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घर में धन और समृद्धि लाने के लिए करें ये वास्तु अनुसार काम

लाभ पंचमी का पर्व धन, सफलता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय और दिशाओं का ध्यान रखा जाए तो घर, व्यापार और जीवन में लाभ के द्वार खुलते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार लाभ पंचमी पर क्या करना चाहिए:

सुबह की शुरुआत सूर्य अर्घ्य से करें
लाभ पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
यह वास्तु के अनुसार ऊर्जा और सफलता का आरंभ है।
सूर्य देव को अर्घ्य देने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और व्यापार में बाधाएं दूर होती हैं।

घर और दुकान की दिशा की सफाई
घर और दुकान की उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को साफ-सुथरा रखें।
यह दिशा माता लक्ष्मी और कुबेर जी का निवास स्थान मानी गई है।
इस कोने में लाल या पीले फूल, दीपक और अगरबत्ती जलाना शुभ रहता है।

गणेश-लक्ष्मी की पूजा किस दिशा में करें
माता लक्ष्मी की मूर्ति उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें।
पूजक (जो व्यक्ति पूजा कर रहा है) का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
भगवान गणेश को दाईं ओर और महालक्ष्मी को बाईं ओर बैठाएं।
पूजा स्थल पर काले या गहरे रंगों का प्रयोग न करें, केवल हल्के रंगों का उपयोग करें।

प्रवेश द्वार पर शुभ प्रतीक बनाएं
वास्तु शास्त्र में कहा गया है, “मुखद्वारे शुभलाभ चिह्नं धनं लभते गृहस्थः।”
मुख्य दरवाजे पर शुभ लाभ और स्वस्तिक का चिह्न लाल सिंदूर या रोली से बनाएं।
द्वार के दोनों ओर आम के पत्तों और बंदनवार लगाएं।
इससे घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है और धनवृद्धि के योग बनते हैं।

तिजोरी और धन स्थान का वास्तु
तिजोरी या कैश बॉक्स को हमेशा दक्षिण दिशा की दीवार के सहारे रखें और उसका मुख उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए।
यह स्थिति धन के स्थायित्व का संकेत देती है। लाभ पंचमी के दिन तिजोरी में पीली कौड़ी, चांदी का सिक्का या लाल कपड़े में हल्दी रखी सुपारी रखें।

व्यापार स्थल के लिए विशेष उपाय
दुकान या ऑफिस के मुख्य द्वार के सामने कोई रुकावट (खंभा, पेड़ या दीवार) नहीं होनी चाहिए।
प्रवेश द्वार के ऊपर मंगल कलश या नारियल लगाना शुभ होता है।
लाभ पंचमी पर नया लेन-देन या बहीखाता शुरू करना अत्यंत फलदायी माना गया है।

दीपक जलाने की दिशा
सुबह और शाम पूर्व या उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाएं।
तिल के तेल का दीपक मुख्य द्वार पर जलाना बहुत शुभ माना गया है।
दीपक की लौ सदैव पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए, इससे आर्थिक उन्नति होती है।

वास्तु अनुकूल उपाय लाभ पंचमी के दिन
घर में कुबेर यंत्र या श्री यंत्र स्थापित करें और उनका पूजन करें।
तुलसी पौधे के पास दीपक जलाएं, इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
रसोईघर में पहली रोटी गाय को और मीठा पहला भोजन कन्याओं को दें।
दक्षिण दिशा की दीवार पर लाल रंग की पेंटिंग या कपड़ा लगाना निषेध है।

रंग और वस्त्र चयन
लाभ पंचमी के दिन लाल, पीले या सुनहरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है।
ये रंग आकर्षण, सौभाग्य और ऊर्जा के प्रतीक हैं।
काले या भूरे रंग से बचें क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

वास्तु के अनुसार शुभ संकेत
अगर लाभ पंचमी के दिन पूजा करते समय दीपक की लौ स्थिर रहती है, कपूर आसानी से जल जाता है या पूजा स्थल में सुगंध फैल जाती है तो यह इस बात का संकेत है कि माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी हुई है।

लाभ पंचमी केवल धन की पूजा का दिन नहीं है, यह वास्तु संतुलन और ऊर्जात्मक शुद्धि का पर्व भी है। यदि इस दिन आप वास्तु के इन छोटे-छोटे नियमों का पालन करते हैं तो आपके घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा, धनवृद्धि और सौभाग्य का प्रवाह बढ़ता है।

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