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8 महिला समेत 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 37 लाख 50 हजार रुपए का इनाम था घोषित

नारायणपुर छत्तीसगढ़ में एक ओर नक्सलवाद के खिलाफ अभियान जारी है, वहीं दूसरी ओर उनके पुनर्वास की नीति को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है. इस बीच शुक्रवार को 22 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इनमें 8 महिला नक्सली भी शामिल हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर 37 लाख 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था. ये सभी अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रीय थे.   जानकारी के मुताबिक, पुलिस के लगातार दबाव, मुठभेड़ों में बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने और विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इनमें 8 महिला नक्सली शामिल हैं. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली आमदई, नेलनार और कुतुल एरिया कमेटी में सक्रिय थे. लंबे समय से संगठन में रहकर आईईडी प्लांट, पुलिस मूवमेंट ट्रेस, जनताना सरकार के विस्तार करने जैसे गतिविधियों में शामिल थे. बता दें कि इस वर्ष अब तक 110 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं.

फंदे पर लटकी मिली युवक लाश, फांसी लगाकर की आत्महत्या

बलरामपुर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से युवक के आत्महत्या का मामला सामने आया है. युवक ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मामला रामानुजगंज थाना क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक, रोहित गुप्ता अपनी पत्नी के साथ वार्ड क्रमांक 13 में रहता था. गुरुवार दोपहर 2 बजे करीब पत्नी घर के बाहर में कुछ काम कर रही थी. इसी दौरान रोहित ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. मृतक के परिजन और दोस्त सदमें में हैं. फिलहाल आत्महत्या की कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

लग्जरी कार से नशीले इंजेक्शन सहित एक आरोपी को गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

सरगुजा  नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग ने बड़ी सफलता हासिल की है. सरगुजा में विभागीय उड़नदस्ता टीम ने एक लग्जरी कार से नशीली दवाओं की तस्करी का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में 4 लाख 35 हजार रुपए मूल्य की नशीली दवाओं के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार हो गया. मिली जानकारी के अनुसार, आबकारी उड़नदस्ता टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि थाना मणिपुर क्षेत्र अंतर्गत सुंदरपुर वेयरहाउस के पास सफेद रंग की हुंडई वरना कार में दो व्यक्ति भारी मात्रा में नशीले इंजेक्शन लेकर ग्राहकों को सप्लाई कर रहे हैं. इनमें से एक की पहचान मुख्य आरोपी देवेंद्र सिंह और दूसरे की गंगाराम मुंडा के रूप में हुई. सूचना के आधार पर टीम ने मौके पर दबिश दी. टीम को देखकर मुख्य आरोपी देवेंद्र सिंह मौके से फरार हो गया, लेकिन उसका साथी गंगाराम मुंडा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. गाड़ी की तलाशी लेने पर 2,413 नग नशीले इंजेक्शन बरामद किए गए, जिनकी कीमत लगभग 4 लाख 35 हजार रुपये आंकी गई है. फिलहाल आबकारी विभाग ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. फरार मुख्य आरोपी की तलाश जारी है.

मुख्यमंत्री साय बोले – हमारा उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना

22 आबकारी अधिकारियों का तत्काल निलंबन भ्रष्टाचार पर कड़ी चोट आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के अधिकारियों पर भी कार्रवाई रायपुर, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व शासनकाल के दौरान हुए 3200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की इस कार्रवाई को किसी भी राज्य द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इन अधिकारियों पर वर्ष 2019 से 2023 के बीच भ्रष्टाचार कर करीब 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां भी बनाने का आरोप है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के जरिये संचालित हो रहा था, जिसमें आरोपी आबकारी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसका खुलासा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना देर के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जिनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा शामिल हैं। इसी प्रकार सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं। गौरतलब है कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान कई बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच केंद्रीय और राज्य एजेंसियां कर रही हैं और एक-एक कर सभी दोषी जेल भेजे जा रहे हैं। केवल शराब घोटाला ही नहीं, राज्य सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले जैसे मामलों की भी गहराई से जांच करवा रही है, जिनमें किसी भी तरह की संलिप्तता सामने आने पर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। बीते दो वर्षों में ACB ने 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा है, जो राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का बड़ा उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत जेम पोर्टल से खरीददारी को अनिवार्य किया गया है, ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत हुई है, 350 से अधिक सुधारों के जरिये निवेश की राह भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और आसान बनाई गई है, इसी क्रम में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से एनओसी की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आबकारी विभाग में FL-10 नीति को समाप्त कर पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है और देशी-विदेशी मदिरा की बोतलों पर अब नासिक मुद्रणालय से छपने वाले होलोग्राम अनिवार्य किए गए हैं ताकि नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इसी तरह खनिज ट्रांजिट पास की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, लकड़ियों की ई-नीलामी प्रणाली लागू की गई है और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच CBI को सौंप दी है, जिसमें आयोग के तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है, जिनमें दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस पारदर्शी कार्रवाई में आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के विभिन्न स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था, घोटाले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है, हमारी सरकार का उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।  

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शुरू, हो सकते है कई बड़े फैसले

रायपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक शुरू हो गई है. विधानसभा के मानसून सत्र से पहले हो रही यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इस बैठक में कई मुद्दों पर मुहर लग सकती है. साथ ही मानसून सत्र में पेश होने वाले नए विधेयकों को लेकर चर्चा की जा सकती है. यह बैठक मंत्रालय (महानदी भवन) में हो रही है.

फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख का हुआ ऐलान

रायपुर कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वर्ष 2025 के खरीफ फसलों के लिए बीमा अवधि 15 से 31 जुलाई निर्धारित की गई है. वहीं किसान अब मात्र 2 प्रतिशत प्रीमियम दर पर करा फसलों का बीमा सकेंगे. शासन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के किसान मुख्य फसल धान सिंचित, धान असिंचित एवं अन्य फसल मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, सोयाबीन, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी का बीमा करा सकते हैं. किसानों के फसल को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, जलप्लावन, ओलावृष्टि सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए बीमा में शामिल किए जाने वाले किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत ऋणी एवं अऋणी किसान जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं, जो किसान अधिसूचित ग्राम व राजस्व निरीक्षक मंडल में अधिसूचित फसल के लिए वित्तीय संस्थानों से मौसमी कृषि ऋण स्वीकृत, नवीनीकृत की गई है. अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी किसान जो योजना में सम्मिलित होने इच्छुक हो वे बुआई प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर लाभ ले सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत फसलवार जिले में बीमित राशि (रुपए प्रति हेक्टेयर) एवं किसान के देय प्रीमियम राशि (रुपए प्रति हेक्टेयर) निर्धारित की गई है. जिसके तहत खरीफ 2025-26 में उड़द के लिए बीमांकित राशि 30 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 600 रुपए प्रति हेक्टेयर, मूंग के लिए बीमांकित राशि 29 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 580 रुपए प्रति हेक्टेयर, मूंगफली के लिए बीमांकित राशि 42 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 840 रुपए प्रति हेक्टेयर, कोदो के लिए बीमांकित राशि 22 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 440 रूपए प्रति हेक्टेयर, कुटकी के लिए बीमांकित राशि 22 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 440 रुपए प्रति हेक्टेयर, मक्का के लिए बीमांकित राशि 48 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 960 रुपए प्रति हेक्टेयर, तुअर (अरहर) के लिए बीमांकित राशि 40 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 800 रुपए प्रति हेक्टेयर, रागी के लिए बीमांकित राशि 25 हजार रुपए है.

बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु रायगढ़ में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे अनुबंध पत्र फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को मिला रेडी टू ईट निर्माण का कार्य: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी हुई पूरी बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रायगढ़ जिले के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फूड का महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा वितरण रायपुर  छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है। रायगढ़ जिले के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू इट फूड अब महिला स्व सहायता समूहों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविंद्र गबेल, महापौर जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में  5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की सभी परियोजनाओं रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।

शिक्षा सुधार का असर, युक्तियुक्तकरण से रायपुर के स्कूलों में फिर से आई रौनक

रायपुर : युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में लौटी रौनक रायपुर: युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में लौटी चहल-पहल, बढ़ी शिक्षण गुणवत्ता शिक्षा सुधार का असर, युक्तियुक्तकरण से रायपुर के स्कूलों में फिर से आई रौनक अंग्रेजी, गणित और कला विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों और पालकों में जगी नई उम्मीद रायपुर महासमुंद जिले के विकासखंड बागबाहरा अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल मोहगांव में शिक्षक नियुक्ति के साथ ही शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है। वर्ष 2022 में स्थापित इस विद्यालय को माध्यमिक स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोला गया था, लेकिन प्रारंभ से ही शिक्षकों की कमी के कारण यह संस्था शिक्षकविहीन स्थिति में संचालित हो रही थी। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और अभिभावकों में निराशा व्याप्त थी। शासन की युक्तियुक्तकरण नीति के तहत शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय में तीन विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। अब अंग्रेजी, गणित एवं कला जैसे प्रमुख विषयों के लिए नियमित कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन विषयों में क्रमशः श्री देवेंद्र चंद्राकर, श्री शैलेन्द्र ठाकुर और श्री रामसिंह नाग की नियुक्ति की गई है। साथ ही विज्ञान सहायक श्री भूपेंद्र जसपाल भी विद्यालय में सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षकों की उपलब्धता के साथ विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों को नई गति मिली है। कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं और विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। बच्चे अब पूरे उत्साह के साथ पढ़ाई में जुटे हैं। विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति से न केवल बच्चों की पढ़ाई में सुधार हुआ है, बल्कि मोहगांव सहित आसपास के गांवों के पालकों और ग्रामीणों में भी प्रसन्नता का माहौल है। ग्रामवासियों ने शासन और शिक्षा विभाग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय ग्रामीण अंचल में शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। गांव के जनपद सदस्य श्री भूपेंद्र दीवान, सरपंच श्री नरेन्द्र दीवान तथा एसएमसी अध्यक्ष डॉ. चेतन साहू ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा सबके लिए के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में यह एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में विद्यालय में अन्य आवश्यक संसाधन भी शीघ्र उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों को बेहतर और समग्र शैक्षणिक वातावरण मिल सके।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम, ग्रामीण स्कूलों की गुणवत्ता में आई मजबूती

ग्रामीण स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में आया सुधार शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का सकारात्मक प्रभाव शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम, ग्रामीण स्कूलों की गुणवत्ता में आई मजबूती रायपुर राज्य शासन द्वारा शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का सकारात्मक असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। दुर्ग जिले के ब्लॉक धमधा के अंतर्गत हाई स्कूल दनिया में इस प्रक्रिया के अंतर्गत चार नए विषयों के शिक्षकों की तैनाती की गई है, जिससे विद्यार्थियों को अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है। हाई स्कूल दनिया में पढ़ने वाली कक्षा 10वीं की छात्रा हितेश्वरी बताती है कि पहले स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण कई विषयों की पढ़ाई नियमित नहीं हो पाती थी। अब विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों के शिक्षक मिल गए हैं।  विद्यालय प्रबंधन के अनुसार, युक्तियुक्तकरण के बाद विद्यालय में शिक्षकों की संख्या में संतुलन आया है। अब प्रत्येक विषय के लिए प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई के लिए बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है। इसके चलते बच्चों की उपस्थिति में भी सुधार देखा गया है। विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि यह पहल विशेषकर ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब छात्र नियमित रूप से कक्षा में सभी विषयों की पढ़ाई कर पा रहे हैं और उन्हें किसी बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं रह गई है। ज्ञातव्य हो कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का उद्देश्य शिक्षकों का प्रभावी पुनर्विनियोजन कर ऐसी जगहों पर उनकी नियुक्ति करना है, जहाँ शिक्षकों की आवश्यकता अधिक है। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है, बल्कि इससे विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य को भी नई दिशा मिल रही है।

रायपुर: कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटन ने दिखाया दम, पर्यटकों को किया आकर्षित

रायपुर : छत्तीसगढ़ पर्यटन ने कोलकाता में दर्ज कराई प्रभावशाली उपस्थिति कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटन की प्रभावशाली प्रस्तुति, राज्य की सांस्कृतिक पहचान को मिली सराहना रायपुर: कोलकाता में छत्तीसगढ़ पर्यटन ने दिखाया दम, पर्यटकों को किया आकर्षित रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों में आज एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ी है। कोलकाता में चल रहे ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी विशिष्ट और समृद्ध विरासत के साथ शानदार उपस्थिति दर्ज करायी। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कोलकाता के टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट को छत्तीसगढ़ के टूर पैकेज के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ मंच साझा किया।  इस अवसर पर अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ जैसे समृद्ध राज्य को भारत के इस प्रमुख पर्यटन मंच पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय परंपराओं, ऐतिहासिक स्थलों और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। छत्तीसगढ़ को आज भी ‘अनदेखा भारत‘ कहा जाता है और यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी, सिरपुर, बस्तर का धुड़मारास के साथ-साथ भोरमदेव, डोंगरगढ़, दंतेवाड़ा आदि धार्मिक स्थलों का उल्लेख किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के टूर ऑपरेटर्स और ट्रैवल एजेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने पर्यटन पैकेज में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करें। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को अब उद्योग का दर्जा प्राप्त है और पर्यटन क्षेत्र में होमस्टे, रिसॉर्ट्स, ट्राइबल और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। हमारा उद्देश्य केवल पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास को भी मजबूत करना है। शर्मा ने यह भी बताया कि कोलकाता में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्थायी सूचना केंद्र स्थापित किया गया है, जिससे कोलकाता के टूर ऑपरेटर्स और पर्यटकों को सीधी और सुविधा-सम्पन्न सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। इस मौके पर कोलकाता के 50 टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट पंजीकृत हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने उपस्थित अतिथियों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर के समक्ष प्रेजेंटेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सुंदरता,संस्कृति एवं भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा टूरिज्म को लेकर लिए गए निर्णय से भी अवगत कराया। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा जी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि भारत को समझने के लिए छत्तीसगढ़ को जानना जरूरी है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि छत्तीसगढ़ आइए, इसे महसूस कीजिए और भारत की आत्मा से मिलिए।  इस अवसर पर सिक्किम विधानसभा की उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी थापा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी,थाईलैंड की महावाणिज्यदूत सुश्रीपोन तांतिपन्याथेप के साथ ही वेस्ट बंगाल टूर ऑपरेटर एवम ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन कोलकाता के लगभग 500 से भी अधिक सदस्य उपस्थित थे।