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सरकारी बैंक ने किया बड़ा ऐलान, अब महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी

नई दिल्ली भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अगले पांच सालों में अपनी महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 30% करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक में कुल 2.4 लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें वर्तमान में महिला कर्मचारियों की संख्या कुल कर्मचारियों का लगभग 27% है। फ्रंटलाइन स्टाफ में महिलाएं करीब 33% हैं, लेकिन कुल मिलाकर यह आंकड़ा कम है। बैंक अब इस अंतर को कम करने के लिए विशेष पहल कर रहा है। महिला कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल SBI का उद्देश्य एक ऐसा कार्यस्थल तैयार करना है जहां सभी स्तरों पर महिलाएं आगे बढ़ सकें। इसके लिए बैंक ने कई प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनमें लीडरशिप विकास, वर्क-लाइफ बैलेंस और मातृत्व सहायता शामिल हैं। कामकाजी माताओं को क्रेच भत्ता दिया जाता है, ‘फैमिली कनेक्ट प्रोग्राम’ के तहत सलाह और मार्गदर्शन उपलब्ध है, और मैटरनिटी या लंबी बीमारी की छुट्टी के बाद लौटने वाली महिलाओं को ट्रेनिंग सेशन भी उपलब्ध कराए जाते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पहल बैंक की ‘एम्पावर हर’ पहल महिलाओं को लीडरशिप रोल के लिए तैयार करने और पहचानने पर केंद्रित है। इसमें लीडरशिप लैब और कोचिंग सेशन शामिल हैं, जिससे भविष्य के लिए उच्च स्तरीय महिला अधिकारियों की मजबूत टीम तैयार की जा सके। SBI के पास देशभर में 340 से ज्यादा ऐसी शाखाएं हैं, जहां सिर्फ महिला कर्मचारी ही कार्यरत हैं, और भविष्य में यह संख्या और बढ़ाई जाएगी। सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता और सुरक्षा पर जोर SBI सभी स्तरों पर महिलाओं को शामिल करने के अपने दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध है। बैंक के IT विशेषज्ञ कार्य समूह की मदद से बैंकिंग कार्यों की सुरक्षा, कार्यकुशलता और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाता है। संपत्ति के मामले में SBI दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल है और इसे कई संस्थाओं द्वारा सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता के रूप में मान्यता दी जा चुकी है।  

RBI ने लगाया रोक, इस बैंक के ग्राहकों की बढ़ी टेंशन — खाते से निकासी पर सख्त सीमा

नई दिल्ली भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित द बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। अब यह बैंक न तो नए डिपॉजिट स्वीकार कर सकेगा और न ही नए लोन जारी कर पाएगा। इतना ही नहीं, बैंक अपनी देनदारियों के भुगतान पर भी रोक का सामना करेगा। क्या हैं RBI के ताज़ा निर्देश?     बिना पूर्व अनुमति नया ऋण या जमा स्वीकार नहीं होगा।     बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय देनदारियाँ पूरी नहीं कर पाएगा।     हालिया निरीक्षण में सामने आई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के बाद यह कदम उठाया गया। ग्राहकों के लिए क्या नियम?     बैंक से निकासी सीमा सिर्फ ₹10,000 तय की गई है।     ग्राहकों की जमा राशि का उपयोग उनके बकाया ऋण के समायोजन में किया जा सकता है। बीमा सुरक्षा का क्या होगा? RBI ने साफ किया है कि ग्राहकों की जमा राशि पर DICGC बीमा कवर जारी रहेगा।     हर जमाकर्ता को अधिकतम ₹5 लाख तक बीमा सुरक्षा मिलेगी।     यह सुरक्षा उनके खाते की स्थिति और अधिकार के अनुसार लागू होगी। लाइसेंस रद्द नहीं RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि ये पाबंदियाँ लाइसेंस रद्द करने के बराबर नहीं हैं। बैंक सीमित शर्तों के तहत अपना संचालन जारी रखेगा।

अपेक्स बैंक एवं सहकारी विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी आयोजित

अपेक्स बैंक एवं सहकारी विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में  संगोष्ठी आयोजित सहकारिता क्षेत्र में माईक्रो फायनेंस के प्रयास अत्यन्त  सराहनीय – व्ही.जी.धर्माधिकारी शासन के मार्गदर्शन में सकारात्मक प्रयास हेतु तत्पर अपेक्स बैंक  – मनोज गुप्ता भोपाल  अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष,  2025 के दौरान अपेक्स बैंक एवं सहकारी विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में समन्वय भवन  के सभागार में बैंकिंग क्षेत्र में नये परिवेश में राष्ट्रीयकृत एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के सामने सहकारी बैंकों के लिए उपस्थित चुनौतियों एवं उनके निराकरण की दिशा में उचित प्रबंधन के माध्यम से किस प्रकार अधिक से अधिक लोगों को माईक्रो फाईनेंस करते हुए सहकारी आन्दोलन से जोड़कर अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सूक्ष्म वित्त सुविधा का लाभ प्रदान किया जा सके, इस विषय पर सम्बोधित करते हुये मैनिट की सहायक प्राध्यापक डाॅ.जागृति गुप्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश में विविध संस्कृति एवं बोलचाल क्षेत्रीय आधार पर विद्यमान हैं, अतः उपयुक्त होगा कि सेेल्फ हेल्प ग्रुप (एस.एच.जी) एवं अन्य समूहों के माध्यम से गरीब तबके तक सूक्ष्म वित सहायता की सुविधा आंगनबाड़ियों, एनजीओ एवं अन्य लोकल समूह के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करके प्रदान करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म वित्त (माईक्रो फायनेंस) ने सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान को प्रत्यक्ष रूप से जन्म दिया है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के परिवर्तन को तीव्र व स्थायी रूप से गति भी प्रदान की है ।  सहकारी विचार मंच के अध्यक्ष  मध्यप्रदेश के पूर्व सचिव, सहकारिता श्री व्ही.जी. धर्माधिकारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है और आज के परिदृश्य में उत्तम ढंग से उपलब्ध तकनीक के माध्यम से सूक्ष्म वित्त (माईक्रो फायनेंस) के क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का जो काम किया जा रहा है, वह अत्यन्त सराहनीय है ।  अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री मनोज गुप्ता ने बताया कि मैंने अपेक्स बैंक में विगत लगभग डेढ़ वर्ष के दौरान बेहतर मानव संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए हैं, जिन्हें म.प्र.शासन के सहयोग से पूर्ण करने में मुझे सफलता भी प्राप्त हुई है और अपेक्स बैंक व जिला बैंकों के लिये नवागत अधिकारियों व कर्मचारियों को बैंकिंग व अन्य समस्त प्रकार के प्रशिक्षण के माध्यम से पारंगत करने हेतु भी हम प्रयासरत हैं । उन्होंने आश्वस्त किया कि वर्तमान में उपस्थित चुनौतियों का सुनियोजित ढंग से सामना करने के दिशा में अपेक्स बैंक निरन्तर सकारात्मक प्रयास कर रहा है और हमें पूर्ण विश्वास है कि हम शासन के नीति-निर्देशों का पालन करते हुये इसे धरातल पर उतारने में अवश्य सफल होंगे। संगोष्ठी का संचालन अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कालेज के प्राचार्य श्री पी.एस.तिवारी द्वारा एवं आभार प्रदर्शन अपेक्स बैंक के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक (ऋण/परिचालन/जनसम्पर्क) श्री एस.के.गुप्ता ने किया ।  संगोष्ठी में उप सचिव, सहकारिता श्री मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्य महाप्रबंधक, अपेक्स बैंक श्री के.आर.साहू, पूर्व सलाहकार, अपेक्स बैंक श्री एल.डी.पंडित, अति.मु.कार्य.अधिकारी, जिला बैंक, उज्जैन श्री नीलेश जिंदल, शरण माईक्रो फाईनेंस कंपनी के प्रतिनिधि ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।  संगोष्ठी में सहकारिता विभाग एवं शीर्ष सहकारी संस्थाओं के सेवानिवृत्त व सेवारत अधिकारीगण उपस्थित हुए।                  

बैंक डकैती का मास्टरमाइंड पकड़ा गया! जबलपुर इसाफ बैंक लूट की गुत्थी सुलझी

जबलपुर  खितौला थानान्तर्गत हुई बैंक डकैती के मास्टरमाइंड को पुलिस ने साथी के साथ बिहार से गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड बैंक डकैती के आरोप में दो माह पूर्व ही रायगढ़ जेल से छूटा था। उसने देश के विभिन्न जिलों में एक दर्जन से अधिक बैंक डकैती की वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस ने मास्टरमाइंड के पास से तीन किलो सोना बरामद किया है। बैंक डकैती में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। गया का रहने वाला है आकाश दास जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने बताया कि खितौला स्थित इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक डकैती के मास्टरमाइंड राजेश दास उर्फ आकाश दास को गया, बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के पास से तीन किलो सोना बरामद किया। बाकी का सोना अन्य सदस्यों को बांटना बताया है। यह जगहों पर की है बैंक डकैती वह बैंक डकैती का शातिर मास्टरमाइंड है। उसने साल 2011 से 2025 तक सासाराम, जमुई, पुरुलिया और रायगढ़ सहित अन्य स्थानों पर एक दर्जन से अधिक बैंक डकैती को वारदात को अंजाम दिया है। वह विगत 18 जून को जमानत पर रायगढ़ जेल से रिहा हुआ था। इसके दो माह बाद ही अपने साथियों के साथ खितौला बैंक डकैती को अंजाम दिया। 3 राज्यों की पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा  मामले में जबलपुर पुलिस आरोपी रईस लोधी को पहले ही पकड़ चुकी है। इसी की निशानदेही पर राजेश दास की तलाश की जा रही थी। इसके लिए बिहार-झारखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस को अलर्ट किया गया था। बिहार पुलिस को दो दिन पहले पता चला कि आरोपी गया में है। उसकी निगरानी करते हुए जबलपुर पुलिस को सूचना दी गई। वहां पहुंचने के बाद जबलपुर, झारखंड और बिहार पुलिस ने दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया। जबलपुर पुलिस दोनों आरोपियों को गया से लेकर सोमवार सुबह 11 बजे जबलपुर पहुंची। इन आरोपियों से अब बाकी के 11 किलो 800 ग्राम गोल्ड और 5 लाख रुपए कैश के बारे में पूछताछ की जा रही है। बिहार पुलिस की मदद से गिरफ्तार जबलपुर एसपी ने बताया कि गैंग के सहयोगी इंद्रजीत दास उर्फ सागर दास को बिहार पुलिस की मदद से अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की थी। उसी से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि उसके रुकने के लिए डोभी में व्यवस्था की गई है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर दबिश देकर मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया। गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और उन्हें शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 11 अगस्त को हुई थी लूट गौरतलब है कि खितौला थानान्तर्गत स्थित इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक की शाखा में सोमवार 11 अगस्त की सुबह 8.50 बजे हेलमेट पहनकर पहुंचे तीन युवकों ने लूट की घटना को अंजाम दिया था। लॉकर में रखे लगभग 15 किलो सोना और 5 लाख रुपए लेकर फरार हो गए थे। घटना के समय फाइनेंस बैंक में सिर्फ चार कर्मचारी ही मौजूद थे। आरोपी युवकों ने 20 मिनट में वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने जांच के बाद बैंक डकैती में शामिल तीन स्थानीय और एक दमोह निवासी युवक को गिरफ्तार किया था। जेल में हुई थी प्लानिंग दरअसल, पाटन निवासी रईस मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में छत्तीसगढ रायगढ़ जेल में बंद था। इस दौरान उसकी दोस्ती डकैती के आरोप में जेल में बंद बिहार गैंग से हुई थी। जेल में ही रईस और बिहार गैंग के सदस्यों ने बैंक डकैती की योजना तैयार की थी। दोस्त के नाम पर बाइक फायनेंस करवाई रईस ने अपने साथी हेमराज के नाम पर नई मोटरसाइकिल फाइनेंस करवाई थी। जिनका उपयोग घटना में किया गया। बैंक डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद बिहार गैंग के पांचों आरोपी इंद्राना स्थित मकान में पहुंचे थे। रईस और हेमराज ने उन्हें सुरक्षित दमोह तक पहुंचाया था। दमोह में रईस के साथी विकास चक्रवर्ती ने उनके खाने की व्यवस्था ढाबे में करवाई और कोलकाता एक्सप्रेस से झारखंड जाने के लिए ट्रेन टिकट की व्यवस्था की। राजेश अंतरराज्यीय 'दास गैंग' का सरगना  राजेश अंतरराज्यीय 'दास गैंग' का सरगना है। उसकी गिरफ्तारी के बाद भी लूटा गया पूरा सोना बरामद नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि कुछ साथी बाकी सोना लेकर फरार हो गए हैं। वारदात के बाद से ही जबलपुर क्राइम ब्रांच और जिला बल की कई टीमें आरोपियों के पीछे लगी थीं। आईजी प्रमोद वर्मा ने गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। इंद्रजीत ने बताया राजेश दास का ठिकाना एमपी पुलिस को सफलता उस समय मिली जब बिहार और झारखंड की पुलिस ने दास गिरोह के सदस्य इंद्रजीत दास को गया जिले के गुरुवा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पूछताछ में इंद्रजीत ने बताया कि गिरोह का सरगना राजेश रवि दास है और वह गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र में छिपा है। एमपी पुलिस ने बिहार और झारखंड पुलिस के साथ मिलकर गया में घेराबंदी की और मुख्य सरगना राजेश दास को पकड़ा। पूछताछ में उसने जबलपुर में डकैती करना स्वीकार किया। आपस में बांटा सोना-पैसा, खेत में छिपाया  आरोपी ने बताया कि लूटे गए रुपए और गोल्ड आपस में बांट लिए थे। राजेश को 3 किलो सोना और 50 हजार कैश मिले थे। जबकि लूट का बाकी सामान अन्य सदस्यों ने बांट लिए। आरोपी ने एक खेत में जेवर छिपाए थे, जिसे जब्त कर लिया गया है। बिहार का हार्डकोर डकैत, 12 शहरों में केस आरोपी राजेश दास मूल रूप से गया का रहने वाला है। वह बिहार का हार्डकोर डकैत है। उस पर 2011 से 2025 के बीच सासाराम, गया, जमुई, पुरुलिया और रायगढ़ (छत्तीसगढ़) सहित 12 शहरों में बैंक डकैती और डकैती के मामले दर्ज हैं। वह डकैती के मामले में रायगढ़ जेल में बंद था और 18 जून को ही छूटा था। इसी जेल में चोरी के आरोप में बंद रहे जबलपुर के रईस लोधी से उसकी मुलाकात हुई थी और वहीं खितौला बैंक डकैती की योजना बनी थी। हथियारबंद बदमाशों ने की थी बैंक में वारदात  11 अगस्त की सुबह करीब 9 बजे हथियारबंद डकैत हेलमेट पहनकर बैंक में घुसे थे और कट्‌टा दिखाकर धमकाते हुए 15 मिनट में 14 किलो 800 ग्राम सोना, 5 लाख 70 हजार रुपए नकद लेकर भाग गए थे। मामले में पाटन उडना … Read more

मध्यप्रदेश के 40 हजार बैंककर्मी आज हड़ताल पर, 8500 शाखाओं में काम ठप

भोपाल  बुधवार को मध्य प्रदेश में 40 हजार बैंककर्मी ने हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल अपनी 17 विभिन्न सूत्रीय मांगों के समर्थन को लेकर हो रही हैं। वहीं इससे राज्य की करीब साढ़े आठ हजार ब्रांच के कामों पर असर पड़ेगा। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्रीय श्रमिकों की मांगों को समर्थन करते हुए बैंकिंग उद्योग और बैंक कर्मियों ने अखिल भारतीय बैंक बंद करने का आह्वान किया है।  हड़ताल जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ भी हो रही है। मीडिया खबरों के मुताबिक, जिन मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर आए हैं। उनमें केंद्रीय श्रमिक संगठनों की निराकरण की मांग, बैंकिंग सेक्टर और एलआईसी में निजीकरण सहित विनिवेश के रोकने। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियां बैंकों को मजबूत करने। बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई बढ़ोतरी रोकी जाए। पर्याप्त भर्ती निकालने के संबंध में, एनपीएस को रोकने एवं ओपीएस को बहाल समेत कई अन्य मांगे भी हैं। इसको लेकर ट्रेड यूनियन संयुक मोर्चा के प्रवक्ता वीके शर्मा ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियन ने केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी 17 सूत्रीय मांगे के समाधान के लिए राष्ट्रीयव्यापी हड़ताल करेंगे। एक तरफ जहां बिहार में विपक्षी पार्टियों ने आज भारत बंद बुलाया है। वहीं दूसरी तरफ देशभर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के करीब 25 करोड़ कर्मचारी और मजदूरों संगठन संगठनो जे जुड़े लोग हड़ताल पर रहेंगे। इसी बीच मध्यप्रदेश में बुधवार को 40 हजार बैंककर्मी अपनी मांगों लेकर सड़क पर उतरे हैं। एमपी में बैंक कर्मी अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की है। जिसकी वजह से प्रदेश की करीब साढ़े 8 हजार शाखाओं का कामकाज प्रभावित रहेगा। एमपी में इन मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे बैंककर्मी     बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई बढ़ोतरी रोका जाना चाहिए।     केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांगों का जल्द निराकरण किया जाए।     सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों को मजबूत करें।     बैंकों और एलआईसी में निजीकरण और विनिवेश रोके।     सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों को एक इकाई के रूप में विलय करें।     पर्याप्त भर्तियां सुनिश्चित करें।     आउटसोर्सिंग और अनुबंध नौकरियों को रोक लगाएं।     एनपीएस को खत्म करें, ओपीएस को बहाल करें जल्द।     कॉर्पोरेट्स से खराब ऋण वसूलने के लिए कड़े कदम उठाएं जाएं।     प्रतिगामी श्रम संहिताओं को लागू न करें।      ट्रेड यूनियन अधिकारों का उल्लंघन न करें।      बैंक कर्मियों की लंबित मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए।     आम ग्राहकों के लिए बैंकों में सेवा शुल्क कम करें।     जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लें। एमपी में कौन-कौन से विभाग कर रहे हड़ताल बता दें कि इस हड़ताल से प्रदेश की करीब 8 हजार बैंक शाखाओं का कामकाज प्रभावित रहेगा। स्ट्राइक करने वाले संगठनों में ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांगों का समर्थन करते हुए बैंकिंग उद्योग एवं बैंककर्मियों की मांगों को लेकर अखिल भारतीय बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। यानि जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ और बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थानों की तरफ से यह हड़ताल की जा रही है। भोपाल में कौन-कौन से बैंक रहेंगे बंद? वहीं अगर बात राजधानी यानि भोपाल शहर की बात की जाए तो यहां निजी, विदेशी, सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 40 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से भोपाल की 400 बैंक शाखाओं के काम पर असर रहेगा। यानि भोपाल में भी हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। भोपाल में 400 शाखाएं, 5 हजार बैंककर्मी राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 40 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इससे बैंकों का कामकाज ठप रहेगा। भोपाल में भी हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। यहां विभिन्न बैंकों की 400 शाखाएं हैं। जहां 5 हजार अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता वीके शर्मा ने बताया- केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियंस ने केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ, अपनी 17 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए यह राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। 

9 जुलाई को बैंक कर्मचारी करेंगे हड़ताल, बीमाकर्मी भी शामिल होंगे

कोलकाता  ट्रेड यूनियनों का कहना है कि देशभर में मजदूरों के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां भी ठीक नहीं है। इनके खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आगामी नौ जुलाई को आम हड़ताल का आह्वान किया है। इसके समर्थन में मजदूर संगठनों, किसान संगठनों और महागठबंधन के घटक दल भी सामने आ रहे हैं। अब बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने भी कहा है कि वे इस हड़ताल में शामिल होंगे। यदि ऐसा हुआ तो आगामी बुधवार को आपको बैंकिंग सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। कहां से आई जानकारी बंगाल प्रोविंशियल बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (Bengal Provincial Bank Employees Association), जो AIBEA से जुड़ा है, ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि AIBEA, AIBOA और BEFI जैसे बैंकिंग सेक्टर के ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को आम हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। बीमा क्षेत्र में भी हड़ताल? एसोसिएशन ने एक बयान में यह भी कहा कि बीमा क्षेत्र (insurance sector) ने भी हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है। संगठन के अनुसार, बैंकिंग और अन्य वित्तीय क्षेत्रों में हड़ताल पूरी तरह से सफल रहेगी। हड़ताल पर 15 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी बैंक कर्मचारियों के यूनियन ने दावा किया है कि इस हड़ताल में 15 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी भाग लेंगे। वे सरकार की "प्रो-कॉर्पोरेट आर्थिक सुधारों और एंटी-लेबर नीतियों" का विरोध करेंगे। इसका मतलब है कि कर्मचारी सरकार की उन नीतियों से नाराज़ हैं जो कंपनियों को फायदा पहुंचाती हैं और श्रमिकों के खिलाफ हैं। कर्मचारी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।