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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने किया प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 की समीक्षा

कृषि रोड मैप से सिंचाई क्षमता और फसल आच्छादन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि: विजय कुमार सिन्हा बिहार   माननीय मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना की समीक्षा की गई। इस अवसर पर माननीय उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।  माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना वर्षा आधारित क्षेत्र के लिए वरदान है, जो इस क्षेत्र की तस्वीर को बदल सकती है। अगले 05 वर्षों के लिए नई योजना जलछाजन विकास 3.0 की तैयारी हमे अभी से शुरू करनी चाहिए तथा चालू योजना में शत्-प्रतिशत व्यय प्राप्त किया जाये, जिससे आगामी योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। नदियों का जीर्णोद्धार, झीलों का जीर्णोद्धर तथा पहाड़ी क्षेत्र में टपकन तकनीक से इस योजना का लाभ किसानों तक पहुँचाया जाये।  माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना के अंतर्गत हमारे राज्य के 18 जिलों में 35 परियोजनाएँ चल रही है, इस योजना के तहत कुल 171600 हे० भूमि का उपचार किया जा रहा है। इस योजना से वर्षा सिंचित क्षेत्रों में मृदा एवं जल संरक्षण कार्य करने से हमारे किसानों को अत्याधिक लाभ हो रहा है। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप, जो बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। जिसके अंतर्गत मृदा एवं जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार के स्तर से भी कई योजनाओं यथा पक्का चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, कुआँ निर्माण एवं आहर जीर्णाेद्धार इत्यादि का कार्यान्वयन कर रहे है। इन सभी योजनाओं के कार्यान्वयन से भी राज्य में सिंचाई क्षमता का विस्तार हुआ है। श्री सिन्हा ने कहा कि केन्द्र सरकार के सम्मिलित प्रयास से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के उपरांत यह ज्ञात हुआ है कि फसल आच्छादन का रकवा 52 लाख हे० से बढ़कर 62 लाख हे० हो गया है। साथ ही फसल सघनता भी 144 से बढ़कर 180 हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत राज्य में जल संरक्षण हेतु विभिन्न संरचना निर्माण यथा पक्का चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, कुआँ निर्माण, साद अवरोधक बाँध, आहर जीर्णाेद्धार इत्यादि के साथ-साथ पौधा रोपन, जीविकोपार्जन तथा उत्पादन प्रणाली घटक के अंतर्गत भी बड़े पैमाने पर कार्य कराये जा रहे है, जिससे की सिंचाई क्षमता में विस्तार के साथ-साथ फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता तथा हरित क्षेत्र में वृद्धि हुई है।  इस अवसर पर कृषि निदेशक श्री नितिन कुमार सिंह, निदेशक, भूमि संरक्षण श्री राधा रमण सहित विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।

नारकोटिक, साइबर, सोशल मीडिया, फेक करेंसी और कैश जब्ती के लिए खास सेल गठित

पटना इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव में सशक्त मॉनीटरिंग करने के लिए पांच अलग-अलग सेल का गठन किया गया है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर इन सेल का गठित आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत किया गया है। इसकी जानकारी डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने संवाददाताओं से बात करने के दौरान दी। उन्होंने कहा कि जिन पांच विशेष सेल का गठन किया गया है, उसमें मादक पदार्थ (नारकोटिक्स) तस्करी की रोकथाम, साइबर अपराध, सोशल मीडिया पर निगरानी, फर्जी मुद्रा (फेक करेंसी) और कैश के अवैध लेनदेन पर निगरानी रखने से संबंधित सेल शामिल हैं। चुनाव के दौरान इन तमाम अवैध गतिविधियों पर समुचित नजर रखने का दायित्व इन विशिष्ट सेल को सौंपा गया है। चुनाव के दौरान सभी तरह की अनैतिक गतिविधि पर नजर रखना पुलिस की प्राथमिकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी संबंधित सेल और पुलिस के अन्य महकमों को खासतौर से निर्देश जारी किया है। डीआईजी ने बताया कि हाल में इसे लेकर केंद्रीय और राज्य सरकार की विशेष एजेंसियों के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक हुई थी। इसमें इनके रोकथाम से संबंधित गहन चर्चा की गई थी और गठित सभी विशिष्ट पांच सेलों को पूरी तरह से सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। इन पांच सेल में अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों की तैनाती भी कर दी गई है। इन सभी सेल के कामकाज की सतत मॉनीटरिंग ईओयू के माध्यम से पुलिस मुख्यालय करेगा। इन विशिष्ट सेल के स्तर पर सभी थानों से समन्वय स्थापित कर रोजाना के कामकाज की पड़ताल की जाएगी और इनके स्तर से किए गए कार्यों की निगरानी की जाएगी।  गौरतलब है कि चुनाव के दौरान कैश का अवैध तरीके से फ्लो बढ़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसका ध्यान रखते हुए सेल हर छोटी-बड़ी गतिविधि और लेनदेन पर नजर रखने के साथ ही इससे संबंधित खूफिया जानकारी एकत्र करने पर खासतौर से फोकस करेगी, ताकि ससमय उचित कार्रवाई की जा सके। विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने और किसी तरह के कदाचार की संभावना पर अंकुश लगाने में इन पांच सेल की भूमिका अधिक बढ़ जाती है।

पीएम बिहार को छह लेन पुल, बुद्ध सर्किट से जुड़ी ट्रेन की सौगात देंगे

– गंगा नदी पर बिहार में 2005 के पहले थे 4 पुल, 2005 के बाद से अब तक बने 14 पुल पटना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को बिहार के गया में जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार को कई प्रमुख सौगातें देने जा रहे हैं। इसमें दो बेहद खास हैं, पहला, देश का सबसे चौड़ा पहला छह लेन पुल शामिल है। यह पुल औटा (मोकामा) से सिमरिया (बेगूसराय) के बीच बना एक्सपैंशन केबल तकनीक से बना हुआ है। दूसरा, बुद्ध सर्किट से जुड़ स्थलों को जोड़ता हुए एक ट्रेन शामिल है। यह ट्रेन वैशाली से शुरू होकर नालंदा, राजगीर, गयाजी होते हुए कोडरमा (झारखंड) तक जाएगी। बिहार और झारखंड में मौजूद बुद्ध से जुड़े सभी स्थलों को यह ट्रेन एक साथ जोड़ेगी।       बेगूसराय जिला का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिमरिया धाम से शुरू होने वाला यह पुल पुराने दो लेन रेल सह सड़क पुल राजेंद्र सेतू के समानांतर बनाया गया है। सिमरिया धाम प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्मस्थान भी है। देश के अन्य छह लेन पुलों से इसकी चौड़ाई अधिक छह लेन के इस पुल की चौड़ाई 34 मीटर है। आमतौर पर छह लेन के पुल की चौड़ाई 29.5 मीटर होती है, लेकिन सिमरिया पुल की चौड़ाई (डेक) 34 मीटर है। देश में मौजूद अन्य छह लेन पुलों की तुलना में यह साढ़े चार मीटर अधिक चौड़ा है। इससे अधिक संख्या में वाहनों की आवाजाही बेहद सुगमता से हो सकेगी। इसके निर्माण पर 1871 करोड़ रुपये का खर्च आया है। एप्रोच समेत इस पुल की कुल लंबाई 8.150 किमी है। गंगा नदी पर इसकी लंबाई 1.86 किमी है। उत्तर-दक्षिण बिहार की दूरी 100 किमी हो जाएगी कम पुल पर आवागमन शुरू होते ही उत्तर से दक्षिण बिहार के बीच 100 किमी की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और असम से भी आवागमन की दूरी कम हो जाएगी और आना-जाना आसान हो जाएगा। बिहार में यह पुल है, जिसे हैम (हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल) मोड में बनाया गया है। इस मोड में निर्माण एजेंसी को 60 फीसदी राशि खर्च करनी पड़ती है। जबकि सरकार सिर्फ 40 फीसदी राशि खर्च करती है। टोल टैक्स के माध्यम से एजेंसी अपनी लागत वसूल करती है। इस मोड पर इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद राज्य के सड़क एवं पुल के अन्य प्रोजेक्ट भी इसी मोड पर बनाने का रास्ता खुल गया है। 2005 के बाद बिहार में गंगा पर बने 14 पुल बिहार में गंगा नदी पर 2005 के पहले चार प्रमुख पुल मौजूद थे। इसमें बक्सर में दो लेन का वीर कुंवर सिंह सेतु, पटना में चार लेन का महात्मा गांधी सेतु, बेगूसराय में दो लेन का राजेंद्र सेतु और 2 लेन का विक्रमशीला सेतु शामिल है।       परंतु 2005 के बाद से अब तक 14 पुल तैयार किए गए। इसमें बक्सर में वीर कुंवर सिंह सेतु के समानांतर 2 लेन पुल, पटना में दो लेन रेल सह सड़क पुल जेपी सेतु, आरा-छपरा 4 लेन पुल, बेगूसराय में राजेंद्र सेतु के समानांतर 6 लेन पुल और मुंगेर घाट में 2 लेन रेल सह सड़क पुल शामिल है। गंगा पर ये पुल जल्द होने जा रहे तैयार इसके अतिरिक्त गंगा नदी पर बने अभी 9 ऐसे पुल हैं, जिनकी कार्य अभी प्रगति पर है। जल्द ही इनका निर्माण पूरा हो जाएगा। बक्सर में वीर कुंवर सिंह सेतु के समानांतर अतिरिक्त 3 लेन पुल, पटना में जेपी सेतु के समानांतर 6 लेन पुल, सारण जिला में दीघवारा-शेरपुर 6 लेन पुल, पटना में महात्मा गांधी सेतु के समानांतर 4 लेन पुल, पटना सिटी में 6 लेन कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल, बख्तियारपुर-ताजपुर पर 4 लेन पुल, विक्रमशीला के समानांतर 4 लेन पुल, अगुवानी घाट-सुल्तानगंज 4 लेन पुल तथा मनिहारी घाट से साहेबगंज के बीच 4 लेन पुल शामिल है।         इसके अलावा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पर मटिहानी से शाम्हो पुल भी गंगा नदी पर बन रहे पुलों की फेहरिस्त में 15वें नंबर पर है। इसकी विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन कार्य की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।   बिहार-झारखंड में बुद्ध सर्किट के सभी स्थान जुड़ेंगे ट्रेन से पीएम नरेंद्र मोदी बिहार-झारखंड के बुद्ध सर्किट में शामिल सभी स्थानों को जोड़ने वाली एक जोड़ी ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह ट्रेन वैशाली रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और झारखंड के कोडरमा तक जाएगी। यह ट्रेन हाजीपुर, सोनपुर, पटना, फतुहा, बख्तियारपुर, बिहारशरीफ, नालंदा, राजगीर, तिलैया, गया, गुरपा और कोडरमा जंक्शन तक जाएगी। वैशाली स्टेशन से यह ट्रेन सुबह सवा 5 बजे खुलेगी और दोपहर सवा तीन बजे कोडरमा पहुंचेगी। इसी कोडरमा से यह ट्रेन शाम पौने 5 बजे खुलेगी और देर रात पौने 3 बजे वैशाली पहुंचेगी।

नशामुक्त समाज की राह दिखा रही हैं जीविका दीदी

कोशी मलवरी परियोजना के तहत 4,500 दीदियों को मलबरी की खेती और रेशम कीट पालन से जोड़ा गया जीविका दीदियों द्वारा अब तक 987 पौधशालाएं तैयार की गई हैं पटना, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ग्रामीण विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना ‘जीविका’ अब केवल महिलाओं की आर्थिक मजबूती का जरिया नहीं रह गई है, बल्कि सामाजिक बदलाव की एक सशक्त ताकत बन चुकी है। गांव–गांव में सक्रिय 60,000 से अधिक ग्राम संगठन आज नशामुक्ति और बाल विवाह रोकथाम के लिए संगठित अभियान चला रहे हैं। महिलाओं की अगुवाई में निकल रही जागरूकता रैलियां, नुक्कड़ नाटक और चौपाल बैठकें गांव की तस्वीर बदल रही हैं। शराबबंदी नियमों के अनुपालन में भी जीविका दीदियों की भूमिका निर्णायक साबित हो रही है। जहां कभी शराब और तंबाकू का सेवन आम था, वहां अब सामूहिक चेतना और सामाजिक दबाव से सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगा है। सिर्फ सामाजिक सुधार ही नहीं बल्कि जीविका दीदियां पर्यावरण और आजीविका सृजन में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और मनरेगा के समन्वय से जीविका दीदियों द्वारा अब तक 987 पौधशालाएं तैयार की गई हैं और 4.25 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री कोशी मलवरी परियोजना के तहत 4,500 दीदियों को मलबरी की खेती और रेशम कीट पालन से जोड़ा गया है। वहीं, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की साझेदारी से 372 महिलाएं सोलर लैंप निर्माण कर अपने उद्यम चला रही हैं। गया जिले में स्थापित जे-डब्लूआईआरईएस कंपनी इस कार्य को गति दे रही है। गौरतलब है कि महिलाओं की पहल शिक्षा और कैरियर निर्माण तक भी पहुंच रही है। जीविका के तहत 33 जिलों के 110 प्रखंडों में सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण बच्चों को पढ़ाई में सहयोग और करियर मार्गदर्शन मिल रहा है।

बच्चों को रोचक तरीके से मिलेगी विज्ञान की शिक्षा

–    तारामंडल में बन रहा एस्ट्रो पार्क –    मनोरंजन और विज्ञान का होगा संगम पटना, बिहार की राजधानी पटना में एक अनोखा विज्ञान का पार्क तैयार किया जा रहा है। तारामंडल परिसर में एस्ट्रो पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पार्क की खास बात यह है कि इसमें साइंस को सरल और इंटरेक्टिव तरीके से समझने के लिए कई  साइंटिफिक मॉडल और प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना और मॉडल के माध्यम से जानकारी प्रदान करना है। इसमें बच्चे विज्ञान की बारीकियों को आसानी से समझेंगे।   पार्क का सिविल कार्य पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।   यह एस्ट्रो पार्क बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ विज्ञान को सरल तरीके से समझने में मदद करेगा। पार्क में ब्रह्मांड से जुड़ी गतिविधियों को रोचक तरीके से दर्शाया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार एस्ट्रो पार्क को विकसित करने और आकर्षक बनाने के लिए कोलकाता से आधुनिक उपकरण मंगाए जा रहे हैं। यहां पर10- 11 प्रकार के इंटरेटेक्टिव साइंस माडल को प्रदर्शित किया जाएगा। इन मॉडलों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि बच्चे खेल खेल में विज्ञान को सीख सकें। उदाहरण के लिए, पार्क में एक मॉडल यह दिखाएगा कि पुराने समय में लोग सूर्य की छाया देखकर समय का पता लगाते थे। ऐसे कई और प्रयोग यहां प्रदर्शित होंगे, जिसका अनुभव बच्चे प्रत्यक्ष रूप से कर पाएंगे। यह पार्क विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देगा ।

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अगस्त माह के अपने पशुपालक कैलेंडर में दी जरूरी सलाह

अगस्त माह में पशुओं को खुरहा-मुंहपका रोग का रहता है खतरा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अगस्त माह के अपने पशुपालक कैलेंडर में दी जरूरी सलाह इन उपायों से पशुओं को खुरहा-मुंहपका और गलाघोंटू रोग से बचा सकते हैं इस महीने पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए खनिज मिश्रण 30-50 ग्राम प्रतिदिन दें पशुओं में रोगों के लक्षण दिखते ही पशु चिकित्सक से संपर्क करें पशुपालक पटना, बिहार सरकार का पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशुओं के स्वास्थ्य का खास ध्यान रख रहा है। इन दिनों यानी अगस्त माह में पशुओं का ध्यान कैसे रखा जाए इसके लिए विभाग ने पशुपालक कैलेंडर जारी किया है, जिसमें एफएमडी रोग अर्थात खुरहा-मुंहपका रोग से बचाव के उपायों पर जोर दिया गया है। कैलेंडर में विभाग ने कहा है कि पशुओं के खुरहा-मुंहपका रोग से ग्रसित होने पर रोगग्रस्त पशुओं को अलग रखें एवं ग्रसित पशुओं की खान-पान की व्यवस्था भी अलग से करें। साथ ही, खुरहा-मुंहपका रोग से ग्रसित पशुओं के दूध को उसके बछड़ों को न पीने दें। ऐसा करने से बछड़े संक्रमित होने से बचेंगे एवं स्वस्थ रहेंगे। आपके पशुओं में मुंहपका-खुरपका (Foot and Mouth Disease) रोग का प्रकोप है, तो इसे स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। यदि आस-पास के पशुओं से यह रोग फैल रहा है तो अपने पशुओं का सीधा संपर्क रोगी पशुओं से नहीं होने दें। वहीं गलाघोंटू (Haemorrhagic Septicaemia), जहरवात एवं अन्य रोग के लक्षण दिखते ही तुरंत पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें। भेड़, बकरियों में पी.पी.आर., भेड़ चेचक रोग होने की संभावना रहती है। अतः बचाव के लिए टीके निश्चित रूप से लगवा लें। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए खनिज मिश्रण 30-50 ग्राम प्रतिदिन दें, जिससे पशुओं में दूध उत्पादन के साथ ही शारीरिक तंदुरुस्ती बनी रहे। पशुओं को अत्यधिक तापमान एवं तेज धूप से बचाने के लिए उपाय करें। अत्यधिक संक्रामक रोग है एफएमडी फुट-एंड-माउथ डिजीज (एफएमडी), जिसे खुरपका-मुंहपका रोग भी कहा जाता है। यह पशुओं विशेषकर गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर में होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है। यह रोग पिकोर्नावायरस परिवार के एफ्थोवायरस के कारण होता है। इसके लक्षणों में बुखार, मुंह और पैरों में छाले, लार बहना और लंगड़ापन शामिल हैं। यह रोग पशुओं की उत्पादकता को प्रभावित करता है, जिससे दूध उत्पादन और वजन में कमी होती है। एफएमडी का प्रसार संक्रमित पशुओं, दूषित उपकरणों या हवा के माध्यम से होता है। रोकथाम के लिए टीकाकरण, स्वच्छता और जैव-सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं। यह मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं है।

गयाजी में बिहार को 12,992 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे प्रधानमंत्री मोदी : सम्राट चौधरी

* गयाजी में प्रधानमंत्री मोदी छह परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन और आठ परियोजनाओं का शिलान्यास * अमृत भारत एक्सप्रेस और बुद्ध सर्किट ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम। * करीब 13 हजार की परियोजनाओं से विकास के पथ पर तेजी से बढ़ेगा बिहार पटना, बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी 22 अगस्त को गयाजी से बिहार की जनता को 12,992 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इन परियोजनाओं के माध्यम से बिहार के बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी एवं ग्रामीण विकास और पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। श्री चौधरी ने कहा कि इस अवसर पर 11,735 करोड़ रुपये की लागत वाली छह परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इसमें-बक्सर में 660 मेगावाट क्षमता वाला थर्मल पावर प्लांट है, जिसकी लागत 6,878 करोड़ रुपये, मुंगेर में सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी परियोजना 523 करोड़, मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र का 385 करोड़ की लागत से निर्माण, 1,871 करोड़ रुपये से मोखामा-सिमरिया के बीच एनएच-31 पर 4/6 लेन और गंगा ब्रिज का निर्माण, बख्तियारपुर से मोखामा एनएच-31 सड़क का सुधार 1,899 करोड़ रुपये से और 179 करोड़ रुपये से बिक्रमगंज-दवथ-नवांगर-दुमरांव सड़क का 2 लेन में उन्नयन शामिल है। उपमुख्यमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री जी 1,257 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इन परियोजनाओं में दाउदनगर और औरंगाबाद में एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क, बरहिया (लखीसराय) और जमुई में एसटीपी और आईएंडडी, वहीं अमृत 2.0 के तहत औरंगाबाद, बोधगया और जहानाबाद में जल आपूर्ति एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 4,260 और ग्रामीण क्षेत्रों में 12,000 लाभार्थियों को गृह प्रवेश कराएंगे। इस अवसर पर पांच प्रमुख लाभार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से अपने घरों की चाबी भी वो सौपेंगे। इनमें तीन ग्रामीण और दो शहरी परिवार शामिल हैं। इसके साथ ही मोदीजी गयाजी और दिल्ली के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन और बुद्ध सर्किट की वैशाली से कोडरमा ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इन रेलों के परिचालन से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उपमुख्यमंत्री श्री चौधरी ने कहा- गयाजी में माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों से बिहार को मिल रही 13 हजार की परियोजनाओं से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ जल, बेहतर सड़क और परिवहन की सुविधा तथा आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी होने से बिहार विकास के पथ पर और तेजी से बढ़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को आर्थिक और सामाजिक रूप से गतिशील बनाकर एक विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित किया जा रहा है

बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देने वाली प्रधानमंत्री की परियोजनाएं, रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर सृजित होंगे: सम्राट चौधरी

* बुद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए वैशाली से कोडरमा तक ट्रेन का परिचालन * सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क सुविधा के लिए 1.86 किमी लंबा 6 लेन पुल * मां जानकी मंदिर और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय जैसे प्रोजेक्ट से पर्यटन को मिल रहा है बढ़ावा * धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार और आर्थिक मजबूती की दिशा में सरकार का बड़ा कदमबुद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए वैशाली से कोडरमा तक ट्रेन का परिचालन * सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क सुविधा के लिए 1.86 किमी लंबा 6 लेन पुल * मां जानकी मंदिर और बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय जैसे प्रोजेक्ट से पर्यटन को मिल रहा है बढ़ावा * धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार और आर्थिक मजबूती की दिशा में सरकार का बड़ा कदम पटना, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया है कि बिहार में पर्यटन, खासकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन और आर्थिक मजबूती की दिशा में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 22 अगस्त को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गयाजी में बिहारवासियों को 12,992 करोड़ रुपए की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इन परियोजनाओं में धार्मिक पर्यटन को विशेष महत्व दिया गया है, जिससे राज्य की संस्कृति, विरासत और पर्यटन क्षमता को नई पहचान मिलेगी। रेल कनेक्टिविटी में सुधार के तहत वैशाली से कोडरमा तक ‘बुद्ध सर्किट’ की ट्रेन सेवा शुरू होगी, जो वैशाली, हाजीपुर, सोनपुर, पटना, फतुहा, राजगीर, नटेश्वर, गया होते हुए कोडरमा तक चलेगी। इससे बौद्ध धर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण धरोहरों को जोड़ने में मदद मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क के लिए 1.86 किलोमीटर लंबा 6 लेन पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर 1,870 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है, जिसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री करेंगे। यह पुल देश के प्रमुख तीर्थस्थल सिमरिया धाम और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेगा। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में मां जानकी मंदिर का पुनौराधाम (सीतामढ़ी) में निर्माण भी महत्वपूर्ण पहल है, जिसका भूमिपूजन 67 एकड़ भूमि पर हुआ है, और इसकी लागत लगभग 882 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, वैशाली में स्थित ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप’ का लोकार्पण हो चुका है, जो पर्यटन को और बढ़ावा देगा। रेल सेवाओं में सुलतानगंज-देवघर रेलमार्ग की भी घोषणा होने वाली है, जिससे श्रावणी मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा मिलेगी। इस मार्ग पर अब तक ट्रेन सेवा नहीं थी। इन पहलों से राज्य में पर्यटन की संख्या बढ़ेगी और इससे स्थानीय स्तर पर होटल, परिवहन, गाइड व सहायक सेवाओं समेत रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने से बिहार की नई पहचान बनेगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार पर्यटन क्षेत्र में देखी जा रही तेजी आम जनता के लिए खुशहाली के नए द्वार खोल रही है। ये परियोजनाएं बिहार को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त प्रदेश बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी और रोजगार के अवसरों को व्यापक बनाएंगी। * राजगीर एवं वैशाली में तीन पाँच सितारा होटलो निर्माण को मंजूरी दी गई * पटना साहिब सहित सिख धर्म के प्रमुख स्थलों का पुनरुत्थान व सौंदर्यीकरण। * पर्यटन नीति 2024 के तहत निवेश, रोजगार और अधोसंरचना को बढ़ावा। * मुख्यमंत्री होमस्टे/बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा। * चौसा के ऐतिहासिक मैदान का सौंदर्यीकरण * 20 वर्षों में बिहार का पर्यटन बजट 7.43 करोड़ से बढ़कर 914.44 करोड़। * रामायण सर्किट के स्थलों का कायाकल्प, वैश्विक स्तर पर मिल रही पहचान

सड़क पर मौत का लाइव मंजर: पूर्णिया में फर्नीचर कारोबारी की दर्दनाक मौत, हादसे का वीडियो आया सामने

पूर्णिया बिहार के पूर्णिया जिले में 19 अगस्त को भयानक हादसा हुआ, जिसमें बाइक सवार फर्नीचर कारोबारी की मौत हो गई। इस हादसे का अब CCTV फुटेज सामने आया है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि ओवरटेक करने के चक्कर में कारोबारी की जान चली गई। सेना की गाड़ी की ठोकर लगते ही गाड़ी के पहिए के नीचे आ गए। ठोकर लगते ही पहिए ने नीचे आई बाइक जानकारी के अनुसार, घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मटिया चौक के पास की है। 29 सेकंड का जो वीडियो क्लिप सामने आया है, उसमें सेना के वैन को रोड के साइड से गुजरते हुए देखा जा सकता है। वैन के पीछे ही एक और सेना की बड़ी गाड़ी आती है। वहीं बाइक पर सवार तीन युवक इस गाड़ी को ओवरटेक करने लगते हैं। इसी दौरान गाड़ी से ठोकर लगते ही बाइक पहिए ने नीचे आ गई। इस हादसे में फर्नीचर कारोबारी मोहम्मद जावेद(35) की मौके पर ही मौत हो गई। ढाई घंटे तक जाम रहा मुख्य सड़क मार्ग उधर, इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने एनएच 131ए को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था। करीब ढाई घंटे तक पूर्णिया-कटिहार मुख्य सड़क मार्ग जाम रहा। वहीं सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची मुफस्सिल थाना की पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आक्रोशित लोगों को शांत करवाया।  

राज्य में फिर बरसेगा मानसून, कई इलाकों में येलो अलर्ट जारी

रांची  झारखंड में मानसून लगातार सक्रिय है। मौसम विभाग ने आगामी 26 अगस्त तक झारखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश के संभावना जताई है। इसके लिए कुछ जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि मौसम विभाग ने गुरुवार को राज्य के उत्तरी भाग के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार व शनिवार को पलामू, चतरा, गढ़वा, और लातेहार में भारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। रांची, संताल परगना व उत्तरी छोटानागपुर के सभी जिलो में भी मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में अगले 5 दिनों तक घने बादल छाए रहेंगे। वहीं कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ वज्रपात की भी आशंका जताई गई है। वहीं, बीते बुधवार को राज्य में सबसे अधिक बारिश लोहरदगा में 9 मिलीमीटर दर्ज की गयी है। रांची में 8 मिमी और जमशेदपुर में 7 मिमी बारिश हुई। बोकारो में छिटपुट बारिश दर्ज की गयी। इस मानसून में अब तक राज्य में 894.2 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 26 प्रतिशत अधिक है।