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कवर्धा जिले में सरकारी कार्यालयों में अनुशासन की नई मिसाल कायम हुई, देर से ऑफिस पहुंचने वाले कर्मचारियों को सबक सिखाया

कवर्धा  छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में सरकारी कार्यालयों में अनुशासन की नई मिसाल कायम हुई है। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने देर से ऑफिस पहुंचने वाले कर्मचारियों को ऐसा सबक सिखाया कि अब शायद ही कोई समय पर न आए। जिला पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार पर हाजिरी रजिस्टर लेकर खुद बैठ गए कलेक्टर साहब और जो भी लेटलतीफ कर्मचारी दिखा, उससे कान पकड़वाकर उठक-बैठक कराई। इस अनोखे दृश्य का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। गेट पर कलेक्टर, हाथ में रजिस्टर गुरुवार सुबह कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिला पंचायत कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। सुबह 10 बजे के बाद भी कई कर्मचारी अपनी कुर्सियों पर नदारद थे। बस फिर क्या, कलेक्टर ने कुर्सी जमा ली और कार्यालय के मुख्य द्वार पर डेरा डाल दिया। कलेक्टर ने देरी से दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारियों की क्लास लगा दी। उन्होंने कर्मचारियों को कान पकड़कर माफी मांगने और उठक-बैठक करने को कहा गया। क्यों सख्त हुए कलेक्टर साहब? कवर्धा में सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की समयबद्धता पर सवाल उठते रहे हैं। पंचिंग मशीन के बावजूद कई कर्मचरारी समय पर नहीं पहुंचते, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है। कलेक्टर ने कहा, 'जनता के लिए काम समय पर हो, यह सुनिश्चित करना हमारा फर्ज है। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी।' इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों ने भविष्य में समय पर आने का वचन दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। कुछ लोग कलेक्टर की तारीफ कर रहे हैं, कह रहे हैं कि ऐसी सख्ती जरूरी थी।

रेल यात्रियों की बढ़ी मुसीबत, रेलवे ने CG से होकर चलने वाली 16 ट्रेनों को किया रदद्, 16 अगस्त से 24 दिन तक नहीं चलेंगी गाड़ियां

रायपुर  छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली 16 ट्रेनों को भारतीय रेलवे ने कैंसिल कर दिया है, यह ट्रेनें अगस्त और सितंबर के पूरे महीने में नहीं चलेगी, ऐसे में यहां से गुजरने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि यह गाड़ियां अगले आदेश बदले हुए रूट से चलाई जाएगी, जबकि कुछ ट्रेनों की दूरी को शॉर्ट कर दिया गया है. बिलासपुर रेलवे जोन पर चक्रधरपुर मंडल के झारसुगड़ा यार्ड में नॉन इंटरलॉकिंग का काम शुरू होना है, यह काम 16 अगस्त से 10 सितंबर के बीच चलेगा, जिससे यहां ट्रैफिक पूरी तरह से ब्लॉक रहेगा, यही वजह है कि एक साथ इतनी ट्रेनों को कैंसिल किया गया है.  छत्तीसगढ़ के यात्री होंगे परेशान  दरअसल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और तेलंगाना की तरफ जाने वाली ज्यादातर गाड़ियां प्रभावित हुई है, जिससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, 24 दिनों तक होने वाले नॉन इंटरलॉकिंग काम की वजह से यात्री ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि रेलवे अगले आदेश तक इन ट्रेनों को कैंसिल रखेगा. हालांकि ट्रेनों के संचालन की प्रक्रिया दोबारा से शुरू होने की जानकारी तुरंत ही दी जाएगी.  छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यह ट्रेनें कैंसिल      एनएससीबी इतवारी-टाटा एक्सप्रेस 5 से 10 सितंबर के बीच कैंसिल रहेगी.      एनएससीबी इतवारी-टाटा एक्सप्रेस 19 से 21 अगस्त और 24 अगस्त से 2 सितंबर के बीच भी नहीं चलेगी.      गाड़ी संख्या 17007 चर्लापल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस 26 अगस्त से 9 सितंबर के बीच नहीं चलेगी.      चर्लापल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस 29 अगस्त से 12 सितंबर के बीच भी कैंसिल रहेगी.       हैदराबाद-रक्सौल गाड़ी संख्या 17005 भी 31 अगस्त को नहीं चलेगी.      रक्सौल-हैदराबाद गाड़ी संख्या 17006 भी 30 अगस्त को संचालित नहीं होगी.      रक्सौल-चर्लापल्ली एक्सप्रेस भी 1 और 4 सिंतबर को कैंसिल रहेगी.      नांदेड़-संतरागाछी एक्सप्रेस 8 और 10 सितंबर को संचालित नहीं होगी.      मालदाटाउन-सूरत एक्सप्रेस भी 6 और 8 सितंबर को नहीं चलेगी.      संतरागाछी-पुणे एक्सप्रेस भी 6 और 8 सितंबर को संचालित नहीं होगी.  फिलहाल भारतीय रेलवे की तरफ से इन ट्रेनों को लेकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हुई है, ऐसे में जिन यात्रियों ने पहले से ही इन ट्रेनों में रिजर्वेशन करवा लिया था, उन्हें क्या व्यवस्था मिलेगी, इसकी जानकारी जल्द ही रेलवे की तरफ से दी जाएगी या फिर यात्रियों को पैसा रिफंड किया जाएगा. हालांकि यात्रियों को रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट को विजिट करते रहना चाहिए. क्योंकि किसी भी अपडेट की जानकारी सबसे पहले यही जारी की जाएगी. इन ट्रेनों के कैंसिल होने से छत्तीसगढ़ में भी लंबी दूरी की यात्रा तय करने वाले रेलवे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.  

साय कैबिनेट की बैठक में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता

रायपुर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने 11 जुलाई को अपने अधिनस्त मंत्रियों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है ​कि साय कैबिनेट की बैठक​ मंत्रालय में 11 जुलाई शुक्रवार को 11.30 बजे आयोजित की जाएगी। चूंकि छत्तीसगढ़ में मानसून के आगमन के साथ ही किसानी का काम शुरू हो चुका है, ऐसे में ये माना जा रहा है कि किसानों और खाद से जुड़ी समस्याओं को लेकर लेकर साय कैबिनेट में अहम फैसला लिया जा सकता है। दूसरी ओर कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर भी अहम फैसला लिया जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर साय कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया जा सकता है। हालांकि अभी इस संबंध में अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। अगर सरकार इस संबंध में फैसला लेती है तो सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत हो जाएगा। बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 53 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को फिलहाल 53 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों से दो प्रतिशत कम है। वहीं, जुलाई में एक बार फिर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होनी है। ऐसे में साय कैबिनेट की बैठक को लेकर एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों की उम्मीद जग गई है। गौरतलब है कि मार्च में छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई थी। 3 मार्च को विधानसभा में साल 2025-26 के वार्षिक बजट में 53 प्रतिशत डीए किए जाने की घोषणा की थी। इस दौरान सातवें वेतनमान में कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। इसके बाद उन्हें 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता, जबकि छठवें वेतनमान के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 7 प्रतिशत की दर से डीए का भुगतान किया जा रहा है।

सरगुजा: मैनपाट में बीजेपी का प्रशिक्षण शिविर का दूसरा दिन, SC-ST पर केंद्रित है चौथा सत्र

सरगुजा   छत्तीसगढ़ के शिमला का मौसम खुशमिजाज है. इस खुशमिजाज मौसम में छत्तीसगढ़ सरकार मैनपाट में है. बीजेपी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आज दूसरा दिन है. इस दिन की शुरुआत योगा से हुई. सुबह उठने के बाद सभी प्रशिक्षु विधायक, मंत्री और सांसद योग करते देखे गए. वर्ग के पहले दिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने क्लास लगाईं थी. योगा से हुई दूसरे दिन की शुरुआत  शिवराज सिंह चौहान लेंगे क्लास : आज दूसरा दिन भी बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि बीजेपी के सबसे अनुभवी पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ट्रेनर बनकर आ रहे हैं. हालांकि शिवराज रायपुर आ चुके हैं. जारी प्रोटोकाल के अनुसार सुबह दस बजे उनको दरिमा एयरपोर्ट पहुंचना था. लेकिन सभी तक शिवराज रायपुर से उड़ान नहीं भर पाए हैं. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह पहुंचे शिविर, लोक व्यवहार और समय प्रबंधन पर देंगे प्रशिक्षण… भाजपा प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह और राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े आज मैनपाट पहुंचे. केंद्रीय मंत्री चौहान जहां लोक व्यवहार और समय प्रबंधन पर, तो वहीं विनोद तावड़े सोशल मीडिया और मीडिया पर सांसदों-विधायकों को प्रशिक्षण देंगे.  शिविर में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के अंबिकापुर स्थित मां महामाया एयरपोर्ट पहुंचने पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गर्मजोशी से स्वागत किया. अंबिकापुर से सड़क के जरिए मैनपाट स्थित शिविर स्थल पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव सहित अन्य भाजपा पदाधिकारियों, सांसदों-विधायकों ने स्वागत किया. शिविर स्थल पर अतिथियों ने पौधरोपण किया. कृषि मंत्री शिवराज सिंह शिविर में लोक व्यवहार और समय प्रबंधन वक्तृत्व कौशल पर तो वहीं राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े सोशल मीडिया और मीडिया स्थानीय, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय विमर्श निर्माण: हमारी भूमिका विषय पर सांसदों-विधायकों को प्रशिक्षण देंगे.  नेताओं ने किया योग  जेपी नड्डा ने किया था शुभारंभ : मैनपाट में आयोजित बीजेपी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा दुर्ग अंबिकापुर ट्रेन से सुबह ही अंबिकापुर पहुंच गए थे. वहां दोनों ने महामाया मंदिर में दर्शन किया और दरिमा एयरपोर्ट में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिसीव किया. विमान से नड्डा अंबिकापुर के दरिमा एयरपोर्ट तक तो आ गए. लेकिन दरिमा से मैनपाट तक इन सभी नेताओं को हेलीकॉप्टर से आना था. खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नही उड़ सका जिसके बाद सभी सड़क मार्ग से दरिमा से मैनपाट पहुंचे थे. वापसी में मौसम खराब हुआ और जेपी नड्डा को करीब एक घंटे विमान में बैठकर विमान के उड़ने का इंतजार करना पड़ा था. नड्‌डा की क्लास में क्या हुआ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंद कमरे में सभी नेताओं से बातचीत की। जहां नड्‌डा बोल रहे थे वहां मोबाइल फोन ले जाने की किसी को अनुमति नहीं थी। सभी सांसद, विधायक और मंत्रियों के मोबाइल फोन बाहर ही जमा करवा लिए गए। इसके बाद शुरू हुई क्लास, भीतर मौजूद सूत्रों ने बताया कि नड्डा ने सांसद विधायकों को कड़ी नसीहत दी। जेपी नड्‌डा ने कहा कि- व्यवहार ऐसा हो की जब जनता के बीच जाए तो शर्मिंदगी महसूस न हो। जनता के बीच अपने आप को बड़ा महसूस न होने दें क्योंकि जनता बड़ी है। ग्राउंड पर रहें, साधारण बन कर रहें। मीडिया में सोच समझ कर बयान दीजिए। कोई ऐसा बयान न दें जिससे पार्टी की छवि पर बुरा असर हो। किसी भी विषय पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचें, किसी तरह की भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं हो ये ध्यान रखें। नड्‌डा ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के कमलेश्वरपुर में ‘एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत एक पेड़ लगाया। उसके बाद छत्तीसगढ़ भाजपा के सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन किया। नड्‌डा के बताए 5 मंत्र     समाज, संगठन और सरकार के प्रति जागरूक हो। तैयारी अगले चुनाव की रखिए, आपके काम और व्यवहार का प्रभाव जनता पर होता है।     भारतीय जनता पार्टी केवल एक राजनीतिक संगठन नहीं, बल्कि विचार, मूल्य और सेवा का एक समर्पित आंदोलन है। जनता को इससे जोड़ना है।     सरकार में मौजूद सांसद-विधायकों को संगठन के साथ अधिक तालमेल बैठाकर जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।     बूथ स्तर पर पार्टी की उपस्थिति हो केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम आपका है। विपक्ष के दुष्प्रचार का तथ्यपूर्ण जवाब देने की रणनीति हमें अपनानी है।     ये प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं है, यह नेतृत्व को तैयार करने, संगठन को सशक्त बनाने और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का माध्यम है।     देश और प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार के विकास कार्यों और इनिशिएटिव को छत्तीसगढ़ के गांव–गांव, घर–घर पहुंचाना है। सरगुजिया पगड़ी और स्टूडेंट्स की तरह लाइन में नेताजी छत्तीसगढ़ के तमाम मंत्री विधायक और सांसद मैनपाट में चल रहे इस प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस दौरान सभी किसी स्टूडेंट की तरह अनुशासन में दिखाई दिए। सभी को सफेद और सुर्ख लाल रंग के कॉम्बिनेशन में तैयार की गई सरगुजिया पगड़ी पहनाई गई। इस तरह के रंगों के गमछे सरगुजा के आदिवासी धारण करते हैं। वैसी ही पगड़ी सभी नेताओं के सिर पर थी। एक मौका ऐसा भी आया जब प्रशिक्षण शिविर की जगह पर सभी एक लाइन एक कतार में ग्रुप फोटो सेशन करते दिखे जैसे स्कूलों में स्टूडेंट्स करवाते हैं।

प्रदेश से जब तक नक्सली हिंसा और उग्रवाद का अंत नहीं हो जाता हम चुप नहीं बैंठेंगे: CM

रायपुर छत्तीसगढ़, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, घने वन क्षेत्र और विविध जनजातीय समुदायों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सलवाद की चुनौती से जूझता रहा है। बस्तर के विकास में बाधक रहे नक्सलवाद के अब यहां से नक्सल उन्मूलन की अंतिम लड़ाई जारी है। बस्तर संभाग अपनी कला एवं संस्कृति के लिए विशिष्ट पहचान रखता है अकेले बस्तर संभाग में ही हल्बी, गोड़ी, भतरी दोलरी जैसे पारंपरिक बोली, बोली जाती है। वर्षों से अशांत रहे बस्तर अंचल में ढोल और मांदर की थाप अब फिर से सुनाई देने लगेगी। मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है। सटीक रणनीति के साथ यहां आतंक के खात्मे और सामाजिक- आर्थिक विकास के काम हो रहे हैं। बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों में जिस तरह लोगों ने भागीदारी की वो इस बात का प्रमाण है की बस्तर में अब शांति स्थापित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का मानना है कि ‘‘लाल आतंक के खात्मे के लिए नक्सलियों के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई जोर शोर से जारी है। इसका परिणाम है कि नक्सलियों की कमर अब टूट गई है। प्रदेश से जब तक नक्सली हिंसा और उग्रवाद का अंत नहीं हो जाता हम चुप नहीं बैंठेंगे।’’  केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह 22 जून 2025 को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए थे इस दौरान उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में आराम करने वाले नक्सली इस बरसात में चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल ऑपरेशन जारी रहेगा।  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के वीर जवान कठिन चुनौतियों और दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद नक्सलवाद के खात्मे के अभियान को ऐतिहासिक सफलता की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का अद्वितीय साहस और बलिदान न केवल हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा को प्रदर्शित करता है, बल्कि पूरे देश को एक सकारात्मक संदेश भी देता है कि हमारा देश अब नक्सलवाद की बेड़ियों से मुक्त होने की ओर अग्रसर है। छत्तीसगढ़ में बीते 21 मई 2025 को माओवादी सरगना बसव राजू के साथ अबूझमाड़ के जंगल में 26 नक्सलियों को सुरक्षा बल के जवानों के हाथों मारे जाने से नक्सलवाद की कमर टूटी है। इस पर सवा 3 करोड़ का ईनाम घोषित था। तीन दशकों में पहली बार हुआ है कि जनरल सेक्रेटरी रैंक का कोई माओवादी न्यूट्रलाइज किया गया। यह असाधरण कामयाबी है और इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नक्सल के ताबूत में हमने अंतिम कील जड़ दिया है। इसके अलावा शीर्ष ईनामी नक्सली लक्ष्मी नरसिम्हा चालम उर्फ सुधाकर भी 05 जून 2025 को नेशनल पार्क एरिया में पुलिस मुठभेड़ में ढेर किया गया, इस पर 1 करोड़ का ईनाम था।   नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना नक्सल प्रभावित इलाकों में गेम चेन्जर्स साबित हो रही है। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित नए कैम्पों के आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों एवं ग्रामीणों को 17 विभागों की 59 हितग्राहीमूलक योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा। प्रदेश में पिछले डेढ़ साल के भीतर सुरक्षाबलों ने अपनी बहादुरी से 438 नक्सलियों को मार गिराया है। साथ ही 1515 नक्सलियों को गिरफ्तार किया और 1476 नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर विवश किया है। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे सुरक्षा बल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन कैंपों के माध्यम से हमारी सरकार अंदरूनी गांवों तक सुरक्षा के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की पहुंच भी सुनिश्चित करने में सफल हो रहे हैं।  आखिर क्यों खास है पूवर्ती गांव     सुकमा जिले के अंदरूनी व अतिसंवेदनशील क्षेत्र में बसा हुआ पूवर्ती गांव एक वक्त नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना हुआ करता था। एक करोड़ रूपए का ईनामी नक्सली हिड़मा तथा टेकलगुड़ा कैंप निर्माण के दौरान नक्सली हमले की घटना का मास्टरमाइंड देवा का यह पैतृक गांव होने के कारण हमेशा चर्चा में रहा है। माओवादियों का प्रभाव में होने के कारण पूवर्ती गांव में शासन की योजनाएं नहीं पहुंच पा रही थी, लेकिन अब इस गांव में सुरक्षा कैम्प खुलने से यहां के लोगों को तेजी से मूलभूत सुविधाएं सुलभ होने लगी है। आदिवासी बाहुल्य आबादी, अनुपम नैसर्गिक सुंदरता और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर बस्तर में आज विकास का सबसे बढ़ा अवरोधक है नक्सली हिंसा। पिछले 3 दशकों में नक्सलियों ने यहां अपने पैर पसारे। बंदूक के दम पर हिंसा के साथ विकास कार्यों में बाधा पहुंचाई। नक्सलियों ने अपने झूठे, खोखले सिद्धांतों के जरिए लंबे समय तक भोले-भाले आदिवासियों को भ्रम में डाला, हिंसा का सहारा लेकर उन्हें डराने की कोशिश की। बच्चों से उनके स्कूल छीने, उनका बचपन छीना उन्हें हिंसा की राह पर धकेला। कई परिवारों को बर्बाद किया, सुहागनों की सिंदूर उजाड़े, बेटियों को अगवा किया और उन्हें भी हिंसा के रास्ते पर ले गए। इसी वजह से संसाधनों से परिपूर्ण बस्तर पर देश के सबसे पिछड़े इलाकों में एक होने का धब्बा लगा। लेकिन अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ विकास के इस अवरोध को पूरी तरह से समाप्त करने पर डटी हुई है। बस्तर में विकास का अब नया सबेरा होने वाला है। यहां नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। लोगों को अब खुशहाल बस्तर मिलेगा। पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान पूरे हौंसले के साथ नक्सल मोर्चे पर डटे और अब जल्द ही नक्सलियों का समूल अंत होगा।

नगर निगम वसूलेगा 1,00,000 रुपए तक जुर्माना, पहली बार चेतावनी, इसके बाद समझाइश, फिर लगेगा जुर्माना : महापौर मीनल

रायपुर  नगर निगम एक्ट की धाराओं के तहत अलग-अलग मामले में जुर्माने की रकम तय कर दी गई है. इसकी जानकारी आम नागरिकों को नहीं है. इस पर अब नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी जोन स्तर पर नियमों के साथ ही इसका उल्लंघन करने पर क्या दंड मिलेगा, इसका भी प्रचार करेंगे. निगम में पिछले एक महीने से लागू ई-चालान सिस्टम और उससे हुई वसूली पर महापौर मीनल चौबे ने स्पष्ट कर दिया कि निगम के राजस्व में वृद्धि जरूरी है, लेकिन इसके लिए आम नागरिक अधिक परेशान न हों. पहले नियमों की जानकारी नागरिकों को देते हुए पहली बार चेतावनी दें, इसके बाद समझाइश, फिर जुर्माना लगाने की कार्रवाई करें. नियमों की जानकारी पहले जनता को दें, उसके बाद ही अर्थदंड की कार्रवाई करें. इसके लिए निगम का राजस्व अमला और नगर निवेश विभाग अब तैयारी शुरू करेगा. नगर निवेश अधिकारी के मुताबिक सम्पूर्ण निगम सीमा क्षेत्र में विज्ञापन की नीति है कि बिना लिखित अनुमति के नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक, निजी संपत्ति, दीवार, वाहन, ढांचे आदि पर कोई भी प्रचार सामग्री नहीं लगा सकता. केवल पंजीकृत विज्ञापन एजेंसियों को ही इसकी अनुमति नियमानुसार दी जाती है. निजी संपत्ति पर लाइसेंस की अवधि एक वर्ष होती है. सार्वजनिक संपत्ति पर टेण्डर के नियमों के अनुसार लाइसेंस अवधि होती है. अस्थायी विज्ञापन हेतु एक माह की अवधि होती है. जिसमें मासिक नवीनीकरण संभव है. वहीं निजी संपत्ति पर एक वर्ष की लाइसेंस अवधि नवीनीकरण योग्य होती है. निगम के नगर निवेश विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अनाधिकृत प्रचार पर 50 हजार रुपये से 1 लाख तक का जुर्माना करने तथा 10 हजार रुपये तक हटाने का शुल्क लिया जाएगा. अब सवाल ये उठता है कि क्या ये जुर्माना राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से भी वसूले जाएंगे ? क्योंकि राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा अवैध होर्डिंग विभिन्न पार्टियों के नेताओं की नजर आती है. वहीं अवैध विज्ञापन पर मूल शुल्क का दो गुना तक दण्ड वसूलने 15 दिनों में सुधार ना करने पर बिना नोटिस के अवैध विज्ञापन हटाये जाने का प्रावधान है. इसी प्रकार गाड़ियों में विज्ञापन करने पर वाहन जब्ती, एफआईआर एवं काली सूची में डालने की कार्रवाई इसमें संभव है. विज्ञापन शुल्क समय पर जमा ना करने की स्थिति में संबंधित राशि को संपत्ति कर में जोड़ दिया जायेगा, आवश्यकता पड़ने पर संपत्ति सील भी की जा सकती है.

बीजापुर में सनसनीखेज मामला, पूर्व सरपंच की गला घोंटकर हत्या

बीजापुर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीती रात अज्ञात हमलावरों ने चिन्नाकोडेपाल गांव के पूर्व सरपंच और वर्तमान वार्ड पंच विजय जव्वा की गला घोंटकर हत्या कर दी। मृतक का शव गांव के रास्ते पर मिला, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है। यह पूरा मामला मोदकपाल थाना क्षेत्र का है। बीजापुर एसपी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आपसी रंजिश का प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया है, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। फिलहाल, पुलिस मामले के हर एंगल पर जांच कर रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने भाजपा सरकार पर देश में हर किसी को डराने की कोशिश करने का लगाया आरोप

रायपुर,  कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार पर देश में हर किसी को डराने की कोशिश करने का सोमवार को आरोप लगाया और लोगों से अपने 'जल-जंगल-जमीन' की रक्षा के लिए लड़ाई में एकजुट रहने को कहा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 'जय जवान-जय किसान-जय संविधान' नामक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में गरीब लोगों को लूटा जा रहा है। खरगे ने कहा, ”भाजपा ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आईटी (आयकर) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर हमारे नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम इससे कभी नहीं डरते। अब भी छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री (भूपेश बघेल) सहित हमारी पार्टी के नेताओं को (केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके) परेशान किया जा रहा है…।" राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया, "उन्होंने (भाजपा ने) नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल जी को फंसाने की भी कोशिश की। वे हमेशा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। सबको डराना उनकी आदत है। आप तभी जिंदा रहेंगे, जब आप डरेंगे नहीं। अगर हमें अपने जल जंगल जमीन की रक्षा करनी है तो आप सभी को उनके खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना होगा।” उन्होंने दावा किया, ”आज अदाणी और अंबानी जैसे लोग यहां आकर जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। वे खदानों के लिए जंगल में लाखों पेड़ काट रहे हैं। मोदी जी हमारे आदिवासी भाइयों और छत्तीसगढ़ के सभी लोगों का जीवन बर्बाद कर रहे हैं।" कांग्रेस प्रमुख ने पूछा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बार-बार छत्तीसगढ़ क्यों आ रहे हैं? क्या यहां आपका ससुराल है? उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उनके (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के) निर्देशों का पालन करते हैं। अगर वे कहते हैं उठो, तो वह उठ जाते हैं। अगर वे कहते हैं बैठो, तो वह बैठ जाते हैं। यह छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। यह बहुत बड़ा अपमान है।” खरगे ने आरोप लगाया कि उद्योगपति कोयला और अन्य खनिजों को लूटने के लिए यहां आ रहे हैं। यहां लोगों का हालचाल जानने कोई नहीं आता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह पर उद्योगपतियों का समर्थन करने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि शाह खनिजों की जांच करने के लिए यहां आते हैं। कांग्रेस की इस सभा में भारी बारिश के बावजूद पार्टी कार्यकर्ता और नेता बड़ी संख्या में मौजूद थे।  

शराब घोटाला मामले में 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ 2300 पन्नों का चालान EOW ने विशेष कोर्ट में किया पेश

रायपुर  छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को इस मामले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ करीब 2300 पन्नों का चालान विशेष कोर्ट में पे किया है। बता दें कि इससे पहले बीते 30 जून को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में लगभग 1200 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया था, जिसमें लखमा की अहम भूमिका का उल्लेख किया गया है। ईओडब्ल्यू ने बताया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आबकारी घोटाले में उनके हिस्से का 64 करोड़ रुपये मिला है, जिसमें 18 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेजी साक्ष्य भी मिले हैं। पूर्व मंत्री को घोटाले में मिले 64 करोड़ रुपये शराब घोटाला मामले की जांच में अब तक यह पता चला है कि पूर्व मंत्री लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित घोटाले को क्रियान्वित किया गया। इस घोटाले से हासिल की गई रकम को व्यक्तिगत और परिवार के हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अत्यधिक और अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घोटाले की जांच जारी है। 21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार करने से पहले ED ने उन्हें 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी। क्या है शराब घोटाला? तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है। इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ रुपये के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था। ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। ED ने चार्जशीट में कहा कि 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया। उसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिए भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इस मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि 30 जून से पहले 13 मार्च को मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्पेशल कोर्ट में 3,841 पन्नों का चालान पेश किया था, जिसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 अन्य को आरोपी बनाया गया था। इसमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टिलर, वेलकम डिस्टिलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साई ब्रेवरीज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।

कोक ओवन बैटरी 5-6 का जर्जर स्ट्रक्चर अचानक ढहा , भिलाई स्टील प्लांट में मचा हड़कंप

दुर्ग भिलाई स्टील प्लांट में आज उस समय हड़कंप मच गया जब कोक ओवन बैटरी 5-6 का जर्जर स्ट्रक्चर अचानक ढह गया। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन संयंत्र की सुरक्षा व्यवस्थाओं और मेंटेनेंस को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि स्ट्रक्चर के नीचे आमतौर पर कर्मचारियों की आवाजाही होती है, लेकिन हादसे के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद संयंत्र प्रबंधन ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं बीएसपी के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। कोक ओवन बैटरी 5-6 के ढहने से हॉट मेटल प्रोडक्शन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब संयंत्र में कोई जर्जर ढांचा गिरा हो। भिलाई इस्पात संयंत्र में कई संरचनाएं 70 साल पुरानी हैं, जिनकी हालत जर्जर हो चुकी है। बताया जा रहा है कि प्रबंधन ने इसके लिए कई बार जांच कमेटियां गठित की गई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट को हर बार दरकिनार किया गया। संयंत्र में मेंटेनेंस का अभाव होने से कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं।