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सेना का खुलासा: ऑपरेशन सिंदूर रोकने का फैसला रणनीतिक मास्टर स्ट्रोक था

नई दिल्ली  पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारत ने पाक की ओर से किए गए कायराना हमलों का भी मुंहतोड़ जवाब दिया था।   बीते मई के महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालत बन गए थे। जंग में अपनी हालत पतली होती देख पाकिस्तान भारत के सामने सीजफायर के लिए गुहार लगाने लगा था, जिसके बाद भारत ने सीजफायर समझौते को मंजूरी दे दी थी। अब हाल ही में भारतीय सेना ने भारत के इस कदम को मास्टर स्ट्रोक बताया है। भारत के डिप्टी आर्मी चीफ राहुल आर सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को सटीक सैन्य कार्रवाई बताते हुए कहा कि भारत ने सभी कार्रवाइयोंं को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। डिप्टी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने से लेकर खत्म करने तक के फैसले को एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा बताया। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, "हमने बिल्कुल आखिरी घड़ी में फैसला लिया कि किन नौ निशानों पर हमला किया जाएगा।" समझदारी भरा कदम इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई में जानबूझकर सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों को शामिल किया गया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि हम एक हैं।" उन्होंने कहा, “भारत ने 21 टारगेट को फाइनल किया था, जिनमें से नौ लक्ष्यों पर हमला करना हमारे लिए समझदारी भरा कदम था।” उन्होंने कहा कि टारगेट का चयन करने के लिए तकनीक की भी मदद ली गई थी। क्यों रोकी गई कार्रवाई? डिप्टी चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का फैसला मास्टर स्ट्रोक था। उन्होंने कहा, "यह तय किया गया था कि जब भी हमला हो, हमें उनसे आगे रहना है। हालांकि यह भी योजना थी कि अपने लक्ष्यों को पूरा करने के बाद हम इस जंग को रोकने की कोशिश करेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए मैं कहूंगा कि सही समय पर इस संघर्ष को रोकना एक शानदार योजना थी।"  

रूस-पाकिस्तान में रेल समझौता, सेंट्रल एशिया तक कनेक्टिविटी बढ़ाने की तैयारी

इस्लामाबाद, मॉस्को भारत के मित्र देश कहने जाने वाले रूस से पाकिस्तान ने एक बड़ा समझौता करने में सफलता पाई है। इसके तहत रूस और सेंट्रल एशिया तक पाकिस्तान से ट्रेनों के जरिए कनेक्टिविटी होगी। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी पाकिस्तान से लेकर रूस और सेंट्रल एशिया तक पहुंचा जा सकेगा। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन से इतर आयोजित मीटिंग के दौरान पाकिस्तान के संचार मंत्री अब्दुल अलीम खान और रूस के परिवहन मंत्री आंद्रे सेरगेविच निकितिन के बीच इस अग्रीमेंट को लेकर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने कहा कि इससे रूस और पाकिस्तान के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग बढ़ेगा। इस अग्रीमेंट को पाकिस्तान अपनी बड़ी सफलता के तौर पर प्रचारित कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि इस समझौते से हमारा देश एक बड़ा ट्रांजिट हब बन जाएगा। इससे कारोबारी गलियारा बनेगा और माल की आवाजाही आसान हो सकेगी। रूस और सेंट्रल एशिया तक पहुंचना आसान होगा। रूस के मंत्री आंद्रे निकितिन ने कहा कि रूस और पाकिस्तान के सहयोग में वह ताकत है कि क्षेत्रीय समीकरण बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि रूस की यह प्रतिबद्धता है कि पाकिस्तान के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाई जाए और कारोबार में भी इजाफा हो। बता दें कि रूस के साथ समझौते के लिए पाकिस्तान लगातार कोशिश करता रहा है। यही नहीं बीते कुछ सालों में जब भारत ने बड़े पैमाने पर रूस से तेल खरीदा तो पाकिस्तान ने भी उससे संपर्क साधा था। हालांकि रूस ने पाकिस्तान को सस्ता तेल देने से इनकार कर दिया था। बता दें कि रूस का भारत के साथ भी एक समझौता है, जिसके तहत इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। इस कॉरिडोर के माध्यम से भारत की पहुंच सीधे यूरोप तक हो सकती है। माना जा रहा है कि इसी प्रतिस्पर्धा के कारण पाकिस्तान ने रूस के साथ यह करार किया है।  

कोलकाता गैंगरेप मामले में कई लड़कियों ने मनोजीत पर यौन उत्पीड़न के लगाए हैं आरोप

कोलकाता कोलकाता गैंगरेप मामले में टीएमसी के पूर्व छात्रनेता मनोजीत मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक के बाद एक कई लड़कियों ने मनोजीत पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। ताजा मामले में एक छात्रा ने दावा किया है कि एक कमरे में मनोजीत ने उसके बाल खीचें थे और बालकनी में घसीट ले गया था। इसके बाद वह उसके कपड़े उतारने लगा था और फिर एक अन्य छात्रा के दरवाजा खटखटाने की वजह से वह बच सकी थी। मीडिया से बातचीत में छात्रा ने बताया कि यह घटना अक्टूबर 2023 की थी। छात्रा ने बताया कि एक कार्यक्रम के दौरान उसके पिता ने उसे बुलाया तो वह उनसे बात करने के लिए एक खाली कमरे में चली गई। उसने कहा, ''जैसे ही मैं बाहर निकलने वाली थी, मैंने देखा कि मनोजीत अंदर आया और उसने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। वह साफ तौर पर नशे में था और उसे वीड भी पी रखी थी। मैंने उससे कहा कि वह मुझे जाने दे, लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी और मेरे करीब आता रहा।'' छात्रा लॉ के दूसरे ईयर की पढ़ाई कर रही है। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व युवा विंग नेता मनोजीत ने कमरे के अंदर उस समय छात्रा के साथ मारपीट की, जब अन्य छात्र बाहर नाच रहे थे और मौज-मस्ती कर रहे थे। उसने कहा कि उसने अपने साथ रखे रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल करके बाहर गानों की आवाज तेज कर दी, ताकि छात्रा की चीखें बाहर न जाएं। छात्रा ने आगे बताया, ''उसने (मनोजीत) मेरे बाल खींचे और मुझे कमरे की बालकनी में घसीटकर ले गया। मेरे कपड़े उतारने लगा… सौभाग्य से, एक सीनियर छात्रा ने दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया और जल्दी में वह कमरे से भाग गया।" कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा से मनोजीत समेत अन्य पर गैंगरेप का आरोप लगा है। वह इस मामले में मुख्य आरोपी है। मनोजीत समेत कुल चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। टीएमसी का पूर्व छात्रनेता होने की वजह से मनोजीत मामले के चलते टीएमसी पर बीजेपी निशाना साध रही है। इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक विधि कॉलेज में सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच की प्रगति पर एक हलफनामा दाखिल करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को 10 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई पर उसके समक्ष जांच की केस डायरी भी पेश करने का निर्देश दिया। पीठ में न्यायमूर्ति स्मिता दास डे भी शामिल थीं। साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम को कानून की एक छात्रा से कथित सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। मुख्य आरोपी कॉलेज का भूतपूर्व छात्र है और संस्थान का संविदा कर्मचारी भी है।  

थप्पड़ विवाद पर फडणवीस का बयान – मराठी के सम्मान में हिंसा का समर्थन नहीं

मुंबई पिछले दिनों महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कथित तौर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक फूड स्टॉल के मालिक को मराठी में बात नहीं करने पर पीटने के मामले में अब राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने MNS कार्यकर्ताओं द्वारा दुकानदार की पिटाई की घटना पर दो टूक कहा कि ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठी का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन मराठी की आड़ में गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें कि मुंबई के पास मीरा रोड में फूड स्टॉल चलाने वाले 48 वर्षीय दुकानदार बाबूलाल चौधरी पर राज ठाकरे की MNS के सात कार्यकर्ताओं ने मराठी नहीं बोलने पर हमला कर दिया। चौधरी की पिटाई करते हुए MNS कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर चेतावनी दी कि अगर उसे इस क्षेत्र में व्यापार करना है तो मराठी बोलना होगा वरना दुकान चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जब दुकानदार ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी भाषाएँ बोली जाती हैं, तो उस पर थप्पड़ों की बरसात कर दी गई। हुड़दंगियों को MNS का साथ राज ठाकरे की पार्टी MNS इस मामले में अपने कार्यकर्ताओं का साथ दे रही है और दावा किया कि दुकानदार ने मराठी का अपमान किया तभी उसके साथ उसके कार्यकर्ता सख्ती से पेश आए। दूसरी तरफ, MNS कार्यकर्ताओं की हरकतों का महाराष्ट्र के जूनियर गृह मंत्री योगेश कदम ने भी अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया है, जिन्होंने कहा कि मराठी का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मराठी के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं हालांकि, एक प्रेस कॉन्प्रेन्स में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो गृह मंत्रालय का भी जिम्मा संभाल रहे हैं, ने दो टूक कहा कि मराठी के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक दिन पहले भाजपा कोटे से मंत्री नितेश राणे ने भी MNS के कार्यकर्ताओं की हरकत की आलोचना की और कहा, ‘‘एक हिन्दू व्यक्ति को पीटा गया…गरीब हिन्दुओं पर क्यों हमला किया जा रहा है? हिम्मत है तो नल बाजार या मोहम्मद अली रोड पर जाकर अपनी ताकत दिखाओ।’’ बता दें कि नल बाजार या मोहम्मद अली रोड दक्षिण मुंबई में मुख्यतः मुस्लिम बहुल इलाका है। हिन्दुओं को बांटने का एक प्रयास मंत्री राणे ने कहा, ‘‘क्या मोहम्मद अली रोड (इलाका) में दाढ़ी और टोपी वाले लोग शुद्ध मराठी बोलते हैं। क्या जावेद अख्तर या आमिर खान मराठी बोलते हैं।आपके पास उन्हें मराठी बोलने के लिए कहने का साहस नहीं है, लेकिन आप गरीब हिन्दुओं पर हमला कर रहे हैं।’’ राणे ने दावा किया कि हिंदी को लेकर विवाद हिन्दुओं को बांटने का एक प्रयास है। दरअसल, भाषा विवाद के जरिए राजनीतिक दल सामाजिक ध्रुवीकरण की कोशिशों में लगे हुए हैं, क्योंकि आने वाले समय में BMC चुनाव होने वाले हैं।  

भारत को सतर्क रहने की नसीहत, दलाई लामा उत्तराधिकारी पर चीन आक्रामक मुद्रा में

चीन दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन के मामले में चीन भारत को धमकी देने पर उतारू हो गया है। उसने भारत से तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर सावधानी से काम करने के लिए कहा है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर इसका असर न पड़े। चीन ने शुक्रवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है कि दलाई लामा को अपनी इच्छा के अनुसार चलना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने रिजिजू की टिप्पणियों पर एक सवाल का जवाब देते हुए मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत को 14वें दलाई लामा की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति से स्पष्ट होना चाहिए और शिजांग (तिब्बत) से जुड़े मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए। चीन तिब्बत को शिजांग कहता है। माओ ने कहा कि भारत को अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए, शिजांग से संबंधित मुद्दों पर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए और चीन-भारत संबंधों के सुधार और विकास पर प्रभाव डालने से बचना चाहिए। रिजिजू ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि अगले दलाई लामा पर फैसला सिर्फ स्थापित संस्था और दलाई लामा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले में कोई और शामिल नहीं होगा। यह दलाई लामा द्वारा अपने उत्तराधिकारी पर की गई टिप्पणियों पर भारत सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी की पहली प्रतिक्रिया थी। बुधवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट – जिसकी स्थापना 2015 में उनके कार्यालय द्वारा की गई थी – को ही उनके अगले दलाई लामा को मान्यता देने का अधिकार होगा। रिजिजू की यह टिप्पणी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की उत्तराधिकार योजना को चीन द्वारा खारिज किए जाने के बाद आई है, जिसमें जोर दिया गया है कि किसी भी भावी उत्तराधिकारी को उसकी स्वीकृति की मुहर मिलनी चाहिए। रिजिजू, जो बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, और उनके साथी केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, 6 जुलाई को धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि जन्मदिन समारोह एक धार्मिक समारोह है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। माओ ने चीन के इस रुख को दोहराया कि दलाई लामा और तिब्बती बौद्ध धर्म के पंचेन लामा के उत्तराधिकारी के लिए घरेलू खोज, 'स्वर्ण कलश' से निकाले गए लॉटरी और केंद्र सरकार की मंजूरी के अनुरूप कठोर धार्मिक अनुष्ठानों और ऐतिहासिक परंपराओं का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान 14वें दलाई लामा इस प्रक्रिया से गुजरे थे और तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को उन सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए और धार्मिक अनुष्ठानों, ऐतिहासिक परंपराओं, चीनी कानून और नियमों का पालन करना चाहिए।  

उत्तराखंड में मानसून का असर पूरे राज्य पर दिखने लगा, मूसलधार बारिश से हालात बिगड़े

देहरादून उत्तराखंड में मानसून का असर पूरे राज्य पर दिखने लगा है। पर्वतीय और मैदानी जिलों में लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। विशेष रूप से केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों पर भूस्खलन से रास्ते बाधित हो गए हैं, जिससे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है।  रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम की ओर जाने वाला पैदल मार्ग गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे छोड़ी गधेरे पर बोल्डर, मलबा-पत्थर आने से पूरी तरह से बाधित हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें व लोक निर्माण विभाग के कार्मिक व मजदूर मौके पर हैं। फिलहाल यात्रियों के आवागमन को सोनप्रयाग से ही बंद कर दिया गया है। मैनुअल तरीके से मलबा-पत्थर हटाया जा रहा है। वहीं मनकटिया क्षेत्र व छोटी पार्किंग गौरीकुंड मार्ग पैदल आवाजाही के लिए सुचारु है।  जिला आपदा प्रबंध अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों को सचेत किया जा रहा है। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने भी यात्रियों को मौसम के अनुसार यात्रा की सलाह दी है। उत्त्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे एन एच 134 पर बनास के पास भारी भू-धसाव से सड़क का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। मलबा हटाने के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था जुटाई जा रही है ताकि यात्रियों की आवाजाही हो सके।  गंगोत्री हाईवे एनएच 108 पर पापड़ गाड़ के पास भी भू-धसाव हुआ है, जिससे मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद हैं। सीमा सड़क संगठन व लोक निर्माण विभाग की टीमें सड़क सुधार कार्य में जुटी हुई हैं। इसके अलावा पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से गंगा, यमुना, सरयू, गोमती समेत सभी नदियां खतरें के निशान के पास बह रही हैं। इससे हरिद्वार, ऋषिकेश समेत अन्य मैदानी जिलों में जलभराव की संभावनाओं को देखते हुए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने सभी जिलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश की राजधानी देहरादून समेत अल्मोड़ा, बागेश्वर समेत अन्य जिलों में बारिश जारी है। बागेश्वर जिले में रात से लगातार बारिश से जिले में 14 आंतरिक मोटर मार्ग भूस्खलन से बंद हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। बारिश से सरयू और गोमती नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सचिव विनोद सुमन ने बताया कि सभी जिले अलर्ट मोड में हैं और सभी जिलों से लगातार फीड बैक भी मिल रहा है।  

अमरनाथ यात्रा 2025: पहले ही दिन 12 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 6411 का नया जत्था रवाना

श्रीनगर अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को जम्मू से एक और जत्था भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना हुआ। इस जत्थे में 6411 तीर्थयात्री शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार सुबह भगवती नगर यात्रा निवास से 291 वाहनों के दो सुरक्षा काफिलों में कुल 6411 यात्री कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुए। इनमें से 2789 यात्री बालटाल बेस कैंप की ओर जा रहे हैं, जबकि 3622 यात्री पहलगाम बेस कैंप जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि 38 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के पहले दिन, गुरुवार को 12300 यात्रियों ने पवित्र गुफा में दर्शन किए। यात्रा के दौरान श्रद्धालु ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ उत्साहपूर्वक तीर्थ कर रहे हैं। सुरक्षा के विषय पर तीर्थयात्रियों ने कहा, “उन्हें पाकिस्तान या उसके भाड़े के एजेंटों से कोई डर नहीं है। वो भगवान शिव के आह्वान पर यात्रा कर रहे हैं और उन्हीं की कृपा में सुरक्षित महसूस करते हैं।” इस साल की अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है, क्योंकि यह 22 अप्रैल के कायरतापूर्ण हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम में कथित तौर पर धर्म देखकर 26 पर्यटकों की हत्या की थी। फिलहाल यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर मजबूत किया गया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी शिविर और जम्मू में भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक का पूरा मार्ग सुरक्षाबलों की ओर से सुरक्षित है। तीर्थयात्री बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा तक दो रास्तों से पहुंचते हैं, जिसमें एक पारंपरिक पहलगाम मार्ग है और दूसरा छोटा, लेकिन कठिन बालटाल मार्ग है। पहलगाम रूट पर गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए चंदनवारी, शेषनाग और पंचतरणी से गुजरना पड़ता है, जिसमें कुल 46 किमी की दूरी तय करनी होती है। बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा करने के बाद उसी दिन बेस कैंप वापस लौटना पड़ता है।  

वडोदरा स्कूल बम धमकी मामला: पुलिस ने शुरू की गहन जांच, बढ़ाई सुरक्षा

वडोदरा गुजरात के वडोदरा में एक और स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इस बार हरनी इलाके में एयरफोर्स स्टेशन इलाके के पास स्थित सिग्नस स्कूल को निशाना बनाया गया है। शुक्रवार को एक अज्ञात व्यक्ति ने सिग्नस स्कूल में बम विस्फोट की धमकी दी। इससे वहां हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पुलिस भी तुरंत हरकत में आई और छात्रों को बाहर निकालते हुए स्कूल को खाली कराया गया। जानकारी के मुताबिक, अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल के जरिए स्कूल में बम विस्फोट की धमकी दी थी। सूचना मिलने के बाद बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। स्कूल में सघन जांच और तलाशी अभियान शुरू किया गया। स्कूल में विस्फोट की धमकी मिलने के बाद टीचर, छात्रा और उनके अभिभावक भी दहशत में आ गए। अभिभावकों को घटना की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद छात्रों को सुरक्षित घर भेज दिया गया। फिलहाल स्कूल में बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड टीमों की तलाशी के बाद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। क्लासरूम के अलावा स्कूल परिसर के अन्य हिस्सों की गहन तलाशी ली गई। गुजरात के बड़े शहरों खासकर अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में पिछले कुछ समय से स्कूलों में बम विस्फोट की धमकियां मिल रही हैं। वडोदरा में 15 दिनों में ही तीसरे स्कूल को उड़ाने की धमकी दी गई है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। पिछली बार वडोदरा स्थित नवरचना स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली। यह धमकी स्कूल प्रशासन को ई-मेल के जरिए दी गई थी। लगातार दूसरे दिन धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद स्कूल प्रशासन और अभिभावक चिंतित रहे। हालांकि इस बार वडोदरा के इस नामी स्कूल को अज्ञात व्यक्ति ने बम से उड़ाने की धमकी दी है, जिसके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।  

पाकिस्तान: अल्पसंख्यक लड़कियों के जबरन विवाह और जबरन धर्मान्तरण, अपहरण, तस्करी, यूके की संसद में पाकिस्तान बेनकाब

लंदन  पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक उत्पीड़न का दौर जारी है। इस भयावह स्थिति को ब्रिटेन की संसद में आयोजित एक सत्र में उजागर किया गया। ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑन फ्रीडम ऑफ रिलीजन ऑर बिलीफ की ओर से यह सेशन बुलाया गया था। इसमें सांसदों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान हिंदुओं, ईसाइयों, शियाओं और अहमदियों के खिलाफ अत्याचारों को व्यवस्थित और राज्य प्रायोजित बताया गया। सबूतों से पता चला कि ये घटनाएं अलग-थलग नहीं, बल्कि पाकिस्तानी राज्य और सैन्य तंत्र के समर्थन से सुनियोजित रणनीति का हिस्सा हैं। सिंध प्रांत में हिंदू और ईसाई समुदायों की नाबालिग लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन हो रहा है। इस गंभीर समस्या पर सत्र में विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। अनुमान है कि हर साल 500 से 1,000 लड़कियों का अपहरण किया जाता है। ये अक्सर राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मौलवियों की ओर से संचालित धार्मिक स्थलों के जरिए तस्करी की जाती हैं। इसके अलावा, हिंदू मंदिरों और धर्मशालाओं पर हमले सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मिटाने की कोशिश का हिस्सा हैं। साल 2023 में कश्मीर में एक मंदिर पर रॉकेट हमला इसका उदाहरण है। पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की मांग शिया और अहमदी समुदायों के खिलाफ जबरन गायब करने, सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक अधिकारों से वंचित करने की घटनाएं भी सामने आईं। सत्र में सिंध फ्रीडम मूवमेंट के अध्यक्ष सोहैल अबरो और दूसरे समुदायों के प्रतिनिधियों ने आवाज उठाई। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की मांग की। इसके अलावा, ब्रिटिश सांसदों फ्लेर एंडरसन और डेविड स्मिथ ने विस्तृत आंकड़े और प्रत्यक्षदर्शी डिटेल पेश किए। सत्र के अंत में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन अत्याचारों की स्वतंत्र जांच, जबरन धर्म परिवर्तन और धार्मिक संस्थानों पर हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही, इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की भी चर्चा हुई।

मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा राज्यसभा का 268वां सेशन, 21 अगस्त तक चलेगा

नई दिल्ली  मॉनसून सत्र 2025 के लिए राज्यसभा का 268वां सत्र सोमवार 21 जुलाई से शुरू होगा. आधिकारिक संसदीय बुलेटिन ने इस बात की पुष्टि की है. बता दें, सदस्यों को सम्मन विशेष रूप से सदस्य पोर्टल के माध्यम से जारी किए गए तथा सभी को मानसून सत्र के आगामी कार्यक्रम और कार्य दिवसों के बारे में सूचित किया गया. जानकारी के मुताबिक सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें सदन 12 अगस्त को स्थगित होगा तथा स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए 18 अगस्त को पुनः बैठक होगी. बैठकों का समय प्रत्येक कार्य दिवस पर प्रातः 11:00 बजे से अपराह्न 1:00 बजे तक तथा अपराह्न 2:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक निर्धारित किया गया है. राज्यसभा के मॉनसून सत्र 2025 में प्रमुख विधायी चर्चाएं और बहसें शामिल होने की उम्मीद है. संसद सदस्यों को सलाह दी गई कि वे सत्र के संबंध में अद्यतन जानकारी, परिपत्रों और अतिरिक्त निर्देशों के लिए नियमित रूप से सदस्य पोर्टल देखते रहें. इस बीच, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इससे पहले संसद का मॉनसून सत्र21 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक प्रस्तावित था. वहीं, अब स्वतंत्रता दिवस के बाद भी सत्र जारी रहेगा. बता दें, स्वतंत्रता दिवस समारोह के कारण 13 और 14 अगस्त को संसद की बैठक नहीं होगी. आगामी मानसून सत्र 2025 ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला संसद सत्र होगा, जिसे भारत ने 7 मई को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. संसद का बजट सत्र इस साल 31 जनवरी को शुरू हुआ था. बजट सत्र 2025 में वक्फ संशोधन विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए. सत्र के दूसरे हिस्से में दोनों सदनों की 17 बैठकें हुईं. पूरे बजट सत्र के दौरान कुल 26 बैठकें हुईं. वही, केंद्र की मोदी सरकार ने मॉनसून सत्र 2025 से पहले 19 जुलाई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है.