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छांगुर पर विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण का आरोप, ATS ने खोले बड़े राज

लखनऊ  एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के मामले में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर, उसकी करीबी नीतू समेत छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। इसमें लिखा है कि छांगुर लखनऊ से मुम्बई तक अवैध धर्मांतरण करा रहा था। विदेशी फंडिंग के जरिए नीतू उर्फ परवीन और उसके पति नवीन रोहरा के खातों में करोड़ों रुपये जमा हुए। चार्जशीट में बलरामपुर की कोर्ट में कार्यरत राजेश उपाध्याय का नाम भी शामिल है। एसटीएफ ने पिछले साल छांगुर की करतूतों की जांच कर साक्ष्य जुटाए थे। इसके बाद छांगुर, बेटे महबूब, नवीन रोहरा, नवीन की पत्नी नीतू उर्फ परवीन, सबरोज, सहाबुद्दीन समेत कई को नामजद कराया था। यह एफआईआर एटीएस ने की थी। छांगुर की गिरफ्तारी के बाद एक-एक कर कई बड़े खुलासे हुए थे। ईडी ने भी छांगुर, नीतू और नवीन की कई सम्पत्तियां चिन्हित कर जब्त कर ली थी। एटीएस ने विवेचना में कई साक्ष्य जुटाए। इसके बाद छांगुर, नवीन, नीतू, सबरोज, महबूब, सहाबुद्दीन और राजेश उपाध्याय के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कई अन्य के खिलाफ भी जल्दी चार्जशीट दाखिल होगी। तीन और आरोपियों की तलाश जारी है। धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर का साम्राज्य कितना बड़ा? धर्मांतरण के खुलासे के बाद देश भर में चर्चा का विषय बने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के गिरोह ने 300 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति बनाई। धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर बाबा का साम्राज्य कितना बड़ा है? यह पता लगाने में जुटी पुलिस और प्रशासन को बाकायदा दस्तावेज मिले हैं। छांगुर गिरोह के साथ तीन हजार से अधिक लोग जुड़े होने के साक्ष्य मिले है पर इसमें करीब 400 लोग ऐसे है जो मुख्य रूप से इस गिरोह के लिए ही पिछले कई सालों से काम करते रहे। पाकिस्तान, दुबई, कनाडा, नेपाल और सऊदी अरब से छांगुर को फंडिंग की जाती रही। पांच जुलाई से 31 जुलाई के बीच एटीएस, ईडी और बलरामपुर पुलिस की जांच रिपोर्ट में ऐसे ही कई तथ्य साक्ष्यों के साथ सामने आए है। छांगुर के धर्मांतरण गिरोह को लेकर शासन बेहद गम्भीर रहा। वह रोजाना जांच एजेन्सियों से प्रगति रिपोर्ट लेता रहा। शासन ने बलरामपुर पुलिस व प्रशासन के साथ ही एटीएस व एसटीएफ को भी जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा था।

जाकिर नाईक बना अवैध धर्मांतरण का ‘आका’, जांच में SIMI और PFI की भूमिका भी उजाग

लखनऊ.  उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा होने के बाद अब भगोड़े कट्टरपंथी इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक और उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले में विदेशी फंडिंग के अहम सुराग मिले हैं, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), तुर्की, दुबई, कनाडा, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK) और अन्य इस्लामिक देशों से धनराशि आने की बात सामने आई है. जांच में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे प्रतिबंधित संगठनों की भूमिका भी सामने आ रही है. जांच एजेंसियों के अनुसार, बलरामपुर जिले में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के नेतृत्व में एक संगठित गिरोह अवैध धर्मांतरण का जाल चला रहा था. छांगुर बाबा को उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS ने हाल ही में गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि इस नेटवर्क का उद्देश्य भारत-नेपाल सीमा के जिलों, विशेष रूप से बलरामपुर, को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराना था. इस रैकेट में महिलाओं और नाबालिगों को विशेष रूप से टारगेट किया गया, जिन्हें बहला-फुसलाकर या जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था. जाकिर नाईक और विदेशी फंडिंग का कनेक्शन प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस अवैध धर्मांतरण रैकेट को विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त हो रही थी, जिसमें जाकिर नाईक और उनकी संस्था IRF की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. सूत्रों के अनुसार, UAE, तुर्की, कनाडा, अमेरिका, UK और अन्य इस्लामिक देशों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग का मनी ट्रेल सामने आया है. ED ने छांगुर बाबा के पांच विदेशी बैंक खातों की पहचान की है, जो UAE में हैं, और इन खातों में संदिग्ध लेनदेन की जांच की जा रही है. इसके अलावा, आयकर विभाग ने फरवरी 2025 में अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में अवैध धर्मांतरण, मस्जिदों, मदरसों और मजारों के निर्माण के लिए विदेशी फंडिंग की आशंका जताई थी, जिसे गृह मंत्रालय को भी भेजा गया था. 2016 से फरार है जाकिर नाईक जाकिर नाईक, जो 2016 में भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपों के बाद मलेशिया फरार हो गया था, लंबे समय से अवैध धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल है. उनकी संस्था IRF और पेस टीवी पर भारत, बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और UK में प्रतिबंध लगा हुआ है. ED की जांच में यह भी सामने आया है कि नाईक ने अपनी संस्था के जरिए 2003 से 2017 के बीच UAE, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और ओमान जैसे देशों से 64 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध फंडिंग प्राप्त की थी, जिसका उपयोग भारत में संपत्तियां खरीदने और कट्टरपंथी सामग्री प्रसारित करने में किया गया. सिमी और पीएफआई की भूमिका जांच में प्रतिबंधित संगठन सिमी और PFI की भूमिका भी सामने आई है. सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा का नेटवर्क इन संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा था. PFI के कुछ नेताओं, जो पहले सिमी से जुड़े थे, ने मध्य पूर्व के देशों से फंडिंग जुटाने और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ED ने PFI के नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में केरल और UAE में रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों के जरिए धन शोधन के सबूत भी पाए हैं. गृह मंत्रालय और केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई आयकर विभाग की रिपोर्ट में भारत-नेपाल सीमा के जिलों में अवैध धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए विदेशी फंडिंग का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट के आधार पर ED और अन्य केंद्रीय एजेंसियां अब इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही हैं. बलरामपुर में छांगुर बाबा के ठिकानों पर ED ने हाल ही में 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें मुंबई के बांद्रा और माहिम में भी कार्रवाई की गई. जांच में 2 करोड़ रुपये के एक संदिग्ध लेनदेन का पता चला, जो छांगुर के सहयोगी शहजाद शेख के खाते में ट्रांसफर किया गया था.

लेटरहेड पर पीएम की तस्वीर, संगठन का नाम… छांगुर बाबा ने जनता को ऐसे किया गुमराह

लखनऊ  धर्मांतरण रैकेट के मामले में यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर खुद को भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ नामक संस्था का अवध प्रांत महासचिव बताता था. इस संस्था को ईदुल इस्लाम नाम का शख्स नागपुर से चला रहा था, जिसे भी एफआईआर में नामजद आरोपी बनाया गया है. छांगुर को बनाया अवध प्रांत का महासचिव   ईदुल इस्लाम ने संस्था के फर्जी लेटर पैड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगा रखी थी. संस्था का मुख्यालय नागपुर दिखाकर दावा किया जाता था कि इसका संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से है. जांच में पता चला कि ईदुल इस्लाम ने छांगुर को बाकायदा अवध प्रांत का महासचिव नियुक्त किया था.  छांगुर बाबा ने खुद को "भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ" नामक संस्था का अवध प्रांत महासचिव बताया। यह संस्था ईदुल इस्लाम नामक एक दूसरे आरोपी द्वारा चलाई जा रही थी। इतना ही नहीं, इस्लाम ने नागपुर में भी एक फर्जी सेंटर खोलकर संस्था को वैध दिखाने की कोशिश की। आपको बता दें कि नागपुर में ही आरएसएस का हेडक्वार्टर है। अधिकारियों से मिलने के दौरान छांगुर बाबा और इस्लाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले लेटरहेड का इस्तेमाल करते थे। साथ ही दोनों RSS के वरिष्ठ पदाधिकारियों का नाम लेकर खुद को प्रभावशाली और मान्यता प्राप्त संगठन का हिस्सा बताते थे। मुस्लिम देशों से फंडिंग ATS की FIR के अनुसार, छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग के जरिए आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना बनाई थी। उसे पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली होने का संदेह है। जांच में सामने आया है कि 22 बैंक खातों के जरिए 60 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया गया। ईडी ने किए कई खुलासे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यूपी और महाराष्ट्र में छांगुर बाबा के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर बनाई गई हैं। मुंबई में ‘रनवाल ग्रीन्स’ नाम की एक बहुमूल्य संपत्ति संदिग्ध सौदे के जरिए खरीदी गई। छांगुर बाबा का एक कनेक्शन पनामा स्थित कंपनी ‘Logos Marine’ से भी मिला है, जिससे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की पुष्टि होती है। फिलहाल छांगुर बाबा हिरासत में है और उसकी भूमिका की जांच एटीएस, एसटीएफ और ईडी द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। मामले में धार्मिक भावना को आहत करने, आतंकी गतिविधियों की साजिश, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों की धाराएं लगाई गई हैं। खुद को बताते थे RSS का करीबी   वे दोनों अफसरों और स्थानीय नेताओं के साथ मुलाकातों व बातचीत में खुद को आरएसएस के बड़े नेताओं का करीबी बताते थे. यही नहीं, एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि ईदुल इस्लाम ने स्थानीय प्रशासन से साठगांठ कर ग्राम समाज और तालाब की जमीनें फर्जी तरीके से खरीदवाने में भी मदद की.  वह अफसरों को जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को आरएसएस के नागपुर सेंटर से जुड़ी संस्था का पदाधिकारी बताता था. धर्मांतरण केस की तफ्तीश के दौरान एटीएस थाने में दर्ज एफआईआर में ईदुल इस्लाम को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.

फतवे के घेरे में छांगुर बाबा, मौलाना रजवी ने की बहिष्कार की अपील

बरेली धर्मांतरण के धंधेबाज बलरामपुर के जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उस जैसे अन्य लोगों के खिलाफ बरेलवी मसलक से जुड़े उलेमा ने फतवा जारी किया है। आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समाज के लोगों द्वारा पूछे गए सवालों पर जुबानी फतवा जारी किया है। इसमें छांगुर बाबा जैसे लोगों का बहिष्कार करने की अपील की गई है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि छांगुर बाबा का प्रकरण पिछले दिनों से चर्चा में है। छांगुर बाबा ने लालच देकर के धर्मांतरण कराया और संयोजित तरीके से दूसरे धर्म की लड़कियों की दूसरे मजहब के लड़कों के साथ शादी कराता था। साथ ही अपने घर में अपने लिए एक कब्र बनवा रखी थी। उसके पास नोजवानों की एक फौज थी, उसके माध्यम से छांगुर बाबा लोगों पर दबाव बनाता था। इन तमाम बातों पर कई लोगों ने इस्लाम के नजरिए को समझने के लिए फतवा चाहा और प्रशन पूछें है। मौलाना ने बताया है कि इस्लामी दृष्टिकोण से और छांगुर बाबा के सम्बंध में जो चीजें सामने आई है उसके पेशे नजर जुबानी फतवा दिया है। जिसमें कहा है कि इस्लाम धर्म के हिसाब से किसी व्यक्ति के ऊपर इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता। पैगम्बरे इस्लाम की पूरी जीवनी पढ़ डालिए उन्होंने कभी भी किसी गैर मुस्लिम को लालच नहीं दिया। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी किसी गैर मुस्लिम पर इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दबाव नहीं डाला। उनकी जीवनी पर लिखी गई हजारों किताबों में एक वक्या भी इस तरह का नहीं मिलेगा। वो मुस्लिमों और गैर मुस्लिमों दोनों के साथ अच्छा व्यवहार और अच्छा सलूक करते थे, वो सभी के मुश्किल समय में सहयोग के लिए खड़े हो जाते थे। धर्म का प्रचार प्रसार करना ठीक, धर्मांतरण कराना गलत मौलाना ने कहा कि धर्म के प्रचार-प्रसार की हर शख्स को इजाजत हासिल है। इस्लाम का प्रचारक अपने धर्म के प्रचार के किसी गैर धर्म के लोगों के सामने इस्लाम की खुबिया बयान तो कर सकता है, लेकिन उसे इस बात की बिल्कुल इजाजत नहीं है कि वो पहले से अपने धर्म पर अमल कर रहे उनका धर्मांतरण कराया जाए। मौलाना ने आगे कहा कि इस्लाम जब्र, दबाव, लालच का धर्म नहीं है बल्कि प्यार और मोहब्बत वाला धर्म है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने जो कुछ भी किया वो गैर कानूनी तो है ही साथ ही उन्होंने इस्लाम के वसूलों के खिलाफ भी काम किया। उनके द्वारा इस्लाम की छवि को धूमिल किया गया, बहुत सारे समाज के लोग मुसीबतों का शिकार हुए। इसलिए वो इस्लाम की नजर में मुजरिम है और गुनहगार है। मुस्लिम समाज ऐसे लोगों का बहिष्कार करें।

18 टीमों की छानबीन, 14 ठिकानों पर छापे: छांगुर बाबा के ठिकानों से करोड़ों की बरामदगी

बलरामपुर लखनऊ और बलरामपुर समेत कई जिलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला नेटवर्क से जुड़े मामलों में बड़ा एक्शन लिया है. छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए ईडी की 18 टीमों ने एक साथ 14 ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई सुबह 6 बजे एक साथ शुरू की गई, ताकि किसी को भागने का मौका न मिले. बलरामपुर, उतरौला, लखनऊ, पुणे समेत अन्य स्थानों पर चली इस कार्रवाई में कई चौंकाने वाले सुराग हाथ लगे हैं. बलरामपुर में कार्रवाई लगभग 13 घंटे तक चली, 100 करोड़ की संपत्तियों की जांच हुई. यहां जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़े लोगों के घरों पर भी दबिश, लेनदेन का ब्योरा जुटाया गया. वहीं लखनऊ के चिनहट में बलरामपुर CGM कार्यालय के बाबू राजेश उपाध्याय के घर भी छापा मारा गया. बलरामपुर के उतरौला में एटीएस ने जहां जांच की थी, उन जगहों को भी ईडी ने खंगाला. कार्रवाई में सोना, नकदी, लग्जरी गाड़ियां और संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए.  इसके अलावा दुबई, यूएई और नेपाल से फंडिंग के सुराग भी मिले हैं. ईडी ने नीतू और नवीन की संपत्तियों की भी जांच की है. उतरौला में सुबह 6 बजे से छापेमारी की गई. यहां एक कॉम्प्लेक्स जो नीतू के नाम था, उसमें भी छानबीन की गई. दुकान में रखे सामान, रजिस्टर और अन्य अभिलेखों की गहराई से जांच हुई है. मधपुर स्थित छांगुर के मकान में पुलिस ने कमरों के ताले खुलवाए और अंदर की बारीकी से जांच की गई. प्रशासन द्वारा ढहाई गई कोठी की भी जानकारी ली गई है. पूर्व प्रधान जुम्मन सहित कई लोगों से पूछताछ हुई, जिन्होंने छांगुर से पैसे लिए या जमीन के सौदों में शामिल रहे. बेनामी और नामी संपत्तियों की भी गहन जांच की जा रही है. अधिकारियों ने जब पूछताछ की तो इस दौरान कई लोगों की जुबान लड़खड़ाई, माथे पर चिंता की लकीरें दिखीं. ईडी ने किसी को बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं दी. रेहरामाफी गांव और रफीनगर जैसे स्थानों पर भी छापेमारी की गई और लोगों से पूछताछ हुई. छापामारी सुबह 6 बजे की गई, ताकि कोई भाग न सके. एसटीएफ की टीम ने उतरौला में सबरोज नाम के युवक से पूछताछ की, कोई संबंध नहीं मिलने पर छोड़ दिया गया. छांगुर के भतीजे सोहराब और उसके सहयोगी रशीद की तलाश में ATS जुटी है. इसके अलावा पुणे के लोनावला में 16 करोड़ की संपत्ति की जांच की जा रही है, जिसमें छांगुर बाबा, नवीन रोहरा और मोहम्मद अहमद के नाम शामिल हैं. संगीता देवी का नाम भी इस संपत्ति से जोड़ा जा रहा है. ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत जुटाने में लगी है.

छांगुर बाबा का मेरठ कनेक्शन एयर होस्टेस बनने का था सपना, मॉडलिंग का दिया झांसा

उत्तर प्रदेश ATS ने छांगुर और नसरीन पर ले सकती है बड़ा फैसला, कई राज खुलने बाकी मास्टरमाइंड छांगुर बाबा का भतीजा सोहराब गिरफ्तार, आजमगढ़ में बड़ी कार्रवाई छांगुर बाबा का मेरठ कनेक्शन एयर होस्टेस बनने का था सपना, मॉडलिंग का दिया झांसा मेरठ उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट से जुड़े हाई-प्रोफाइल केस में जांच एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है. मामले की तह तक पहुंचने के लिए यूपी एटीएस अब मुख्य आरोपी छांगुर बाबा और उसकी साथी नसरीन का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी में है. सूत्रों के अनुसार, दोनों से हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. लेकिन कुछ अहम सवालों के जवाब अब तक अधूरे हैं, जिनकी गुत्थी सुलझाने के लिए यह टेस्ट जरूरी माना जा रहा है. एटीएस सूत्रों का कहना है कि छांगुर, नसरीन और उनके सहयोगी नवीन रोहरा ने पूछताछ में कई राज खोले हैं, लेकिन कई जानकारियां या तो अधूरी हैं या जानबूझकर भ्रम फैलाने वाली. ऐसे में एजेंसियों को शक है कि ये आरोपी सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रहे हैं. अब तक चार गिरफ्तार यूपी धर्मांतरण के मामले में एटीएस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है , जिसमें 5 जुलाई को छांगुर और उसकी कारखास नीतू को गिरफ्तार किया था. उसके बाद उनकी रिमांड मांगी गई थी. कोर्ट ने Ats को नीतू और छांगुर की 7 दिनों की PCR दी थी, जिसमें ये दोनों 10 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक ATS के पास थे. इस दौरान Ats ने इनसे तमाम अलग-अलग तरीके से पूछताछ भी है. इस पूछताछ में नीतू और छांगुर के बताए गए तथ्यों के अलावा नीतू के पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन के बताए तथ्यों को भी खंगाला गया है जिसमें कई पहलू सामने है. तो वहीं कुछ पहलू भ्रमित करने वाले हैं , जिस कारण अब एटीएस उनका नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट करने की लिए सोच रही है. दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ने छांगुर के कई देशी और विदेशी खातों की जांच भी शुरू कर दी है. ईडी ने इस मामले में छापेमारी भी की है. मास्टरमाइंड छांगुर बाबा का भतीजा सोहराब गिरफ्तार, आजमगढ़ में बड़ी कार्रवाई उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से छांगुर बाबा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई। अवैध धर्मांतरण गिरोह के मास्टर माइंड छांगुर बाबा के भतीजे सोहराब को आजमगढ़ से गिरफ्तार कियाहै। ये कार्रवाई बुधवार देर रात यूपी एसटीेफ ने उतरौला से की है। सोहराब पर आजमगढ़ में धर्मांतरण कराने का आरोप लगा है। बता दें कि इससे पहले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को यूपी एटीएस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में मामले में अब तक 5 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं छांगुर बाबा का मेरठ कनेक्शन एयर होस्टेस बनने का था सपना, मॉडलिंग का दिया झांसा दिल्ली और वेस्ट यूपी में धर्मांतरण कराने वाले छांगुर बाबा और उसके करीबी बदर अख्तर सिद्दीकी के नेटवर्क की पोल अब खुलती जा रही है। इस गैंग का मेरठ से भी पुराना कनेक्शन सामने आया है। मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के भूनी गांव की रहने वाली प्रिया त्यागी वर्ष 2019 में इसी गिरोह का शिकार बनी थी। वह दिल्ली में एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी, तभी इस्लामाबाद, लिसाड़ीगेट मेरठ निवासी बदर अख्तर सिद्दीकी के संपर्क में आई। बदर ने उसे मॉडलिंग और बेहतर जीवनशैली का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया। कुछ ही समय बाद प्रिया लापता हो गई, जिसके बाद परिजनों ने सरूरपुर थाने में अपहरण की धारा में रिपोर्ट (मुकदमा संख्या 223/2019) दर्ज कराई। हालांकि, प्रिया बालिग थी, इसलिए कोर्ट ने उसे अपनी मर्जी से कहीं भी रहने की छूट दी। लेकिन 18 अक्टूबर 2019 को जब वह वापस घर लौटी, तो परिजनों और पुलिस को चौंका देने वाले खुलासे किए। प्रिया ने बताई बदर की हैवानियत प्रिया ने बताया कि बदर ने उसे जबरन नशे की लत लगवाई, कई बार सिगरेट से जलाया, भूखा रखा और धर्मांतरण का लगातार दबाव बनाया। यह वही तरीका था, जिसे अब छांगुर बाबा और बदर पर लगे ताजा आरोपों में दोहराया जा रहा है। उस समय भी प्रिया के पिता दर्शन त्यागी ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी नोएडा की गौर सिटी में पढ़ाई कर रही थी, तभी बदर ने उसे निशाना बनाया। कई लड़कियों के गायब होने का आरोप प्रिया की वापसी के बाद, उसके परिजनों ने बदर अख्तर के खिलाफ कई अन्य युवतियों को गायब करने के भी आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया था कि असिया नाज पुत्री कमर हुसैन निवासी चुड़ीवालान, दिल्ली भी बदर के संपर्क में आने के बाद लापता हो गई थी। पुलिस उसे आज तक तलाश नहीं सकी। इसके अलावा एक आशा नाम की लड़की भी लापता बताई गई थी, जिसका कोई सुराग नहीं मिला। वहीं अंतरा शर्मा नाम की युवती ने बदर से शादी की थी, लेकिन 2019 में कोर्ट से तलाक हो गया था। इन सभी मामलों में पुलिस की जांच उस वक्त निष्क्रिय रही, जिससे धर्मांतरण गैंग का पर्दाफाश छह साल पहले ही हो सकता था। ड्रग्स और ब्रेनवॉश का नेटवर्क छांगुर बाबा और बदर के नेटवर्क को लेकर अब जो खुलासे हो रहे हैं, वो साल 2019 की प्रिया कांड से मेल खाते हैं। युवतियों को पहले नशा देकर मानसिक रूप से कमजोर किया जाता था और फिर ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था। प्रिया और उसके पिता पहले ही इन तरीकों की जानकारी पुलिस को दे चुके थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब जब छांगुर और बदर के खिलाफ कई राज्यों में शिकंजा कस रहा है, तो मेरठ की यह पुरानी घटना इस नेटवर्क की गहराई और तैयारी को उजागर करती है। यह सवाल भी खड़ा होता है कि अगर 2019 में ही इस मामले को गंभीरता से लिया जाता, तो कितनी ही बेटियां बच सकती थीं।    

खुलासा : छांगुर बाबा नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण के अड्डे खोलने की तैयारी कर रहा था

 बलरामपुर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एटीएस की गिरफ्त में आए छांगुर बाबा को लेकर लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, छांगुर नेपाल सीमा से सटे गांवों में इस्लामिक मूवमेंट फैलाने और धर्मांतरण के अड्डे खोलने की साजिश रच रहा था. इसके लिए उसने 46 गांवों के युवाओं को टारगेट किया था और एक पूरी टीम भी खड़ी कर ली थी.  छांगुर बाबा का मकसद सीमावर्ती युवाओं को कट्टर सोच और जिहाद की तरफ झुकाने का था, जिसके लिए वह जलसों में तकरीरें करता और परचे बांटकर उनकी मानसिकता समझने की कोशिश करता था. चिह्नित युवाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए वह उन्हें पैसों का लालच भी दे रहा था. सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि छांगुर ने इस्लामिक मूवमेंट फैलाने के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रखी थी. विदेशों से उसके पास लगातार पैसे आने लगे थे और वह नेपाल में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुटा था. साल 2020 के बाद वह आर्थिक रूप से बेहद मजबूत हो गया. वर्ष 2015 तक जो छांगुर पुरानी बाइक से अंगूठियां और नग बेचता था, वह अब लग्जरी गाड़ियों में घूमने लगा था. उसके करीबियों की संपत्तियां भी तेजी से बढ़ीं. एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा ने सरकारी जमीनों पर भी कब्जा करने का खेल शुरू कर दिया था. उतरौला क्षेत्र में तालाब, चरागाह, खलिहान की जमीनों पर उसकी नजर थी. तहसील कर्मियों की मिलीभगत से उतरौला के एक तालाब की जमीन अपने नाम करा ली थी और बाद में उसे नीतू रोहरा के नाम एक करोड़ रुपये में बेच दिया गया. नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी ने इस तालाब की जमीन पाटने की रिपोर्ट भी प्रशासन को भेजी थी. उतरौला में छांगुर बाबा ने दो जगहों पर कब्जे किए थे, जिनमें से एक कोठी प्रशासन ने गिरा दी है, जबकि दूसरी जगह को लेकर जांच जारी है. छांगुर बाबा के नेटवर्क में 18 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. अगस्त 2024 में इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन करीब आठ महीने तक जांच ही चलती रही. अप्रैल 2025 में इसके बेटे और सहयोगी नवीन रोहरा की गिरफ्तारी के बाद छांगुर का नेटवर्क कमजोर पड़ने लगा और उसके करीबी उससे दूरी बनाने लगे. फिलहाल छांगुर एटीएस की रिमांड कस्टडी में है, जहां उससे पूछताछ जारी है. रिमांड की दो दिन की अवधि और बची है. एटीएस का मानना है कि पूछताछ में इससे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.

प्रशासन का एक्शन: छांगुर बाबा की कोठी पर चला बुलडोजर, अब खर्च भी उन्हीं से वसूला जाएगा

बलरामपुर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की जिस आलीशान कोठी को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त किया था, अब उस ध्वस्तीकरण का खर्चा भी छांगुर बाबा से वसूला जाएगा. बाबा की कोठी पर हुई ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई के बाद उसपर वसूली का नोटिस चस्पा किया जाएगा. क्योंकि, सरकारी जमीन पर बनाए गए हिस्से के ध्वस्तीकरण में आए खर्च की वसूली उसी से की जाएगी.  आपको बता दें कि बलरामपुर जिला प्रशासन आज कोठी पर चस्पा वसूली का नोटिस करने जा रहा है. ध्वस्तीकरण में जेसीबी का खर्च, सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के तीन दिन का वेतन समेत अन्य खर्च शामिल है. ये रकम 8 लाख 55 हजार रुपये से अधिक है.  गौरतलब है कि छांगुर बाबा की जिस कोठी एक एक बड़े हिस्से को जमींदोज किया गया, वह किसी महल से कम नहीं थी. पूरी कोठी सीसीटीवी से लैस थी. इसमें प्राइवेट पावर प्लांट लगा था. दर्जनों सोलर पैनल भी लगे थे. इतना ही नहीं बाउंड्री पर कटीले तार तक बिछे थे. कथित तौर पर इनमें करंट दौड़ता था, ताकि कोई कोठी के आसपास फटक न पाए. कोठी के अंदर ही एक सीक्रेट कंट्रोल रूम भी था, जिससे पूरे घर के सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की जाती थी और ये कंट्रोल रूम बाबा के बेडरूम में था. अंदर-बाहर आने-जाने वाले हर व्यक्ति की इसमें रिकॉर्डिंग होती थी. मालूम हो कि यूपी पुलिस छांगुर बाबा, उसकी करीबी नीतू रोहरा, नीतू के पति जलालुद्दीन और बाबा के बेटे को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. मामले में एटीएस और ईडी जांच कर रही है. करोड़ों की फंडिंग की बात भी सामने आई है. बाबा के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में होने के संकेत मिले हैं.

छांगुर बाबा केस में बढ़ा विवाद, सामने आया मुस्लिम धर्म की बढ़ाई और हिंदू धर्म की आलोचना का दावा

बलरामपुर ATS ने छांगुर बाबा के करीबी नवीन रोहरा के सात बैंक खातों की जानकारी ED को शेयर की है. बलरामपुर से गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के चार करीबी पूर्वांचल के जिलों में अवैध धर्मांतरण कराते थे. जो त्रिशूल लगाकर मजार पर कव्वाली गाकर अवैध धर्मांतरण के कार्य को आगे बढ़ाते थे. इनके खिलाफ दो वर्ष पूर्व आजमगढ़ में अवैध धर्मांतरण कराने का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी बीच एक और दावा किया गया है. बताया जाता है कि छांगुर गैंग धर्मांतरण के लिए हिंदू धर्म की बुराई करता था. जबकि अन्य की मुस्लिम धर्म की तारीफ करता था. छांगुर की करतूतों का खुलासा करते हुए एसटीएफ को चारों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे. इसके बाद एटीएस थाने में एसटीएफ द्वारा दर्ज कराई गई. एफआईआर में इन चारों को नामजद किया गया. आजमगढ़ के देवगांव थाने में 25 मई 2023 को अवैध धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. 2023 में भी पुलिस कर रही थी जांच मुकदमे में 18 लोग नामजद हुए थे, जिनमें छांगुर के करीबी बलरामपुर निवासी मोहम्मद सबरोज, रशीद, शहाबुद्दीन और गोंडा निवासी रमजान शामिल थे. इसके अलावा आजमगढ़ निवासी अवधेश सरोज उर्फ वकील, ऊषा देवी, पन्ना लाल गुप्ता, सिकंदर, हसीना, कुंदन बेनवंशी, आकाश सरोज, मऊ निवासी मोहम्मद जावेद, परवेज आलम, इरफान अहमद, साबिर अली, जावेद अहमद और जौनपुर निवासी फैयाज भी नामजद किए गए थे. इस प्रकरण की जांच के दौरान आजमगढ़ पुलिस छांगुर के अवैध धर्मांतरण रैकेट तक नहीं पहुंच सकी थी. बाद में जब छांगुर की जांच एसटीएफ ने शुरू की तो बलरामपुर के चारों युवकों का नाम भी सामने आया. नवंबर 2024 में छांगुर समेत नौ नामजद आरोपियों की सूची में मोहम्मद सबरोज, रशीद, शहाबुद्दीन और रमजान को भी शामिल किया गया. त्रिशूल लगाकर, कव्वाली कराकर कराते थे धर्मांतरण आजमगढ़ के देवगांव क्षेत्र के ग्राम चिरकिहिट में पुलिस को अवैध धर्मांतरण की सूचना मिली थी. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां कई गाड़ियों से आए लोग मजारनुमा जगह पर त्रिशूल लगाकर, उस पर फूल-माला चढ़ाकर कव्वाली गा रहे थे और तकरीरें पढ़ रहे थे. वे मुस्लिम धर्म की तारीफ और हिंदू धर्म की मान्यताओं को पाखंड और झूठ बता रहे थे. जांच में पता चला कि वहां प्रलोभन देकर हिंदुओं का मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण कराया जा रहा था. पुलिस ने सभी 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन विवेचना के दौरान अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर तक नहीं पहुंच सकी. जिसके बाद अब गिरफ्तारी हुई है. गैंग के 30 से 40 लोग अब भी फरार छांगुर बाबा मामले में आजतक ने बड़ा खुलासा किया है. पीड़िता का दावा कि छागुर बाबा के अलावा 30-40 लोग अब भी बाहर, जो पुलिस की गिरफ्त से दूर रहकर धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहे हैं. बरेली और आजमगढ़ में धर्मांतरण का बड़ा नेटवर्क फैला है. जिसमें कई डॉक्टर और रसूखदार लोग शामिल हैं. बरेली में कई ऐसे डॉक्टर भी इस गैंग में शामिल हैं, जो हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर खतना जैसे खतरनाक करते थे. पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस पीड़ित महिलाओं की मदद नहीं कर रही, महिलाएं खुद को बचाने में असहाय हैं.

छांगुर बाबा के काले कारनामों पर नए खुलासे, स्विस बैंक में अकाउंट, लड़कियों को फंसाने की ट्रेनिंग…

लखनऊ जैसे-जैसे 70 वर्षीय जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पूछताछ बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे उसके काले कारनमों की परतें खुलती जा रही है. चार हजार से भी ज्यादा लोगों को धर्मांतरण कराने वाले इस बुजुर्ग पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एटीएस और आयकर विभाग जैसी शीर्ष जांच एजेंसियों ने एक्शन शुरू कर दिया है. छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा बाबा को लड़कियों को फंसाने की बाकायदा ट्रेनिंग देता था. वहीं छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा का स्विस बैंक में भी एकाउंट होने की जानकारी मिली है.  धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर उर्फ जलालुद्दीन इस समय काफी चर्चा में है. पकी हुई दाढ़ी, फकीरों जैसा लबादा और आंखों पर मोटा चश्मा और लड़खड़ाती हुई चाल. इसकी 78 साल की उम्र पर मत जाइये क्योंकि आरोप संगीन हैं कि ये जैसा दिख रहा है, असल में वैसा है नहीं. ये हिंदू लड़कियों को झांसे में लेकर उन्हें मुसलमान बनाने के बड़े मज़हबी रैकेट का मास्टरमाइंड है. इसी के पीछे नसरीन भी है वो लड़की जो कभी सिंधी हिंदू थी. छांगुर ने सबसे पहले इसे और इसके पति को ही मजहबी जाल में फंसाया था और इसे नीतू से नसरीन बनाया था. इसके बाद से धर्मांतरण के खेल में ये नसरीन ही इसका सबसे बड़ा मोहरा थी, जो हिंदू लड़कियों को फंसाकर छांगुर के पास लाती थी और फिर उनसे भी धर्म बदलवाया जाता था. अब छांगुर बाबा की धर्मांतरण की रेट लिस्ट भी सामने आई है. ब्राह्णण लड़की के धर्मांतरण के लिए 15 से 16 लाख रुपये था फिक्स इतना ही नहीं छांगुर ने हिंदू लड़कियों में भी ब्राह्रण, क्षत्रिय, OBC- SC-ST के हिसाब से टारगेट सेट करके उनके धर्मांतरण की रेट लिस्ट बनाई हुई थी. होटलों के रेट कार्ड की तरह धर्मांतरण की रेट लिस्ट आपने पहले नहीं सुनी होगी. जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के नेटवर्क ने इसमें ब्राह्मण लड़कियों को इस्लाम कबूल करवाने के लिये 15 से 16 लाख रुपये रेट फिक्स कर रखा था. धर्मांतरण का यही 15 से 16 लाख रुपये का रेट उसने क्षत्रिय राजपूत लडकियों को मुसलमान बनवाने के लिये तय किया हुआ था. OBC वर्ग की हिंदू लड़की के धर्मांतरण के लिए 10 से 12 लाख था फिक्स वहीं पिछड़ी जाति यानी OBC वर्ग की हिंदू लड़की को कोई इस्लाम में कन्वर्ट कराता है तो उसके लिये 10 से 12 लाख रुपये का रेट फिक्स किया था. अन्य हिंदू जातियों यानी SC-ST वर्ग की लड़कियों का कोई धर्मांतरण करवाता है, तो उसके लिये रेट लिस्ट में कीमत 8 से 10 लाख रुपये रखी गई थी. ये अपने आप में हैरान करने वाला है कि धर्मांतरण का भी रेट कार्ड बनाया गया हो. ये रेट लिस्ट भी सवाल पैदा करती है कि हिंदू धर्मांतरण के लिये छांगुर को ऐसी कितनी विदेशी फंडिंग मिल रही थी? क्या इसी फंडिंग की बदौलत उसने दरगाह के पास ही हिंदू धर्मांतरण का करोड़ों का अवैध हेडक्वार्टर खड़ा किया था ?.  3 से 4 हजार हिंदुओं की लिस्ट बना रखी थी  सूत्रों के मुताबिक छांगुर की धर्मांतरण गैंग ने 3 से 4 हजार हिंदुओं की लिस्ट बना रखी थी जो सॉफ्ट टारगेट थे. दावा किया जा रहा है कि 40 हिंदुओं का धर्मांतरण करा भी चुका है. छांगुर और नसरीन को रिमांड पर लेकर यूपी ATS को इस धर्मांतरण रैकेट के सारे मंसूबे पता करने हैं. हिंदू धर्मांतरण के इस सनसनीखेज मामले में 9 आरोपी हैं, लेकिन गिरफ्तारी अभी सिर्फ 4 की हुई है. छांगुर पर यूपी ATS ने नवंबर 2024 में FIR की थी लेकिन गिरफ्तारी 5 जुलाई को हुई. जब छांगुर और नसरीन लखनऊ के स्मार्ट रूम होटल में बाप-बेटी की पहचान बताकर छिपे हुए थे.  छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट से आए मुंबई की हाजी अली दरगाह पर अंगूठियां बेचने वाले जलालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह उर्फ छांगुर ने कब हिंदू धर्मांतरण की साजिश शुरू की, कैसे करोड़ों का आसामी बना ये गुत्थी ED भी सुलझा रहा है. छांगुर पर विदेशी फंडिंग लेने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का भी आरोप दर्ज हैं. ED जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर के पास 106 करोड़ रुपये मिडिल ईस्ट से आए थे, ये 106 करोड़ रुपये 40 अलग-अलग बैंक खातों में जमा हुए. FIR में दर्ज है कि छांगुर ने कुछ वर्षों में 100 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति बनाई है. ये पैसा धोखाधड़ी और धर्मांतरण के एवज में कमाया गया है. इन पैसों से घर, दुकानें, स्कूल और कई धार्मिक संस्थाएं बनवाई हैं. ED ने छांगुर पर आरोपों का सारा चिट्ठा यूपी ATS से ले लिया है, दुबई और शारजाह से फंडिंग की बात जांच दायरे में है. इसके लिये छांगुर के 40 खातों की डिटेल्स निकाली जा रही हैं. दरगाह से छांगुर ने धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क खड़ा किया मधपुर गांव में अपने अवैध अड्डे के पास इसी चांद औलिया दरगाह से छांगुर ने धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क खड़ा किया. खुद को पीर बताकर यहीं से हिदुओं को फंसाने और उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम को अपनाने के लिये बरगलाना शुरू किया था. छांगुर उर्फ़ जलालुद्दीन शिज्र-ए-तैयबा के हवाले से तकरीर करता था, चांद औलिया दरगाह पर भीड़ में ज्यादातर गरीब हिंदू दलित होते थे. छांगुर ब्रेनवॉश करता था, कहता था कि इस्लाम में ही हर दुख की दवा है. छांगुर बलरामपुर के आसपास भी कई कार्यक्रम आयोजित करता था, इन कार्यक्रमों में भीड़ जुटाकर इस्लाम कबूलने के लिये प्रेरित किया जाता था. गरीब हिंदुओं की भीड़ जुटाने में छांगुर के कई रिश्तेदारों के साथ नीतू उर्फ नसरीन का भी बड़ा रोल था. नीतू खुद के  नसरीन बनने की कहानी बताकर हिंदू लड़कियों को बरगलाती थी और चमत्कार का झांसा देकर छांगुर के पास लाती थी. ऐसे फैला रहा था धर्मांतरण का जाल एटीएस की एफआईआर में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. बाबा ने 'शिजरा-ए-तय्यबा' नाम की किताब के जरिए दलितों, गरीबों और महिलाओं को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया. उसके धार्मिक प्रवचनों में ऐसे तत्व थे जो लोगों के मन में भ्रम और असंतोष पैदा करते थे. जांच में सामने आया है कि 3 से 4 हजार हिंदुओं को टारगेट कर वह उन्हें जबरन या लालच देकर इस्लाम में शामिल कर चुका है. इनमें करीब 1500 से … Read more