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नकली होलोग्राम का खेल खत्म: आबकारी विभाग की कार्रवाई में बड़ी शराब खेप जब्त

रायपुर छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम केस में पूर्वआबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा जेल में हैं. इसके बावजूद भी नकली होलोग्राम छपवाकर उसी तरीके से अवैध कारोबार जारी है. 13 जुलाई 2025 को आबकारी विभाग की टीम ने एक बार फिर रायपुर में नकली होलोग्राम लगाकर शराब बेचने वाले आरोपी गिरफ्तार किया है. टीम ने आरोपी के पास से 25 लीटर शराब जब्त की है, जिसे नकली होलोग्राम लगाकर बेंचा जा रहा था. इनमें से शोले ब्रांड की बोतलों पर स्टीकर भी नकली लगे मिले. जानकारी के मुताबिक आरोपी मनीराम टंडन ग्रैंड i10 कार (CG04MZ5272) में अभनपुर थाना अंतर्गत ग्राम चंडी में नकली होलोग्राम लगाकर शराब बेच रहा था. सूचना पर आबकारी विभाग की टीम ने छापेमार कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के पास से टीम ने 25.92 बल्क लीटर नकली होलोग्राम युक्त देशी शराब जब्त की है, जिसकी बाजार कीमत लगभग 14,400 रुपये है. मामले में आबकारी विभाग ने छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है. 3 महीने में दूसरा मामला यह कोई पहला मामला नहीं है. बीते तीन महीनों में यह दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें नकली होलोग्राम के ज़रिए अवैध शराब बेचने की कोशिश पकड़ी गई है. 22 मार्च को रायपुर में एक ढाबे और प्रिंटिंग शॉप पर छापा मारकर 40 हजार से अधिक नकली होलोग्राम स्टीकर, शराब बोतलों के लेबल और ढक्कन जब्त किए गए थे. इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार हुए, जबकि कुछ आरोपी बिहार फरार हो गए थे. 20 अप्रैल 2025 को इसी कड़ी में बीरगांव स्थित एक ढाबे में छापा मारकर संकटमोचन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से 1460 नकली होलोग्राम, 1100 शराब लेबल और 105 बोतल के ढक्कन मिले. पूछताछ में सामने आया कि नकली होलोग्राम का काम भिलाई निवासी संदीप के लिए किया जा रहा था, जिससे उसकी पहचान 2013-14 में सिलतरा की एक शराब भट्टी में नौकरी के दौरान हुई थी. इसके बाद टीम बीरगांव के एक प्रिंटिंग शॉप पर पहुंची, जहां गणेश चौरसिया को 371 शीट (करीब 40,000 स्टीकर) काटते पकड़ा गया. गणेश ने बताया कि यह प्रिंटिंग रंजीत गुप्ता के ऑर्डर पर की गई थी, जो रेड की सूचना मिलते ही फरार हो गया. जांच में यह भी सामने आया कि नकली होलोग्राम को सीरियल के अनुसार सेट करने और अलग-अलग प्रिंटिंग हाउस से टेम्पलेट्स प्रिंट कराने का काम संगठित तरीके से किया जा रहा था. अब तक की जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी नकली होलोग्राम के ज़रिए देशी शराब की तस्करी कर रहे थे. हर महीने करीब 30 हजार नकली स्टीकर्स की खपत से सरकार को लगभग 24 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था. क्यों लगाया जाता है नकली होलोग्राम? जानिए क्या है पूरा मामला… होलोग्राम घोटाले में यह खुलासा हुआ कि नकली शराब को वैध दिखाने के लिए उस पर जाली होलोग्राम स्टीकर लगाए जाते थे ताकि स्कैनिंग में पकड़ न आ सके. नोएडा की PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) को इसके टेंडर का जिम्मा सौंपा गया, जबकि आरोप है कि यह कंपनी टेंडर के लिए योग्य नहीं थी, बावजूद इसके अधिकारियों ने शर्तों में बदलाव कर उसे चयनित किया. इसके बदले कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से हर होलोग्राम पर आठ पैसे का कमीशन लिया गया. 3 मई को यूपी एसटीएफ ने विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ में अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी जैसे नामों का उल्लेख किया.

‘पुष्पा’ बनी हकीकत: ट्रक में बने गुप्त चैंबर से गांजा बरामद, दो अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्त में

कवर्धा कबीरधाम पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक ट्रक से 120 किलो गांजा जब्त किया है। खास बात यह रही कि तस्करी के लिए ट्रक में बेहद चालाकी से ‘पुष्पा’ फिल्म की तर्ज पर एक गुप्त चैंबर तैयार किया गया था, जिसमें गांजे के 115 पैकेट छिपाकर उड़ीसा से राजस्थान ले जाया जा रहा था। पुबता दें कि यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह छवाई के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल, पंकज पटेल और डीएसपी संजय ध्रुव के मार्गदर्शन में की गई। थाना चिल्फी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ट्रक (नंबर RJ 14 GG 9595) में भारी मात्रा में गांजा लेकर उड़ीसा से कोटा (राजस्थान) की ओर तस्करी की जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रक को रोका और बारीकी से तलाशी ली। जांच के दौरान ट्रक के केबिन और ट्रॉली के बीच बेहद पेशेवर तरीके से बनाए गए गुप्त चैंबर से गांजे से भरे 115 पैकेट बरामद किए गए, जिनका वजन करीब 120 किलो था। 2 अंतराज्यीय तस्कर गिरफ्तार पुलिस ने मौके से दो अंतराज्यीय तस्करों अकरम खान (उम्र 37 साल) और पप्पु सिंह (उम्र 32 साल) को गिरफ्तार किया है। दोनों राजस्थान के जिला झालावाड़ में स्थित हरनावदा पिया के रहने वाले है।प्रारंभिक पूछताछ में दोनों आरोपियों ने कबूल किया कि वे उड़ीसा से गांजा लेकर कोटा, राजस्थान जा रहे थे। ट्रक में खासतौर पर चैंबर बनवाया गया था ताकि गांजा आसानी से छिपाया जा सके और किसी को शक न हो। पुलिस टीम की सतर्कता से टूटी तस्करी की कड़ी इस कार्रवाई में निरीक्षक उमाशंकर राठौर, सउनि बीरबल साहू, आरक्षक इरफान खान, आंसू तिवारी, पप्पू पनागर, सुनील मेरावी, अजय चंद्रवंशी, सुभाष नौरंगे और हरजेंद्र रात्रे की अहम भूमिका रही। इन सभी की सतर्कता और पेशेवर अंदाज ने इस अंतराज्यीय तस्करी का भंडाफोड़ करने में बड़ी सफलता दिलाई। ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई जारी पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने इस सफलता के लिए पूरी टीम की सराहना की और कहा कि जिले में मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वे नशे के खिलाफ इस मुहिम में पुलिस का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। कबीरधाम पुलिस की यह कार्रवाई न केवल तस्करों को साफ संदेश देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि नशे के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त कदम लगातार उठाए जा रहे हैं।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले – वैष्णव ब्राह्मण समाज का रहा है गौरवशाली इतिहास

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में वैष्णव ब्राह्मण समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस समाज की विभूतियों ने छत्तीसगढ़ में दानशीलता की अद्भुत मिसालें स्थापित की हैं। विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले समाज के प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री साय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह समाज केवल पुरोहित कर्म से ही नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन में भी सक्रिय रहा है। दानशीलता की महान परंपरा का परिचय देते हुए इस समाज ने कभी राजपाट तक दान कर दिए। राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत इसका अनुपम उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डेढ़ वर्ष के भीतर हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को अमल में लाकर पूर्ण किया है। छत्तीसगढ़, प्रभु श्रीराम का ननिहाल रहा है और उन्होंने अपने वनवास का लंबा समय यहीं व्यतीत किया था। हमारी सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को भी पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक अपनी आस्था के अनुसार तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगजनों, विधवाओं और परित्यक्ताओं के लिए इस योजना में अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प लिया गया है। उसी दिशा में हमें विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अग्रसर होना है। इस कार्य में वैष्णव ब्राह्मण समाज की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समाज संगठित रहकर निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज एक दूरदर्शी और कल्पनाशील समाज है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव से विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने इस समाज के ऐतिहासिक योगदान को निकटता से देखा है। उच्च शिक्षा, रेलवे, उद्योग और पेयजल व्यवस्था के विकास में राजनांदगांव के राजपरिवार ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। महंत दिग्विजय दास जी ने महाविद्यालय के लिए अपना महल दान किया, रेलवे के लिए विशाल भूमि दी, और बीएनसी कॉटन मिल की स्थापना की, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। महंत घासीदास जी ने व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए नि:शुल्क भूमि देने की घोषणा की थी। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज सनातन धर्म की ध्वजवाहक है। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के आयोजन से समाज और अधिक एकजुट होकर आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पी. एल. बैरागी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे. के. वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष राकेश दास वैष्णव, विजय कुमार दास, राघवेंद्र दास वैष्णव, डॉ. सौरभ निर्वाणी, अंजना देवी वैष्णव, रजनीश वैष्णव सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।

जिस रास्ते पर कभी भाजपा ने रोका था रास्ता, अब कांग्रेस ने किया चक्काजाम

खैरागढ़ आठ वर्षों से मौत के गड्ढों में तब्दील हो चुकी डोंगरगढ़-खैरागढ़ मुख्य सड़क पर रविवार को कांग्रेस ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया. विरोध का नेतृत्व कर रहीं डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता बघेल खुद सड़क पर बैठ गईं. वर्षों से आवाजाही और विकास की राह रोक कर बैठी यह सड़क अब राजनीति का मंच बन चुकी है, जहां पहले भाजपा प्रदर्शन करती थी, अब वहीं कांग्रेस कर रही है. दरअसल, खैरागढ़ जिला मुख्यालय को धर्मनगरी डोंगरगढ़ और महाराष्ट्र से जोड़ने वाली यह सड़क ढारा से सिदार खपरी तक इतनी जर्जर है कि सड़क में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है. बरसात में इन गड्ढों में पानी भरने से हादसों का डर बना रहता है. मां बमलेश्वरी और करेला भवानी मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसी खस्ताहाल सड़क से होकर गुजरना पड़ता है. पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता का कहना है कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की है और इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. वहीं, विभागीय पत्राचार के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. सरकारी कागजों में सड़क बनी रहती है, जमीनी हकीकत में गड्ढे और धूल उड़ती रहती है. गड्डों वाली सड़क बनी फोटो खिंचवाने और बयानबाजी का मंच बीते पांच वर्षों में कांग्रेस की सरकार थी तो भाजपा ने इसी सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, आज भाजपा की सरकार है तो कांग्रेस सवाल उठा रही है. इस बीच सड़क पर नारे बदलते गए, नेता बदलते गए, लेकिन गड्ढे वहीं के वहीं रह गए. यह सड़क अब जनता के लिए आवाजाही का मार्ग नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए फोटो खिंचवाने और बयानबाजी का मंच बन गई है. जब सत्ता में रहते हैं, तब फाइलें चुप रहती हैं, सड़कें टूटी रहती हैं. विपक्ष में जाते ही सड़कें भी याद आने लगती हैं, और जनता भी. इस सड़क पर गिरते संभलते लोगों के मन में अब सिर्फ एक सवाल है – सड़क कब बनेगी? या यह सड़क हमेशा सत्ता और विपक्ष की राजनीति में पिसती रहेगी, और जनता गड्ढों में गिरकर ही हर बार चुनावी वादे याद करती रहेगी?

उप अभियंता भर्ती परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से नकल करते हुए एक परीक्षार्थी पकड़ी गई, एफआईआर दर्ज

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की कड़ी निगरानी में परीक्षा आयोजन, नकल प्रकरण में पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही जारी रायपुर, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, रायपुर द्वारा आयोजित उप अभियंता (सिविल) एवं उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) भर्ती परीक्षा के अंतर्गत परीक्षा केन्द्र क्र. 1309 – शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सरकंडा, बिलासपुर (छ.ग.) में एक गंभीर नकल प्रकरण प्रकाश में आया।  कक्ष क्रमांक 07 में परीक्षार्थी रोल नंबर 13091014 – कु. अन्नु सूर्या, पिता – कलेश्वर राम द्वारा संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर त्वरित संज्ञान लेते हुए परीक्षा कक्ष में तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान उक्त परीक्षार्थी के अंतःवस्त्र में हिडन कैमरा व कान से माइक्रो स्पीकर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण छिपाकर रखे गए पाए गए, जिन्हें तत्काल जब्त किया गया। परीक्षा केन्द्र परिसर के बाहर नकल में सहायता करने हेतु उपस्थित कु. अनुराधा बाई के पास से वॉकी-टॉकी, टैबलेट, ब्लूटूथ डिवाइस और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। यह स्पष्ट रूप से एक संगठित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नकल करने का प्रयास था। प्रशासन द्वारा नियमानुसार तत्काल नकल प्रकरण तैयार कर छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) को प्रेषित कर दिया गया है। साथ ही, थाना सरकंडा पुलिस को सूचित कर एफआईआर दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। संबंधित व्यक्तियों पर उचित कानूनी कार्यवाही की जा रही है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल एवं जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लिया गया है। परीक्षा की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु ऐसी घटनाओं पर "जीरो टॉलरेंस नीति" अपनाई गई है। भविष्य में भी किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

बैंकिंग का नया चेहरा: गाँव की सखी, सबकी सहायक

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के ग्राम चरईडाड़ निवासी जीनत परवीन, वर्ष 2019 से बैंक सखी के रूप में कार्य कर रही हैं। जीनत परवीन बताती हैं कि योजना से जुड़ने से पहले वे एक साधारण गृहिणी थीं।  राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत जब उन्हें बैंक सखी के रूप में कार्य करने का अवसर मिला, तो उन्होंने इसे पूरी लगन और निष्ठा से अपनाया। आज वे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से जुड़ी बैंकिंग सेवाएं अपने गाँव और आसपास के ग्रामीणों तक पहुँचा रही हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को खाता खोलने, पैसा जमा-निकासी, आधार लिंक, सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान और अन्य बैंकिंग सेवाओं में सहायता प्रदान कर रही हैं। उनकी मासिक बैंकिंग लेनदेन की राशि 35 से 40 लाख तक पहुँचती है, जिससे उन्हें नियमित रूप से अच्छा कमीशन के रूप में अच्छी राशि प्राप्त हो जाती है। यह सेवा न केवल उनके लिए रोज़गार का साधन बनी, बल्कि आत्मनिर्भरता और सामाजिक पहचान का माध्यम भी बनी है। जीनत परवीन बताती है कि इस आमदनी से उन्होंने अपने कई सपने पूरे किए हैं। वर्ष 2022 में उन्होंने अपने लिए एक स्कूटी भी खरीदी, जिससे अब वह आसानी से ग्रामीण क्षेत्र में सेवा प्रदान कर रही हैं। वे बताती है कि बैंक सखी बनने के बाद जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है और अब वे अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।

छत्तीसगढ़ की शान: सुखदेव ने अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स में दिलाया भारत को गोल्ड

  रायपुर, छत्तीसगढ़ की प्रतिभाएं आज विभिन्न खेलों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को गौरवान्वित कर रही हैं।  राज्य शासन द्वारा खिलाड़ियों को खेल प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना तथा प्रोत्साहन राशि सहित आवश्यक संसाधन प्रदान कर हर संभव सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन देश एवं विदेश में कर सकें।       महासमुंद जिले के लिए खेल जगत से एक और गर्व की खबर आई है। फॉर्चून फाउंडेशन समाजसेवी संस्था द्वारा संचालित फॉर्चून नेत्रहीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करमापटपर, बागबाहरा खुर्द के पूर्व छात्र सुखदेव ने 7वीं ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चौंपियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। कांतिराव एथलेटिक्स स्टेडियम, बेंगलुरु (कर्नाटक) में 11 से 12 जुलाई तक आयोजित इस चौंपियनशिप में सुखदेव ने 1500 मीटर दौड़ को महज 4.36 मिनट में पूरा कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।      गौरतलब है कि नेत्रहीन सुखदेव ने फॉर्चून फाउंडेशन करमापटपर, बागबाहरा खुर्द में रहकर प्रशिक्षक श्री निरंजन साहू के मार्गदर्शन में निरंतर अभ्यास करते हुए यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वर्तमान में सुखदेव भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) बेंगलुरु में नियमित अभ्यास कर रहे हैं। इससे पहले भी सुखदेव खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025, नई दिल्ली में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक तथा 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चौंपियनशिप चेन्नई में भी 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। सुखदेव जैसे होनहार पैरा खिलाड़ी प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।          छत्तीसगढ़ सरकार खेल एवं खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विशेष रूप से दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।  सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर खिलाड़ी को उचित मंच और अवसर मिले, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकें।     सुखदेव की इस उपलब्धि पर महासमुंद कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह, सीईओ जिला पंचायत श्री एस. आलोक, उप संचालक समाज कल्याण संगीता सिंह, खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी मनोज धृतलहरे, जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे सहित प्रशिक्षक निरंजन साहू एवं पैरा स्पोर्ट्स संघ के पदाधिकारियों ने भी उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।      सुखदेव की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर लगन और मेहनत सच्ची हो तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती और छत्तीसगढ़ की मिट्टी में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यह उपलब्धि निःसंदेह जिले के अन्य दिव्यांग खिलाड़ियों को भी खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करेगी।

धरती आबा की छांव में खुशहाली: योजनाओं से सशक्त हो रहे आदिवासी परिवार

आधार, आयुष्मान, राशन कार्ड, बीमा और स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ, पोषण वाटिकाएं भी बन रही रायपुर, छत्तीसगढ़  प्रदेश में चलाए जा रहे धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत  अनुसूचित जनजाति ग्रामों में शासन की योजनाओं का व्यापक क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस कड़ी में कोरिया जिले के सोनहत और बैकुंठपुर विकासखंड के इन गांवों में हजारों पात्र परिवारों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन, श्रम कार्ड, जॉब कार्ड और बीमा योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। जनपद पंचायत सोनहत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने  बताया कि विकासखंड में 2,626 लक्षित परिवारों और 9,320 जनसंख्या के लिए शासन की महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य जरूरी योजनाओं से फायदा पहुंचाने के लिए आवेदन लिया गया है, मनरेगा जॉब कार्ड, जीवन ज्योति बीमा और सुरक्षा बीमा योजना जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पेंशन योजना के तहत 85 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 28 स्वीकृत हुए, 7 अपात्र पाए गए और शेष प्रक्रियाधीन हैं। साथ ही, 111 जाति प्रमाण पत्र और 100 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को भी ग्रामीणों तक पहुँचाया जा रहा है। टीबी एवं सिकलसेल की जांच की जा रही है और जरूरतमंदों को उपचार से जोड़ा जा रहा है साथ ही आयुष विभाग द्वारा निःशुल्क जाँच उपरांत दवाई वितरण भी किया जा रहा है। बैकुंठपुर एसडीएम से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड में अब तक 23 क्षय रोग के सक्रिय मरीज चिन्हित किए गए हैं। वहीं, 391 जाति प्रमाण पत्र, 361 निवास प्रमाण पत्र और 269 राशन कार्ड बनाए गए हैं। पोषण सुरक्षा की दिशा में 2,837 पोषण वाटिकाएं भी तैयार की गई हैं। साथ ही, मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। अभियान की प्रगति की ऑनलाइन निगरानी के लिए धरती आबा पोर्टल बनाया गया है। अभियान का उद्देश्य दूरस्थ आदिवासी अंचलों के पात्र परिवारों को सीधे शासन की योजनाओं से जोड़ना है, ताकि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

मनेंद्रगढ़ को मिली शैक्षणिक सौगात, चैनपुर में बनेगा नवोदय विद्यालय

एमसीबी मनेंद्रगढ़ अब स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो रहा है। क्षेत्रवासियों के लिए एक और बड़ी सौगात के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय की  स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। चैनपुर में इस विद्यालय के लिए 11.8 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन किया गया है।   स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि संभव हो सकी है। उनके नेतृत्व में मनेंद्रगढ़ को पहले ही मेडिकल कॉलेज जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा मिल चुकी है, और अब शिक्षा के क्षेत्र में भी नई क्रांति की शुरुआत हो रही है।    जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना से अब जिले के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने ही जिले में मिल सकेगी। उन्हें उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे अभिभावकों की चिंता भी कम होगी और विद्यार्थियों का समग्र विकास संभव होगा।    यह कदम मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के शैक्षणिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले वर्षों में यहां की नई पीढ़ी को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।

गांव में हाथी का कहर, हमले और तबाही के बाद जंगल की ओर हुई वापसी

धमतरी वनांचल क्षेत्र से भटककर मैदानी क्षेत्र पहुंचा एक हाथी अब केरेगांव क्षेत्र के जंगल में पहुंच गया है। 24 घंटे के भीतर हाथी 50 किलोमीटर चले और हाईवे पार करते हुए अब जंगल में चला गया है। हाथी के जाने के बाद मैदानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग इस हाथी पर नजर रखे हुए है। एक ही दिन में हाथी कई किसानों के धान फसल को रौंदकर जमकर नुकसान पहुंचाया है। हाथी के वनांचल क्षेत्र पहुंचने के बाद ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी राहत महसूस किया है। भखारा क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथी कभी पहुंच जाएगा, ऐसा लोगों ने कभी नहीं सोचा था, लेकिन हाथी वनांचल क्षेत्र से भटककर 11 जुलाई को मैदानी क्षेत्र के ग्राम रीवांगहन, भेंडरा, डोमा, खम्हरिया में पहुंच गया। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। यह हाथी किसानों के खेत होते हुए पहुंचा था।   पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था मैदानी क्षेत्र में हाथी के प्रवेश करने से वन विभाग के अमला भी रातभर नहीं सो पाया, क्योंकि हाथी किसी को मारकर नुकसान न पहुंचा दें। हालांकि हाथी ने मैदानी क्षेत्र में एक युवक पर हमला जरूर किया था, जो घायल हो गया था, ऐसे में वन विभाग की टीम इस हाथी का पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था। रातभर यह हाथी कई किलोमीटर चले और हाईवे पार करके वनांचल क्षेत्र पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार हाथी भखारा रोड पार करके डोमा, खम्हरिया, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर होते हुए केरेगांव परिक्षेत्र के जोगीडीह के जंगल में पहुंचा।   विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे हाथी पिछले 24 घंटों के भीतर 50 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर केरेगांव रेंज में पहुंच चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर हाथी के पीछे वन विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे, ताकि किसी तरह जनहानि न हो। हाथी मानिटरिंग टीम के कर्मचारियों को सिंगल हाथी कक्ष क्रमांक 143 में पद चिन्ह मिला, तब जाकर कर्मचारियों ने राहत ली। डिप्टी रेंजर आरके तिवारी ने बताया कि हाथी केरेगांव क्षेत्र के जंगल पहुंच चुका है। किसानों के धान फसल को पहुंचाया नुकसान हाथी एक ही दिन में ग्राम भेंडरा, रीवांगहन, डोमा, खम्हरिया, डाही, छाती, डांडेसरा, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर समेत कुछ अन्य गांव खेत वाले मार्ग से पहुंचे। इस दौरान हाथी कई किसानों के खेतों से होते हुए निकले, तो खेतों में लगे खरीफ सीजन के धान फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचाया है। धान फसल के रौंदने से कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है।