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सरकारी कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट! DA बढ़ोतरी और GST राहत से बढ़ेगी जेब की चमक

नई दिल्ली केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इस दिवाली (Diwali 2025) खुशखबरी आ सकती है. सरकार अक्टूबर 2025 में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance/DA) में बढ़ोतरी का एलान कर सकती है. खबरों के अनुसार, जुलाई-दिसंबर 2025 की पीरियड के लिए डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि तय हो गई है, जिससे मौजूदा 55% डीए बढ़कर 58% हो जाएगा. यह 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत अंतिम DA रिवीजन होगा, क्योंकि जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू होने वाला है. इस बढ़ोतरी से करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधे लाभ मिलेगा. विशेषकर त्योहारों के मौसम में सैलरी बढ़ने से खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा. सरकार हर साल अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में दो बार बढ़ोतरी करती है – जनवरी और जुलाई में. हालांकि, इसका आधिकारिक एलान कुछ माह बाद किया जाता है. मार्च 2025 में जनवरी-जून पीरियड के लिए सरकार ने पहले ही डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जिससे यह 53% से बढ़कर 55% हो गया. अब जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए 3% की वृद्धि के बाद यह बढ़कर 58 प्रतिशत हो जाएगा. महंगाई भत्ता (DA) कैसे तय होता है? महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर किया जाता है. यह डेटा हर महीने लेबर ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है. पिछले 12 महीनों के CPI-IW औसत को लेकर एक फॉर्मूला लागू किया जाता है, जो 7वें वेतन आयोग के तहत बनाया गया है: DA (%) = [(12 माह का औसत CPI-IW – 261.42) ÷ 261.42] × 100 इस फॉर्मूले के आधार पर कोई भी सरकारी कर्मचारी या पेंशनर अपने महंगाई भत्ते की गणना कर सकता है. जुलाई 2025 में कितना बढ़ा था DA लेबर ब्यूरो ने जून 2025 के CPI-IW डेटा के अनुसार सूचकांक 145.0 दर्ज किया, जो मई 2025 की तुलना में एक अंक अधिक है. इसके आधार पर जुलाई 2025 से DA बढ़कर 58% तय किया गया है. हाल ही में सरकार और कर्मचारियों के प्रतिनिधि संगठन, Government Employees National Confederation (GENC), के बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों के साथ भी बातचीत जारी है और जल्द ही आधिकारिक घोषणा की संभावना है. त्योहारों के मौसम को देखते हुए यह कदम कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी साबित हो सकता है. सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के साथ ही महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है. इससे देशभर के 1.2 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सीधा लाभ मिलेगा. GST राहत के बाद यह कदम उन्हें और वित्तीय राहत प्रदान करेगा. महंगाई भत्ते का महत्व महंगाई भत्ता सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसलिए देती है ताकि वे महंगाई के प्रभाव को कम कर सकें. रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और DA सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन का मूल्य स्थिर रहे. इस बढ़ोतरी का असर न सिर्फ कर्मचारियों और पेंशनर्स की जेब पर पड़ेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी लाएगा. दशहरा और दिवाली के आसपास DA वृद्धि का ऐलान आम तौर पर इसलिए किया जाता है ताकि लोग त्योहारों के मौसम में अपने खर्चों को संभाल सकें और उत्सवों का आनंद ले सकें. कितने लोगों को मिलेगा लाभ इस DA वृद्धि से लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 66 लाख पेंशनर्स को फायदा मिलेगा. इससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और महंगाई से राहत भी मिलेगी. इसके अलावा, पहले ही सरकार ने लोगों को जीएसटी में कटौती के रूप में अच्छी-खासी राहत दी है. 7वें वेतन आयोग के तहत यह अंतिम DA वृद्धि है, और जनवरी 2026 से लागू होने वाला 8वां वेतन आयोग नए नियम और दरों के साथ लागू होगा. इस वृद्धि का फायदा कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधे मिलेगा और यह दिवाली उनके लिए और खास बना देगा. न्यूनतम मूल वेतन में संभावित बड़ा इजाफा 8वीं वेतन आयोग की संभावित सिफारिशों में सबसे महत्वपूर्ण पहलू न्यूनतम मूल वेतन (Minimum Basic Pay) में वृद्धि है. वर्तमान में यह ₹18,000 है, और नई संरचना इसे ₹26,000 तक बढ़ा सकती है. इस बदलाव से कर्मचारियों को मुद्रास्फीति और बढ़ती जीवनयापन लागत के बीच राहत मिलेगी. कर्मचारियों का मानना है कि यह वृद्धि लंबे समय से लंबित थी, क्योंकि पिछली वेतन आयोग की सिफारिश कई सालों पहले लागू हुई थी. न्यूनतम वेतन में यह बड़ा इजाफा सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा. महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) में सुधार की संभावना 8वीं वेतन आयोग के साथ महंगाई भत्ता (DA) में भी संशोधन की उम्मीद है. वर्तमान में कर्मचारियों और पेंशनरों को 55% DA मिलता है. हाल ही में मुद्रास्फीति दरों के अनुसार 2% की वृद्धि की गई थी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि जून-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए अगली DA वृद्धि 3% हो सकती है. यह संशोधित DA अक्टूबर या नवंबर में घोषित किया जा सकता है, जिससे त्योहारों के मौसम में कर्मचारियों और पेंशनरों को वित्तीय राहत मिलेगी. कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत का पैकेज अगर 8वीं वेतन आयोग और DA में सुधार दोनों लागू होते हैं, तो यह सरकारी वेतन पर निर्भर लाखों परिवारों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय राहत साबित होगी. लगातार बढ़ती महंगाई के बीच ये कदम कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि यह दोहरी राहत, वेतन वृद्धि और DA इजाफा. न केवल शॉर्ट टर्म वित्तीय राहत देगा बल्कि कर्मचारियों की लॉन्ग टर्म आर्थिक स्थिरता में भी योगदान करेगा. हालांकि, इस पूरे पैकेज की वास्तविक तिथि इस बात पर निर्भर करेगी कि आयोग का गठन कब होता है और सरकार की वित्तीय स्थिति क्या रहती है.  

नौकरीपेशा के दिन बहुरेंगे! 8वें वेतन आयोग से ₹51,000 बेसिक सैलरी की उम्मीद

नई दिल्ली आठवें वेतन आयोग का गठन जल्‍द होने जा रहा है. जनवरी 2026 तक इसे लागू करने का प्रस्‍ताव रखा गया है, जिसे लेकर राज्‍य वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी है कि 8th Pay Commission को लेकर राज्‍य सरकारों, वित्त मंत्रालय और संबंधित विभागों से परामर्श की प्रक्रिया चल रही है. जल्‍द ही इसे लागू कर दिया जाएगा.  इस आयोग के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, पेंशन और भत्तों में इजाफा हो जाएगा. कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्‍त उछाल देखने को मिलेगी. साथ ही महंगाई भत्ता और फिटमेंट फैक्‍टर भी बढ़ेगा, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा. आइए समझते हैं, आपकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है…  इस फॉर्मूले से बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में ठीक वैसे ही इजाफा होगा, जैसे 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के लागू होने पर हुआ था. कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए एक्रोयड फॉर्मूले का उपयोग किया जाएगा.  क्‍या है ये फॉर्मूला?  डॉ वालेस एक्रोयड ने यह फॉर्मूला पेश किया था, जिसे जीवन के न्‍यूनतम लागत तय करने के लिए डिजाइन किया गया था. इस फॉर्मूले में यह बताया गया था कि एवरेज कर्मचारियों की पोषण संबंधी जरूरतों के आधार पर सैलरी का कैलकुलेशन किया जाना चाहिए. इस फॉर्मूले को बनाते वक्‍त भोजन, कपड़ा और मकान जैसी कर्मचारियों की जरूरतों को ध्‍यान में रखा गया था. 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) ने 1957 में इस फॉर्मूले को अपनाया गया था.  7वें वेतन आयोग पर भी लागू हुआ था ये फॉर्मूला  इस फॉर्मूले का उपयोग करते हुए 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत भी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा किया गया था. 7वें वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18000 रुपये हो गई थी. कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को अपडेट करने के लिए 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था. ये फिटमेंट फैक्‍टर एक्रोयड फॉर्मूला से तय किया गया था.  8वें वेतन आयोग के तहत 3 गुना बढ़ जाएगी सैलरी!  अनुमान है कि 8th Pay Commission के लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी में बंपर उछाल देखने को मिलेगी. बेसिक सैलरी में करीब 3 गुना बढ़ोतरी हो सकती है, जो एक्रोयड फॉर्मूला के तहत संभव होगा. अगर ये फॉर्मूला 8वां वेतन आयोग के तहत भी यूज किया जाता है तो सैलरी और पेंशन का कैलकुलेशन 2.86 फिटमेंट के आधार पर होगा. इसका मतलब है कि न्‍यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये से बढ़कर 51480 रुपये तक हो सकती है. वहीं पेंशन 9000 रुपये से बढ़कर 25740 रुपये हो जाएगी.

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा: जानिए 8वें वेतन आयोग की तिथि और सैलरी बढ़ोतरी का स्केल

नई दिल्ली  देशभर के केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स आगामी 8वें वेतन आयोग से जुड़े खबरों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। इससे वेतन और पेंशन में जबरदस्त बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। एम्बिट कैपिटल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, नए सैलरी स्ट्रक्चर से कुल पारिश्रमिक में 30-34% की वृद्धि हो सकती है, जिसका असर देश भर के 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों पर पड़ेगा। अगर इसे लागू किया जाता है तो यह संशोधन 2026 या वित्तीय वर्ष 2027 तक लागू हो सकता है, और इससे सरकारी खजाने पर 1.8 लाख करोड़ रुपये का भारी बोझ पड़ सकता है। क्या है डिटेल वर्तमान वेतन और पेंशन संरचना सातवें वेतन आयोग पर आधारित है, जो जनवरी 2016 में लागू हुआ था। जीवन-यापन की लागत, मुद्रास्फीति और आर्थिक बदलावों को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना में संशोधन के लिए आमतौर पर हर दस साल में एक नया आयोग गठित किया जाता है। उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग द्वारा भी यह परंपरा जारी रहेगी और रक्षा कर्मियों और पेंशनभोगियों सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतनमान की पेशकश की जाएगी। वेतन बढ़ोतरी को गति देने वाला फिटमेंट फैक्टर अपेक्षित संशोधन के मुख्य कंपोनेंट में से एक फिटमेंट फैक्टर है—एक गुणक जिसका उपयोग नए बेसिक सैलरी को तय करने के लिए किया जाता है। एम्बिट कैपिटल का अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। इसका अर्थ है कि वर्तमान में 18,000 रुपये का न्यूनतम वेतन बढ़कर 32,940 रुपये (1.83 पर) या 44,280 रुपये (2.46 पर) हो सकता है। उदाहरण के लिए, 50,000 रुपये का मौजूदा आधार वेतन, फिटमेंट फैक्टर के निचले सिरे पर 91,500 रुपये और ऊपरी सिरे पर 1.23 लाख रुपये तक बढ़ सकता है। संशोधित ढांचे से महंगाई भत्ते को मुद्रास्फीति के साथ और अधिक सटीक रूप से संरेखित करने और पेंशन भुगतान को तदनुसार अद्यतन करने की भी उम्मीद है। उपभोग और आर्थिक विकास को बढ़ावा विशेषज्ञों का मानना है कि नया वेतन आयोग आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा, क्योंकि बढ़े हुए वेतन से उपभोग में वृद्धि, स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुंच, बेहतर आवास और मनोरंजन पर अधिक खर्च हो सकता है। इतने बड़े कर्मचारी आधार पर वेतन वृद्धि का व्यापक प्रभाव खुदरा, रियल एस्टेट और सेवा क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।  

वेतन वृद्धि की तैयारी? 8वें वेतन आयोग पर चर्चा तेज, कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी सौगात

नई दिल्ली करोड़ों सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मचारी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच एक खबर ने इनकी खुशी और बढ़ा दी है. द इकोनॉमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में कहा है कि इस वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी (Employees Salary) 30 से 34 फीसदी तक बढ़ सकती है.  ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि कर सकता है, जिससे लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ होगा. नया वेतनमान जनवरी 2026 से लागू होने की उम्‍मीद है, लेकिन इसके लिए पहले वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करनी होगी, फिर सरकार को भेजनी होगी और उसे मंजूरी देनी होगी. अभी तक सिर्फ ऐलान ही हुआ है. आयोग का अध्‍यक्ष कौन होगा और उसका कार्यकाल क्‍या होगा? अभी ये फैसला होना बाकी है.  किसे मिलेगा ये लाभ? 8th Pay Commission से लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ मिल सकता है, जिनमें करीब 44 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनर्स हैं. 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्ते और रिटायरमेंट बेनिफिट में ग्रोथ होगी.  क्‍या होता है फिटमेंट फैक्‍टर?  नए वेतन तय करने का एक खास हिस्‍सा फिटमेंट फैक्‍टर है, यह वह संख्‍या है जिसका यूज मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय किया जाता है. उदाहरण- सातवें वेतपन आयोग ने 2.57 के फैक्‍टर का इस्‍तेमाल किया था. उस समय इसने मिनिमम बेसिक सैलरी  7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया था. रिपोर्ट कहती है कि इस बार फिटमेंट फैक्‍टर 1.83 और 2.46 के बीच हो सकता है. कर्मचारियों और पेंशनर्स को कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, इसमें सटीक आंकड़ा अहम भूमिका निभाएगा.  क्‍या रहा है सैलरी बढ़ोतरी का इतिहास?  पिछले वेतन आयोगों ने कई लेवल पर सैलरी ग्रोथ दिखाई है. 6वें वेतन आयोग (2006) ने कुल वेतन और भत्तों में लगभग 54% की ग्रोथ दी थी. इसके बाद 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया, तब बेसिक सैलरी में 14.3% और अन्‍य भत्ते जोड़ने के बाद पहले साल में करीब 23 फीसदी की ग्रोथ दिखाई थी.  कैसे किया जाता है सैलरी का कैलकुलेशन?  एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), परिवहन भत्ता (टीए), और अन्य छोटे-मोटे लाभ शामिल होते हैं. समय के साथ, मूल वेतन का हिस्सा कुल पैकेज के 65% से घटकर लगभग 50% रह गया है और अन्य भत्तों का हिस्सा इससे भी ज्‍यादा हो गया है. इन सभी को जोड़कर ही मंथली सैलरी दी जाती है. पेंशनर्स के लिए भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. हालांकि HRA या TA नहीं दिया जाएगा. 

केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर : लेवल 1 से 10 तक सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप दिए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 1.2 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन और पेंशन में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अप्रूव्ड 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के 2027 के आसपास लागू होने की उम्मीद है। इससे पूरे भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होगा। हालांकि, आधिकारिक टर्म्स ऑफ रेफरेंस, अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। 8वां वेतन आयोग क्या है? वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए आयोजित एक आवधिक अभ्यास है। यह न केवल सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन और भत्तों को प्रभावित करता है, बल्कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को भी प्रभावित करता है। 8वां वेतन आयोग 7वें सीपीसी की जगह लेगा, जिसे 2016 में लागू किया गया था। सीपीसी की सिफारिशों के मूल में पे मैट्रिक्स है, एक ऐसी सिस्टम जो सर्विस के स्तरों और सालों के आधार पर सैलरी तय करती है। फिटमेंट फैक्टर, जो नए मूल वेतन पर पहुंचने के लिए मौजूदा वेतन को गुणा करता है, को 2.57 (7वें सीपीसी के तहत) से बढ़ाकर 8वें सीपीसी के तहत 2.86 किए जाने की उम्मीद है। कितनी बढ़ सकती है सैलरी उदाहरण के लिए, वेतन लेवल 1 के कर्मचारी, जो वर्तमान में ₹18,000 का मूल वेतन कमा रहे हैं, उन्हें ₹51,480 तक का लाभ हो सकता है। वहीं, लेवल 2 के कर्मचारियों को ₹19,900 से ₹56,914 तक का लाभ हो सकता है। लेवल 3 के कर्मचारियों को ₹21,700 से बढ़कर ₹62,062 मिल सकते हैं। लेवल 6 पर, मूल वेतन ₹35,400 से बढ़कर ₹1 लाख से अधिक हो सकता है, जबकि एंट्री लेवल के IAS और IPS अधिकारियों सहित स्तर 10 के अधिकारियों को ₹56,100 से ₹1.6 लाख तक का लाभ हो सकता है। 8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 8वां वेतन आयोग जल्द लागू हो सकता है। जनवरी 2025 में इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसी उम्मीद है कि ये 2026 या 2027 की शुरुआत में लागू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी आयोग के सदस्य, चेयरमैन और उसकी टर्म्स ऑफ रेफरेंस का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इसकी घोषणा से ही कर्मचारियों में सैलरी को लेकर चर्चा है। 8वें वेतन आयोग में नई सैलरी का कैलकुलेशन फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के जरिये होगी। यहां जानिये अलग-अलग लेवल पर कितनी सैलरी बढ़ेगी। फिटमेंट फैक्टर क्या होता है? फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीपल (multiplier) होता है जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी में गुणा किया जाता है, ताकि नई सैलरी निकाली जा सके। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ। 8वें वेतन आयोग में यह 2.86 होने की उम्मीद है, जिससे बेसिक पे में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। यानी, अगर किसी की बेसिक सैलरी अभी 18,000 रुपये है, तो 2.86 के गुणा से यह बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। हालांकि, नेट सैलरी इससे थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि PF, टैक्स जैसी कटौतियां भी होती हैं। अलग-अलग लेवल पर अनुमानित सैलरी बढ़ोतरी 8वें वेतन आयोग के तहत अलग-अलग लेवल पर कर्मचारियों की अनुमानित सैलरी में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-1 पर काम करने वाले कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जो बढ़कर करीब 51,480 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 33,480 रुपये का अनुमानित इजाफा मिलेगा। लेवल-2 के कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी 19,900 रुपये है, जो बढ़कर लगभग 56,914 रुपये हो सकती है। इस तरह, उनकी सैलरी में 37,014 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-3 में शामिल कर्मचारियों की वर्तमान सैलरी 21,700 रुपये है, जो नए आयोग में बढ़कर 62,062 रुपये हो सकती है। इसका मतलब है कि उन्हें 40,362 रुपये तक का फायदा मिलेगा। लेवल 4 से लेवल-6 – के सब-इंस्पेक्टर या जूनियर इंजीनियर जैसे कर्मचारियों की सैलरी 35,400 रुपये से बढ़कर लगभग 1,01,244 रुपये हो सकती है, यानी 65,844 रुपये की बढ़ोतरी। वहीं लेवल 7 से 10 तक औसत अधिकारियों की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से बढ़कर 1,60,446 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 1,04,346 रुपये का अनुमानित फायदा हो सकता है। इसमें  IAS, IPS जैसे ग्रुप के अधिकारी आते हैं। यह अनुमान फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आधार पर लगाया गया है, और अंतिम फैसला सरकार की सिफारिशों के बाद तय होगा। कौन-कौन कर्मचारी किस लेवल में आते हैं? लेवल 1: चपरासी, अटेंडेंट, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) लेवल 2: लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) लेवल 3: कांस्टेबल, ट्रेड स्टाफ लेवल 4: स्टेनोग्राफर ग्रेड D, जूनियर क्लर्क लेवल 5: सीनियर क्लर्क, तकनीकी सहायक लेवल 6: इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर लेवल 7: अधीक्षक, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट इंजीनियर लेवल 8: सीनियर सेक्शन ऑफिसर, ऑडिट ऑफिसर लेवल 9: डिप्टी एसपी, अकाउंट्स ऑफिसर लेवल 10: IAS, IPS, IFS जैसे ग्रुप-A अधिकारी हालांकि ये सभी आंकड़े फिलहाल अनुमानित हैं, लेकिन सरकार की तरफ से जब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सार्वजनिक होंगी, तो स्थिति पूरी तरह साफ हो पाएगी।