samacharsecretary.com

मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर पौधरोपण का कार्य की निगरानी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से की जाएगी

भोपाल  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल, प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूरे देश में चलाए जा रहे एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान को प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मिशन के रूप में चला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्रकृति, पर्यावरण और जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश के 16 जिलों में मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण करेगी। इसके लिए मनरेगा परिषद ने तैयारी भी शुरू कर दी है। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पौधरोपण के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं।  233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर किया जाएगा पौधरोपण मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर स्थित आश्रय स्‍थलों के लगभग 233 स्‍थानों की लगभग 1000 एकड़ भूमि पर 43 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लगभग 7.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। पौधरोपण का कार्य 15 जुलाई से शुरू होगा जो 15 अगस्त तक चलेगा। इसके लिए बकायदा अभियान चलाया जाएगा।  इन जिलों में मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर होगा पौधरोपण मां नर्मदा आश्रय स्थलों पर जिन जिलों में पौधरोपण किया जाएगा, उनमें अनूपपुर, डिंडोरी, मण्‍डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा एवं खरगोन शामिल हैं।  ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से की जाएगी निगरानी  मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य सही ढ़ग से हो रहा है या नहीं। पौधे कहा पर लगे है या नहीं। मनरेगा परिषद द्वारा इसकी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से बकायदा निगरानी भी की जाएगी। आश्रय स्थलों पर भूमि की उपलब्धता के अनुसार दो श्रेणियों में पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। प्रदेश में 136 ऐसे स्थान हैं जहां पर 2 एकड़ से अधिक भूमि है। यहां पर 2.15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसी तरह से 97 ऐसे स्थान हैं जहां पर 1 एकड़ से अधिक और 2 एकड़ से कम भूमि है। यहां पर 5.50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा।  पौधरोपण की खासियत:  -पौधरोपण के आश्रय स्थलों का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर से किया जाएगा। साथ ही यदि सिपरी सॉफ्टवेयर पौधरोपण के लिए जगह को उपयुक्‍त नहीं बताता है तो उस स्थान पर पौधरोपण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सॉफ्टवेयर से यह भी देखा जाएगा कि जिस जगह पर पौधरोपण किया जा रहा है उस जगह पर पानी का स्‍थायी स्रोत हो।  ऐसे स्‍थल जहां पर 2 एकड़ या अधिक भूमि उपलब्‍ध है, वहां पर सामान्य पद्धति से पौधरोपण का कार्य किया जाएगा।  2 एकड़ से कम एवं 1 एकड से अधिक भूमि उपलब्‍ध है वहां मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया जाएगा। जहां पौधरोपण किया जाना है, वहां पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग की जाएगी। 14 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा गड्ढे की खुदाई, तार की फेंसिंग का कार्य  मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्‍थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य शुरू होने से पहले गड्‌ढे की खुदाई, तार की फेंसिंग, सिपरी सॉफ्टवेयर द्वारा प्रस्तावित भूमि का स्थल निरीक्षण, भौतिक सत्यापन, तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति जैसे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इसके बाद 15 जुलाई से पौधरोपण का कार्य शुरू होगा।

मंत्री श्री पटेल की सौजन्य मुलाकात, नवनियुक्त पंचायत CEO और विकासखंड अधिकारियों से की बातचीत

मंत्री  पटेल ने नवनियुक्त जनपद पंचायत CEO और विकासखंड अधिकारियों से की सौजन्य भेंट नए पदस्थ अधिकारियों से मिले मंत्री श्री पटेल, जनपद और विकास कार्यों को लेकर हुई चर्चा मंत्री श्री पटेल की सौजन्य मुलाकात, नवनियुक्त पंचायत CEO और विकासखंड अधिकारियों से की बातचीत भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बुधवार को अपने निवास पर नवनियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड अधिकारियों से सौजन्य भेंट की। उन्होंने सभी अधिकारियों को सौपे गये दायित्वों के सफल निर्वहन के ‍लिये शुभकामनाएँ दी। उन्होंने अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर कोर्स डायरेक्टर श्री वीरेन्द्र पटेल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2022 से चयनित 23 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं विकासखंड अधिकारियों का 45 दिवसीय प्रशिक्षण 26 मई से प्रारंभ हुआ था। प्रशिक्षण के दौरान नव नियुक्त अधिकारियों को विषय-विशेषज्ञों द्वारा विभागीय योजनाओं एवं कार्यप्रणाली की जानकारी प्रदान की गई। अधिकारियों को महिला बाल विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कृषि, उद्यानिकी, श्रम सहित 12 विभिन्न विभागों में प्रशिक्षण दिलाया गया एवं विभागों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। आदर्श ग्राम पंचायत भोजपुर, आदर्श जनपद पंचायत सांची और जिला पंचायत भोपाल का भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षु अधिकारियों को सांची, भीमबेटका, भोजपुर सहित अन्य पर्यटन स्थलों एवं विधानसभा, विकास भवन, संभाग आयुक्त कार्यालय सहित प्रमुख प्रशासकीय कार्यालयों का भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षण समापन के उपरांत नवनियुक्त अधिकारियों को जनपद पंचायतों एवं विकासखंडों में पदस्थ किया गया है।  

सांसदों-विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन, डिप्टी सीएम साव बोले – विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए साबित होगा मिल का पत्थर

सरगुजा मैनपाट में आयोजित भाजपा सांसदों-विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आज समापन हुआ. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रेसवार्ता में प्रशिक्षण शिविर की जानकारी दी. प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा, प्रशिक्षण भाजपा की कार्य पद्दति, कार्य योजना का अभिन्न अंग है, इस तरह का प्रशिक्षण बीजेपी कार्यकर्ताओं, शक्ति केंद्र और अलग-अलग मोर्चो को भी समय-समय पर दिया जाता है. प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा, प्रशिक्षण में कार्यकर्ताओं को संगठन में कैसा काम करना है, पदाधिकारियों की क्या जिम्मेदारी है. इन सभी विषयों पर हर कोई संसद-विधायकों को बताया जाता है. शिविर में हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के साथ वरिष्ठ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिसे हम अपने कार्यशैली में अपनाने वाले हैं. प्रशिक्षण सत्र के बाद कॉर्डिनेशन में किस तरह बदलाव होगा, इस पर किरण देव ने कहा, हमारी सरकार में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत पूरे कैबिनेट के बीच किसी प्रकार से समन्वय को लेकर कोई तकलीफ नहीं होती है. हमारा मूल कार्य राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र सेवा के साथ प्रधानमंत्री की परिकल्पना से विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाना है, जिससे इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके. भाजपा का कार्यक्रम हमारे कार्य करने की पद्दति, योजनाओं का महत्वपूर्ण अंग है. राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर समय-समय पर प्रशिक्षण वर्ग लगाया जाता है. ऐतिहासिक रहा प्रशिक्षण शिविर : अरुण साव उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, सांसद-विधायक प्रशिक्षण वर्ग हर एक दृष्टि से ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण रहा है. अंबिकापुर के मैनपाट की खूबसूरती को पूरे देश और दुनिया ने देखा है. इस जगह पर ऐसा कार्यक्रम होना, बहुत ऐतिहासिक रहा है. प्रशिक्षण शिविर बीजेपी के कार्य पद्दति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हमारे सभी सांसद और विधायक एक साथ तीन दिन एक स्थान पर रहकर कार्यक्रम में शामिल हुए. यह ये बताता है कि बीजेपी में परिवार का भाव कैसे बनता है. सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएंगे डिप्टी सीएम साव ने कहा, हमारी प्रतिबद्धता केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है. प्रशिक्षण शिविर विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के लिए मिल का पत्थर साबित होने वाला है. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की ताकत और क्षमता उसके माध्यम से विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण और यहां के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए रहा है. छत्तीसगढ़ के विकास में वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन की होगी बड़ी भूमिका अरुण साव ने कहा, इस आयोजन में शत प्रतिशत उपस्थिति, पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से लेकर वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन छत्तीसगढ़ के विकास के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है. सूरजपुर विधानसभा में पहली बार बीजेपी जीती है इसीलिए भी यह जगह बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है. इस जगह से निकला हुआ संदेश पूरे देश और विश्व तक पहुंचने वाला है.

पांच महीने के मासूम को लावारिस छोड़कर फरार हो गई मां

तखतपुर  नौ महीने तक कोख में पालने वाली मां क्या इतनी निष्ठुर हो सकती है? यह सवाल तखतपुर क्षेत्र के ग्राम पाली के लोगों के मन में बार-बार कौंध रहा है, जहां एक मां अपने पांच महीने के मासूम को लावारिस छोड़कर फरार हो गई है. ग्राम पाली में आज सुबह जब मासूम के रुदन से लोगों की नींद खुली. देखा भूख-प्यास से व्याकुल करीबन पांच महीने का दुधमुहां रो रहा है. लोगों ने आस-पास तलाश किया, कहीं उसकी मां होगी, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आई. सोचा कि अब आ जाएगी, तब आ जाएगी, लेकिन मां तो उस मासूम को छोड़कर जा चुकी थी. काफी देर इंतजार करने के बाद जब बच्चे के लिए कोई नहीं आया तो ग्रामीणों को समझ आ गया कि उसकी मां उसे छोड़कर जा चुकी है. इस पर ग्रामीणों ने जूनापारा पुलिस चौकी में सूचना दी. पुलिस वाले मासूम की मां से ज्यादा संवेदनशील निकले. उन्होंने बच्चे को चौकी में दूध पिलाया, और फिर कागजी कार्रवाई पूरी कर एडाप्टेशन सेंटर भेज मासूम के माता-पिता की तलाश में जुट गई.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जोधपुर में रेल मंत्री वैष्णव के पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने बुधवार को राजस्थान के जोधपुर प्रवास के दौरान केंद्रीय रेल़, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के निवास पहुंच कर उनके पिता स्व. श्री दाउलाल वैष्णव को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री दाऊलाल जी वैष्णव का गत 8 जुलाई को निधन हो गया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. दाऊलाल जी वैष्णव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और बाबा महाकाल से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव एवं उनके अन्य परिजन से भेंट एवं चर्चा कर उन्हें दुख की घड़ी में सांत्वना प्रदान की।  

भोपाल में 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महोत्सव, डॉ. यादव देंगे विशेष उपस्थिति

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 जुलाई को भोपाल में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तात्या टोपे नगर के कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर कमला नेहरू सांदीपनि कन्या विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे और विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरण का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह करेंगे। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद श्री आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वश्री रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री और भगवान दास सबनानी उपस्थित रहेंगे। नि:शुल्क साइकिल वितरण प्रदेश में इस वर्ष 2025-26 में नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना में करीब 4 लाख 30 हजार पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जायेंगी। इस योजना में 195 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। सांदीपनि विद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव शासकीय कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के सर्व-सुविधायुक्त भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन 36 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। भवन में सर्व-सुविधायुक्त प्रयोगशालाएँ, लायब्रेरी तथा ऑडिटोरियम निर्मित हैं। इसके अलावा उत्कृष्ट शिक्षा के लिये स्माल डिजिटल कक्षाएँ, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क कोचिंग, कॅरियर काउंसिलिंग और इण्डोर-आउटडोर खेल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। विद्यालय के आसपास के 10 किलोमीटर दूरी से आने वाले बच्चों के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेश में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के समस्त विद्यालयों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा के दौरान गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरु-शिष्य संस्कृति पर जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों को प्राचीन काल में प्रचलित गुरुकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।  

Slum free होगी एमपी की राजधानी, तोड़े जाएंगे 6 हजार से ज्यादा मकान-दुकान, 24 हजार ईडब्ल्यूएस फ्लैट तैयार किए जाएंगे

भोपाल  राजधानी भोपाल जल्द ही मध्यप्रदेश का स्लम फ्री शहर बनने जा रहा है। यहां अरेरा हिल्स पर झुग्गीवासियों के लिए वल्लभ नगर क्षेत्र में 45 मीटर ऊंचाई की बहुमंजिला इमारतें बनेंगी। 24 हजार ईडब्ल्यूएस फ्लैट तैयार किए जाएंगे। हालांकि इस प्लान पर फिलहाल एयरपोर्ट अथॉरिटी की एनओसी नहीं मिल पाई है। सुरक्षा की दृष्टि से इनकी ऊंचाई 30 मीटर करने को कहा गया है। इस सप्ताह कलेक्टर संबंधितों से बैठक कर मामला निराकृत करेंगे। तय प्लान में यहां ठीक वैसे बहुमंजिला आवासीय टॉवर तय हैं जो, स्मार्ट सिटी में तोड़े गए सरकारी मकानों के बदले में होटल पलाश के सामने बनाए गए हैं। वल्लभ भवन और आसपास के पूरे क्षेत्र के स्लम एरिया के लिए यहीं जगह तय की जाएगी। इसलिए आपत्ति में प्रोजेक्ट अरेरा हिल्स पहले ही शहर के ऊंचाई वाले क्षेत्र में शामिल है। इस पर 45 मीटर से ऊंची बिल्डिंग एयरलाइंस के लिए कहीं बाधा न उत्पन्न कर दें, इसलिए ऊंचाई घटाने का कहा जा रहा है। इससे पहले हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग की ऊंचाई पर भी सवाल उठे थे, जिसका चर्चा के बाद निराकरण किया गया। अभी अहमदाबाद में हुए हवाई हादसे के बाद एनओसी में सभी स्थितियों का आंकलन किया जा रहा है। ऐसा स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम ● 9 क्लस्टर में शहर के स्लम क्षेत्र को बांटा गया ● 6534 झुग्गियों को पहले चरण में हटाएंगे ● 650 एकड़ का क्षेत्र दबा रखा है झुग्गियों ने ● 05 लाख की आबादी स्लम क्षेत्र में रहती है इस समय ● 4000 करोड़ रुपए की जमीन निजी एजेंसियों से विकसित कराई जाएगी 120 से अधिक भवन यहां करीब 18 एकड़ क्षेत्रफल में 120 से अधिक बहुमंजिला टॉवर बनाए जाएंगे। इस काम में कम से कम चार साल का समय लगेगा। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसके प्लान पर निगम अफसरों से चर्चा की है। अगले एक माह में एजेंसी तय करने के साथ ही जमीनी काम शुरू करने का कहा है। झुग्गी मुक्त होगा शहर झुग्गी मुक्त शहर की दिशा में काम किया जा रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से भी चर्चा की जा रही है। सभी एजेंसियों से चर्चा की जा रही है। निगम जल्द ही जमीनी काम शुरू करेगा। -कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जल संसाधन मंत्री सिलावट ने माना आभार

मंत्रि-परिषद ने किसानों की कृषि सिंचाई जलकर राशि में से ब्याज राशि माफ करने का लिया निर्णय भोपाल  जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्रि-परिषद की बैठक में किसान हितैषी निर्णय के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कृषि सिंचाई जलकर राशि में से ब्याज राशि माफ करने का निर्णय ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की कृषि सिंचाई जलकर राशि में से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ करने के निर्णय से प्रदेश के लगभग 35 लाख किसान लाभांवित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में वर्ष 2000 से आज तक के 25 वर्षों में कृषकों पर सिंचाई जलकर की मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपये बकाया है। इसमें ब्याज राशि (दण्ड राशि) 84 करोड़ 17 लाख रूपये है।  मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि प्रदेश में कृषि सिंचाई राजस्व की कारगर वसूली एवं चुनौतियों के समाधान तथा कृषकों की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत एक अप्रैल 2025 तक की कुल बकाया जलकर राशि एकमुश्त जमा करने की सुविधा दी जाएगी। यदि कृषक बकाया सिंचाई जलकर की मूल राशि एकमुश्त 31 मार्च 2026 तक जमा करते हैं तो अधिरोपित शास्ति (दांडिक ब्याज) की राशि माफ की जायेगी। इसका लाभ उन किसानों को दिया जायेगा जो उन पर बकाया मूल राशि एकमुश्त जमा करेंगे। वित्त विभाग द्वारा इस अल्पकालीन सुविधा पर सहमति दी गई है। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि राज्य शासन द्वारा पहले भी कृषकों को दांडिक ब्याज से मुक्ति दी गई थी, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये तथा शासन को भी एकमुश्त राजस्व राशि प्राप्त हुई थी।वर्तमान में यह सुविधा पुनः दी जाएगी इससे मध्यप्रदेश सरकार को एकमुश्त राजस्व प्राप्ति तो होगी ही बड़ी संख्या में प्रदेश के किसान भी लाभान्वित होंगे।

मोर गांव मोर पानी अभियान बना जन अभियान

  जनसहयोग और श्रमदान से बलरामपुर जिले में लक्ष्य से अधिक बने 1.22 लाख सोख्ता गड्ढे रायपुर, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में जल संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप मिला है। "मोर गांव मोर पानी" अभियान के तहत जिले में जनसहयोग और श्रमदान से 1 लाख 22 हजार 455 सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया है। यह उपलब्धि पूर्व निर्धारित लक्ष्य 1 लाख 20 हजार से भी अधिक है, जो प्रशासनिक नेतृत्व और जनता की सहभागिता का सशक्त प्रमाण है। जिला प्रशासन की पहल से अभियान न केवल प्रशासनिक प्राथमिकता बना, बल्कि गांव-गांव में लोगों की चेतना और सहभागिता से एक जनआंदोलन में बदल गया। जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सीईओ ने अभियान की निगरानी करते हुए ग्राम पंचायत स्तर तक इसकी पहुंच सुनिश्चित की । वे स्वयं ग्रामों में पहुंचकर सोख्ता गड्ढा निर्माण कार्यों का अवलोकन कर ग्रामीणों से संवाद करती रहीं। उन्होंने न केवल लोगों को प्रेरित किया, बल्कि स्वयं भी निर्माण कार्य में भागीदारी कर एक मिसाल पेश की। अभियान की सबसे विशेष बात यह रही कि इसमें कोई मशीनरी उपयोग नहीं किया गया। लोगों ने अपने हाथों से गड्ढों की खुदाई की और स्थानीय सामग्री जैसे पत्थर, टूटी ईंटें और रेत का उपयोग कर सोख्ता गड्ढे तैयार किए। प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों और महिला स्व-सहायता समूहों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। गांवों की दीवारों पर जल संरक्षण संबंधी स्लोगन, जैसे – "बारिश का पानी बचाओ, भूजल का स्तर बढ़ाओ" – लिखकर और पोस्टर-बैनर के माध्यम से अभियान को व्यापक प्रचार मिला। यह पहल केवल जल संकट से निपटने का समाधान नहीं, बल्कि भूजल स्तर में दीर्घकालीन सुधार की दिशा में प्रभावी कदम माना जा रहा है।

किरायदारों, पेइंगगेस्ट, होटलों में रूकने वालों की जानकारी पुलिस को देना आवश्यक

पुलिस आयुक्त भोपाल ने धारा 163 के तहत जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश भोपाल पुलिस आयुक्त भोपाल श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए नगरीय क्षेत्र भोपाल शहर में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। आदेश अनुसार भोपाल शहर स्थित आवासों में किराये से एवं पेइंगगेस्ट के रूप में रहने वाले व्यक्तियों, होटलों में रहने वाले और आवासरत लोगों के घरों में काम करने वाले नौकर, छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं एवं अन्य निवास की जगहों पर रहने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुलिस प्रशासन को देना आवश्यक होगा। भोपाल शहर में आने-जाने वाले मुसाफिरों, जो शहर के विभिन्न होटल, लॉज, धर्मशाला, रिजोर्ट, रेस्टहाउस जैसे प्रतिष्ठानों में ठहरते हैं, उनकी जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा अनुसार संधारित किया जाना आवश्यक होगा। यह आदेश जारी दिनांक से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। आदेश अनुसार कोई भी मकान मालिक जो अपना मकान या उसका कोई भाग किराये पर देते है, तो वह ऐसा करने के एक सप्ताह के भीतर किरायेदार अथवा पेइंगगेस्ट का विवरण निर्धारित प्रारूप में भरकर संबंधित थाने या मध्यप्रदेश पुलिस पोर्टल पर आवश्यक रूप से देंगे। पूर्व से रह रहे किरायेदार या नौकर का विवरण भी निर्धारित प्रारूप में भरकर यह आदेश जारी होने की दिनांक से 15 दिवस के भीतर संबंधित थाने पर या मध्यप्रदेश पुलिस सिटिज़न पोर्टल पर आवश्यक रूप से देंगे। किसी भी व्यक्ति का घरेलू नौकर या उनका सहायक का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने या मध्यप्रदेश पुलिस सिटिज़न पोर्टल पर देंगे। होटल/लॉज/धर्मशाला/रिसोर्ट के प्रबंधक/मालिक उनके यहाँ ठहरने वाले व्यक्तियों का व्यक्तिगत विवरण पूर्ण रूप से रजिस्ट्रर में दर्ज करेंगें एवं इसकी जानकारी निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने में स्थानीय स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार देंगे। छात्रावास संचालक छात्रावास में रह रहे छात्र/छात्राओं का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने को देंगे। ठेकेदार/भवन निर्माणकर्ता निर्माण कार्य में लगे मजदूर कारीगरों का विवरण निर्धारित प्रारूप में आवश्यक रूप से संबंधित थाने में देंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी भवन, सार्वजनिक स्थान एवं निजी स्थान पर किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक हथियार, अस्त्र शस्त्र, विस्फोटक सामग्री एवं ऐसी किसी भी वस्तु, जिससे जन सामान्य को खतरा महसूस हो का संधारण प्रतिबंधित होगा। यदि किसी समुदाय, संगठन, राजनैतिक दलों, समिति, प्रतिनिधि मंडल एवं आयोजकों द्वारा किसी सार्वजनिक स्थल, शासकीय परिसर, शासकीय कार्यालय / भवन अथवा किसी भी सरकारी संपत्ति को अपने कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से क्षति पहुँचाई जाती है, तो इस प्रकार के कृत्यों के लिए कार्यक्रम के आयोजकों की जिम्मेदारी होगी तथा उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जा सकेगी।