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कनाडा की धरती से अजित डोभाल के नाम धमकी, इंतजार जारी

कनाडा कनाडा में गिरफ्तार हुआ खालिस्तानी आतंकवादी इंदरजीत सिंह गोसाल जेल से बाहर आ चुका है। खबर है कि बाहर आते ही उसने भारत को धमकी दी है। इसके अलावा SFJ यानी सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को चेतावनी दी है। गोसाल और 2 अन्य को 19 सितंबर को हथियारों से जुड़े अपराध में गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, गोसाल जेल से बाहर आ गया है। जेल से बाहर आते ही उसने पन्नू को समर्थन देने की बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार, गोसाल ने वीडियो में कहा, 'भारत, मैं बाहर आ गया हूं। गुरपतवंत सिंह पन्नू को समर्थन देने और 23 नवंबर 2025 को खालिस्तान रेफरेंडम आयोजित करने के लिए। दिल्ली बनेगा खालिस्तान।' रिपोर्ट के मुताबिक पन्नू ने कहा, 'अजित डोभाल, तुम क्यों कनाडा, अमेरिका या किसी यूरोपीय देश में नहीं जाते और गिरफ्तारी या प्रत्यर्पण की कोशिश करते। डोभाल, मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं।' भारतीय सैनिकों को भड़काया हाल ही में NIA यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने अमेरिका में रहने वाले पन्नू के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रध्वज फहराने से रोकने के लिए इनाम की पेशकश करने और 'भारत के खिलाफ सिखों में असंतोष फैलाने' का आरोप शामिल है। FIR के अनुसार, पन्नू ने 10 अगस्त को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में मीट द प्रेस कार्यक्रम के दौरान ईनाम की घोषणा की थी। वॉशिंगटन से एक वीडियो संबोधन में पन्नू ने उन सिख सैनिकों को 11 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी, जो मोदी को दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकेंगे। FIR में यह भी कहा गया है कि इस कार्यक्रम में पन्नू ने एक नए खालिस्तान के मानचित्र का अनावरण किया और कहा कि पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश खालिस्तान में शामिल होंगे। पन्नू ने दावा किया था कि SFJ ने भारत के खिलाफ लड़ने के लिए एक शहीद जत्था बनाया है।  

अजित डोभाल बीच मीटिंग छोड़कर क्यों निकले? SCO समिट में पाकिस्तान ने किया बवाल

नई दिल्ली SCO समिट में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की यात्रा पर हैं। पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। चीन में SCO समिट हो रही है उस समय अजित डोभाल का एक्शन याद आ रहा है जब वो पाकिस्तान की एक हरकत के बाद बैठक छोड़कर बाहर आ गए थे। मामला साल 2020 का है जब कोविड-19 के कारण सभी मीटिंग वर्चुअल हो रही थीं। सितंबर में एससीओ समिट के दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बैठक में शामिल हुए और इस बैठक की अध्यक्षता रूस कर रहा था। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने की ओछी हरकत बैठक के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि डॉ. मोईद यूसुफ ने एक राजनीतिक मानचित्र पेश किया जिसमें भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर और जूनागढ़ पर पाकिस्तान का दावा किया गया था। पाकिस्तान के प्रतिनिधि के ये हरकत एससीओ के नियमों का साफ उल्लंघन था, जो द्विपक्षीय विवादों को बहुपक्षीय मंचों पर लाने की मनाही करते हैं।   भारत ने जताई आपत्ति पाकिस्तान के प्रतिनिधि डॉ. मोईद यूसुफ की इस हरकत पर भारत ने तुरंत आपत्ति जताई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे रूस ने पाकिस्तान से प्रतिनिधि ने मानचित्र हटाने की बार-बार चेतावनियों को नडरअंदाज कर दिया। उसके बाद वो हुआ जो किसी ने नहीं सोचा था। बैठक छोड़कर कर बाहर निकल आए डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बैठक छोड़कर बाहर आ गए। उनका ये कदम एक संदेश था कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल नहीं उठने देगा। इस घटना के बाद रूस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा कि वह पाकिस्तान की भड़काऊ कार्रवाई का समर्थन नहीं करता, और रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पात्रुशेव ने अजित डोभाल के इस कदम की तारीफ की। एक्सपर्ट्स ने भी पाकिस्तान इस कदम को "एससीओ चार्टर का घोर उल्लंघन और एससीओ सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के सभी स्थापित मानदंडों के विरुद्ध" बताया। अजित डोभाल का ट्रैक रिकॉर्ड अजित डोभाल का ट्रैक रिकॉर्ड किसी जासूसी थ्रिलर जैसा है। 1971 और 1978 के बीच 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक मुस्लिम मौलवी बनकर पाकिस्तान में गुप्त रूप से रहे। उन्होंने पाकिस्तान की सैन्य योजनाओं की जानकारी भारत पहुंचाई जिससे भारत को रणनीतिक निर्णय लेने में मदद मिली। घेरलू विद्रोहों को शांत करने में अहम भूमिका भारत में, अजित डोभाल ने घरेलू विद्रोहों के दौरान शांति वार्ता में मदद की, जिसमें मिजो विद्रोही नेताओं के साथ बातचीत भी शामिल थी जिसके परिणामस्वरूप 1986 में मिजो शांति समझौता हुआ। डोभाल 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर का भी हिस्सा थे, जिसमें उन्होंने स्वर्ण मंदिर परिसर में घुसपैठ करके उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा की थी। भारतीय बंधकों की सुरक्षित रिहाई साल 1999 में, उन्होंने कंधार विमान हाईजैक के दौरान बातचीत में मदद की और भारतीय बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की। 2014 में, उन्होंने इराक में आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाई गई 46 भारतीय नर्सों की वापसी में कोर्डिनेट किया। और 2016 में, उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल के पार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की योजना की देखरेख की।  

‘ऑपरेशन सिंदूर में भारत को नुकसान हुआ हो तो दिखाएं सबूत’, NSA डोभाल की दो टूक

नई दिल्ली पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. डोभाल ने आईआईटी मद्रास में अपने संबोधन के दौरान कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेशी मीडिया ने झूठी खबरें फैलाई हैं. मुझे एक तस्वीर दिखाइए, जिसमें भारत को नुकसान पहुंचा हो. भारत को इस दौरान कोई नुकसान नहीं पहुंचा. डोभाल ने कहा कि टेक्नोलॉजी और वॉरफेयर के बीच संबंध हमेशा महत्वपूर्ण होता है. हमें ऑपरेशन सिंदूर पर नाज है. हमें गर्व है कि इस ऑपरेशन के दौरान हमने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया. हमने सीमापार नौ पाकिस्तानी ठिकानों पर हमले का फैसला किया था. इनमें सीमावर्ती इलाके में एक भी ठिकाना नहीं था. हमारे सभी निशाने सटीक रहे. हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया. उन्होंने कहा कि यह पूरा ऑपरेशन 23 मिनट का था. मुझे एक तस्वीर दिखा दीजिए, जिसमें भारत को नुकसान पहुंचा हो. यहां तक कि एक गिलास भी नहीं टूटा. विदेशी मीडिया ने कई चीजें कहीं. उन्होंने कुछ चुनिंदा तस्वीरों को आधार बनाकर पाकिस्तान के 13 एयरबेस को लेकर कई बातें कहीं. लेकिन 10 मई से पहले और इसके बाद पाकिस्तान के 13 एयरबेस की सैटेलाइट तस्वीरें देखें. सब साफ हो जाएगा.  बता दें कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था. इसके तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और Pok में 9 आतंकी ठिकानों को उड़ा दिया था. इससे बौखलाकर पाकिस्तानी सेना ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. चार दिन तक चले सैन्य टकराव के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच 'सीजफायर' हो गया था. भारत के साथ इस सीजफायर के लिए पाकिस्तान ने एक बार नहीं बल्कि दो बार संपर्क किया था. पाकिस्तान ने पहली बार 7 मई की शाम को भारत से सीजफायर के लिए संपर्क किया था. पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की ओर से औपचारिक संदेश सहित भारत से संपर्क साधा गया था. सात मई की सैन्य कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था.  इसके बाद 10 मई को शाम 3.35 मिनट पर DGMO स्तर की वार्ता हुई, जिस दौरान दोनों तरफ से सीजफायर पर सहमति बनी. यह सहमति दोनों देशों के सैन्य संचार माध्यमों के जरिए हुई, जिसका उद्देश्य तनाव को कम करना था.