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छत्तीसगढ़ को आयुष्मान योजना में मिला टॉप स्टेट का खिताब, 97% अस्पताल कर रहे काम

रायपुर  प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) में शानदार प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य' का राष्ट्रीय सम्मान मिला है। यह सम्मान भोपाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के CEO सुनील कुमार बर्नवाल ने राज्य नोडल एजेंसी (SNA) की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला और प्रोजेक्ट डायरेक्टर (ऑपरेशन) धर्मेंद्र गहवाई को दिया। छत्तीसगढ़ में PM-JAY के तहत पंजीकृत 97% अस्पताल सक्रिय हैं, जो देश में सबसे अधिक है। लगातार काम कर रहा राज्य मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में आयुष्मान भारत योजना को एक महत्वपूर्ण एजेंडा के रूप में शामिल किया था और सभी कलेक्टर्स को जिलों में योजना की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। राज्य नोडल एजेंसी ने हाल के महीनों में कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें संदिग्ध दावों की पहचान कर फील्ड ऑडिट करना, क्लेम प्रोसेसिंग के समय को कम करना, सभी हितधारकों को ट्रेनिंग देना, स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट (SAFU) टीम को मजबूत करना और अस्पतालों के साथ लगातार बातचीत करना शामिल है। जनवरी 2025 में NHA की समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ में संदिग्ध दावों की संख्या ज्यादा पाई गई थी, जिस पर राज्य नोडल एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई की। 45 अस्पतालों पर की थी कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जनवरी-फरवरी 2025 के बीच राज्य के 52 अस्पतालों का अचानक निरीक्षण किया। योजना के नियमों का पालन न करने पर 45 अस्पतालों पर कार्रवाई की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इसके अलावा, 32 हजार से ज्यादा मामलों में फील्ड ऑडिट किए गए, जिससे फर्जी दावों को रोका जा सका और दावे निपटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया। मुख्य एजेंडा में शामिल थी योजना स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तिमाही समीक्षा बैठक में PM-JAY को मुख्य एजेंडा बनाया गया। स्टेट नोडल एजेंसी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नेतृत्व में जिलों की मासिक समीक्षा बैठकें भी शुरू की गईं। जिलों को हर दिन की उपलब्धियों के आधार पर फीडबैक और दिशा-निर्देश दिए जाने लगे। अस्पतालों की समस्याओं को दूर करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और निजी अस्पतालों के साथ नियमित बैठकें हो रही हैं। अस्पतालों की समस्या का भी समाधान हाल ही में NHA विशेषज्ञों की मौजूदगी में एक कंसल्टेशन भी हुआ, जिसमें अस्पतालों की समस्याओं का समाधान किया गया, सुझाव लिए गए और उन्हें योजना की नई प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इन प्रयासों से संदिग्ध दावों की संख्या में भारी कमी आई है। जहां पहले हर हफ्ते 2,000 से ज्यादा संदिग्ध दावे आते थे, वहीं अब यह संख्या 500 से कम हो गई है। क्लेम अप्रूवल का समय भी घटकर 7-10 दिन रह गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में PM-JAY के तहत पंजीकृत 97% अस्पताल सक्रिय हैं। यह पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश (62%) और देश के औसत (52%) से काफी ज्यादा है।  

यूपीआईटीएस-2025: ट्रेड शो के हाल नंबर चार के स्टॉल 9 पर साचीज द्वारा प्रदेश की स्वास्थ्य उपलब्धियों और सशक्त स्वास्थ्य संरचना का किया गया प्रदर्शित

उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य के लोग प्रदेश की उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं को अपने प्रदेश में लागू करने के लिए जानकारी लेते नजर आए ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी चर्चा का केंद्र रहीं, जो उत्तर प्रदेश आठ साल पहले बीमारू राज्य के नाम से जाना जाता था, वर्तमान में उसी उत्तर प्रदेश की उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लोग लेते दिखे। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य के लोग जानकारी लेते हुए दिखाई दिये ताकि वह प्रदेश के उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं को अपना यहां भी लागू कर सकें। इस दौरान पूरे देश में सबसे अधिक आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनाने की प्रक्रिया की भी जानकारी ले रहे थे। अब तक 5.38 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए, देश में उत्तर प्रदेश कार्ड बनाने में अव्वल ट्रेड शो के हाल नंबर चार के स्टॉल नंबर 9 पर में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएआई) के तहत उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धियों और सशक्त स्वास्थ्य संरचना का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान साचीज़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य सुधारों और उनके नेतृत्व में राज्य में किए जा रहे क्रांतिकारी प्रयासों को साझा किया।आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में लगभग 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश पूरे देश में इस मामले में प्रथम स्थान पर है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े। उत्तर प्रदेश में अब तक 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में से कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है। अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं और औषधि उद्योग से जुड़े निवेशकों को निवेश के लिए किया आमंत्रित प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को प्राथमिकता दी और राज्य के सभी नागरिकों को इससे जोड़ने के लिए कठोर प्रयास किए। योगी सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है। उनके नेतृत्व में राज्य ने स्वास्थ्य अवसंरचना में वृद्धि की है और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है। मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना को राज्य के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम और अभियान चलाए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर संभव सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया ताकि योजना का पूरा लाभ सुनिश्चित किया जा सके। प्रदर्शनी में साचीज़ के सीईओ अर्चना वर्मा ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे व्यापक बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना ने गरीब और वंचित परिवारों को न केवल मुफ्त इलाज दिया है, बल्कि उनकी ज़िंदगी में भी सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। योजना के तहत बनाए गए आयुष्मान कार्डों ने लाभार्थियों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। साचीज़ के सीईओ ने यह भी रेखांकित किया कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं और औषधि उद्योग से जुड़े निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग एवं साचीज़ द्वारा निवेशकों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। योगी सरकार के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में निवेशकों के लिए पैदा हुए नए अवसर प्रदर्शनी में यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश की चिकित्सा अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण दोहरी सफलता का प्रतीक है। एक ओर जहां गरीबों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ मिल रही हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य क्षेत्र के हितधारकों के लिए विकास और निवेश के नए रास्ते खुल रहे हैं। इस पहल से न केवल राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बढ़ा है, बल्कि निवेशकों के लिए नए अवसर भी पैदा हुए हैं। साचीज़ के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश को देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य बाज़ार के रूप में देखा जा सकता है, जो निवेशकों के लिए एक सशक्त और भरोसेमंद पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराता है। प्रदेश की बढ़ती स्वास्थ्य अवसंरचना ने ना केवल लाभार्थियों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं, बल्कि इसने चिकित्सा क्षेत्र में नए आयामों का भी निर्माण किया है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर, डायरेक्टर डीजीएमआईएस, नोडल अधिकारी साचीज़ डॉ. सचिन वैश्य, अमरेन्द्र सिंह महाप्रबंधक पॉलिसी एवं पब्लिक हेल्थ साचीज़, डॉ. रविकांत सिंह महाप्रबंधक संचालन साचीज़ और डॉ. नितिन गुप्ता टीम लीड टेक्निकल सपोर्ट यूनिट सहित साचीज़ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। निवेशकों की पहली पसंद बन रहा उत्तर प्रदेश प्रदर्शनी में आयुष्मान भारत योजना और योगी सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रयासों से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में हुए बदलाव को प्रदर्शित किया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग को फायदा हुआ है। अब उत्तर प्रदेश न केवल एक सशक्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में अग्रसर है, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है।  

सीएम योगी के निर्देश पर योजना के 7 वर्ष पूरे होने पर पूरे प्रदेश में आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रम

आयुष्मान भारत योजना ने पूरे किए 7 साल, उत्तर प्रदेश बना आयुष्मान कार्ड निर्माण में देश का अग्रणी राज्य  – सीएम योगी के निर्देश पर योजना के 7 वर्ष पूरे होने पर पूरे प्रदेश में आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रम  पूरे देश में सबसे अधिक यूपी में 5.38 करोड़ लोगों को बनाया जा चुका है आयुष्मान कार्ड  – योजना के जरिये गरीब, वंचित और जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध कराया जा रहा निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज  लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंगलवार को पूरे प्रदेश में  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)के सात साल पूरे होने आयुष्मान भारत दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रमाें का आयोजन किया गया। इसके तहत प्रदेश के हर जिले में विशेष रूप से शिविर का आयोजन किया गया है, जहां पर आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने 23 सितंबर 2018 को योजना का शुभारंभ किया गया था। अब यह दुनिया की सबसे बड़ी सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन चुकी है। इस योजना का उद्देश्य गरीब, वंचित और जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, और इसमें उत्तर प्रदेश ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।  पूरे देश में सबसे अधिक यूपी में 5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके सांची की सीईओ अर्चना वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत योजना में अपनी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। राज्य में अब तक कुल 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिससे उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है। राज्य के 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है, जो इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है। सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के बाद, कई महत्वपूर्ण श्रेणियों के लाभार्थियों को योजना में शामिल किया गया है। इनमें कुम्भ वर्कर्स, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लाभार्थी, NFSA डेटा, STPHH, मान्यता प्राप्त पत्रकार, आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और सहायकाएं, निर्माण श्रमिक (BOCW), अंत्योदय कार्ड धारक, अत्यंत पिछड़ी जनजातियाँ (PVTG), और 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। योगी योजना को और अधिक व्यापक बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में घोषणा की है कि अब प्रदेश के शिक्षक भी इस योजना से लाभान्वित होंगे। इस तरह यह योजना अब एक यूनिवर्सल कवरेज की दिशा में आगे बढ़ रही है, और इसका उद्देश्य है कि राज्य का प्रत्येक पात्र लाभार्थी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सके। अब तक 74.40 लाख लाभार्थी योजना का उठा चुके हैं लाभ सीईओ ने बताया कि अब तक प्रदेश में 74.40 लाख लाभार्थियों को योजना के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों में निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है। इस पर कुल 12,283 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उपचार सेवाओं की सहज उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 2921 सरकारी और 3088 निजी अस्पतालों सहित कुल 6099 चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया गया है, जो पूरे देश में सर्वाधिक संख्या है। योजना के तहत तृतीयक उपचार सेवाओं पर अब तक 4200 करोड़ खर्च किए गए हैं, जिसमें कैंसर, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, अंग प्रत्यारोपण, शिशु कैंसर, प्लास्टिक सर्जरी और अन्य विशिष्ट उपचार शामिल हैं। आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने सात वर्षों में यह साबित कर दिया है कि यह योजना न केवल गरीब और वंचित वर्ग को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराती है, बल्कि भारत को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में मजबूत और निर्णायक कदम भी प्रदान करती है। इस योजना का आगे और अधिक परिवारों तक विस्तार होने की पूरी संभावना है, और यह अपने उद्देश्यों को पूर्ण करेगी।