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जैविक धरोहर का संरक्षण: मुख्यमंत्री साय ने किया वेटलैण्ड मित्र बनने का आह्वान

नवा रायपुर में वेटलैण्ड एवं जैव विविधता संरक्षण पर उच्चस्तरीय कार्यशाला का आयोजन रायपुर, जैव विविधता एवं आर्द्रभूमियों (वेटलैण्ड्स) के संरक्षण के उद्देश्य से आज नवा रायपुर स्थित दण्डकारण्य अरण्य भवन में एक उच्चस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्रीद्वय अरुण साव एवं विजय शर्मा सहित कैबिनेट के सभी मंत्री एवं विधायकगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना केवल आधारभूत ढांचे के विकास से नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और जैविक विविधता की रक्षा से ही पूर्ण होती है। उन्होंने आह्वान किया कि हर जनप्रतिनिधि व नागरिक जैव विविधता एवं वेटलैण्ड संरक्षण के लिए व्यक्तिगत दायित्व समझें और 'वेटलैण्ड मित्र' बनकर इस अभियान को जनांदोलन में परिवर्तित करें। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि जैव विविधता और वेटलैण्ड्स का संरक्षण केवल पर्यावरणीय आवश्यकता नहीं, बल्कि यह हमारी भावी पीढ़ियों की सुरक्षा का सवाल भी है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से जैव विविधता के संरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करने और “वेटलैण्ड मित्र” बनकर जनजागरण फैलाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी ने व्यापक प्रस्तुति दी। उन्होंने 1992 के अर्थ सम्मिट, जैव विविधता अधिनियम 2002, राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड की भूमिका और जैव विविधता प्रबंधन समितियों की संरचना एवं कार्यों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य है, जहां जैव विविधता प्रबंधन समितियाँ प्रभावी रूप से कार्य कर रही हैं। आर्द्रभूमि संरक्षण के संदर्भ में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरुण कुमार पाण्डेय ने बताया कि वेटलैण्ड्स पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण की कार्यप्रणाली और जिला स्तरीय आर्द्रभूमि संरक्षण समितियों के गठन की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि इन समितियों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर वेटलैण्ड्स की निगरानी एवं संरक्षण को मजबूती मिल रही है। कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई कि राज्य का गिधवा-परसदा पक्षी अभ्यारण्य अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित रामसर साइट बनने की पात्रता रखता है। इसके अतिरिक्त, बलौदाबाजार जिले के खोखरा ग्राम को छत्तीसगढ़ की पहली रामसर साइट के रूप में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया प्रगति पर है। कार्यशाला के अंत में सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से “वेटलैण्ड मित्र” के रूप में जुड़कर जैव विविधता और आर्द्रभूमियों के संरक्षण हेतु सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की गई। यह भागीदारी राज्य में पर्यावरणीय चेतना को जनआंदोलन का रूप देने में सहायक होगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन)  ऋचा शर्मा, छत्तीसगढ़ वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव राजेश कुमार चंदेले सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।

महंगी लेकिन असरदार: खेखसी के चमत्कारी फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप!

रायपुर बरसात का मौसम लगते ही राजधानी समेत पूरे प्रदेश में अब सबसे ताकतवर सब्जी खेखसी दिखाई देने लगी है. पौष्टिकता से भरपूर और मौसमी सब्जी होने की वजह से इसकी डिमांड बढ़ गई है. राजधानी के अलग-अलग बाजारों में खेखसी 400 रुपए प्रति किलो बिक रही है. बारिश के दिनों में यह उस जगह पर उगती है, जहां पर घने कटीले पेड़-पौधे होते हैं. यह साल में सिर्फ एक से दो महीने तक ही बाजार में दिखाई देती है. भरपूर प्रोटीन और जिंक  खेखसी पूरी तरह से ऑर्गेनिक सब्जी है. इसमें किसी भी प्रकार के कीटनाशक और रासायन का छिड़काव नहीं किया जाता. विशेषज्ञों की माने तो प्रारंभिक अनुसंधान से पता चला है कि खेखसी में प्रोटीन और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है. इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर और पोटेशियम भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ये बीमारियां होंगी दूर ऐसा माना जाता है कि खेखसी में मौजूद खनिज तत्व और औषधीय गुणों के कारण ब्लड प्रेशर, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर चौमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है. यह सर्पदंश के बाद होने वाले नुकसान से बचाव में भी सहायक माना गया है. खेखसी लकवा, पीलिया, बवासीर, बेहोशी, बुखार, पेट के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है. सिरदर्द, कान का दर्द, खांसी और खुजली जैसी समस्याओं की रोकथाम में भी इसके सेवन को उपयोगी माना गया है.

गेवरारोड-रायपुर ट्रेन सेवा बहाल, दो साल की परेशानी खत्म

रायपुर गेवरारोड-रायपुर-गेवरारोड पैसेंजर ट्रेन दो साल और 169 दिन के बाद एक बार फिर बहाल की जा रही है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन ने 13 डेमू और मेमू पैसेंजर ट्रेनों को बहाल करने की घोषणा की है, जिसमें गेवरारोड-रायपुर-गेवरारोड मेमू पैसेंजर भी शामिल है. यह ट्रेन 16 और 17 जुलाई से फिर से परिचालन शुरू करेगी, जिससे कोयलांचल क्षेत्र के यात्रियों समेत दिन में सफर करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी. रायपुर-गेवरारोड मेमू पैसेंजर (गाड़ी क्रमांक 68746) रायपुर रेलवे स्टेशन से दोपहर 1:50 बजे रवाना होगी और रात 7:30 बजे गेवरारोड पहुंचेगी. वहीं, अगले दिन गेवरारोड से सुबह 6:30 बजे प्रस्थान करने वाली गेवरारोड-रायपुर मेमू पैसेंजर (गाड़ी क्रमांक 68745) सुबह 11:25 बजे रायपुर पहुंचेगी. इस ट्रेन को 29 जनवरी 2023 को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद से यात्री इसे बहाल करने की मांग कर रहे थे. इस ट्रेन के शुरू होने से गेवरारोड से रायपुर तक सफर करने वाले यात्रियों के लिए पहली सुबह की गाड़ी उपलब्ध होगी. साथ ही, दिन के समय रायपुर और बिलासपुर से गेवरारोड आने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी. अभी तक रायपुर जंक्शन से कोरबा तक दिन में 10 घंटे की अवधि में कोई यात्री ट्रेन नहीं थी. सुबह 7:20 बजे लिंक एक्सप्रेस के बाद यात्रियों को शाम 6:00 बजे रायपुर-कोरबा हसदेव एक्सप्रेस का इंतजार करना पड़ता था, जो सफर को मुश्किल बनाता था. अब मेमू लोकल के शुरू होने से दोपहर में गाड़ी उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी. लंबे इंतजार के बाद मानी गई मांग गेवरारोड से रायपुर तक कोई सीधी यात्री ट्रेन न होने के कारण यात्रियों को कोरबा रेलवे स्टेशन तक 15-20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. केवल बिलासपुर तक चलने वाली एक गाड़ी ही उपलब्ध थी. कोयलांचल के लोगों ने लंबे समय से इस ट्रेन की बहाली की मांग की थी, जो अब पूरी हो गई है. यह कदम नियमित रूप से रायपुर और बिलासपुर से सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा.

सावन सोमवार के पहले दिन हटकेश्वरनाथ मंदिर में शिवभक्तों की भक्ति का सागर

रायपुर 11 जुलाई से श्रावण महीने की शुरुआत हो चुकी है। सावन के पहले सोमवार को रायपुर के शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। सुबह 5 बजे से ही लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। राजधानी के पूरे शिवालय हर-हर महादेव की जयघोष से गूंज रहे हैं। रायपुर के महादेवघाट स्थित हटकेश्वरनाथ मंदिर में सावन के पहले दिन भारी संख्या में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान भगवान हटकेश्वरनाथ महादेव की मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। हरिद्वार के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर यहां बने लक्ष्मण झूला और खारून नदी में नाव की सवारी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। पास में बने गॉर्डन यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। रायपुर सहित अन्य जिलों के सैलानी यहां बड़ी संख्या पहुंचकर इसका आनंद लेते हैं। शहर की जीवनदायिनी नदी 'खारुन' तट पर स्थित ऐतिहासिक हटकेश्वरनाथ मंदिर का विशेष महत्व है। कल्चुरी राजाओं ने कराया था मंदिर का निर्माण 1402 ई में कल्चुरी वंश के राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय के शासन काल में हाजीराज नाइक ने मंदिर का निर्माण करवाया था। ऐसी मान्यता है कि यहां नंदी महाराज के कानों में जो भक्त फरियाद या मन्नत मांगते हैं, उसकी भगवान शिव मुरादें जरूर पूरी करते हैं। सावन के महीने में यहां रायपुर और प्रदेश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिलों से श्रद्धालु कांवर लेकर पहुंचते हैं। हर साल कांवर पदयात्रा भी निकाली जाती है। ये है धार्मिक मान्यता धार्मिक मान्यताओं और पुराणों के अनुसार, जहां भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई के लिए रामेश्वरम में समुंद्र पर पुल बनाने की योजना बनाई तो उस समय बजरंग बली को शिवलिंग लाने के लिए कहा गया था। इस पर बजरंग बली शिवलिंग लाने गए। इस दौरान शिवलिंग लाने में काफी देर हुई, तो भगवान राम ने रामेश्वरम में रेत से ही विधि-विधान से पूजा अर्चना कर शिवलिंग की स्थापना कर दी थी। बजरंग बली को किसी नदी के किनारे उस शिवलिंग को रखने के लिए कहा गया। कहा जाता है कि भगवान हनुमान ने रायपुर में खारून नदी के तट पर शिवलिंग रखकर चले गए, जो कालांतर में हटकेश्वर नाथ, महादेव घाट के  नाम से विख्यात हुआ। सावन सोमवार व्रत का महत्व सावन सोमवार व्रत रखने से विवाह के योग बनते हैं। इस व्रत को करने से माता पार्वती को शिवजी पति स्वरूप में प्राप्त हुए। इस वजह से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखा जाता है। इसके अलावा शिव कृपा प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखते हैं। सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि जो लोग सोमवार व्रत पूरे साल रखना चाहते हैं, वे सावन के पहले सोमवार से इसकी शुरूआत कर सकते हैं। सावन सोमवार व्रत के नियमों का पालन करते हुए शिव पूजा करते हैं। शिव जी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, गाय का दूध, गंगाजल, भस्म, अक्षत्, फूल, फल, नैवेद्य आदि चढ़ाते हैं। सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करते हैं। शिव चालीसा, शिव रक्षा स्तोत्र पढ़ते हैं। शिव मंत्रों का जाप करते हैं। सावन के सभी सोमवार व्रत रखना चाहिए। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी।

नक्सली हिंसा का शिकार बने निर्दोष ग्रामीण, IED विस्फोट में घायल

बीजापुर छत्तीसगढ़ के कोर नक्सल क्षेत्र बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED ब्लास्ट होने से 3 ग्रामीण घायल हो गए. रविवार की शाम तीनों ग्रामीण थाना मद्देड़ अंतर्गत धनगोल गांव के जंगल में मशरूम (फुटु) इकट्ठा करने गए हुए थे. इसी दौरान वे माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने लगाए गए प्रेशर IED की चपेट में आ गए. इस हादसे में 1 बालिका सहित 3 ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गए. घायल ग्रामीण का विवरण – 1. कविता कुड़ियम (उम्र 16 वर्ष), पिता- नागैया, निवासी- धनगोल, थाना– मद्देड़, जिला– बीजापुर. 2. कोरसे संतोष, पिता- लच्छा, उम्र 26 वर्ष, निवासी- धनगोल, थाना – मद्देड़, जिला – बीजापुर. 3. चिड़ेम कन्हैया, पिता- किस्टैया, उम्र- 24 वर्ष, निवासी- धनगोल, थाना – मद्देड़, जिला – बीजापुर. जानकारी के मुताबिक, प्रेशर IED विस्फोट में घायल ग्रामीणों के पैर एवं चेहरे में चोटें आई हैं. सूचना मिलते ही उन्हें तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल बीजापुर भर्ती किया गया है जहां इनका उपचार जारी है. प्रशासन की जनता से अपील प्रशासन ने जनता से अपील की है कि जंगल क्षेत्रों में भ्रमण करते समय विशेष सतर्कता बरतें और किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस थाना या निकटतम सुरक्षा कैम्प को दें.

मानसून सत्र में बड़ा कदम: छत्तीसगढ़ लाएगा पांच विधेयक, देश का पहला ‘पेंशन फंड व ग्रोथ-स्टेबिलिटी एक्ट’ वाला राज्य बनेगा

  रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में वित्त विभाग नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. इस दौरान विभाग रिकार्ड पांच विधेयक पेश करेगी, जिनमें पेंशन फंड और ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी फंड भी शामिल है. इस तरह का एक्ट लाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा. मानसून सत्र से पहले मीडिया से चर्चा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि विधानसभा सत्र के दौरान रिकार्ड 5 विधेयक ला रहे हैं. एससीआर (स्टेट कैपिटल रीजन) के लिए एक्ट के साथ पेंशन फंड और प्रदेश के ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी के लिए एक्ट लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह का एक्ट बनाने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बनने जा रहा है. वित्त मंत्री ने बताया कि इसी तरह से जीएसटी में विभिन्न टैक्सों में 25 हजार के पेनाल्टी वाले 10 साल से पुराने पेंडिंग केस हैं, जिनको समाप्त करने का निर्णय लिया है. इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को 65 हजार से अधिक प्रकरण में लाभ मिलेगा. उनको अब अलग-अलग जगहों पर चक्कर लगाने से मुक्ति मिलगी.

कबीरधाम में पहले सोमवार को निकलेगी भोरमदेव पदयात्रा, डिप्टी सीएम और हजारों भक्त होंगे शामिल

कबीरधाम भगवान शिव की भक्ति में डूबा कबीरधाम जिला सावन मास के पहले सोमवार को ऐतिहासिक भोरमदेव पदयात्रा के लिए तैयार है। यह सदियों पुरानी परंपरा कवर्धा के बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा के रूप में 2008 से अनवरत जारी है। इस बार पदयात्रा में कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, आमजन और पूर्व में कबीरधाम जिले में कलेक्टर रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले के लोगों से इस भक्तिमय आयोजन में शामिल होकर शिव भक्ति का आनंद लेने की अपील की है। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। पदयात्रा सुबह 7 बजे बुढ़ा महादेव मंदिर से शुरू होगी और भोरमदेव मंदिर पर भगवान शिव का जलाभिषेक कर समाप्त होगी। यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए चलित एम्बुलेंस, स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था, पेयजल, विश्राम स्थल और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। भोरमदेव मंदिर परिसर में कांवरियों के ठहरने के लिए भवन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। साथ ही, गर्भगृह में भगवान शिव के लाइव दर्शन के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। सावन के प्रत्येक सोमवार को मंदिर में निःशुल्क भंडारा और प्रसादी का वितरण होगा। यात्रा के दौरान डीजे साउंड सिस्टम भक्ति भजनों से माहौल को और आध्यात्मिक बनाएगा। जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष रोड मैप तैयार किया है, ताकि उन्हें किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। कलेक्टर गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन और डिप्टी सीएम विजय शर्मा की मंशा के अनुरूप यह आयोजन भव्य और व्यवस्थित होगा। यह पदयात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी जीवंत उदाहरण है।

विदेश में सॉफ्टबॉल का दम दिखाएंगी छत्तीसगढ़ की शेरनियाँ

बीजापुर की चंद्रकला और जांजगीर-चांपा की शालू एशिया कप सॉफ्टबॉल चौंपियनशिप में रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार राज्य के युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार, खेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेष अवसर उपलब्ध करा रही है। छत्तीसगढ़ की बेटियाँ आज खेल के मैदान से लेकर हर क्षेत्र में अपनी मेहनत, निष्ठा और जज्बे से नया इतिहास रच रही हैं। राज्य सरकार खिलाड़ियों को हरसंभव सहयोग और प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बीजापुर जिले की धरती एक बार फिर खेल जगत में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने जा रही है। जिले के आवापली गांव की होनहार खिलाड़ी चंद्रकला तेलम का चयन भारतीय सॉफ्टबॉल टीम में एशिया कप सॉफ्टबॉल चौंपियनशिप 2025 के लिए हुआ है।  जो 14 से 20 जुलाई तक शियान, चीन में आयोजित होगी। चंद्रकला के साथ ही जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ की शालू डहरिया भी भारतीय टीम का हिस्सा होंगी, जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है।     खास बात यह है कि भारतीय टीम के कोच के रूप में बीजापुर जिले के श्रम निरीक्षक  सोपान कर्णेवार की नियुक्ति हुई है। इससे पहले भी श्री कर्णेवार के कोचिंग में जिले के अनेक खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं। भारतीय टीम का गठन कई कठिन चयन परीक्षाओं के बाद हुआ है। चंद्रकला तेलम को अनंतपुर (आंध्र प्रदेश), नागपुर, श्रीनगर एवं इंदौर में आयोजित चयन परीक्षण और विशेष कोचिंग कैंप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर चुना गया है। भारतीय दल को नई दिल्ली में अंतिम प्रशिक्षण के बाद 13 जुलाई को शियान, चीन के लिए रवाना किया जाएगा।     बीजापुर और जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर ने भी टीम को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट की विजेता एवं उपविजेता टीम को वर्ल्ड कप सॉफ्टबॉल चौंपियनशिप में भाग लेने का अवसर मिलेगा।चंद्रकला और शालू डहरिया की यह उपलब्धि जिले की अन्य बेटियों को भी खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2025: रायगढ़ जिला बना देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता

तीसरी, छठवीं और नवमीं सभी कक्षाओं में राष्ट्रीय औसत से बेहतर परिणाम ग्रामीण छात्रों और बालिकाओं ने दिखाया श्रेष्ठ प्रदर्शन रायपुर, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा हर चार वर्ष में आयोजित होने वाले परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2025 में रायगढ़ जिले ने राज्य ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी उत्कृष्टता साबित की है। दिसंबर 2024 में आयोजित इस सर्वेक्षण में रायगढ़ जिले के 91 स्कूलों के 325 शिक्षक और 2728 विद्यार्थी शामिल हुए थे। जिले के छात्रों ने कक्षा तीसरी, छठवीं और नवमीं तीनों स्तरों पर सभी विषयों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन करते हुए जिले को ‘उदित’ श्रेणी में शामिल कराया है। इस सर्वेक्षण में शासकीय, मान्यता प्राप्त अशासकीय तथा अनुदान प्राप्त विद्यालयों के विद्यार्थियों को बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से आंका गया। रायगढ़ जिले में यह अभियान कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी और सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में संचालित किया गया, जिसका परिणाम सभी स्तरों पर अत्यंत सराहनीय रहा। कक्षा तीसरी में भाषा विषय में रायगढ़ का औसत 70 प्रतिशत रहा, जो राष्ट्रीय औसत 64 प्रतिशत और राज्य औसत 59 प्रतिशत से कहीं अधिक है। गणित में भी रायगढ़ ने 68 प्रतिशत अंक हासिल किए, जबकि राष्ट्रीय औसत 60 और राज्य औसत 57 प्रतिशत रहा। कक्षा छठवीं में भाषा में 64 प्रतिशत, गणित में 56 प्रतिशत और ‘आस-पास की दुनिया’ विषय में 59 प्रतिशत के साथ रायगढ़ ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वहीं कक्षा नवमीं में भाषा विषय में 60 प्रतिशत, गणित में 39 प्रतिशत, विज्ञान में 43 प्रतिशत और सामाजिक विज्ञान में भी 43 प्रतिशत के साथ जिले ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर परिणाम दर्ज किए। इन आंकड़ों के आधार पर रायगढ़ को परख सर्वेक्षण की चार स्तरीय श्रेणी में ‘उदित वर्ग में स्थान मिला है। यह श्रेणी केवल उन जिलों को प्रदान की जाती है, जिन्होंने तीनों कक्षाओं में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया हो। रायगढ़ के साथ तीसरी कक्षा में बालोद, बलरामपुर, बीजापुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा, छठवीं में बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर और सरगुजा तथा नवमीं में बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, धमतरी और दुर्ग जिले भी इस श्रेणी में शामिल किए गए हैं। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों से यह भी सामने आया है कि रायगढ़ जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों का परिणाम शहरी क्षेत्रों से बेहतर रहा। इसके अलावा, बालिकाओं का प्रदर्शन भी बालकों की तुलना में तीनों कक्षाओं में अधिक बेहतर रहा है, जो जिले में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक सामाजिक बदलाव का संकेत है।

राजनीति में श्राप! पुरंदर मिश्रा ने राहुल गांधी को चेताया- रथयात्रा तक होगी दुर्गति

रायपुर राहुल गांधी के भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा अडानी परिवार के लिए रोक दिए जाने वाले बयान पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने सख्त आपत्ति जताई है. उन्होंने श्राप देते हुए कहा कि भगवान पर टिप्पणी करने वाले ऐसे सनातन विरोधी का सर्वनाश हो जाना चाहिए. देख लेना अगले रथयात्रा तक कैसे दुर्गति होगी. रायपुर जग्गनाथ मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि राहुल गांधी बस आलू से सोना बनाये, भगवान पर टिप्पणी न करें. भगवान से लगेंगे तो सत्यानाश हो जाएगा. मैं ब्राह्मण हूं, और सही में जग्गनाथ जी का काम करता हूं तो चाहूंगा मेरा श्राप राहुल गांधी को लग जाए. पुरंदर मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने भगवान जगन्नाथ को चैलेंज किया है. भगवान जगन्नाथ कलयुग के साक्षात् देवता हैं. सनातन को मानने वाले सभी भगवान जगन्नाथ के पास गए हैं. भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस को सद्बुद्धि दे. विधायक ने इसके साथ आरोप लगाया कि कुछ लोग भगवान को, सनातन धर्म को अपमानित करना चाहते हैं. किसी व्यक्ति विशेष के लिए रथयात्रा रोकने का आरोप लगाया गया है. जिनकी शादी नहीं हो रही वह प्रभु जगन्नाथ को लेकर आरोप लगा रहे हैं. यह मुद्दा कांग्रेस का नहीं राहुल गांधी का है.