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जिनके पास होती हैं ये 5 आदतें, उनसे टकराना आसान नहीं होता

दुनिया में हर इंसान की अपनी अलग पहचान होती है। लेकिन इनमें से कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों पर अपना कुछ खास इंप्रेशन छोड़ जाते हैं। उनका व्यक्तित्व ऐसा होता है जिससे लोग ना सिर्फ प्रभावित होते हैं, बल्कि उनसे पंगा लेने में भी कतराते हैं। दरअसल ऐसे इंसान के अंदर होती हैं कुछ ऐसी अनोखी खूबियाँ जो उन्हें बाकी सबसे अलग बनाती हैं। ये गुण ना केवल उन्हें आत्मविश्वासी बनाते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व को इतना दमदार बना देते है कि लोग उन्हें चुनौती देने से कतराते हैं। चाहे बात मानसिक मजबूती की हो या खुद पर भरोसे की; ये खूबियाँ उन्हें एक ताकतवर इंसान के रूप में रिप्रेजेंट करती हैं। आइए जानते हैं स्ट्रॉन्ग पर्सनेलिटी वाले व्यक्तियों की इन्हीं क्वालिटीज के बारे में। जो इंसान आत्मविश्वास से भरा हो कॉन्फिडेंस यानी आत्मविश्वास वह गुण है जो किसी भी व्यक्ति को भीड़ में सबसे अलग बनाता है। जो लोग खुद पर भरोसा करते हैं और अपने फैसलों को लेकर कॉन्फिडेंट होते हैं, वो लोग डंके की चोट पर अपने विचारों को दूसरों के सामने रखते है। ऐसे लोगों को अपनी क्षमता पर पूरा यकीन होता है, जिससे सामने वाला खुद-ब-खुद शांत हो जाता है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है, वो हमेशा राजा की तरह आगे बढ़ता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस में पतले धागे सा अंतर होता है। इसलिए कॉन्फिडेंट बनें लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट ना हों। जो व्यक्ति होता है इमोशनली स्ट्रॉन्ग एक इंप्रेसिव पर्सनालिटी बनाने के लिए इमोशनली स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी है। जो लोग भावनाओं पर काबू रखना जानते हैं, मुश्किल हालात में भी घबराने के बजाय सजगता से आगे बढ़ते हैं, गुस्से या दुख में भी संतुलन बनाए रखते हैं; उन्हें मानसिक रूप से कभी कोई भी तोड़ नहीं सकता। ऐसे लोग दूसरों के इरादों को पहचानने में भी काफी तेज होते हैं। ऐसे व्यक्तित्व वाले लोगों को उनके रास्ते से भटकाना आसान नहीं होता। जिनमें होती है सही डिसीजन लेने की कैपेबिलिटी ऐसे लोग जो हर सिचुएशन में सही डिसीजन लेने की कैपेबिलिटी रखते हैं, उनका व्यक्तित्व भी बहुत ही प्रभावशाली होता है। ऐसे लोगों को अपने लक्ष्य और रास्तों के बारे में साफ समझ होती है। इस तरह के लोग कभी जल्दबाजी में फैसले नहीं लेते, बल्कि सोच-समझकर ही हर कदम उठाते हैं। यही कारण है कि लोग इन्हें हल्के में लेने की भूल नहीं करते। इनकी रणनीतिक सोच इन्हें हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की काबिलियत देती है। जिनमें हो आत्म-संयम और अनुशासन इंपैक्टफुल पर्सनैलिटी बनाने के लिए व्यक्ति के अंदर आत्म-संयम और अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। अनुशासित जीवन जीने वाले लोग जीवन के हर मोड़ पर नियंत्रित रहते हैं और अपनी सारी एनर्जी जीवन की सही दिशा में लगाते हैं। ये कभी जीवन के गलत रास्ते पर नहीं चलते और इनका जीवन जीने का ये पॉजिटिव तरीका ही लोगों के लिए मिसाल बन जाता है। ऐसे लोग हमेशा दूसरों के लिए आदर्श बनते है और कोई कभी भी इनका विरोध नहीं करता। जो खुद का और दूसरों का करें सम्मान यकीनन हर इंसान को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। लेकिन सम्मान पाने के लिए पहले खुद का सम्मान करना भी जरूरी है। जो लोग अपना सम्मान करते हैं और जब बात उनके आत्मसम्मान पर आती है, तो किसी के सामने भी नहीं झुकते नहीं, किसी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते हैं; ऐसी पर्सनैलिटी के इंसान से भी जल्दी कोई पंगा नहीं लेता है।  

छठ पूजा में पूजित छठी मैया: संतानों की सुख-समृद्धि की देवी की कथा

लोक आस्था का महापर्व ‘छठ पूजा’ जल्द ही शुरू होने वाला है. यह चार दिनों का त्योहार विशेष रूप से सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है. यह पर्व संतान के स्वास्थ्य, सफलता और लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिनकी पूजा इस महापर्व में की जाती है, वह छठी मैया कौन हैं और संतान की रक्षा करने वाली इस देवी का महत्व क्या है? आइए जानते हैं. कौन हैं छठी मैया? छठी मैया को देवी षष्ठी कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, ये भगवान सूर्यदेव की बहन हैं और बच्चों की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुरक्षा की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं. छठी मैया का नाम षष्ठी इसलिए पड़ा क्योंकि इनकी पूजा शिशु जन्म के छठे दिन की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तब उन्होंने संतानों की रक्षा और वृद्धि के लिए देवी षष्ठी को सृजित किया. तभी से माता षष्ठी को हर नवजात की रक्षा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाने लगा. छठ पूजा और छठी मैया का संबंध छठ पूजा में सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया की भी आराधना की जाती है. व्रती महिलाएं उपवास रखकर जल, फल और अर्घ्य अर्पित करती हैं. उनका मानना है कि छठी मैया की कृपा से संतानें निरोगी, दीर्घायु और भाग्यशाली बनती हैं. इस पर्व के दौरान सूर्य की ऊर्जा और प्रकृति के तत्वों की शुद्धता का संगम होता है, जो जीवन को नवचेतना देता है. छठ पूजा के चार पवित्र दिन     नहाय-खाय (25 अक्टूबर) व्रती सबसे पहले स्नान कर घर की शुद्धि करती हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं.     खरना (26 अक्टूबर) दिनभर उपवास रखकर शाम को गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर छठी मैया को अर्पित किया जाता है.     संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर) व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना करती हैं.     उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर) अंतिम दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का समापन होता है.  

काम पूरा होने से पहले भूलकर भी न बताएं ये 6 बातें, वरना बिगड़ सकता है सब कुछ

हमारी जिंदगी में ऐसा बहुत कुछ होता है, जो हम दूसरों से शेयर करना चाहते हैं। खासतौर से जिन्हें हम अपना समझते हैं। लेकिन कई बार आपने नोटिस किया होगा कि आपका काम सिर्फ बातों तक ही रह जाता है, वो कभी पूरा हो ही नहीं पाता। इसके पीछे एक वजह है लोगों की बुरी नजर लगना। जब आप अपनी हर बात लोगों से शेयर कर देते हैं, तो जाहिर है लोगों के मन में जलन और नेगेटिविटी की भावना पैदा होती है। ऐसे में कई बार इविल आई यानी बुरी नजर लगने की वजह से आपका काम ही ठप हो जाता है। तो आइए जानते हैं वो कौन से बातें हैं, जो आपको लोगों से बिल्कुल शेयर नहीं करनी हैं। खासतौर से जबतक वो पूरी ना हो जाएं। अपनी सक्सेस को प्राइवेट रखें अपनी सक्सेस के बारे में ज्यादा लोगों के आगे गुणगान करने से बचना चाहिए। ऐसा कर के आप जाने-अनजाने लोगों की नेगेटिविटी, जलन की भावना अपनी तरफ अट्रैक्ट करते हैं। किसी चीज की तैयारी भी कर रहे हैं, तो पहले से ढिंढोरा ना पीटें। मेहनत में लगे रहें, काम जब होगा तब दुनिया खुद जान जाएगी। अपनी लव लाइफ अपनी लव लाइफ को जितना प्राइवेट हो सके रखना चाहिए। आजकल लोग रिलेशनशिप शुरू होते ही सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पोस्ट डालना शुरू कर देते हैं। रिजल्ट होता है, कुछ दिनों बाद ही ब्रेकअप। इसलिए बेहतर है कि उसे प्राइवेट रखें, जब तक वो परमानेंट ना हो जाए। अपनी प्लानिंग और स्ट्रैटजी आप अपने करियर, लाइफ या किसी भी जरूरी चीज में आगे क्या प्लान कर रहे हैं, ये भी हर किसी से बताना जरूरी नहीं है। ऐसा करने से भी आप लोगों की जजमेंट और बुरी नजर के शिकार बन सकते हैं। अपने प्लान खुद तक सीमित रखें और उनपर काम करें। जब वो हो जाएंगे तो लोग खुद-ब-खुद देख ही लेंगे। अपनी इनकम और उसके सोर्स हर किसी के सामने अपनी इनकम के बारे में बताने से भी परहेज करें। कई लोग बढ़-चढ़कर बताते हैं कि वो कितना पैसा कमा रहे हैं, कहां-कहां से कितना पैसा आ रहा है। ये सब आपके जीवन में लोगों की बुरी नजर अट्रैक्ट करता है। अपनी खुशियां सोशल मीडिया पर हर कोई आजकल अपने स्पेशल मूमेंट्स साझा करने में लगा हुआ रहता है। कुछ हद तक ये ठीक है लेकिन लोगों के साथ हर स्पेशल मूमेंट शेयर करने से बचें। कुछ खुशियां आपकी पर्सनल होती हैं, जिन्हें हर किसी के साथ शेयर करना ठीक नहीं है। लोगों की जलन और नेगेटिविटी को फालतू में भला अपनी लाइफ में क्यों अट्रैक्ट करना। अपने ट्रैवल प्लान कोई ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो पूरी दुनिया को बताने की जरूरत नहीं है। आप जाएंगे तो वो देख ही लेंगे। बहुत से लोग यही करते हैं, फिर कहीं जा ही नहीं पाते। जब आप पहले ही बखान कर देते हैं, तो लोगों के दस ओपिनियन सुनते हैं, जजमेंट सुनते हैं और जेलेसी भी अट्रैक्ट करते हैं।

वास्तु शास्त्र की चेतावनी: शाम को इन वस्तुओं का उधार देना बढ़ा सकता है आर्थिक और पारिवारिक संकट

वास्तु शास्त्र में ऐसे कई नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखने पर व्यक्ति को जीवन में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको वास्तु के अनुसार,  किन चीजों को शाम के समय किसी को भी उधार के रूप में नहीं देना चाहिए, चाहे वह आपका कितना ही करीबी क्यों न हो।  चलिए जानते हैं इस बारे में। इन चीजों का न करें दान वास्तु शास्त्र में शाम के नियमों के अनुसार, सूर्योदय के बाद आपको किसी सफेद वस्तु जैसे नमक, दही, चीनी आदि किसी को भी उधार के रूप में नहीं देना चाहिए। शाम के समय दही का दान करने से कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर हो सकती है। जिससे घर में सुख और वैभव की कमी हो सकती है। वहीं अगर शाम के समय किसी को नमक दिया जाए, तो इससे भी आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा असर शाम के समय आपको किसी को हल्दी भी दान के रूप में नहीं देनी चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है और आपकी सुख-समृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पूजनीय माना गया है। ऐसे में अगर आप शाम के समय किसी को तुलसी के पौधे का दान करते हैं, तो इससे भी आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मां लक्ष्मी हो सकती है नाराज वास्तु शास्त्र में शाम के समय किसी को पैसे उधार देना शुभ नहीं माना गया और न ही इस समय में पैसों से जुड़ा लेन-देन करना शुभ माना जाता है। इसके पीछे यह मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में अगर आप इस समय पैसों से जुड़ा लेन-देन या दान करते हैं, तो लक्ष्मी जी घर से जा सकती हैं। जिससे आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बढ़ सकती हैं परेशानियां कभी-कभी जरूरत पड़ने पर हम शाम के समय किसी से सुई आदि मांग लेते हैं या फिर किसी और को जरूरत पड़ने पर हम भी शाम के समय सुई आदि दे देते हैं। लेकिन वास्त शास्त्र की मानें, तो ऐसा करने से आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।  

इस छठ पर खास ज्योतिषीय संयोग, सूर्य देव देंगे भरपूर आशीर्वाद

दिवाली खत्‍म ही छठ का इंतजार शुरू हो जाता है. छठ महापर्व कार्तिक शुक्‍ल की षष्‍ठी तिथि को मनाते हैं, इस दिन सूर्य देव को अर्घ्‍य दिया जाता है. लेकिन यह पर्व कुल 4 दिनों तक चलता है. नहाय खाय से शुरुआत के बाद खरना और फिर ढलते और उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ-साथ यह पर्व समाप्‍त होता है. इन 4 दिनों में बिहार राज्‍य में छठ की जबरदस्‍त धूम देखने को मिलती है. कई दिन पहले से छठ पर्व मनाने के लिए तैयारियां की जाती हैं. इसके अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल में भी छठ मनाया जाता है. इस साल छठ कब है और इस दौरान कौन-कौनसे शुभ योग बन रहे हैं, आइए जानते हैं.  साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो रही है और 28 अक्‍टूबर को समापन होगा. सबसे पहले 25 अक्टूबर को नहाय-खाय होगा, इसके अगले दिन 26 अक्टूबर को खरना होगा. फिर तीसरे दिन 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. फिर 28 अक्‍टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा. छठ में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करने का विधान है.  छठ पर शुभ योग  इस साल छठ पर्व पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें रवि योग का बनना अत्‍यंत शुभफलदायी माना जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठ पूजा पर रवि योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं. सूर्य का ही एक नाम रवि योग है. ऐसे में सूर्य की आराधना के पर्व छठ पर रवि योग का बनना व्रतियों को पूजा का कई गुना ज्‍यादा फल देगा.  27 अक्‍टूबर को रवि योग का संयोग देर रात 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं सुकर्मा योग का संयोग पूरी रात रहेगा. व्रती रवि योग में सूर्य देव को जल का अर्घ्य देंगे. इस योग में सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा. साथ ही सुख और समृद्धि में बढ़ती है. इसके अलावा छठ पूजा के दिन कौलव और तैतिल करण का भी संयोग निर्मित हो रहा है. इन योगों को भी शुभ माना गया है.  

आज का राशिफल (23 अक्टूबर): मकर राशि वालों को खुशखबरी, बाकी राशियों के लिए कैसा रहेगा दिन?

मेष आज के दिन आपके लिए महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रहा है। लव, करियर और धन के मामले में कई मौके मिल सकते हैं। इन बदलावों को पॉजिटिव नजरिए के साथ अपनाएं। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। वृषभ आज का दिन इमोशनल साबित हो सकता है। आपको कई महत्वपूर्ण डिसीजन लेने पड़ सकते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाएं। खुले दिमाग से बदलावों को अपनाएं। मिथुन आज के दिन लाइफ में बैलेंस व खुद की देखभाल को प्राथमिकता दें। विकास और सफलता के अवसरों का लाभ उठाएं। खुद पर भरोसा रखें और आप किसी भी चैलेंज का आसानी से सामना कर लेंगे। कर्क आज के दिन नए अवसरों और बदलावों के लिए तैयार रहें। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच बैलेंस बनाना चाहिए। करियर ग्रोथ, इमोशनल अंडरस्टैंडिंग व फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर फोकस करें। सिंह आज के दिन अवसरों और चुनौतियों को आसानी से पार करने के लिए अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। दिन अवसरों से भरपूर रहने वाला है। प्रेम और करियर का क्षेत्र फलते-फूलते हैं। कन्या आज के दिन लव लाइफ रोमांटिक रहेगी। अगर आप चाहते हैं कि चीजें आपके अनुसार चलती रहें, तो दूसरों की बात सुनने के बजाय वही करें, जो आपका दिल कहे। नई नौकरी में ढलने के लिए कुछ जातकों को ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। तुला आज के दिन पैसों के मामले में अनुशासन जरूरी है। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखें। नई शुरुआत को अपनाएं। किसी फंक्शन का आनंद ले सकते हैं। पिछले निवेश से कुछ लोगों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है। वृश्चिक आज के दिन कामकाज के मामले में कुछ समस्याओं पर आपको तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होगी। आपकी लव लाइफ नॉर्मल रहेगी। करियर के मामले में आपको अपना काम सही तरीके से करने में कोई समस्या नहीं होगी। धनु आज के दिन आपका पार्टनर आपके द्वारा उनके लिए किए गए सभी अच्छे कामों की तारीफ करने के मूड में रहेगा। सस्ते दाम पर कुछ जातक संपत्ति खरीद सकते हैं। ऑफिस का काम आप पर भारी पड़ सकता है। मकर आज के दिन को रोमांचक बनाने के लिए कुछ जातक ट्रिप प्लान कर सकते हैं। स्टूडेंट्स को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। इसलिए अपना ध्यान पढ़ाई पर रखें। अगर ऑफिस का कोई प्रोजेक्ट रुका हुआ है तो अब उसे पूरा करने का समय आ गया है। कुंभ आज के दिन रुका हुआ पैसा मिल सकता है। जॉब कर रहे कुछ लोगों को प्रमोशन मिल सकता है। व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए सप्ताह अनुकूल रहेगा। प्रेमी के साथ रोमांचक समय बिताने की संभावना है। मीन आज के दिन धन के मामले में आपको किसी पर भी भरोसा नहीं करने की सलह दी जाती है। करियर की पॉलिटिक्स आपको अपना ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर कर सकती है।

Bhai के करियर में सफलता पाने का आसान तरीका: भाई दूज पर इस दिशा में करें तिलक

नई दिल्ली  कल यानी 23 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहने अपने भाई का तिलक कर उनकी लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं। बदले में भाई भी अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं। बता दें कि शुभ मुहूर्त पर ही बहनों को भाइयों का तिलक करना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में- 23 अक्टूबर को भाई दूज के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:45 से सुबह के 05:36 तक है, जो स्नान के लिए उत्तम समय माना जाता है। उस दिन का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 11:43 से दोपहर 12:28 तक है। अमृत काल शाम में 06:57 से रात 08:45 तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, भाई को तिलक लगाते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। इस दिशा में तिलक करने से भाई के करियर और आर्थिक जीवन में स्थिरता आती है।   भाई दूज पर बहनें सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें। फिर एक थाली तैयार करें और इस थाली में गोला, कलावा, रोली, अक्षत, दीया और मिठाई रखें। थाली की सबसे पहले पूजा करें, फिर शुभ मुहूर्त में इस थाली में रखी रोली को भाई के माथे पर लगाएं। इसके बाद हाथ में कलावा बांधें। फिर दीपक से आरती उतारें और भाई का मुंह मीठा करें। अंत में, बहन-भाई एक साथ भोजन करें।  

भाई दूज पर टीका लगाने का उत्तम समय, कब करें शुभ कार्य?

सनातन धर्म में भाई दूज का पर्व बेहद महत्वपूर्ण है. यह त्योहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. यह पर्व भाई और बहन के बीच स्नेह, विश्वास और प्रेम को मजबूत करने का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करके उनकी लंबी उम्र, सुख, समृद्धि और जीवन में खुशहाली की कामना करती हैं. इस दिन भाई अपनी ओर से बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपनी स्नेह और जीवन रक्षा का वचन देते हैं. इस वर्ष भाई दूज 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. यह तिथि यम द्वितीया के नाम से भी प्रसिद्ध है. भाई दूज 2025 शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. 22 अक्टूबर, बुधवार को भाई दूज की तिथि रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 अक्टूबर यानी अगले दिन रात 10 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. भाई को टीका करने का मुहूर्त – पहला मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. ये है सबसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त. – दूसरा अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो कि सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. – तीसरा विजय मुहूर्त रहेगा, जो कि दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. – चौथा गोधूली मुहूर्त रहेगा, जिसका समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. भाई दूज 2025 शुभ योग (Bhai Dooj 2025 Shubh Yog) भाई दूज का त्योहार सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में मनाया जाएगा, जो कि बहुत ही खास माने जाते हैं. भाई दूज 2025 पूजन विधि  भाई दूज के दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें. पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर भगवान गणेश और चित्रगुप्त की पूजा करें. इसके बाद बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर आरती करती हैं और मिठाई खिलाती हैं. भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है. इस दिन भाई-बहन के प्रेम और आशीर्वाद का विशेष महत्व होता है. भाई दूज का महत्व  भाई दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने का शास्त्रीय विधान है. यह पर्व भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है. इस दिन बहनें भाई को तिलक करने से पहले कुछ नहीं खाती हैं. इस अवधि को भाई द्विज व्रत कहा जाता है. यह जरूरी नहीं कि पूरी तिथि व्रत रखा जाए, लेकिन जब तक तिलक न किया जाए, तब तक व्रत का पालन करना शुभ माना जाता है. भाई को तिलक कराने के बाद यदि वह बहन के घर भोजन करता है, तो उसकी उम्र लंबी होती है, सुख और समृद्धि आती है और पारिवारिक दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है.

रोजमर्रा की 5 छोटी बातें, जो समय के साथ बदल देती हैं आपकी किस्मत

किसी व्यक्ति को अमीर या गरीब उसकी जेब में रखा पैसा नहीं बल्कि उसकी आदतें बनाती हैं। अगर आपको भी लगता है कि रोज एक ही तरह से एक जैसा काम करके आप कुछ सालों में एक अमीर व्यक्ति बन सकते हैं तो आप गलत हैं। दरअसल, व्यक्ति अमीर बनेगा या गरीब रहेगा, यह उसकी जेब का पैसा नहीं बल्कि उसकी रोजमर्रा की आदतें निर्धारित करती हैं। बता दें, धन कमाना केवल मेहनत और निवेश का खेल नहीं है, बल्कि कुछ छोटी-छोटी आदतें भी आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं। आइए जानते हैं वो कौन सी 5 छोटी-छोटी आदतें हैं जो आपके अमीर बनने के लक्ष्य को पूरा करते हुए आपको एक सफल व्यक्ति बनने में मदद करती हैं। नियमित रूप से बचत करना हर महीने अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा, जैसे 10 से 20 प्रतिशत, बचाने की आदत डालें। इसे ऑटोमेटिक करें, जैसे SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) या बचत खाते में ऑटो-डेबिट सेट करें। छोटी राशि भी समय के साथ चक्रवृद्धि ब्याज के कारण बढ़ती है। बजट बनाना और उसका पालन करना हर महीने एक बजट बनाएं और अपनी जरूरतों और चाहतों को अलग करें। 50-30-20 का नियम अपनाएं- 50 प्रतिशत जरूरतों पर, 30 प्रतिशत इच्छाओं पर, और 20 प्रतिशत बचत या निवेश पर। इससे अनावश्यक खर्च रुकता है। स्मार्ट निवेश की आदत पैसा सिर्फ बचाने से नहीं, बल्कि उसे सही जगह निवेश करने से बढ़ता है। म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स, या रियल एस्टेट में छोटे-छोटे निवेश शुरू करें। नियमित निवेश की आदत बनाएं, भले ही राशि छोटी हो। अनावश्यक खर्चों को करने से बचें छोटे-छोटे खर्चों, जैसे रोज बाहर का खाना या बिना जरूरत की शॉपिंग, पर नजर रखें। ऐसे खर्चे महीने के खत्म होते-होते आपकी जेब खाली कर सकते हैं। लगातार सीखना और स्किल्स बढ़ाना नई स्किल्स सीखने या मौजूदा स्किल्स को अपग्रेड करने की आदत डालें। ऑनलाइन कोर्स, वर्कशॉप्स या किताबें पढ़ें। बेहतर स्किल्स से आपकी कमाई की क्षमता बढ़ती है।

इस साल भाई दूज किस दिन है? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक है। हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार ये त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए तिलक करती है और भाई अपनी बहन को उपहार देता है। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है और परिवार में सौहार्द बढ़ाता है। इस साल में भाई दूज कब मनाया जाएगा, इसके बारे में जानना हर परिवार के लिए खास महत्व रखता है, ताकि वे इस पावन अवसर को सही मुहूर्त पर धूमधाम से मना सकें। तो आइए जानते हैं भाई दूज के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में- भाई दूज शुभ मुहूर्त कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शरुआत 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन 23 अक्टूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐस में भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। भाई दूज का महत्व भाई दूज का महत्व केवल पारिवारिक ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी है। यह पर्व परिवार में आपसी प्रेम और सहयोग की भावना को बढ़ाता है। इस दिन बहन अपने भाई के लिए मिठाइयां बनाती है, उसके माथे पर तिलक करती है और उसकी खुशियों के लिए प्रार्थना करती है। वहीं भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसे खुश करता है और जीवन में हमेशा उसका सहारा बनने का वचन देता है। यही वजह है कि भाई दूज का पर्व बहुत ही प्यार और उत्साह के साथ मनाया जाता है।