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1500 नहीं, 5000 रुपए तक लाभ मिलेगा लाडली बहनों को, CM मोहन का आदेश

भोपाल   मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने लाडली बहना योजना को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अब महिलाओं को न सिर्फ़ 1500 रुपये मिलेंगे, बल्कि अगर वे उद्योगों में कार्यरत हैं तो 5000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे. उन्होंने गोविंदपुरा स्थित लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में यह घोषणा की. सीएम ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाकर 1500 रुपये करने की तैयारी कर रही है, ऐसे में इस घोषणा से लाडली बहनें बेहद खुश हैं. लघु उद्योग भारती कार्यक्रम में किया ऐलान दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गोविंदपुरा में लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने उद्योग और रोजगार को लेकर बड़े ऐलान किए। सीएम ने कहा कि उद्योगों में काम करने वाली ‘लाड़ली बहनों’ को सरकार 5 हजार रुपए अतिरिक्त देगी। प्रदेश की समृद्धि केवल इंदौर-भोपाल तक सीमित नहीं रहेगी, छोटे जिलों में भी उद्योग बढ़ाए जाएंगे। सीएम ने मॉर्टगेज ड्यूटी, फायर एनओसी और मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट जैसी समस्याओं के समाधान की भी घोषणा की।  सीएम बोले- 1500 या 3000 रुपए नहीं, बल्कि 5000 रुपए दिए जाएंगे सीएम ने कहा, ‘अभी तक लाडली बहना योजना में महिलाओं को घर बैठे 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। लेकिन हमने तय किया है कि केवल यही पर्याप्त नहीं है। यदि लाडली बहना उद्योगों में काम करेगी तो उसे 1500 या 3000 रुपए नहीं, बल्कि 5000 रुपए प्रतिमाह सरकार की ओर से दिए जाएंगे। ताकि वे रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें। उद्योगों में काम करने वाली महिलाओं को सरकार 5 हजार रुपए देगी। अगर उद्योगपति 8 हजार रुपए देंगे, तो महिला श्रमिक को कुल 12 से 13 हजार रुपए मिलेंगे। आत्मनिर्भरता की ओर कदम.. सीएम यादव ने राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा में लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि हमारी बहनें सिर्फ मदद की मोहताज न रहें, बल्कि रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें। सरकार का उद्देश्य है कि महिलाएं उद्योगों से जुड़ें और बेहतर आमदनी हासिल करें।” अब हर महीने 12-13 हजार तक की आय मुख्यमंत्री ने समझाया कि यदि किसी उद्योगपति द्वारा महिला को ₹8,000 वेतन दिया जाता है, तो सरकार की ओर से मिलने वाले ₹5,000 अतिरिक्त के साथ लाड़ली बहन की कुल मासिक आय 12-13 हजार रुपए तक पहुंच जाएगी। यह महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण देगा बल्कि परिवार की जरूरतों को भी पूरा करेगा। रोजगार आधारित उद्योगों को बढ़ावा कार्यक्रम में सीएम यादव ने यह भी बताया कि रोजगार आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमओयू साइन किए जा रहे हैं। जल्द ही प्रदेश में 10-20 छोटी इकाइयां लगाई जाएंगी, जिनमें 100 से लेकर 7,000 तक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। CM मोहन ने लाडली बहनों के लिए किया बड़ा ऐलान दरअसल, सीएम मोहन यादव ने रविवार को भोपाल के गोविंदपुरा इलाके में लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में कई बड़ी घोषणाएं की हैं. इनमें सीएम मोहन यादव ने 'लाडली बहना' योजना को लेकर अहम घोषणा करते हुए कहा कि सरकार अब केवल 1500 रुपये मासिक सहायता नहीं देगी, बल्कि उद्योगों में काम करने वाली महिलाओं को 5000 रुपये अतिरिक्त प्रदान किए जाएंगे. सीएम ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए यह कदम उठाया गया है.  1500 नहीं, हर महीने खाते में आएंगे इतने एक्स्ट्रा रुपये मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि 'अब तक लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को घर बैठे 1500 रुपए दिए जा रहे थे, लेकिन यह राशि अब पर्याप्त नहीं मानी जा रही.  यदि लाड़ली बहनें उद्योगों में काम करती हैं, तो उन्हें 1500 या 3000 रुपए नहीं  5000 रुपए दिए जाएंगे'.  सीएम ने कहा कि इसका उद्देश्य महिलाओं को रोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. यदि उद्योगपति महिला कर्मचारियों को 8 हजार रुपए वेतन देंगे, तो सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि मिलाकर उन्हें कुल 12 से 13 हजार रुपए मासिक आय प्राप्त होगी.  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्योग और रोजगार को लेकर कई अहम घोषणाएं भी कीं.

लव जिहाद पर सख्त होंगे CM मोहन यादव, कहा- अपराधियों को किया जाएगा खत्म

भोपाल  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने लव जिहाद को लेकर बड़ा बयान दिया है. कहा कि महिलाओं पर कुदृष्टि डालने वाले, ड्रग माफिया और लव जिहादियों को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा. लव जिहाद हो या ड्रग माफिया, इनके माध्यम से जो भी आपराधिक गतिविधियां की जा रही हैं, उन पर सख्त कार्रवाई करते हुए शिकंजा कसा जा रहा है. राज्य सरकार किसी अपराधी को छोड़ने वाली नहीं है. सबको एक-एक कर ठिकाने लगाएंगे. सभी प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाते हुए बहन-बेटियों को हर संभव सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है.  CM यादव नर्मदापुरम रोड स्थित आमिर मैजेस्टिक पार्क में आयोजित रक्षाबंधन महोत्सव को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बहनों से राखियां भी बंधवाईं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है. रक्षाबंधन से पहले बहनों को लाड़ली बहना योजना की मासिक किश्त सहित 250 रुपए का शगुन अलग से भेजा गया है. बहनों के हाथ में यश होता है, लक्ष्मी पूजन भी उन्हीं के माध्यम से होता है. अब दीपावली के बाद भाई-दूज से प्रदेश भर की लाड़ली बहनों को हर महीने 1500 रुपए की सौगात मिलेगी. बहनों का स्नेह मेरे जीवन का सबसे बड़ा आधार है. CM के कार्यक्रम में लगे लव जिहाद के खिलाफ बैनर. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को बहनों की ओर से बड़ी राखी भेंट की गई, इसके बाद अनेक लाड़ली बहनों ने उन्हें राखियां बांधीं. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी बहनों का अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि बहनों के साथ बैठने से माता और पिता दोनों का प्रेम एक साथ मिल जाता है, जीवन धन्य हो जाता है. परिवार में बहन-भाई का रिश्ता युगों-युगों से अटूट है. महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण और द्रोपदी का रिश्ता भाई-बहन के प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण है.  सीएम यादव ने कहा कि राजधानी भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में 200 करोड़ की लागत से सीवर लाइन सहित अन्य विकास कार्य किए जाएंगे.   CM मोहन यादव के भाषण की खास बातें:-  – राज्य सरकार बहनों को शीघ्र ही, दीपावली भाईदूज से लाड़ली बहन योजना में 1500 रुपए मासिक की राशि देना प्रारंभ करेगी. – शासकीय सेवाओं में मध्यप्रदेश सरकार बहनों को 35% आरक्षण दे रही है. पीएम मोदी जी ने प्रजातांत्रिक व्यवस्था में लोकसभा विधानसभा सहित अन्य संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया है. अब हमारी बहनें विधायक, सांसद ही नहीं अन्य पदों पर भी निर्वाचित होंगी. – देवी अहिल्याबाई होल्कर, वीरांगना रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई, रानी कमलापति हमारे समाज में साहस शौर्य और सुशासन की प्रतीक हैं. – उद्योगों में काम करने वाली बहनों को विशेष रूप से गारमेंट जैसे रोजगार परक उद्योग में कार्यरत बहनों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है. – हाल ही में रक्षाबंधन पर बहनों को 250 रूपए शगुन की राशि भी प्रदान की गई.

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय कार्यक्रम में बोले CM मोहन यादव – पत्रकारिता समाज का दर्पण बने

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में आयोजित सत्रारंभ समारोह ‘अभ्युदय-2025’ में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने हिन्दी रचनाकार, कवि, लेखक और पत्रकार पद्म भूषण से अलंकृत पं. माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सीएम ने विश्वविद्यालय में चलाए गए पौधरोपण अभियान के अंतर्गत 1111वें पौधे के रूप में कृष्णवट का पौधा रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री कृष्णा गौर, प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास, कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। माखनलाल विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय सत्रारंभ समारोह ‘अभ्युदय-2025’ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘अभ्युदय’ का अर्थ मात्र आरंभ नहीं, बल्कि निरंतर जागरूकता, सत्य की खोज और समाज को नई दिशा देने वाले उत्तरदायित्व की यात्रा है। सीएम ने कहा कि नारद जी को पत्रकारिता का आद्य प्रवर्तक माना जाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उन्हें विश्वास है कि यहां पढ़ने वाले छात्र आगे बढ़कर देश दुनिया में नाम रोशन करेंगे। ‘पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वविद्यालय का विशिष्ट स्थान’ सीएम मोहन यादव ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की पूरे देश में विशिष्ट पहचान है। उन्होंने हिंदी भाषा को पुनर्प्रतिष्ठित करने का महत्वपूर्ण अभियान चलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गर्व है कि ऐसे महापुरुष और महान कवि का जन्म मध्यप्रदेश की धरती पर हुआ और ये विश्वविद्यालय उनकी परंपरा को आगे बढ़ाने का का काम कर रहा है। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में हमने कुलपति के स्थान पर ‘कुलगुरु’ शब्द के प्रयोग की परंपरा प्रारंभ की। यह हमारी शिक्षा परंपरा में गुरु को सर्वोच्च स्थान देने का प्रतीक है। कुमार विश्वास ने छात्रों को दिए अनमोल सुझाव कार्यक्रम में सम्मिलित प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने कहा कि पत्रकार की सबसे बड़ी विशेषता और आवश्यकता है ‘विश्वसनीयता’। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार का दायित्व होता है कि वो अपनी निजी वैचारिकी से उठकर सही तथ्य सामने लाएं। कुमार विश्वास ने कहा कि किसी विचार को केंद्र में रखने के बाद तठस्थ होकर लिखना ही पत्रकारिता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि यदि वे वास्त्व में एक सच्चे पत्रकार बनना चाहते हैं तो उन्हें अपने करियर की शुरुआत में कम से कम तीन साल प्रिंट में काम ज़रूर करना चाहिए। विभिन्न उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकार का मूल उद्देश्य सिर्फ धन कमाना नहीं होना चाहिए। धन अवश्य कमाएं लेकिन वो नैतिकता से कमाया हुआ होना चाहिए। कुमार विश्वास ने विश्वास जताया कि कि तठस्थता, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के बल पर ये छात्र भविष्य के सम्मानजनक पत्रकार बनेंगे और देश दुनिया में अपना नाम उज्जवल करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वनाधिकार और पेसा एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पहली बैठक में दिए निर्देश

सरकार वनवासियों के साथ है, यह भावना जन जन तक जानी चाहिए दुग्ध उत्पादन के जरिए जनजातीय भाई-बहनों की बढ़ाएं नकद आय पेसा मोबालाईजर की निुयक्ति के अधिकार अब ग्राम सभाओं को देगी सरकार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्नेह का बंधन एकतरफा नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है, यह बात पूरी शिद्दत से उन तक पहुंचनी चाहिए। सभी वनवासियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें और उनके जीवन में विकास का प्रकाश लाने की दिशा में काम करें। वनवासियों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगार कर रहे बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार इन बच्चों को उन तक पहुंचने वाले लाभ का फीड-बैक भी लेगी और जिन्हें जरूरत है, उन तक सरकार की योजनाएं तथा सुविधाएं भी पहुंचाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति तथा इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय कार्य एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों का तेजी से निराकरण कर 31 दिसंबर 2025 तक पेंडेसी जीरो करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट यानि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 लागू है। इसमें पेसा मोबालाईजर्स के जरिए जनजातियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जाता है। इन सभी पेसा मोबालाईजर्स की अपने काम पर उपस्थिति और उच्च कोटि का कार्य प्रदर्शन फील्ड में दिखाई भी देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा मोबालाईजर्स को नियुक्त करने और संतोषजनक प्रदर्शन न करने पर इन्हें हटाने के अधिकार सरकार अब ग्राम सभाओं को देने जा रही है।इस निर्णय से एकरूपता आएगी और ग्राम सभाएं पेसा मोबालाईजर्स से अपने मुताबिक काम भी ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासियों की बेहतरी के लिए संकल्पित है। उनके सभी हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का मैदानी अमला यह सुनिश्चित करे कि वन भूमि पर अब कोई भी नये अतिक्रमण कदापि न होने पाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार के 'जलयुक्त शिविर' अभियान की तरह समन्वय पर आधारित मॉडल मध्यप्रदेश में भी अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों द्वारा इस अधिनियम के अमल के लिए की जा रही कार्यवाही के सभी पहलुओं का अध्ययन कर लें और जो सबसे उपयुक्त है उसी मॉडल पर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए विधायकों द्वारा विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। वनाधिकार अधिनियम और पेसा कानून के अमल के लिए समुचित प्रावधान भी इसी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार क्रमबद्ध रूप से विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों और अन्य जनजातीय बहुल गांव, मजरों-टोलों तक सड़कों का निर्माण कर रही है। ग्राम पंचायत विकास कार्ययोजना में पेसा कोष की राशि खर्च करने का अधिकार भी संबंधित पेसा ग्राम सभा को दिया जा रहा है। बैठक में समिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक श्री भगत सिंह नेताम ने बताया कि वनाधिकार अधिनियम के प्रभावी अमल के लिए बालाघाट जिले में पुलिस विभाग द्वारा सभी पुलिस चौकियों में एकल सुविधा केन्द्र स्थापित कर इसके जरिए कैम्प लगाकर जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक 450 वनाधिकार दावे भरवाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी 88 जनजातीय विकासखंडों वाले जिलों के कलेक्टर को बालाघाट मॉडल भेजकर इसी अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कहा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन क्षेत्र के सभी गांवों के विकास के लिए प्रस्ताव दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक्शन प्लान बनाकर किया जाए। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2025 तक सभी गांवों के दावे प्राप्त कर लें और इसी दौरान इनका निराकरण भी कर लें। वन अधिकारियों की ट्रेनिंग का काम 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई तकनीकी परेशानी आ रही है तो इसके लिए वन और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर एक नया पोर्टल भी विकसित कर लें। वनांचल विकास केन्द्र को करें और अधिक सक्रिय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों के पारम्परिक ज्ञान को उनके विकास के लिए बनाई जा रही नीति निर्माण में भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को और भी सशक्त बनाने, सामुदायिक वन संसाधनों के समुचित प्रबंधन, जैव विविधता के संरक्षण और वन एवं वनोपज संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए वन/वनांचल विकास केन्द्रों को और अधिक भी सक्रिय कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ये केंद्र वन अनुसंधान, प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व-सीएसआर/कैम्पा जैसे वित्त स्रोतों के समन्वय में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी अदा करें। सामुदायिक आजीविका पर करें फोकस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजीविका सबसे पहली जरूरत होती है। सामुदायिक आजीविका के साधनों पर फोकस कर जनजातियों की नकद आय के साधन बढ़ाने की दिशा में उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्हें शासन की योजना के तहत अधिक से अधिक दुधारू पशु (मुख्यत: गाय, भैंस) उपलब्ध कराए जाएं। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की रोजगारमूलक योजनाओं से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि वनवासी वनोपजों पर विशेष रूप से आश्रित रहते हैं। इसलिए लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन गतिविधियों में जनजातीय समुदायों को लाभ का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए,इससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। औषधीय पौधों की खेती पर विशेष जोर दिया जाए ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पाद सीधे बाजार से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्गों की स्थायी आजीविका विकास के लिए मूल्य संवर्धन केंद्र भी विकसित किए जाएं, जिससे जनजातियां रोजगार की तलाश में बाहर न जाएं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न … Read more

अंगदान को बढ़ावा देने की पहल, MP सरकार करेगी डोनर्स का राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मान

भोपाल अंगदान को महादान की संज्ञा दी जाती है, क्योंकि इसके जरिए एक व्यक्ति जाते-जाते भी कई जिंदगियों को नया जीवन देने की क्षमता रखता है। ऐसे लोग जो अंगदान करते हैं, उनको सम्मानित करने का ऐलान मध्य प्रदेश की मौहन सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की तरफ से जानकारी साझा करते हुए बताया गया कि देहदान अथवा हृदय, लीवर व गुर्दा दान करने वाले महान लोगों को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसकी जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर दी। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी लिखित आदेश की कॉपी शेयर करते हुए लिखा- मृत्यु के बाद जीवन का उपहार देना, यह केवल दान नहीं, अमरता है। मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है कि देहदान अथवा हृदय, लीवर व गुर्दा दान करने वाले महान लोगों को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी जाएगी, साथ ही उनके परिजनों को 26 जनवरी एवं 15 अगस्त को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। अर्थात देहदान करने वालों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने खास इंतजाम किया है, ताकि और लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जा सके। इसके अलावा अपने अंगों को दान करने वाले शख्स और उसके परिजनों को इसके लिए सम्मानित महसूस कराया जा सके।