samacharsecretary.com

EWS आवास योजना 2025: हरियाणा सरकार की नई पहल, गरीबों के लिए बड़ा तोहफ़ा

चंडीगढ़ 
हरियाणा सरकार ने राज्य के शहरी गरीबों और निम्न आय वर्ग के परिवारों को सस्ती और स्थायी छत देने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने नई ‘ईडब्ल्यूएस पॉलिसी-2025’ को लागू कर दिया है। इस नीति को प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण के तौर पर देखा जा रहा है। यह नीति उन लोगों के लिए बनाई गई है जो वर्षों से किराये के मकानों, झुग्गियों या अस्थायी कमरों में रहकर अपने घर का सपना देख रहे थे।

अब यह सपना केवल ख्वाहिश नहीं रहेगा, बल्कि सरकार की गारंटी बनेगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह नीति ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक ठोस कदम है। इसका उद्देश्य है कि आवास अब केवल अमीरों की पहुंच तक सीमित न रहे, बल्कि हर मेहनतकश, हर कर्मचारी और हर ज़रूरतमंद परिवार को भी अपना घर मिले। यह नीति हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा तैयार की गई है और इसे लागू करने की ज़िम्मेदारी ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग को दी गई है।

विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके सिंह की ओर से यह पॉलिसी जारी की है। नई ईडब्ल्यूएस नीति के तहत अब कोई भी रिहायशी कॉलोनी या हाउसिंग प्रोजेक्ट सिर्फ़ अमीरों के लिए नहीं होगा। सरकार ने आदेश दिया है कि हर लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी में 20 प्रतिशत प्लॉट और हर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में 15 प्रतिशत फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखे जाएंगे। इससे शहरी इलाकों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार भी मुख्यधारा की कॉलोनियों का हिस्सा बन सकेंगे।
 
प्लॉट/फ्लैट के साइज व रेट भी तय
सरकार ने यह भी तय किया है कि गरीबों को दिए जाने वाले घरों का आकार और दाम उनकी आय और जरूरत के अनुरूप हों। ईडब्ल्यूएस प्लॉट्स का साइज 50 से 125 वर्ग मीटर तक रहेगा। वहीं ईडब्ल्यूएस फ्लैट 200 से 400 वर्ग फुट के होंगे। ईडब्ल्यूएस EWS प्लॉट 600 प्रति वर्ग मीटर और फ्लैट 1.50 लाख या 750 प्रति वर्ग फुट के दर पर दिए जाएंगे। यह पहली बार है जब हरियाणा में गरीबों के लिए इतने सुलभ दामों पर घर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

हाउसिंग फॉर ऑल विभाग करेगा आवंटन
ईडब्ल्यूएस नीति के तहत डेवलपर या बिल्डर को अपने हिस्से के प्लॉट और फ्लैट्स ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग को सौंपने होंगे। यह विभाग आगे इन घरों का निर्माण करवाएगा और पात्र लोगों को पारदर्शी प्रक्रिया से आवंटित करेगा। इसके लिए पहले पात्र लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे। आवेदन आने के बाद ड्रा के जरिये प्लॉट और फ्लैट‌्स का आवंटन होगा। चयनित और प्रतीक्षा सूची दोनों सार्वजनिक रूप से जारी की जाएंगी ताकि कोई पक्षपात या गड़बड़ी न हो सके।

10 हजार होगी आवेदन फीस
आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है। इसके लिए 10 हजार रुपये आवेदन शुल्क तय किया है। अगर आवेदक को घर मिलता है, तो यह राशि अंतिम भुगतान में समायोजित होगी। अगर चयन नहीं होता, तो यह रकम दो महीने के भीतर बिना ब्याज लौटाई जाएगी। सरकार की ओर से ड्रॉ प्रक्रिया में छह महीने से अधिक देरी होती है, तो आवेदकों को भारतीय स्टेट बैंक की बचत ब्याज दर के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। इस प्रावधान से सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की है।

पांच साल तक बेचने पर पाबंदी
ईडब्ल्यूएस घर पाने वाले व्यक्ति को यह घर कम-से-कम पांच साल तक न बेचने या ट्रांसफर करने की शर्त माननी होगी। अगर कोई व्यक्ति यह नियम तोड़ता है तो उसे 100 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। यानी जितने में घर मिला था, उतनी ही राशि दंड के रूप में देनी होगी। यह प्रावधान इसलिए रखा गया है ताकि यह योजना केवल असली ज़रूरतमंदों तक पहुंचे न कि निवेश या दलाली का साधन बने।

रेंटल हाउसिंग स्कीम भी लागू
हरियाणा सरकार ने इस नीति में ‘किराये पर आवास योजना’ (रेंटल हाउसिंग स्कीम) का प्रावधान भी जोड़ा है। इसके तहत कुछ ईडब्ल्यूएस यूनिट्स को किराये पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे फैक्टरी कर्मियों, प्रवासी मजदूरों, सफाई कर्मचारियों और निम्न आय वर्ग के परिवारों को कम किराये में सम्मानजनक आवास मिल सकेगा। अगर ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग डेवलपर को भुगतान में देरी करता है, तो उसे 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा।

‘एक व्यक्ति-एक घर’ का नियम
पहले कई योजनाओं में एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग जगहों से घर हासिल किए थे। नई नीति ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी आवंटन को आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) से जोड़ दिया है। ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग का डेटा अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग के साथ साझा किया जाएगा ताकि पूरे राज्य में एक एकीकृत हाउसिंग डेटाबेस तैयार हो सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई व्यक्ति एक से अधिक सरकारी घर का लाभ न उठा सके।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here