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छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट : स्वास्थ्य, वेलनेस और पर्यटन निवेश का नया युग

रायपुर : प्रधानमंत्री मोदी जी के विज़न के साथ कदमताल करते हुए छत्तीसगढ़ विकसित भारत का हिस्सा बनेगा – मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट : स्वास्थ्य, वेलनेस और पर्यटन निवेश का नया युग मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम में हुए शामिल छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट में 3,119 करोड़ का निवेश प्रस्ताव, 7000 से अधिक रोजगार के अवसर होंगे सृजित निवेश अनुकूल नई औद्योगिक नीति से छत्तीसगढ़ बन रहा है निवेशकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन पिछले 10 महीने में प्रदेश सरकार को मिला लगभग 7 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव पर्यटन के लिए प्रदेश में अधोसंरचनाओं का तेजी से हो रहा विकास हॉस्पिटैलिटी और हेल्थ सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट का आयोजन रायपुर छत्तीसगढ़ अब केवल कोर सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि आने वाले समय में यह वेलनेस, हेल्थकेयर और पर्यटन के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान बनाएगा। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आज ओमाया गार्डन, रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।  मुख्यमंत्री  साय ने अपने उद्बोधन की शुरुआत शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाओं से की और कहा कि यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लागू जीएसटी 2.0 ने अर्थव्यवस्था को सरलता, पारदर्शिता और तेजी की दिशा में आगे बढ़ाया है। इस सुधार ने निवेशकों और उद्यमियों के लिए अभूतपूर्व अवसर खोले हैं। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम में हुए शामिल मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विज़न के साथ कदमताल करते हुए प्रदेश सरकार ने विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष में 350 से अधिक सुधार लागू किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब हम इज ऑफ डूइंग बिज़नेस से आगे बढ़कर स्पीड आफ डूइंग बिज़नेस के युग में प्रवेश कर चुके हैं। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम में हुए शामिल मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति छत्तीसगढ़ की प्रगति की आधारशिला है। इसी नीति ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है और यही कारण है कि मात्र एक वर्ष के भीतर प्रदेश को लगभग 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन प्रस्तावों से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे और सेवा क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी।                  मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट में अस्पतालों और हेल्थकेयर क्षेत्र में 11 बड़े प्रस्ताव सामने आए हैं। इनमें रायपुर का गिन्नी देवी गोयल मणिपाल हॉस्पिटल (500 बेड), नीरगंगा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (450 बेड), बॉम्बे हॉस्पिटल (300 बेड) और माँ पद्मावती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (750 बेड) जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कुल मिलाकर 2,466 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग 6,000 नए रोजगार सृजित होंगे। मेडिसिटी से बनेगा मेडिकल हब मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि नवा रायपुर में विकसित हो रहा मेडिसिटी छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर का बड़ा मेडिकल हब बनाएगा। प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से भी यहां मरीज आते हैं। मेडिसिटी के निर्माण से स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी और विश्वस्तरीय सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में  फार्मा सेक्टर में भी निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार फार्मा हब तैयार कर रही है, जहां एक ही स्थान पर अनेक फार्मा इंडस्ट्री अपना संचालन करेंगी। इससे प्रदेश में दवा उद्योग को नई दिशा मिलेगी और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों के लिए आवश्यक दवाओं की आसान आपूर्ति सुनिश्चित होगी। होटल और पर्यटन क्षेत्र में निवेश मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और जैव विविधता पर्यटन उद्योग के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करती है। कार्यक्रम में होटल और पर्यटन क्षेत्र से भी 652 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें वेस्टिन होटल रायपुर (212.7 करोड़ रुपये), होटल जिंजर, इन्फेरियन होटल एंड रिसॉर्ट, अम्यूजोरामा अम्यूज़मेंट पार्क एंड होटल जैसे बड़े नाम शामिल हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है और इससे निवेशकों को विशेष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि होटल, रिसॉर्ट, होम स्टे और मनोरंजन उद्योग से जुड़े उद्यमी प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और प्रकृति का लाभ उठाकर पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक ले जाएं। निवेश प्रक्रिया की सरलता मुख्यमंत्री  साय ने निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सिंगल विंडो 'वन क्लिक' सिस्टम लागू है, जिसके कारण किसी भी उद्यमी को एनओसी के लिए भटकना नहीं पड़ता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के बाद पालीमैटेक कंपनी को तीन माह से भी कम समय में भूमि आवंटन और सभी स्वीकृतियाँ प्रदान कर दी गईं और उन्होंने 1,100 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर कार्य आरंभ कर दिया। नई तकनीक और एआई सेक्टर मुख्यमंत्री  साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ एआई क्रांति का भी स्वागत कर रहा है। नवा रायपुर में एआई डाटा सेंटर पार्क का निर्माण किया जा रहा है, जो भविष्य में प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा मैनेजमेंट का हब बनाएगा। यहां डाटा सेंटर से जुड़े उद्योगों के लिए निवेश की अपार संभावनाएं हैं। पावर हब की ओर कदम उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ऊर्जा सबसे आवश्यक तत्व है। छत्तीसगढ़ देश का पावर हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोयला, खनिज और ऊर्जा उत्पादन में छत्तीसगढ़ की भूमिका पहले से ही महत्वपूर्ण रही है और आने वाले वर्षों में यह योगदान और भी बढ़ेगा। कनेक्टिविटी और लोकेशन का लाभ मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सेंट्रल इंडिया लोकेशन इसे विशेष बनाती है। कच्चे माल की प्रचुर उपलब्धता, रेल, सड़क और हवाई मार्ग की मजबूत कनेक्टिविटी तथा प्रशिक्षित मानव संसाधन इसे निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एयर कार्गो सेवा भी आरंभ हो चुकी है, जिससे व्यापार और तेज़ी से बढ़ेगा। सेवा क्षेत्र की नई पहचान मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि अब छत्तीसगढ़ केवल स्टील, सीमेंट, पावर और एल्युमिनियम तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सेवा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की पहचान भी बनेगा। हेल्थकेयर, होटल, पर्यटन और एआई … Read more

रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया मनरेगा दर्पण का लोकार्पण

रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया मनरेगा दर्पण का लोकार्पण मनरेगा की पारदर्शिता बढ़ाने मनरेगा दर्पण का शुभारंभ : मुख्यमंत्री साय  ग्रामीण क्यूआर कोड स्कैन कर पिछले तीन वर्षों में हुए मनरेगा के कार्यों का विवरण, व्यय और प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आज धमतरी जिले के करेली बड़ी गांव में आयोजित राज्य स्तरीय महतारी सदन लोकार्पण कार्यक्रम में मनरेगा दर्पण नागरिक सूचना पटल का विधिवत शुभारंभ‘ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मनरेगा दर्पण से आम जनता को मनरेगा कार्यों की पूरी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। यह पहल पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मनरेगा दर्पण छत्तीसगढ़ सरकार की अभिनव पहल है, जो न केवल पारदर्शिता की नई मिसाल है बल्कि हर ग्रामीण को योजनाओं से सीधे जोड़ने का माध्यम भी है। क्यूआर कोड और जीआईएस तकनीक आधारित यह कदम गांवों में डिजिटल सशक्तिकरण और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।  तीन साल में हुए मनरेगा कार्यो की रिपोर्ट देख सकेंगे ग्रामीण छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत चल रहे कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाया है। अब प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में नागरिक सूचना पटल लगाए गए हैं। इन पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करके कोई भी ग्रामीण पिछले तीन वर्षों में किए गए कार्यों का विवरण, व्यय की जानकारी और प्रगति रिपोर्ट देख सकता है। इस प्रणाली से अब गांव का हर व्यक्ति यह जान सकेगा कि मनरेगा के तहत उसके इलाके में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए हैं, कितनी राशि खर्च हुई है और काम की वर्तमान स्थिति क्या है। फाईल और दस्तावेज हटकर अब हर सूचना मोबाइल पर उपलब्ध हो सकेगी। ग्रामीणों को जानकारी के लिए किसी कार्यालय या अधिकारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मनरेगा दर्पण पोर्टल और सूचना पटल के माध्यम से सभी रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित जानकारी को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा। इससे योजनाओं पर अनावश्यक भ्रम की स्थिति समाप्त होगी और जनता खुद निगरानी कर पाएगी। इस पहल से ग्रामीणों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा। पारदर्शी व्यवस्था से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा बल्कि ग्रामीणों की सीधी भागीदारी भी सुनिश्चित होगी। इस अवसर पर कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  विजय शर्मा, राजस्व मंत्री  टंकराम वर्मा, सांसद मती रूप कुमारी चौधरी, विधायक  अजय चन्द्राकर, सचिव मती निहारिका बारिक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय का बयान – महतारी सदन होंगे राज्य की प्रगति के केंद्र

रायपुर : छत्तीसगढ़ की तरक्की का आधार बनेंगे महतारी सदन: मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय मुख्यमंत्री ने 51 महतारी सदनों का वर्चुअल शुभारंभ किया मुख्यमंत्री ने धमतरी जिले को दी 83 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात कुरूद को नगरपालिका परिषद का दर्जा, करेली बड़ी में कॉलेज, करेली बड़ी और ग्राम खट्टी को मिलाकर नगर पंचायत और जी. जामगांव में नवीन आईटीआई सहित कई घोषणाएं रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय धमतरी जिले के  कुरूद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम करेली बड़ी में आयोजित प्रदेश स्तरीय महतारी सदन लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने करेली बड़ी में मंच से राज्य के विभिन्न जिलों में नव निर्मित 51 महतारी सदनों का रिमोट से बटन दबाकर वर्चुअल शुभारंभ किया। इसके साथ ही ग्राम संपदा एप तथा मनरेगा की समग्र जानकारी आधारित नागरिक सूचना पोर्टल का भी शुभारंभ किया। इसके अलावा ’लखपति दीदी/महतारी सदन’ और ’’माँ अभियान’’ पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों जशपुर (रेंगले), बेमेतरा (लिंझेवारा), मुंगेली (नवागांव) और दुर्ग (नगपुरा) की महिला समूहों से वर्चुअल संवाद किया और उन्हें महतारी सदन तथा नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने 19 महीने के संक्षिप्त कार्यकाल में मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति को सशक्त बनाना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। अब समूह की महिलाएँ सिलाई-कढ़ाई, सब्ज़ी उत्पादन और स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे अनेक कार्य महतारी सदन में कर पाएँगी। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार  रामलला दर्शन योजना, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना और महतारी वंदन योजना जैसी अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएँ संचालित कर रही है। नई औद्योगिक नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री  अमित शाह की मंशा के अनुरूप मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद-मुक्त बनाने के संकल्प को भी दोहराया। उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने महतारी सदन के शुभारंभ की बधाई देते हुए कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार सतत कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना से महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से राशि निकालने से लेकर अन्य सेवा सुविधाए गांवों में सुलभ हुई हैं। कार्यक्रम को जिले के प्रभारी मंत्री  टंकराम वर्मा और सांसद मती रूपकुमारी चौधरी ने भी संबोधित किया। कुरूद विधायक  अजय चन्द्राकर ने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री  साय ने धमतरी जिले को 83 करोड़ रुपये से अधिक की विकास सौगात दी। उन्होंने ग्राम करेली बड़ी में महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। साथ ही कुरूद के जी. जामगांव में नवीन आईटीआई की स्वीकृति दी। ग्राम पंचायत करेली बड़ी और ग्राम खट्टी को मिलाकर नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में नगर पंचायत कुरूद एवं भखारा में शहरी जल प्रदाय योजना का विस्तार 30 करोड़ रुपये की लागत से करने, भेण्डरी से बरोंडा एनीकट निर्माण हेतु 45 करोड़ रुपये की स्वीकृति देने, नगर पंचायत कुरूद को नगरपालिका परिषद का दर्जा प्रदान करने और कुरूद नगर पंचायत में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 2 करोड़ रुपये, नगर पंचायत भखारा के लिए डेढ़ करोड़ रुपये तथा खट्टी एनीकट मरम्मत हेतु 5 करोड़ रुपये की घोषणा की। उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने भेण्डरी में गौरव पथ निर्माण की भी घोषणा की। कार्यक्रम में मुंगेली से उप मुख्यमंत्री  अरुण साव सहित अन्य जिलों के सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी वर्चुअल रूप से जुड़े। प्रदेशभर की लगभग दो लाख महिलाएँ इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुईं। इससे पहले मुख्यमंत्री  साय ने कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शित विकास कार्यों की प्रदर्शनी एवं स्टॉलों का अवलोकन किया और हितग्राहियों को सामग्री एवं चेक वितरित किए। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रमुख सचिव मती निहारिका बारिक सिंह ने महतारी सदन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि और  बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम के आयोजन से लोगों में बढ़ा सरकार के प्रति विश्वास: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर : प्रदेश में नक्सलवाद समाप्त कर गढ़ेंगे विकास की राह : मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम के आयोजन से लोगों में बढ़ा सरकार के प्रति विश्वास: मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के संकल्प को पूरा करने राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है काम रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने गुरुवार को सुदर्शन चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में साक्षात्कार के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को समाप्त करना, लोगों का विश्वास जीतना और विकास की दिशा में आगे बढ़ना हमारी सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस उद्देश्य को धरातल पर उतारने के लिए नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को उन्नत बनाने का कार्य कर रही है। अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अनेक गांव पुनः आबाद हो चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। नक्सलियों की गतिविधियों से निर्दोष लोगों की मौत हो रही थी, आम लोगों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। हमारी सरकार ने नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। सरकार बनने के बाद ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन कर नक्सलवाद को समाप्त करने का प्रयास जारी है। बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम के आयोजन से लोगों में बढ़ा सरकार के प्रति विश्वास मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बस्तर के लोगों को मिल रहा है। वनांचल में तेंदूपत्ता खरीदी का कार्य सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। नक्सलवादी विचारधारा से लोगों को बाहर निकालकर विकास की धारा में जोड़ने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम का आयोजन किया गया। बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हजार लोग शामिल हुए, जिससे यह साबित हुआ कि बस्तरवासी विकास की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने अपनी विदेश यात्रा के बारे में बताया कि यह यात्रा अत्यंत सफल रही। जापान में छत्तीसगढ़ पवेलियन के माध्यम से 24 से 31 अगस्त तक हमें राज्य की कला, संस्कृति और संभावनाओं को प्रदर्शित करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया गया है और उन्हें नई उद्योग नीति से भी अवगत कराया गया है। नई उद्योग नीति में रोजगार सृजन को विशेष प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योग की अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ प्रचुर प्राकृतिक संपदा उपलब्ध है। आयुर्वेद और हर्बल उत्पादों के क्षेत्र में भी यहाँ विशाल संभावनाएँ हैं क्योंकि राज्य का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा वनों से आच्छादित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ वनांचलों में भी स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक विकास हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी सहित कई उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना हो चुकी है। मुख्यमंत्री  साय ने लोगों से आग्रह किया कि गायों को लावारिस न छोड़ा जाए। लावारिस पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं। गौवंश की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गोचर भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। विकसित भारत के संकल्प के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प होगा पूरा मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि  2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का संकल्प है। यह संकल्प सबकी सहभागिता से ही पूरा होगा और इसे साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के साथ ही अंजोर विजन-2047 (छत्तीसगढ़ विजन) डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य के सर्वांगीण विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी को मिलकर विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में सहयोग करना चाहिए।

मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

रायपुर : एनएचएम कर्मचारियों द्वारा हड़ताल समाप्त करने का निर्णय स्वागतयोग्य : मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात प्रमुख मांगें पूर्ण होने पर संघ ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए वापस ली प्रदेशव्यापी हड़ताल रायपुर मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी प्रमुख मांगें पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री  साय का आभार जताते हुए प्रदेशव्यापी हड़ताल वापस लिए जाने के निर्णय से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री  साय को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कल से प्रदेशभर में एनएचएम कर्मचारी काम पर लौटेंगे। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों द्वारा हड़ताल समाप्त किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सराहनीय और राज्यहित में उठाया गया कदम बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर कर्मचारी को अपने परिवार का हिस्सा मानती है और उनकी जायज़ मांगों के प्रति सदैव संवेदनशील रही है। उन्होंने कहा कि जनता का स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और सरकार ने सदैव इस दिशा में ठोस पहल की है। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों के इस निर्णय से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएँ और मज़बूत होंगी तथा जनता को उत्कृष्ट और सुलभ चिकित्सा सुविधाएँ मिलेंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों से छत्तीसगढ़ एक और बेहतर, स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होगा। उल्लेखनीय है कि एनएचएम कर्मचारी अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे। राज्य सरकार ने इनमें से चार मांगों को पूरा कर दिया है। तीन अन्य मांगों पर समिति गठित कर कार्यवाही प्रारंभ की गई है, जबकि संविलयन, पब्लिक हेल्थ केडर और आरक्षण संबंधी मांगों पर भारत सरकार से निर्णय लिया जाना है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की पहल पर हड़ताल समाप्त होने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य का प्रत्येक कर्मचारी परिवार का सदस्य है और एनएचएम कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर राज्यहित में सराहनीय निर्णय लिया है। इस अवसर पर विधायक  किरण देव, छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ से डॉ अमित मिरी, डॉ रविशंकर दीक्षित,  पूरन दास,  कौशलेश तिवारी,  हेमंत सिन्हा,  दिनेश चंद्र,  संतोष चंदेल,  प्रफुल्ल पाल, डॉ देवकांत चतुर्वेदी सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।