samacharsecretary.com

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्षिप्रा नदी पर निर्माणाधीन घाटों का जायजा लिया

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरूवार को उज्जैन में सिंहस्थ के लिए बनाए जा रहे घाटों के निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरु पूर्णिमा पर भगवान श्री विक्रांत भैरव के मंदिर पहुंचकर दर्शन और पूजन अर्चन किया तथा भगवान से देश प्रदेश की सुख समृद्धि की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माता क्षिप्रा को प्रणाम करने के बाद नौका विहार कर सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए जा रहे 29 किमी से अधिक लंबे घाट निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इन घाटों के निर्माण के बाद सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालु सुविधापूर्वक स्नान कर सकेंगे। जल मार्ग शुरू होने से भी श्रद्धालु जल, वायु और सड़क तीनों मार्ग से आसानी से मंदिरों तक पहुंच कर दर्शन कर सकेंगे। विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा , जनप्रतिनिधि श्री संजय अग्रवाल, श्री रवि सोलंकी तथा डॉ. अभिमन्यु यादव इस अवसर पर उपस्थित रहे। 

सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या, आरोपी को मिली दोहरी उम्र कैद की सजा

बुरहानपुर शहर के शिकारपुरा थाना क्षेत्र में सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के बहुचर्चित मामले में विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट ने आरोपित गौरव उर्फ खुशाला को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने घटना के 13 माह में अपना फैसला सुनाया है। इसके साथ ही आरोपित पर 14 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपित को शेष जीवन काल के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को चिन्हित प्रकरणों की सूची में रखा था। विशेष लोक अभियोजक रामलाल रंधावे ने बताया कि दुष्कर्म और हत्या का यह जघन्य अपराध 18 मई 2024 को अंजाम दिया गया था। मृत बच्ची की मां ने शिकारपुरा थाने में शिकायत दर्ज कर बताया था कि बच्ची आंगनबाड़ी केंद्र गई थी। वहां से घर लौटने के बाद दोपहर करीब ढाई बजे घर के बाहर खेलने गई और वापस नहीं लौटी। पहले पुलिस को बच्ची के अपहरण की आशंका हुई, लेकिन किसी भी सीसीटीवी कैमरे में उसके नजर नहीं आने पर उसके साथ अनहोनी की आशंका में मोहल्ले में तलाश शुरू की गई। बीस मई को उसके घर के पीछे स्थित खंडहर मकान से बच्ची का शव बरामद किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि आरोपित गौरव बच्ची को अपने साथ घर ले गया और दुष्कर्म के बाद बचने के लिए रस्सी से उसका गला घोंट कर खंडहर में फेंक दिया था। इस घटना को लेकर शहर में आक्रोश का माहौल निर्मित हो गया था।

गुरु पूर्णिमा पर्व: ओंकारेश्वर दर्शन करने आए जलगांव की 15 वर्षीय बालिका डूबी, फेफड़ों में पानी भरा

खंडवा गुरु पूर्णिमा पर्व पर ओंकारेश्वर दर्शन के लिए जलगांव (महाराष्ट्र) से आए तीर्थयात्री परिवार के लिए यह दिन पीड़ा भरा बन गया। दर्शन के बाद नर्मदा घाट पर स्नान करते समय 15 वर्षीय बालिका निकिता पुत्री रतिलाल का पैर फिसला और वह गहरे पानी में डूब गई। परिवार के लोगों ने स्थानीय लोगों की मदद से निकिता को बाहर निकाला और तुरंत ओंकारेश्वर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां वेंटिलेटर व अन्य जरूरी मेडिकल सुविधाओं का अभाव होने के कारण रवि वर्मा ने उसे निजी अस्पताल सनावद रेफर किया।चिकित्सकों के अनुसार, डूबने के दौरान निकिता के फेफड़ों में अत्यधिक पानी भर गया था, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। उसे वेंटिलेटर की आवश्यकता थी, इसलिए तत्काल उसे एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।   घाट पर नहीं था सुरक्षा बल, नहीं दिखे होमगार्ड गौरतलब है कि गुरु पूर्णिमा जैसे बड़े पर्व पर भी घाट पर कोई होमगार्ड या सुरक्षा बल तैनात नहीं था।हादसे के समय निकिता को बचाने में स्थानीय लोगों ने अहम भूमिका निभाई।यदि मौके पर सुरक्षा कर्मी होते तो संभवतः हादसे से बचा जा सकता था। हर वर्ष होते हैं ऐसे हादसे ओंकारेश्वर में नर्मदा स्नान के दौरान डूबने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए जाते, जिससे हर वर्ष कई दर्दनाक हादसे सामने आते हैं।

सिम्स में चिकित्सकों का कमाल, 65 वर्षीय महिला के पेट से निकाला 10 किलो से अधिक का ट्यूमर

रायपुर बिलासपुर जिले की कबीरधाम निवासी लक्ष्मी चौहान, जो पिछले दो वर्षों से पेट में सूजन और लगातार बढ़ती शारीरिक परेशानियों से जूझ रही थीं। उन्हें पिछले 10 दिनों से लगातार उल्टियां हो रही थीं और भोजन ग्रहण करने व मल-मूत्र त्याग में भी असमर्थता थी। परिजनों द्वारा उन्हें सिम्स लाया गया, सिम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में भर्ती किया गया, सिम्स में उनकी जांच डॉ. नेहा सिंह के द्वारा की गई।      मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल भर्ती कर रक्त, मूत्र एवं सोनोग्राफी जांच की गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में पेट में एक बड़ा ट्यूमर होने की पुष्टि हुई। डॉ. नेहा सिंह ने विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता रमन जोगी को मामले से अवगत कराया। मरीज की हालत की गंभीरता को देखते हुए डॉ. संगीता द्वारा मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह एवं अधिष्ठाता डॉ. रामनेश मूर्ति से चर्चा कर जीवन रक्षक ऑपरेशन की सहमति प्राप्त की गई।        सिम्स प्रबंधन द्वारा एक विशेषज्ञ टीम गठित की गई, जिसमें डॉ. संगीता रमन जोगी, डॉ. दीपिका सिंह, डॉ. रचना जैन, डॉ. अंजू गढ़वाल एवं निश्चेतना विभाग से डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. श्वेता, डॉ. प्राची, डॉ. आकांक्षा एवं नर्सिंग स्टाफ से ब्रदर अश्विनी शामिल थे। टीम द्वारा की गई जटिल सर्जरी में मरीज के पेट से 10 किलो 660 ग्राम वजनी ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और फिलहाल मरीज की स्थिति पहले से बेहतर है। सिम्स प्रबंधन द्वारा डॉक्टरों की टीम को उनके समर्पण और तत्परता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया है। सिम्स के डाक्टरों के विशेषज्ञ टीम द्वारा जटिल सर्जरी कर 65 वर्षीय महिला के पेट से 10 किलो से अधिक वजन का ट्यूमर सफलता पूर्वक निकाला गया।

खाद-बीज के 4775 मानक और 297 नमूने अमानक पाए गए

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा राज्य में रासायनिक उर्वरकों, बीज एवं पौध संरक्षण औषधियों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखते हुए बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है।   खरीफ सीजन 2025 में  राज्य में रासायनिक उर्वरकों, बीज एवं पौध संरक्षण औषधियों के जांच के लिए अबतक 6245 नमूने लिए गए है। इनमें से सभी प्रक्ररणों को गुणवत्ता जांच के लिए भेजे गए है, जिसमें 4775 नमूने मानक और 297 अमानक पाए गए। 31 नमूनों को निरस्त किया गया तथा 1142 नमूनों में जांच की कार्यवाही चल रही हैं।    कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा इस खरीफ सीजन में बीज के 5515 नमूने, उर्वरक के 4000 और पौध संरक्षण औषधी के 969 नमूनों को गुणवत्ता जांच के लिए लक्ष्य रखा गया हैं। लक्ष्य के विरूद्ध अबतक बीज के 4439, उर्वरक के 1641 और पौध संरक्षण औषधी के 165 नमूने लिए गए हैं। जिसे जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में प्ररीक्षण कराया गया जिसमें बीज के 3613 नमूने मानक तथा 245 अमानक पाए गए, इसी तरह उर्वरक के 1078 नमूने मानक और 45 नमूने अमानक पाए गए तथा पौध संरक्षण औषधी के 84 नमूने अमानक तथा 7 नमूने अमानक पाए गए। 

बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है।  मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविंद्र गबेल, महापौर श्री जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में  5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।

MSME क्षेत्र के लिए वैकल्पिक वित्तीय स्रोतों पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न

धमतरी  छत्तीसगढ़ के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पारंपरिक बैंकिंग साधनों से आगे बढ़कर वैकल्पिक वित्तीय स्रोतों से सहायता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस आरएएमपी योजना के तहत ’’वैकल्पिक वित्तपोषण” पर आज एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक जिंजर लीफ रेस्टोरेंट रुद्री में आयोजित की गई। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ने बताया कि यह योजना भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित है। इसका उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाना, वित्तीय पहुंच को आसान करना तथा उन्हें प्रतिस्पर्धी एवं सतत् विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है। कार्यशाला श्री योगेश कुमार द्वारा प्रतिभागियों आरएएमपी योजना की जानकारी दी गई। इसके बाद ब्रांच ऑफिस इन-चार्ज सिडबी रायपुर के श्री अमित खरे ने सिडबी के माध्यम से एमएसएमई को उपलब्ध विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की। वहीं एनएसई श्री उर्मिल ने एनएसई इमर्ज में सूचीकरण की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, पात्रता मानदंड और इससे मिलने वाले लाभों पर प्रस्तुति दी।           कार्यशाला में इनवॉसमार्ट के श्री निखिल ने बिल डिस्काउंटिंग और ट्रेड्स प्लेटफॉर्म के संचालन एवं लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रेड्स प्लेटफॉर्म विलंबित भुगतानों की समस्या के समाधान, समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने और एमएसएमई के नकदी प्रवाह में सुधार के लिए एक प्रभावी माध्यम है। इस कार्यशाला में जिला व्यापार उद्योग केंद्र के प्रबंधक श्री प्रशांत चंद्राकर, अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री इंद्र कुमार टिलवानी, राइस मिलर्स एसोसिएशन के श्री मोहन गोलछा, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के श्री संतोष शाह, सीए श्री अभिषेक पारख सहित जिले के 40 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों, राइस मिलर्स, महिला उद्यमियों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने हिस्सा लिया। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों ने विषय की उपयोगिता पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और ऐसी कार्यशालाओं को निरंतर आयोजित करने की मांग की। यह कार्यशाला एमएसएमई के लिए पूंजी बाजार में प्रवेश, वैकल्पिक वित्त स्रोतों की समझ और वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुई।

जनता दर्शन में योगी आदित्यनाथ ने करीब 200 लोगों से मुलाकात की, कहा- समस्या का समाधान सरकार की प्राथमिकता

गोरखपुर  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को गोरखपुर प्रवास के दौरान जनता दर्शन में लोगों से भेंट कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर व्यक्ति की समस्या का निस्तारण, उनकी सरकार की विशेष प्राथमिकता है।  एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता और संवेदनशीलता से लेते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक तरीके से उनका समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यहां गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन में योगी आदित्यनाथ ने करीब 200 लोगों से मुलाकात की। मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद गए और एक-एक कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त किया कि किसी को भी घबराने करने की आवश्यकता नहीं है और सभी की समस्या का समाधान हर हाल में किया जाएगा। जनता दर्शन में कुछ महिलाएं जमीन से जुड़े विवादों में प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची थीं और उनकी शिकायत थी कि उनकी जमीनों पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इन शिकायतों पर अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि जमीनी विवादों का समाधान तत्परतापूर्वक इस तरह होना चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति संतुष्ट दिखे। जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि पैसे की तंगी से किसी का भी इलाज नहीं रुकने दिया जाएगा। जनता दर्शन के दौरान कुछ महिलाओं संग पहुंचे उनके बच्चों को मुख्यमंत्री ने चॉकलेट दी।  

अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अभियान जारी, योगी राज में अब तक 16 को मिली सजा

लखनऊ योगी सरकार की अवैध धर्मांतरण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। योगी सरकार के निर्देश पर पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस, एसटीएफ और एटीएस दो दर्जन से अधिक अवैध धर्मांतरण गिरोहों के सरगना और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार सलाखों के पीछे धकेल चुकी है। वहीं, अभियोजन विभाग द्वारा कोर्ट में प्रभावी पैरवी, वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर पिछले आठ वर्षों में अवैध धर्मांतरण में लिप्त 16 आरोपियों को सजा दिलायी गयी। इनमें से 12 आरोपियों का आजीवन कारावास और 4 आराेपियों को 10 वर्ष के कारावास की सजा दिलायी गयी। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया। डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में धार्मिक-सामाजिक एकता बनाए रखने और जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने वाली साजिशों को विफल करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत अवैध धर्मांतरण के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि अभियान ने न केवल अवैध धर्मांतरण की गहरी जड़ों को उजागर किया बल्कि संगठित धर्मांतरण गिरोहों की कमर तोड़ दी है। डीजीपी ने बताया कि पिछले आठ सालों में प्रदेश भर में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेला गया है। यह आरोपी उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और हरियाणा में भी सक्रिय थे। इनका मकसद बहुसंख्यक आबादी में धार्मिक असंतुलन पैदा कर देश की जनसांख्यिकी को बदलना और शांति को भंग करना था। यह लोग गिरोह के संचालन के लिए इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) जैसे केंद्रों का उपयोग करते थे, जहां गरीब, असहाय, दिव्यांग और समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को बहला-फुसलाकर, नौकरी, इलाज, शादी और पैसे के लालच से अवैध धर्मांतरण कराया जाता था। वहीं कुछ अभियुक्तों को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से प्रेरित भी पाया गया है।  डीजीपी ने बताया कि अभियान में दबोचे गये आरोपियों ने अवैध धर्मांतरण का सुनियोजित नेटवर्क तैयार कर रखा था। इनके कब्जे से 450 से अधिक अवैध धर्मांतरण प्रमाण-पत्र और भारी मात्रा में विदेशी फंडिंग के दस्तावेज बरामद हुए थे। अवैध धर्मांतरण के लिए पीड़ितों पर मानसिक दबाव बनाया जाता था, उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था और बाद में उन्हें रैली और वीडियो के ज़रिए मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर प्रचारित किया जाता था। इनमें से कई आरोपियों के खाते में एफसीआरए के बिना विदेशी चंदा आया था, जिसे उन्होंने अवैध धर्मांतरण की गतिविधियों में इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं योगी सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण के आकाओं और उनके सहयोगियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कोर्ट में प्रभावी पैरवी की गयी। वैज्ञानिक साक्ष्य और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कर आरोपियों को दिलायी गयी कठोर सजा अभियोजन विभाग के डीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि अवैध धर्मांतरण में लिप्त आरोपियों को कोर्ट के जरिये सजा दिलाने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की गई। इसी का परिणाम है कि पिछले आठ वर्षों में अवैध धर्मांतरण में लिप्त आकाओं और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की सजा दिलायी गयी। इनमें से 12 आरोपियों को आजीवन कारावास और 4 को 10 वर्षों की कठोर सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट द्वारा आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया। अवैध धर्मांतरण के इन आरोपियों को दिलायी गयी सजा 1. मोहम्मद उमर गौतम 2. मौलाना कलीम सिद्दीकी 3. काज़ी जहांगीर आलम कासमी 4. इरफान शेख उर्फ इरफान खान 5. सरफराज अली जाफरी 6. कौशर आलम 7. फराज बाबुल्लाह शाह 8. अब्दुल्ला उमर 9. धीरज गोविंद राव जगताप 10. सलाउद्​दीन जैनुद्​दीन शेख 11. प्रसाद रामेश्वर कांवरे उर्फ आदम 12. अर्सलान मुस्तफा उर्फ भूप्रिय बंदो 13. मोहम्मद सलीम 14. राहुल भोला 15. मन्नू यादव 16. कुणाल अशोक चौधरी  

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जीवन में आया स्वर्णिम बदलाव

सफलता की कहानी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जीवन में आया स्वर्णिम बदलाव खंडवा  खंडवा जिले की श्रीमती पप्पी सुदामा चौधरी ने अपनी मेहनत, हौसले और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पप्पी ने स्व-सहायता समूह की सहायता से 2 लाख रुपये का ऋण लेकर एक जनरल स्टोर शुरू किया, जिससे उनकी मासिक आय 20 से 22 हजार रुपये हो गई है। यह कहानी न केवल उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता की है, बल्कि सामाजिक बदलाव और महिला सशक्तिकरण की भी जीवंत तस्वीर है। पप्पी सुदामा बताती हैं कि पहले उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। ग्रामीण परिवेश में महिलाओं के लिए बाहर जाकर काम करना मुश्किल था, और सामाजिक पाबंदियों ने उनके सपनों को सीमित कर रखा था।स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। समूह की अन्य महिलाओं ने उन्हें प्रोत्साहित किया और व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया। 2 लाख रुपये के ऋण से शुरू किए गए जनरल स्टोर में रोजमर्रा के सामान की बिक्री ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि उनके परिवार के विचारों में भी सकारात्मक बदलाव लाया। अब उनका परिवार उनका पूरा समर्थन करता है। पप्पी की मेहनत और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें शिव शक्ति स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष बनाया। वे अब अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करती हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं। पप्पी कहती हैं, “यदि महिलाएं ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं है।थोड़े से हौसले और मेहनत की जरूरत है।” उनकी दुकान से होने वाली आय ने उनके बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाया है और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने में मदद की है। पप्पी सुदामा चौधरी ने शासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने मुझे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया और मेरे परिवार के जीवन को बेहतर बनाया। वे इस योजना को ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान मानती हैं, जिसने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक बंधनों से हटकर नई पहचान बनाने का अवसर भी दिया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने पप्पी जैसी लाखों ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह योजना स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ऋण, प्रशिक्षण और बाजार तक पहुंच प्रदान करती है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। पप्पी की कहानी इस मिशन की सफलता का जीवंत प्रमाण है। पप्पी का यह छोटा-सा प्रयास न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा बन रहा है।