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बरेली में कांवड़ यात्रा के लिए गाइडलाइन जारी, SSP बोले – डीजे की ऊंचाई रहेगी नियंत्रित

बरेली  बरेली में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। एसएसपी के अनुसार कांवड़ यात्रा में डीजे की अधिकतम 12 फुट की मानक ऊंचाई तय की गई है। इससे सभी डीजे संचालकों व जत्थेदारों को अवगत करा दिया गया है। कांवड़ यात्रा में डीजे की ऊंचाई 12 फुट से अधिक नहीं होगी। बरेली में कांवड़ यात्रा के संबंध में एसएसपी अनुराग आर्य ने यह निर्देश जारी किए हैं। एसएसपी ने बताया कि कांवड यात्रा के संबंध में सभी जत्थेदारों व डीजे संचालक के साथ बैठक कर ली गई है। शासन की गाइडलाइन के अनुसार डीजे की अधिकतम 12 फुट की मानक ऊंचाई तय की गई है। इससे सभी को अवगत करा दिया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान जगह-जगह पुलिस सहायता शिविर लगाए जाएंगे। कांवड़ सेल का गठन किया गया है।  एसएसपी ने बताया कि इंफोलाइन के माध्यम से सभी जत्थेदारों से उनकी समस्या, रूट क्लियर, आने-जाने के संबंध में जानकारी कर ली जा रही है। शिव मंदिरों पर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त किया गया है। सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है। किसी ने भी माहौल बिगाड़ने की प्रयास किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में जिन लोगों ने भड़काऊ पोस्ट की हैं, उनको भी सूचीबद्ध किया गया है।  उन्होंने कहा कि प्रबुद्धजनों से लगातार संवाद किया जा रहा है। संवाद के माध्यम से सारी समस्याओं का निस्तारण कराया जा रहा है। इंफोलाइन में 10 सिपाही की ड्यूटी लगाई गई है, जो लगातार जत्थेदारों से बात कर जानकारी ले रहे हैं। मिश्रित आबादी के संवेदनशील, अति संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस पिकेट की व्यवस्था व सभी मंदिरों पर पुलिस भ्रमण की व्यवस्था को लागू किया गया है। जिलेभर में सावन भर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी। ऑनलाइन मीटिंग कर परखीं तैयारियां  सुरक्षा के मद्देनजर एसएसपी अनुराग आर्य ने ऑनलाइन मीटिंग के जरिये तैयारियां परखीं। साथ ही उचक्कों व शोहदों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए। छेड़खानी, छिनैती जैसे महिला संबंधी अपराध रोकने के लिए मंदिरों पर महिला पुलिस की भी नियमित ड्यूटी लगाई गई है। कांवड़ जत्थों के रूट व जुलूस पर भी निगरानी के निर्देश दिए हैं।  एसएसपी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सावन के दौरान सतर्कता एवं सजगता बनाए रखें। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए तथा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इंतजाम पुख्ता कर लिए जाएं। ऑनलाइन मीट में जिले के सभी एसपी, सीओ, सीओ एलआईयू, सभी थाना प्रभारी और प्रभारी यूपी 112 शामिल रहे। इन बिंदुओं पर एसएसपी ने दिए निर्देश      श्रावण मास की तैयारियां व संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था।     कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रबंधन एवं ट्रैफिक नियंत्रण।     कांवड़ यात्रा एवं जुलूसों के लिए रूट मैपिंग एवं भीड़ नियंत्रण की स्थिति।     संवेदनशील क्षेत्रों में कलस्टर मोबाइल टीम की संख्या एवं तैनाती योजना।     कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस ड्यूटी प्लान व क्षेत्रीय गश्त की योजना।     अन्य सुरक्षा एवं प्रशासनिक बिंदुओं पर विचार विमर्श।  

आकाशीय बिजली से संभावित दुर्घटनाओं से स्वयं को बचायें, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

भोपाल  आकाशीय बिजली यानि वज्रपात से बचाव के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जन समुदाय के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आम-जन इन निर्देशों को अपनाकर आकाशीय बिजली से सुरक्षा और बचाव किया जा सकता है। आकाशीय बिजली या वज्रपात से आउटडोर यथा बाहरी गतिविधियों में शामिल लोग जैसे खेतों, औद्योगिक स्थानों, निर्माण और सामग्री हैंडलिंग वाले स्थलों पर काम करने वाले लोग सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं। आकाशीय बिजली किसी भी समय गिर सकती है और यह मानसून के पहले जून-जुलाई में अधिक होती है। दोपहर और सायंकाल के बीच वज्रपात की घटनाएं सर्वाधिक देखी जाती हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि ऊंची नुकीली संरचनाओं, पेड़ों पर आकाशीय बिजली गिरने की अधिक संभावना होती है। ऐसे स्थानों से दूर रहने की सलाह दी गई है। धातु का मचान, धातु के उपकरण, पानी के पाइप या प्लम्बिंग, बिजली का संचालन करने वाली सामग्री अथवा सतहों के संपर्क से बचें। ऊंची अधोसंरचनाएं, पहाड़ी टेकरी, बिजली के खंभे, टेलीफोन के खंभे, ऊंचा पेड़, छत, मचान, धातु की सीढ़ी, बड़े मशीन जैसे बुलडोजर, क्रेन और ट्रैक्टर जैसे वाहनों से दूर रहें। विस्फोट संभावित क्षेत्रों तथा उद्योग स्थलों से तत्काल सुरक्षित स्थल की ओर प्रस्थान करें। धातु युक्त वाहनों से विद्युत प्रवाह संभावित होने के कारण तुरंत सुरक्षित स्थलों की ओर जाएं। सड़क पर होने पर तुरंत किसी भवन के अंदर शरण लें। आकाशीय बिजली के गर्जन सुनाई देने के बाद कम से कम 30 मिनट तक सुरक्षित स्थान पर बने रहें। घर और कार्यस्थल पर सुरक्षात्मक उपाय अपनाये बिजली एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संपर्क से दूरी बनाए रखें। इन्हें पावर प्लग से पृथक करें। बिजली का प्रवाह किसी भी दीवार, फर्श, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, रेडियो और टेलीविजन रिसेप्शन सिस्टम तारों के माध्यम से हो सकता है। घर, कार्यालय में अर्थिंग सुनिश्चित करें। खुले हुए खिड़की, दरवाजे, धातु के पाइप इत्यादि के पास खड़े नहीं रहें। पानी के धातु पाइप से बिजली प्रवाहित हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये गये हैं। विभाग द्वारा चिकित्सकीय सेवाओं के प्रदाय के लिए आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। पर्याप्त संख्या में औषधियाँ, सामग्री और पैरामेडिकल स्टॉफ का उन्मुखीकरण सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी शासकीय चिकित्सालयों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं, ए.एन.एम./सी.एच.ओ. के पास जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। बहु-उद्देशीय कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं एवं आशा पर्यवेक्षकों को स्थानीय स्तर पर आपात सेवा स्थापित करने के लिए तैयार रखा जाये। शासकीय अमले की सहायता के लिये स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों व पैरामेडिकल स्टॉफ को चिन्हित कर आपात स्थिति में उनकी सेवाएं प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं।  

समृद्ध और विकसित शहर बनेंगे प्रदेश के समावेशी विकास की आधारशिलाः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप मध्यप्रदेश के शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है। इससे बढ़ती नगरीय जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। समृद्ध और विकसित शहर, प्रदेश के समावेशी विकास की आधारशिला बनेंगे। इसे साकार करने के लिए मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। 'नेक्स्ट होराइजन: बिल्डिंग सिटीज ऑफ टुमॉरो' थीम पर केन्द्रित कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के शहरी विकास और निवेश पर देश की रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गज विकसित मध्यप्रदेश@2047 के लिए शहरी विकास के ब्लूप्रिंट पर चर्चा करेंगे। कॉन्क्लेव का आयोजन 11 जुलाई को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में विकास की प्रगति मध्यप्रदेश में शहरी अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है। प्रदेश में 4 शहर ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। साथ ही केन्द्र की स्मार्ट सिटी परियोजना में 7 शहर शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में अधो-संरचाना विकास के संबंधित 72 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ करीब 88 हजार करोड़ रुपये की शहरी क्षेत्र से जुड़ी विकास योजनाएं प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश ने स्वच्छता के लिये देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इंदौर देश में पिछले 7 वर्षों से स्वच्छतम शहरों की श्रेणी में पहले नम्बर पर रहा है। भोपाल को देश की दूसरे नंबर की स्वच्छतम राजधानी बनने का गौरव हासिल किया है। प्रदेश के बजट में शहरी क्षेत्र के विकास के लिए 15 हजार 780 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में शहरी क्षेत्र का योगदान 35.55 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्रों में संचालित केन्द्र की फ्लैग शिप योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों शामिल है। नगरीय विकास से जुड़ी योजनाओं की गति तेज बनाए रखने के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। हाउसिंग सेक्टर में बेहतर निवेश की संभावना प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की अच्छी संभावना है। अफोर्डेबल हाउसिंग में 8 लाख 32 हजार से अधिक किफायती आवास तैयार किये जा चुके है। प्रदेश में 10 लाख नए आवास तैयार किये जा रहे है। इनमें 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। रियल एस्टेट की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में मानव संसाधन की गुणवत्तापूर्ण वर्क फोर्स उपलब्ध है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 6 हजार किलोमीटर सड़क, 80 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पाईपलाइन वॉटर सप्लाई कवरेज की सुविधा और शत् प्रतिशत शहरी क्षेत्र सीवरेज सिस्टम उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई गई है। नगरीय निकायों में सेन्ट्रलाईज पोर्टल के माध्यम से मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं पर 17 हजार 230 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये 2 हजार 800 करोड़ और वॉटर फ्रंट से संबंधित डेव्हलपमेंट में 2 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में सुगम परिवहन व्यवस्था के विस्तार के लिये 21 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाएं संचालित हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पेट्रोलियम ईंधन के कार्बन फुट-फ्रंट रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है। 

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही : निशुल्क कोचिंग क्लासेस में प्रवेश के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन 21 जुलाई तक आमंत्रित

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक रूप से कमजोर जिले के मूल निवासी छात्र-छात्राओं के लिए आदिवासी विकास विभाग द्वारा निःशुल्क कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2025-26 में कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने इच्छुक अभ्यर्थियों से ऑफलाइन आवेदन 21 जुलाई तक आमंत्रित किया गया है। आवेदन पत्र का प्रारूप जिले की वेबसाइट https://gaurela-pendra-marwahi.cg.gov.in/ से प्राप्त कर सकते हैं। निर्धारित प्रारूप में पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र स्वप्रमाणित दस्तावेजों-दसवीं मार्कशीट, बारहवीं मार्कशीट, स्नातक डिग्री, स्थायी जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र एवं मूल निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति के साथ रजिस्टर्ड डाक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में 21 जुलाई शाम 5.30 तक प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन की सामान्य शर्तें एवं अन्य जानकारी जिले की वेबसाइट https://gaurela-pendra-marwahi.cg.gov.in/ में देखी जा सकती है।

जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव जिले में 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण, किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में किसानों के लिए खाद-बीज की सतत् आपूर्ति की जा रही है। जिले में खेती-किसानी का कार्य से जारी है। किसान सहकारी समितियों में खाद-बीज लेने के लिए प्रतिदिन आ रहे है। जिले में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण है। कलेक्टर ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। सभी समितियों में खाद-बीज की निरंतर आपूर्ति होते रहे इसके लिए सभी अधिकारियों को समन्वय बनाने के निर्देश दिए है।      मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव श्री प्रभात मिश्रा ने बताया कि जिले में खरीफ 2025 अंतर्गत 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है, जो कुल भंडारण का 61.86 प्रतिशत है। अब तक किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। जिसमें यूरिया 9050.3 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 4466 मीट्रिक टन, डीएपी 2516.5 मीट्रिक टन, एनपीके 8445.3 पोटाश 2358.9 मीट्रिक टन है। किसानों को 4233.8 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जाना शेष है। जिसमें यूरिया 359.1 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 1650.7 मीट्रिक टन, डीएपी 404.9 मीट्रिक टन, एनपीके 806.6 मीट्रिक टन, पोटाश 1012.5 मीट्रिक टन है। इसी तरह जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण किया गया है और किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है एवं 967.10 क्विंटल बीज का वितरण शेष है। इसके तहत जिले में 10625.10 क्विंटल धान का भंडारण किया गया है और किसानों को 9668.88 क्विंटल धान का वितरण किया गया है एवं 956.22 क्विंटल धान का वितरण शेष है।

चातुर्मास आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक समरसता का पर्व है: राज्यपाल

जयपुर राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि चातुर्मास आत्मशुद्धि, संयम और सामाजिक सद्भाव का विशेष काल है, जिसमें साधु-संत एक स्थान पर ठहरकर साधना, ध्यान और तपस्या करते हैं तथा समाज को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देते हैं। राज्यपाल श्री बागडे मंगलवार को आध्यात्मिक चातुर्मास महोत्सव समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में सुभाष नगर स्थित जैन स्थानक में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आमजन को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि जैन धर्म जीवदया, अहिंसा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है तथा चातुर्मास के माध्यम से इन मूल्यों को जनमानस तक पहुँचाया जाता है। उन्होंने कहा कि सच्चा साधु वही है जो समाज के कल्याण के लिए कार्य करता है और दूसरों के हित में किया गया कार्य ही सच्ची सिद्धि है। यह परंपरा भगवान महावीर के काल से चली आ रही है, जिसका उद्देश्य समाज में नैतिक जागरूकता और आध्यात्मिक चेतना जागृत करना है। राज्यपाल श्री बागडे ने कहा कि चातुर्मास के दौरान दिए जाने वाले प्रवचन व्यक्ति के अंतर्मन को जागृत करते हैं और समाज में सकारात्मक सोच का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को मिटाने के अनेक प्रयास इतिहास में हुए, लेकिन इसकी गहराई और मूल्यों के कारण यह संस्कृति आज भी अक्षुण्ण बनी हुई है। राज्यपाल ने नवीन शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के साथ-साथ उनके नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन पर बल देती है। उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति के माध्यम से ऐसे शिक्षाविद तैयार होंगे, जो आधुनिक ज्ञान के साथ भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी आत्मसात करेंगे। राज्यपाल श्री बागड़े ने मंच पर विराजित जैन साध्वियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके द्वारा समाज को दिए जा रहे आध्यात्मिक मार्गदर्शन की सराहना की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ होंगे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं साथ ही विश्वविद्यालय, मीडिया के क्षेत्र में एडवांस्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में अपनी पहचान बनाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के संप्रेषण और उनकी प्रभावशीलता के सर्वेक्षण संबंधी गतिविधियां भी विश्वविद्यालय में आरंभ करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में विश्वविद्यालय की महापरिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय के कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित महापरिषद के सदस्यगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के रीवा और खंडवा परिसरों में रोजगार परक पाठ्यक्रम संचालित करने संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने को स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति के बाद एम.ए. (जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव एंड राइटिंग), एम.ए. (मास कम्युनिकेशन), एम.ए.( एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस), एम.एससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) और एम.एसी.ए. के एक वर्षीय पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जाएंगे। बैठक में विश्वविद्यालय के पी.एचडी. अधिनियम को यू.जी.सी. पीएचडी अधिनियम 2022 के अनुसार अद्यतन कर इस आधार पर पी. एचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा परिसर के सभागार का नाम लाल बलदेव सिंह सभागार रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। महापरिषद ने वित्त विभाग के 14 अगस्त 2023 के आदेश अनुसार चतुर्थ समयमान उच्चतर वेतन मान को विश्वविद्यालय में लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया। विश्वविद्यालय में फेस डिटेक्शन मशीन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पर भी सहमति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग विषय का व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए प्रिंटिंग प्रेस व लैब तथा पैकेजिंग लैब की स्थापना का प्रस्ताव भी स्वीकृत हुआ। बैठक में अन्य कार्यालयीन तथा प्रबंधकीय विषयों पर भी निर्णय लिए गए।  

ट्रांजिट हाउस, फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनेगा- : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मछुआरों की सुरक्षा और समृद्धि सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मछुआरों की सुरक्षा निगरानी के लिये हाईटेक ड्रोन और जीपीएस प्रणाली: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ट्रांजिट हाउस, फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनेगा- : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मछुआरों की सुरक्षा और समृद्धि सरकार की प्राथमिकता है। उनकी सुरक्षा की दिशा में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कंट्रोल कमांड सेंटर और ट्रांजिट हाउस जैसी पहल की जा रही हैं। राज्य के बड़े जलाशयों में मछुआरों की सुरक्षा और मत्स्य बीज संचयन की निगरानी के लिये आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के सबसे बड़े जलाशयों में शामिल इंदिरा सागर में ड्रोन, जीपीएस और सीसीटीवी युक्त आधुनिक कमांड कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है। आपात स्थिति में इस प्रणाली से मछुआरों को शीघ्र सहायता पहुंचाई जा सकेगी। ये पहल ब्रीडिंग ग्राउंड के चिन्हांकन के साथ मत्स्य आखेट पर निगरानी को और ज़्यादा आसान, सुलभ और प्रभावशाली बनाएगी। कमांड कंट्रोल रूम की मदद से मुख्यालय स्तर से ही 24X7 निगरानी संभव हो सकेगी। ड्रोन के माध्यम से जल क्षेत्र की लाइव मॉनिटरिंग और जीपीएस सिस्टम से नावों की ट्रैकिंग की जा सकेगी और आपात स्थिति में मछुआरों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। मछुआरों के लिए बनेंगे ट्रांजिट हाउस और फ़्लोटिंग प्लेटफ़ॉर्म मत्स्य महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआरों को कई बार 15 दिन से लेकर एक महीने तक खुले टापुओं या जलाशय के किनारों पर अपनी नावों में रात्रि विश्राम करना पड़ता है। वर्षा ऋतु में टापुओं का जलस्तर बढ़ जाता है, ऐसे में मछुआरों को जलीय जीव-जंतुओं से जान-माल की हानि की आशंका बनी रहती है। मछुआरों को इससे बचाने के लिए महासंघ ने गांधी सागर और इंदिरा सागर के टापुओं पर 5 ट्रांजिट हाउस और जल के मध्य 2 फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मछुआरों के लिए इसमें आपातकालीन स्थिति में भोजन निर्माण, सोलर मोबाइल चार्जिंग और बायो टॉयलेट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की यह पहल मछुआरों की सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाएगी, साथ ही जल आधारित संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन और मत्स्य उत्पादन की वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आधुनिक तकनीक के समावेश से अब राज्य में मत्स्याखेट और मछलीपालन नए आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं। भोपाल में बनेगा आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान राज्य में मॉडर्न एक्वाकल्चर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अहम पहल की जा रही है। केन्द्र सरकार की फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड योजना के तहत भोपाल में 5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान में केज कल्चर, बायोफ्लॉक, रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम, मछलियों की हाइजेनिक हैंडलिंग, फिश प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और वैल्यूएडिशन जैसे विषयों पर मछुआ समुदाय को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मछुआरों को इससे वैश्विक मानकों के अनुरूप मछली पालन तकनीक की जानकारी और व्यावसायिक दक्षता प्राप्त होगी।  

धौलपुर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विविधताओं से समृद्ध धरती पर विज्ञान और नवाचार की एक नई दिशा जुड़ी

जयपुर धौलपुर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक विविधताओं से समृद्ध धरती पर  विज्ञान और नवाचार की एक नई दिशा जुड़ गई है। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री  डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को धौलपुर जिला मुख्यालय पर सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय परिसर स्थित सूचना केंद्र में राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान के सहयोग से स्थापित धौलपुर विज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने विज्ञान केंद्र का अवलोकन किया तथा वहाँ उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न विज्ञान प्रयोगों, मॉडल को न केवल सराहा बल्कि विज्ञान के सिद्धांतों को सरल भाषा में समझने, समझाने और उन्हें दैनिक जीवन से जोड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और प्रयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पार्क में 'एक पेड़ माँ के नाम अभियान' में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी जागरूकता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम के बाद टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह नवाचार और विज्ञान का युग है। केन्द्र सरकार द्वारा आकांक्षी जिलों में विज्ञान केंद्रों की स्थापना उसी सोच का विस्तार है। इससे देश के दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में भी वैज्ञानिक चेतना का विस्तार हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत अब वैज्ञानिक नवाचारों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। चंद्रयान-3 मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना हो या ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का स्थानीय अनुभव, नवीनतम तकनीक और पुरातन ज्ञान परम्परा के समन्वय से नवाचार कर समाधान करना हो, भारत ने वैश्विक मंच पर विज्ञान के क्षेत्र में अपनी दृढ़ उपस्थिति दर्ज करवाई है। इस दौरान विद्यार्थियों ने केंद्रीय मंत्री से संवाद करते हुए विज्ञान में रुचि, नवाचार और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।  विद्यार्थियों ने इसे अपने लिए अत्यंत लाभकारी बताया और कहा कि अब विज्ञान केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वे उसे स्वयं प्रयोग कर सीख सकेंगे और समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। छात्राओं ने सुझाव दिए कि राज्य के अन्य जिलों में भी इसी प्रकार विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाए। जिला प्रभारी मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा विज्ञान की जानकारी जब बच्चों के पास पहुँचती है तो वह केवल किताबों तक सीमित नहीं रहती, वह उनके जीवन के निर्णयों में झलकने लगती है। यह विज्ञान केंद्र हमारे युवाओं को तकनीकी और डिजिटल युग के साथ तालमेल बिठाने में सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रतिरक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. देवाशीष मोहंती, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एच. गोखले तथा राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. विजय शंकर शर्मा ने विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों और उपलब्धियों की जानकारी दी।  जिला कलक्टर श्री श्रीनिधि बी. टी. ने सभी गणमान्य अतिथियों और वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान केंद्र धौलपुर के लिए केवल एक संरचना नहीं, बल्कि वैज्ञानिक चेतना की उड़ान का रन वे है। अब धौलपुर की पहचान सिर्फ बीहड़ों तक सीमित नहीं रहेगी,  यह जिला प्राकृतिक पर्यटन, वैज्ञानिक सोच और सतत् विकास की नई इबारत लिखेगा। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक श्री सुमित मेहरड़ा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ए. एन. सोमनाथ, पूर्व विधायकगण सुखराम कोली और गिर्राज सिंह मलिंगा, रानी सिलौटिया, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री हरिराम मीणा,  श्री राजवीर सिंह राजावत, इंदु जाटव, डॉ. शिवचरण कुशवाह, नीरजा शर्मा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि,  शिक्षक, विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं?

भोपाल मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं? मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर अशोकनगर के मुंगावली थाने में एक व्यक्ति को गलतबयानी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले का जिक्र करते हुए विश्वास सारंग ने कहा, “कांग्रेस चोरी और फिर सीनाजोरी की कहावत को सही साबित कर रही है। एक तरफ उन्होंने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए संविधान का माखौल उठाया और दूसरी तरफ उन्होंने एक भोले-भाले व्यक्ति का अपमान किया। उसने खुद कहा है कि उसे बाइक का लालच देकर इस तरह की बयानबाजी कराई गई।” उन्होंने कहा, “जीतू पटवारी ने उस व्यक्ति के मान का हनन किया और अब वे इस मुद्दे को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर वे संविधान के पालन की बात करते हैं तो उन्हें चुपचाप जाकर गिरफ्तारी देनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि वे यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं? उन्हें सार्वजनिक रूप से उस व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए, जिसके मान को ठेस पहुंचाई गई। इससे बड़ा अपमान उसका नहीं हो सकता है।” मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के सरकार में आने के दावे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि कुछ दिनों बाद हमारी सरकार आ जाएगी और यही दावा कमलनाथ ने भी किया था, लेकिन वे दहाई में रह गए। मैं इतना ही कहूंगा कि अगर वे (कांग्रेस) इस तरह के दावे करेंगे तो इकाई में पहुंच जाएंगे। जनता इस तरह की दादागिरी और बदमाशी को स्वीकार नहीं करेगी।” इससे पहले, मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “मुद्दा मेरे या हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर का नहीं है। मुद्दा एक पीड़ित व्यक्ति का है। उसने 50 जगह शिकायत की, अलग-अलग वीडियो दिए और 300 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय मांगने के बावजूद मेरे पास पहुंचा। मैंने विपक्ष के तौर पर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया। सरकार को इस व्यक्ति का दर्द समझना चाहिए था और अपराधी, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन क्योंकि आरोपी एक विधायक का रिश्तेदार, परिवार का सदस्य और सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता था, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, जिसने दर्द सुना, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की।” मध्य प्रदेश सरकार जेल भेजेगी, तो जाएंगे : जीतू पटवारी कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अशोकनगर में गिरफ्तारी देने जा रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि अगर सरकार उन्हें जेल भेजेगी तो वह जेल जाने को तैयार हैं। पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर के मुंगावली में प्रकरण दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति को बरगला कर और प्रलोभन देकर गलत बयानी कराई। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक विद्वेष करार देते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सहित कांग्रेस के तमाम नेता गिरफ्तारी देने अशोकनगर जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे मानव मल खिलाया गया था, उसने कई जगह शिकायत की मगर प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन वह व्यक्ति मुलाकात करने अशोकनगर से ओरछा पहुंचा और उसने हकीकत बयान की। बाद में प्रशासन ने उस पर दबाव डालकर एक शपथ पत्र ले लिया और प्रकरण दर्ज कर लिया। यह पूरी तरह अवैधानिक है और कांग्रेस लगातार पीड़ितों की लड़ाई लड़ती रही है, लड़ती रहेगी और अब गिरफ्तारी भी हम देने जा रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन जेल भेजता है, तो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी का कहना है आज सभी कांग्रेस नेता अशोकनगर आम जनता की लड़ाई लड़ने जा रहे है, जनता ने हमे विपक्ष का दायित्व दिया है। उनकी समस्याएं को लेकर हम लगातार लड़ते है, जो वादे जनता से भाजपा ने चुनाव में किए है उन्हें पूरा कराने के लिए सरकार से लगातार मांग करते हैं। हम विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभा रहे है। हमारी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होने प्रशासन द्वारा प्रदर्शन को लेकर उठाए गए कदमों पर कहा, “जिस नियम के तहत अनुमति दी है उसी हिसाब से प्रदर्शन करेंगे। अगर हमें जेल में डालना है तो सरकार हमें जेल में डाल दे।” मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर विधानसभा में विधेयक लाने का वादा किया है, जिसका जिक्र करते हुए पटवारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री का बयान बेहद गलत है। सरकार ओबीसी के युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम नए नियम बना रहे हैं, जबकि नियम बने हुए हैं। अगर उसमें सुधार करना है तो करो, पर देखने में आ रहा है कि सरकार कोर्ट में वकील खड़े करके ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना चाहती है।