नहीं कर रहा है। पिछले डेढ़ साल में नक्सलियों को बड़ी क्षति पहुंची है। शहीदी सप्ताह मनाएंगे नक्सली अपने मारे गए साथियों की याद में नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाएंगे। इस दौरान मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि देंगे। गांव-गांव में सभा करेंगे। वहीं इस दौरान नक्सली किसी बड़े हमले की भी प्लानिंग करते हैं। नक्सलियों के बुकलेट में लिखा है कि देश में क्रांतिकारी आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के 'कगार' युद्ध को विफल किया जाएगा। जनसमुदाय को वर्ग संघर्ष और गुरिल्ला युद्ध में लामबंद करने की बात लिखी है। 24 पेजों वाला बुकलेट जारी  नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने जारी एक प्रेस नोट में यह कबूल किया है. करीब 24 पेज वाले गोंडी बोली व इंग्लिश भाषा में नक्सलियों ने कबूलनामे का बुकलेट भी जारी किया हैं. कबूलनामे के मुताबिक नक्सली संगठन मारे गए साथियों की याद में 28 जूलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाएंगे. पिछले एक साल में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए नक्सलियों में 4 सीसी मेम्बर 15 राज्य कमेटी के नक्सली शामिल बताए जाते हैं. कबूलनामे के मुताबिक एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सल संगठन को सबसे बड़ा नुकसान दण्डकारण्य में हुआ है, जहां, 281 नक्सली मारे गए हैं. मार्च, 2026 तय है नक्सल उन्मूलन! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश से नक्सलियों को उखाड़ फेंकने के लिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दे रखी है. शाह ने नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए मार्च, 2026 की तारीख भी तय कर दी है. सुरक्षाबलों की कार्रवाई से हलकान होकर लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं,  जिससे संगठन लगातार कमजोर हुआ है.  

जगदलपुर में शिक्षा सुधार की पहल, शिक्षकों को विनोबा ऐप अपनाने की सलाह

जगदलपुर : शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु शिक्षक उपयोग करें विनोबा एप्प-सीईओ जैन शिक्षकों को विनोबा ऐप के उपयोग का सुझाव, शिक्षा गुणवत्ता में आएगा सुधार : सीईओ जैन जगदलपुर में शिक्षा सुधार की पहल, शिक्षकों को विनोबा ऐप अपनाने की सलाह शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश जगदलपुर जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के दृष्टिकोण से सोमवार को जिले के शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा बैठक कलेक्टर हरिस एस के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन द्वारा ली गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जैन ने कहा कि सभी शिक्षक विनोबा एप्प के माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी नियमित तौर पर प्रदान करें। जिला स्तर से सभी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जाएगी और बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही अवंती फाउंडेशन के माध्यम से जिले के प्रतिभावान बच्चों को जेईई की तैयारी के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। इसके लिए मेघावी बच्चों के चयन की प्रक्रिया शीघ्र सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि जिले के प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रावीण्य सूची में स्थान दिलाने हेतु लक्ष्य के पूर्ति हेतु शिक्षकों को आवश्यक प्रयास करने के संबंध में निर्देशित किया गया है। इसे मद्देनजर रखते हुए बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने सहित उत्कृष्ट नतीजे हासिल करने के लिए समन्वित प्रयास सुनिश्चित करें।      बैठक के दौरान मासिक टेस्ट एवं परीक्षा, यु-डाईस प्रोग्रेशन, शाला त्यागी के प्रवेश, स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब क्रियान्वयन एवं निर्माण कार्यों की विस्तृत संमीक्षा की गई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल, जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा अखिलेश मिश्रा, एपीसी राकेश खापर्डे एवं जयनारायण पाणीग्राही, विनोबा ऐप की जिला समन्वयक नीलिमा, अवंती फाउंडेशन के प्रतिनिधि सहित जिले में पदस्थ खंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्त्रोत समन्वयक एंव प्राचार्य उपस्थित थे। शिक्षा में बदलाव और सीखने के प्रयासों में सुधार लाने हेतु व्यापक डिजिटल मंच है विनोबा एप्प            विनोबा ऐप ओपन लिंक फाउंडेशन द्वारा विकसित की गई है ऐप का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को शैक्षिक सहायता प्रदान करना है। जो शिक्षण सामग्री की उपलब्धता के साथ ही यह शिक्षकों को दैनिक एवं साप्ताहिक योजनाएँ, गतिविधियां, वर्कशीट और वीडियो सहित विभिन्न प्रकार की शिक्षण सामग्री प्रदान करती है। इससे शिक्षक अपनी कक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं और बच्चों को रुचिकर तरीके से पढ़ा सकते हैं।        विनोबा ऐप शिक्षकों को अपने काम को सुविधाजनक बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करता है। दूरस्थ अंचलों के स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी होती है, वहां ऑडियो-वीडियो माध्यम से शिक्षण प्रक्रिया में सहायता मिलती है। शिक्षक अपनी कक्षागत गतिविधियों, स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों, फोटो और वीडियो को ऐप पर साझा कर सकते हैं। यह शिक्षकों को एक-दूसरे के काम से सीखने, सर्वोत्तम उदाहरण को अपनाने और एक जीवंत शिक्षक समुदाय बनाने में मदद करता है। ऐप के माध्यम से स्कूलों की गतिविधियों और शिक्षकों के प्रदर्शन की निगरानी की जा सकती है। संकुल, ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारी स्कूलों की गतिविधियों को देख सकते हैं और आवश्यक निर्देश या मार्गदर्शन दे सकते हैं। यह दैनिक और मासिक छात्र उपस्थिति की निगरानी में भी योगदान देता है, जिससे शीर्ष प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की पहचान की जा सकती है। यह डेटा विश्लेषण के आधार पर त्वरित उपाय और मार्गदर्शन प्रदान करने में मदद करता है। शिक्षा अधिकारी स्कूल दौरों, स्कूल गतिविधियों और कक्षाओं पर अपने अनुभव और टिप्पणियों को आसानी से रिकॉर्ड और साझा कर सकते हैं। यह ऐप विभिन्न डेटा संग्रह चैनलों जैसे फॉर्म, एक्सेल शीट, ओएमआर शीट आदि के माध्यम से शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों से जानकारी एकत्र करने में मदद करता है। साथ ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों और स्कूलों की पहचान की जाती है। ऐसे शिक्षकों को ब्लॉक या जिला स्तर पर सम्मानित किया जाता है, जिससे अन्य शिक्षकों को प्रेरणा मिलती है। यह ऐप समग्र शिक्षा अकादमिक कार्यक्रमों जैसे मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान, जीवन कौशल कार्यक्रम जैसे कविता पाठ, कहानी सुनाना, विज्ञान क्लब, पर्यावरण क्लब, किचन गार्डन, स्पोकन इंग्लिश इत्यादि को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायता प्रदान करता है। विनोबा ऐप ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा में बदलाव लाने और सीखने के परिणामों में सुधार लाने के लिए एक व्यापक डिजिटल मंच है, जो शिक्षकों को सशक्त बनाता है और संचार को सुव्यवस्थित करता है।