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अभिनेता जसविंदर भल्ला के निधन से मायूस CM मान, भावुक पोस्ट में किया श्रद्धांजलि

चंडीगढ़ पॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन व दिग्गज अभिनेता जसविंदर भल्ला का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में आखिरी सांस ली। जसविंदर भल्ला 65 वर्ष के थे। भल्ला के निधन पर पंजाब फिल्म इंडस्ट्री समेत तमाम कलाकार शोक जता रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भल्ला के निधन पर दुख जताते हुए भावुक संदेश लिखा है। सीएम मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा… छनकटियां की झंकार के खामोश होने से मन दुखी है। मुख्यमंत्री ने लिखा कि जसविंदर भल्ला जी का अचानक इस दुनिया से चले जाना बेहद दुखद है। छनकटियां की झंकार के खामोश होने से मन दुखी है.. वाहेगुरु उन्हें अपने चरणों में स्थान प्रदान करें। चाचा चतरा हमेशा हमारे दिलों में बसेंगे। बता दें कि जसविंदर भल्ला पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ा गई है। जसविंदर भल्ला ने अपनी अनूठी हास्य शैली और यादगार किरदारों से पंजाबी मनोरंजन जगत में अमिट छाप छोड़ी। भल्ला का अंतिम संस्कार कल (शनिवार) को मोहाली के बलौंगी के श्मशान घाट में किया जाएगा। जसविंदर भल्ला के घर पर नेताओं और कलाकारों का आना शुरू हो गया है। भल्ला के पड़ोसी व पूर्व मंत्री बलबीर सिद्धू उनके घर पर शोक प्रकट करने पहुंचे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने अभिनेता जसविंदर सिंह भल्ला के निधन पर दुख जताया है। आप की तरफ से कहा गया कि भल्ला के निधन पर उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ दुःख साझा करती है। 'छनकाटे' के माध्यम से पंजाबी कॉमेडी की नई उड़ान से लेकर सिनेमा में निभाई गई यादगार भूमिकाओं तक, उनकी हंसी पंजाबियत, सच्चाई और समाज के रंगों से जुड़ी रही। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार व परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। बुलंद आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने जसविंदर भल्ला के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि अपनी कला के जरिए हंसी बिखेरने वाली बुलंद आवाज जसविंदर भल्ला हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं। जसविंदर भल्ला ने न सिर्फ कॉमेडी के जरिये लोगों को हंसाया, बल्कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के जरिये खेती-किसानों को समृद्ध बनाने में भी योगदान दिया। अपनी कला की बदौलत वह हमेशा अपने प्रशंसकों के दिलों में बसे रहेंगे।

मुख्यमंत्री भगवंत मान: पंजाब तीन साल में 55,000 से ज्यादा नौकरियां देने वाला पहला राज्य

चंडीगढ़ पंजाबियों की ज़िंदगियों को रोशन करने के लिए मिशन रोज़गार को जारी रखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में राज्य के युवाओं को 55,000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ देकर नया मील का पत्थर कायम किया है। इस अवसर पर आज मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछली सरकारें अपने कार्यकाल के अंतिम समय में कुछ नौकरियाँ देकर केवल औपचारिकता निभाती थीं, लेकिन मेरी सरकार ने पहले दिन से ही नियुक्तियाँ देना शुरू कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 55,000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ युवाओं को मिल चुकी हैं।” नए भर्ती हुए युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विभिन्न विभागों में 271 युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर पंजाब सरकार के परिवार का हिस्सा बनाया गया है और ये युवा अब राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सक्रिय योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं ने बिना किसी सिफ़ारिश, पूरी तरह अपनी योग्यता के आधार पर यह नौकरियाँ हासिल की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद दुख की बात है कि पिछली सरकारों ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि 55,000 नौकरियाँ पूरी तरह मेरिट के आधार पर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने नए भर्ती हुए युवाओं को मिशनरी भावना से जनता की सेवा करने की अपील की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये युवा अपनी कलम का इस्तेमाल समाज के जरूरतमंद और वंचित वर्गों की मदद के लिए करेंगे ताकि समाज के हर वर्ग तक कल्याणकारी नीतियों का लाभ पहुँच सके। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि राज्य सरकार ने अब तक 55,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियाँ दी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सारी भर्तियाँ पूरी तरह योग्यता के आधार पर हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का पहले दिन से ही एकमात्र एजेंडा युवाओं को सरकारी नौकरियाँ देकर सशक्त बनाना है। युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों को ऐतिहासिक पहल बताते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि ये नौकरियाँ युवाओं की तक़दीर बदल देंगी। उन्होंने कहा कि यह स्थान युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियाँ देने की शानदार यात्रा का गवाह बना है। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की युवाओं की भलाई सुनिश्चित करने और उनके लिए रोजगार के नए मार्ग खोलने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पारंपरिक राजनीतिक दलों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर कभी ध्यान नहीं दिया। बड़े नेताओं के बच्चे पहाड़ों के कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते थे, इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौर में सरकारी स्कूल शिक्षा देने के स्थान पर केवल मिड-डे मील सेंटर बने हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकारी स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ़ एमिनेंस में अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने गर्व से बताया कि भारत सरकार द्वारा करवाए गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में पंजाब ने केरल को पीछे छोड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के 848 विद्यार्थी नीट परीक्षा के लिए योग्य हुए हैं, 265 विद्यार्थियों ने जे ई ई मेंस पास की है, जबकि 45 ने जे ई ई एडवांस्ड परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्होंने कहा कि कोई भी मुफ़्त या रियायती कार्ड राज्य से ग़रीबी और अन्य सामाजिक बुराइयाँ समाप्त नहीं कर सकता, लेकिन शिक्षा ही वह कुंजी है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाकर उन्हें ग़रीबी के चक्र से बाहर निकाल सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी राजनीति में आने की इच्छा नहीं रखी थी, लेकिन पिछली सरकारों द्वारा राज्य और इसकी जनता की बेरहमी से की जा रही लूट ने उन्हें राजनीति में आने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि इन मौकापरस्त और लालची नेताओं ने अपने निजी हितों के लिए राज्य की उपेक्षा की थी, जिसके कारण जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया और नए लोगों के राजनीति में आने का मार्ग प्रशस्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य के विकास और जनता की खुशहाली के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं और इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय राज्य के नेता पंजाब के हितों से समझौता करते थे, जबकि आज पंजाब सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास और खुशहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले नेता जनता से मिलने से कतराते थे, जबकि आज सरकार जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब बेमिसाल विकास के नए युग का गवाह बन रहा है, क्योंकि राज्य सरकार विकास और प्रगति को नया आयाम देने के लिए बड़े प्रयास कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, रोजगार और अन्य सभी क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों के दौरान मिसाल कायम करने वाले विकास हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का इरादा स्पष्ट है – समर्पण भावना और ईमानदारी के साथ पंजाब की जनता की सेवा करना। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव तेजवीर सिंह, शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

बुरी खबर: पंजाब में 30 सितंबर तक 11 लाख राशन कार्ड धारकों के नाम होंगे हटाए

चंडीगढ़ पंजाब के 11 लाख राशन कार्ड धारकों के लिए बुरी खबर है। दरअसल, केंद्र सरकार ने इन कार्ड धारकों के नामों पर आपत्ति जताई है और इन्हें सूची से हटाने के आदेश दिए हैं। केंद्र की ओर से 30 सितंबर तक यह नाम काटने के लिए कहा गया है, जिसके बाद इन लोगों को मुफ्त गेहूं मिलना बंद हो जाएगा। बताया जा रहा है कि ये लोग आयकर भर रहे हैं, 5 एकड़ से अधिक जमीन और गाड़‍ियों के मालिक हैं, जिसके चलते इनके राशन कार्ड रद्द करने का फैसला किया गया है। जानकारी के मुताबिक देशभर में करीब 8 करोड़ संदिग्ध लाभार्थी पहचाने गए हैं, जो निर्धारित शर्तों को पूरा न करने के बावजूद मुफ्त राशन ले रहे हैं। इनमें पंजाब के 11 लाख लाभार्थी भी शामिल हैं। केंद्र ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर इन संदिग्ध राशन कार्ड धारकों की जानकारी दी है। फिलहाल पंजाब सरकार ने इन कार्ड धारकों की जांच शुरू कर दी है और केंद्र से इस काम के लिए 6 महीने का समय मांगा है। पंजाब सरकार का कहना है कि 1 अक्टूबर से धान की खरीद का सीजन शुरू हो रहा है और पूरा स्टाफ उसी में व्यस्त रहेगा। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने केंद्र से राशन कार्ड धारकों का डेटा भी मांगा है ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इस खबर के सामने आने के बाद पंजाब के राशन कार्ड धारकों में हलचल मच गई है और केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है।  

Good News: पंजाब में बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी, 10% अतिरिक्त भुगतान

पंजाब  पंजाब सरकार ने मंडी लेबर रेट में 10 फीसदी बढ़ोतरी को मंज़ूरी दे दी है। यह फैसला पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट की अध्यक्षता में हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग के दौरान लिया गया। धान का मंडी लेबर रेट 17.50 रुपये से बढ़ाकर 19.26 रुपये प्रति बैग (37.5 किलो) कर दिया गया है, जिससे प्रति बैग 1.76 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि मंडी मज़दूरी रेट में 10 फ़ीसदी बढ़ोतरी मज़दूर यूनियनों की मांग को ध्यान में रखते हुए की गई है। संशोधित दरें मज़दूरों और उनके परिवारों को ज़रूरी राहत देने के साथ-साथ न्यायपूर्ण श्रम प्रथाओं को बढ़ावा देंगी और कृषि सप्लाई चेन में शामिल लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएंगी। इस दौरान पंजाब मंडी बोर्ड की आय बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी व्यापक चर्चा की गई। बरसट ने बताया कि बोर्ड की आय बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं और बड़े उत्साह से काम किया जा रहा है। प्रदेश की अनाज मंडियों में खाली प्लॉटों की ई-नीलामी की जा रही है और विभिन्न मंडियों में एटीएम व यूनिपोल लगाए जा रहे हैं। इस मौके पर पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव रामवीर, पंजाब किसान आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, विशेष सचिव कृषि बलदीप कौर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 

मौसम विभाग की चेतावनी: अगले 5 दिनों में पंजाब में भारी हालात की संभावना

चंडीगढ़ पंजाब में अगले 5 दिनों के मौसम को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की गई है। वहीं, पहले से ही बाढ़ की मार झेल रहे राज्य के कई गांवों के लिए पंजाब सरकार ने भी बड़ा ऐलान किया है और सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। मौसम विभाग के मुताबिक, 22 तारीख़ को राज्य में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, रूपनगर और एस.ए.एस. नगर में इस दिन भारी बारिश के साथ-साथ गरज और बिजली गिरने का अलर्ट जारी हुआ है। इसके साथ ही 23, 24, 25 और 26 तारीख़ के लिए भी राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है क्योंकि पहले से ही सतलुज और ब्यास नदियों के पानी ने कई जिलों में कहर मचाया हुआ है और दर्जनों गांव पानी में डूबे हुए हैं। पंजाब सरकार अलर्ट पर मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान की ओर से नदियों में बढ़ते पानी के स्तर के कारण प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है। पंजाब सरकार ने लोगों की फसलों और अन्य नुकसान की पूरी भरपाई का ऐलान किया है। फसलों के मुआवज़े के लिए सुल्तानपुर और भुलथ तहसील में विशेष गिरदावरी करने के आदेश दिए गए हैं। फिलहाल पंजाब सरकार पूरी तरह अलर्ट है और डैमों व नदियों की स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।

केंद्र की नई योजना में शामिल होंगे पंजाब के 100+ गांव, ग्रामीणों को होगा लाभ

चंडीगढ़ केंद्र सरकार ने पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में विकास को गति देने के लिए 6 जिलों के 107 गांवों को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का हिस्सा बनाया है। यह योजना अप्रैल 2025 से शुरू होकर वित्तीय वर्ष 2028-29 तक जारी रहेगी। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर, बेहतर सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएं, वित्तीय सुधार, युवाओं के लिए कौशल विकास और सहकारी समितियों को मज़बूत बनाने जैसे काम किए जाएंगे। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबि अमृतसर के 25 गांव, तरनतारन के 24 गांव, फाजिल्का के 15 गांव, फिरोजपुर के 17 गांव, गुरदासपुर के 19 गांव, पठानकोट के 7 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है। केंद्र ने इस कार्यक्रम के लिए करीब 6,839 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। यह राशि 2028-29 तक चरणबद्ध तरीके से खर्च की जाएगी। योजना का मकसद अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े गांवों का समग्र विकास करना है। 

मशहूर ट्रैक्टर वाली लड़की की वायरल पोस्ट ने लोगों का ध्यान खींचा

चंडीगढ़ सोशल मीडिया पर 'उप्पल फार्म' नाम से मशहूर "ट्रैक्टर गर्ल" की प्राईवेट वीडियो लीक के बाद एक पोस्ट ने तहलका मचा दिया है। आरोप है कि प्रभ नामक युवक जो लड़की का मंगेतर बताया जा रहा है, पिछले लंबे समय से उसके आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर रहा था।   अब पीड़िता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी डाल कर कहा कि मुझे किसी का भी नाम लेकर बदनाम न किया जाए। मेरा किसी भी यादविंदर नाम के युवक से कोई भी रिलेशन नहीं था। मैं जग्गा नाम के शख्स के जरिए उस से जरूर मिली थी, मेरी आम दोस्तों की तरह उस के साथ दोस्ती थी।   उसने लोगों से अपील की कि उनका नाम बिना वजह किसी भी विवाद या अफवाह से न जोड़ा जाए। उनका कहना है कि उनका जीवन खुला है और वे किसी भी तरह की गलत चर्चा का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं। लड़की ने जोर देकर कहा कि वे अपनी पहचान केवल अपने काम और सच्चाई से बनाना चाहती हैं, न कि झूठी खबरों से।

पंजाब भर में हड़ताल, PSPCL के कर्मचारियों ने दे दी एक और चेतावनी

लुधियाना  प्राइवेट कंपनी से संबंधित बिजली कर्मचारी अमनप्रीत सिंह की मौत के बाद सी.एच.बी ठेका कर्मचारियों द्वारा पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन की विभिन्न डिविजनों के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियो ने दावा किया है मृत्यु के पारिवारिक समस्या को इंसाफ दिलवाने के लिए कर्मचारियों द्वारा पूरे पंजाब में हड़ताल शुरू कर दी गई है और नए आंदोलन को लेकर अगली रणनीति अपनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि  बिजली की हाई टेंशन तारों पर काम कर रहे अमनप्रीत सिंह की दर्दनाक मौत हो चुकी है और हादसे के बाद पावर कॉम विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा मृतक के पारिवारिक सदस्यों की बात तक नहीं पूछी गई। उन्होंने बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि मृतक  परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने सहित बुजुर्ग मां-बाप की पेंशन लगाई जाए और अगर जल्द ही कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं हुई तो पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर के कार्यालय को घेरने सहित बिजली मंत्री संजीव अरोड़ा की कोठी का घेराव किया जाएगा।  

सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी पर पंजाब में सख्ती, डिप्टी कमिश्नर ने दिए आदेश

अमृतसर सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने संबंधित अधिकारियों को सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। डिप्टी कमिश्नर ने जिला बाल सुरक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल बसों में पालिसी के अनुसार सभी सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे स्कूल प्राधिकारियों से संपर्क स्थापित कर इसे लागू करें और प्रत्येक स्कूल से वाहनों की जानकारी के संबंध में एक शपथ पत्र लिया जाए। उन्होंने कहा कि वे स्कूल बसों/ऑटो का निरीक्षण सुनिश्चित करें। स्कूल बसों का रंग पीला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओवरलोड स्कूल बसों/ ऑटो का चालान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि चालक वर्दी में हो, उसके पास लाइसेंस हो और हर बस में एक कंडक्टर हो। उन्होंने जिलावासियों से अपील की कि अगर आपको कोई भी स्कूल ड्राइवर नियमों का उल्लंघन करता दिखे तो इसकी सूचना हैल्पलाइन नंबर 1098 पर दें ताकि उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। बैठक में क्षेत्रीय परिवहन सचिव खुशदिल सिंह, ए.डी.टी.ओ. मैडम शालू अर्चन, इंजीनियर इंजीनियर नैशनल हाईवे योगेश यादव, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी तरनजीत सिंह, अरविंदर भट्टी के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। नाबालिगों द्वारा वाहन चलाए जाने पर सख्त कार्रवाई हो डिप्टी कमिश्नर ने स्कूल पदाधिकारियों से कहा कि वे बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूलों में स्लोगन, पेंटिंग, प्रश्नोत्तरी आदि प्रतियोगिताएं आयोजित करें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए तथा उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाए कि यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा गया तो उसके अभिभावकों को भी तीन साल तक की कैद हो सकती है। जुलाई माह में ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वालों से 23 लाख जुर्माना वसूला ए.सी.पी. ट्रैफिक पवन कुमार ने बताया कि जुलाई माह के दौरान पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर 15,435 चालान जारी कर 23 लाख 23 हजार 500 रुपए का जुर्माना वसूला है। उन्होंने बताया कि काली फिल्म लगाने वालों के 450, बिना हेलमेट के 1584, बिना सेफ्टी बेल्ट के 368, बिना लाइसेंस के 52, मोबाइल फोन का उपयोग करने पर 167, मोटर वाहन एक्ट के उल्लंघन पर 3, नशे में वाहन चलाने पर 207, तेज गति से वाहन चलाने पर 1, प्रेशर हॉर्न पर 2, ट्रिपल राइडिंग पर 281, लाल बत्ती जंप करने पर 619, यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर 2273, गलत पार्किंग पर 6253, टो वाहनों पर 1090, बिना इंश्यारेंस पर 91, नो एंट्री पर 2 चालान किए गए तथा अन्य धाराओं के लिए 6 चालान जारी कर जुर्माना वसूला गया है।  

ईजी रजिस्ट्रेशन प्रणाली में बड़ा बदलाव, पंजाब सरकार ने उठाया कदम

जालंधर  पंजाब सरकार ने ईजी रजिस्ट्रेशन प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन, पावर ऑफ अटॉर्नी, तबदील मलकियत सहित अन्य दस्तावेजों की अप्रूवल के लिए मिलने वाले ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट स्लॉट को घटाकर 225 से केवल 82 कर दिया है। अब किसी भी तहसील व सब-तहसील में एक दिन में 82 से अधिक ऑनलाइन अपॉइंटमैंट बुक नहीं किए जा सकेंगे। आज से ही यह नया नियम लागू हो गया। सब-रजिस्ट्रार जालंधर-1 और सब-रजिस्ट्रार जालंधर-2 कार्यालय में केवल 82-82 अप्वाइंटमैंट स्लॉट ही खुले, जबकि इससे पहले 225 स्लॉट तक उपलब्ध हुआ करते थे। फर्स्ट इन–फर्स्ट आऊट (फीफो) पॉलिसी लागू सरकार ने इस फैसले के साथ ‘पहले आओ-पहले पाओ’ (फीफो) की पॉलिसी भी लागू कर दी है। इसके तहत अब कोई भी आवेदक तभी अपना काम निपटा सकेगा जब उससे पहले जमा हुई फाइल का निपटारा हो चुका होगा। पहले जहां सब-रजिस्ट्रार किसी भी फाइल को रैंडमली खोलकर अप्रूव कर देते थे, वहीं अब उन्हें सीरियल वाइज काम करना होगा। यानी जब तक पहले नंबर की फाइल की जांच पूरी कर अप्रूवल/ऑब्जैक्शन का फैसला नहीं हो जाता, तब तक अगली फाइल खुल ही नहीं पाएगी। अब नया नियम लागू होने के बाद रैंडम अप्रूवल की प्रथा खत्म हो गई है।   इजी रजिस्ट्रेशन लागू होने के बाद से अप्वाइंटमैंट घटे पंजाब सरकार ने विगत महीने ही ईजी रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया था, जिसके बाद से सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में अपॉइंटमेंट लेने वालों की संख्या में पहले ही भारी गिरावट दर्ज की जा रही थी। पिछले महीने के आंकड़े बताते हैं कि सब-रजिस्ट्रार जालंधर-1 और जालंधर-2 में प्रतिदिन केवल 80-90 के करीब अप्वाइंटमैंट ही दर्ज हो रही थीं। ऐसे में सरकार द्वारा 82 स्लॉट फिक्स करने का फैसला जनता को राहत देने की बजाय और परेशानी भी खड़ी कर सकता है। जनता हुई परेशान नए नियम लागू होने के पहले ही दिन आम लोग और अर्जीनवीस (डीड राइटर) खासे परेशान दिखाई दिए। कई लोग बार-बार सब-रजिस्ट्रार के सामने चक्कर काटते दिखे। जिनके दस्तावेज पूरी तरह दुरुस्त थे, उनका भी काम तुरंत निपट नहीं सका। लोगों का कहना था कि सरकार ने ईजी रजिस्ट्रेशन लागू कर अनावश्यक परेशानियां खड़ी कर दी हैं। गौतम कपूर आवेदक ने बताया कि उसके सारे डाक्यूमैंट बिल्कुल सही हैं लेकिन फिर भी अप्रूवल के लिए कई दिन लग रहे हैं। अगर सब सही है तो तुरंत अप्रूवल क्यों नहीं दिया जा सकता? अर्जीनवीसों का कहना है कि रैंडम सिस्टम खत्म होने से काम की स्पीड बहुत धीमी हो जाएगी। सीरियल वाइज करने में दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। सरकारी तर्क और हकीकत सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के लिए उठाया गया है। पहले कई बार शिकायतें आती थीं कि रैंडम सिस्टम में कुछ फाइलों को प्राथमिकता देकर जल्दी अप्रूवल मिल जाता था। अब सीरियल वाइज जांच होने से हर आवेदक की फाइल क्रमानुसार देखी जाएगी और पक्षपात की संभावना कम होगी। लेकिन हकीकत यह है कि इससे आम जनता की परेशानियां और बढ़ गई हैं।